MP Board Class 9th Social Science Solutions Chapter 2 संविधान निर्माण
MP Board Class 9th Social Science Solutions Chapter 2 संविधान निर्माण
MP Board Class 9th Social Science Solutions Chapter 2 संविधान निर्माण
महत्वपूर्ण स्मरणीय बिन्दु
व्यापार करने आई यूरोप की कम्पनियों ने दक्षिण अफ्रीका को गुलाम बनाया और काफी बड़ी संख्या में यहाँ गोरे लोग बस गए और यहाँ के स्थानीय काली चमडी वाले लोगों के साथ रंगभेद शुरू कर दिया।
रंगभेद नस्लीय भेदभाव पर आधारित उस व्यवस्था का नाम है जो दक्षिण अफ्रीका में विशिष्ट तौर पर चलायी गई।
अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस के झंडे तले दक्षिण अफ्रीकियों ने 1950 से ही गोरों के विरुद्ध आजादी की लड़ाई लड़ी, आखिरकार 26 अप्रैल, 1994 को दक्षिण अफ्रीका गणराज्य का नया झंडा लहराया और यह एक लोकतांत्रिक देश बन गया।
नेल्सन मंडेला को 7 अन्य नेताओं सहित 1964 में देश में रंगभेद से चलने वाली शासन व्यवस्था का विरोध करने के लिए आजीवन कारावास की सजा दी गई, वह 28 वर्षों तक जेल में रहे।
नेल्सन मंडेला द्वारा लिखित आत्मकथा का नाम ‘द लांग वॉक टू फ्रीडम’ है।
1928 में मोतीलाल नेहरु और कांग्रेस के अन्य सदस्यों ने भारत का एक संविधान लिखा था।
भारत का संविधान लिखने वाली सभा में 299 सदस्य थे जिन्होंने 26 नवम्बर, 1949 में अपना कार्य पूरा कर लिया। 26 जनवरी, 1950 को संविधान लागू हुआ इसीलिए इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं।
बंधुता, समानता, न्याय आदि मूल्यों को भारतीय संविधान की प्रस्तावना में सम्मिलित किया गया। इसके अतिरिक्त सार्वभौमिक मताधिकार, धर्मनिरपेक्षता, प्रभुत्व सम्पन्नता आदि का प्रावधान भी संविधान में है।
संविधान लिखित नियमों की एक ऐसी पुस्तक है, जिसे किसी देश के निवासी सामुहिक रूप से मानते हैं। संविधान सर्वोच्च कानून है जिससे किसी क्षेत्र में रहने वाले लोगों के मध्य के आपसी संबंध तय होने के साथ-साथ लोगों और सरकार के मध्य के संबंध भी निर्धारित होते हैं।
क्रियाकलाप तथा पाठगत प्रश्न
पाठगत प्रश्न
प्रश्न 1. अगर दक्षिण के बहुसंख्यक काले लोगों ने गोरों से अपने दमन और शोषण का बदला लेने का निश्चय किया होता तो क्या होता?
उत्तर- ऐसा करने पर दक्षिण अफ्रीका में हर तरफ खून की होली खेली जाती। हर तरफ विनाश तथा अराजकता का माहौल होता, किन्तु दक्षिण अफ्रीकी लोगों ने हिंसा की जगह अहिंसा का सहारा लिया तथा अपनी समस्याओं का हल ढूँढा।
पाठगत प्रश्न
प्रश्न 2. आज का दक्षिण अफ्रीका – यह तस्वीर आज के दक्षिण अफ्रीका की सोच को उजागर करती है। आज का दक्षिण अफ्रीका खुद को ‘इन्द्रधनुषी देश’ कहता है। क्या आप बता सकते हैं क्यों ?
उत्तर- दक्षिण अफ्रीकी लोग स्वयं को ‘इंद्रधनुषी देश’ कहकर – बुलाते हैं, क्योंकि रंगभेदी सरकार के दौरान अपने कटु अनुभवों भुलाकर गोरे, काले, दूसरे वर्ण के लोग तथा भारतीय मूल के लोग सभी मिलकर काम करते हुए लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित एक नवीन राष्ट्र के निर्माण के लिए दृढ़संकल्पित है।
कहाँ पहुँचे? क्या समझे?
प्रश्न 3. क्या दक्षिण अफ्रीका के स्वतंत्रता संग्राम से आपको भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन की याद आई? इन बिंदुओं के आधार पर दोनों संघर्षों में समानताएँ और असमानताएँ बताएँ।
विभिन्न समुदायों के बीच संबंध,
नेतृत्व: गाँधी/मंडेला,
संघर्ष का नेतृत्व करने वाली पार्टी- अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस / भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
संघर्ष का तरीका,
उपनिवेशवाद का चरित्र ।
उत्तर- हाँ, दक्षिण अफ्रीकी स्वतंत्रता संग्राम की कहानी हमें भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन की याद दिलाती है।


पाठगत प्रश्न
प्रश्न 4. यह तो गड़बड़ हो गई। अगर सभी बुनियादी बातों पर पहले ही फैसला हो गया था तो संविधान सभा बनाने का क्या औचित्य था ?
