MP Board Class 11th Physics Important Questions Chapter 6 कार्य, ऊर्जा और शक्ति
MP Board Class 11th Physics Important Questions Chapter 6 कार्य, ऊर्जा और शक्ति
MP Board Class 11th Physics Important Questions Chapter 6 कार्य, ऊर्जा और शक्ति
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
कार्य किसे कहते हैं ? यह कैसी राशि है ?
उत्तर-
जब कोई बल लगाने से वस्तु का विस्थापन होता है, तो बल द्वारा कार्य किया जाता है। किसी बल द्वारा किया गया कार्य बल तथा बल की दिशा में उत्पन्न हुए विस्थापन के गुणनफल के बराबर होता है। यह एक अदिश राशि है। इसका SI मात्रक जूल तथा विमीय सूत्र [M1 L2T-2] है। 1जूल = 107 अर्ग होता है।
प्रश्न 2.
1 जूल से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
यदि 1 न्यूटन का बल लगाकर किसी वस्तु को बल की दिशा में 1 मीटर विस्थापित किया जाता है, तो वस्तु पर किया गया कार्य 1 जूल कहलाता है।
प्रश्न 3.
1 अर्ग को परिभाषित कीजिए।
उत्तर-
यदि 1 डाइन का बल लगाकर किसी वस्तु को बल की दिशा में 1 सेमी तक विस्थापित किया जाता है, तो किया गया कार्य 1 अर्ग कहलाता है।
प्रश्न 4.
शून्य कार्य किसे कहते हैं ? .
उत्तर-
यदि वस्तु पर बल लगाने के फलस्वरूप वस्तु का विस्थापन शून्य हो या वस्तु का विस्थापन; बल की दिशा के लंबवत् हो, तो बल द्वारा किया गया कार्य शून्य होता है। यदि दीवार को धक्का लगाया जाये तो, चूँकि दीवार का विस्थापन नहीं होता, अतः किया गया कार्य शून्य होता है।
प्रश्न 5.
ऊर्जा से क्या तात्पर्य है ? इसका SI मात्रक लिखिये। यह कैसी राशि है ?
उत्तर-
ऊर्जा-किसी वस्तु के कार्य करने की क्षमता को उसकी ऊर्जा कहते हैं । इसका SI मात्रक जूल है। यह एक अदिश राशि है।
प्रश्न 6.
एक पिण्ड पर बल लगाकर उसे विस्थापित किया जाता है। पिण्ड पर किस दिशा में बल लगाने पर महत्तम कार्य होगा?
उत्तर-
कार्य w= F.d cos θ के अनुसार बल, विस्थापन की दिशा में लगाने पर महत्तम कार्य प्राप्त होगा, जबकि विस्थापन की लंबवत् दिशा में बल लगाने से कार्य शून्य होगा एवं विस्थापन की विपरीत दिशा में बल लगाने से प्राप्त कार्य न्यूनतम (ऋणात्मक) होगा।
प्रश्न 7.
ऊर्जा संरक्षण का नियम लिखिये।
उत्तर-
इस नियमानुसार-“ऊर्जा को न तो नष्ट किया जा सकता है और न ही उत्पन्न किया जा सकता है। इसे केवल एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित किया जा सकता है।”
प्रश्न 8.
एक व्यक्ति कुछ वजन लेकर सड़क पर 10 मीटर की दूरी चलता है, उसके द्वारा गुरुत्वीय बल के विरुद्ध कितना कार्य किया जायेगा?
उत्तर-
शून्य, क्योंकि व्यक्ति का विस्थापन; गुरुत्वीय बल की दिशा के लंबवत् है।
प्रश्न 9. परिवर्ती बल से क्या समझते हो ? उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर-
जब किसी वस्तु पर आरोपित बल का मान तथा दिशा समय के साथ या वस्तु की स्थिति के साथ दलते रहते हैं, तो इस प्रकार के बल को परिवर्ती बल कहते हैं । उदाहरण के लिए, किन्हीं दो वस्तुओं के मध्य ने वाला गुरुत्वाकर्षण बल दोनों वस्तुओं के बीच की दूरी पर निर्भर करता है। अतः गुरुत्वाकर्षण बल एक वर्ती बल है।
प्रश्न 10.
क्या यह संभव है कि किसी वस्तु की गति त्वरित हो तथा उस पर नियत परिमाण का बल रहा हो, फिर भी उस बल द्वारा किया गया कार्य शून्य हो ?
उत्तर-
हाँ, वृत्तीय गति में अभिकेन्द्री बल द्वारा किया गया कार्य शून्य होता है।
प्रश्न 11.
यांत्रिक ऊर्जा क्या है ? यह कितने प्रकार की होती है ?
उत्तर–
किसी वस्तु की यान्त्रिक कारणों से कार्य करने की जितनी क्षमता होती है, उसे उस वस्तु की यान्त्रिक ऊर्जा कहते हैं। यह दो प्रकार की होती है
- गतिज ऊर्जा-किसी वस्तु की गति के कारण वस्तु में जितनी ऊर्जा होती है, उसे उस वस्तु की गतिज ऊर्जा कहते हैं।
- स्थितिज ऊर्जा-किसी वस्तु में उसकी स्थिति के कारण निहित ऊर्जा को उसकी स्थितिज ऊर्जा कहते हैं।
प्रश्न 12.
किसी वस्तु का यदि वेग दो गुना कर दिया जाये, तो उसकी गतिज ऊर्जा कितनी गुना बढ़ जायेगी? . .
उत्तर-
चार गुनी हो जायेगी, क्योंकि गतिज ऊर्जा =
mv2 होती है।
प्रश्न 13.
पृथ्वी तल से h ऊँचाई पर किसी पिण्ड की गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा का सूत्र लिखिये।
उत्तर-
पृथ्वी तल से h ऊँचाई पर m द्रव्यमान के किसी पिण्ड की गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा = mgh.
प्रश्न 14.
जब किसी बन्दूक से चलाई गई गोली किसी लक्ष्य से टकराकर रुक जाती है तो उसकी गतिज ऊर्जा किन-किन रूपों में परिवर्तित हो जाती है ?
उत्तर-
गोली की गतिज ऊर्जा लक्ष्य की आकृति या आकार बदलने में (अर्थात् लक्ष्य की प्रत्यास्थ स्थितिज ऊर्जा के रूप में) ध्वनि ऊर्जा के रूप में तथा ऊष्मीय ऊर्जा के रूप में परिवर्तित होगी।
प्रश्न 15.
शक्ति से क्या तात्पर्य है ? इसके मात्रक लिखिए। यह कैसी राशि है ?
उत्तर-
किसी मशीन द्वारा कार्य करने की दर को उसकी शक्ति कहते हैं।
अर्थात्

