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MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 19 बहादुर बेटा

MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 19 बहादुर बेटा

MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 19 बहादुर बेटा

बहादुर बेटा बोध प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ शब्दकोश से खोजकर लिखिए
उत्तर
हाहाकार = रोने, चिल्लाने की मिश्रित आवाजें; वालंटियर = अपनी ही इच्छा से सेवा के कार्य के लिए समर्पित फर्स्टएड = प्राथमिक चिकित्सा सहायता; ध्यानस्थ = ध्यान करना; रेडक्रॉस- पीड़ित मानवता की सेवा के लिए अन्तर्राष्ट्रीय संगठन; वैज = पहचान-पत्र (जो कमीज या कुर्ते की जेब में लगा रहता है)।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षेप में उत्तर लिखिए
(क) संदीप और कुलदीप को घर आने में देर क्यों हो गई?
उत्तर
संदीप और कुलदीप को घर आने में देर इसलिए हो गई क्योंकि वे दोनों बाढ़ में फंसे लोगों की सहायता में जुटे हुए थे।

(ख) नदियों में बाढ़ आ जाने से क्या-क्या हानि होती
उत्तर
नदियों में बाढ़ आ जाने से गाँव के गाँव बह जाते। हैं। सैकड़ों आदमी मर जाते हैं। जानवरों की तो गिनती ही नहीं। फसल भी बह जाती है। कई प्रकार के रोग फैल जाते हैं।

(ग) रेडक्रॉस के सदस्य क्या कार्य करते हैं?
उत्तरे
रेडक्रॉस के सदस्य बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाते हैं। बाढ़ से पीड़ित लोगों के लिए भोजन, कपड़े एवं दवाइयों का प्रबन्ध करते हैं। उन लोगों की सही देखरेख करने में सहायता करते हैं।

(घ) संदीप पानी में कैसे बह गया?
उत्तर
संदीप बाढ़ में फंसे लोगों को नाव से सुरक्षित स्थान पर ले जा रहा था। इस बचाव कार्य में व्यस्त संदीप की नाव एकदम उलट गई। तभी पानी का बहाव भी तेज हो गया। इस तरह संदीप पानी में बह गया।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विस्तार से लिखिए
(क) संदीप और कुलदीप को परोपकार की सीख कैसे मिली?
उत्तर
संदीप और कुलदीप को सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं के आदेश से बाढ़ की आपदा में फंसे लोगों की सेवा के लिए अन्न, वस्त्र, दवाएँ आदि पहुँचाने का काम करने को मिला। साथ ही मधुर नामक उनकी बहन ने बताया कि उसके पिता और चाचा ने भी आजादी की जंग में भाग लिया। देश के हजारों लोगों ने अपने प्राण बलिदान कर दिए। इस तरह उन्हें भी देश की सेवा करने, मानवता की रक्षा करने की सीख प्राप्त हुई।

(ख) संदीप द्वारा किए गए बचाव कार्य को युवती ने किस तरह बताया ? लिखिए।
उत्तर
रेडक्रॉस की सदस्या एक युवती ने बताया कि वे सभी बाढ़ पीड़ितों की सहायता करने के लिए गए हुए थे। संदीप ने वहाँ सबसे बढ़-चढ़कर काम किया। उसने अपने प्राणों की चिन्ता किए बिना ही सैकड़ों लोगों के प्राणों की रक्षा की। संदीप बहुत साहसी है। उसके साहस को देखकर सभी लोग अचम्भे में पड़ गए। बिना आराम किए ही लगातार उसने लोगों को बाढ़ के – पानी से सुरक्षित बचाया। वे सभी को नाव में बैठाने के बाद स्वयं :नाव में चढ़ते थे, परन्तु अचानक ही उनकी नाव उलट गई। संदीप – को तैरना आता था। वह बराबर उन लोगों की सहायता करते रहे। पानी में बह जाने के बाद उन्हें लोगों ने बचा लिया। कठिन परिश्रम के कारण वह बेहोश हो गया। उन्हें प्राथमिक चिकित्सा सहायता दे दी गई और वह अब ठीक हो जाएगा।