उत्तर- स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् भारत एक लोकतांत्रिक देश बनने जा रहा था। अत: यह जरूरी था कि नीचे से ऊपर तक सभी वर्गों के विचारों, समस्याओं को समझा जाए तथा बहस एवं चर्चा द्वारा उनके लिए निर्धारित नियमों में सुधार किया जाए। अतः मूलभूत चीज़ों पर फैसला हो जाने के बावजूद संविधान सभा का गठन किया गया।
कहाँ पहुँचे? क्या समझे ?
प्रश्न 5. भारतीय संविधान निर्माताओं के बारे में यहाँ दी गई सभी जानकारियों को पढ़ें। आपको यह जानकारी कंठस्थ करने की जरूरत नहीं है। इस आधार पर निम्नलिखित कथनों के पक्ष में उदाहरण प्रस्तुत करें।
(1) संविधान सभा में ऐसे अनेक सदस्य थे जो कांग्रेसी नहीं थे।
(2) सभा में समाज के अलग-अलग समूहों का प्रतिनिधित्व था ।
(3) सभा के सदस्यों की विचारधारा भी अलग – अलग थी।
उत्तर – (1) जयपाल सिंह (1903-1970) भीमराव अंबेडकर (1891–1956), श्यामा प्रसाद मुखर्जी (1901-1953)। (2) वल्लभभाई झावरभाई पटेल – किसान सत्याग्रह के नेता। अबुल कलाम आजाद – धर्मशास्त्री, अरबी के विद्वान । जयपाल सिंह- आदिवासी महासभा के अध्यक्ष | भीमराव अंबेडकर – सामाजिक क्रांतिकारी चिंतक तथा जाति विभाजन एवं जाति आधारित भेदभाव के प्रखर विरोधी। श्यामा प्रसाद मुखर्जी-हिन्दू महासभा के सदस्य। (3) राजेन्द्र प्रसाद (1884-1963), एच. सी. मुखर्जी (18871956), जी. दुर्गाबाई देशमुख ( 1909-1981), जवाहर लाल नेहरू (1889–1964), सरोजिनी नायडू ( 1879-1949)।
कहाँ पहुँचे? क्या समझे ?
प्रश्न 6. पहले दिए तीनों उद्धरणों (एन.सी.ई.आर.टी. पेज नं. 28,29) को गौर से पढ़ें ।
– पहचानिए की कौन-सा एक विचार इन तीनों उद्धरणों में उपस्थित है।
– इन तीनों उद्धरणों में से इस साझे विचारों को व्यक्त करने का तरीका किस तरह एक-दूसरे भिन्न है ?
उत्तर – ( 1 ) विचार जो तीनों कथनों में उभयनिष्ठ है, वह हैस्वतंत्रता का अधिकार ।
( 2 ) जवाहर लाल नेहरू का विचार है कि इतिहास में ऐसे कम ही अवसर होते हैं जब स्वतंत्रता आती है तथा ऐसे क्षणों में लोगों को देश तथा मानवता की सेवा करने की शपथ लेनी चाहिए।
सरोजिनी नायडू का मानना है कि स्वतंत्रता जवाबदेही लाती है। स्वतंत्रता के लिए हमने जन्म की पीड़ा को सहा है जो आज भी जारी है। किंतु, हमें अपने भविष्य को आवाज़ देनी होगी। सोमनाथ लाहिड़ी का मानना है कि देश की सेवा लाखों मज़लूमों की सेवा है इससे तात्पर्य है गरीबी, अज्ञान, बीमारी तथा अवसर की असमानता का अंत । किंतु जब तक लोगों की आँखों में आँसू हैं, कष्ट हैं, हमारा काम खत्म नहीं होगा। नायडू ने इसे नई जवाबदेही के रूप में व्यक्त किया, नेहरू ने इसे कर्तव्य बोध से जोड़ा, जबकि लाहिड़ी ने इसे देश की सेवा का मौका कहा।
कहाँ पहुँचे? क्या समझे ?
प्रश्न 7. संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत और दक्षिण अफ्रीका के संविधानों की प्रस्तावना की तुलना कीजिए।
– इन सभी में जो विचार साझा है, उनकी सूची बनाएँ ।
– इन सभी में कम-से-कम एक बड़े अंतर को खांकित करें।
– तीनों में से कौन-सी प्रस्तावना अतीत की ओर संकेत करती है।
– इन प्रस्तावनाओं में से कौन-सी ईश्वर का आह्वान नहीं करती?