इसका SI मात्रक वाट है। शक्ति एक अदिश राशि है।
प्रश्न 16. वाट से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर-
जब 1 जूल कार्य 1 सेकण्ड तक किया जाता है, तो उत्पन्न होने वाली शक्ति को 1 वाट कहते हैं।
प्रश्न 17.
1 अश्व शक्ति का मान बताइये।
उत्तर-
1 अश्व शक्ति (H.P.) = 746 वाट होता है।
प्रश्न 18.
संघट्ट से क्या तात्पर्य है ? संघट्ट के दौरान किन-किन भौतिक राशियों का आदानप्रदान होता है ?
उत्तर-
दो वस्तुओं का आपस में टकराना या उनके मध्य अन्योन्य क्रिया का होना संघट्ट कहलाता है। संघट्ट के दौरान वस्तुओं के संवेग तथा गतिज ऊर्जा का आदान-प्रदान होता है।
प्रश्न 19.
संघट्ट कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर-
संघट्ट दो प्रकार के होते हैं
- प्रत्यास्थ संघट्ट-इनमें निकाय का संवेग तथा गतिज ऊर्जा दोनों संरक्षित रहते हैं।
- अप्रत्यास्थ संघट्ट-इनमें संवेग संरक्षित रहता है, किन्तु गतिज ऊर्जा संरक्षित नहीं होती है।
प्रश्न 20.
1 किलोवाट तथा 1 मेगावाट में कितने वाट होते हैं ?
उत्तर-
1 किलोवाट = 103 वाट होता है।
1 मेगावाट = 106 वाट होता है।
प्रश्न 21.
शक्ति सदिश राशि है या अदिश राशि ? इसका विमीय सूत्र बताइये।
उत्तर-
शक्ति एक अदिश राशि है। इसका विमीय सूत्र [M1L2T-3] होता है।
प्रश्न 22.
गतिज ऊर्जा की माप कैसे की जाती है ?
उत्तर-
गतिज ऊर्जा की माप कार्य की उस मात्रा से की जाती है, जो उस वस्तु को विरामावस्था से वर्तमान गति की अवस्था तक लाने में किया जाता है, अथवा वह वस्तु अपनी वर्तमान गति की अवस्था से विरामावस्था तक आने में कर सकती है।
प्रश्न 23.
क्या संघट्ट के लिए पदार्थों का परस्पर संपर्क आवश्यक है ?
उत्तर-
संघट्ट में दो टकराने वाले पिण्डों में भौतिक संपर्क आवश्यक नहीं है। उदाहरण के तौर पर रदरफोर्ड के α कणों के प्रकीर्णन के प्रयोग में α कण का नाभिक से भौतिक संपर्क नहीं होता, बल्कि a कण तथा नाभिक के बीच स्थित वैद्युत् परस्पर क्रिया के कारण α कण नाभिक से कुछ दूर से ही प्रकीर्णित हो जाते हैं।
प्रश्न 24.
अचर बल से क्या तात्पर्य है ? अचर बल द्वारा किये गये कार्य का सूत्र लिखिए।
उत्तर-
वह बल जो परिमाण व दिशा में नियत रहता है, अचर बल कहलाता है। अचर बल द्वारा किया गया कार्य = बल × बल की दिशा में विस्थापन
∴ W = F.d cosθ
प्रश्न 25.
एक पिण्ड पर बल लगाकर उसे विस्थापित किया जाता है। पिण्ड पर किस दिशा में बल लगाने पर महत्तम कार्य होगा?
उत्तर-
विस्थापन की दिशा में बल लगाने पर कार्य महत्तम होगा।
प्रश्न 26.
पिण्ड पर किस दिशा में बल लगाने पर कार्य शून्य होगा?
उत्तर-
विस्थापन की लंबवत् दिशा में बल लगाने पर कार्य शून्य होगा।
चूँकि W = F.d cosθ
यदि θ = 90°
तो w = Fd cos 90° = 0.
प्रश्न 27.
एक कार क्षैतिज समतल घर्षण युक्त सड़क पर एकसमान वेग से जा रही है। बताइए कि कार द्वारा कार्य किया जा रहा है या नहीं?
उत्तर-
कार द्वारा घर्षण बल के विरुद्ध कार्य किया जा रहा है।
प्रश्न 28.
क्या यह संभव है कि किसी वस्तु की गति त्वरित हो तथा उस पर नियत परिमाण का बल लग रहा हो, फिर भी उस बल द्वारा वस्तु पर किया गया कार्य शून्य हो ?
उत्तर-
हाँ, वृत्तीय गति में अभिकेन्द्री बल द्वारा किया गया कार्य शून्य होता है।
प्रश्न 29.
परिवर्ती बल द्वारा किये गये कार्य की माप किस प्रकार की जाती है ?
उत्तर-
परिवर्ती बल द्वारा किये गये कार्य की माप, बल तथा विस्थापन के बीच ग्राफ खींचकर बलविस्थापन वक्र द्वारा विस्थापन अक्ष से घिरे क्षेत्रफल द्वारा की जाती है।
प्रश्न 30.
एक दबी हुई स्प्रिंग की प्रत्यास्थ स्थितिज ऊर्जा का सूत्र उसमें प्रयुक्त संकेतों का अर्थ स्पष्ट करते हुए लिखिये।
उत्तर-
स्प्रिंग की प्रत्यास्थ स्थितिज ऊर्जा =
=Kx2, जहाँ K स्प्रिंग का बल नियतांक (या स्प्रिंग नियतांक) तथा x उसकी सामान्य स्थिति में विस्थापन है।
प्रश्न 31.
क्या विद्युत् बल्ब के जलने में ऊर्जा परिवर्तन होता है ?
उत्तर-
विद्युत् बल्ब के जलने में विद्युत् ऊर्जा का प्रकाश ऊर्जा तथा ऊष्मीय ऊर्जा में परिवर्तन होता है।
प्रश्न 32.
ऊर्जा के विभिन्न स्वरूप कौन-कौन से हैं ?
उत्तर-
ऊर्जा के विभिन्न स्वरूप यान्त्रिक ऊर्जा, ऊष्मीय ऊर्जा, प्रकाश ऊर्जा, चुम्बकीय ऊर्जा, विद्युत् स, ध्वनि ऊर्जा, रासायनिक ऊर्जा, नाभिकीय ऊर्जा इत्यादि हैं।
प्रश्न 33.
किलोवाट घंटा किसका मात्रक है ? 1 किलोवाट-घंटा कितने जूल के बराबर है ?
उत्तर-
किलोवाट-घंटा ऊर्जा का मात्रक है।
1 किलोवाट घंटा = 1000 वाट × 1 घंटा
= 1000 जूल/सेकण्ड × (3600) सेकण्ड = 3.6 × 106 जूल।
प्रश्न 34.
क्या यह संभव है कि किसी अन्योन्य क्रिया में संवेग तो संरक्षित रहे, लेकिन गतिज ऊर्जा संरक्षित नहीं रहे?
उत्तर-
हाँ, यह संभव है कि किसी अन्योन्य क्रिया में संवेग तो संरक्षित रहे, लेकिन गतिज ऊर्जा नहीं, यह संभव होता है, अप्रत्यास्थ संघट्ट में।
प्रश्न 35.
क्या किसी अन्योन्य क्रिया में संवेग तथा गतिज ऊर्जा दोनों संरक्षित रह सकते हैं ?
उत्तर-
हाँ, प्रत्यास्थ संघट्ट में संवेग तथा गतिज ऊर्जा दोनों संरक्षित रहते हैं।
प्रश्न 36.
दो समान द्रव्यमान के पिण्ड एक ही रेखा में क्रमशःu1, तथा u2, वेग से गति करते हुए प्रत्यास्थ संघट्ट करते हैं। संघट्ट के बाद उनके वेग क्या होंगे?
उत्तर-
माना संघट्ट के बाद उनके वेग क्रमशःv1, तथा v2, हैं, तो
संवेग संरक्षण नियम से, mu1 + mu2 = mv1+ mv2
या u1 + u2 = V1 + V2 ………(1)
तथा प्रत्यास्थ संघट्ट के लिए v1 – v2 = – (u1-u2)…………………. (2)
उपर्युक्त समीकरणों को हल करने पर, v1 = u2 तथा v2=u1
अर्थात् पिण्डों के वेग परस्पर बदल जाते हैं।
प्रश्न 37.
नदी के बहाव के विपरीत नाव को खेने वाले व्यक्ति का किनारे के सापेक्ष वेग शून्य है। क्या व्यक्ति कोई कार्य कर रहा है ?
उत्तर-
व्यक्ति कार्य कर रहा है, क्योंकि नाव का वेग, बहाव के बराबर व विपरीत है।
प्रश्न 38.
एक कार घर्षण युक्त समतल सड़क पर एकसमान वेग से चल रही है, क्या वह कोई कार्य कर रही है?
उत्तर-
हाँ, कार घर्षण के विरुद्ध कार्य कर रही है।
प्रश्न 39.
क्या कोई उपग्रह अपनी कक्षा में घूमते हुए पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के विरुद्ध कोई कार्य करता है ? क्यों?
उत्तर-
नहीं, क्योंकि उपग्रह की गति की दिशा सदैव गुरुत्व बल की दिशा के लंबवत् होती है। . एवं चूँकि
w = F.d cos θ
और लंबवत् होने पर, θ = 90°
अतः W = Fd cos90° = 0
प्रश्न 40.
बल-विस्थापन वक्र तथा विस्थापन अक्ष से घिरा क्षेत्रफल क्या दर्शाता है ?
उत्तर-
बल द्वारा किया गया कार्य।
प्रश्न 41.
चाबी भरी हुई घड़ी की स्प्रिंग में कैसी ऊर्जा होती है ?
उत्तर-
प्रत्यास्थ स्थितिज ऊर्जा होती है।
प्रश्न 42.
समान आवेशों के मध्य प्रतिकर्षण बल कार्य करता है। यदि उन्हें पास लाया जाये, तो स्थितिज ऊर्जा बढ़ेगी या घटेगी? ..
उत्तर-
इस स्थिति में स्थितिज ऊर्जा बढ़ेगी, क्योंकि प्रतिकर्षण बल के विरुद्ध कार्य करना पड़ेगा।
प्रश्न 43.
निम्नलिखित यन्त्र किस ऊर्जा को किस ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं
उत्तर-
- डायनेमो-यान्त्रिक ऊर्जा को विद्युत् ऊर्जा में।
- विद्युत् मोटर-विद्युत् ऊर्जा को यान्त्रिक ऊर्जा में।
- प्रकाश विद्युत् सेल-प्रकाश ऊर्जा को विद्युत् ऊर्जा में।
- लाउडस्पीकर-विद्युत् ऊर्जा को ध्वनि ऊर्जा में।
- विद्युत् बल्ब का जलना-विद्युत् ऊर्जा को प्रकाश ऊर्जा में।
- एक पत्थर का ऊपर से गिरना-स्थितिज ऊर्जा का गतिज ऊर्जा में।
प्रश्न 44.
ऊँचाई पर स्थित एक पिण्ड में गतिज ऊर्जा शून्य होती है, परन्तु पृथ्वी पर उसमें गतिज ऊर्जा कहाँ से आ जाती है, जबकि वस्तु की कुल ऊर्जा नियत रहती है ?
उत्तर-
पिण्ड में निहित स्थितिज ऊर्जा ही गतिज ऊर्जा में परिवर्तित होती है।
प्रश्न 45.
किसी वस्तु को ऊपर फेंकने पर किस प्रकार की यान्त्रिक ऊर्जा बढ़ती है और नीचे गिरने पर कौन-सी गतिज ऊर्जा बढ़ती है ?
उत्तर-
ऊपर फेंकने पर स्थितिज ऊर्जा बढ़ती है तथा नीचे गिरने पर गतिज ऊर्जा बढ़ती है।
प्रश्न 46.
अप्रत्यास्थ संघट्ट में गतिज ऊर्जा में होने वाली हानि का क्या होता है ?
उत्तर-
अप्रत्यास्थ संघट्ट में गतिज ऊर्जा में होने वाली हानि टकराने वाले पिण्डों की आन्तरिक उत्तेजन ऊर्जा अथवा ऊष्मीय तथा ध्वनि ऊर्जा में बदल जाती है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
दो सदिशों के अदिश गुणनफल का ज्यामितीय अर्थ समझाते हुए उसके गुण लिखिए।
उत्तर-