(ग) बाढ़ पीड़ितों की क्या-क्या आवश्यकताएँ होती हैं? उन्हें किस तरह सहयोग दिया जाता है ?
उत्तर
बाढ़ पीड़ितों की सबसे पहली आवश्यकता होती है, उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुँचाने की। उनसे सम्बन्धित सामान को उनके पास पहुँचाने की। उस समय उन्हें भोजन, पानी व कपड़े आदि प्राप्ति कराने की भी जरूरत होती है। इसके अलावा उन्हें दवाइयों की भी जरूरत होती है क्योंकि बाढ़ आ जाने से पानी से फैलने वाले अनेक रोग हो जाते हैं। उन रोगों के इलाज की तुरन्त आवश्यकता होती है। इन बाढ़ पीड़ितों को रेडक्रॉस और वॉलन्टीयर्स सहायता पहुंचाते हैं। कुछ स्थानीय संस्थाएँ व देश की सेना और स्वयंसेवी संस्थाएँ भी इस कार्य में सबसे अधिक कार्य करती हैं। बाढ़ पीड़ितों के लिए अन्न, वस्त्र, औषधि आदि एकत्र करके उन्हें बाँट दिया जाता है।

(घ) इस एकांकी का सार अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर
इस एकांकी में बताया गया है कि हमें संकट काल । में सहयोग करने के लिए तैयार रहना चाहिए। कुलदीप और संदीप दो भाई हैं। उनकी बहन मधुर और माँ भी उनके साथ रहती हैं। कुलदीप को विद्यालय में सूचना मिलती है कि बाढ़ से जन-धन की हानि हुई है। वह अपने साथियों के साथ उन बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए धन संग्रह करने चला जाता है। उधर संदीप नदी की बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने के लिए चला जाता है। वह अपनी जान की परवाह किए बिना ही लोगों को सुरक्षित स्थानों को पहुंचाता है। इस काम में वह स्वयं भी डूबते-डूबते बच जाता है। इस एकांकी में परोपकार की भावना को रेखांकित किया गया है। मानव जाति की सेवा के लिए संस्थापित संस्था रेडक्रॉस का परिचय भी दिया गया है।

(ङ) बहादुर बेटा किसे कहा गया है और क्यों ?
उत्तर
संदीप को बहादुर बेटा कहा गया है। उसने अपने प्राण हथेली पर रखकर बाढ़ में फंसे लोगों को बचाया।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित कथनों में कौन, किससे कह रहा

(1) “हाँ, माँ वह जरूर चले गए होंगे। वह दिन-रात इसी तरह की बातें किया करते हैं। मैं कुछ करना चाहता हूँ, मेरे
पिता और मेरे चाचा ने आजादी की लड़ाई लड़ी थी। मेरे देश में हजारों लोगों ने अपने प्राण दिए थे। अपना सब कुछ गंवा दिया था। अब मुझे भी तो कुछ करना चाहिए। मुझे भी अपने देश की सेवा करनी चाहिए।”
(2) “खाना, कपड़ा, मकान सभी चीजों की जरूरत होगी। मास्टर जी कहते थे कि सरकार प्रबन्ध कर रही है। कैम्प लगाए हैं, माँ, मैं जाता हूँ। स्कूल में वालंटियर की जरूरत है। मैं कैम्प में जाकर तो काम कर ही सकता हूँ।”
(3) “आप लोग दुनिया की इतनी सेवा करते हैं। कभी-कभी तो हमें भी सेवा का अवसर दिया कीजिए।”
उत्तर

  1. मधुर का कथन अपनी माँ के प्रति।
  2. कुलदीप का कथन अपनी बहन मधुर और माँ के प्रति।
  3. माँ का कथन रेडक्रॉस की सदस्या युवती के प्रति।