उत्तर- (i) इन तीनों में समान विचार हैं-
(a) इन तीनों संविधानों की शुरुआत प्रस्तावना से हुई है।
(b) इन तीनों संविधानों की प्रस्तावना की शुरूआत हम ….. (देश का नाम) के लोग से हुई है।
(ii) इनके बीच एक प्रमुख अंतर है- ‘समाजवादी विचारधारा का प्रयोग सिर्फ भारतीय संविधान की प्रस्तावना में हुआ है।
(iii) दक्षिण अफ्रीकी संविधान की प्रस्तावना अतीत का संदर्भ देती है।
(iv) भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ईश्वर की चर्चा नहीं की गई है।
आइए, अखबार पढ़े
प्रश्न 8. संविधान संशोधन के किसी प्रस्ताव या किसी संशोधन की माँग से संबंधित अखबारी खबरों को ध्यान से पढ़िए। आप किसी एक विषय पर, जैसे संसद / विधान सभाओं में महिलाओं के लिए आरक्षण विषय पर छपी खबरों पर गौर कर सकते हैं। क्या इस सवाल पर कोई सार्वजनिक चर्चा हुई थी ?
संशोधन के पक्ष में क्या-क्या तर्क दिये गए हैं? संविधान संशोधन पर विभिन्न दलों की क्या प्रतिक्रिया थी? क्या यह संशोधन हो गया है ?
उत्तर – हाँ, लोगों के बीच इस मुद्दे पर काफी चर्चा हुई। संशोधन के पक्ष में निम्नलिखित कारण सामने रखे गए-
(i) महिलाओं को संसद अथवा राज्य विधानसभाओं में उनकी आबादी के अनुपात में प्रतिनिधित्व नहीं मिला है।
(ii) राजनैतिक दल उनकी आबादी के अनुपात में महिलाओं में को पार्टी टिकट नहीं देते।
(iii) विधायिका में उनके उचित प्रतिनिधित्व के अभाव में उनकी समस्याओं को न तो उठाया जाता है न ही उनका कोई हल ढूँढा जाता है।
संवैधानिक संशोधन के प्रति विभिन्न दलों ने निम्नलिखित तरीके से प्रतिक्रिया व्यक्त की
(i) कांग्रेस पार्टी ने महिला आरक्षण विधेयक का समर्थन किया ।
(ii) भारतीय जनता पार्टी ने भी इस विधेयक का समर्थन किया है।
(iii) समाजवादी पार्टी इसी विधेयक के अंतर्गत पिछड़े वर्ग, अत्यंत पिछड़े वर्ग तथा अल्पसंख्यक वर्ग की महिलाओं के लिए भी आरक्षण की माँग कर रही है।
अभी तक यह संशोधन विधेयक पारित नहीं हुआ है।
अभ्यास प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. नीचे कुछ गलतं वाक्य दिए गए हैं। हर एक में की गई गलती पहचानें और इस अध्याय के आधार पर उसको ठीक करके लिखें।
(क) स्वतंत्रता के बाद देश लोकतांत्रिक हो या नहीं, इस विषय पर स्वतंत्रता आंदोलन के नेताओं ने अपना दिमाग खुला रखा था।
(ख) भारतीय संविधान सभा के सभी सदस्य संविधान में कही गई हरेक बात पर सहमत थे ।
(ग) जिन देशों में संविधान है, वहाँ लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था ही होगी।
(घ) संविधान देश का सर्वोच्च कानून होता है इसलिए इसमें बदलाव नहीं किया जा सकता।
उत्तर- (क) स्वतंत्रता के बाद देश लोकतांत्रिक हो, इस विषय पर स्वतंत्रता आंदोलन के नेताओं ने अपना दिमाग खुला रखा था।
(ख) संविधान सभा के अलग-अलग सदस्यों के विभिन्न मुद्दों पर अलग-अलग विचार थे, किन्तु उन्होंने अपने मतभेद मुलझा लिए और संविधान के मूलभूत सिद्धान्तों पर उन्होंने एक समान राय रखी।
(ग) जिस देश में लोकतंत्र हैं उसमें संविधान होना ही चाहिए।
(घ) यदि संविधान में संशोधन करना पड़े तो उसके लिए संसद के दो तिहाई सदस्यों का बहुमत होना अनिवार्य है।
प्रश्न 2. दक्षिण अफ्रीका का लोकतांत्रिक संविधान बनाने में, इनमें से कौन-सा टकराव सबसे महत्वपूर्ण था-
(क) दक्षिण अफ्रीका और उसके पड़ोसी देशों का
(ख) स्त्रियों और पुरुषों का
(ग) गोरे अल्पसंख्यक और अश्वेत बहुसंख्यकों का
(घ) रंगीन चमड़ी वाले बहुसंख्यकों और अश्वेत अल्पसंख्यकों का
उत्तर- (ग) गोरे अल्पसंख्यक और अश्वेत बहुसंख्यकों का
प्रश्न 3. लोकतांत्रिक संविधान में इनमें से कौन-सा प्रावधान नहीं रहता ?