प्रश्न 2.
दो सदिशों के सदिश गुणनफल का ज्यामितीय अर्थ समझाते हुए उसके गुण लिखिए। .
उत्तर-


प्रश्न 3.
किसी वस्तु द्वारा किये गये कार्य तथा किसी वस्तु पर किये गये कार्य को उदाहरण सहित समझाइये।
उत्तर-
जब वस्तु का विस्थापन, बाहरी लगाये गये बल की दिशा में होता है, तो वस्तु पर कार्य किया जाता है। इसके विपरीत जब वस्तु का विस्थापन, बलं की विपरीत दिशा में होता है, तो वस्तु द्वारा कार्य किया जाता है। उदाहरण-किसी पत्थर के टुकड़े को ऊर्ध्वाधरत: ऊपर उठाने के लिए पत्थर के भार के बराबर ऊपर की ओर बाह्म बल लगाना होता है तथा विस्थापन भी ऊपर की ओर होता है। अतः पत्थर पर कार्य किया जाता है। इसके विपरीत जब पत्थर नीचे गिरता है, तो पत्थर द्वारा कार्य किया जाता है।
प्रश्न 4.
गतिज ऊर्जा से क्या तात्पर्य है ? गतिज ऊर्जा की माप किस प्रकार की जाती है ? इसका व्यंजक निगमित कीजिए। .
उत्तर-
गतिज ऊर्जा-किसी वस्तु में उसकी गति के कारण निहित ऊर्जा को उसकी गतिज ऊर्जा कहते हैं। इसकी माप गति की दिशा के विरुद्ध लगाये गये बल द्वारा किये गये उस कार्य से की जाती है, जो वस्तु को रोकने के लिए किया जाता है।
माना m द्रव्यमान का पिण्ड v वेग से गतिमान है। पिण्ड पर गति की दिशा के विरुद्ध F बल लगाने से वह x दूरी चलकर रुक जाता है, तो पिण्ड की गतिज ऊर्जा = बल द्वारा पिण्ड पर किया गया कार्य
= बल × विस्थापन
=F.x …………….(1)
लेकिन F = ma से,

प्रश्न 5.
सिद्ध कीजिए कि किसी पिण्ड पर लगाये गये बल द्वारा पिण्ड को विस्थापित करने में किया गया कार्य, उसकी गतिज ऊर्जा में वृद्धि के बराबर होता है ?
अथवा
कार्य-ऊर्जा प्रमेय क्या है ? इसे सिद्ध कीजिए जबकि बल अचर हो?
उत्तर-
कार्य-ऊर्जा प्रमेय के अनुसार-“किसी पिण्ड पर लगाये गये बल द्वारा पिण्ड को विस्थापित करने में किया गया कार्य उसकी गतिज ऊर्जा में वृद्धि के बराबर होता है।”
माना कोई पिण्ड किसी प्रारम्भिक वेग ५ से गतिमान है। उस पर कोई बल F, t सेकण्ड तक लगाने से उसका अंतिम वेग v हो जाता है। यदि पिण्ड द्वारा इस समय में चली गयी दूरी x है। तब समीकरण v2 = u2 +2as से,
v2 =u2 +2ax
अतः 2ax = v2 – u2

अर्थात् किया गया कार्य = अंतिम गतिज ऊर्जा – प्रारम्भिक गतिज ऊर्जा यही कार्य-ऊर्जा प्रमेय है।
प्रश्न 6.
एक हल्की तथा भारी वस्तु के संवेग समान हैं, किसकी गतिज ऊर्जा अधिक होगी?
उत्तर-
माना m द्रव्यमान की कोई वस्तु v वेग से गतिमान है। तब वस्तु का संवेग p= m.v ……………….. (1)

प्रश्न 7.
परिवर्ती बल द्वारा किये गये कार्य के लिए व्यंजक प्राप्त कीजिए।
उत्तर-
मानलो किसी वस्तु पर एक परिवर्ती बल F(x), X-अक्ष की दिशा में आरोपित किया गया है, जो वस्तु को X-अक्ष की दिशा में x1 से x2, तक विस्थापित कर देता है। चित्र (a) और (b) में बल F(x) और विस्थापन x के मध्य बल-विस्थापन वक्र प्रदर्शित किया गया है।
– परिवर्ती बल द्वारा किये गये कार्य की गणना के लिए सम्पूर्ण विस्थापन को कई छोटे-छोटे और समान अन्तराल Δx के खण्डों में विभाजित किया जा सकता है। इस प्रकार बल-विस्थापन वक्र और X- अक्ष के बीच . का क्षेत्रफल Δx अन्तराल की कई पट्टियों में विभाजित हो जाता है।

यदि अन्तराल Δx पर्याप्त छोटा है, तो प्रत्येक अन्तराल में बल को लगभग अचर माना जा सकता है। इस प्रकार दिये गये बिन्दु x पर वस्तु को Δx दूरी तक विस्थापित करने में किया गया कार्य
ΔW = F(x)Δx
अत: वस्तु को से x1, तक विस्थापित करने में किया गया कुल कार्य x1 और xn के बीच सभी खण्डों के संगत किये गये कार्य में योगफल के लगभग बराबर होगा। इस प्रकार,
![]()
जहाँ संकेत Σ योग को प्रदर्शित करता है।
यदि विस्थापन का अन्तराल Δx बहुत छोटा हो तो समी. (1) को समाकल के रूप में निम्न प्रकार से लिखा जाता है
![]()
= बल-विस्थापन वक्र तथा X-अक्ष के मध्य x1 से x2 तक का क्षेत्रफल
अत: किसी परिवर्ती बल द्वारा किया गया कार्य बल-विस्थापन वक्र और विस्थापन अक्ष के मध्य घिरे क्षेत्रफल के बराबर होता है।
प्रश्न 8.
एक हल्की तथा भारी वस्तु की गतिज ऊर्जा समान है। किसका संवेग अधिक होगा ?
उत्तर-

प्रश्न 9.
पृथ्वी तल से h ऊँचाई पर किसी पिण्ड की गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा का सूत्र व्युत्पन्न कीजिये।
उत्तर-
माना पृथ्वी तल पर m द्रव्यमान की कोई वस्तु रखी है। इसकी गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा शून्य है। यदि इसे h ऊँचाई तक उठाया जाये, तो उस पर वस्तु के भार या गुरुत्वीय बल mg के विरुद्ध कार्य करना पड़ेगा जो वस्तु में गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा के रूप में एकत्रित हो जायेगा।
अत: वस्तु की गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा = वस्तु को h ऊँचाई तक ले जाने में किया गया कार्य
= गुरुत्वीय बल × विस्थापन = mgh.
यही गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा है।
प्रश्न 10.
स्प्रिंग को खींचने में किये गये कार्य की गणना कीजिये।
उत्तर-
आदर्श प्रत्यास्थ स्प्रिंग के लिए बल, विस्थापन के समानुपाती होता है। अत: बल और विस्थापन के बीच खींचा गया वक्र चित्रानुसार एक सरल रेखा होती है।
बल-विस्थापन वक्र में कोई बिन्दु A लो। माना A के संगत स्प्रिंग का विस्थापन x है। अत: A के संगत स्प्रिंग पर बल F = Kx होगा।

स्प्रिंग को x दूरी तक खींचने में किया गया कार्य, बल-विस्थापन वक्र और x = 0 तथा x = x के बीच घिरे क्षेत्रफल के बराबर होगा। इस प्रकार स्प्रिंग को खींचने में किया गया कार्य
W = ΔABO का क्षेत्रफल
=
× OB × AB
=
x . Kx =
Kx2
यही कार्य स्प्रिंग में स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित हो जाता है। अतः स्प्रिंग की स्थितिज ऊर्जा
W =
Kx2.
प्रश्न 11.
द्रव्यमान-ऊर्जा समतुल्यता समझाकर लिखिए।
उत्तर:
आइन्स्टीन के अनुसार-“द्रव्यमान को ऊर्जा में तथा ऊर्जा को द्रव्यमान में परिवर्तित किया जा सकता है।”
यदि m किग्रा द्रव्यमान को ऊर्जा में बदलें, तो ऊर्जा E = mc2 जूल प्राप्त होगी, जहाँ c प्रकाश की चाल (c=3 × 108 मीटर/सेकण्ड) है। इसी प्रकार यदि E ऊर्जा को द्रव्यमान में बदलें, तो द्रव्यमान
प्राप्त होता है।
इसे आइन्स्टीन का द्रव्यमान-ऊर्जा तुल्यता सिद्धांत कहते हैं । अतः इस सिद्धांत के अनुसार E = mc2.
उदाहरणस्वरूप-यदि 1 किग्रा द्रव्यमान ऊर्जा में बदले, तो प्राप्त ऊर्जा
E = 1 × (3 × 108) = 9 × 1016 जूल होगी।
प्रश्न 12.
संघट्ट से क्या तात्पर्य है ? प्रत्यास्थ और अप्रत्यास्थ संघट्ट में अंतर लिखिये।
उत्तर:
दो वस्तुओं का आपस में टकराना या उनके मध्य अन्योन्य क्रिया का होना संघट्ट कहलाता है। दैनिक जीवन में क्रिकेट के बल्ले का गेंद से टकराना, सड़क पर वाहनों का टकराना इत्यादि।
प्रत्यास्थ और अप्रत्यास्थ संघट्ट में अन्तर
| प्रत्यास्थ संघट्ट | अप्रत्यास्थ संघट्ट |
| 1. इस संघट्ट में निकाय का संवेग और गतिज ऊर्जा दोनों संरक्षित रहते हैं। | 1. इस संघट्ट में निकाय का संवेग तो संरक्षित रहता है, किन्तु गतिज ऊर्जा संरक्षित नहीं रहती। |
| 2. परमाणुओं, अणुओं और परमाण्वीय कणों के मध्य होने वाले संघट्ट प्रत्यास्थ संघट्ट हैं। | 2. कीचड़ का दीवार पर छिटककर चिपकना, गोली का लक्ष्य के अन्दर घुसकर रुक जाना अप्रत्यास्थ संघट्ट के उदाहरण हैं। |
प्रश्न 13.
यदि किसी वस्तु का संवेग चार गुना कर दिया जाये, तो गतिज ऊर्जा कितनी हो जायेगी ?
उत्तर

