MP 8TH Hindi

MP Board Class 8th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 10 अमीर खुसरो

MP Board Class 8th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 10 अमीर खुसरो

In this article, we will share MP Board Class 8th Hindi Book Solutions Chapter 10 अमीर खुसरो Pdf, These solutions are solved subject experts from the latest edition books.

MP Board Class 8th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 10 अमीर खुसरो

प्रश्न अभ्यास

प्रश्न 1.


उत्तर
(अ) 4, (ब) 3, (स) 5, (द) 1, (ई) 2

(ख) सही विकल्प चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

(अ) खुसरो के पिता ……………. थे। (मालदार, जागीरदार)
(ब) अमीर खुसरो पर ……………. संस्कारों का प्रभाव था। (विदेशी, भारतीय)
(स) पिता की मृत्यु के बाद खुसरो अपने … के घर आकर रहने लगे। (नाना, दादा).
(द) खुसरो ने ……………. में काव्य रचा। (मातृभाषा, लोकभाषा)
(ई) अमीर खुसरो का परिवार …………… देश से आकर भारत में बसा था। (तुर्की, पुर्तगाल)
उत्तर
(अ) खुसरो के पिता जागीरदार थे।
(ब) अमीर खुसरो पर भारतीय संस्कारों का प्रभाव था।
(स) पिता की मृत्यु के बाद खुसरो अपने नाना के घर आकर रहने लगे।
(द) खुसरो ने लोक भाषा में काव्य रचा।
(ई) अमीर खुसरो का परिवार तुर्की देश से आकर भारत में बसा था।

प्रश्न 2.
अति लघु उत्तरीय प्रश्न

(अ)अमीर खुसरो का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
(ब) खुसरो के गुरु कौन थे?
(स) अमीर खुसरो के मन को छूने वाले गीत कौन-से हैं?
(द) अमीर खुसरो को वैराग्य कब हुआ?
(ई) सूफी मत के अनुसार ईश्वर-प्राप्ति का क्या मार्ग है?
उत्तर
(अ) जागीरदार
(व) भारतीय
(स) नान
(द) लोकभाषा
(ई) तुर्की।

प्रश्न 3.
लघु उत्तरीय प्रश्न

(अ) खुसरो की कृतियाँ हमें क्या शिक्षा देती हैं?
उत्तर
खुसरो की कृतियाँ हमें धर्म-निरपेक्षता, देश-प्रेम और इंसानी बराबरी की शिक्षा देती हैं। ते परस्पर नफ़रत नहीं, अपितु मेल-मिलाप और सच्चे हिन्दुस्तानी की तरह रहने की भी शिक्षा देती हैं।

(ब)
भारत देश की प्रशंसा अमीर खुसरो किस रूप में करते हैं?
उत्तर
भारत देश की प्रशंसा अमीर खुसरो ने माँ के रूप में करते हैं। वे भारत को अपने वतन के रूप में वर्णित करते हुए खूब प्रशंसा करते हैं।

(स)
खुसरो की रचनाओं में कौन-कौन से दर्शन समाहित हैं?
उत्तर
खुसरो की रचनाओं में वेदान्त, बौद्ध और इस्लाम दर्शन समाहित हैं।

(द)
‘मुकरी’ का उदाहरण देते हुए उसका अर्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
मकरी-‘मुकरी’ शब्द मकरना से बना है। मकरना का अर्थ है-कहकर बदल जाना या वादा करके बाद में कही गई बात से इनकार करना। मुकरी ऐसी पद्य रचना है जिसमें ‘हाँ’ कहकर ‘न’ कहा जाता है। जैसे’बह आवे तो शादी होय, उस बिन दूजा ओर न कोय। मीठे लागे बाके बोल, क्यों सखि साजन, ना सखि ढोला’ ऐसा लगता है जैसे सखि के साजन आ रहे हैं, किंतु कवि उसे साजन मानने से इनकार करता है और कहता है ‘साजन नहीं’ ढोल आ रहा है।

(ई)
खुसरो की अंतिम रचना कौन-सी थी, वह किस घटना से संबंधित थी?
उत्तर
खुसरो की अंतिम रचना थी
गोरी सोवे सेज पर, मुख पर डारे केस।
चल खुसरो घर आपने, रेन भई चहुँ देस।।
खुसरो की यह अंतिम रचना उनके गुरु के निधन
से उत्पन्न दुखद घटना से संबंधित थी।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
बोलिए और लिखिए
आत्मीय, कुशात्र, साहित्यिक, समन्वय, धर्मनिरपेक्षता, अश्रुधारा, वैराग्य।
उत्तर:
आत्मीय, कुशाग्र, साहित्यिक, समन्वय, धर्मनिरपेक्षता, अश्रुधारा, वैराग्य।

