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MP Board Class 9th Social Science Solutions Chapter 3 नात्सीवाद और हिटलर का उदय

MP Board Class 9th Social Science Solutions Chapter 3 नात्सीवाद और हिटलर का उदय

MP Board Class 9th Social Science Solutions Chapter 3 नात्सीवाद और हिटलर का उदय

महत्वपूर्ण स्मरणीय बिन्दु

पहला विश्वयुद्ध1914-18 तक लड़ा गया।
अमरीका 1917 में प्रथम विश्वयुद्ध में शामिल हुआ।
नवम्बर 1918 में जर्मनी की पराजय के साथ प्रथम विश्व युद्ध का अन्त हुआ।
जून 1919 में वर्साय की संधि पर हस्ताक्षर हुए।
जर्मनी की हार के बाद वाइमर लोकतांत्रिक संविधान पारित किया गया।
हिटलर का जन्म 1889 में हुआ।
हिटलर ने 1919 में जर्मनी वर्कर्स पार्टी की सदस्यता ली।
1921 में हिटलर ने नाजी पार्टी की नींव रखी।
नात्सी यूथ लीग का गठन 1922 में हुआ।
एडोल्फ हिटलर 1933 में जर्मनी का चांसलर बना।
महामंदी के दौरान नात्सीवाद ने जन आंदोलन का रूप ग्रहण कर लिया ।
द्वितीय विश्व युद्ध (1939-45) तक चला।
1938 में म्यूनिख समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।
दिसम्बर 1941 को अमेरिका ने द्वितीय विश्व युद्ध में प्रवेश किया।
मई 1945 में सोवियत संघ की सेना ने बर्लिन में प्रवेश किया।
1945 में मित्र राष्ट्रों को यूरोप में विजय प्राप्त हुई।
क्रियाकलाप तथा पाठगत प्रश्न
स्रोत ‘क’
‘यह पृथ्वी न तो किसी को हिस्से में मिली है और न तोहफें में। नियति ने यह उन्हें सौपी है जिनके हृदय में इसको जीत लेने का, इसको बचाए रखने का साहस है और जिनके पास इस, पर हल चलाने की उद्यमशीलता है… । इस दुनिया का सबसे बुनियादी अधिकार है जीवन का अधिकार बशतें किसी के पास उसे हासिल करने की ताकत हो । इस अधिकार के आधार पर एक ऊर्जावान राष्ट्र अपने भूभाग को अपनी जनसंख्या के हिसाब से फैलाने के रास्ते ढूँढ़ लेगा ।’
स्रोत ‘ख’
‘पृथ्वी को लगातार राज्यों के बीच बाँटा जा रहा है और उनमें से कई तो महाद्वीप जितने बड़े हैं। ऐसे युग में हम किसी ऐसी विश्व शक्ति की बात नहीं सोच सकते जिसका राजनीतिक मातृ- देश केवल पाँच सौ वर्ग किलोमीटर जैसे वाहियात से क्षेत्रफल में सिमटा हुआ हो।’ हिटलर, मेन काम्फ, पृ. 644।
प्रश्न 1. इनसे हिटलर के साम्राज्यवादी मंसूबों के बारे में आपको क्या पता चलता है?
उत्तर – (i) प्रस्तुत पाठ्यांश से यह सिद्ध होता है कि हिटलर एक बहुत भयानक साम्राज्यवादी लक्ष्य को लेकर चल रहा था।
(ii) वह अपने देश की सीमा को एक अनिश्चित सीमा तक विस्तार देना चाहता था।
(iii) हिटलर का मानना था कि एक विशाल तथा जागृत राष्ट्र अपनी आबादी के आकार के अनुसार नये क्षेत्र के अधिग्रहण का रास्ता स्वयं ही चुन लेता है ।
(iv) हिटलर की इच्छा जर्मनी को एक विश्वशक्ति के रूप में स्थापित करने की थी तथा इसीलिए वह असंतुष्ट था कि उसके देश का भौगोलिक क्षेत्रफल मात्र 500 वर्ग किमी. था जबकि कई दूसरे राष्ट्रों का क्षेत्रफल महाद्वीपों के बराबर था।
प्रश्न 2. आपकी राय में इन विचारों पर महात्मा गाँधी हिटलर से क्या कहते ?
