MP Board Class 7th Social Science Solutions Chapter 4 हमारा संविधान
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MP Board Class 7th Social Science Chapter 4 अभ्यास प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए –
(1) संविधान सभा का गठन हुआ था
(अ) दिसम्बर, 1946
(ब) जनवरी, 1947
(स) नवम्बर, 1945
(द) जनवरी, 19501
उत्तर:
(अ) दिसम्बर, 1946
(2) संविधान प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे –
(अ) डॉ. राजेन्द्र प्रसाद,
(ब) डॉ. भीमराव अम्बेडकर
(स) डॉ. हरी सिंह गौर
(द) पं. जवाहरलाल नेहरू
उत्तर:
(ब) डॉ. भीमराव अम्बेडकर
(3) भारतीय संविधान सभा ने संविधान को अपनी स्वीकृति प्रदान की –
(अ) 26 नवम्बर, 1946
(ब) 26 जनवरी, 1950
(स) 26 नवम्बर, 1949
(द) 26 जनवरी, 1930
उत्तर:
(स) 26 नवम्बर, 1949
प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(1) संविधान सभा के अध्यक्ष ………….. थे।
(2) भारतीय संविधान ………….. एवं निर्मित संविधान है।
(3) भारत में ………………. एवं शक्तिशाली न्यायपालिका है।
उत्तर:
(1) डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
(2) लिखित
(3) स्वतन्त्र।
MP Board Class 7th Social Science Chapter 4 लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 3.
(1) भारतीय संविधान सभा के किन्हीं तीन सदस्यों के नाम लिखिए।
उत्तर:
भारतीय संविधान सभा के तीन सदस्य डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, पं. जवाहरलाल नेहरू एवं सरदार वल्लभ भाई पटेल थे।
(2) “सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न” से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
“सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न” से तात्पर्य है-भारत एक स्वतन्त्र राष्ट्र है, यह शक्तियों से सम्पन्न एवं सर्वोच्च है। किसी अन्य बाहरी शक्ति का इस पर कोई नियन्त्रण नहीं है।
(3) भारत के संविधान को लिखित एवं निर्मित संविधान क्यों कहते हैं ?
उत्तर:
भारत का संविधान लिखित संविधान है तथा इसका निर्माण संविधान सभा द्वारा हुआ है। अतः इसे लिखित एवं निर्मित संविधान कहते हैं।
(4) संसदीय प्रणाली क्या है ?
उत्तर:
संसदीय प्रणाली में शासन की वास्तविक शक्तियाँ संसद में निहित होती हैं। शासन की शक्तियों का प्रयोग मन्त्रिपरिषद् करती है। मन्त्रिपरिषद् संसद के प्रति उत्तरदायी है।
MP Board Class 7th Social Science Chapter 4 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 4.
(1) भारतीय संविधान की किन्हीं तीन विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारतीय संविधान की तीन विशेषताएँ –
- संघात्मक शासन व्यवस्था – भारत के संविधान में संघात्मक शासन व्यवस्था को अपनाया गया है। इस व्यवस्था के कारण केन्द्र और राज्यों के बीच शक्तियों का विभाजन है।
- केन्द्र एवं राज्यों की अलग-अलग सरकारें हैं।
- पंथ निरपेक्ष-पंथ निरपेक्ष का तात्पर्य है कि राज्य की दृष्टि से सभी धर्म समान हैं और राज्य के द्वारा विभिन्न धर्मावलम्बियों में कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा।
विस्तृत एवं व्यापक संविधान – भारतीय संविधान अन्य देशों के संविधानों की तुलना में बहुत विस्तृत एवं व्यापक है। भारत में अनेक जातियों, धर्मो और भाषाओं के बोलने वाले निवास करते हैं। उनकी अपनी संस्कृतियाँ हैं। अनेकता में एकता की भावना को सुदृढ़ करने के लिए संविधान में विस्तारपूर्वक उल्लेख है।
(2) टिप्पणी लिखिए –
(अ) पंथ निरपेक्षता,
(ब) संघात्मक शासन व्यवस्था,
(स) मौलिक अधिकार एवं कर्त्तव्य।
उत्तर:
(अ) पंथ निरपेक्षता – पंथ निरपेक्षता भारतीय संविधान की एक प्रमुख विशेषता है। इसके अनुसार राज्य की दृष्टि से सभी धर्म समान हैं और राज्य के द्वारा विभिन्न धर्मावलम्बियों में कोई मतभेद नहीं किया जाता है। राज्य किसी भी धर्म के लिए पक्षपातपूर्ण कार्य व हस्तक्षेप नहीं करेगा।
(ब) संघात्मक शासन व्यवस्था – भारत के संविधान में इस व्यवस्था को अपनाया गया है। इस व्यवस्था के अन्तर्गत केंद्र अर्थात् संघ और राज्यों के बीच शक्तियों का विभाजन है। केंद्र और राज्यों की सरकारें भी अलग-अलग हैं।
(स) मौलिक अधिकार एवं कर्त्तव्य – भारतीय संविधान में नागरिकों को कुछ मूल अधिकार दिए गए हैं, इन अधिकारों | की रक्षा का दायित्व सर्वोच्च न्यायालय का है। भारतीय संविधान में अधिकारों के साथ – साथ नागरिकों के कर्त्तव्यों का भी उल्लेख किया गया है।