MP 11th Physics

MP Board Class 11th Physics Important Questions Chapter 2 मात्रक एवं मापन

MP Board Class 11th Physics Important Questions Chapter 2 मात्रक एवं मापन

MP Board Class 11th Physics Important Questions Chapter 2 मात्रक एवं मापन

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
मापन से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर-
किसी स्थिर मानक राशि से एक अज्ञात राशि की तुलना करना मापन कहलाता है।

प्रश्न 2.
मापन की विभिन्न पद्धतियाँ कौन-कौन सी हैं ?
उत्तर-

  • E.P.S. (Foot Pound Second)
  • C.G.S. (Centimetre Gram Second)
  • M.K.S. या SI (Metre Kilogram Second).

प्रश्न 3.
मात्रक किसे कहते हैं ?
उत्तर-
किसी भौतिक राशि के परिमाण को व्यक्त करने के लिए प्रयुक्त मानक राशि को मात्रक कहते हैं।

प्रश्न 4.
मूल राशियाँ किन्हें कहते हैं ?
उत्तर-
वे राशियाँ जो किसी अन्य राशि पर निर्भर नहीं करतीं मूल या स्वतंत्र राशियाँ कहलाती हैं तथा इनके मात्रक मूल मात्रक कहलाते हैं।

प्रश्न 5.
व्युत्पन्न राशियाँ किन्हें कहते हैं ?
उत्तर-
वे राशियाँ जो मूल राशियों से व्युत्पन्न की जा सकती हैं, व्युत्पन्न राशियाँ कहलाती हैं तथा इनके मात्रकों को व्युत्पन्न मात्रक कहते हैं।

प्रश्न 6.
SI में लंबाई के मानक मात्रक मीटर की परिभाषा दीजिए।
उत्तर-
एक मानक मीटर वह दूरी है जिसमें शुद्ध क्रिप्टॉन 86 से उत्सर्जित नारंगी-लाल प्रकाश की 1,650,763.73 तरंगें समाहित होती हैं।

प्रश्न 7.
खगोलीय दूरियों को नापने के लिए प्रयुक्त मात्रक कौन-कौन से हैं ?
उत्तर-
प्रकाश वर्ष-प्रकाश द्वारा 1 वर्ष में चली गयी दूरी को 1 प्रकाश वर्ष कहते हैं।
1 प्रकाश वर्ष = 9:46 ×1015 मीटर। पारसेक (Parsec)-इसका पूरा नाम Parallactic second है। इसका उपयोग पृथ्वी से तारों की दूरी ज्ञात करने में किया जाता है।
1 पारसेक = 3:26 प्रकाश वर्ष = 3.08 x.1016 मीटर खगोलीय मात्रक-पृथ्वी और सूर्य के बीच की औसत दूरी को खगोलीय मात्रक कहते हैं । इसे A.U. से दर्शाते हैं।
1 A.U. = 1.496 × 1011 मीटर।

प्रश्न 8.
एक किलोग्राम से क्या तात्पर्य है ? .
उत्तर-
परमाण्वीय स्केल पर कार्बन-12 (6C12) के 5.0188 × 1025 परमाणुओं के द्रव्यमान को 1 किग्रा कहते हैं।

प्रश्न 9.
1 सेकण्ड से क्या समझते हो?
उत्तर-
एक सेकण्ड समय का वह अन्तराल है जिसमें सीजियम -133 परमाणु 9, 19, 26, 39,770 कम्पन करता है।

प्रश्न 10.
विमा का क्या अर्थ है ?
उत्तर-
किसी भौतिक राशि के व्युत्पन्न मात्रक को मूल मात्रकों के जिन-जिन घातांकों द्वारा व्यक्त किया जाता है, उन घातांकों को उस राशि की विमाएँ कहते हैं।

प्रश्न 11.
विमीय सूत्र से क्या समझते हो?
अथवा
विमीय समीकरण से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
वह समीकरण जो किसी भौतिक राशि के व्युत्पन्न मात्रक को मूल मात्रकों की उचित घातों के द्वारा व्यक्त करता है, विमीय समीकरण कहलाता है। इसका रूप है
x = [MaLbTc] होता है, जहाँ a, b, c स्थिरांक हैं।

प्रश्न 12.
ऐसी दो भौतिक राशियाँ लिखिये जिनके विमीय समीकरण समान हैं।
उत्तर-
कार्य एवं बल आघूर्ण, विमीय सूत्र- [M1L2T-2].

