MP Board Class 9th Social Science Solutions Chapter 5 लोकतांत्रिक अधिकार
MP Board Class 9th Social Science Solutions Chapter 5 लोकतांत्रिक अधिकार
MP Board Class 9th Social Science Solutions Chapter 5 लोकतांत्रिक अधिकार
महत्वपूर्ण स्मरणीय बिन्दु
अधिकार लोगों के तार्किक दावे हैं, इन्हें समाज से स्वीकृति और अदालतों द्वारा मान्यता मिली होती है। लोकतंत्र की स्थापना लिए अधिकारों का होना के जरूरी है।
भारत में हर नागरिक को निम्नलिखित छ: मौलिक अधिकार हासिल है –
(1) समानता का अधिकार, (2) स्वतंत्रता का अधिकार, (3) शोषण के खिलाफ अधिकार, (4) धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार, (5) शैक्षिक व सांस्कृतिक अधिकार, (6) संवैधानिक उपचार का अधिकार ।
डॉ. भीमराव अंबेडकर ने संवैधानिक उपचार के अधिकार को हमारे संविधान की आत्मा और हृदय कहा।
भारत सरकार ने 1993 में मानवाधिकार आयोग गठित किया। 14 राज्यों में राज्य मानवाधिकार आयोग है।
6 से 14 वर्ष तक के सभी बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा दिलाना सरकार की जिम्मेदारी है।
क्रियाकलाप तथा पाठगत प्रश्न
खुद करें, खुद सीखें
प्रश्न 1. कोसोवो की बतीसा की तरफ से 1984 के सिख विरोधी दंगों या 2002 के गुजरात दंगों में वैसी ही स्थिति झेलने वाली किसी महिला के नाम एक पत्र लिखिए।
उत्तर- इस तरह की घटनाओं को सुनकर हृदय को बहुत ठेस पहुँचती है। एक भुक्तभोगी ही इन दुःखों की गहराइयों को समझ सकता है। मैं समझ नहीं पा रहा हूँ कि कैसे मानव एकदूसरे पर अत्याचार कर पा रहे हैं। क्या उन लोगों की धमनियों में एक ही रक्त, मानव का रक्त, नहीं बह रहा? हर जुल्म की एक सीमा होती है। हम सबको मिलकर इन अत्याचारों के विरुद्ध संघर्ष करना चाहिए।
प्रश्न 2. सउदी अरब की महिलाओं की तरफ से संयुक्त राष्ट्र महासचिव के नाम एक ज्ञापन लिखिए।
उत्तर- ( निर्देश – इस ज्ञापन में निम्नलिखित बिंदुओं को उठाया जाना चाहिए)
(i) महिलाओं को अपने शासकों को चुनने अथवा बदलने का अधिकार दिया जाना चाहिए।
(ii) महिलाओं को भी विधायिका तथा कार्यपालिका के चुनाव में भूमिका दी जानी चाहिए।
(ii) महिलाओं पर लगाये गए सभी सार्वजनिक प्रतिबंध उठाये जाने चाहिए।
(iv) महिलाओं को भी पुरुषों के समान सामाजिक स्थिति उपलब्ध कराई जानी चाहिए।
कहाँ पहुँचे क्या समझे ?
क्या ये उदाहरण स्वतंत्रता के अधिकार के उल्लंघन के हैं?
अगर हाँ, तो प्रत्येक में संविधान के कौन-से प्रावधान का उल्लंघन हुआ है ?
प्रश्न 3. भारत सरकार ने सलमान रुश्दी की किताब ‘सैटेनिक वर्सेज’ को इस आधार पर प्रतिबंधित कर दिया कि इसमें पैगंबर मोहम्मद के प्रति अनादर का भाव दिखाया गया और इससे मुसलमानों की भावनाओं को ठेस पहुँच सकती है?