या
E = 16E1, अर्थात् गतिज ऊर्जा 16 गुनी हो जायेगी।
प्रश्न 14.
यदि किसी वस्तु की गतिज ऊर्जा चार गुनी कर दी जायें, तो संवेग कितना हो जायेगा ?
उत्तर-

∴ p2 = 2p1
अर्थात् संवेग दो गुना हो जायेगा।
प्रश्न 15.
m द्रव्यमान की वस्तु वेग से चल रही है। यदि वस्तु का संवेगp तथा गतिज ऊर्जा K हो, .. तो सिद्ध कीजिए कि p = ![]()
उत्तर-
माना m द्रव्यमान की कोई वस्तु v वेग से गतिमान है।
तब वस्तु का संवेग p = m.v ………………….. (1)
एवं वस्तु की गतिज ऊर्जा K=
mv2 ………………………..(2)

प्रश्न 16. किसी गेंद को पृथ्वी तल से ऊर्ध्वाधर ऊपर की ओर 10 जूल प्रारम्भिक गतिज ऊर्जा से फेंका गया। अधिकतम ऊँचाई प्राप्त करने के बाद वह पृथ्वी की ओर लौटना प्रारम्भ करती है(1) उच्चतम बिन्दु पर उसकी गतिज तथा स्थितिज ऊर्जा कितनी होगी, (2) पृथ्वी तल पर वापस पहुँचने के क्षण उसकी गतिज ऊर्जा कितनी होगी? .
उत्तर-
(1) उच्चतम बिन्दु पर गेंद का वेग v = 0 अतः गतिज ऊर्जा शून्य होगी।
ऊर्जा संरक्षण के नियमानुसार उच्चतम बिन्दु पर पहुँचने पर गेंद की प्रारम्भिक गतिज ऊर्जा, स्थितिज ऊर्जा में बदल जायेगी अर्थात् उच्चतम बिन्दु पर स्थितिज ऊर्जा = प्रारम्भिक गतिज ऊर्जा = 10 जूल।
(2) पृथ्वी तल पर वापस पहुँचने के क्षण पर गेंद की गतिज ऊर्जा उतनी ही होगी जितनी कि गेंद को ऊपर फेंकने के क्षण पर थी (क्योंकि वेग समान होगा) अर्थात् पृथ्वी तल पर वापिस पहुँचने के क्षण गेंद की गतिज ऊर्जा = 10 जूल।
प्रश्न 17.
K1, तथा K2, स्प्रिंग नियतांक वाली दो स्प्रिंगों A तथा B को समान बल लगाकर खींचा जाता है। उनमें संचित स्थितिज ऊर्जाओं की तुलना कीजिए।
उत्तर-

प्रश्न 18.
किसी वस्तु पर किसी बल द्वारा किये गये कार्य निम्न स्थितियों में धनात्मक हैं या ऋणात्मक समझाइए
(i) किसी व्यक्ति द्वारा किसी कुएँ में से रस्सी से बँधी बाल्टी को रस्सी द्वारा बाहर निकालने में किया गया कार्य।
(ii) उपर्युक्त स्थिति में गुरुत्वीय बल द्वारा किया गया कार्य।
(iii) किसी आनत तल पर फिसलती हुई किसी वस्तु पर घर्षण द्वारा किया गया कार्य।
(iv) किसी खुरदरे क्षैतिज तल पर एकसमान वेग से गतिमान वस्तु पर लगाये गये बल द्वारा किया गया कार्य।
उत्तर-
(i) इस स्थिति में व्यक्ति द्वारा लगाये गये बल एवं विस्थापन की दिशा समान है, अतः θ= 0° है और कार्य W = Fd cos0°, W = Fd धनात्मक होगा।
(ii) गुरुत्वीय बल एवं विस्थापन एक-दूसरे के विपरीत हैं। θ = 180°, कार्य W = Fd cos180° = -Fd कार्य ऋणात्मक होगा।
(iii) इस स्थिति में भी कार्य ऋणात्मक है, क्योंकि घर्षण बल एवं विस्थापन की दिशा विपरीत है। (θ= 180°)
(iv) वस्तु बल की दिशा में गतिशील है, अतः θ =0° होगा एवं कार्य धनात्मक है।
प्रश्न 19.
धनात्मक, ऋणात्मक तथा शून्य कार्य से आप क्या समझते हैं ? प्रत्येक को उदाहरण सहित समझाइये।
उत्तर-
धनात्मक कार्य-जब वस्तु का विस्थापन बल की दिशा में होता है, अथवा बल और विस्थापन के बीच का कोण न्यूनकोण (90° से छोटा) होता है, तो बल द्वारा किया गया कार्य धनात्मक होता है, तथा हम कहते हैं कि बल द्वारा वस्तु पर कार्य किया जाता है, इस स्थिति में वस्तु की ऊर्जा में वृद्धि होती है।
उदाहरण-पत्थर को ऊपर उठाने में उसके भार के बराबर ऊपर की ओर बल लगाना पड़ता है तथा पत्थर का विस्थापन भी ऊपर की ओर होता है, अतः पत्थर पर बाह्य बल द्वारा किया गया कार्य धनात्मक होता है।
ऋणात्मक कार्य-जब वस्तु का विस्थापन बल की दिशा के विपरीत होता है, अथवा बल और विस्थापन के बीच का कोण अधिक कोण (90° से बड़ा) होता है, तो बल द्वारा वस्तु पर किया गया कार्य ऋणात्मक होता है तथा हम कहते हैं कि वस्तु द्वारा कार्य किया जाता है, इस स्थिति में वस्तु की ऊर्जा में कमी होती है।
उदाहरण-पत्थर को उठाने में गुरुत्वीय बल नीचे की ओर तथा विस्थापन ऊपर की ओर होता है, अतः गुरुत्वीय बल द्वारा पत्थर पर किया गया कार्य ऋणात्मक होता है।
शून्य कार्य-यदि वस्तु पर बल लगाने के फलस्वरूप वस्तु का विस्थापन शून्य होता है अथवा वस्तु का विस्थापन बल की दिशा के लंबवत् होता है, तो बल द्वारा वस्तु पर किया गया कार्य शून्य होता है। इस स्थिति में वस्तु की ऊर्जा अपरिवर्तित रहती है।
उदाहरण-यदि हम दीवार पर धक्का लगायें, तो चूँकि दीवार का विस्थापन नहीं होता, अत: हमारे द्वारा किया गया कार्य शून्य होगा।
प्रश्न 20.
किसी वस्तु द्वारा किये गये कार्य तथा किसी वस्तु पर किये गये कार्य का अन्तर उदाहरण देकर समझाइये।
उत्तर-
जब वस्तु का विस्थापन बाह्य लगाये गये बल की दिशा में होता है, तो वस्तु पर कार्य किया जाता है। इसके विपरीत जब वस्तु का विस्थापन बल के विपरीत दिशा में होता है, तो वस्तु द्वारा कार्य किया जाता है।
उदाहरण के लिए-किसी पत्थर के टुकड़े को ऊर्ध्वाधरतः ऊपर उठाने के लिये पत्थर के भार के बराबर ऊपर की ओर बल लगाना होता है तथा विस्थापन भी ऊपर की ओर होता है, अतः पत्थर पर कार्य किया जाता है। इसके विपरीत जब पत्थर नीचे गिरता है, तो पत्थर द्वारा कार्य किया जाता है।
प्रश्न 21.
एक हल्का पिण्ड वेग से गति करता हुआ विरामावस्था में रखे हुए भारी पिण्ड से प्रत्यास्थ संघट्ट करता है, संघट्ट के पश्चात् उनके वेग क्या होंगे?
उत्तर-
माना संघट के पश्चात् हल्के सिण्ड (द्रव्यमान m ) का वेग v1 तथा भारी पिण्ड (द्रव्यमान M) का वेग v2 हो जाता है, तो संवेग संरक्षण नियम से mu = mv1 + mv2.
तथा प्रत्यास्थ संघट्ट के लिए v1-v2 = -(u-0)
या u = v2 -v1