प्रश्न 13.
विमाहीन राशियों से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर-
ऐसी राशियाँ जिनकी कोई विमा नहीं होती (जैसे-शुद्ध अनुपात तथा शुद्ध संख्या) विमाहीन राशियाँ कहलाती हैं।
उदाहरण-विकृति, पाइसन अनुपात, कोण, आपेक्षिक घनत्व इत्यादि।

प्रश्न 14.
किन भौतिक राशियों का विमीय सूत्र [M1L2T-2] है ?
उत्तर-
प्रत्यास्थता गुणांक, प्रतिबल, दाब।

प्रश्न 15.
सार्थक अंक किसे कहते हैं ?
उत्तर-
किसी भौतिक राशि को यथार्थतापूर्वक व्यक्त करने के लिए उपयोग में लाये गये अंकों की संख्या को सार्थक अंक कहते हैं।
उदाहरण के लिए-0.007 में सार्थक अंक एक है।

प्रश्न 16.
कैण्डेला किस मूल राशि का मात्रक है ?
उत्तर-
कैण्डेला ज्योति तीव्रता का मात्रक है।

प्रश्न 17.
ऐंगस्ट्रॉम से क्या तात्पर्य है ? ।
उत्तर-
यह लंबाई का सूक्ष्म मात्रक है। 1 Å = 10-10 मीटर होता है।

प्रश्न 18.
मात्रक लिखते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिये ?
उत्तर-

  • मात्रक के संकेत अंग्रेजी वर्णमाला के छोटे अक्षरों में लिखे जाने चाहिये।
  • मात्रक के संकेत एकवचन में लिखना चाहिये।
  • मात्रक का पूरा नाम अंग्रेजी में लिखते समय सभी अक्षर छोटे होते हैं।
  • मात्रक के संकेत के सम्मुख विराम चिह्न नहीं लगाते हैं।

प्रश्न 19.
SI के प्रमुख गुण लिखिए।
उत्तर-

  • इस प्रणाली में एक भौतिक राशि का केवल एक मात्रक होता है ।
  • इस प्रणाली के मात्रक निरपेक्ष होते हैं ।
  • यह एक दाशमिक प्रणाली है।
  • यह एक संबद्ध प्रणाली है।
  • यह एक अन्तर्राष्ट्रीय प्रणाली है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
लम्बाई मापने के लिए निम्नलिखित में से कौन-सा सबसे परिशुद्ध यंत्र है-
(i) एक वर्नियर कैलीपर्स जिसके वर्नियर पैमाने पर 20 विभाजन है।
(ii) एक स्क्रूगेज जिसका चूड़ी अन्तराल Imm और वृत्तीय पैमाने पर 100 विभाजन है।
(iii) कोई प्रकाशिक यंत्र जो प्रकाश के तरंगदैर्घ्य की सीमा के अन्दर लम्बाई माप सकता है।
उत्तर-
(i) वर्नियर कैलीपर्स का अल्पतमांक = cm =0.005 cm.
(ii) स्क्रूगेज का अल्पतमांक = cm = 0.001 cm.
(iii) प्रकाशिक यंत्र का अल्पतमांक λ= 10-5 cm.
उपरोक्त कथनों से स्पष्ट है कि प्रकाशिक यंत्र सबसे परिशुद्ध यंत्र है क्योंकि इसका अल्पतमांक सबसे कम है।

प्रश्न 2.
विमीय समीकरण के प्रमुख उपयोग लिखिये।
उत्तर-

  • विमीय विधि द्वारा किसी भौतिक समीकरण की सत्यता की जाँच की जा सकती है।
  • भौतिक राशियों का परस्पर सम्बन्ध ज्ञात किया जा सकता है।
  • एक पद्धति के मात्रकों को दूसरी पद्धति के मात्रकों में बदला जा सकता है।
  • विभिन्न भौतिक राशियों के मात्रक ज्ञात किये जा सकते हैं।

प्रश्न 3.
मूल मात्रक तथा व्युत्पन्न मात्रक में अन्तर लिखिए।
उत्तर-
मूल मात्रक तथा व्युत्पन्न मात्रक में अन्तरमूल मात्रक व्युत्पन्न मात्र

मूल मात्रक व्युत्पन्न मात्रक
1. मूल राशियों के मात्रकों को मूल मात्रक कहते | 1. व्युत्पन्न राशियों के मात्रकों को व्युत्पन्न मात्र कहते हैं।
2. ये मात्रक पूर्णत: एक-दूसरे से स्वतंत्र होते हैं। 2. ये मात्रक मूल मात्रकों पर निर्भर करते हैं।
3. SI में सात मूल मात्रक तथा दो पूरक मूल 3. व्युत्पन्न मात्रकों की संख्या असीमित है। मात्रक हैं।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित के उत्तर लिखिए
(i) आपको एक धागा और मीटर पैमाना दिया जाता है, आप धागे के व्यास का अनुमान किस प्रकार लगाएँगे।
(ii) एक स्क्रूगेज का चूड़ी अन्तराल 10 mm है और इसके वृत्तीय पैमाने पर 200 विभाजन है। क्या आप सोचते हैं कि वृत्तीय पैमाने पर विभाजनों की संख्या स्वेच्छा से बढ़ा देने पर स्क्रूगेज की यथार्थता में वृद्धि करना संभव है।
उत्तर-
(i) धागा पतला होता है, इसका व्यास मीटर पैमाने से नहीं मापा जा सकता। धागे को किसी बेलनाकार वस्तु पर इस प्रकार लपेटते हैं कि धागे का चक्र एक-दूसरे को स्पर्श करें। अब चक्रों की संख्या ज्ञात कर उनकी लम्बाई ज्ञात कर लेते हैं।
धागे की लम्बाई (बेलनाकार वस्तु पर
धागे का व्यास = 
(ii) हाँ, यह संभव है क्योंकि वृत्तीय पैमाने पर विभाजनों की संख्या बढ़ाकर अल्पतमांक को कम किया जा सकता है।