उत्तर- हाँ, यह मामला स्वतंत्रता के अधिकार के उल्लंघन का उदाहरण है। यह विचार तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकारों का उल्लंघन है।
प्रश्न 4. हर फिल्म को सार्वजनिक प्रदर्शन से पूर्व भारत सरकार के सेंसर बोर्ड से प्रमाण पत्र लेना होता है। पर वही कहानी अगर किताब या पत्रिका में छपे तो उस पर ऐ पाबंदी नहीं है।
उत्तर- हाँ, यह मामला स्वतंत्रता के अधिकार के उल्लंघन क उदाहरण है। क्योंकि एक फिल्म का प्रभाव तो शिक्षित अथवा अशिक्षित दोनों ही लोगों पर पड़ सकता है किन्तु किसी किताब को एक शिक्षित आदमी ही पढ़ता है जिसके पास एक परिपक्व मस्तिष्क होता है। अतः इस तरह का प्रतिबंध अनुचित है।
प्रश्न 5. सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि कुछ क्षेत्रों में खास औद्योगिक क्षेत्रों या अर्थव्यवस्था के काम करने वालों को यूनियन बनाने और हड़ताल पर जाने का अधिकार नहीं होगा।
उत्तर- हाँ, यह व्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार के उल्लंघर का मामला है। संविधान द्वारा संगठन बनाने का अधिकार ह व्यक्ति को प्राप्त है।
प्रश्न 6. नगर प्रशासन ने माध्यमिक परीक्षाओं के मद्देनजर शहर में रात 10 बजे के बाद सार्वजनिक लाउडस्पीकर के प्रयोग पर पाबंदी लगा दी है।
उत्तर- यह मामला स्वतंत्रता के अधिकार के हनन का उदाहरण नहीं है, बल्कि यह अधिकारों की रक्षा का उदाहरण है। हमें अपने अधिकारों का उसी हद तक प्रयोग करने का हक है जिस हद तक वे किसी दूसरे के अधिकार का उल्लंघन नहीं करते हों। बच्चों की परीक्षा को देखते हुए प्रशासन द्वारा लिया गया यह सही फैसला है।
पाठगत प्रश्न
प्रश्न 7. संविधान लोगों का धर्म नहीं तय करता। पर लोगों को अपने धार्मिक कामकाज करने का अधिकार इसे क्यों देना पड़ा?
उत्तर- एक धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र में लोग अपनी पसंद के धर्म हैं। संविधान यह अधिकार देकर धर्म को वैधानिक विषय का चुनाव करने तथा उसका अनुपालन करने के लिए स्वतंत्र बनाता है। वह इसके द्वारा यह भी दर्शाता है कि व्यक्ति की स्वतंत्रता बड़ी है न कि धर्म स्वतंत्रता स्वयं में सबसे बड़ा धर्म है। यदि किसी को धर्म के अनुपालन से कानून द्वारा रोका जाए या किसी खास धर्म को सरकार द्वारा आश्रय दिया जाए, तो वह देश एक धार्मिक देश होगा न कि धर्मनिरपेक्ष देश। हमारे संविधान की प्रस्तावना में इस देश का स्वरूप धर्मनिरपेक्ष बताया गया है। अर्थात् धर्म के आधार पर यहाँ किसी भी तरह के भेदभाव की गुंजाइश नहीं है। अतः व्यक्ति की धार्मिक स्वतंत्रता की घोषणा आवश्यक है, जो कि हमारा संविधान करता है।
पाठगत प्रश्न
प्रश्न 8. जरा सोचिए क्या ये अधिकार सिर्फ वयस्क लोगों के हैं? बच्चों के लिए कौन-कौन से अधिकार हैं?
उत्तर- नहीं, ये अधिकार केवल वयस्कों के लिए ही नहीं है, बच्चों को भी प्राप्त है। ये बच्चों को प्राप्त अधिकार हैंजीवन का अधिकार, धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार, समानता का अधिकार, शिक्षा का अधिकार आदि।
अभ्यास प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. इनमें से कौन-सा मौलिक अधिकारों के उपयोग का उदाहरण नहीं है?
(क) बिहार के मजदूरों का पंजाब के खेतों में काम करने जाना।
(ख) ईसाई मिशनों द्वारा मिशनरी स्कूलों की शृंखला चलाना।
(ग) सरकारी नौकरी में औरत और मर्द को समान वेतन मिलना ।
(घ) बच्चों द्वारा माँ-बाप की संपत्ति विरासत में पाना।
उत्तर- (घ) बच्चों द्वारा माँ-बाप की संपत्ति विरासत में पाना।
प्रश्न 2. इनमें से कौन-सी स्वतंत्रता भारतीय नागरिकों को नहीं है?
(क) सरकार की आलोचना की स्वतंत्रता
(ख) सशस्त्र विद्रोह में भाग लेने की स्वतंत्रता
(ग) सरकार बदलने के लिए आंदोलन शुरू करने की स्वतंत्रता
(घ) संविधान के केंद्रीय मूल्यों का विरोध करने की स्वतंत्रता
उत्तर- (घ) संविधान के केंद्रीय मूल्यों का विरोध करने की स्वतंत्रता।
प्रश्न 3. भारतीय संविधान इनमें से कौन-सा अधिकार देता है।
(क) काम का अधिकार
(ख) पर्याप्त जीविका का अधिकार
(ग) अपनी संस्कृति की रक्षा का अधिकार
(घ) निजता का अधिकार
उत्तर- (ग) अपनी संस्कृति की रक्षा का अधिकार
प्रश्न 4. उस मौलिक अधिकार का नाम बताएँ जिसके तहत निम्नलिखित स्वतंत्रताएँ आती हैं?
(क) अपने धर्म का प्रचार करने की स्वतंत्रता
(ख) जीवन का अधिकार
(ग) छुआछूत की समाप्ति
(घ) बेगार पर प्रतिबंध
उत्तर- (ख) जीवन का अधिकार ।
प्रश्न 5. लोकतंत्र और अधिकारों के बीच संबंधों के बारे में इनमें से कौन-सा बयान ज्यादा उचित है? अपनी पसंद के पक्ष में कारण बताएँ?
(क) हर लोकतांत्रिक देश अपने नागरिकों को अधिकार देता है।
(ख) अपने नागरिकों को अधिकार देने वाला हर देश लोकतांत्रिक है।
(ग) अधिकार देना अच्छा है, पर यह लोकतंत्र के लिए जरूरी नहीं है।
उत्तर- (क) यह सर्वाधिक उपयुक्त कथन है, क्योंकि लोकतांत्रिक देश में वहाँ के नागरिकों को उनके कुछ अधिकारों की गारंटी दी जाती है। कई बार लोगों के पास गैरलोकतांत्रिक देश में भी कुछ अधिकार हो सकते हैं। अत: इस आधार पर उन्हें लोकतांत्रिक नहीं कहा जा सकता।
प्रश्न 6. स्वतंत्रता के अधिकार पर ये पाबंदियाँ क्या उचित है? अपने जवाब के पक्ष में कारण बताएँ।
(क) भारतीय नागरिकों को सुरक्षा कारणों से कुछ सीमावर्ती इलाकों में जाने के लिए अनुमति लेनी पड़ती है ।
(ख) स्थानीय लोगों के हितों की रक्षा के लिए कुछ इलाकों में बाहरी लोगों को संपत्ति खरीदने की अनुमति नहीं है।
(ग) शासक दल को अगले चुनाव में नुकसान पहुँचा सकने वाली किताब पर सरकार प्रतिबंध लगाती है।
उत्तर- (क) देश की सुरक्षा, जनता की सुरक्षा है। यदि सरकार इसको देखते हुए कुछ संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्रों में लोगों के घूमने पर प्रतिबंध लगाती है तो यह सर्वथा उचित है। क्योंकि, इससे न केवल संबंधित व्यक्ति/व्यक्तियों की सुरक्षा को खतरा हो सकता है, बल्कि इसका फायदा उठाकर राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल लोग दुश्मन से सूचनाओं का आदानप्रदान भी कर सकते हैं। साथ ही, इस तरह की स्वतंत्रता से सीमा के आर-पार अवैध व्यापार तथा घुसपैठ को बढ़ावा मिल सकता है।
(ख) नागरिकों को संविधान द्वारा दी गई स्वतंत्रता के अंतर्गत देश में कहीं भी बस जाने की स्वतंत्रता भी है। किंतु, यदि सरकार स्थानीय लोगों के हित में यह फैसला लेती है कि कोई बाहरी व्यक्ति किसी विशेष क्षेत्र में संपत्ति नहीं खरीद सकता, तो यह उचित ही है। ऐसा वह वहाँ के लोगों की विशेष सांस्कृतिक पहचान बनाये रखने के लिए करती है।
(ग) लोगों को संविधान के अंतर्गत अपने विचारों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्राप्त है और किताब विचार व्यक्त करने का एक माध्यम है। शर्त यह है कि ऐसे विचार समाज विरोधी अथवा राष्ट्रविरोधी न हों। किंतु, यदि सरकार सिर्फ इस कारण से किताब के प्रकाशन पर प्रतिबंध लगाती है कि यह उसकी पार्टी के विरोध में है अथवा आगामी चुनाव में उसकी पार्टी पर इसका प्रभाव पड़ सकता है, तो यह सरासर गलत है। क्योंकि, इससे व्यक्ति के स्वतंत्रता के अधिकार का हनन होता है।
प्रश्न 7. मनोज एक सरकारी दफ्तर में मैनेजर के पद के लिए आवेदन देने गया। वहाँ के किरानी ने उसका आवेदन लेने से मना कर दिया और कहा, ‘झाडू लगाने वाले का बेटा होकर तुम मैंनेजर बनना चाहते हो। तुम्हारी जाति का कोई कभी इस पद पर आया है ? नगरपालिका के दफ्तर जाओ और सफाई कर्मचारी के लिए अर्जी दो।’ इस मामले में मनोज के किस मौलिक अधिकार का उल्लंघन हो रहा है? मनोज की तरफ से जिला अधिकारी के नाम लिखे एक पत्र में इसका उल्लेख करो ।
उत्तर-
दिनांक 06/04/20
सेवा में.
जिला कलेक्टर
…………………….
विषय – मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के संबंध में ।
श्रीमान्
नम्र आवेदन है कि मैं मनोज, पुत्र श्री ……….. निवासी ……… दिनांक …….. को …………. कॉलेज में एम. बी. ए. कोर्स में दाखिले के लिए आवेदन करने गया। उन्होंने मुझे जातिसूचक शब्दों के इस्तेमाल द्वारा अपमानित किया।
श्रीमान् हमारे संविधान में नागरिकों को विभिन्न मौलिक अधिकार दिए गए हैं। उपरोक्त घटना में हमारे ‘अवसर की समानता’ के अधिकार का उल्लंघन हुआ है। साथ ही संविधान के उपबंध के तहत अस्पृश्यता का अंत किया गया है। किंतु मेरे साथ अस्पृश्य व्यवहार किया गया है।
अत: श्रीमान से साग्रह निवेदन है कि आवश्यक कदम उठाते हुए हमारे अधिकारों की रक्षा करें। इसके लिए मैं हमेशा श्रीमान का आभारी रहूँगा।
विश्वास भावन
मनोज
प्रश्न 8. जब मधुरिमा संपत्ति के पंजीकरण वाले दफ्तर में गई तो रजिस्ट्रार ने कहा, “आप अपना नाम मधुरिमा बनर्जी, बेटी ए. के. बनर्जी नहीं लिख सकती। आप शादीशुदा हैं और आपको अपने पति का ही नाम देना होगा। फिर आपके पति का उपनाम तो राव है। इसलिए आपका नाम भी बदलकर मधुरिमा राव हो जाना चाहिए।” मधुरिमा इस बात से सहमत नहीं हुई। उसने कहा, ‘अगर शादी के बाद मेरे पति का नाम नहीं बदला तो मेरा नाम क्यों बदलना चाहिए? अगर वह अपने नाम के साथ पिता का नाम लिखते रह सकते हैं तो मैं क्यों नहीं लिख सकती?” आपकी राय में इस विवाद में किसका पक्ष सही है? और क्यों?
उत्तर- मेरे विचार में रजिस्ट्रार की सलाह पूर्वाग्रह से प्रभावित तथा अनुचित है। मधुरिमा का कहना बिल्कुल सही है कि यदि विवाह के बाद उसके पति का नाम नहीं बदला तो उसका नाम क्यों बदले ? वास्तव में, इस तरह का रिवाज पुरुष प्रधानता का सूचक है। यह महिला-पुरुष समानता के विचार का भी विरोधी हैं। यह महिला स्वतंत्रता की भावना के विरुद्ध है।
प्रश्न 9. मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले के पिपरिया में हजारों आदिवासी और जंगल में रहने वाले लोग सतपुड़ा राष्ट्रीय पार्क, बोरी वन्यजीव अभ्यारण्य और पंचमढ़ी वन्यजीव अभ्यारण्य से अपने प्रस्तावित विस्थापन का विरोध करने के लिए जमा हुए। उनका कहना था कि यह विस्थापन उनकी जीविका और उनके विश्वासों पर हमला है। सरकार का दावा है इलाके के विकास और वन्य जीवों के संरक्षण के लिए उनका विस्थापन जरूरी है। जंगल पर आधारित जीवन जीने वाले की तरफ से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को एक पत्र, इस मसले पर सरकार द्वारा दिया जा सकने वाला संभावित जवाब और इस मामले पर मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट तैयार करो।
उत्तर-
सेवा में,
अध्यक्ष,
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC)
श्रीमान्
निवेदन यह है कि हम वनवासी लोग सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान, बोरी वन्यजीव अभ्यारण्य तथा पंचमढ़ी वन्यजीव अभ्यारण्य क्षेत्रों में सैकड़ों वर्षों से रहते आ रहे हैं। हम वनवासियों की हर गतिबिधि वन से जुड़ी हुई है। हमारी जीविका का मुख्य स्रोत बन है। इन वनों से हमारी परंपराएँ तथा मान्यताएँ जुड़ी हुई है। आज सरकार विकास तथा वन्यजीवों की सुरक्षा के नाम पर हमें यहाँ से विस्थापित करना चाहती है। इससे हमारा जीवन बुरी तरह प्रभावित होगा।
अत: श्रीमान् से साग्रह निवेदन है कि हमारी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए हमें न्याय दिलाएँ। इसके लिए हम वनवासी सदैव श्रीमान् के आभारी रहेंगे।
विश्वास भाजन
वनवासी
…………. क्षेत्र |
सरकार का पक्ष
सरकार ने क्षेत्र के विकास तथा वन्यजीवों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया है कि सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान, बोरी वन्यजीव अभ्यारण्य तथा पंचमढ़ी अभ्यारण्य क्षेत्रों से वनवासियों को विस्थापित कर कहीं और उनका पुनर्वास किया जाए। इससे न केवल वन्यजीवों को सुरक्षा मिलेगी, बल्कि क्षेत्र में विकास कार्यों द्वारा यहाँ के लोगों को राष्ट्र की मुख्यधारा से भी जोड़ा जा सकेगा। इसके लिए स्वच्छ पेयजल, चिकित्सा, शिक्षा, आवास, आदि जैसी मौलिक सुविधाएँ उपलब्ध करवाई जा सकेगी।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट
विस्थापन से उत्पन्न होने वाली समस्याओं को देखते हुए आयोग ने सरकार के इस कदम पर आपत्ति उठाई है। आयोग का कहना है कि सरकार पहले उनकी जीविका तथा पुनर्वास की व्यवस्था करे फिर इस तरह के कदम उठाये । इन लोगों की जीविका वनों से चलती है। विस्थापन की स्थिति में हजारों परिवार प्रभावित होंगे। न केवल उनकी जीविका छिनेगी, बल्कि उनकी मान्यताओं तथा परंपराओं पर भी प्रभाव पड़ेगा।
अतः, सरकार एक समिति बनाकर पहले इससे जुड़ी सभी समस्याओं की जानकारी लें, फिर अन्य आवश्यक कदम उठाए, ताकि उनके मानवीय अधिकारों का हनन न हो।
प्रश्न 10. इस अध्याय में पढ़े विभिन्न अधिकारों को आपस में जोड़ने वाला एक मकड़जाल बनाएँ। जैसे आनेजाने की स्वतंत्रता का अधिकार तथा पेशा चुनने की स्वतंत्रता का अधिकार आपस में एक-दूसरे से जुड़े हैं। इसका एक कारण है कि आने-जाने की स्वतंत्रता के चलते व्यक्ति अपने गाँव या शहर के अंदर ही नहीं, दूसरे गाँव, दूसरे शहर और दूसरे राज्य तक जाकर काम कर सकता है। इसी प्रकार इस अधिकार को तीर्थाटन से जोड़ा जा सकता है जो किसी व्यक्ति द्वारा अपने धर्म का अनुसरण करने की आजादी से जुड़ा है। आप इस मकड़जाल को बनाएँ और तीर के निशानों से बनाएँ कि कौन-से अधिकार आपस में जुड़े हैं। हर तीर के साथ संबंध बताने वाला एक उदाहरण भी दें।
उत्तर- शिक्षक की सहायता से छात्र स्वयं करें।
वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. सही विकल्प का चयन कीजिए –
1. कौन-सा मौलिक अधिकार अस्पृश्यता को प्रतिबंधित करता है ?
(a) समानता का अधिकार
(b) स्वतंत्रता का अधिकार
(c) शैक्षिक एवं सांस्कृतिक अधिकार
(d) शोषण के विरुद्ध अधिकार
2. निम्नलिखित में से कौन-सी स्वतंत्रता भारतीय नागरिकों को प्राप्त नहीं है?
(a) सरकार की आलोचना की स्वतंत्रता
(b) सशस्त्र क्रांति में भाग लेने की स्वतंत्रता
(c) सरकार परिवर्तन के लिए आन्दोलन प्रारंभ करने की स्वतंत्रता
(d) इनमें से कोई नहीं
3. न्यायालय द्वारा जारी एक आदेश जिसमें किसी व्यक्ति को अदालत के सामने पेश होने के लिए कहा गया हो, कहलाता है –
(a) सम्मन
(b) रिट
(c) कोवेनेन्ट
(d) दावा
4. एमनेस्टी इंटरनेशनल है –
(a) एक अमेरिकी मानवाधिकार संगठन
(b) एक ब्रिटिश मानवाधिकार संगठन
(c) एक अन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन
(d) गुटनिरपेक्ष देशों का मानवाधिकार संगठन
5. सऊदी अरब के संदर्भ में निम्नलिखित में कौन-सा कथन प्रासंगिक नहीं है?
(a) राजतंत्रात्मक सरकार
(b) नागरिक राजनीतिक दल नहीं बना सकते
(c) लोगों को खुले रूप से किसी भी धर्म को मानने का अधिकार
(d) महिलाओं पर कई सार्वजनिक प्रतिबंध
6. इनमें से कौन-सा अधिकार भारतीयों के लिए है परंतु अरब वासियों के लिए नहीं है?
(a) देश में वंशानुगत राजाओं का राज्य
(b) नागरिक राजनीतिक दल का निर्माण नहीं कर सकता है।
(c) महिलाओं पर बहुत सारे आम प्रतिबंध
(d) नागरिकों को धर्म की स्वतंत्रता
7. नागरिक अधिकार का अर्थ है –
(a) जनता को शोषण के विरुद्ध अधिकार है।
(b) कानून के द्वारा नागरिकों में भेदभाव नहीं किया जाता है।
(c) कानून के द्वारा उचित दावा मंजूर किया जाता है।
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं।
8. भारत में निम्नलिखित में से कौन-सा संवैधानिक अधिकार नहीं है?
(a) स्वतंत्रता का अधिकार
(b) सम्पत्ति का अधिकार
(c) शैक्षिक समानता का अधिकार
(d) संवैधानिक उपचारों का अधिकार
उत्तर- (1) (a) समानता का अधिकार (2) (b) सशस्त्र क्रांति में भाग लेने की स्वतंत्रता (3) (a) सम्मन (4) (c) एक अन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन (5) (c) लोगों को खुले रूप से किसी भी धर्म को मानने का अधिकार (6) (d) नागरिकों को धर्म की स्वतंत्रता (7) (c) कानून के द्वारा उचित दावा मंजूर किया जाता है। (8) (c) शैक्षिक समानता का अधिकार।
प्रश्न 2. एक शब्द / वाक्य में उत्तर दीजिए
(1) अधिकार का क्या अर्थ है?
(2) निजता (गोपनीयता) का अधिकार क्या है?
(3) समानता के अधिकार से आप क्या समझते हैं?
(4) धर्मनिरपेक्ष शासन का क्या अर्थ है ?
(5) शिक्षा के अधिकार से क्या अभिप्राय है?
(6) सूचना का अधिकार क्या है?
उत्तर – (1) अधिकार लोगों के तार्किक दावे हैं, इन्हें समाज से स्वीकृति और अदालतों द्वारा मान्यता मिली होती है।
(2) इसके अंतर्गत नागरिकों व उनके घरों की तलाशी नहीं ली जा सकती।
(3) किसी से भी सिर्फ उसके धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर भेदभाव नहीं करना ।
(4) धर्म निरपेक्ष शासन वह है जहाँ किसी धर्म को आधिकारिक धर्म की मान्यता नहीं होती।
(5) 14 साल तक के सभी बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा दिलाना सरकार का उत्तरदायित्व है।
(6) सरकारी दफ्तरों से सूचना पाने का अधिकार ।
प्रश्न 3. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(1) नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा ……. करता है।
(2) बोट देने का अधिकार ………… अधिकार है।
(3) मानव अधिकार दिवस …….. को मनाया जाता है।
उत्तर- (1) न्यायालय (2) राजनीतिक अधिकार (3) 10 दिसम्बर।
प्रश्न 4. निम्नलिखित उदाहरणों में किस मौलिक अधिकार का हनन हो रहा है –
(क) 14 साल से कम उम्र के बच्चों से कारखाने में काम करवाना।
(ख) रमेश के गाँव में दबंगों द्वारा लोगों से मुफ्त काम करवाना।
(ग) राहुल के गाँव में लोगों को वोट देने से रोकना।
(घ) बिहार से मुम्बई गए वरूण को वहां घर बनाने से रोकना।
(ङ) तमिलनाडु के एक गाँव में एक महिला को गाँव के तालाब से पानी भरने से रोकना।
उत्तर- (क) शोषण के विरुद्ध अधिकार। (ख) शोषण के विरुद्ध अधिकार। (ग) स्वतंत्रता का अधिकार (घ) स्वतंत्रता का अधिकार (ङ) समता का अधिकार।
अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
■ लघु एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. ‘अधिकार’ शब्द की व्याख्या कीजिए। अथवा लोकतंत्र में हमें अधिकारों की आवश्यकता क्यों होती है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- (1) अधिकार किसी व्यक्ति का अपने लोगों, अपने समाज और अपनी सरकार से दावा है। लोकतंत्र की स्थापना के लिए अधिकारों का होना जरूरी है।
(2) लोकतंत्र में हर नागरिक को वोट देने और चुनाव लड़ने और प्रतिनिधि चुने जाने का अधिकार है। लोकतांत्रिक चुनाव हो, इसके लिए लोगों को अपने विचारों को व्यक्त करने की, राजनैतिक पार्टी बनाने और राजनैतिक गतिविधियों की स्वतंत्रता होनी चाहिए।
(3) अधिकार बहुसंख्यकों के दमन से अल्पसंख्यकों की रक्षा करते हैं। ये इस बात की व्यवस्था करते हैं कि बहुसंख्यक किसी लोकतांत्रिक व्यवस्था में मनमानी न करें ।
(4) सरकार को नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए।
(5) कुछ अधिकारों का दर्जा सरकार से भी ऊँचा है जिसका उल्लंघन सरकार भी नहीं कर सकती। अधिकांश लोकतांत्रिक व्यवस्था में नागरिकों के अधिकार संविधान में लिखित रूप से दर्ज होते हैं।
प्रश्न 2. भारत में हर नागरिक को कौन-से मौलिक अधिकार हासिल है?
उत्तर – भारत में हर नागरिक को हासिल मौलिक अधिकार –
(1) समानता का अधिकार । ( 2 ) स्वतंत्रता का अधिकार । (3) धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार । (4) शैक्षिक व सांस्कृतिक अधिकार (5) शोषण के विरुद्ध अधिकार । (6) संवैधानिक उपचारों का अधिकार।
प्रश्न 3. किसी राज्य को धर्मनिरपेक्ष बनाने के कोई पाँच तरीके सुझाएँ ।
अथवा
धर्मनिरपेक्ष राज्य का कोई अधिकारिक धर्म नहीं होता। समझाइए ।
उत्तर- किसी राज्य को धर्मनिरपेक्ष बनाने के लिए निम्नलिखित तरीके सुझाए जा सकते हैं –
(1) राज्य द्वारा किसी भी धर्म को आधिकारिक धर्म की मान्यता नहीं देनी चाहिए।
(2) धर्म के मामले में शासन को सभी धर्मों से उदासीन और निरपेक्ष होना चाहिए।
(3) हर किसी को अपना धर्म मानने, उस पर आचरण करने और उसका प्रचार करने का अधिकार होना चाहिए।
(4) सरकार द्वारा किसी धर्म या धार्मिक संस्था को बढ़ावा देने या उसके रख-रखाव के लिए कर (टैक्स) देने के लिए किसी व्यक्ति को मजबूर नहीं करना चाहिए।
(5) सरकारी शैक्षिक संस्थाओं में किसी किस्म का धार्मिक निर्देश नहीं होना चाहिए और निजी संस्थाओं में भी किसी व्यक्ति को प्रार्थना में हिस्सा लेने का या किसी धार्मिक निर्देश का पालन करने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए।
प्रश्न 4. ‘धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार’ पर किसी भी तीन प्रतिबंधों की व्याख्या कीजिए।
अथवा
धार्मिक स्वतंत्रता का अर्थ यह नहीं है कि एक व्यक्ति धर्म के नाम पर जो कुछ करना चाहता है, वह कर सकता है। इस कथन की व्याख्या कीजिए।
उत्तर- (1) अपने धर्म का प्रचार करने के अधिकार का मतलब किसी को झांसा देकर, फरेब करके, लालच देकर उससे धर्म परिवर्तन कराना नहीं है ।
( 2 ) अपना धर्म मानने और उसके अनुसार आचरण करने का यह अर्थ भी नहीं है कि अपने मन के अनुसार जो चाहे सो करे। अर्थात् कोई व्यक्ति देवता या कथित अदृश्य शक्तियों को संतुष्ट करने के लिए बलि या पशु बलि नहीं दे सकता है।
(3) औरतों को कमतर मानने या औरतों की आजादी का हनन करने वाले धार्मिक रीति-रिवाज पर आचरण करने की अनुमति नहीं है।
(4) धर्मनिरपेक्ष शासन का मतलब किसी एक धर्म का पक्ष लेना या उसे विशेषाधिकार देना भी नहीं है। सरकार किसी धर्म या धार्मिक संस्था को बढ़ावा देने या उसके रख-रखाव के लिए कर (टैक्स) देने के लिए किसी व्यक्ति को मजबूर नहीं कर सकती।
( 5 ) सरकारी शैक्षिक संस्थानों में किसी किस्म का धार्मिक निर्देश नहीं होना चाहिए ।
प्रश्न 5. समानता के अधिकार की किन्हीं तीन विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
अथवा
समानता के अधिकार को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- समानता का अधिकार
(1) सरकार किसी से भी उसके धर्म, जाति, समुदाय, लिंग और जन्म स्थल के आधार पर भेदभाव नहीं कर सकती।
(2) दुकान, होटल और सिनेमा घरों जैसे सार्वजनिक स्थलों में किसी के प्रवेश को रोका नहीं जा सकता।
(3) सरकार में किसी पद पर नियुक्ति के मामले में सभी नागरिकों के लिए अवसर की समानता ।
(4) किसी व्यक्ति का दर्जा या पद चाहे जो हो सब पर कानून समान रूप से लागू होता है।
( 5 ) कोई भी व्यक्ति कानूनी रूप से अपने पद या जन्म के आधार पर विशेष अधिकार का दावा नहीं कर सकता।