उत्तर- महात्मा गांधी हिटलर को हिंसा रोकने की सलाह देते, क्योंकि उनका मानना था कि हिंसा ही हिंसा को जन्म देती है।
अगले दो पन्नों (पाठ्यपुस्तक के पृष्ठ- 64 व 65) को देखिए और इनके बारे में संक्षेप में लिखिए
प्रश्न 3. आपके लिए नागरिकता का क्या मतलब है? अध्याय 1 एवं 3 को देखें और 200 शब्दों में बताएँ कि फ्रांसीसी क्रांति और नात्सीवाद ने नागरिकता को किस तरह परिभाषित किया?
उत्तर – नागरिकता से तात्पर्य किसी व्यक्ति का अपने इच्छित देश अथवा जन्म के देश में रहने के अधिकार से है। फ्रांसीसी क्रांति तथा नाजीवाद दोनों ने अलग-अलग तरीकों तथा दृष्टिकोणों से नागरिकता को पारिभाषित करने की कोशिश की। फ्रांसीसी क्रांति का यह विचार था कि सभी मानव जन्म से समान एवं स्वतंत्र हैं तथा उनके अधिकार भी समान हैं। स्वतंत्रता, संपत्ति, सुरक्षा तथा दमन का विरोध, ये नागरिक के प्राथमिक अधिकार हैं। प्रत्येक व्यक्ति अपने विचार व्यक्त करने तथा अपने इच्छित जगह पर बस जाने के लिए स्वतंत्र है। किसी प्रजातांत्रिक तथा समाजवादी समाज में कानून का शासन होना चाहिए, जिसके ऊपर कोई नहीं होता।
दूसरी तरफ, नात्सियों ने नागरिकता को खासकर प्रजातीय विभेद के दृष्टिकोण से पारिभाषित किया। यही कारण है कि उन्होंने यहूदियों तथा आबादी के अन्य हिस्सों को जर्मन नागरिक मानने से इंकार कर दिया। इतना ही नहीं, उनके साथ बहुत कठोर व्यवहार करते हुए उन्हें जर्मनी से बाहर निकाल से दिया। कालांतर में उन्हें जर्मनी से बाहर पोलैंड तथा पूर्वी यूरोप में भागकर बसना पड़ा।
प्रश्न 4. नात्सी जर्मनी में ‘अवांछितों’ के लिए न्यूरेम्बर्ग कानूनों का क्या मतलब था? उन्हें इस बात का अहसास कराने के लिए कि वह ‘अवांछित’ है अन्य कौन-कौन से कानूनी कदम उठाए गए?
उत्तर- न्यूरेमबर्ग नियम के अनुसार नागरिक के रूप में रह रहे योग्यों के बीच अयोग्यों को रहने का कोई अधिकार नहीं है । 1935 ई. में निर्मित नागरिकता संबंधी न्यूरेमबर्ग नियम निम्नलिखित हैं
(i) केवल जर्मन अथवा उससे संबंधित रक्त वाले व्यक्ति ही आगे से जर्मन नागरिक होंगे, जिन्हें जर्मन साम्राज्य की सुरक्षा प्राप्त होगी।
(ii) यहूदियों तथा जर्मनों के बीच विवाह संबंध पर प्रतिबंध लागू किया गया।
(iii) जर्मनों तथा यहूदियों के बीच विवाहेत्तर संबंध को कानूनन अपराध घोषित किया गया।
(iv) यहूदियों को राष्ट्रध्वज फहराने से प्रतिबंधित किया गया।
अन्य वैधानिक कदमों में शामिल थे-
(i) यहूदी व्यापार का बहिष्कार ।
(ii) यहूदियों का सरकारी नौकरियों से निष्कासन ।
(iii) उन्हें अपनी संपत्ति बेचने के लिए मजबूर किया जाना।
एन.सी.ई.आर.टी. अभ्यास प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. वाइमर गणराज्य के सामने क्या समस्याएँ थीं?
अथवा
वाइमर गणराज्य को कौन-कौन सी समस्याओं का सामना करना पड़ा?