प्रश्न 5.
लम्बाई का कोई ऐसा मात्रक चुना गया जिसके अनुसार निर्वात में प्रकाश की चाल इकाई (1) है। लम्बाई के नये मात्रक के पदों में सूर्य तथा पृथ्वी के बीच की दूरी कितनी है, प्रकाश इस दूरी को तय करने में 8 मिनट एवं 20 सेकण्ड लगाता है।
उत्तर-
प्रकाश की चाल C = 1 लम्बाई का नया मात्रक s-1 सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी तक पहुँचने में लगा समय = (60 × 8+20) = 500 सेकण्ड।
सूर्य एवं पृथ्वी के मध्य की दूरी = प्रकाश की चाल × समय
= 1 लम्बाई का नया मात्रक s-1 × 500 सेकण्ड
= 500 लम्बाई का नया मात्रक।

प्रश्न 6.
विमीय समांगता का सिद्धांत क्या है ?
उत्तर-
इस सिद्धांत के अनुसार, “किसी भौतिक समीकरण के दोनों पक्षों के पदों की विमाएँ सदैव समान होती हैं ।” अर्थात् केवल उन्हीं राशियों को जोड़ा या घटाया जा सकता है जिनकी विमाएँ समान हों।

प्रश्न 7.
भौतिक समीकरण v2 =u2 +2as की शुद्धता की जाँच कीजिए।
हल-दिया हुआ भौतिक समीकरण v2 =u2 + 2as इस साधारण समीकरण को विमीय समीकरण में परिवर्तित करने पर,
[LT-1]2 = [LT-1]2 + LT-2 × L
[LT-1]2 = [LT-1]2 +[LT-1]2 इस समीकरण के दोनों पक्षों के प्रत्येक पद की विमाएँ समान हैं, अतः यह समीकरण विमीय दृष्टि से शुद्ध है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
वायु में ध्वनि का वेग माध्यम के प्रत्यास्थता गुणांक तथा उसके घनत्व पर निर्भर करता है। विमीय विधि से ध्वनि के वेग का सूत्र स्थापित कीजिये।
हल-
माना ध्वनि का वेग =v, प्रत्यास्थता गुणांक =E तथा माध्यम का घनत्व = D है।
तब प्रश्नानुसार,
v∝EaDb
v=K.EaDb ………………….. (1)
जहाँ K विमाहीन राशि है। समी. (1) को विमीय रूप में लिखने पर,
[M°L1T-1] = [M1L-1T-2]a [M1L-3]b
∴ [M°L1T-1] = [M]a+b[L]-a-3b [T]-2a

विमीय समांगता के सिद्धांत के अनुसार, a+b = 0 ……….(2)
⇒ -a-3b =1 ……………… (3)
⇒ -2a = -1 ……………… (4)
समी. (2), (3) तथा (4) को हल करने पर,

प्रश्न 2.
एक न्यूटन में कितने डाइन होते हैं ? हल-बल का विमीय सूत्र [M1L1T-2] है।
जहाँ a = 1, b = 1, c = -2 है।

n2 = n1[103]1[1021[1]-2
∴ n2 = n1 × 105
यदि n1 = 1 डाइन हो तो n2 = 1 न्यूटन
अतः 1 न्यूटन = 105 डाइन

प्रश्न 3.
किसी गैस के दाब P तथा आयतन V और ताप T में वाण्डरवाल के अनुसार निम्न संबंध . होता है

जहाँ a तथा b नियतांक हैं तो a तथा b की विमाएँ ज्ञात कीजिए।
हल-विमीय समांगता के सिद्धांत के अनुसार समान विमाओं वाली राशियाँ ही जोड़ी या घटायी जा सकती

∴ की विमाएँ = P की विमाएँ × (V की विमाएँ)2
= [M1L1T-2][L3]2

अतः a की विमाएँ = [M1L5T-2]
एवं b की विमाएँ = V की विमाएँ
या की विमाएँ = L3
अतः bकी विमाएँ = [M°L3T°].

विमीय समीकरण की सहायता से बल तथा कार्य के मूल मात्रक ज्ञात कीजिए।
हल-(1) बल = द्रव्यमान × त्वरण
MP Board Class 11th Physics Important Questions Chapter 2 मात्रक एवं मापन 3
अतः बल का विमीय सूत्र = [M1L1T-2].

