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PSEB 10th Class Hindi Vyakaran पर्यायवाची या समानार्थी शब्द

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran पर्यायवाची या समानार्थी शब्द

PSEB 10th Class Hindi Grammar पर्यायवाची या समानार्थी शब्द

प्रश्न 1.
पयार्यवाची शब्द किसे कहते हैं?
उत्तर:
जो शब्द भिन्न-भिन्न होते हुए भी किसी एक ही समान अर्थ को स्पष्ट करते हैं उन्हें पर्यायवाची शब्द कहते हैं। इन शब्दों को समानार्थक या समानार्थी भी कहा जाता है। जैसे-
गुरु जी पधारे हैं।
क्या आपको आचार्य ने समझाया नहीं था?
अपने शिक्षक की बात ध्यान से सुना करो।
इन वाक्यों में गुरु, आचार्य और शिक्षक समान अर्थ को व्यक्त करते हैं इसलिए ये पर्यायवाची शब्द हैं।

प्रश्न 2.
पर्यायवाची शब्दों के प्रयोग को सदा सावधानीपूर्वक प्रयोग क्यों किया जाना आवश्यक होता है?
उत्तर:
पर्यायवाची शब्द चाहे समान अर्थ को देते हैं लेकिन सदा एक-दूसरे का स्थान नहीं ले सकते। ‘बड़ा’ और ‘बहुत’ पर्यायवाची शब्द माने जाते हैं और उनका प्रयोग प्रायः समान अर्थ के लिए किया जाता है जैसे-

  1. महात्मा जी की बात का देश की जनता पर बड़ा प्रभाव हुआ।
  2. महात्मा जी की बात का देश की जनता पर बहुत प्रभाव हुआ।

अनेक स्थितियों में पर्यायवाची शब्दों में सूक्ष्म अंतर होने के कारण उनका प्रयोग समान स्थितियों में नहीं किया जा सकता; जैसे-
I. गंगा जल पवित्र माना जाता है।
नाली का जल धीरे-धीरे बह रहा है।
इन दोनों वाक्यों में प्रयुक्त शब्द ‘जल’ दूसरे वाक्य के लिए उचित नहीं माना जा सकता। उसके लिए ‘पानी’ शब्द का प्रयोग किया जाना चाहिए।

II. बगीचे में मंद-मंद हवा बहुत अच्छी लगती है।
बगीचे में मंद-मंद प्रकंपन अच्छा लगता है।
दूसरे वाक्य में अच्छी लगने वाली हवा के लिए ‘प्रकंपन’ शब्द का प्रयोग उचित प्रतीत नहीं होता चाहे वह हवा का पर्यायवाची है।

III. ‘जूता’ और ‘चरणदास’ दोनों एक ही अर्थ को व्यक्त करते हैं लेकिन प्रायः ‘चरणदास’ शब्द का प्रयोग ‘जूते’ के लिए आम बोलचाल में नहीं किया जाता। इसी प्रकार ‘गिरिधारी’ को ‘माखनचोर’ कहना भी कुछ अटपटा-सा प्रतीत होता है। इसीलिए पर्यायवाची शब्दों का प्रयोग सदा सावधानीपूर्वक किया जाना चाहिए।