यदि m <1 = – u तथा
v2 ≈ 0
अर्थात् हल्का पिण्ड अपने प्रारम्भिक वेग से वापिस लौट आयेगा।
प्रश्न 22.
नाभिक के चारों ओर किसी वृत्तीय कक्षा में घूमते हुए इलेक्ट्रॉनों को एक चक्कर लगाने में कितना कार्य करना पड़ता है ? अपने उत्तर का कारण दीजिए।
उत्तर-
नाभिक के चारों ओर किसी वृत्तीय कक्षा में घूमते हुए इलेक्ट्रॉन को एक चक्कर लगाने में शून्य कार्य करना पड़ता है, क्योंकि इलेक्ट्रॉन पर नाभिक के कारण विद्युत् आकर्षण बल, वृत्तीय कक्षा के केन्द्र की ओर लगता है तथा इलेक्ट्रॉन सदैव कक्षा की स्पर्श रेखा के अनुदिश गति करता है। अतः बल तथा विस्थापन की दिशाएँ परस्पर 90° का कोण बनाती हैं (अर्थात् बल.तथा विस्थापन लंबवत् हैं)। अतः किया गया कार्य = F.d cosθ
= F.d cos90°.
प्रश्न 23.
(i) पृथ्वी के चारों ओर बहुत ही क्षीण वायुमण्डल में घूमते हुए किसी कृत्रिम उपग्रह की ऊर्जा धीरे-धीरे वायुमण्डलीय प्रतिरोध के विरुद्ध क्षय के कारण कम हो जाती है, फिर भी जैसे-जैसे कृत्रिम उपग्रह पृथ्वी के समीप आता है, उसकी चाल में लगातार वृद्धि क्यों होती है ?
(ii) दो गेंदों के किसी प्रत्यास्थ संघट्ट की लघु अवधि में क्या कुल रेखीय संवेग संरक्षित रहता है ?
उत्तर-
(i) पृथ्वी के समीप आने पर कृत्रिम उपग्रह की स्थितिज ऊर्जा, तीव्रगति से गतिज ऊर्जा में परिवर्तित होती है, अतः उपग्रह की चाल बढ़ जाती है।
(ii) दो गेंदों के मध्य प्रत्यास्थ संघट्ट अल्प अवधि के लिए होता है एवं रेखीय संवेग संरक्षित रहता है।
प्रश्न 24.
किसी लोलक के मोलक को साम्य स्थिति में 30° कोण पर विस्थापित करके छोड़ा जाता है।गोलक अपनी साम्य स्थिति में आने पर उतने ही द्रव्यमान के एक गोले से टकराता है, जो क्षैतिज मेज पर विरामावस्था में रखा होता है। यदि संघट्ट प्रत्यास्थ है, तो बताइए कि गोलक संघट्ट के उपरान्त कितना ऊपर उठेगा?
उत्तर-
चूँकि गोलक तथा गोले के द्रव्यमान समान हैं, अतः संघट्ट के पश्चात् उनके वेग आपस में बदल जायेंगे अर्थात् गोलक स्थिर हो जायेगा तथा गोला उतने ही वेग से चलने लगेगा जितने वेग से गोलक उससे टकराता है। अतः संघट्ट के बाद गोलक ऊपर नहीं उठेगा।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
m1, तथा m2, द्रव्यमान की दो वस्तुएँ एक ही रेखा में क्रमशःu1 तथा u2 वेग से गति करती हुई प्रत्यास्थ संघट्ट करती हैं। संघट्ट के पश्चात् इनके वेग के लिए व्यंजक लिखिये। क्या होगा यदि
(1) पिण्डों के द्रव्यमान समान हैं,
(2) इनमें से एक पिण्ड प्रारम्भ में विरामावस्था में है,
(3) हल्का पिण्ड प्रारम्भ में विरामावस्था में है,
(4) भारी पिण्ड प्रारम्भ में विरामावस्था में है ?
उत्तर:

माना m1, तथा m2 द्रव्यमान की दो वस्तुएँ A तथा B एक ही दिशा में क्रमशःu1 तथा u2, वेग से गतिमान हैं। इनके बीच संघट्ट होने से वे उसी दिशा में v1, तथा v2 वेग से चलने लगती हैं।
चूँकि संघट्ट पूर्णतः प्रत्यास्थ है, अत: संघट्ट के पूर्व संवेग = संघट्ट के पश्चात् संवेग
m1u1 + m2u2 = m1v1 + m2v2
या m1u1– m1v1 = m2v2– m2u2
या m1 (u1 – v1) = m2 (v2-u2) ……………… (1)
चूँकि संघट्ट पूर्णतः प्रत्यास्थ है, अतः
संघट्ट के पूर्व गतिज ऊर्जा = संघट्ट के पश्चात् कुल गतिज ऊर्जा

समी. (2) में समी. (1) का भाग देने पर,
u1+ v1 = u2 + v2
या u1 – u2 = v2 – v1 ……………………. (3)
अर्थात् पास आने का आपेक्षिक वेग = दूर जाने का आपेक्षिक वेग
संघट्ट के पश्चात् वेगों की गणना
1. वस्तु A का वेग-समीकरण (3) से,
v2 = u1-u2 + v1
यह मान समीकरण (1) में रखने पर,

2. वस्तु B का वेग-समीकरण (3) से,
v1 = v2 + u2 – u1
यह मान समीकरण (1) में रखने पर,

स्थितियाँ-
1. जब दोनों वस्तुओं का द्रव्यमान समान हो अर्थात् m1 = m2
तब समी. (4) से, v1 = u2
एवं समी. (5) से, v2 = u1
अर्थात् समान द्रव्यमान की वस्तुएँ प्रत्यास्थ संघट्ट होने से अपने वेग को परस्पर बदल लेती हैं।
2. m2 द्रव्यमान की वस्तु B विरामावस्था में है
अर्थात् u2 = 0

यदि m1 = m2 = m (मानलो)
तब समी. (6) से, v1 = 0
एवं समी. (7) से, v2 = u1
इस प्रकार समान द्रव्यमान की दो वस्तुओं में प्रत्यास्थ संघट्ट में यदि दूसरी वस्तु विरामावस्था में है, तो संघट्ट के पश्चात् पहली वस्तु विरामावस्था में आ जाती है तथा दूसरी वस्तु, पहली वस्तु के वेग से चलने लगती है।
(3) यदि वस्तु B का द्रव्यमान m2 वस्तु A के द्रव्यमान की तुलना में नगण्य हो. अर्थात् m2 <<m1 तब
समी. (6) से, v1 = u1
एवं समी. (7) से, v2 = 2u1
इस प्रकार जब भारी वस्तु किसी स्थिर हल्की वस्तु से टकराती है, तो भारी वस्तु उसी वेग से चलती रहती है, किन्तु हल्की वस्तु भारी वस्तु के दो गुने वेग से चलने लगती है।
(4) यदि वस्तु A का द्रव्यमान m1, वस्तु B के द्रव्यमान m2 की तुलना में नगण्य हो,तो
समी. (6) से, v1 =-u1
एवं समी. (7) से, v2 =
= 0
अर्थात् जब हल्की वस्तु, स्थिर भारी वस्तु से टकराती है, तो भारी वस्तु स्थिर ही रहती है किन्तु हल्की वस्तु उसी वेग से विपरीत दिशा में चलने लगती है।
प्रश्न 2.
सिद्ध कीजिए कि एकविमीय पूर्णतः अप्रत्यास्थ संघट्ट में ऊर्जा की हानि होती है। ऊर्जा हानि का व्यंजक ज्ञात कीजिए।
उत्तर

यदि m1, तथा m2 द्रव्यमान के दो पिण्ड u1 तथा u2 वेग से एक ही दिशा में संघट्ट करते हैं तथा संघट्ट के पश्चात् जुड़कर एक निकाय बनाते हैं तथा उसी दिशा में v वेग से गतिमान हो जाते हैं।
चूँकि संघट्ट पूर्णतः अप्रत्यास्थ है। अतः संघट्ट के पूर्व संवेग = संघट्ट के पश्चात् संवेग
m1u1 + m2u2 = (m1 + m2)v.