SI मात्रक-किग्रा मीटर/सेकण्ड2
CGS मात्रक-ग्राम सेमी/सेकण्ड2
(2) कार्य = बल × विस्थापन = द्रव्यमान × त्वरण × विस्थापन

कार्य का विमीय सूत्र-[M1L2T-2]
SI मात्रक-किग्रा मीटर/सेकण्ड2 ।
CGS मात्रक-ग्राम सेमी/सेकण्ड2 ।

प्रश्न 5.
विमीय विश्लेषण की सीमाएँ लिखिए।
उत्तर-

  • इस विधि से विमाहीन राशि का मान ज्ञात नहीं किया जा सकता।
  • इस विधि से त्रिकोणमिति, लघुगणकीय आदि वाले समीकरण को ज्ञात नहीं किया जा सकता।
  • इस विधि से ऐसे नियतांक का मान ज्ञात नहीं किया जा सकता जिसकी विमा होती है। उदाहरण-सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक G।

प्रश्न 6.
SI की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर-
1.  यह एक संबद्ध प्रणाली है। इस पद्धति में व्युत्पन्न राशि के मात्रक केवल मूल मात्रकों को गुणा या भाग करके ही प्राप्त किये जा सकते हैं, किसी भी संख्या से गुणा करने की आवश्यकता नहीं होती।

2. यह एक समांगी प्रणाली होती है क्योंकि इसमें एक राशि का केवल एक ही मात्रक होता है। जैसे-SI प्रणाली में त्वरण का मात्रक मीटर/सेकण्ड है। चाहे वह रेखीय त्वरण हो या गुरुत्वीय त्वरण ।

3. यह एक दाशमिक प्रणाली है। क्योंकि इस प्रणाली में छोटे या बड़े गुणांकों को 10 के घातों द्वारा व्यक्त किया जाता है। जैसे1 किमी = 10 मीटर, 1 किलोमीटर = 10-3 मीटर इत्यादि । (4) इस प्रणाली के मात्रकों का C.G.S. तथा M.K.S. प्रणाली से घनिष्ठ संबंध है।

प्रश्न 7.
किसी सरल लोलक का आवर्तकाल T, उसकी प्रभावकारी लंबाई । तथा गुरुत्वीय त्वरण g पर निर्भर करता है। विमीय समीकरण विधि से लोलक के आवर्तकाल का सूत्र ज्ञात कीजिए।
हल-माना लोलक का आवर्तकाल T, प्रभावकारी लंबाई । तथा गुरुत्वीय त्वरण g है।
प्रश्नानुसार, T ∝la gb
या T = K .lagb ………… (1)
जहाँ K = विमाहीन नियतांक है।
समी. (1) को विमीय रूप में लिखने पर, .
[M°L°T1] = [M°L’T°]a [M°L’T-2]b
या [M°L°T1] = [M°][L]a+b [T] -2b

विमीय समांगता सिद्धांत के अनुसार घातांकों की तुलना करने पर,
a+b=0 ………………….. (2)
तथा -2b =1 ……………. (3)
समी. (2) तथा (3) को हल करने पर,
या a =  ,b = 
यह मान समी. (1) में रखने पर,
T = K.l1/2.g1/2
यही लोलक के आवर्तकाल का व्यंजक है।

प्रश्न 8.
किसी मापन में होने वाली संभावित त्रुटियों का वर्णन कीजिये।
उत्तर-
किसी मापन में निम्नलिखित प्रकार की त्रुटियाँ हो सकती हैं
1. क्रमबद्ध त्रुटियाँ-यन्त्र की बनावट, मापन के समय भौतिक राशि में परिवर्तन या मापनकर्ता की व्यक्तिगत त्रुटि के कारण होने वाली त्रुटियों को क्रमबद्ध त्रुटियाँ कहते हैं। ये अग्र प्रकार की होती हैं
(a) शून्यांक त्रुटि-वर्नियर कैलिपर्स, स्क्रूगेज, गोलाईमापी इत्यादि उपकरणों में मुख्य स्केल का शून्य, वृत्तीय स्केल की सीध में नहीं होने पर होने वाली त्रुटि को शून्यांक त्रुटि कहते हैं । इसे कम करने के लिए शून्यांक त्रुटि को चिह्न सहित हटाया जाता है।
(b) अल्पतमांक त्रुटि-माप यन्त्र के अल्पतमांक के कारण होने वाली त्रुटि को अल्पतमांक त्रुटि कहते हैं|
(c) अचर त्रुटि-बार-बार प्रेक्षण लेने के बाद भी त्रुटि का मान उतना ही रहता है तो इसे अचर त्रुटि कहते हैं|
(d) बाह्य त्रुटि-वातावरणीय परिस्थितियों के कारण होने वाली त्रुटि को बाह्य त्रुटि कहते हैं।
(e) व्यक्तिगत त्रुटि-यन्त्रों का पाठ्यांक उचित तरीके से न होने के कारण होने वाली त्रुटि को व्यक्तिगत त्रुटि कहते हैं।

2. यादृच्छिक त्रुटि-किसी मापनकर्ता द्वारा किसी भौतिक राशि की माप कई बार लेने के बाद प्रत्येक बार अलग-अलग पाठ्यांक प्राप्त हो तो इसे यादृच्छिक त्रुटि कहते हैं। इसका निवारण करने के लिए समस्त पाठ्यांकों का माध्य लेते हैं। .

