PSEB 10th Class Hindi Vyakaran अनुवाद
PSEB 10th Class Hindi Vyakaran अनुवाद
PSEB 10th Class Hindi Grammar अनुवाद
प्रश्न 1.
अनुवाद किसे कहते हैं?
उत्तर:
किसी भाषा में कही या लिखी गई बात को किसी दूसरी भाषा में सार्थक परिवर्तन करने को अनुवाद कहते हैं। इसे साहित्यिक विधा माना जाता है लेकिन यह मौलिक साहित्य रचना की श्रेणी में नहीं आता।
प्रश्न 2.
अनुवादक किसे कहते हैं?
उत्तर:
जो व्यक्ति अनुवाद कार्य को करता है उसे अनुवादक कहते हैं।
प्रश्न 3.
अनुवाद के लिए सबसे आवश्यक किसे माना जाता है?
उत्तर:
अनुवाद के लिए सबसे आवश्यक उन दो भाषाओं का माना जाता है जिनका एक से दूसरी में सार्थक परिवर्तन किया जाता है।
प्रश्न 4.
स्रोत भाषा और लक्ष्य भाषा से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
स्रोत भाषा-जिस भाषा की सामग्री का अनुवाद किया जाता है उसे स्रोत भाषा कहते हैं।
लक्ष्य भाषा-जिस भाषा में अनुवाद किया जाता है उसे लक्ष्य भाषा कहते हैं।
उदाहरण-यदि हिंदी में लिखित किसी कविता को पंजाबी में अनूदित किया जाए तो हिंदी स्रोत भाषा कहलाती है। इस स्थिति में पंजाबी लक्ष्य भाषा होगी।
प्रश्न 5.
किसी भाषा में रचित सामग्री को किसी दूसरी भाषा में अनूदित करते समय किस-किस प्रकार के पूर्ण ज्ञान की आवश्यकता होती है?
उत्तर:
अनुवाद कार्य करते समय अनुवादक को स्रोत भाषा और लक्ष्य भाषा की लिपियों, शब्दावली, वाक्य संरचना और व्याकरण का पूर्ण ज्ञान आवश्यक रूप से होना चाहिए क्योंकि प्रत्येक भाषा की अपनी लिपि, शब्दावली और व्याकरण होती है।
प्रश्न 6.
पंजाबी और हिंदी की स्वर ध्वनियों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
पंजाबी में स्वरों को लिखित रूप देने के लिए केवल तीन ही अक्षर होते हैं । ध्वनि के स्तर पर इनकी संख्या दस स्वीकार की जाती है-
![](https://i0.wp.com/sabdekho.in/wp-content/uploads/2023/03/1-3.jpg?resize=695%2C114&ssl=1)
प्रश्न 7.
पंजाबी और हिंदी की स्वर ध्वनियों को उदाहरण सहित लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 8.
पंजाबी और हिंदी की व्यंजन ध्वनियों को लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 9.
पंजाबी में बिंदी () और टिप्पी (“) का प्रयोग कैसे किया जाता है?
उत्तर:
पंजाबी में बिंदी (‘) और टिप्पी (“) का प्रयोग मात्राओं के अनुसार किया जाता है। हिंदी में इनके लिए प्रायः बिंदी का ही प्रयोग होता है लेकिन बड़े ‘अ’ के साथ बिंदी की जगह चंद्रबिंदु का प्रयोग किया जाता है। पंजाबी में दुलैंकड़ मात्राओं के साथ टिप्पी का प्रयोग होता है पर हिंदी में दीर्घ ‘ऊ’ (‘) के साथ चंद्र बिंदु का प्रयोग किया जाता है; जैसेनँ, बूँद, चूं-चूँ।
प्रश्न 10.
पंजाबी के टिप्पी वाले शब्दों का हिंदी में कैसे प्रयोग किया जाता है?
उत्तर:
(I) हिंदी में पंजाबी के टिप्पी वाले शब्दों का प्रयोग करते समय चंद्र बिंदु लगाया जाता है; जैसे-
भव – मुँह
यस – पहँच
(II) कहीं-कहीं टिप्पी वाले शब्दों का प्रयोग करते समय टिप्पी की जगह कुछ नहीं लगाया जाता; जैसे-
ਧੰਨ – धन
(III) कुछ स्थानों पर ऐसी स्थिति में ‘क’, ‘च’ आदि की जगह ‘का’, ‘चा’ आदि का प्रयोग किया जाता है; जैसे-
ਕੰਨ – कान
ਚੰਮ – चाम
ਕੰਮ – काम
(IV) कुछ जगह टिप्पी की जगह चंद्र बिंदु का प्रयोग और अंतिम अक्षर में परिवर्तन किया जाता है; जैसे-
ਦੰਦ – दाँत
ਪੰਜ – पाँच
(V) पंजाबी में कन्ना, लां, दुलावां, होड़ा तथा कनौड़ा मात्राओं के साथ बिंदी का प्रयोग होता है लेकिन हिंदी में कई जगह बिंदी की जगह चंद्र बिंदु का प्रयोग किया जाता है; जैसे-
ਚਾਂਦੀ – चाँदी
उप्वा – ताँबा
ਸਾਂਝਾ – साँझा
प्रश्न 11.