प्रश्न 3.
दो नत घर्षण रहित समतल एक-दूसरे से बिन्दु A पर मिलते हैं। इनमें से एक तल P का ढाल, दूसरे तल Q के ढाल की अपेक्षा अधिक है। बिन्दु A से एक एकसमान द्रव्यमान की गोलियों को प्रत्येक तल पर विरामावस्था से छोड़ा जाता है। सली पर पहुँचने पर उनके वेगों में क्या अनुपात होगा? क्या दोनों गोलियाँ एक साथ तल पर पहुँचेंगी?
उत्तर-
चूँकि दोनों गोलियाँ तल तक आने में समान ऊर्ध्वाधर ऊँचाई तय करेंगी, अतः दोनों गोलियों के – तल पर पहुँचने पर वेग समान v =
होंगे।
अर्थात् तल पर उनके वेगों का अनुपात = 1: 1 होगा। समीकरण v = u + at से तल P पर गोली द्वारा लिया गया समय t1 =
sinθ1, (क्योंकि नत समतल P पर गोली का त्वरण = gsinθ1, होगा, यदि θ1, इसका क्षैतिज से झुकाव है) तथा तल Q पर गोली द्वारा लिया गया समय t2 = –
sinθ2, होगा।
चूँकि θ1 > θ2, अत: sinθ1, > sin θ2
इसलिए t1 < t2 अर्थात् तल P की तली पर गोली, तल Q की तली की अपेक्षा पहले पहुँचेगी।
प्रश्न 4.
एक ट्रक तथा कार समान गतिज ऊर्जा से गतिशील हैं। कौन पहले रुकेगा यदि
(1) दोनों को समान मंदन बल लगाकर रोका जाता है।
(2) दोनों पर एकसाथ ब्रेक लगाये जाते हैं।
उत्तर-
(1) गतिज ऊर्जा =
mv2 = Fs
या 
चूँकि दोनों की गतिज ऊर्जा तथा मंदक बल समान हैं । अतः दोनों के लिए रुकने से पूर्व चली गयी दूरी भी समान होगी अर्थात् दोनों एकसाथ रुकेंगे।
(2) ब्रेक लगाने के बाद दोनों घर्षण बल द्वारा रुकेंगे।
तब –
mv2 = F.s = (µR)s = u.mgs
अर्थात् s ∝ v2
चूँकि दोनों की गतिज ऊर्जा समान हैं, अतः
v2 ∝ ![]()
∴ s ∝ ![]()
अर्थात् जिसका द्रव्यमान अधिक होगा, वह रुकने से पूर्व कम दूरी तय करेगा (अर्थात् वह पहले रुकेगा)। अतः ट्रक, कार की अपेक्षा पहले रुकेगा।
प्रश्न 5.
दो एक जैसी स्प्रिंगें A तथा B हैं, जिनमें स्प्रिंग A, B की तुलना में कड़ी हैं-
(1) यदि इन्हें समान दूरी तक खींचा जाये तो किस स्प्रिंग पर अधिक कार्य किया जायेगा ?
(2) यदि इन्हें समान बल लगाकर खींचा जाये, तो किस पर अधिक कार्य किया जायेगा?
उत्तर-
चूँकि कड़ी स्प्रिंग का बल नियतांक K अधिक होता है, अतः

प्रश्न 6.
एक कार तथा एक ट्रक समान गतिज ऊर्जा से जाते हुए ब्रेकों द्वारा समान मंदक बल लगाकर रोके जाते हैं। इनमें से कौन-सा कम दूरी पर रुकेगा? .
उत्तर-
माना कार तथा ट्रक के द्रव्यमान m1 तथा m2 तथा इनके वेग u1 तथा u2 हैं ।
अतः

समी. (3) से,
s1= s2
अतः दोनों समान दूरी पर जाकर रुकेंगे।
प्रश्न 7.
दो गोलों के द्विविमीय प्रत्यास्थ संघट्ट के लिए उन समीकरण को व्युत्पन्न कीजिए जिनकी सहायता से संघट्ट के पश्चात् गोलों के वेग ज्ञात किये जा सकते हैं।
उत्तर-
माना m1 द्रव्यमान का एक पिण्ड प्रारम्भिक वेग u1 , से X-अक्ष के अनुदिश गतिमान है तथा यह m2, द्रव्यमान के एक स्थिर पिण्ड (u2 = 0) से टकराता है। टक्कर के पश्चात् माना m1 द्रव्यमान का पिण्ड
, वेग से अपनी प्रारम्भिक गति की दिशा से θ1 कोण पर विक्षेपित हो जाता है तथा m2 द्रव्यमान का पिण्ड v2 वेग से X-दिशा से θ2, कोण पर गतिमान हो जाता है।

चूँकि v1 तथा v2 दोनों X-Y तल में हैं । अतः v1,u1, u2 को X व Y दिशा में वियोजित करके संवेग संरक्षण के नियमानुसार
x दिशा में प्रारम्भिक संवेग = अंतिम संवेग

m1u1 = m1v1sinθ1 – m2v2sinθ2 ………………… (1)
इसी प्रकार Y दिशा में,
प्रारम्भिक संवेग = अंतिम संवेग ।
या 0 = m1v1sinθ1 – m2v2sinθ2 ……………………. (2)
गतिज ऊर्जा संरक्षण के नियमानुसार (संघट्ट प्रत्यास्थ है) प्रारम्भिक गतिज ऊर्जा = अंतिम गतिज ऊर्जा

उपर्युक्त समीकरणों (1), (2) तथा (3) की सहायता से m1,m2,u1, तथा θ1, या θ2, ज्ञात होने पर v1,v2, θ2 या ज्ञात किये जा सकते हैं।
आंकिक प्रश्न
प्रश्न 1.

प्रश्न 3.

प्रश्न 4.
किसी पिण्ड पर नियत बल लगाकर उसे किसी निर्देशांक प्रणाली के अनुसार Z अक्ष के अनुदिश गति करने के लिए बाध्य किया गया है, जो इस प्रकार है

प्रश्न 5.
0.5 kg द्रव्यमान का एक कण y = ax3/2 वेग से सरल रेखीय गति करता है, जहाँ α = 5 m-1/2s-1 है।x= 0 से x = 2 m तक इसके विस्थापन में कुल बल द्वारा किया गया कार्य कितना होगा?
उत्तर-
दिया है, m = 0.5 kg, v=ax3/2 α = 5m-1/2s-1
वस्तु पर कार्यरत कुल बल F = ma
वस्तु का x = 0 पर वेग u = 5 × 03/2 = 0
वस्तु का x = 2 m पर वेग v=5 × 23/2
बल द्वारा किया गया कार्य
W =
mv2 –
mu2

W=50 जूल।
प्रश्न 6.
किसी लोलक के गोलक को क्षैतिज अवस्था से छोड़ा गया है। यदि लोलक की लम्बाई 1.5 m है, तो निम्नतम बिन्दु पर आने पर गोलक की चाल क्या होगी ? यह दिया गया है कि इसकी आरंभिक ऊर्जा का 5% अंश वायु प्रतिरोध के विरुद्ध क्षय हो जाता है।
उत्तर-
लोलक के गोलक की उच्चतम विस्थापन की स्थिति में
स्थितिज ऊर्जा = mgh
=m × 9.8 × 15
5% ऊर्जा क्षय हो जाती है, अत: कुल स्थितिज ऊर्जा का 95% गतिज ऊर्जा में परिवर्तित हो जाता है,

प्रश्न 7.
किसी भवन के भूतल पर लगा कोई पंप 30 m3 आयतन की पानी की टंकी को 15 मिनट में भर देता है। यदि टंकी पृथ्वी तल से 40 m ऊपर हो और पंप की दक्षता 30% हो, तो पंप द्वारा कितनी विद्युत् शक्ति का उपयोग किया गया ?
उत्तर-
दिया है, पानी का आयतन = 30 m3
पानी का द्रव्यमान = आयतन × घनत्वं
= 30 × 1000
=3 × 104 kg
टंकी की पृथ्वी तल से ऊँचाई = 40 m
लिया गया समय = 15 × 60 सेकण्ड।

प्रश्न 8.
एक मशीन की शक्ति 2 किलोवाट है। इसके द्वारा 5 मिनट में किये गये कार्य की गणना कीजिए।
उत्तर-
हल- प्रश्नानुसार, P = 2 किलोवाट = 2 × 1000 = 2000 वाट, t=5 मिनट = (5 × 60) सेकण्ड
∴ W = P × t = 2000 × 5 × 60 जूल = 6 × 105 जूल।
प्रश्न 9.
10 किग्रा द्रव्यमान की वस्तु को 10 मीटर ऊँचाई तक ऊपर उठाने में कितना कार्य करना पड़ेगा?
उत्तर-
हल- दिया है-द्रव्यमान m = 10 किग्रा, ऊँचाई h = 10 मीटर, g = 9.8 मीट/सेकण्ड2
किया गया कार्य W = स्थितिज ऊर्जा
W= mgh
या W = 10 × 10 × 9.8
या W= 980 जूल।
प्रश्न 10.
एक पम्प की शक्ति 7.5 किलोवाट है। वह प्रति मिनट कितना पानी ऊपर उठा सकता है ?
उत्तर-
हल-शक्ति P = 7.5KW =7.5 × 103 वाट = 7500 वाट, समय t= 1 मिनट = 60 सेकण्ड, g = 9.8 मीटर/सेकण्ड2, h = 1 मीटर (माना)

प्रश्न 11.
यदि एक खिलाड़ी 4.9 मीटर ऊँची बाँस कूद करना चाहे, तो उसे कितने वेग से दौड़ना चाहिए?
उत्तर-

प्रश्न 12.
10 मीटर/सेकण्ड के वेग से चलते हुए पिण्ड की ऊर्जा 10 जूल है। पिण्ड के वेग की गणना कीजिए, यदि ऊर्जा 90 जूल हो जाये।
उत्तर:

प्रश्न 13.
200 ग्राम की एक गोली को 400 मीटर/सेकण्ड के वेग से विरामावस्था में लाने में कितना कार्य करना पड़ेगा?
उत्तर-
हल-दिया है- m = 200 ग्राम = 0-2 किग्रा, v = 400 मीटर/सेकण्ड
∴ किया गया कार्य = गतिज ऊर्जा में परिवर्तन
=0-
mv2 = –
mv2
= -1.6 × 104 जूल।
प्रश्न 14.
यदि किसी स्प्रिंग की लंबाई में 0.1 मीटर का परिवर्तन करने से स्प्रिंग की स्थितिज ऊर्जा में 0.5 जूल का परिवर्तन हो, तो स्प्रिंग का बल नियतांक ज्ञात कीजिए।
उत्तर-
हल- स्थितिज ऊर्जा में परिवर्तन Δu =
Kx2

