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MP Board Class 12th General Hindi Important Questions Chapter 21 मन की एकाग्रता

MP Board Class 12th General Hindi Important Questions Chapter 21 मन की एकाग्रता

MP Board Class 12th General Hindi Important Questions Chapter 20 Chapter 21 मन की एकाग्रता

लघु एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न – पं. बालकृष्ण भारद्वाज

प्रश्न 1.
छात्रों की क्या समस्या है?
उत्तर:
अध्ययन करने वाले छात्र के मन में अनेक प्रकार के विचार आते हैं। वह सोचता है कि आज के अर्थप्रधान युग में उसे ऊँचा पद प्राप्त करने के लिए एकाग्र मन से पढ़ना चाहिए।
उच्च श्रेणी में परीक्षा उत्तीर्ण करके ही उच्च पद मिल सकता है। परन्तु जब वह बैठता है तो क्रिकेट, सिनेमा, मित्र मंडली की मौज मस्ती आदि मैं उसका मन भटकने लगता है।
मन की चंचलता से बुद्धि की एकाग्रता भंग होती है। वह घबरा कर सोचता है कि परीक्षा में अनुत्तीर्ण हो गया तो पद, प्रतिष्ठा, वैभव आदि कुछ न मिलेगा इस तरह मन की चंचलता ही छात्रों की समस्या है।

प्रश्न 2.
मन को एकाग्र करने के बाह्य साधन क्या हैं?
उत्तर:
मन को एकाग्र करने के बाह्य साधन यम, नियम, संयम, आदि हैं। योग साधना से मन कुछ समय को एकाग्र हो जाता है।

प्रश्न 3.
छात्र की समस्याएँ कौन-सी हैं?
उत्तर:
छात्र की समस्याएँ दो प्रकार की हैं। पहली समस्या यह है कि उसका मन योग और ऐश्वर्य पाने के लिए उसे लालायित करता है और दूसरी समस्या यह है कि उसकी बुद्धि एकाग्र नहीं होती है।
बाहर की चकाचौंध उसे अपनी ओर खींचती और आंतरिक मन उसे अनेक स्मृतियों और कामनाओं में भटकाता है। इस प्रकार छात्र का अंतर और बाह्य समस्याग्रस्त हो जाता है।

प्रश्न 4.
पर उच्च लक्ष्य का तात्पर्य क्या है?
उत्तर:
पर का अर्थ है कि मन को किसी परम उच्च लक्ष्य में लगाना। सेवा कार्य, लोक संग्रह, राष्ट्रभक्ति, दीन दरिद्रों की सेवा आदि परम उच्च लक्ष्य हैं।

प्रश्न 5.
स्थित प्रज्ञता कैसे प्राप्त होती है? (म. प्र. 2018)
उत्तर:
मन को किसी परम उच्च में लगा देने में स्थित प्रज्ञता प्राप्त की जा सकती है। जैसे लोक-संग्रह के कार्य में, राष्ट्रभक्ति में, दीन-दुखियों की सेवा में।

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