हिंदी के जिन शब्दों में ‘य’ से पहले आधा अक्षर प्रयुक्त किया जाता है वहाँ पंजाबी में क्या परिवर्तन होता है? उदाहरण देकर लिखिए।
उत्तर:
हिंदी के शब्दों में जहाँ ‘य’ से पहले आधा अक्षर आता है वहाँ पंजाबी में प्रायः आधा अक्षर पूरा लिखा जाता है और पूरे अक्षर के साथ ‘इ’ की मात्रा लगा दी जाती है। साथ ही ‘य’ की जगह ”लिखा जाता है। कहीं-कहीं कुछ अन्य परिवर्तन भी किए जाते हैं। उदाहरण के लिए-
हिंदी – पंजाबी
माध्यम – ਮਾਧਿਅਮ
सभ्यता – ਸਭਿਅਤਾ
अभ्यास – ਅਭਿਆਸ
अध्यापक – ਅਧਿਆਪਕ
व्यर्थ – ਵਿਅਰਥ
व्यापक – ਵਿਆਪਕ
व्यक्ति – ਵਿਅਕਤੀ
व्यवस्था – ਵਿਵਸਥਾ
प्रश्न 12.
हिंदी के जिन शब्दों में ‘आ’ अथवा ‘या’ लगाया जाता है वहाँ पंजाबी में अनुवाद करते समय क्या परिवर्तन किया जाता है?
उत्तर:
पंजाबी में अनुवाद करते समय ऐसी स्थिति में धातु के अंतिम अक्षर के साथ ‘ई’ की मात्रा लगा कर मा’ लगा दिया जाता है। उदाहरण
हिंदी – पंजाबी
पढा – ਪੜਿਆ
भेजा – ਭੇਜਿਆ
लिखा – ਲਿਖਿਆ
माया – ਮਾਇਆ
गाया – ਗਾਇਆ
मापा – ਮਾਪਿਆ
हिंदी की जिन क्रियाओं के अंत में ‘या’ लगा होता है वहाँ पंजाबी में ‘आ’ लगाया जाता है; जैसे-सोया-मॅग, किया-वीउ, दिया-टॅिग, लिया-लिभा|
प्रश्न 13.
हिंदी में जहाँ ‘व’ से पहले आधा अक्षर होता है वहाँ पंजाबी में परिवर्तन करते समय क्या किया जाता है?
उत्तर:
हिंदी के जिन शब्दों में ‘व’ से पहले आधा अक्षर होता है वहाँ पंजाबी में पूरा अक्षर लिखा जाता है और वहाँ ‘व’ के साथ की मात्रा (_) का प्रयोग किया जाता है; जैसे-
हिंदी – पंजाबी
द्वारा – ਦੁਆਰ
स्वतंत्र – ਸੁਆਗਤ
द्वार – ਦੁਆਰਾ
स्वागत – ਸੁਆਗਤ
कहीं-कहीं इस स्थिति में तनिक अंतर होने पर भिन्न विधि अपनाई जाती है; जैसे-
स्वरोजगार – ਸਵੈ ਰੋਜ਼ਗਾਰ
स्वर – ਸਵਰ
प्रश्न 14.
पंजाबी में सरलता बनाए रखने के लिए हिंदी के संयुक्त व्यंजनों में किस प्रकार परिवर्तन किया जाता है?
उत्तर:
हिंदी के संयुक्त व्यंजनों में पंजाबी में अनुवाद करते समय सरलता बनाए रखने के लिए प्रायः दो प्रकार से परिवर्तन किए जा रहे हैं-
(I) संयुक्त व्यंजनों के मध्य में स्वराज्य से उच्चारण में सरलता लाने का प्रयास किया जाता है; जैसे-
हिंदी – पंजाबी
फ़िक्र – ਫ਼ਿਕਰ
राष्ट्र – ਰਾਸ਼ਟਰ
इन्द्र/इंद्र – ਇੰਦਰ
कलेश – ਕਲੇਸ਼
विश्वास – ਵਿਸ਼ਵਾਸ
शास्त्र – ਸ਼ਾਸਤਰ
स्कूल – ਸਕੂਲ
कृपा – ਕਿਰਪਾ
पुत्री – ਪੁੱਤਰੀ
संग्राम – ਸੰਗਰਾਮ
(II) स्वरों के लोप से भी शब्दों की सरलता बनाई जाती है. जैसे-
परंतु – ਪ੍ਰੰਤੂ
प्रत्यक्ष – ਪ੍ਰਤੱਖ
लक्ष्मी – ਲੱਛਮੀ
लक्षण – ਲੱਛਣ
ईर्ष्या – ਈਰਖਾ
प्रश्न 15.
हिंदी के संयुक्त व्यंजनों को पंजाबी में किस प्रकार लिखा जाता है?
उत्तर:
हिंदी के संयुक्त व्यंजनों को सरल बनाने के लिए पंजाबी में अलग-अलग व्यंजनों के साथ लिखा जाता है; जैसे-
हिंदी – पंजाबी
विश्राम – ਵਿਸ਼ਰਾਮ
मात्रा – ਮਾਤਰਾ
पवित्र – ਪਵਿੱਤਰ
कृपा – ਕਿਰਪਾ
भ्रम – ਭਰਮ
पदार्थ – ਪਦਾਰਥ
अर्पण – ਅਰਪਣ
निर्धन – ਨਿਰਧਨ
प्रश्न 16.