प्रश्न 15.
दो गोले जिनके द्रव्यमान 40 किग्रा तथा 10 किग्रा हैं क्रमश: 10 मी./से. तथा 50 मी./से. के वेग से एक-दूसरे की ओर आ रहे हैं। यदि वे टकराकर जुड़ जायें, तो संयुक्त गोला किस वेग से तथा किस दिशा में चलेगा?
उत्तर-
हल- दिया है-m1 = 40 किग्रा, m2 = 10 किग्रा, u1 = 10 मी./से., u2 =-50 मी./सेकण्ड (गति की दिशा विपरीत है)
यदि गोलों के टकराने पर उनका संयुक्त वेग v है, तब संवेग संरक्षण नियम से, m1u1 + m2u2 = (m1+m2)v
40 × 10+10(-50) = (40+10)v
∴ 400-500 = 50v
∴ v =
= -2 मीटर/सेकण्ड।
प्रश्न 16.
एक व्यक्ति का भार 80 किग्रा है और वह 20 किग्रा भार का बोझ उठाकर 30 मीटर ऊँचे मकान की छत तक चढ़ता है। किये गये कार्य की गणना कीजिए।(g=9.8 मीटर/सेकण्ड2)
उत्तर-
हल- व्यक्ति का भार = 80 किग्रा सामान का भार = 20 किग्रा अतः ऊपर जाने के लिए कुल आरोपित बल F = 80 + 20 = 100 किग्रा
= 100 × 9.8 = 980 न्यूटन
विस्थापन (ऊँचाई) d=30 मीटर
अतः कार्य W=F. d
∴ W=980 × 30 = 29400 जूल।।
प्रश्न 17.
6 किग्रा की एक वस्तु को 20 न्यूटन के बल से 8 मीटर की दूरी तक 10 सेकण्ड में खींचा गया। निम्न की गणना कीजिए
(1) किया गया कार्य,
(2) खींचने में शक्ति।
उत्तर-
हल- दिया गया है-द्रव्यमान m = 6 किग्रा, बल F = 20 न्यूटन
विस्थापन d = 8 मीटर, समय t= 10 सेकण्ड
1. कार्य W = F.d
⇒ W = 20 8
∴ W = 160 न्यूटन मीटर = 160 जूल।

प्रश्न 18.
एक गेंद को 10 मीटर ऊँचाई से छोड़ा जाता है। यदि फर्श पर टकराने के बाद गेंद की ऊर्जा में कमी 40% हो जाती है, तो गेंद, फर्श से वापस लौटने पर कितनी ऊँचाई तक जायेगी ?
उत्तर-
हल- गेंद की प्रारम्भिक स्थितिज ऊर्जा = mgh1
फर्श पर टकराने से ऊर्जा 40% कम हो जाती है, अर्थात् 60% रह जाती है, अत: टकराने के पश्चात् गेंद की गतिज ऊर्जा

प्रश्न 19.
1 किग्रा तथा 4 किग्रा द्रव्यमान के दो पिण्डों के संवेग समान हैं, उनकी गतिज ऊर्जाओं का अनुपात ज्ञात कीजिए।
उत्तर-
हल- प्रश्नानुसार, m1 = 1 किग्रा, m2 = 4 किग्रा, p1 =p2

प्रश्न 20.
एक बन्दूक से जिसकी नली की लंबाई 20 सेमी है, 150 ग्राम की एक गोली 400 मी/से के वेग से छटती है। गोली पर लगने वाले औसत बल की गणना कीजिए।
उत्तर-
हल- नली की लंबाई d = 20 सेमी = 0.20 मीटर
.वेग v = 400 मीटर/सेकण्ड
औसत बल F = ?
m = 150 ग्राम = 0.150 ग्राम

प्रश्न 21.
25 अश्वशक्ति वाला एक भाप इंजन 9 किमी/घंटा की एकसमान चाल से चल रहा है। इंजन पर लगने वाले प्रतिरोधक बल की गणना कीजिए।
उत्तर-
हल- P = 25HP = 25 × 746 वाट