अथवा
स्थापना के तुरंत पश्चात् वाइमर गणराज्य के द्वारा सामना करने वाली किन्हीं तीन समस्याओं का वर्णन कीजिए।
अथवा
जर्मनी में वाइमर गणराज्य के समक्ष किन्हीं तीन समस्याओं को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- (1) मित्र राष्ट्रों के साथ जर्मनी को अपमानजनक वर्साय की शांति-संधि करनी पड़ी। जिस कारण उसे बड़े भूभाग, उपनिवेश, लौह एवं कोयला भंडारों से हाथ धोना पड़ा।
(2) जर्मनी की रही-सही ताकत खत्म करने के लिए मित्र राष्ट्रों ने उसकी सेना भी भंग कर दी।
(3) युद्ध हर्जाना चुकाने पर वाइमर आर्थिक रूप से भी अपंग हो गया।
(4) आर्थिक संकट ने लोगों में गहरी बेचैनी और डर पैदा कर दिया था।
(5) समाज के मध्यवर्ग, छोटे व्यवसायी और स्वरोजगार में लगे लोगों को सर्वहाराकरण का भय सताने लगा था।
(6) राजनीतिक स्तर पर भी वाइमर में अस्थिरता थी। अपने छोटे जीवन काल में वाइमर गणराज्य का शासन 20 मंत्रिमंडलों के हाथों में रहा।
प्रश्न 2. इस बारे में चर्चा कीजिए कि 1930 तक आतेआते जर्मनी में नात्सीवाद को लोकप्रियता क्यों मिलने लगी?
अथवा
जर्मनी में नात्सीवाद के विकास हेतु उत्तरदायी किन्हीं तीन कारणों को लिखिए।
उत्तर- जर्मनी में नाजीवाद की लोकप्रियता के मुख्य कारण इस प्रकार थे-
(क) वर्साय की संधि प्रथम विश्व युद्ध में हार को बाद जर्मनी को वर्साय में शांति संधि पर हस्ताक्षर करने पड़े। यह संधि जर्मनी के लिए इतनी कठोर तथा अपमानजनक थी। जिसे वे अपने दिल से स्वीकार नहीं कर सकते थे और अंततः इसने जर्मनी में हिटलर के नाजीवाद को जन्म दिया। जर्मनी के लोग हिटलर को जर्मनी की खोई हुई प्रतिष्ठा पुनः दिलाने वाले प्रतीक के रूप में देखते थे।
(ख) आर्थिक संकट 1929-1933 के बीच के वैश्विक आर्थिक संकट से जर्मन अर्थव्यवस्था पर सबसे गहरी मार पड़ी। देश अति मुद्रास्फीति के दौर से गुजर रहा था। इस समय के दौरान नाजीवाद जन आंदोलन बन गया। नाजी प्रोपेगेंडा ने बेहतर भविष्य की आशा जगाई। –
(ग) राजनैतिक उथल-पुथल जर्मनी में बहुत से राजनैतिक दल थे जैसे राष्ट्रवादी, राजभक्त, कम्युनिस्ट, सामाजिक लोकतंत्रवादी आदि । यद्यपि लोकतंत्रात्मक सरकार में इनमें से कोई भी बहुमत में नहीं था। दलों में मतभेद अपने चरम पर थे। इसने सरकार को कमजोर कर दिया और अंततः नाजियों को सत्ता हथियाने का अवसर दे दिया। 1
(घ) जर्मनों को लोकतंत्र में बिल्कुल विश्वास नहीं था – प्रथम विश्व युद्ध के अंत में जर्मनी की हार के बाद जर्मनों का संसदीय संस्थाओं में कोई विश्वास नहीं था। उस समय जर्मनी में लोकतंत्र एक नया व भंगुर विचार था। लोग स्वाधीनता व आजादी की अपेक्षा प्रतिष्ठा और यश को प्राथमिकता देते थे। उन्होंने खुले दिल से हिटलर का साथ दिया क्योंकि उसमें उनके सपने पूरे करने की योग्यता थी।
(ङ) वाइमर गणराज्य की विफलता प्रथम विश्व युद्ध में जर्मनी की हार तथा वर्साय की संधि के बाद पूरे जर्मनी में भ्रम व्याप्त था। वाइमर गणराज्य देश के आर्थिक संकट का हल निकालने में असमर्थ रहा। इसने नाजियों को अपने पक्ष में अभियान चलाने का एक सुनहरा मौका प्रदान किया।
(च) हिटलर का व्यक्तित्व – हिटलर एक जबर्दस्त वक्ता, एक योग्य संगठक, उपायकुशल एवं काम करने वाला था। वह अपने जोश भरे शब्दों से जनता को अपने पक्ष में कर लेता था। उसने एक शक्तिशाली राष्ट्र का गठन करने, वर्साय की संधि के अन्याय का बदला लेने और जर्मनों की खोई प्रतिष्ठा वापस दिलाने का वादा किया। वास्तव में उसके व्यक्तित्व तथा कार्यों ने जर्मनी में नाजीवाद की लोकप्रियता में बहुत योगदान दिया।
प्रश्न 3. नात्सी सोच के खास पहलू कौन-से थे ?