बहादुर बेटा भाषा-अध्ययन

प्रश्न 1.
इस पाठ के योजक चिह्न वाले शब्द छाँटकर लिखिए।
उत्तर

  1. घर-घर
  2. बचाते-बचाते
  3. धीरे-धीरे।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों में से अनुस्वार और अनुनासिक वाले शब्द अलग-अलग लिखिए
गंगा, माँ, पाँच, वंचित, हूँ, मांगने, पांडव, शांत, बाँध, संहारक, संसार, जाऊंगा।
उत्तर
अनुस्वार वाले शब्द-गंगा, वंचित, पांडव, शांत, संहारक, संसार। अनुनासिक वाले शब्द-माँ, पाँच, हूँ, माँगने, बाँध, जाऊँगा।

प्रश्न 3.
हृदय, आँख तथा कान शब्द से मुहावरे बनाइए तथा उनके अर्थ लिखिए।
(क) हृदय-लगाना, टूक-टूक होना, भर आना।
(ख) आँख-तारा, गिरना, अंधा, धूल झोंकना, खुलना।
(ग) कान-खाना, कच्चा होना, पकड़ना, भरना।
उत्तर


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प्रश्न 4.
नीचे बनी वर्ग पहेली (पाठ्यपुस्तक) में से निम्नलिखित शब्दों के तीन-तीन पर्यायवाची शब्द पहचानकर लिखिए
(1) जाह्नवी
(2) जननी
(3) रात्रि
(4) सूर्य।
उत्तर

  1. जाह्नवी-गंगा, भागीरथी, सुरसरि
  2. जननी-माता, माँ, अम्बा
  3. रात्रि-रजनी, यामिनी, निशा।
  4. सूर्य-भानु, सविता, रवि।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों के तत्सम रूप लिखिएलाज, तज, धौर. सूरज, भीख, माता।
उत्तर

  1. लज्जा
  2. त्याग
  3. धैर्य
  4. सूर्य
  5. भिक्षा
  6. मातृ।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित शब्दों में से उपसर्ग और प्रत्यय पहचानकर अलग कीजिए
गाड़ीवान, ‘अपरिचित, प्रकाशित, प्रशंसनीय, रथवान, संहारक, बेकरार, मातृहीन, दयालु, सुशोभित।
उत्तर

प्रश्न 7.
नीचे कुछ वाक्य लिखे हैं, उनमें यथास्थान विराम चिह्न लगाइए’
(क) काश मैं उसे समझ पाता तो मैं उसके पास इस काम के लिए कभी नहीं जाता।
(ख) रेखा पूनम सुनीता और राधा बगीचे में घूम रही हैं।
(ग) जीवन में सुख दुःख लाभ हानि तो लगे ही रहते हैं। हमें इनकी कभी चिन्ता नहीं करनी चाहिए।
(घ) गीता में कहा है कर्म करो परन्तु फल की इच्छा मत करो।
उत्तर
(क) काश ! मैं उसे समझ पाता तो, मैं उसके पास इस काम के लिए कभी नहीं जाता।
(ख) रेखा, पूनम, सुनीता और राधा बगीचे में घूम रही हैं।
(ग) जीवन में सुख-दु:ख, लाभ-हानि तो लगे ही रहते हैं। हमें इनकी कभी चिन्ता नहीं करनी चाहिए।
(घ) गीता में कहा है, “कर्म करो, परन्तु फल की इच्छा मत करो

बहादुर बेटा परीक्षोपयोगी गद्यांशों की व्याख्या

(1) हाँ, माँ, वह जरूर चले गए होंगे। वह दिन-रात इसी तरह की बातें किया करते हैं-मैं कुछ करना चाहता हूँ, मेरे पिता और मेरे चाचा ने आजादी की लड़ाई लड़ी थी। मेरे देश के हजारों लोगों ने अपने प्राण दिए थे। अपना सब  कछ लुटा दिया था। अब मुझे भी तो कुछ करना चाहिए। . मुझे भी अपने देश की सेवा करनी चाहिए।