हिंदी के जिन शब्दों के अंत में ‘व’ आ जाता है वहाँ पंजाबी में अनुवाद करते समय प्रायः क्या परिवर्तन किया जाता है?
उत्तर:
हिंदी के जिन शब्दों के अंत में ‘व’ आ जाता है उसकी जगह पंजाबी में प्राय: लिख दिया जाता है; जैसे-
हिंदी – पंजाबी
स्वभाव – महाभ
दुर्भाव – ਦੁਰਭਾਵ
प्रश्न 17.
हिंदी में ‘ह’ से पहले ‘ए’ (‘) की मात्रा के स्थान पर पंजाबी में क्या परिवर्तन किया जाता है?
उत्तर:
पंजाबी में किसी शब्द में ‘उ’ से पहले ‘प्टे’ की मात्रा हो तो वहाँ छोटी ‘इ’ की मात्रा लगाई जाती है; जैसे-
हिंदी – पंजाबी
मेहनत – ਮਿਹਨਤ
मेहर – ਮਿਹਰ
मेहरबान – ਮਿਹਰਬਾਨ
सेहत – ਸਿਹਤ
चेहरा – ਚਿਹਰਾ
प्रश्न 18.
हिंदी में जिन शब्दों का उच्चारण ऐह’ है लेकिन क्रम अह’ होता है उसे पंजाबी में किस प्रकार लिखा जाता है?
उत्तर:
पंजाबी में ऐसे शब्द का ‘हाहे’ से पहला अक्षर मुक्त रहता है पर उसे छोटी ‘इ’ की मात्रा लगती है; जैसे-
हिंदी – पंजाबी
नहर – ਨਹਿਰ
शहर – ਸ਼ਹਿਰ
वहम – ਵਹਿਮ
महंगा – ਮਹਿੰਗਾ
महल – ਮਹਿਲ
शहद – ਸ਼ਹਿਦ
प्रश्न 19.
हिंदी में जिन शब्दों में नासिक्य ध्वनि प्राय: ‘ण’ का प्रयोग होता है तो वहाँ पंजाबी शब्दों में के अनुवाद में क्या परिवर्तन आता है?
उत्तर:
हिंदी में जिन शब्दों में ‘ण’ का प्रयोग होता है उनका पंजाबी में अनुवाद में नासिक्य ध्वनि को प्रयुक्त किया जाता है; जैसे-
हिंदी – पंजाबी
कारण – ਕਾਰਨ
कर्ण – ਕਰਨ
किरण – ਕਿਰਨ
शरण – ਸ਼ਰਨ
हिरण – ਹਿਰਨ
धर्म – ਧਰਮ
दर्शन – ਦਰਸ਼ਨ
ਅਰਜਨ
प्रश्न 20.
हिंदी भाषा की देवनागरी लिपि और गुरुमुखी लिपि में द्वित्व शब्दों के लेखन में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
(i) देवनागरी लिपि में द्वित्व वर्णों का प्रयोग किया जाता है लेकिन गुरुमुखी लिपि में अद्धक (‘) का प्रयोग होता है; जैसे- शुद्ध = रॉय, खट्टा = बॅटा, बच्चा = वसा, पक्का = पॅवा, आदि।
प्रश्न 21.
हिंदी और पंजाबी में उच्चारण भिन्नता के कारण व्यंजनों के प्रयोग में क्या बदलाव आता है?
उत्तर:
उच्चारण भेद होने के कारण हिंदी और पंजाबी में ‘ब’, ‘ग’, ‘न’, ‘ड’ पंजाबी में क्रमश: ‘उ’, ‘व’, ‘ह’ और ‘इ’ में बदल जाते हैं ; जैसे- सब = र्मठ, पानी = पाटी, लोग = प्लेव आदि।
प्रश्न 22.
लिंग परिवर्तन करते समय हिंदी और पंजाबी में आए अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
(क) हिंदी में कुछ आकारांत शब्दों का लिंग बदलते समय ‘आ’ को इया में बदल दिया जाता है लेकिन पंजाबी में ‘आ’ के स्थान पर प्टी (१) का प्रयोग किया जाता है; जैसे-
चूहा = चुहिया = तुगी, बूढ़ा = बुढ़िया = वडी।।
(ख) हिंदी में जहाँ अंत में ‘इन’ प्रत्यय लगाया जाता है वहाँ पंजाबी में ‘ठ’ या ‘ह’ लगाया जाता है; जैसे-
तेली = तेलिन = उलट, सपेरा = सपेरिन = मयेण्ट।
(ग) हिंदी में अंतिम स्वर के स्थान पर जहाँ आनी’ लगाया जाता है वहाँ पंजाबी में ‘टी’ लगाया जाता है; जैसे-
नौकर = नौकरानी = वाटी, सेठ = सेठानी = मिठाटी, पंडित = पंडिताइन = पंडाटी, बनिया = बनियाइन = घटिभाटी।
(घ) हिंदी में अक’ अंत वाले पुल्लिग शब्दों के अंत में ‘इका’ लगाया जाता है लेकिन पंजाबी में ‘अक’ अंत वाले पुल्लिग शब्दों में कन्ना लगा दिया जाता है; जैसे-
नायक = नायिका = ठाप्टिवा, सेवक = सेविका = मेहवा ।।
(ङ) हिंदी और पंजाबी में लिंग परिवर्तन में अनेक स्थानों पर कोई परिवर्तन दिखाई नहीं देता; जैसे-
चाचा = चाची = सासी, पुत्र = पुत्री = ‘उठी, सरदार = सरदारनी = मराठठी।
प्रश्न 23.