3. सकल त्रुटि-मापनकर्ता की लापरवाही के कारण होने वाली त्रुटि को सकल त्रुटि कहते हैं। इसका कोई संशोधन संभव नहीं है।
4. निरपेक्ष त्रुटि-भौतिक राशि के प्रेक्षित मान तथा उसके वास्तविक मान के अन्तर को निरपेक्ष त्रुटि कहते हैं। यह हमेशा धनात्मक होती है।
5. आपेक्षिक त्रुटि-किसी भौतिक राशि की निरपेक्ष त्रुटि तथा वास्तविक मान के अनुपात को आपेक्षिक त्रुटि कहते हैं।
अर्थात् आपेक्षिक त्रुटि =
आपेक्षिक त्रुटि को प्रतिशत में व्यक्त किया जाता है तो इसे प्रतिशत त्रुटि कहते हैं।
अर्थात् प्रतिशत त्रुटि =

प्रश्न 9.
सार्थक अंकों से क्या अभिप्राय है ? किसी राशि में सार्थक अंकों की गिनती किस प्रकार की जाती है ?
उत्तर-
किसी संख्या में विद्यमान विश्वसनीय अंकों और अनिश्चित अंक को सार्थक अंक कहते हैं। किसी भी संख्या में सार्थक अंक ज्ञात करने के निम्न नियम हैं

1. सभी अशून्य अंक सार्थक अंक होते हैं। उदाहरण-1.593 में चार सार्थक अंक 1, 5, 9, 3 हैं। .
2. किन्हीं भी दो अशून्य संख्याओं के मध्य विद्यमान सभी शून्य सार्थक अंक होते हैं। उदाहरण- .. 102.3005 में सार्थक अंकों की संख्या 7 हैं।

3. दशमलव बिन्दु वाली संख्या में अशून्य संख्या के दाँयी ओर अंत के सभी शून्य सार्थक अंक होते हैं। उदाहरण- 205.300 में सार्थक अंकों की संख्या 6 है।

4. एक से छोटी संख्या में दशमलव बिन्दु और प्रथम अशून्य संख्या के बीच के शून्यों को सार्थक अंक में सम्मिलित नहीं करते। उदाहरण-0.003 में दशमलव बिन्दु और 3 के बीच आने वाले दोनों शून्य सार्थक अंक नहीं है।

5. दशमलव बिन्दु रहित संख्या में दाँयी ओर अन्त में आने वाले शून्य सार्थक अंकों में सम्मिलित नहीं होते हैं। 3320000 में सार्थक अंकों की संख्या 3 है।

आंकिक प्रश्न

प्रश्न 1.
0.53 Å को मीटर में व्यक्त कीजिए।
हल-
हम जानते हैं कि 1 Å = 10-10m
अतः . 0.53 Å = 0.53 × 10-10 m = 5.3 × 10-11m.

प्रश्न 2.
कोई छात्र 100 आवर्धन के एक सूक्ष्मदर्शी द्वारा देखकर मनुष्य के बाल की मोटाई मापता है। वह 20 बार प्रेक्षण करता है और उसे ज्ञात होता है कि सूक्ष्मदर्शी के दृश्य क्षेत्र में बाल की औसत मोटाई 3.5 mm है। बाल की मोटाई का अनुमान क्या है ?
हल
आवर्धन =
100 = MP Board Class 11th Physics Important Questions Chapter 2 मात्रक एवं मापन 8
अतः वास्तविक मोटाई =2mm = 3.5 × 10-2 mm.

प्रश्न 3.
निम्नलिखित में सार्थक अंकों की संख्या लिखिए
(a) 0.007 m2,
(b) 0.2370 g cm-3,
(c) 6.320 J,
(d) 6.032 Nm-2,
(e) 0.0006032 m.
हल-
(a) 1
(b) 4
(c) 4
(d) 4
(e) 4.

प्रश्न 4.
धातु के किसी आयताकार शीट की लम्बाई, चौड़ाई व मोटाई क्रमश: 4:234 m, 1.005 m व 2.01 cm है। उचित सार्थक अंकों तक इस शीट का क्षेत्रफल एवं आयतन ज्ञात कीजिए।
हल-
दिया है, लम्बाई l = 4.234 m, चौड़ाई b = 1.005 m, मोटाई h = 2.01 cm = 0.0201 m.
शीट का क्षेत्रफल = 2 (lb+bh + hl) ‘
= 2(4.234 × 1.005 + 1.005 × 0.0201+0-0201 × 4.234)
= 2 (4.25517+0.0202005 +0.0851034)
= 2 × 4.3604739
= 8.7209478 m2

मोटाई में न्यूनतम सार्थक अंक तीन है अत: क्षेत्रफल = 8.72 m2.
शीट का आयतन =l × b × h
= 4.234 ×1.005 × 0.0201
= 0.08552892 m3.
उचित सार्थक अंकों के साथ आयतन = 0.0855 m3 .