(क) शासन प्रमुख के अधिकार
(ख) शासन प्रमुख का नाम
(ग) विधायिका के अधिकार
(घ) देश का नाम
उत्तर- (ख) शासन प्रमुख का नाम
प्रश्न 4. संविधान निर्माण में इन नेताओं और उनकी भूमिका में मेल बैठाएँ –
(क) मोतीलाल नेहरू (1) संविधान सभा के अध्यक्ष
(ख) डॉ. बी. आर. अंबेडकर (2) संविधान सभा की सदस्य
(ग) राजेंद्र प्रसाद (3) प्रारूप कमेटी के अध्यक्ष
(घ) सरोजिनी नायडू (4) 1928 में भारत का संविधान बनाया
उत्तर- (क) – (4), (ख)– (3), (ग) − (1), (घ)-(2)।
प्रश्न 5. जवाहरलाल नेहरू के नियति के साथ साक्षात्कार वाले भाषण के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों का जवाब दें
(क) नेहरू ने क्यों कहा था कि भारत का भविष्य सुस्ताने और आराम करने का नहीं है ?
(ख) नए भारत के सपने किस तरह विश्व से जुड़े हैं?
(ग) वे संविधान निर्माताओं से क्या शपथ चाहते थे?
(घ) “हमारी पीढ़ी के सबसे महान व्यक्ति की कामना हर आँख से आँसू पोंछने की है।” वे इस कथन में किसका जिक्र कर रहे थे?
उत्तर- (क) नेहरू ने ये शब्द प्रयोग किए- पूरी तरह या पूरी तरीके से नहीं क्योंकि उनके अनुसार उन्होंने जो काम पूरा करने का बीड़ा उठाया था वह अभी पूरा नहीं हुआ था और शपथ एकदम से पूरी नहीं हो सकती थी, किन्तु ये धीरे-धीरे पूरी होंगी।
(ख) जो शपथ वे भारत के संविधान निर्माताओं से लेना चाहते थे वह यह थी कि वे अपना जीवन भारत, भारतीय लोगों और व्यापक स्तर पर मानवता की सेवा को अर्पित कर दें।
(ग) वे महात्मा गांधी का जिक्र कर रहे थे।
प्रश्न 6. हमारे संविधान को दिशा देने वाले ये कुछ मूल्य ‘ये और उनके अर्थ हैं। इन्हें आपस में मिलाकर दोबारा लिखिए –
(क) संप्रभु (1) सरकार किसी धर्म के अनुसार काम नहीं करेगी।
(ख) गणतंत्र। (2) फैसले लेने का सर्वोच्च अधिकार लोगों के पास है।
(ग) बंधुत्व (3) शासन प्रमुख एक चुना हुआ व्यक्ति है।
(घ) धर्मनिरपेक्ष (4) लोगों को आपस में परिवार की तरह रहना चाहिए।
उत्तर- (क) – (2), (ख) (3), (ग) – (4), (घ) – (1)।
प्रश्न 7. कुछ दिन पहले नेपाल से आपके एक मित्र ने वहाँ की राजनैतिक स्थिति के बारे में आपको पत्र लिखा था। वहाँ अनेक पार्टियाँ राजा के शासन का विरोध कर रही थीं। उनमें से कुछ का कहना था कि राजा द्वारा दिए गए मौजूदा संविधान में ही संशोधन करके चुने हुए प्रतिनिधियों को ज्यादा अधिकार दिए जा सकते हैं। अन्य पार्टियाँ नया गणतांत्रिक संविधान बनाने के लिए नई संविधान सभा गठित करने की माँग कर रही थीं। इस विषय में अपनी राय बताते हुए अपने मित्र को पत्र लिखें।
उत्तर- इस संबंध में हमारे सामने दो विचार रखे गए हैं। पहले विचार के अनुसार चुने हुए जनप्रतिनिधियों को अधिक शक्ति दी जानी चाहिए ताकि सम्पूर्ण व्यवस्था को अधिक से अधिक जनतांत्रिक बनाया जा सके। दूसरा समूह राजशाही को खत्म कर इसकी जगह नए गणतांत्रिक संविधान के निर्माण की बात कर रहा है। मेरे विचार में अचानक कोई बड़ा परिवर्तन संघर्ष को जन्म देता है। अत: पहले कुछ वर्षों के लिए ब्रिटेन की तरह वहाँ भी एक संवैधानिक गणतंत्र की स्थापना होनी चाहिए। किंतु इस गणतंत्र में राजा की भूमिका सिर्फ परामर्शदाता की हो । अतः वर्तमान संविधान में उपयुक्त संशोधन ही नेपाल के हित में सही फैसला होगा।
प्रश्न 8. भारत के लोकतंत्र के स्वरूप में विकास के प्रमुख कारणों के बारे में कुछ अलग-अलग विचार इस प्रकार हैं। आप इनमें से हर कथन को भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए कितना महत्वपूर्ण कारण मानते हैं?