पंजाबी और हिंदी में उच्चारण भिन्नता के कारण
उत्तर:
पंजाबी के कुछ शब्दों में स्वर या व्यंजन की मात्रा में वृद्धि हो जाती है; जैसे-
गुरु = ताठ, स्थान = पाठ, स्कूल = मवल।
प्रश्न 24.
हिंदी के शब्दों में प्रयुक्त ‘क्ष’ और ‘ष’ के उच्चारण में बदलाव के कारण पंजाबी में क्या बदलाव दिया जाता है?
उत्तर:
उच्चारण में परिवर्तन के कारण ‘क्ष’ के स्थान पर ‘ध’ और ‘ष’ की जगह ‘ह’ का प्रयोग किया जाता है; जैसे-
पुरुष = पठध, ईर्ष्या = प्टीतधा, लक्ष्मी = लॅधनी, पक्षी = धंढी।
प्रश्न 25.
पंजाबी और हिंदी में बहुवचन बनाने में क्या-क्या अंतर दिखाई देते हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
I. हिंदी में अकारांत स्त्रीलिंग संज्ञाओं के अंत में बहुवचन बनाते हुए ‘अ’ को ‘ऐं’ में बदला जाता है लेकिन पंजाबी में ‘कन्ने’ के ऊपर बिंदी लगाई जाती है; जैसे-
रात = रातें = ठारा; मशीन = मशीनें = भतीठां; सड़क = सड़कें = मइयां।
II. हिंदी के ‘आकारांत’ एकवचन शब्दों के अंत में ‘एँ’ लगाया जाता है लेकिन ऐसी स्थिति में पंजाबी में ‘गं’ लगाया जाता है; जैसे
कविता = कविताएँ = वहिउाहां, सभा = सभाएँ = माहां, अध्यापक = अध्यापिकाएँ = अयिभाववाहां, हवा = हवाएँ = उहाहां।
III. हिंदी के इकारांत या ईकारांत स्त्रीलिंग शब्दों के अंत में बहुवचन बनाते हुए ‘ई’ की जगह ‘इ’ कर दिया जाता है लेकिन पंजाबी में बिहारी की जगह बहुवचन के अंत में ‘भा’ लगा दिया जाता है; जैसे-
नदी = नदियाँ = ठटीला, कली = कलियाँ = वप्लीमां, लड़की = लड़कियाँ = लक्वीनां।
IV. हिंदी में उकारांत और ऊकारांत स्त्रीलिंग शब्दों को बहुवचन में बदलते समय ‘एँ’ लगाया जाता है लेकिन पंजाबी में इस स्थिति में जहाँ औंकड़ और दुलैंकड़ होते हैं वहाँ बहुवचन बनाते हुए ‘मां’ लगा दिया जाता है; जैसे
धातु = धातुएँ = पाउला ; वस्तु = वस्तुएँ = हमला|
V. अनेक स्थानों पर आकारांत पुल्लिग शब्दों में बहुवचन बनाते समय हिंदी और पंजाबी में समानता रहती है। दोनों में ही ‘आ’ को ‘ए’ में बदल दिया जाता है: जैसे-
रुपया = रुपये = तृघटे; कपड़ा = कपड़े = वॅपडे; चाचा = चाचे = सासे; पत्ता = पत्ते = डे।
प्रश्न 26.