प्रश्न 2.
नीचे दिए शब्दों की वर्तनी सुधारिएप्रसतुत, गुरू क्रपा, ननीहाल, जलवायू, अनुयाई।
उत्तर
प्रस्तुत, गुरुकृपा, ननिहाल, जलवायु, अनुयायी।

प्रश्न 3.
नीचे दिए वाक्यों में उपयुक्त विराम चिह लगाइए
(क) गांधी जी ने कहा था सदा सत्य बोलो
(ख) राम मोहन सौरभ और कमल घूमने गए
(ग) झूठ बोलना पाप की जड़ है शिक्षक ने कहा
(घ) बाजार से सब्जी ले आए इन्हें डलिया में रख दो
उत्तर
(क) गांधी जी ने कहा था, “सदा सत्य बोलो।”
(ख) राम, मोहन, सौरभ और कमल घूमने गए
(ग) “झूठ बोलना पाप की जड़ है” शिक्षक ने कहा
(घ) बाजार से सब्जी ले आए। इन्हें इलिया में रख दो।

प्रश्न 4.
नीचे दिए विग्रह पदों के साभासिक शब्द बनाइए
उत्तर-

प्रश्न 5.
विलोम शब्दों की सही जोड़ी बनाइए
उत्तर-
प्रशंसा – निन्दा
रुचि – अरुचि
प्रेम – घृणा
नारी – पुरुप
प्रभावित – अप्रभावित

प्रश्न 6.
निम्नलिखित वाक्यों में शब्दों को सही क्रम में लिखिए
(क) एक जागीरदार थे पिता के खुसरो।
(ख) खुसरो ने काव्य रचा लोकभाषा में।
(ग) अंतिम रचना थी उनकी यह।
(घ) गुरु के संपर्क में आए वे यहीं।
(ङ) खुसरो भी मत अनुयायी इसी के बन गए।
उत्तर
(क) खुसरो के पिता एक जागीरदार थे।
(ख) खुसरो ने लोकभाषा में काव्य रचा।
(ग) उनकी यह अंतिम रचना थी।
(घ) वे यहीं गुरु के सम्पर्क में आए।
(ङ) खुसरो भी इसी मत के अनुयायी बन गए।

प्रमुख गद्यांशों की संदर्भ-प्रसंग सहित व्याख्याएं

1. “परमात्मा जब मुझसे पूछेगा कि तुम मेरे लिए क्या लाए हो, तो मैं खुसरो को पेश कर दूंगा।” ये उद्गार प्रसिद्ध संत हजरत निजामुद्दीन औलिया के अपने शिष्य के प्रति थे। गुरु कहा करते ये-“अगर कब्र में दो लोगों को दफन किया जाता, तो मैं चाहता कि खुसरो को मेरे साथ ही दफन किया जाए। ऐसी आत्मीय गुरुकृपा के पात्र थे अमीर खुसरो।

शब्दार्थ:
पेश-प्रस्तुत। उद्गार विचार। आत्मीय अपने लोग।

संदर्भ – प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘सुगम भारती’ (हिन्दी सामान्य) भाग-8′ के पाठ-10 ‘अमीर खुसरो’ से ली गई हैं।

प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तियों में लेखक ने अमीर खुसरों की महान्ता को बतलाते हुए कहा है कि

व्याख्या:
अमीर खुसरो के गुरु महान् और प्रसिद्ध सत हजरत निजामुद्दीन औलिया थे। वे खुसरो के प्रति अपार और एकमात्र प्रेमभाव रखते थे। इससे सस्पष्ट करने के लिए उन्होंने एक बार कहा भी था-जब वे परमात्मा के पास जायेंगे और परमात्मा उनसे पूछेगा कि वे उसके लिए क्या लायेंगे, तो वे उससे यही कहेंगे कि वे खुसरो को उसके लिए लाये हैं। गुरु संत हजरत निजामुद्दीन औलिया का प्रेमभाव और अपनापन खुसरो के प्रति एकमात्र भरा हुआ था। वे इसे सुस्पष्ट रूप से कहा करते थे-‘यों तो एक कब्र में एक ही आदमी को ही दफ़न किया जाता है। अगर एक ही जगह दो आदमियों को दफन किया जाना संभव हो तो ये चाहेंगे कि उनके साथ ही खसरो को भी दफ़न कर दिया जाए। इससे यह सिद्ध होता है कि खुसरी अपने गुरु के अनन्य एकमात्र सबसे बड़ा कृपा-पात्र थे।

विशेष:

  • खुसरो की बेजोड़ विशेषता बतलायी गयी है।
  • भाव आकर्षक है।

The Complete Educational Website

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *