MP Board Class 9th Social Science Solutions Chapter 5 प्राकृतिक वनस्पति तथा वन्य प्राणी
MP Board Class 9th Social Science Solutions Chapter 5 प्राकृतिक वनस्पति तथा वन्य प्राणी
MP Board Class 9th Social Science Solutions Chapter 5 प्राकृतिक वनस्पति तथा वन्य प्राणी
महत्वपूर्ण स्मरणीय बिन्दु
प्राकृतिक वनस्पति – वनस्पति का वह भाग जो मनुष्य की सहायता के बिना अपने आप पैदा होता है और लंबे समय तक उस पर मानवीय प्रभाव नहीं पड़ता प्राकृतिक वनस्पति (अक्षत वनस्पति) कहलाता है।
देशज वनस्पति – वह वनस्पति जो कि मूल रूप से भारतीय है उसे देशज कहते हैं।
विदेशज वनस्पति – जो पौधे भारत के बाहर से आते हैं उन्हें विदेशज वनस्पति कहा जाता है।
बायोम – भूमि पर स्थित एक बहुत बड़ा परितन्त्र जिसमें विविध प्रकार की वनस्पतियाँ तथा जन्तु शामिल होते हैं। बायोम कहलाता है।
उष्ण कटिबन्धीय वर्षा वन- भूमध्य रेखा के दोनों ओर 5 डिग्री उत्तर तथा 5 डिग्री दक्षिण के बीच आने वाले वन।
भारत की प्राकृतिक वनस्पति को पाँच भागों में बाँटा जाता है।
(i) उष्ण कटिबन्धीय वर्षा वन (सदाबहार वन), (ii) उष्ण कटिबन्धीय पर्णपाती वन । (iii) कंटीले वन या झाड़ियाँ, (iv) पर्वतीय वन, (v) मैंग्रोव वन।
उष्ण कटिबन्धीय पर्णपाती वन में पाये जाने वाले कुछ वृक्ष – साल, सागोन, बाँस, शीशम, चंदन, खैर, अर्जुन, शहतूत, पीपल, नीम आदि।
पर्वतीय वनों में पाए जाने वाले कुछ वृक्ष- ओक, चेस्टनट, चीड़, देवदार, सिल्वर-फर ।
राष्ट्रीय पार्क- यह आरक्षित वन जिसमें प्राकृतिक वनस्पति, प्रकृति की सुंदरता और वन्य जीवों को उनके प्राकृतिक वातावरण में संरक्षित रखा जाता है।
क्रियाकलाप तथा पाठगत प्रश्न
ज्ञात कीजिए
प्रश्न 1. हिमालय पर्वत की दक्षिणी ढलानों पर उत्तरी ढलानों की अपेक्षा ज्यादा सघन वनस्पति क्यों है?
उत्तर – हिमालय पर्वत की दक्षिणी ढलानों पर उत्तरी ढलानों की अपेक्षा ज्यादा सघन वनस्पति है क्योंकि-
(1) दक्षिणी ढलानों पर सूर्य का प्रकाश भरपूर मिलता है जो पेड़-पौधों के बढ़ने में सहायक होता है, जबकि उत्तरी ढलानों पर सूर्य का प्रकाश अपेक्षाकृत कम पड़ता है।
(2) दक्षिणी ढलानों पर भारी मात्रा में वर्षा होती है, जबकि उत्तरी ढलानों पर वर्षा न्यूनतम होती है।
प्रश्न 2. यदि वनस्पति और जानवर धरती से अदृश्य हो जाएँ? क्या मनुष्य उन अवस्थाओं में जीवित रह पाएगा? जैव विविधता क्यों अनिवार्य है और इसका संरक्षण क्यों आवश्यक है ?
उत्तर- (1) यदि वनस्पति और जानवर धरती से अदृश्य हो गए तो यह एक बंजर भूमि बन जाएगी। आहार – शृंखला टूट अथवा बिगड़ जाएगी और मानव जाति का अस्तित्व समाप्त होने के कगार पर आ जाएगा।
(2) नहीं, मनुष्य उन अवस्थाओं में जीवित नहीं रह पाएगा।
(3) जैव विविधता निम्नलिखित कारणों से आवश्यक है –
(i) यह पारितंत्र के सुचारू रूप से संचालन के लिए आवश्यक है।
(ii) यह स्वस्थ जैवमंडल का आवश्यक अभिलक्षण है।
(iii) यह वन्यजीव पर्यावरण में पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखने में सहायक होता है।
(iv) यह हमारी आहार – शृंखला की महत्वपूर्ण कड़ी है ।
(4) जैव-विविधता का संरक्षण आवश्यक है, क्योंकि-
(i) वनस्पति जगत एवं जीव-जगत हमारी राष्ट्रीय धरोहर है और स्वस्थ जैवमंडल के अनिवार्य अभिलक्षण हैं।
(ii) पारितंत्र के सुचारु संचालन के लिए प्रजातियों की विविधता आवश्यक है।
परियोजना कार्य
प्रश्न 3. – भारत सरकार द्वारा इनके संरक्षण के लिए उठाए गए कदमों के विषय में जानकारी प्राप्त कीजिए।
उत्तर- (1) वनस्पति और प्राणी जगत की रक्षा तथा आश्रय के लिए देश में अठारह जीव मंडल निचय (आरक्षित क्षेत्र) स्थापित किए गए हैं। उदाहरणस्वरूप पश्चिम बंगाल में सुंदरवन तथा उत्तरांचल में नंदा देवी इत्यादि।
(2) सन् 1992 से सरकार द्वारा पादप उद्यानों को वित्तीय तथा तकनीकी सहायता देने की योजना बनाई गई है।
(3) शेर संरक्षण, गैंडा संरक्षण, भारतीय भैसा संरक्षण तथा पारिस्थितिक तंत्र के संतुलन के लिए कई योजनाएँ बनाई गई हैं।
(4) 103 नेशनल पार्क, 535 वन्य प्राणी अभयवन और कई चिड़ियाघर राष्ट्र की पादप और जीव संपत्ति की रक्षा के लिए बनाए गए हैं।
(5) भारत जीव सुरक्षा अधिनियम सन् 19672 में लागू किया गया। शिकार करने पर रोक लगा दी गई है और दोषियों के लिए सजा का प्रावधान किया गया है।
प्रश्न 4. आप संकटग्रस्त जानवर और पक्षियों को बचाने के लिए क्या सहायता कर सकते हैं?
उत्तर- हम संकटग्रस्त जानवर और पक्षियों को बचाने के लिए निम्न रूप से सहायता कर सकते हैं
(1) अगर हमारी कॉलोनी में कोई जानवरों का शिकार करता हो या करने की योजना बना रहा हो तो उस पर हमें नजर रखनी चाहिए।
(2) कोई भी गैर-कानूनी हरकत देखने पर तुरंत उच्च अधिकारियों को सूचना देना चाहिए ।
(3) स्कूलों की ओर से रैली निकाली जानी चाहिए जो जीवों के संरक्षण के प्रति चेतना जगाने के लिए हो ।
अभ्यास प्रश्नोत्तर
वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. सही विकल्प का चयन कीजिए –
1. रबड़ का संबंध किस प्रकार की वनस्पति से है ?
(क) टुंड्रा
(ख) हिमालय
(ग) मैंग्रोव
(घ) उष्णकटिबंधीय वर्षा वन
2. सिनकोना के वृक्ष कितनी वर्षा वाले क्षेत्र में पाए जाते हैं?
(क) 100 से.मी. .
(ख) 70 से.मी.
(ग) 50 से.मी
(घ) 50 से.मी. से कम वर्षा
3. सिमलीपाल जीव मंडल निचय कौन-से राज्य में स्थित है?
(क) पंजाब
(ख) दिल्ली
(ग) ओडिशा
(घ) पश्चिम बंगाल
4. भारत के कौन-से जीव मंडल निचय विश्व के जीव मंडल निचयों में लिए गए हैं?
(क) मानस
(ख) मन्नार की खाड़ी
(ग) दिहांग-दिबांग
(घ) नंदा देवी
उत्तर- (1) (घ) उष्णकटिबंधीय वर्षा वन (2) (क) 100 से.मी.. (3) (ग) ओडिशा, (4) (क) मानस।
प्रश्न 2. संक्षिप्त उत्तर वाले प्रश्न –
(i) भारत में पादपों तथा जीवों का वितरण किन तत्वों द्वारा निर्धारित होता है ?
उत्तर – (क) तापमान (ख) सूर्य का प्रकाश (ग) वर्षण (घ) मृदा (ङ) भू-आकृति ।
(ii) जीव मंडल निचय से क्या अभिप्राय है? कोई दो उदाहरण दो ।
उत्तर- जीव मंडल एक बहु- उद्देशीय संरक्षित क्षेत्र होता है जहाँ प्रत्येक पादप एवं जीव-प्रजाति को प्राकृतिक वातावरण में संरक्षण प्रदान किया जाता है। इसके दो उदाहरण इस प्रकार है
(1) नंदा देवी (उत्तरांचल),
( 2 ) नीलगिरी (केरल, कर्नाटक तथा तमिलनाडु) ।
(iii) कोई दो अन्य प्राणियों के नाम बताइए जो कि उष्णकटिबंधीय वर्षा और पर्वतीय वनस्पति में मिलते हैं।
उत्तर –
प्रश्न 3. निम्नलिखित में अंतर कीजिए
(i) वनस्पति जगत तथा प्राणी जगत ।
उत्तर- वनस्पति जगत किसी प्रदेश या समय विशेष के पेड़-पौधों के लिए वनस्पति जगत शब्द का प्रयोग किया जाता है। प्राणी जगत – जीव-जंतुओं की प्रजातियों के लिए जंतु या प्राणी जगत शब्द का इस्तेमाल किया जाता है।
(ii) सदाबहार और पर्णपाती वन । अथवा उष्णकटिबंधीय सदाबहार व उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वनों में मुख्य अंतर क्या है?
उत्तर- अष्णकटिबंधीय सदाबहार एवं उष्णकटिबंधीय पर्णापती वनों में अन्तर निम्नलिखित हैं –
प्रश्न 4. भारत में विभिन्न प्रकार की पाई जाने वाली वनस्पति के नाम बताएँ और अधिक ऊँचाई पर पाई जाने वाली वनस्पति का ब्यौरा दीजिए।
उत्तर – (i) भारत में पाई जाने वाली विभिन्न प्रकार की वनस्पति है –
(1) उष्ण कटिबंधीय वर्षा वन (2) उष्ण कटिबंधीय पर्णपाती वन (3) कंटीले वन तथा झाड़ियाँ (4) पर्वतीय वन (5) मैंग्रोव वन
(ii) अधिक ऊँचाई वाली वनस्पति सामान्यतया 3,600 मी. से अधिक ऊँचाई पर पाई जाती है, जिसमें अल्पाइन वनस्पति शामिल होती है। सिल्वर – फर, जूनीयर, पाइन और बर्च इन वनों के सामान्य पेड़-पौधे हैं। जैसे-जैसे हिम रेखा की ओर बढ़ते हैं, इन वृक्षों के आकार छोटे होते जाते हैं। अंतत: झाड़ियों के रूप के बाद ये अल्पाइन घास के मैदानों में विलीन हो जाते हैं। अत्यधिक ऊँचाइयों पर मॉस, लिचन घास आदि मिलते हैं।
प्रश्न 5. भारत में बहुत संख्या में जीव और पादप प्रजातियाँ संकटग्रस्त हैं- उदाहरण सहित कारण दीजिए।
उत्तर- (1) भारत में बहुत संख्या में जीव-जंतुओं की प्रजातियों के संकटग्रस्त होने के निम्नलिखित कारण हैं –
(i) वनोन्मूलन के कारण प्राकृतिक आश्रय का छिनना।
(ii) शिकार और अतिक्रमण ।
(iii) फर, खाल, चिकित्सा उद्देश्य, अलंकार का सामान बनाने (हाथी दाँत, सींग, मृगशृंग) और ऊनी वस्त्रों (चिरु से शहतूश की शाल प्राप्त होती है जो जानवरों के केशों से बनायी जाती है) आदि के लिए जंतुओं का शिकार किया जाता है।
(iv) रासायनिक और औद्योगिक अपशिष्टों ने जलीय जीवन को अव्यवस्थित कर दिया है ।
(2) भारत में बहुत संख्या में पादप प्रजातियाँ निम्नलिखित कारण से संकटग्रस्त हैं –
(i) नगरीय विकास, सड़क और बाँध निर्माण तथा अधिक कृषि क्षेत्र उपलब्ध कराने के लिए जंगलों की कटाई ।
(ii) जलावन की लकड़ी के लिए स्थानीय लोगों द्वारा पेड़ों की कटाई ।
प्रश्न 6. भारत वनस्पति जगत तथा प्राणी जगत की धरोहर में धनी क्यों है ?
उत्तर – भारत में वनस्पति और वन्य जीवन की समृद्ध धरोहर पाई जाती है, क्योंकि-
(1) पर्वतीय प्रदेश से लेकर पूर्वी और पश्चिमी पार्श्व में लंबी तट रेखा तक, भारत का विस्तार बहुत अधिक है।
( 2 ) रेगिस्तानी जलवायु से लेकर ठंडे हिमालय प्रदेश तक भारत की जलवायु की स्थिति बहुत विविधतापूर्ण है।
(3) भारत में एक ओर अल्पतम वर्षा वाले इलाके हैं, तथा दूसरी ओर संसार का सबसे अधिक वर्षा बहुत इलाका भी है। अतः, देश | की समृद्धि वनस्पति और वन्य जीवन परिसंपदा के लिए जलवायु और भू-लक्षणों की विविधतापूर्ण स्थितियाँ जिम्मेदार हैं।
मानचित्र कौशल
प्रश्न 1. भारत के रेखा- मानचित्र पर निम्नलिखित को दिखाएँ और अंकित करें –
(1) उष्णकटिबंधीय वर्षा वन, (2) उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन, (3) दो जीव मंडल निचय भारत के उत्तरी, दक्षिणी, पूर्वी और पश्चिमी भागों में।
उत्तर- (1) पश्चिमी घाट, लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, असम के ऊपरी भाग नागालैंड, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, त्रिपुरा, तमिलनाडु के तट आदि ।
(2) उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन वाले क्षेत्र – देश के पूर्वी भागों उत्तर-पूर्वी राज्यों, झारखंड, पश्चिमी ओडिशा, छत्तीसगढ़ पश्चिम घाट के पूर्वी ढाल आदि, उत्तर प्रदेश तथा बिहार के मैदान ।
(3) (क) उत्तरी भाग में – (1) कॉरबेट (2) दुद्वा । (ख) दक्षिणी भाग में – (1) बांदीपुर (2) पेरियार । (ग) पूर्वी भाग में – ( 1 ) राजदेबरा (2) सिमलीपाल। (घ) दक्षिणी भाग में (1) गिर (2) संजय गाँधी।
वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. सही विकल्प का चयन कीजिए –
1. एबोनी, महोगनी और रोज़वुड के वृक्ष निम्नलिखित में से कौन से वन में उगाए जाते हैं?
(a) शंकुधारी
(b) उष्णकटिबंधीय वर्षा
(c) उष्णकटिबंधीय कंटीले
(d) उष्णकटिबंधीय पर्णपाती
2. इबोनी, महोगनी, रोजवुड, रबड़ एवं सिंकोना किस प्रकार के वन के वृक्ष हैं?
(a) उष्णकटिबंधीय पतझड़
(b) मैंग्रोव
(c) उष्णकटिबंधीय सदाबहार
(d) पर्वतीय
3. इबोनी एवं रोजवुड वृक्ष किस प्रकार की वर्षा वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं?
(a) 200 सेमी. से अधिक
(b) 100 सेमी. से अधिक
(c) 70 सेमी. से अधिक
(d) 50 सेमी. से कम
4. वनस्पति का वह भाग, जो कि मनुष्य की सहायता के बिना अपने आप पैदा होता है और लंबे समय तक उस पर मानवी प्रभाव नहीं पड़ता है उसे क्या कहा जाता है?
(a) टुण्ड्रा वनस्पति
(b) अक्षत वनस्पति
(c) टैगा वनस्पति
(d) इनमें से कोई नहीं
5. निम्नलिखित में से कौन वनस्पति का प्रकार मूलत: भारत में विदेशों से आया?
(a) दुर्लभ प्रजाति
(b) स्थानिक प्रजाति
(c) संकटग्रस्त प्रजाति
(d) विदेशज प्रजाति
6. वन अधिनियम 1878 के अनुसार निम्नलिखित में किस वन को सबसे अच्छा वन कहा गया ?
(a) सुरक्षित वन
(b) ग्रामीण वन
(c) आरक्षित वन
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर- (1) (b) उष्णकटिबंधीय वर्षा (2) (c) उष्णकटिबंधीय सदाबहार ( 3 ) (a) 200 सेमी. से अधिक (4) (b) अक्षत वनस्पति (5) (d) विदेशज प्रजाति (6) (c) आरक्षित वन।
प्रश्न 2. एक वाक्य में उत्तर दीजिए –
(1) उष्ण कटिबन्धीय वर्षा वन में पाये जाने वाले दो वृक्षों के नाम बताइये?
( 2 ) कौन सी वनस्पति व्यापारिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है?
( 3 ) किन्हीं दो औषधीय पौधों (पादप) के नाम बताईये ?
(4) भारत में कितने प्रकार की वनस्पति पायी जाती है?
(5) भारत में कितने राष्ट्रीय पार्क स्थापित किए गए हैं?
(6) कौन-सा जीव मंडल निचय (आरक्षित क्षेत्र) केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु के त्रिसंगत पर स्थित है।
(7) विश्व में कितने जैव विविधता वाले देश हैं?
उत्तर- (1) महोगनी और रबड़ (2) उष्ण कटिबन्धीय पर्णपाती वनस्पति (3) नीम और तुलसी (4) 47000 (5) 103 (6) नीलगिरी, जैव-मंडल निचय (7) बारह |
प्रश्न 3. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(1) एशियाई शेर भारत के ……… राज्य में पाये जाते हैं।
(2) सिमलीपाल जैव मंडल निचय ……… राज्य में स्थित है।
( 3 ) भारत में जीव-जन्तुओं की ……. प्रजातियाँ पायी जाती है।
(4) भारत में जैव सुरक्षा अधिनियम ……….. लागू किया गया था।
(5) तटीय प्रदेशों में ………… वन ज्वार से प्रभावित होते हैं।
उत्तर – ( 1 ) गुजरात (2) उड़ीसा (3) 90 हजार लगभग (4) 1972 में (5) मैग्रोव वन |
अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
■ लघु एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. जीव मंडल निचय (आरक्षित क्षेत्र) क्या है? इसके मुख्य उद्देश्यों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर – (1) जीव-मंडल निचय में पादपों तथा जंतुओं को सुरक्षा प्रदान की जाती है ताकि इस प्राकृतिक विरासत को आने वाली पीढ़ी को सौंपा जा सके।
(2) (i) प्रत्येक जीव-मंडल निचय के केंद्रीय हिस्से से वन्य जीवों, पादपों तथा जंतुओं को उनके प्राकृतिक रूप में बनाए रखा जाता है।
(ii) इसके आसपास के क्षेत्रों का उपयोग वनों एवं अन्य उत्पादों के विकास हेतु आवश्यक शोध एवं प्रयोग के लिए किया जाता है।
अनुकूल प्रश्न 2. कंटीले वनों की वनस्पति जलवायु के कैसे है ?
उत्तर- (1) कंटीले वन तथा झाडियाँ देश के उत्तर-पश्चिमी भागों में पाई जाती है जिनमें गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश तथा हरियाणा के अर्धशुष्क क्षेत्र सम्मिलित है।
(2) विशेषताएँ- (i) इन वनों के वृक्ष बिखरे हुए होते हैं। इनकी जड़ें लंबी तथा नमी की तलाश में चारों ओर फैली होती है। (ii) पत्तियाँ प्रायः छोटी एवं मोटी होती हैं जिनसे वाष्पीकरण कम-से-कम हो सके।
प्रश्न 3. भारत में पाये जाने वाली औषधीय वनस्पतियों पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर – 1. सर्पगंधा – इसका उपयोग रक्तचाप के उपचार में होता है। यह केवल भारत में ही पाया जाता है।
2. जामुन एवं अर्जुन- जामुन का रस तथा उसके बीजों के चूर्ण का उपयोग पाचन संबंधी विसंगतियों, दमा एवं दस्त आदि के उपचार में किया जाता है। अर्जुन के रस का उपयोग रक्तचाप एवं हृदय रोगों के इलाज में किया जाता है।
3. बबूल, नीम एवं तुलसी- बबूल की पत्तियों का उपयोग टॉनिक के रूप में तथा आँख की बीमारी में किया जाता है। नीम में उच्च प्रतिजैविक एवं बैक्टीरियारोधी गुण होते हैं। सर्दी-जुकाम में तुलसी के पत्तों का उपयोग आरामदायक होता है।
4. कचनार एवं सिनकोना- कचनार का उपयोग दमा एवं अल्सर की चिकित्सा में होता है। सिनकोना की छाल का उपयोग मलेरियारोधी दवा के निर्माण में किया जाता है।
प्रश्न 4. “हमारा देश भारत, विश्व के 12 जैव विविधता वाले देशों में से एक है।” भारत में पाए जाने वाले वनस्पति एवं जंतुओं की प्रजातियों के उदाहरण के साथ विस्तार से वर्णन कीजिए।
उत्तर- (1) भारत विश्व के मुख्य 12 जैव विविधता वाले देशों में से एक है।
(2) यहाँ लगभग 47,000 विभिन्न जातियों के पौधे पाए जाते हैं। इस कारण यह देश विश्व में दसवें स्थान पर और एशिया के देशों में चौथे स्थान पर है।
(3) लगभग 15,000 फूलों के पौधे हैं जो कि विश्व में फूलों के पौधों का लगभग 6 प्रतिशत हिस्सा है।
( 4 ) इस देश में बहुत से बिना फूलों के पौधे जैसे कि फर्न, शैवाल, कवक पाए जाते हैं।
( 5 ) भारत में लगभग 90,000 जातियों के जानवर तथा विभिन्न प्रकार की मछलियाँ, ताजे तथा समुद्री पानी में पाई जाती है।
प्रश्न 5. भारत के किन्हीं तीन नेशनल पार्कों के नाम बताइये।
उत्तर- (1) कॉरबेट राष्ट्रीय उद्यान (उत्तराखंड),
(2) गिर राष्ट्रीय उद्यान (गुजरात),
(3) कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान (मध्यप्रदेश)।
मानचित्र पर आधारित प्रश्न
प्रश्न 1. भारत के दिए हुए राजनीतिक रेखा मानचित्र पर संख्याओं द्वारा लक्षण चिह्नित किए गए हैं। नीचे दी गई जानकारी के आधार पर लक्षणों की पहचान कीजिए तथा मानचित्र में चिह्नित रेखाओं पर उनके सही नाम लिखिए –
1. वनों के प्रकार / वन प्रकार अथवा, वनस्पति / प्राकृतिक वनस्पति के प्रकार ।
प्रश्न 2. दिए गए भारत के उसी राजनीतिक रेखा- मानचित्र पर निम्नलिखित को उपयुक्त संकेतों द्वारा दर्शाइए और उनके सही नाम लिखिए –
(1) राजाजी नेशनल पार्क, (2) शिवपुरी नेशनल पार्क, (3) कंटीले वन तथा झाड़ियों वाला क्षेत्र, (4) गिर वन, ( 5 ) कान्हा – किसली नेशनल पार्क, (6) सुंदरवन – नेशनल पार्क, (7) चंदका – वन्य प्राणी अभयवन, (8) रंगाडितु पक्षी अभयवन, (9) बांदीपुर नेशनल पार्क, (10) मूडूमलाई एक वन्य प्राणी अभयवन ।
उत्तर –
प्रश्न 3. भारत के रेखा- मानचित्र पर निम्नलिखित को चिह्नित एवं नामांकित कीजिए –
(1) बांदीपुर नेशनल पार्क
(2) पोचेरम वन्य प्राणी अभयवन
(3) कान्हा तथा रणथम्भौर नेशनल पार्क
(4) काजीरंगा तथा दाचीगाम नेशनल पार्क
(5) सरिस्का वन्य प्राणी अभयवन
(6) भरतपुर एवं वेदानथंगल पक्षी अभयवन ।
उत्तर –