उत्तर – नात्सी सोच के खास पहलू इस प्रकार थे
(क) नाजियों की दृष्टि में देश सर्वोपरि है। सभी शक्तियाँ देश में निहित होनी चाहिए। लोग देश के लिए है न कि देश लोगों के लिए।
(ख) नाजी सोच सभी प्रकार की संसदीय संस्थाओं को समाप्त करने के पक्ष में थी और एक महान नेता के शासन में विश्वास रखती थी।
(ग) यह सभी प्रकार के दल निर्माण व विपक्ष के दमन और उदारवाद, समाजवाद एवं कम्युनिस्ट विचारधाराओं के उन्मूलन की पक्षधर थी ।
(घ) इसने यहूदियों के प्रति घृणा का प्रचार किया क्योंकि इनका मानना था कि जर्मनों की आर्थिक विपदा के लिए यही लोग जिम्मेदार थे ।
(ङ) नाजी दल जर्मनी को अन्य सभी देशों से श्रेष्ठ मानता था और पूरे विश्व पर जर्मनी का प्रभाव जमाना चाहता था।
(च) इसने किया। युद्ध की सराहना की तथा बल प्रयोग का यशोगान
(छ) इसने जर्मनी के साम्राज्य विस्तार और उन सभी उपनिवेशों को जीतने पर ध्यान केन्द्रित किया जो उससे छीन लिए गए थे।
(ज) ये लोग शुद्ध जर्मनों एवं स्वस्थ नोर्डिक आर्यों के नस्लवादी राष्ट्र का सपना देखते थे और उन सभी का खात्मा चाहते थे जिन्हें वे अवांछित मानते थे।
प्रश्न 4. नात्सियों का प्रोपेगैंडा यहूदियों के खिलाफ नफरत पैदा करने में इतना असरदार कैसे रहा ?
उत्तर 1933 ई. में तानाशाह बनने के बाद हिटलर ने सभी शक्तियों को कब्जे में लिया। उसने एक शक्तिशाली केन्द्रीय सरकार का गठन किया। उसने लोकतंत्र का ध्वंस कर दिया। उसके प्रशासन का आधार एक दल, एक नेता और पूर्णत: अनुशासित प्रशासन था। हिटलर ने यहूदियों के विरुद्ध विद्वेषपूर्ण प्रोपेगेन्डा शुरू किया जो यहूदियों के प्रति घृणा पैदा करने में सफल साबित हुआ। यहूदियों के खिलाफ नाजियों के प्रोपेगैंडा के सफल होने के कुछ कारण इस प्रकार हैं
(क) हिटलर ने उन जर्मन लोगों के दिमाग में पहले ही स्थान बना लिया था जो उसे अपना मसीहा मानने लगे थे। वे हिटलर द्वारा कही गई बातों पर विश्वास करते थे। इस प्रकार, हिटलर के चमत्कारी व्यक्तित्व के कारण यहूदियों के विरुद्ध नाजी प्रोपेगैंडा सफल साबित हुआ।
(ख) ईसा की हत्या के अभियुक्त होने के कारण ईसाइयों की यहूदियों के प्रति पारंपरिक घृण का नाजियों ने पूरा लाभ उठाया जिससे जर्मन यहूदियों के प्रति पूर्वाग्रह से ग्रस्त हो गए।
(ग) नाजियों ने भाषा और मीडिया का बहुत सावधानी से प्रयोग किया। नाजियों ने एक नस्लवादी विचारधारा को जन्म दिया कि यहूदी निचले स्तर की नस्ल से संबंधित थे और इस प्रकार वे अवांछित थे।
(घ) नाजियों ने प्रारंभ से उनके स्कूल के दिनों में ही बच्चों के दिमागों में भी यहूदियों के प्रति नफरत भर दी। जो अध्यापक यहूदी थे उन्हें बर्खास्त कर दिया गया और यहूदी बच्चों को स्कूलों से निकाल दिया गया। इस प्रकार के तरीकों एवं नई विचारधारा के प्रशिक्षण ने नई पीढ़ी के बच्चों में यहूदियों के प्रति नफरत फैलाने और नाजी प्रोपेगेन्डा को सफल बनाने में पूर्णत: सफलता प्राप्त की।
(ङ) यहूदियों के प्रति नफरत फैलाने के लिए प्रोपेगेन्डा फिल्मों का निर्माण किया गया। रूढ़िवादी यहूदियों की पहचान की गई एवं उन्हें चिन्हित किया गया। उन्हें उड़ती हुई दाढ़ी और कफ्तान पहने दिखाया जाता था।
(च) उन्हें केंचुआ, चूहा और कीड़ा कह कर संबोधित किया जाता था। उनकी चाल की तुलना कुतरने बाले छटुंदरी जीवों से की जाती थी।
प्रश्न 5. नात्सी समाज में औरतों की क्या भूमिका थी ? फ्रांसीसी क्रांति के बारे में जानने के लिए अध्याय 1 देखें । फ्रांसीसी क्रांति और नात्सी शासन में औरतों की भूमिका के बीच क्या फर्क था । एक पैराग्राफ में बताएँ।
उत्तर- नाजी समाज में महिलाओं की भूमिका एक बड़े पैमाने पर पितृसत्तात्मक या पुरुष प्रधान समाज के नियमों का पालन करने की थी। हिटलर ने महिलाओं को उसके जर्मनी की सबसे महत्वपूर्ण नागरिक कहा था किन्तु यह केवल उन आर्य महिलाओं तक ही सच था जो शुद्ध एवं वांछित आर्य बच्चे पैदा करती थी। उन्हें अच्छी पत्नी बनने और पारंपरिक रूप से घर को संभालने व अच्छी पत्नी बनने के अतिरिक्त एकमात्र मातृत्व लक्ष्य की प्राप्ति की ही शिक्षा दी जाती थी।
नाजी जर्मनी में महिलाएँ पुरुषों से मूलतः भिन्न थी। उन्हें अपने घर की देख-रेख करनी पड़ती थी और अपने बच्चों को नाजी मूल्य पढ़ाने होते थे।
जो माताएँ नस्ली तौर पर वांछित दिखने वाले बच्चों को जन्म देती उन्हें इनाम दिए जाते और कई प्रकार की सुविधाएँ मिलती थी। दूसरी और वे औरतें जो यहूदी, पोलिश और रूसी पुरुषों से शादी करके नस्ली तौर पर अवांछित दिखने वाले बच्चों को जन्म देती, उन्हें बुरी तरह दंडित किया जाता और ऐसा माना जाता जैसे कि उन्होंने कोई दंडनीय अपराध किया हो। इस प्रकार नाजी समाज में महिलाओं के साथ बराबरी का व्यवहार नहीं किया जाता था।
यह फ्रांसीसी क्रांति में महिलाओं की भूमिका के मुकाबले सर्वथा उलट था जहाँ महिलाओं ने आंदोलनों का नेतृत्व किया और शिक्षा एवं समान मजदूरी के अधिकार के लिए लड़ाई की। उन्हें राजनैतिक क्लब बनाने की अनुमति थी और फ्रांसीसी क्रांति के बाद उनका स्कूल जाना अनिवार्य कर दिया गया था।
प्रश्न 6. नात्सियों ने जनता पर पूरा नियंत्रण हासिल करने के लिए कौन-कौन से तरीके अपनाए?
अथवा
नाजियों ने जनता पर पूर्ण नियंत्रण हासिल करने के लिए कौन-कौन से तरीके अपनाए?
उत्तर- (1) हिटलर ने लोकतांत्रिक शासन की संरचना एवं संस्थानों को भंग करना शुरू कर दिया। जर्मन संसद में हुए रहस्यमय अग्निकांड से उनका रास्ता आसान हो गया। 28 फरवरी 1933 को जारी अग्नि अध्यादेश के जरिए अभिव्यक्ति, प्रेस एवं सभा करने की आजादी को निलंबित कर दिया गया।
(2) कम्युनिस्ट हिटलर के कट्टर शत्रु थे । उनको कंसन्ट्रेशन कैंपों में बंद कर दिया गया। 3 मार्च, 1933 को प्रसिद्ध विशेषाधिकार अधिनियम (इनेबलिंग ऐक्ट) के जरिए जर्मनी में तानाशाही स्थापित कर दी गई।
(3) इसने हिटलर को संसद को हाशिए पर धकेलकर निरंकुश अधिकार प्रदान कर दिया। नात्सी पार्टी से जुड़े संगठनों के अलावा अन्य सभी राजनीतिक पार्टियों और ट्रेड यूनियनों पर पाबंदी लगा दी गई।
(4) अर्थव्यवस्था, मीडिया, सेना और न्यायपालिका पर राज्य का पूरा नियंत्रण स्थापित हो गया।
(5) पूरे समाज को नात्सियों के हिसाब से नियंत्रित और व्यवस्थित करने के लिए सुरक्षा दस्ते गठित किए गए। इसमें गेस्तापो ( गुप्तचर राज्य पुलिस) एस. एस. और सुरक्षा सेवा (एस.डी.) शामिल थे।
वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(1) मित्र राष्ट्र देश ………. थे।
(2) अमेरिका ………. मित्र राष्ट्रों में शामिल हुआ।
(3) वाइमर गणतंत्र को …….. . संधि पर हस्ताक्षर करने पड़े।
(4) प्रथम विश्व युद्ध के बाद मित्र राष्ट्रों ने जर्मनी के ………. प्रदेश पर अधिकार किया।
(5) हिटलर का जन्म ……… हुआ।
(6) जर्मनी की संसद को ……. नाम से जाना जाता है।
(7) जर्मनी को हरजाने के रूप में ……. धन देना पड़ा।
(8) नाजी लोग सब से अधिक …….. लोगों के विरुद्ध थे।
(9) आर्थिक महामंदी ……… शुरू हुई।
( 10 ) देश ने द्वितीय विश्वयुद्ध में परमाणु बम का प्रयोग किया।
उत्तर- (1) इंग्लैण्ड, फ्रांस, रूस और सहयोगी, देश (2) 1917 में, (3) वर्साय की संधि पर, (4) राइन लैंड, (5) 1889 में ऑस्ट्रिया में, (6) राइखस्टैग, (7) 6 अरब पौंड, (8) यहूदी के, (9) 1929 में, (10) अमेरिका ।
प्रश्न 2. एक शब्द / वाक्य में उत्तर दीजिए
(1) हिटलर ने अग्नि अध्यादेश (फायर डिक्री) के जरिए क्या-क्या निलंबित किया?
( 2 ) हिटलर ने जिस विचारधारा को जन्म दिया उसे क्या कहते हैं ?
( 3 ) धुरी शक्तियों में कौन-कौन से देश शामिल थे?
( 4 ) प्रथम विश्व युद्ध के बाद जर्मनी में किस गणराज्य का जन्म हुआ ?
(5) नात्सी विचारधारा का मुख्य आधार क्या था?
( 6 ) नवंबर के अपराधी किन्हें कहा जाता है ?
(7) अति मुद्रास्फीति क्या है ?
(8) सर्वहाराकरण किसे कहते हैं?
(9) हिटलर की गुप्तचर राज्य पुलिस का क्या नाम था?
(10) ‘युंगफोक’ क्या था?
उत्तर- (1) अभिव्यक्ति, प्रेस, सभा करने की आजादी आदि, (2) नाजीवाद या नात्सीवाद, (3) जर्मनी, इटली, जापान और सहयोगी, (4) वाइमर गणराज्य का, (5) नस्ली आधार पर भेद भाव, (6) जर्मन समाजवादी कैथोलिक एवं डेमोक्रेट खेमे के लोग जो वाइमर गणराज्य के हिमायती थे, उन्हें नवंबर का अपराधी कहा जाता था, (7) जब कीमतें बेहिसाब बढ़ जाती है तो उस स्थिति को अति मुद्रास्फीति कहा जाता है, (8) गरीब होते-होते मजदूर वर्ग की आर्थिक स्थिति में पहुंच जाना सर्वहाराकरण कहलाता है, (9) गेस्तापो।, (10) 10 से 14 वर्ष के बच्चों का नात्सी युवा संगठन |
प्रश्न 3. सही विकल्प का चयन कीजिए।
1. ‘मेन काम्फ’ के रचनाकार हैं –
(a) अडोल्फ हिटलर
(b) हिंडनबर्ग
(c) मुसोलिनी
(d) शार्लंट बेराट
2. ‘जर्मनी के परिप्रेक्ष्य में ‘उन’ (सूदखोर) कौन थे ?
(a) यहूदी
(b) साहूकार
(c) जिप्सी
(d) नार्डिक आर्य
3. इनमें से किसने “उत्तरजीविता का सिद्धांत” दिया?
(a) चार्ल्स डार्विन
(b) हर्बट स्पेन्सर
(c) एडोल्फ हिटलर
(d) इसाक न्यूटन
4. इनमें से कौन-सा संगठन जर्मनी में 14 से 18 वर्ष के नाजी युवकों के लिए बनाया गया ?