(क) अंग्रेज शासकों ने भारत को उपहार के रूप में लोकतांत्रिक व्यवस्था दी । हमने ब्रिटिश हुकूमत के समय बनी प्रांतीय असेंबलियों के जरिये लोकतांत्रिक व्यवस्था में काम करने का प्रशिक्षण पाया।
(ख) हमारे स्वतंत्रता संग्राम ने औपनिवेशिक शोषण और भारतीय लोगों को तरह-तरह की आज़ादी न दिए जाने का विरोध किया। ऐसे में स्वतंत्र भारत को लोकतांत्रिक होना ही था ।
(ग) हमारे राष्ट्रवादी नेताओं की आस्था लोकतंत्र में थी । अनेक नव स्वतंत्र राष्ट्रों में लोकतंत्र का न आना हमारे नेताओं की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है।
उत्तर- (क) इस कारक के योगदान को बहुत हद तक स्वीकार किया जा सकता है। हालाँकि इसे अंग्रेजों की देन नहीं माना जा सकता है। यह सच है कि यदि हमें पूर्व प्रशिक्षण प्राप्त नहीं होता तो भारत जैसे विशाल देश में आरंभिक दौर में लोकतांत्रिक व्यवस्था की स्थापना बहुत ही कंठिन होती।
(ख) इस कारक का भी भारत में लोकतंत्र की स्थापना में योगदान रहा है। चूँकि हमारे संघर्ष का तरीका, हमारे राजनीतिक दलों की संरचना सभी लोकतांत्रिक थी, अतः लोकतंत्र की अच्छाइयों को हम महसूस कर रहे थे। दूसरी तरफ, चूँकि लोगों को विभिन्न स्वतंत्रताएँ नहीं मिली थी, अत: लोकतंत्र ही एकमात्र व्यवस्था थी जो उनकी इन आकांक्षाओं को पूरा कर सकती थी।
(ग) स्वतंत्रता प्राप्ति के नाजुक दौर में यह बहुत जरूरी था कि सच्चे लोकतंत्र की स्थापना के लिए निष्ठावान लोकतांत्रिक विचारों वाले नेता हो ताकि इन मूल्यों की स्थापना के लिए वे दूसरों को भी प्रेरित कर सकें। अतः इस कारक का योगदान भी महत्वपूर्ण था।
प्रश्न 9. 1912 में प्रकाशित ‘विवाहित महिलाओं के लिए आचरण’ पुस्तक के निम्नलिखित अंश को पढ़ें –
“ईश्वर ने औरत जाति को शारीरिक तथा भावनात्मक दोनों ही तरह से ज्यादा नाजुक बनाया है। उन्हें आत्म रक्षा के भी योग्य नहीं बनाया है। इसलिए ईश्वर ने उन्हें जीवन भर पुरुषों के संरक्षण में रहने का भाग्य दिया है कभी पिता के, कभी पति के और कभी पुत्र के। इसलिए महिलाओं को निराश होने की जगह इस बात से अनुगृहित होना चाहिए कि वे अपने-आपको पुरुषों की सेवा में समर्पित कर सकती है। ” क्या इस अनुच्छेद में व्यक्त मूल्य संविधान के दर्शन से मेल खाते हैं या वे संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ हैं? “
उत्तर- इस पाठ्यांश में व्यक्त मूल्य हमारे संविधान में अंतर्निहित मूल्यों को प्रदर्शित नहीं करते।
यह हमारे संवैधानिक मूल्यों के विपरीत है, क्योंकि हमारा संविधान पुरुष तथा महिला को हर दृष्टिकोण से समान मानता है।
प्रश्न 10. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए। क्या आप उनसे सहमत हैं? अपने कारण भी बताइए।
(क) संविधान के नियमों की हैसियत किसी भी अन्य कानून के बराबर है।
(ख) संविधान बताता है कि शासन व्यवस्था के विविध अंगों का गठन किस तरह होगा।
(ग) नागरिकों के अधिकार और सरकार की सत्ता की सीमाओं का उल्लेख भी संविधान में स्पष्ट रूप में है।
(घ) संविधान संस्थाओं की चर्चा करता है, उसका मूल्यों से कुछ लेना-देना नहीं है।