उदाहरण:
अग्नि – हुताशन, वह्नि, आग, अनल, पावक, दाहक, ज्वाला।
अच्छा – उपयुक्त, उचित, शुभ।
अध्यापक – गुरु, आचार्य, उपाध्याय, शिक्षक।
अन्य – भिन्न, और, दूसरा, पृथक्।
असुर – राक्षस, दैत्य, दानव, निशाचर।
अनुपम – अतुल, अतुल्य, अतुलनीय, अनोखा, अद्भुत, निराला, अद्वितीय।
आज्ञा – आदेश, हुकम, निर्देश।
आँख – नेत्र, चक्षु, नयन, लोचन, विलोचन, दृग।
आनंद – हर्ष, खुशी, उल्लास, प्रमोद, आमोद, प्रसन्नता।
आकाश – आसमान, गगन, अबंर, नभ, शून्य, अक्षर, अनंत।
आभूषण – गहना, जेवर, भूषण, अलंकार।
अनुचर – दास, नौकर, सेवक, परिचारक, भृत्य।
अतिथि – मेहमान, आगंतुक, अभ्यागत।
आम – आम्र, रसाल, पिकप्रिय, अमृतफल।
असुर – दैत्य, दानव, राक्षस, निशाचर।
अंधकार – तम, अंधेरा, तिमिर, तमस।
आशा – उम्मीद, आस, आसरा
इच्छा – मनोरथ, चाह, चाहत, जी, कामना, अभिलाषा, आकांक्षा, लालसा।
ईश्वर – त्रिलोकनाथ, ईश, भगवान्, परमात्मा, परमेश्वर, प्रभु, जगदीश, जगन्नाथ, दीनबंधु।
इंद्र – सुरपति, देवराज, शचीपति, सुरेश, देवेन्द्र, सुहेन्द्र, सुरेन्द्र।
इनाम – पुरस्कार, पारितोषिक, प्रीतिकर, आनंदकर।
ऊषा – सवेरा, प्रभात, निशांत, अरुणोदय।
उदर – पेट, जठर, कुक्षि।
उन्नति – उत्कर्ष, उत्थान, उदय, बुद्धि।
उद्देश्य – लक्ष्य, ध्येय, तात्पर्य, अभिप्राय, आशय।
उद्यान – बाग, बगीचा, उपवन, वाटिका, गुलशन, गुलसिताँ।
कान – कर्ण, श्रवण, श्रोत्र।
कमल – जलज, नीरज, वारिज, सरोज, अंबुज, राजीव, पंकज, नलिन।
केश – बाल, अलक, कच, कुंतल।
कृषक – किसान, हलवाहा, कृषिजीवी, खेतीहर।
कोमल – नरम, नाजुक, सुकुमार, मुलायम, मृदु।
कलह – कलेश, विवाद, झगड़ा।
कान – कर्ण, श्रोत्र, श्रावण।
किनारा – तट, तीर, कूल, पुलिन।
कपड़ा – पट, वसन, अंबर, वस्त्र, परिधान।
कृष्ण – गिरधर, गोविंदा, केशव, गोपाल, देवकी नंदन, नंदकुमार, नंदलाल, नंदनंदन, गोपीनाथ, गिरिधारी।
क्रोध – गुस्सा, रोष, कोप, आमर्ष।
गंगा – गंग, देव सरिता, सुरसरिता, सुरनदी, सुरसरि, जाह्नवी, भागीरथी, नदीश्वरी, भगीरथी।
गाय – गौ, सुरभि, धेनु। घर-आवास, आलय, धाम, निकेत, निकेतन, निलय, गेह। गणेश-गणपति, गजानन, विनायक, लंबोदर।
चंद्रमा – विधु, चंद, चन्द्र, चाँद, शशि, सोम, सुधाकर, सुधांशु, हिमांशु, राकेश, मयंक, माहताब, निशाकर, मृगांक, रजनीश।
चाँदनी – चंद्रिका, कौमुदी, ज्योत्स्ना, चंद्रमरीची।
चतुर – निपुण, कुशल, नागर, प्रवीण, होशियार, दक्ष।
छल – धोखा, कपट, दग़ा, फ़रेब।
जंगल – वन, कानन, विपिन, अरण्य।
जल – उदक, पानी, अंबु, नीर, वारि, सलिल, पय, तोय।
जीभ – जिह्वा, रसना, जुबान, रसा, रसज्ञा।
जूता – जूत, जोड़ा, पदत्र, पादत्राण, चरण दास।
झंडा – केतु, ध्वज, ध्वजा, पताका, परचम, वैजयंती, निशान।
तलवार – कृपाण, खड्ग, शमशेर, शमशीर, चंद्रभास, चंद्रहास, असि, करवार, करवाल, करवीर।
तालाब – सर, सरोवर, तड़ाग, ताल, जलाशय, सलिलाशय, पोखर।
तीर – शर, बाण, सायक, शिलीमुख।
थोड़ा – तनिक, न्यून, ज़रा, अल्प, किंचित।
दर्पण – शीशा, आइना, आरसी, मुकुर।
दांत – दाँत, दशन, रद, दंश, द्विज।
दिन – अहन, दिवस, वासर, वार, रोज़, दिवा।
दास – नौकर, सेवक, भृत्य, अनुचर, परिचारक।
दीपक – चिराग़, दीप, दीया, प्रदीप।
दुःख – कष्ट, शोक, व्यथा, वेदना, पीड़ा, विषाद, क्षोभ।
दुष्ट – अधम, नीच, खल, कुटिल, दुर्जन।
देवता – सुर, देव, विबुध, अमर।
धन – अर्थ, दौलत, मुद्रा, द्रव्य, वित्त, विभूति, वसु।
धनुष – कोदंड, चाप, कमान, शरासन।