(a) हिटलर युवा संगठन
(b) युंगफोक
(c) श्रमिक सेवा
(d) युवक लीग
5. जर्मनी में 10 से 14 वर्ष के स्कूली बच्चों को एक संगठन की सदस्यता लेनी पड़ती थी उसका नाम था –
(a) युंगफोक
(b) हिटलर यूथ
(c) फॉक्सवैगन
(d) यंग नाजी पार्टी
6. जर्मनी में 14 वर्ष के सभी लड़के जो नाजी यूथ संगठन में शामिल हुए, वे कहलाए –
(a) लेबेन्त्राउस
(b) युंगफोक
(c) हिटलर यूथ
(d) राइखस्टाग
7. जर्मनी के संदर्भ में महाध्वंस क्या था ?
(a) नाजी प्रोपेगैंडा
(b) नाजी सम्मान से परे
(c) नाजी दमन
(d) नाज़ी स्कूल
8. जर्मनी के संदर्भ में “दी थर्ड राइख ऑफ ड्रीम्स” किसने लिखी?
(a) शार्लट बेराट
(b) पादरी नीम्योलर
(c) एडोल्फ हिटलर
(d) ह्यालमार शाख्त
9. नाज़ियों द्वारा गैस चेम्बरों को क्या नाम दिया गया था?
(a) किलिंग मशीन
(b) समाधान क्षेत्र
(c) क्रांतिकारी मैदान
(d) संक्रमण मुक्ति क्षेत्र
10. इनमें से किसे आर्थिक वसूली की जिम्मेदारी हिटलर द्वारा दी गई थी?
(a) ग्योबल्स
(b) हिंडनबर्ग
(c) ह्यालमार शाख्त
(d) एडम स्मिथ
11. जर्मनी ने अपने आप को ‘लीग ऑफ नेशंस’ से कब अलग किया ?
(a) 1930
(b) 1931
(c) 1932
(d) 1933
12. इनमें से किसने हिटलर को चांसलर का पद – भार संभालने का न्योता दिया?
(a) चर्चिल
(b) प्लेटो
(c) हेलमुथ
(d) हिंडनबर्ग
उत्तर- (1) (a) अडोल्फ हिटलर, (2) (a) यहूदी, (3) (b) हर्बट स्पेन्सर, (4) (a) हिटलर युवा संगठन, (5) (a) युंगफोक, (6) (c) हिटलर यूथ, (7) (a) नाजी प्रोपेगैंडा, (8) (a) शार्लट बेराट, (9) (d) संक्रमण मुक्ति क्षेत्र, (10) (c) ह्यालमार शाख्त, (11) (d) 1933, (12) (d) हिंडनबर्ग ।

अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

■ लघु एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर 
प्रश्न 1. वर्साय में हुई संधि की शर्तें बताइये ।
उत्तर- (1) युद्ध के लिए जर्मनी को जिम्मेदार ठहराना । (2) जर्मनी को अपने सारे उपनिवेश छोड़ने पड़े।
(3) कोयले के भंडार फ्रांस को देने पड़े।
(4) छ: अरब पौंड का जुर्माना देना पड़ा
( 5 ) सेना पर अंकुश / खनिज संसाधनों पर कब्जा।
प्रश्न 2. नात्सी सोच के खास पहलू कौन से थे ?
उत्तर – (1) आर्य (जर्मन) विश्व की सर्वश्रेष्ठ नस्ल है, उसे अपनी शुद्धता बनाए रखनी है ।
(2) नात्सियों का मानना था कि श्रेष्ठ जाति (जर्मन) जीवित रहेगी तथा हीन (यहूदी) को नष्ट होना पड़ेगा।
(3) नात्सी विचारधारा में हिटलर को एक मसीहा के रूप में प्रस्तुत किया गया है जो उन्हें सभी विपत्तियों से छुटकारा दिला सकता है।
प्रश्न 3. नाजी समाज में औरतों की क्या भूमिका थी ?
उत्तर- (1) नाजी समाज में औरतों को आर्य संस्कृति और नस्ल का ध्वजवाहक माना जाता था।
(2) उनका कर्तव्य अच्छी माँ बनना, शुद्ध आर्य रक्त वाले बच्चों को जन्म देना और उनका पालन-पोषण करना है।
( 3 ) ऐसा नियम पालन करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया जाता था, उल्लंघन करने वाली महिलाओं को दण्डित किया जाता था।
प्रश्न 4. नाजीवादी आन्दोलन की मुख्य विशेषताएँ क्या थी?