उत्तर- (क) यह कथन सत्य नहीं है, क्योंकि संवैधानिक नियम मौलिक नियम है, जबकि दूसरे अन्य नियमों की वैधानिकता इस आधार पर तय होती है कि वे संवैधानिक नियमों के अनुरूप हैं अथवा नहीं। P
(ख) यह कथन सत्य है, क्योंकि हमारे संविधान में सरकार के तीनों अंगों-विधायिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका के संगठन तथा शक्ति की विस्तृत चर्चा की गई है।
(ग) यह कथन सही है, क्योंकि हमारे संविधान में नागरिकों को दिए गए विभिन्न मौलिक अधिकारों के लिए उपबंध किए गए हैं। साथ ही सरकार की क्या शक्तियाँ तथा सीमाएँ हैं, इसकी भी विस्तृत चर्चा की गई है।
(घ) यह कथन गलत है, क्योंकि संविधान जिन मूल्यों पर आधारित है उनकी चर्चा संविधान की प्रस्तावना में की गई है तथा प्रस्तावना हमारे संविधान का हिस्सा है।
वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. सही विकल्प का चयन कीजिए
1. दक्षिण अफ्रीका की गोरों की सरकार ने नेल्सन मंडेला पर किस अपराध में मुकदमा चलाया था ?
(a) देशद्रोह
(b) धोखाधड़ी
(c) हत्या
(d) हिंसा फैलाना
2. रंगभेद व्यवस्था ने लोगों को किस आधार पर बाँट रखा था ?
(a) चमड़ी के रंग
(b) राष्ट्रीयता
(c) वंश
(d) गृहस्थान
3. रंगभेद का अर्थ है –
(a) किसी कानूनी दस्तावेज की प्रारंभिक प्रति
(b) नस्लीय भेदभाव की व्यवस्था
(c) किसी संविधान में परिचयात्मक कथन
(d) किसी दस्तावेज का अलग भाग
4. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन संविधान को परिभाषित करता है ?
(a) यह कुछ निश्चित नियमों की पुस्तक है।
(b) यह कुछ निश्चित नियमों की पुस्तक है जिसे शासक स्वीकार करते हैं।
(c) यह लिखित नियमों की ऐसी पुस्तक है जिसे किसी देश में रहने वाले लोग सामूहिक रूप से स्वीकार करते हैं।
(d) यह सर्वोच्च न्यायालय द्वारा बनाए गए नियमों की पुस्तक है।
5. संसार के अधिकतर देशों ने किस देश के संविधान के आधार पर अपने संविधान आरंभ के पूर्व प्रस्तावना / उद्देशिका को चुना है। इनमें से कौन- सा देश है?
(a) ब्रिटेन
(b) जर्मनी
(c) अमेरिका
(d) फ्रांस
6. लोकतंत्र में नागरिकों के अधिकारों की रक्षा कौन करता है ?
(a) संविधान
(b) सरकार
(c) नागरिक
(d) जनता
7. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन ‘धर्मनिरपेक्षता’ के संबंध में ‘सत्य’ नहीं है?
(a) नागरिक किसी भी धर्म को मानने के लिए स्वतंत्र होते हैं।
(b) सरकार का कोई धर्म नहीं होता।
(c) सरकार सभी धर्मों के साथ समान आदर से व्यवहार करती है।
(d) प्रत्येक राज्य का अपना धर्म होता है।
8. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन ‘प्रस्तावना’ को परिभाषित करता है?
(a) किसी कानूनी दस्तावेज का प्राथमिक भाग
(b) किसी दस्तावेज का अलग भाग
(c) एक परिचयात्मक कथन जिसमें संविधान के मार्गदर्शक मूल्य सम्मिलित होते हैं।
(d) किसी के अपने विचारों और गतिविधियों पर निर्णयात्मक सिद्धांत
9. ऐसा राज्य जहाँ नागरिकों को कोई भी धर्म अपनाने की पूर्ण स्वतंत्रता होती है- क्या कहलाता है ?
(a) समाजवादी राज्य
(b) संप्रभु राज्य
(c) गणतंत्र
(d) पंथ-निरपेक्ष
10. संविधान सभा में पेश हर प्रस्ताव, हर शब्द और कही गई हर बात को रिकॉर्ड किया गया है। इस रिकॉर्ड को क्या कहा जाता है ?