प्रश्न 5.
कोई भौतिक राशि P चार प्रेक्षण योग्य राशियों a, b,cad से इस प्रकार संबंधित है P =  a, b, c तथा d के मापन में प्रतिशत त्रुटि क्रमश: 1%,3%, 4% तथा 2% हैं। राशि P के मापन में प्रतिशत त्रुटि ज्ञात कीजिए।
हल-

प्रश्न 6.
किसी घन के घनत्व में अधिकतम प्रतिशत त्रुटि कितनी होगी? यदि उसकी लंबाई में और द्रव्यमान में त्रुटियाँ क्रमश: 2% तथा 5% हैं ?
हल
घनत्व = 

अतः घनत्व में अधिकतम प्रतिशत त्रुटि = 11% है।

प्रश्न 7.
द्रव की एक छोटी बूंद हिलाये जाने पर पृष्ठ तनाव के कारण दोलन करती है। यदि इन दोलनों का आवर्तकाल T उस बूंद्र के द्रव के घनत्व d, बूंद की त्रिज्या r तथा पृष्ठ तनाव S पर निर्भर करता है तो विमीय विधि से आवर्तकाल T का इन राशियों से संबंध ज्ञात कीजिये।
हल- माना T ∝ darbSc
या T= KdarbSc (K = विमाहीन राशि है) ………………….. (1)
विमीय रूप में लिखने पर,
[M°L°T1] = [M1L-3]a [M°L1T°]b[M1L°T-2]
या [M°L°T1] = [M]a+c[L]-3a+b[T]-2c

घातांकों की तुलना करने पर,
a+c = 0 ……………….. (2)
-3a+b = 0 ………… (3)
-2c =1 ………………….. (4)
समी. (2), (3) तथा (4) को हल करने पर,

प्रश्न 8.
m द्रव्यमान का पिण्ड किसी स्प्रिंग के सिरे पर लटका हुआ सरल आवर्त गति करता है। स्प्रिंग का बल नियतांक K तथा दोलनकाल T है। विमीय विधि से सिद्ध कीजिए कि  समीकरण अशुद्ध है। इसका सही रूप ज्ञात कीजिए।
हल- को विमीय रूप में लिखने पर, [T] = = [T2] (2π= विमाहीन राशि है)
चूँकि दोनों पक्षों में T की विमाएँ समान नहीं हैं । अतः समीकरण अशुद्ध है। इसका शुद्ध रूप ज्ञात करने के लिएमाना दोलनंकाल T, द्रव्यमान m की घात a तथा बल नियतांक K की घात b पर निर्भर करता है।
अतः T ∝maKb
या T = K.maKb

परन्तु प्रश्नानुसार समानुपाती नियतांक K = 2 π
T = 2 πmaKb ……………….. (1)
विमीय रूप में लिखने पर,
[T] = [M]a [MT-2]b = [M]a+b[T]-2b
घातांकों की तुलना करने पर,
a+b = 0 ……………….. (2)
तथा -2b =1 ……………… (3)
समी. (2) तथा (3) को हल करने पर,
a =  एंव b = 

प्रश्न 9.
किसी कण के वेग » एवं समय । का समीकरण y = A+ Bt+ , है, तब A, B, C तथा D की विमाएँ लिखिए।
हल-
विमीय समांगता के सिद्धांत के अनुसार किसी समीकरण के प्रत्येक पद की विमा समान होती है। अत: A की विमा = वेग ” की विमा = [L1T-1].
उत्तर B.t की विमा = वेग v की विमा = [L1T-1].
∴ B की विमा =  = [L1T-2].
D की विमा = t की विमा = [T].
अतः  की विमा = वेग v की विमा = [LT-1]
∴ C की विमा = [LT-1] × (D+t) की विमा
∴ C की विमा = [L1]

प्रश्न 10.
ऊर्जा E, लंबाई L, समय Tको मूल मात्रक मानने पर द्रव्यमान की विमा क्या होगी? यदि ऊर्जा E के स्थान पर बल Fलें तो द्रव्यमान की विमा क्या होगी?
उत्तर-

प्रश्न 11.
यदि m द्रव्यमान तथा c वेग को प्रदर्शित करे तो विमीय विधि से ज्ञात कीजिए कि राशि mc किस राशि के तुल्य है ?
हल- mc2 की विमा = द्रव्यमान की विमा × (वेग की विमा).
= M[LT-1]2 = [M1L2T-2]
= ऊर्जा की विमा
अत: mc2 ऊर्जा E के तुल्य है।

प्रश्न 12.
वृत्ताकार पथ पर घूमने वाले कण का अभिकेन्द्र त्वरण कण की चाल तथा वृत्त की त्रिया पर निर्भर है। अभिकेन्द्र त्वरण का सूत्र ज्ञात कीजिए।
हल-
प्रश्नानुसार a ∝ vx.ry
या a = K. vx.ry (K = विमाहीन नियतांक है) ……………………. (1)
विमीय रूप में लिखने पर,
[M0L1T-2] = [M°L1T-1]x [M°LT°]y
या [M°L1T-2] = [M]0 [L]x+y[T] -x