हिंदी और पंजाबी की वाक्य-संरचना में समानताओं को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
हिंदी और पंजाबी दोनों भाषाओं में उच्चारण की दृष्टि से बहुत अधिक समानता है। इनकी वाक्य-संरचना और व्याकरणिक नियमों में भी कोई बहुत बड़ा अंतर नहीं है; जैसे-
आज हमारा देश भिन्न-भिन्न धर्म-जातियों में बंटा हुआ है।
ਅੱਜ ਸਾਡਾ ਦੇਸ਼ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਧਰਮ ਜਾਤਾਂ ਵਿਚ ਵੰਡਿਆ ਹੋਇਆ ਹੈ ।
इन दोनों भाषाओं में क्रिया का लिंग मुख्य कर्ता के अनुसार ही होता है; जैसे-
ਮੁੰਡਾ ਦਸਵੀਂ ਜਮਾਤ ਵਿਚ ਪੜ੍ਹਦਾ ਹੈ ।
लड़का दसवीं कक्षा में पढ़ता है।
इन दोनों भाषाओं में कर्तृवाच्य में क्रिया का लिंग मुख्य कर्ता के समान ही रहता है। इनमें कर्मवाच्य की क्रिया का लिंग मुख्य रूप से कर्म के अनुसार ही होता है; जैसे-
भेठे उ प हॅप्ल निभा । मुझ से दूध गिर गया।
भेठे 3 साग इल ताप्टी । मुझ से चाय गिर गई।
पंजाबी और हिंदी में भाववाच्य की क्रिया सदा पुल्लिंग में रहती है: जैसे-
मुंडे पङिमा ठगीं सांस । लड़के से पढ़ा नहीं जाता।
वही घडिमा ठगी मांग । लड़की से पढ़ा नहीं जाता।
पंजाबी और हिंदी में क्रिया के दो ही वचन होते हैं-एक वचन और बहुवचन। इन दोनों में ही एक के लिए एकवचन की क्रिया और अनेक के लिए बहुवचन क्रिया का प्रयोग होता है, इन दोनों भाषाओं में संज्ञा, वचन और लिंग के अनुसार ही विशेषण बोधकों के रूप में परिवर्तन होता है।
पंजाबी से हिंदी में अनुवाद संबंधी वाक्यों के कुछ उदाहरण
निम्नलिखित पंजाबी के वाक्यों का हिंदी में अनुवाद करें
1. नाव जुठीहमिटी उडीगाड हिच चै।
2. रिहाली वॅउव सी मॅमिभा सी ठाउ मठाप्टी सांटी चै।
3. ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਸਥਾਨਾਂ ਦੀ ਯਾਤਰਾ ਨਾਲ ਸਾਡੇ ਗਿਆਨ ਵਿਚ ਵਾਧਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ !
4. ਛੱਬੀ ਜਨਵਰੀ ਅਤੇ ਪੰਦਰਾਂ ਅਗਸਤ ਸਾਡੇ ਕੌਮੀ ਤਿਉਹਾਰ ਹਨ ।
5. ਸਾਡੇ ਹਿਰਦੇ ਵਿਚ ਆਪਣੀ ਮਾਂ-ਬੋਲੀ ਲਈ ਪਿਆਰ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
6. ਕਰਤਾਰ ਸਿੰਘ ਸਰਾਭਾ ਨੇ ਉੱਨੀ ਸਾਲ ਦੀ ਛੋਟੀ ਉਮਰ ਵਿਚ ਦੇਸ਼ ਲਈ ਸ਼ਹੀਦੀ ਪਾਈ ।
7. भिठाम पडे ठित मावे ताहां रा ठिठेइ ।।
8. ਵਿਗਿਆਨ ਦੇ ਖੇਤਰ ਵਿਚ ਲਗਾਤਾਰ ਵਾਧਾ ਹੋ ਰਿਹਾ ਹੈ ।
9. ਅਖ਼ਬਾਰ ਦਾ ਸਾਡੇ ਜੀਵਨ ਵਿਚ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਸਥਾਨ ਹੈ ।
10. ਜਨਸੰਖਿਆ ਦੇ ਵੱਧਣ ਨਾਲ ਬੇਰੁਜ਼ਗਾਰੀ ਵੀ ਵੱਧ ਰਹੀ ਹੈ ।
11. माठु विनप्ली टी घुउउ वठठी नग्गीसी चै।
12. ਜੇਕਰ ਤੁਸੀਂ ਆਪਣਾ ਅੱਜ ਖ਼ਰਾਬ ਕਰੋਗੇ ਤਾਂ ਤੁਹਾਡਾ ਕਲ਼ ਵੀ ਖ਼ਰਾਬ ਹੋ ਜਾਏਗਾ ।
13. लठउर मडी सी धिभा व भडे ठिसा उँ त।
14. लठिरत मिप पइसा चै ठाले तेवठी वठरा वै।
15. ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ ਨੇ ਕਿਰਤ ਕਰਕੇ ਖਾਣ ਦੀ ਸਿੱਖਿਆ ਦਿੱਤੀ ਹੈ ।
16. ऐमराठाल वरे ही गाढेठी ठगीं वठठी साजीसी।
17. नेवत तेवठी ठगीं मिल ठगी गं -तृलताठ रा ठमठा सपठाठ।