(a) संविधान
(b) कांस्टीट्यूएंट असेंबली डिबेट्स
(c) संविधान के अनुच्छेद
(d) असेंबली रिकॉर्ड
11. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने अपने कौन-से अधिवेशन में विचार किया था कि स्वतंत्र भारत का संविधान कैसा होना चाहिए?
(a) कलकत्ता
(b) लाहौर
(c) कराची
(d) नागपुर
उत्तर- ( 1 ) – a (2) – a (3) − b (4) – c (5) – c (6) – a (7) – d (8) – c (9) – d (10) – b (11) − c.
प्रश्न 2. एक शब्द / वाक्य में उत्तर दीजिए
(1) 1931 में गाँधी जी ने संविधान से अपनी अपेक्षा के बारे में किस पत्रिका में लिखा।
(2) भारतीय संविधान की प्रारूप कमेटी के अध्यक्ष कौन थे ?
(3) भारतीय संविधान सभा के अध्यक्ष कौन थे?
(4) भारतीय संविधान कब तैयार हो गया था ?
(5) भारतीय संविधान कब लागू हुआ?
(6) भारतीय संविधान लिखने वाली सभा में कुल कितने सदस्य थे ?
(7) किस औपनिवेशिक कानून से भारतीय संविधान ने बहुत सी धाराओं को अपनाया।
उत्तर – ( 1 ) यंग इंडिया (2) डॉ. भीमराव अम्बेडकर (3) डॉ. राजेंद्र प्रसाद, (4) 26 नवम्बर 1949 (5) 26 जनवरी 1950 (6) 299 (7) 1935 का भारत सरकार कानून ।
प्रश्न 3. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(1) नेल्सन मंडेला द्वारा लिखित आत्मकथा का नाम क्या है?
(2) नेल्सन मंडेला कितने वर्षों तक जेल में रहे?
(3) दक्षिण अफ्रीका गणराज्य का नया झंडा कब लहराया ?
(4) किस पार्टी ने दक्षिण अफ्रीका में आजादी की लड़ाई लड़ी?
(5) दक्षिण अफ्रीका में किस नेता ने नस्लीय रंगभेद का विरोध किया?
(6) मोतीलाल नेहरू और कांग्रेस के अन्य आठ नेताओं ने भारत का एक संविधान किस वर्ष में लिखा?
उत्तर – (1) ‘द लांग वॉक टू फ्रीडम’ (2) 28 वर्ष (3) 26 अप्रैल 1994 (4) अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस (5) नेल्सन मंडेला (6) 19281
अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
■ लघु एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. रंगभेद के खिलाफ दक्षिण अफ्रीकी लोगों के संघर्ष का वर्णन कीजिए।
उत्तर- (1) रंगभेद नस्लीय भेदभाव पर आधारित उस व्यवस्था का नाम है जो दक्षिण अफ्रीका में विशिष्ट तौर पर चलाई गई।
(2) रंगभेद के खिलाफ दक्षिण अफ्रीकी लोगों ने निम्नलिखित प्रयास किए
(i) अश्वेत तथा रंगीन चमड़ी वाले लोगों ने रंगभेद की प्रणाली के खिलाफ संघर्ष किया। उन्होंने विरोध प्रदर्शन किए और हड़तालें आयोजित की।
(ii) अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस के झंडे तले सभी एकजुट हुए तथा इसने आंदोलन का नेतृत्व किया।
(iii) अनेक समझदार और संवेदनशील गोरे लोग भी रंगभेद समाप्त करने के आंदोलन में अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस के साथ आए और उन्होंने इस संघर्ष में प्रमुख भूमिका निभाई।
(iv) इस आंदोलन में कई मजदूर संगठन और कम्युनिस्ट पार्टी भी शामिल हुई।
प्रश्न 2. दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद वाली शासन व्यवस्था की विशेषताओं की व्याख्या कीजिए।
अथवा
दक्षिण अफ्रीका में अश्वेतों के साथ भेदभाव किए जाने के पाँच तरीकों को बताएँ।
उत्तर- दक्षिण अफ्रीका में अश्वेतों के साथ निम्नलिखित तरीकों द्वारा भेदभाव किया जाता था –
(1) अश्वेतों को वोट डालने का अधिकार प्राप्त नहीं था।
( 2 ) उन्हें गोरों की बस्तियों में रहने बसने की इजाजत नहीं थी।
(3) परमिट होने पर ही वे गोरों की बस्तियों में जाकर काम कर सकते थे।
(4) रेलगाड़ी, बस, टैक्सी, होटल, अस्पताल, स्कूल इत्यादि में गोरों और कालों के लिए अलग-अलग इंतजाम थे।
(5) अश्वेतों को संगठन बनाने और इस भेदभावपूर्ण व्यवहार का विरोध करने का भी अधिकार नहीं था।
प्रश्न 3. हमें संविधान की जरूरत क्यों है? कोई तीन कारण दीजिए।
अथवा
संविधान क्या है? लोकतंत्र में संविधान की आवश्यकता क्यों है?