घातांकों की तुलना करने पर,
x+ y =1 ………………… (2)
तथा -x=-2 ……………. (3)
समी. (2) तथा (3) को हल करने पर,
x = 2,y = -1
इन मानों को समी. (1) में रखने पर,
a ∝ v2r-1

प्रश्न 13.
एक पेंचमापी का अल्पतमांक 0.001 सेमी है। इसके द्वारा किसी तार का व्यास 0.025 सेमी मापा गया। इस माप में प्रतिशत त्रुटि की विवेचना कीजिये।
हल-पेंचमापी से ली गई माप x = 0.025 सेमी
माप में अनिश्चितता Δx = 0.001 सेमी

प्रश्न 14.
एक वस्तु का घनत्व 8.4 ग्राम/घन सेमी है जबकि प्रयोग द्वारा इसका मान 8.7 ग्राम/धन सेमी आता है। प्रायोगिक प्रतिशत त्रुटि का परिकलन कीजिए।
हल-

प्रश्न 15.
एक गोले का व्यास 2.348 सेमी है। उचित सार्थक अंकों तक गोले का आयतन तथा पृष्ठ क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
हल- 2R = 2.348 सेमी ⇒ R = 1.174 सेमी
∴ गोले का आयतन V=πR3 =  × 3.14 × (1.174)3
∴ V= 6.674 सेमी3
अतः गोले का पृष्ठ क्षेत्रफल S = 4πR2
∴ S=4 × 3.14 × (1.174)2
⇒ S = 17.311 = 17.31 सेमी2 (सार्थक अंकों में)

प्रश्न 16.
यूरेनियम के एक परमाणु का औसत द्रव्यमान 3.7 × 10-25 किग्रा है। यूरेनियम के 1 ग्राम पिण्ड में यूरेनियम परमाणुओं की संख्या का कोटि मान ज्ञात कीजिए।
हल-प्रश्नानुसार, यूरेनियम के एक परमाणु का द्रव्यमान = 3.7 × 10-25 किग्रा
= 3.7 × 10-22 ग्राम
अत: यूरेनियम के 1 ग्राम पिण्ड में परमाणुओं की संख्या
=  = 2.7 × 1021 = 100 × 1021 = 1021
क्योंकि संख्या 2.7, 10° (या 1) का 2.7 गुना है जबकि 101 (या 10) इस संख्या का 3.7 गुना है। अतः 2.7, 10° के अधिक निकट है अतः परमाणुओं की संख्या का कोटि मान = 1021 होगा।

1. वस्तुनिष्ट प्रश्नः

प्रश्न 1.
प्रकाश वर्ष मात्रक है
(a) समय का
(b) दूरी का
(c) चाल का
(d) प्रकाश तीव्रता का।
उत्तर:
(b) दूरी का

प्रश्न 2.
फर्मी मात्रक है
(a) ऊर्जा का
(b) संवेग का
(c) आवेग का
(d) लम्बाई का।
उत्तर:
(d) लम्बाई का।

प्रश्न 3.
G का विमीय सूत्र है
(a) [M-1L3T-2]
(b) [M-1L2T-3]
(c) [M-2L3T-1]
(d) [M3L-1T-2]
उत्तर:
(a) [M-1L3T-2]

प्रश्न 4.
समान विमाएँ हैं
(a) बल और शक्ति की
(b) दाब और प्रतिबल की
(c) प्रतिबल और विकृति की
(d) दाब और बल की।
उत्तर:
(b) दाब और प्रतिबल की

प्रश्न 5.
ऊर्जा का मात्रक नहीं है.
(a) वॉट
(b) जूल
(c) इलेक्ट्रॉन वोल्ट
(d) कैलोरी।
उत्तर:
(a) वॉट

प्रश्न 6.
4.12 × 105 का कोटिमान है-
(a) 4
(b) 6
(c) 5
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(b) 6

प्रश्न 7.
निम्न में से किस संख्या में चार सार्थक अंक है
(a) 0.630
(b) 0.0024
(c) 6.023
(d) 0.004.
उत्तर:
(c) 6.023

प्रश्न 8.
मूल मात्रक नहीं है
(a) मीटर
(b) केल्विन
(c) लीटर
(d) ऐम्पियर।
उत्तर:
(c) लीटर

प्रश्न 9.
एक प्रकाश वर्ष दूरी बराबर होती है –
(a) 9.46 × 1012 km
(b) 9.46 × 1012 m
(c) 9.46 × 1012 cm
(d) 9.46 × 1010 m.
उत्तर:
(a) 9.46 × 1012 km

प्रश्न 10.
एक सरल लोलक के प्रयोग में यदि लोलक की लम्बाई अचानक बढ़ा दी जाये तो उसके आवर्तकाल में प्रतिशत वृद्धि होगी
(a) 0.5%
(b) 2.0%
(c) 1%
(d) 4-0%
उत्तर:
(c) 1%

प्रश्न 11.
निम्न में विमाहीन राशि है
(a) G
(b) रेनाल्ड संख्या
(c) लैंस की शक्ति P
(d) गैस नियतांक।
उत्तर:
(b) रेनाल्ड संख्या

2. सही जोड़ियाँ बनाइएखण्ड

(I)

खण्ड ‘अ’ खण्ड ‘ब’
1. प्रकाश वर्ष की विमा (a) संवेग की विमाएँ
2. आवृत्ति की विमा होगी (b) प्लांक नियतांक की विमाएँ
3. कोणीय संवेग की विमा बराबर होगी (c) [M°LT°]
4. आवेग की विमाएँ बराबर होगी (d) [ML2T-2].
5. कार्य की विमाएँ होगी . (e) [M°L°T-1].