18. डेल सी माहान मह वे ममी पत्रे वापत मा ताप्टे ।।
19. ਸਿਆਣਾ ਇਨਸਾਨ ਖ਼ਾਲੀ ਸਮੇਂ ਦਾ ਵੀ ਸਦਉਪਯੋਗ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
20. पत हांठा मल हित ही महाप्टी घउ सती गै।
उत्तर:
1. पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ में है।
2. दिवाली कार्तिक की अमावस्या की रात्रि में मनाई जाती है।
3. ऐतिहासिक स्थानों की यात्रा से हमारे ज्ञान में वृद्धि होती है।
4. छब्बीस जनवरी और पंद्रह अगस्त हमारे राष्ट्रीय त्यौहार हैं।
5. हमारे हृदय में अपनी मातृ-भाषा के लिए प्रेम होना चाहिए।
6. करतार सिंह सराभा ने उन्नीस वर्ष की छोटी आयु में देश के लिए कुर्बानी पाई।
7. मिठास और नम्रता सभी गुणों का निचोड़ है।
8. विज्ञान के क्षेत्र में निरंतर विकास हो रहा है।
9. समाचार-पत्र का हमारे जीवन में महत्त्वपूर्ण स्थान है।
10. जनसंख्या के बढ़ने के साथ बेरोज़गारी भी बढ़ रही है।
11. हमें बिजली की बचत करनी चाहिए।
12. यदि आप अपना आज खराब करोगे तो आपका कल भी खराब हो जाएगा।
13. पशु संपत्ति की रक्षा करो और हिंसा से दूर रहो।
14. जतिंद्र सिंह पढ़ता है साथ नौकरी करता है।
15. गुरु नानक देव जी ने कार्य (मेहनत) करके खाने की शिक्षा दी है।
16. मित्रों से कभी भी हेराफेरी नहीं करनी चाहिए।
17. यदि नौकरी नहीं मिल रही तो स्वरोजगार का रास्ता अपनाओ।
18. ढोल की आवाज़ सुन कर हम घर से बाहर आ गए।
19. बुद्धिमान इन्सान खाली समय का भी सदुपयोग करता है।
20. घर की तरह विद्यालय में भी सफ़ाई बहुत आवश्यक है।
निम्नलिखित पंजाबी के गद्यांशों का हिंदी में अनुवाद करें
1. ਮੈਨੂੰ ਜਦੋਂ ਵੀ ਆਪਣਾ ਬਚਪਨ ਯਾਦ ਆਉਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਮੇਰਾ ਦਿਲ ਕਰਦਾ ਹੈ ਕਿ ਮੈਂ ਆਪਣੇ ਉਸੇ ਬਚਪਨ ਵਿਚ ਗੁਮ ਹੋ ਜਾਵਾਂ । ਮਨ ਬਚਪਨ ਦੀਆਂ ਖੇਡਾਂ ਵਲ ਚਲਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਪਤੰਗ ਉਡਾਣਾ, ਦੋਸਤਾਂ ਨਾਲ ਸਾਈਕਲ ਦੀਆਂ ਰੇਸਾਂ ਲਗਾਉਣਾ,ਬੰਟੇ ਖੇਡਣੇ ਅਤੇ ਰਾਤ ਨੂੰ ਲੁਕਣ-ਮੀਟੀ ਖੇਡਣਾ ਮੈਨੂੰ ਅੱਜ ਵੀ ਯਾਦ ਹੈ । ਤਪਦੀ ਗਰਮੀ ਵਿਚ ਬਾਗ ਵਿੱਚ ਅੰਬ ਤੋੜ ਕੇ ਖਾਣੇ ਅਤੇ ਬਹੁਤ ਤੇਜ਼ ਮੀਂਹ ਵਿਚ ਨਹਾਉਣਾ ਮੈਨੂੰ ਬਹੁਤ ਚੰਗਾ ਲਗਦਾ ਸੀ ।
अनुवाद:
मुझे जब भी अपना बचपन याद आता है तो मेरा दिल करता है कि मैं अपने उस बचपन में गुम हो जाऊँ। मन बचपन की खेलों की तरफ चला जाता है। पतंग उड़ाना, मित्रों के साथ साइकिल की दौड़ें लगाना, कंचे खेलने और रात को छुपम-छुपाई खेलना मुझे आज भी याद है। तपती गर्मी में बाग में आम तोड़ कर खाने और बहुत तेज़ बारिश में नहाना मुझे बहुत अच्छा लगता था।
2. ਭ੍ਰਿਸ਼ਟ ਆਚਰਨ ਹੀ ਭ੍ਰਿਸ਼ਟਾਚਾਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਕੁਝ ਲੋਕ ਕੇਵਲ ਪੈਸੇ ਦੀ ਹੇਰਾਫੇਰੀ ਅਤੇ ਘਪਲੇਬਾਜ਼ੀ ਨੂੰ ਹੀ ਭ੍ਰਿਸ਼ਟਾਚਾਰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਪਰ ਇਸ ਵਿਚ ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਮਿਲਾਵਟ, ਅਨਿਆਂ, ਸਿਫਾਰਿਸ਼, ਕਾਲਾਬਜ਼ਾਰੀ, ਸ਼ੋਸ਼ਣ ਅਤੇ ਧੋਖਾ ਆਦਿ ਸਭ ਕੁਛ ਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਸਾਰਾ ਸਮਾਜ ਇੱਕ ਜੁਟ ਹੋ ਕੇ ਹੀ ਭ੍ਰਿਸ਼ਟਾਚਾਰ ਰੂਪੀ ਇਸ ਦੈਤ ਨੂੰ ਖ਼ਤਮ ਕਰ ਸਕਦਾ ਹੈ ।