उत्तर- (1) जर्मनी में हिटलर के अधीन नाजीवाद का उत्थान हुआ।
(2) यह तानाशाही आन्दोलन था।
(3) यह संसदीय संस्थाओं का विरोध करता था।
(4) यह एक ही नेता के शासन का गुणगान करता था।
(5) विभिन्न संगठनों के विरुद्ध |
प्रश्न 5. सत्ता में आने के बाद हिटलर द्वारा जर्मनी में अपनी तानाशाही स्थापित करने हेतु उठाए गए किन्हीं तीन कदमों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर. (1) सत्ता प्राप्त करने के बाद हिटलर लोकतांत्रिक शासन के ढाँचे को खत्म करने की ओर अग्रसर हुआ।
(2) 28 फरवरी, 1933 को जारी अग्नि अध्यादेश (फायर डिक्री) ने विभिन्न नागरिक अधिकारों जैसे भाषण, प्रेस तथा सभा करने की स्वतंत्रता को छीन लिया।
(3) उसने कम्युनिस्टों को नवस्थापित ‘कंसन्ट्रेशन कैम्प’ में भेजना शुरु किया ।
( 4 ) 3 मार्च, 1933 को पारित ‘इनेबलिंग एक्ट’ द्वारा वह तानाशाह बन बैठा। (5) सभी राजनीतिक दलों तथा ट्रेड यूनियनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया। उसने मीडिया, सेना तथा न्यायपालिका पर नियंत्रण स्थापित किया।
मानचित्र पर आधारित प्रश्न
प्रश्न 1. विश्व के दिए हुए रेखा- मानचित्र पर संख्याओं द्वारा लक्षण चिह्नित किए गए हैं। नीचे दी गई जानकारी के आधार पर इन लक्षणों की पहचान कीजिए तथा मानचित्र में चिह्नित रेखाओं पर उनके सही नाम लिखिए।
(1) हिटलर से संबंधित देश । ( 2 ) एक प्रमुख देश जो द्वितीय विश्वयुद्ध में शामिल था और मित्र राष्ट्रों के खिलाफ लड़ा। (3) मित्र राष्ट्रों से संबंधित एक प्रमुख देश । (4) जर्मन कब्जा वाला एक क्षेत्र । (5) इटली के कब्जे वाला एक क्षेत्र । (6) ब्रिटेन का एक पड़ोसी देश जो द्वितीय विश्वयुद्ध में तटस्थ था। (7) जर्मन कब्जे से संबंधित एक देश । (8) नॉर्वे का पड़ोसी देश जो द्वितीय विश्वयुद्ध में तटस्थ था । (9) एक प्रमुख देश जिसने धुरी शक्तियों की मदद की। (10) जर्मन कब्जे वाला एक क्षेत्र । (11) एक प्रमुख देश जो मित्र शक्तियों की तरफ से लड़ा। (12) एक प्रमुख देश जो द्वितीय विश्वयुद्ध में मित्र शक्तियों से लड़ा। (13) एक प्रमुख देश जो मित्र शक्तियों की तरफ से लड़ा। (14) एक प्रमुख देश जो धुरी शक्तियों के खिलाफ लड़ा। (15) जर्मन कब्जे वाला एक देश ।
उत्तर- (1) जर्मनी, (2) जापान, (3) अमेरिका, (4) ग्रीस, (5) अल्बानिया (6) आयरलैंड, (7) ऑस्ट्रिया, (8) स्वीडन, (9) फिनलैंड, (10) नॉर्वे, (11) सोवियत संघ, (12) इटली, (13) फ्रांस, ( 14 ) यूनाइटेड किंगडम, ( 15 ) यूक्रेन |
प्रश्न 2. दिए हुए विश्व के रेखा मानचियत्र पर निम्नलिखित लक्षणों को उपयुक्त संकेतों द्वारा दर्शाइए और उनके सही नाम लिखिए।
(1) सोवियत संघ ( 2 ) पोलैंड-जर्मन कब्जे वाला इलाका । (3) स्पेन – द्वितीय विश्व युद्ध में तटस्थ देश । (4) बुल्गारिया-धुरी शक्तियों को मदद देने वाला देश । (5) पुर्तगाल – यह तटस्थ देश था | (6) बेल्जियम – यह जर्मनी के कब्जे में था। (7) जर्मनीयह त्रिपक्षीय संधि का सदस्य था। (8) स्विट्जरलैंड-यह तटस्थ देश था। (9) जापान- यहाँ सन् 1945 में परमाणु बम गिराया गया था। (10) फ्रांस – यह मित्र शक्तियों में शामिल था।

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