उत्तर-
1. (c) [M°LT°]
2. (e) [M°L°T-1].
3. (b) प्लांक नियतांक की विमाएँ
4. (a) संवेग की विमाएँ
5. (d) [ML2T-2].

(II)

खण्ड ‘अ’ खण्ड ‘ब’
1. [ML-1T-2] विमीय सूत्र है (a) प्रकाश वर्ष
2. न्यूटन मीटर मात्रक है (b) न्यूटन x सेकण्ड
3. ज्योति तीव्रता का मात्रक (c) दाब
4. संवेग का मात्रक (d) कैण्डेला
5. लम्बी दूरी का मात्रक (e) बल का।

उत्तर-
1. (c) दाब
2. (e) बल का।
3. (d) कैण्डेला
4. (b) न्यूटन x सेकण्ड
5. (a) प्रकाश वर्ष.

(III)

खण्ड ‘अ’ खण्ड ‘ब’
1. दाब या ताप परिवर्तन से होने वाली त्रुटि (a) यादृच्छिक त्रुटि
2. विकिरण द्वारा ऊष्मा हानि त्रुटि का प्रकार होगा (b) व्यक्तिगत त्रुटि
3. उचित पाठ न लिखने से होने वाली त्रुटि (c) बाह्य त्रुटि
4. शून्यांक त्रुटि (d) अपूर्णता की त्रुटि
5. प्रत्येक बार अलग-अलग पाठ्यांक पर होने (e) यंत्रीय त्रुटि। वाली त्रुट

उत्तर-
1. (c) बाह्य त्रुटि
2. (d) अपूर्णता की त्रुटि
3. (b) व्यक्तिगत त्रुटि
4. (e) यंत्रीय त्रुटि। वाली त्रुट
5. (a) यादृच्छिक त्रुटि.

3. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिये

1. किसी 1cm भुजा वाले धन का आयतन ………………. m3 के बराबर है।
उत्तर:
106m3

2. कोई गाड़ी 18 km/hr की चाल से चल रही है तो यह 1 सेकण्ड में …………. m चलती है।
उत्तर:
5 m

3. 3.0 m/s2 = ………….. km/h2.
उत्तर:
3.9 ×10-4km/h2,

4. 2.64 x 1024 किग्रा के सार्थक अंकों की संख्या ……………….. होगी।
उत्तर:
3

5. S.I. पद्धति में मूल मात्रकों की संख्या ………………. है।
उत्तर:
7

6. 1 माइक्रान = …………….. मीटर।
उत्तर:
10-6m,

7. 1A = ……………….. मीटर।
उत्तर:
10-10m

8. मापनकर्ता से होने वाली त्रुटि को ……………… त्रुटि कहते हैं।
उत्तर:
व्यक्तिगत त्रुटि

9. 1 न्यूटन = …………….. डाइन होगा।
उत्तर:
105

10. आवेश का विमीय सूत्र ……………….. है।
उत्तर:
[AT].

4. सत्य/असत्य बताइए-

1. ऊष्मा एवं कार्य के विमीय सूत्र समान होते हैं।
उत्तर:
सत्य

2.v=u+ at सूत्र को विमीय विधि से व्युत्पन्न किया जा सकता है।
उत्तर:
असत्य

3. आवेग तथा संवेग की विमाएँ भिन्न होती हैं।
उत्तर:
असत्य

4. दाब, यंग प्रत्यास्थता गुणांक तथा प्रतिबल का विमीय सूत्र [ML-1T-2] है।
उत्तर:
सत्य

5. ज्योति-तीव्रता का मात्रक कैण्डेला है।
उत्तर:
सत्य

6. मात्रक बदल जाने से भौतिक राशि के सार्थक अंकों की संख्या बदल जाती है।
उत्तर:
असत्य

7. विमीय सूत्र अथवा मात्रक समान होने पर भी भौतिक राशियों का समान होना आवश्यक नहीं है।
उत्तर:
सत्य

8. विमीय विधि से नियतांक का मान ज्ञात कर सकते हैं। |
उत्तर:
असत्य

9. विमीय विधि से तीन से अधिक भौतिक राशियों पर निर्भर राशि का सूत्र निकाला जा सकता है।
उत्तर:
असत्य

10. किसी राशि के माप में जितने अधिक सार्थक अंक होते हैं, उस राशि की माप उतनी ही अधिक यथार्थ होती है।
उत्तर:
सत्य।

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