अनुवाद:
भ्रष्ट आचरण भी भ्रष्टाचार होता है। कुछ लोग केवल पैसे की हेराफेरी और घपलेबाजी को ही भ्रष्टाचार कहते हैं। पर इसके अतिरिक्त मिलावट, अन्याय, सिफ़ारिश, कालाबाजारी, शोषण और धोखा आदि सब कुछ आ जाता है। सारा समाज एकजुट हो कर भ्रष्टाचार रूपी इस दैत्य को समाप्त कर सकता है।
3. ਜੀਵਨ ਵਿਚ ਮਿਹਨਤ ਦਾ ਬਹੁਤ ਮਹੱਤਵ ਹੈ । ਮਿਹਨਤੀ ਵਿਅਕਤੀ ਵਿਚ ਜੇਕਰ ਦ੍ਰਿੜ੍ਹ ਸੰਕਲਪ ਵੀ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਉਹ ਕਈ ਵਾਰ ਅਜਿਹੇ ਕੰਮ ਵੀ ਕਰ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜੋ ਕਿ ਆਮ ਇਨਸਾਨ ਨੂੰ ਅਸੰਭਵ ਲਗਦੇ ਹਨ । ਸੱਚਾ ਮਿਹਨਤੀ ਵਿਅਕਤੀ ਜੇਕਰ ਕਿਸੇ ਕੰਮ ਵਿਚ ਅਸਫਲ ਵੀ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਉਹ ਆਪਣੀਆਂ ਕਮੀਆਂ ਦਾ ਪਤਾ ਲਗਾ ਕੇ ਵਧੇਰੇ ਸ਼ਕਤੀ ਨਾਲ ਉਸ ਕੰਮ ਵਿਚ ਜੁੱਟ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
अनुवाद:
जीवन में मेहनत का बहुत महत्त्व है। मेहनती व्यक्ति में यदि दृढ़ संकल्प भी हो तो वह कई बार ऐसे काम भी कर जाता है जो कि आम इन्सान को अंसभव लगते हैं। सच्चा मेहनती व्यक्ति यदि किसी काम में असफल भी हो जाता है तो वह अपनी कमियों का पता लगा कर अधिक शक्ति से उस काम में जुट जाता है।
4. ਸਾਨੂੰ ਆਪਣੇ ਤਨ ਨੂੰ ਤੰਦਰੁਸਤ ਰੱਖਣ ਲਈ ਕਸਰਤ ਕਰਨ ਦੀ ਆਦਤ ਪਾਉਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਕਸਰਤ ਨਾਲ ਕੇਵਲ ਤਨ ਹੀ ਨਹੀਂ ਸਗੋਂ ਸਾਡਾ ਮਨ ਵੀ ਚੰਗਾ ਬਣਦਾ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਤਨ ਅਤੇ ਮਨ ਦੋਵੇਂ ਤੰਦਰੁਸਤ ਹੋ ਜਾਣਗੇ ਤਾਂ ਸਾਡੇ ਮਨ ਵਿਚ ਚੰਗੇ ਵਿਚਾਰ ਆਉਣਗੇ । ਚੰਗੇ ਵਿਚਾਰਾਂ ਨਾਲ ਹੀ ਅਸੀਂ ਚੰਗੇ ਕਰਮ ਕਰਾਂਗੇ ।
अनुवाद:
हमें अपने तन को स्वस्थ रखने के लिए कसरत की आदत डालनी चाहिए। कसरत के साथ केवल तन ही नहीं अपितु हमारा मन भी अच्छा बनता है। जब तन और मन दोनों स्वस्थ हो जाएंगे तो हमारे मन में अच्छे विचार आएंगे। अच्छे विचारों से ही हम अच्छे कार्य करेंगे।
5. ਚੰਗੀਆਂ ਕਿਤਾਬਾਂ ਸੁੱਖ ਅਤੇ ਖੁਸ਼ੀਆਂ ਦਾ ਖਜ਼ਾਨਾ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਔਖੀ ਘੜੀ ਵਿਚ ਇਹ ਸਾਡਾ ਮਾਰਗ ਦਰਸ਼ਨ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ । ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਕਿਤਾਬਾਂ ਨਾਲ ਪਿਆਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਲਈ ਕਿਤਾਬਾਂ ਕਿਸੇ ਖਜ਼ਾਨੇ ਤੋਂ ਘੱਟ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀਆਂ । ਲੋਕਮਾਨਿਆ ਤਿਲਕ ਦਾ ਕਹਿਣਾ ਸੀ ਕਿ-“ਮੈਂ ਨਰਕ ਵਿਚ ਵੀ ਕਿਤਾਬਾਂ ਦਾ ਸਵਾਗਤ ਕਰਾਂਗਾ । ਕਿਉਂਕਿ ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਉਹ ਸ਼ਕਤੀ ਹੈ ਕਿ ਜਿੱਥੇ ਇਹ ਹੋਣਗੀਆਂ ਉੱਥੇ ਆਪਣੇ ਆਪ ਸਵਰਗ ਬਣ ਜਾਏਗਾ ।
अनुवाद:
अच्छी पुस्तकें सुख और प्रसन्नताओं का खज़ाना होती हैं। कठिन घड़ी में ये हमारा मार्गदर्शन करती हैं। जिन लोगों को पुस्तकों से प्रेम होता है, उनके लिए पुस्तकें किसी खज़ाने से कम नहीं होतीं। लोकमान्य तिलक का कहना था-‘मैं नर्क में भी पुस्तकों का स्वागत करूँगा। क्योंकि इनमें वह शक्ति है कि जहाँ ये होंगी वहाँ अपने आप स्वर्ग बन हैं।
6. ਓਜ਼ੋਨ ਪਰਤ ਸੂਰਜ ਤੋਂ ਨਿਕਲਣ ਵਾਲੀਆਂ ਨੁਕਸਾਨਦਾਇਕ ਕਿਰਨਾਂ ਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਪਰਾਬੈਂਗਣੀ ਕਿਰਨਾਂ ਨੂੰ ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਵਿਚ ਪ੍ਰਵੇਸ਼ ਕਰਨ ਤੋਂ ਰੋਕਣ ਲਈ ਫਿਲਟਰ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿਚ ਕੰਮ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਵਿਜ, ਏ. ਸੀ. ਉਪਕਰਨ ਆਦਿ ਵਿਚ ਇਸਤੇਮਾਲ ਹੋਣ ਵਾਲੀਆਂ ਜ਼ਹਿਰੀਲੀਆਂ ਗੈਸਾਂ ਇਸ ਪਰਤ ਨੂੰ ਨੁਕਸਾਨ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਸ ਲਈ ਸਾਨੂੰ ਏ. ਸੀ. ਉਪਕਰਨਾਂ ਦਾ ਘੱਟ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
अनुवाद:
ओज़ोन परत से निकलने वाली हानिकारक किरणों के साथ-साथ पराबैंगनी किरणों को वायुमंडल में प्रवेश करने से रोकने के लिए फिल्टर के रूप में काम करती हैं। फ्रिज, ए०सी० उपकरण आदि में प्रयुक्त होने वाली विषैली गैसें इस परत का नुकसान करती हैं। इसलिए हमें ए०सी० उपकरणों का कम प्रयोग करना चाहिए।
7. ਹਿੰਦੀ ਨੂੰ ਸੰਘ ਦੀ ਰਾਜਭਾਸ਼ਾ ਕਹਿਣ ਦਾ ਇਹ ਅਰਥ ਨਹੀਂ ਕਿ ਭਾਰਤ ਦੀਆਂ ਦੂਜੀਆਂ ਭਾਸ਼ਾਵਾਂ ਇਸ ਤੋਂ ਘੱਟ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਹਨ । ਭਾਰਤ ਦੀਆਂ ਸਾਰੀਆਂ ਪ੍ਰਦੇਸ਼ਿਕ ਭਾਸ਼ਾਵਾਂ ਸਮਾਨ ਮਹੱਤਵ ਰੱਖਦੀਆਂ ਹਨ । ਜੇਕਰ ਅਖਿਲ ਭਾਰਤੀ ਪੱਧਰ ‘ਤੇ ਹਿੰਦੀ ਰਾਜਭਾਸ਼ਾ ਹੈ ਤਾਂ ਦੂਜੀਆਂ ਦੇਸ਼ਿਕ ਭਾਸ਼ਾਵਾਂ ਆਪਣੇ-ਆਪਣੇ ਰਾਜਾਂ ਵਿਚ ਰਾਜਭਾਸ਼ਾ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿਚ ਕੰਮ ਕਰ ਰਹੀਆਂ ਹਨ ।
अनुवाद:
हिंदी को संघ की राजभाषा कहने का यह अर्थ नहीं कि भारत में अन्य भाषाएं इस से कम महत्त्वपूर्ण हैं। भारत की सभी प्रादेशिक भाषाएँ समान महत्त्व रखती हैं। यदि अखिल भारतीय स्तर पर हिंदी राजभाषा है तो अन्य प्रादेशिक भाषाएं अपने-अपने राज्यों में राजभाषा के रूप में काम कर रही हैं।
8. ਸਾਨੂੰ ਬਿਜਲੀ ਦੀ ਖਪਤ ਘੱਟ ਅਤੇ ਬੜੇ ਹੀ ਕਿਫ਼ਾਇਤੀ ਢੰਗ ਨਾਲ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਜਿਸ ਸਥਾਨ ‘ਤੇ ਅਸੀਂ ਮੌਜੂਦ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੇ, ਉਸ ਸਥਾਨ ‘ਤੇ ਬਿਜਲੀ ਚਲਦੀ ਨਹੀਂ ਰਹਿਣ ਦੇਣੀ ਚਾਹੀਦੀ । ਬਿਜਲੀ ਦੀ ਬੱਚਤ ਸੰਬੰਧੀ ਇੱਕ ਨਾਰਾ ਹੈ ‘ਲੋੜ ਨਹੀਂ ਜਦੋਂ, (ਸਵਿੱਚ ਬਟਨ ਬੰਦ ਉਦੋਂ ਜੇਕਰ ਇਸ ਨਾਰੇ ਨੂੰ ਸਾਰੇ ਲੋਕ ਆਪਣੇ ਜੀਵਨ ਵਿਚ ਅਪਨਾ ਲੈਣ ਤਾਂ ਵੀ ਅਸੀਂ ਬਹੁਤ ਸਾਰੀ ਬਿਜਲੀ ਬਚਾ ਸਕਦੇ ਹਾਂ।
अनुवाद:
हमें बिजली की खपत कम और अति किफ़ायती ढंग से करनी चाहिए। जिस स्थान पर हम उपस्थित नहीं होते, उस स्थान पर बिजली चलती नहीं रहने देनी चाहिए। बिजली की बचत संबंधी एक नारा है ‘आवश्यकता नहीं जब, बटन बंद तब।’ यदि इस नारे को सभी लोग अपने जीवन में अपना लें तो हम बहुत-सी बिजली बचा सकते