स्तुनिष्ठ प्रश्न
सही विकल्प चुनकर लिखिए
प्रश्न 1.
कौन-सा कथन सत्य है
(a) शक्ति = कार्य / समय
(b) कार्य = बल × विस्थापन
(c) कार्य = ऊर्जा
(d) कार्य = शक्ति × विस्थापन।
उत्तर:
(b) कार्य = बल × विस्थापन
प्रश्न 2.
चाबी भरी कमानी में संगृहीत रहती है
(a) यांत्रिक गतिज ऊर्जा
(b) यांत्रिक स्थितिज ऊर्जा
(c) स्थैतिज ऊर्जा
(d) कोई भी ऊर्जा नहीं।
उत्तर:
(c) स्थैतिज ऊर्जा
प्रश्न 3.
ऊर्जा का मात्रक है
(a) जूल/सेकण्ड
(b) किलोवाट
(c) किलोवाट घण्टा
(d) जूल x सेकण्ड।
उत्तर:
(c) किलोवाट घण्टा
प्रश्न 4.
एक अश्व शक्ति बराबर है
(a) 74.6 वाट
(b) 74600 वाट
(c) 746 वाट
(d) 550 वाट ।
उत्तर:
(c) 746 वाट
प्रश्न 5.
यदि एक बल F किसी वस्तु पर लगाने पर v वेग प्रदान करता हो, तो शक्ति का मान होगा
(a) F × y
(b) F / v
(c) F/v2
(d) Fv2.
उत्तर:
(a) F × y
प्रश्न 6.
एक हल्की और भारी वस्तु की गतिज ऊर्जा एकसमान है तब
(a) भारी वस्तु का संवेग अधिक है
(b) भारी वस्तु का संवेग कम है
(c) दोनों के संवेग बराबर हैं
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(a) भारी वस्तु का संवेग अधिक है
प्रश्न 7.
एक गेंद जिसकी गतिज ऊर्जा E है, क्षैतिज से 45° झुकाव पर फेंकी गई है। उड़ान के दौरान उच्चतम बिन्दु पर इसकी गतिज ऊर्जा होगी
(a) शून्य
(b) E/2
(c) E√2
(d) E.
उत्तर:
(b) E/2
प्रश्न 8.
एक गेंद 8 सेमी ऊँचाई से गिराई जाती है। यदि गेंद का फर्श से संघट्ट पूर्ण प्रत्यास्थ है, तो वह पुनः उछलेगी
(a) 8 सेमी
(b) 1 सेमी
(c) 5 सेमी
(d) शून्य।
उत्तर:
(a) 8 सेमी
प्रश्न 9.
दो कणों के प्रत्यास्थ संघट्ट में निम्नलिखित राशि संरक्षित रहती है
(a) प्रत्येक कण का रेखीय संवेग
(b) प्रत्येक कण की चाल
(c) प्रत्येक कण की गतिज ऊर्जा
(d) दोनों कणों की संपूर्ण गतिज ऊर्जा।
उत्तर:
(d) दोनों कणों की संपूर्ण गतिज ऊर्जा।
प्रश्न 10.
एक गोली क्षैतिज घर्षण रहित मेज पर रखे गुटके से टकराकर उसमें घुस जाती है, क्या संरक्षित रहता है
(a) केवल संवेग
(b) केवल गतिज ऊर्जा
(c) संवेग और गतिज ऊर्जा दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(a) केवल संवेग
प्रश्न 11.
यदि किसी कण का वेग दुगुना कर दें तो गतिज ऊर्जा होगी
(a) दुगुनी
(b) चार गुनी
(c) समान
(d) एक चौथाई।
उत्तर:
(b) चार गुनी
प्रश्न 12.
अप्रत्यास्थ टक्कर में संरक्षित रहता है
(a) गतिज ऊर्जा
(b) संवेग
(c) द्रव्यमान
(d) आवेग।
उत्तर:
(b) संवेग
प्रश्न 13.
दो पिण्ड की गतिज ऊर्जाओं का अनुपात 4:1 है। वे समान संवेग से गतिमान है। उनके द्रव्यमानों का अनुपात है- …
(a) 1 : 2
(b) 2 : 1
(c) 4:1
(d) 1: 4.
उत्तर:
(d) 1 : 4.
प्रश्न 14.
एक पिण्ड के संवेग में 50% की वृद्धि कर दी जाती है, तो उसकी गतिज ऊर्जा में वृद्धि होगी
(a) 50% .
(b) 100%
(c) 125%
(d) 150%.
उत्तर:
(c) 125%
प्रश्न 15.
किसी टरबाइन के ब्लेडों पर 100 किग्रा/सेकण्ड की दर से झरने से पानी गिर रहा है। यदि झरने की ऊँचाई 100 मीटर हो तो टरबाइन को दी गई शक्ति होगी
(a) 100 किलोवाट
(b) 10 किलोवाट
(c) 1 किलोवाट
(d) 100 वाट।
उत्तर:
(a) 100 किलोवाट.
2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. प्रत्यास्थ संघट्ट में भौतिक राशियाँ ………………………. संरक्षित रहती हैं।
उत्तर:
रेखीय संवेग तथा गतिज ऊर्जा
2. अप्रत्यास्थ संघट्ट में भौतिक राशियाँ ………………………. नियत रहती हैं।………………….. कार्य, ऊर्जा और शक्ति |
उत्तर:
रेखीय संवेग
3. ऊर्जा का SI मात्रक …………………. है।
उत्तर:
जूल
4. ऊर्जा व कार्य का विमीय सूत्र ……………….. होता है।
उत्तर:
[ML2T-2]
5. SI में शक्ति का मात्रक ………………… है।
उत्तर:
वाट
6. शक्ति का विमीय सूत्र ……………….. होता है।
उत्तर:
[ML2T-3]
7. यदि किसी बल द्वारा किया गया कार्य शून्य हो, किन्तु विस्थापन शून्य न हो, तो बल और विस्थापन के बीच कोण …………………. होगा।
उत्तर:
90°
8. कार्य एक ……………….. राशि है।
उत्तर:
अदिश
9. बाँध में रुके हुए पानी में ……………….. ऊर्जा होती है।
उत्तर:
स्थितिज
10. किसी वस्तु की कार्य करने की कुल क्षमता को उस वस्तु की …व करन का कुल क्षमता को उस वस्तु की …………………. कहते हैं।
उत्तर:
ऊर्जा
11. किसी वस्तु में यांत्रिक कार्य के कारण जो ऊर्जा निहित होती है, उसे उस वस्तु की …………………. कहते हैं।
उत्तर:
यांत्रिक ऊर्जा
12. एक वायुयान का वेग दो गुना कर दिया जाये, तो उसकी गतिज ऊर्जा ………. गुनी हो जायेगी।
उत्तर:
चार
13. कार्य-ऊर्जा प्रमेय के अनुसार किसी वस्तु पर किया गया कार्य उसकी ……………….. ऊर्जा में वृद्धि के बराबर होता है।
उत्तर:
गतिज
14. स्वतंत्रतापूर्वक लटकी हुई स्प्रिंग के एक सिरे पर बँधे हुए पिण्ड को x दूरी नीचे खींचा जाये, तो हमें ……………….. कार्य करना होगा।
उत्तर:
Kx2
15. यदि सदिश A एवं B परस्पर लम्बवत् हों, तो उनका अदिश गुणन ………… होता है।
उत्तर:
शून्य
16. यदि सदिश A , सदिश B के समानान्तर हो, तो सदिशों का सदिश गुणन …………… होता है।
उत्तर:
शून्य सदिश।
3. सही जोड़ियाँ बनाइए
(I)
| खण्ड ‘अ’ | खण्ड ‘ब’ |
| 1. पृथ्वी तल पर गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा का मान होता है | (a) यांत्रिक ऊर्जा |
| 2. बाँध में रुके हुए पानी में ऊर्जा होती है | (b) ऋणात्मक |
| 3. गुरुत्व के अधीन स्वतंत्रतापूर्वक गिरते हुए पिण्ड की ऊर्जा नियत रहती है | (c) शून्य |
| 4. जब बल और विस्थापन की दिशा समान होती है, तो बल द्वारा किया गया कार्य होता है | (d) स्थितिज ऊर्जा |
| 5. जब किसी पत्थर को ऊपर की ओर उठाया जाता है, तो गरुत्वाकर्षण बल द्वारा किया गया कार्य होता है। | (e) धनात्मक। |
उत्तर-
1. (c) शून्य
2. (d) स्थितिज ऊर्जा
3. (a) यांत्रिक ऊर्जा
4. (e) धनात्मक।
5. (b) ऋणात्मक.
(II)
| खण्ड ‘अ’ | खण्ड ‘ब’ |
| 1. स्प्रिंग नियतांक का मात्रक है | (a) p2 = 2mK |
| 2. गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा का मान होता है | (b) E = mc2 |
| 3. आइन्सटीन का द्रव्यमान-ऊर्जा तुल्यता संबंध कहलाता है | (c) न्यूटन/मीटर |
| 4. किसी वस्तु के संवेग p और गतिज ऊर्जा में संबंध होता है | (d) 746 वाट |
| 5. एक अश्वशक्ति का मान होता है | (e) mgh. |
उत्तर-
1. (c) न्यूटन/मीटर
2. (e) mgh
3. (b) E = mc2
4. (a) p2 = 2mK
5. (d) 746 वाट .
(III)
| खण्ड ‘अ’ | खण्ड ‘ब’ |
| 1. डायनेमो | (a) विद्युत् ऊर्जा को ध्वनि ऊर्जा में |
| 2. विद्युत् मोटर | (b) विद्युत् ऊर्जा को ऊष्मीय ऊर्जा में |
| 3. प्रकाश विद्युत् सेल | (c) यान्त्रिक ऊर्जा को विद्युत् ऊर्जा में |
| 4. लाउडस्पीकर | (d) विद्युत् ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में |
| 5. विद्युत् हीटर | (e) प्रकाश ऊर्जा को विद्युत् ऊर्जा में। |
उत्तर-
1. (c) यान्त्रिक ऊर्जा को विद्युत् ऊर्जा में
2. (d) विद्युत् ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में
3. (e) प्रकाश ऊर्जा को विद्युत् ऊर्जा में।
4. (a) विद्युत् ऊर्जा को ध्वनि ऊर्जा में
5. (b) विद्युत् ऊर्जा को ऊष्मीय ऊर्जा में .
(IV)
| खण्ड ‘अ’ | खण्ड ‘ब’ |
| 1. विद्युत् बल्ब का जलना | (a) रासायनिक ऊर्जा का विद्युत् ऊर्जा में रूपान्तरण |
| 2. हथेलियों को आपस में रगड़ने पर | (b) गतिज ऊर्जा का स्थितिज ऊर्जा में उनका गर्म होना रूपान्तरण |
| 3. एक पत्थर का ऊपर से नीचे गिरना | (c) यांत्रिक ऊर्जा का ऊष्मीय ऊर्जा में रूपान्तरण |
| 4. बाँस कूद में एक खिलाड़ी का दौड़कर | (d) स्थितिज ऊर्जा का गतिज ऊर्जा में आना रूपान्तरण |
| 5. सेल | (e) विद्युत् ऊर्जा का प्रकाश ऊर्जा में रूपान्तरण। |
उत्तर-
1. (e) विद्युत् ऊर्जा का प्रकाश ऊर्जा में रूपान्तरण।
2. (c) यांत्रिक ऊर्जा का ऊष्मीय ऊर्जा में रूपान्तरण
3. (d) स्थितिज ऊर्जा का गतिज ऊर्जा में आना रूपान्तरण
4. (b) गतिज ऊर्जा का स्थितिज ऊर्जा में उनका गर्म होना रूपान्तरण
5. (a) रासायनिक ऊर्जा का विद्युत् ऊर्जा में रूपान्तरण.
4. सत्य / असत्य बताइए
1. जल में वायु के बुलबुले के ऊपर उठने पर उसकी स्थितिज ऊर्जा बढ़ती है।
उत्तर:
असत्य
2. एक हल्की और एक भारी वस्तु के संवेग समान हैं, तो हल्की वस्तु की गतिज ऊर्जा अधिक होगी।
उत्तर:
सत्य
3. पानी से भरी बाल्टी को कुएँ में उर्ध्वाधरतः ऊपर की ओर खींचते हैं, तो गुरुत्वीय बल द्वारा किया गया कार्य ऋणात्मक होता है।
उत्तर:
सत्य
4. दोलन करते हुए लोलक पर वायु के अवरोधी बल द्वारा किया गया कार्य ऋणात्मक होगा।
उत्तर:
सत्य
5. नाभिकीय अभिक्रिया में द्रव्यमान ऊर्जा के रूप में परिवर्तित होता है।
उत्तर:
सत्य
6. हाइड्रोजन बम नाभिकीय विखण्डन पर आधारित है।
उत्तर:
असत्य
7. दो वस्तुओं के प्रत्यास्थ संघट्ट में प्रत्येक वस्तु की गतिज ऊर्जा व रेखीय संवेग संरक्षित रहते हैं।
उत्तर:
असत्य
8. जब सरल लोलक गति करता है, तो उसकी डोरी में तनाव बल द्वारा किया गया कार्य शून्य होगा।
उत्तर:
सत्य
9. एक किलोवाट घंटा = 3.6 x 108 जूल के तुल्य है।
उत्तर:
असत्य
10. यदि किसी वस्तु पर बल लगाने पर विस्थापन का मान शून्य होता है, तो किया गया कार्य धनात्मक होता है।
उत्तर:
असत्य
11. स्प्रिंग को खींचने में किया गया कार्य, स्प्रिंग में प्रत्यास्थ स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित हो जाता है।
उत्तर:
सत्य
12. बंदूक की गोली लकड़ी के ब्लाक से टकराकर उसमें फँसकर रह जाती है, तो वह टक्कर प्रत्यास्थ
उत्तर:
असत्य
13. गतिज ऊर्जा सदैव धनात्मक होती है।
उत्तर:
सत्य
14. अप्रत्यास्थ टक्कर में गतिज ऊर्जा की हानि उष्मीय ऊर्जा, प्रकाश ऊर्जा व ध्वनि ऊर्जा आदि के रूप में होती है।
उत्तर:
सत्य
15. यदि किसी वस्तु पर 1 न्यूटन का बल लगाने पर बल की दिशा में वस्तु का विस्थापन 1 मीटर हो, तो किया गया कार्य 1 जूल के बराबर होता है।
उत्तर:
सत्य।