शब्दार्थ-जरूर = अवश्य; आजादी = स्वतन्त्रता; लुटा देना = त्याग दिया।

सन्दर्भ-प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘भाषा-भारती’ के पाठ ‘बहादुर बेटा’ नामक पाठ से लिया है। इसके लेखक विष्णु प्रभाकर हैं।

प्रसंग-इस एकांकी में ‘मधुर’ नामक बहन अपने भाई सन्दीप के विषय में अपनी माँ से बातें करती है।

व्याख्या-मधुर ने अपनी माँ की बात का उत्तर देते हुए कहा कि हे माँ ! सन्दीप अवश्य ही बाढ़ पीड़ितों की सेवा के लिए चले गये होंगे। संदीप भैया दिन-रात (हर समय) इसी तरह की बातें करते रहते हैं। वे अक्सर कहते रहते हैं कि वे कुछ महत्त्वपूर्ण कार्य करना चाहते हैं। उन्हें हमेशा अपने पिता और चाचा के बलिदान याद रहते हैं। वे कहते हैं कि उन्होंने देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी। मेरे देश के हजारों लोगों ने अपने देश की स्वतन्त्रता के लिए अपने प्राणों का बलिदान कर दिया। वे आजादी की लड़ाई में अपना सब कुछ त्याग चुके थे। उनके महान् त्याग से मुझे भी कुछ सीखना चाहिए और देश के लिए अति महत्त्वपूर्ण सेवा-कार्य करना ही चाहिए। देश की सेवा करना ही अब मेरा उद्देश्य है।

(2) मैं रेडक्रॉस की सदस्या हूँ। बाहर मेरे बहुत से साथी हैं। हम सब लोग बाढ़ पीड़ितों की सहायता करने के लिए गए हुए थे। आपके पुत्र संदीप जी ने वहाँ बहुत काम किया। अपने प्राणों की चिन्ता किए बिना उन्होंने सैकड़ों लोगों को बचाया। उनका साहस देखकर हम लोग दंग रह गए। हमारे मना करने पर भी उन्होंने जरा आराम नहीं किया।

शब्दार्थ-रेडक्रॉस = रेडक्रॉस एक अन्तर्राष्ट्रीय संस्था है जो बिना किसी भेदभाव से विश्व के देशों के पीड़ित नागरिकों की युद्धकाल में, आपदा के समय में
सेवा-सहायता करती है; पीड़ित = कष्ट पाए हुए लोगों की सहायता मदद; चिन्ता = परवाह; साहस = हिम्मत; दंग रह गये = अचम्भे में पड़ गए; जरा-थोड़ा-सा।

सन्दर्भ-पूर्व की भाँति।

प्रसंग-एक युवती रेडक्रॉस की सदस्या है। वह संदीप के “द्वारा किए गए कार्य की जानकारी उसकी माता और बहन मधुर को देती है।

व्याख्या-एक युवती अपना परिचय रेडक्रॉस की सदस्या के रूप में देती है। उसके बहुत से साथी भी वहाँ आए हुए हैं जो बाहर खड़े हैं। वे सब बाढ़ से पीड़ित लोगों की सहायता करने के उद्देश्य से गए हुए थे। वह युवती संदीप के विषय में बताती है कि उन्होंने बहुत बड़ा काम किया है। उन्होंने अपने प्राणों की तनिक भी चिन्ता नहीं की। अपनी हिम्मत से उन्होंने सैकड़ों लोगों के प्राणों को बचाया। सभी लोग उनकी हिम्मत को देखकर अचम्भा कर रहे थे। उनकी टीम के सदस्यों ने कई बार इन्कार भी किया परन्तु वे बराबर अपने काम में जुटे रहे। उन्होंने थोड़ा भी आराम नहीं किया।

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