उत्तर- (1) संविधान देश का सर्वोच्च कानून होता है जिसमें किसी देश की राजनीति और समाज को चलाने वाले मौलिक कानून होते हैं।
( 2 ) किसी भी देश में संविधान की निम्नलिखित भूमिका होती है –
(i) यह साथ रह रहे विभिन्न तरह के लोगों के बीच जरूरी भरोसा और सहयोग विकसित करता है।
(ii) यह स्पष्ट करता है कि सरकार का गठन कैसे होगा और किसे फैसले लेने का अधिकार होगा।
(iii) यह सरकार के अधिकारों की सीमा तय करता है और हमें बताता है कि नागरिकों के क्या अधिकार व कर्त्तव्य है।
(iv) यह अच्छे समाज के गठन के लिए लोगों की आकांक्षाओं को व्यक्त करता है।
(v) हमारा संविधान अल्पसंख्यकों, पिछड़ा वर्ग, अति पिछड़ा वर्ग, गरीब एवं समाज के कमजोर वर्गों का रक्षक है। यह सभी को सार्वभौम वयस्क मताधिकार प्रदान करता है ।
(vi) यह समानता स्थापित करता है। सभी कानून की नजर में समान है।
प्रश्न 4. हमारे संविधान के निर्माण में योगदान देने वाले । कारकों की सूची बनाइए।
अथवा
भारतीय संविधान के निर्माण में योगदान देने वाले किन्हीं पाँच प्रमुख घटकों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- हमारे संविधान के निर्माण से योगदान देने वाले प्रमुख कारक-
(1) हमारे नेता फ्रांसीसी क्रांति के आदर्शों से प्रभावित थे।
(2) ब्रिटेन के संसदीय लोकतंत्र के कामकाज और अमेरिका के अधिकारों की सूची ने भी उन्हें प्रभावित किया ।
(3) सामाजिक और आर्थिक समानता पर आधारित रूसी क्रांति ने भी भारतीयों को प्रभावित किया।
(4) हर कदम पर वे यह सवाल जरूर पूछते थे कि क्या ये चीजें भारत के लिए उपयुक्त होंगी?
(5) वर्षों पहले से चले चिंतन और बहसों ने भी संविधान का प्रारूप तैयार करने में काफी लाभ पहुँचाया।
प्रश्न 5. भारत के संविधान में प्रयोग किए गए निम्न पदों की व्याख्या कीजिए।
(1) संप्रभू (2) समाजवादी (3) पंथ – निरपेक्ष (4) लोकतंत्र (5) गणतंत्र ।
अथवा
भारत में प्रचलित लोकतंत्र की पाँच सकारात्मक विशेषताओं को लिखिए।
उत्तर- संविधान की प्रस्तावना लोकतंत्र पर एक खूबसूरत कविता-सी लगती है। इसमें वह दर्शन शामिल है जिस पर पूरे संविधान का निर्माण हुआ है।
प्रस्तावना की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं
1. प्रभुत्व – संपन्न (संप्रभू) – (i) लोगों को आंतरिक व बाहरी हर मामले में फैसला करने का सर्वोच्च अधिकार है।
(ii) कोई भी बाहरी शक्ति भारत सरकार को आदेश नहीं दे सकती।
2. समाजवादी (i) समाज में संपदा सामूहिक रूप से पैदा होती है और समाज में उसका बँटवारा समानता के साथ होना चाहिए।
(ii) सरकार जमीन और उद्योग-धंधों की हकदारी से जुड़े कायदे-कानून इस तरह बनाए कि सामाजिक-आर्थिक असमानताएँ कम हों।
3. धर्मनिरपेक्ष (पंथ – निरपेक्ष) – (i) नागरिकों को किसी भी धर्म को मानने की पूरी स्वतंत्रता है।,
(ii) लेकिन कोई धर्म आधिकारिक नहीं है।
(iii) सरकार सभी धार्मिक मान्यताओं और आचरणों को समान सम्मान देती है।
4. गणतंत्र व्यक्ति होता है। (i) राज्य का प्रमुख लोगों द्वारा चुना हुआ
(ii) यह पद वंशानुगत नहीं होता है।
5. लोकतंत्र (i) लोगों द्वारा सरकार चुनी जाती है तथा सरकार संविधान के प्रावधानों के अनुरूप चलती है।
(ii) लोकतांत्रिक सरकार में लोगों को एक समान राजनैतिक अधिकार प्राप्त होते हैं।