नदी – सलिला, नद, सरित, सरिता, तटी, तटिनी, तरंगिणी।
नरक – यमलोक, रौरव, यमपुर, यमालय, संघात।
नवीन – नव, अभिनव, नवल, नया, नूतन।
नारी – स्त्री, महिला, वनिता, कामिनी, औरत, अबला, अगंना।
निपुण – होशियार, चतुर, प्रवीण, कुशल, दक्ष, पारंगत।
नौका – नाव, नैया, तरी, तरणी, तरित्री, किश्ती।
पक्षी – खग, विहग, विहंगम, पंखी, पंछी, परिंदा, नभचर, पतंग, अंडज, शकुनि, द्विज, पखेरु।
पंडित – बुध, कोविद, मनीषी, विद्वान्, सुंधि।
पहाड़ – पर्वत, नग, भूधर, भूमिधर, धरणीधर, शैल, अचल, महीधर।
पति – कंत, कांत, भर्ता, प्राणनाथ, सिरताज, स्वामी, नाथ, बालम, साजन।
पत्नी – गृहिणी, कांता, धर्मपत्नी, भार्या, वधू, दारा, अर्धांगिनी, वामा, वामांगी, जीवन संगिनी, प्रिया।
पवन – हवा, वायु, मरुत, मारुत, वात, समीर, समीरण, अनिल, प्रकंपन।
पत्थर – पाषाण, पाहन, प्रस्तर।
पुत्र – लाल, तनय, तनुज, बेटा, सुत, आत्मज।
पुत्री – कन्या, तनया, तनुजा, बेटी, सुता, आत्मजा, लड़की।
पृथ्वी – धरणी, भू, भूमि, मही, धरती, वसुधा, वसुंधरा, धरा, अचला, जगती, अवनि, उर्वी, मेदिनी।
प्रेम – प्यार, अनुराग, प्रणय, प्रीति।
पुरुष – मर्द, नर, आदमी, जन, मनुष्य।
पत्ता – पात, दल, पत्र, पर्ण।
प्रकाश – रोशनी, प्रभा, छवि, चमक, ज्योति, उजाला।
पार्वती – उमा, भवानी, शिवा, दुर्गा, रुद्राणी।
पवित्र – पावन, निर्मल, शुचि, पूत।
पराग – कुसुमरज, पुष्पधूलि, पुष्परज।
पाप – अघ, अधर्म, पातक, दुष्कृत्य।
फूल – कुसुम, सुमन, पुष्प, पुष्पक, प्रसून, गुल, पुहुप।
बादल – घन, जलद, अंबुद, नीरद, वारिद, पयोद, तोयद, मेघ, धराधर, जलधर, पयोधर।
भँवरा – अलि, मधुप, भ्रमर, भंग, षटपद, भौंरा।
मित्र – सखा, सहचर, मीत, साथी, दोस्त, सुहृद।
मृत्यु – निधन, देहांत, अंत, मौत, काल, देहावसान।
मनुष्य – नर, मनुज, मानव, आदमी, पुरुष।
मोर – कलापी, शिखंडी, शिखी, मोर।
मूर्ख – मूढ़, अबोध, अज्ञ, गंवार।।
माता – मात, माँ, जननी, मैया, मातृ, अंबा, अंबिका, धात्री।
मछली – मत्स्य, शफरी, झष, मीन, अंडज।
यत्न – प्रयास, प्रयत्न, उद्यम, उद्योग, पुरुषार्थ।
युवक – युवा, जवान, तरुण।
रात – यामा, रजनी, निशा, निशि, रात्रि, रैन, विभावरी, यामिनी।
राजा – भूप, भूपति, महीप, महीपति, प्रजापति, नरपति, नरेश।
रक्त – लहू, लाल, रुधिर, खून, शोणित।
लक्ष्मी – श्री, रमा, इंदिरा, कमला, चपला, चंचला।
वीर – शूर, शूरवीर, सूरमा, योद्धा, पराक्रमी।
वन – जंगल, कानन, विपिन, अटवी, अरण्य।
वर्ष – साल, अब्द, बरस, संवत।
व्यर्थ – निरर्थक, अर्थहीन, फ़जूल।
शत्रु – अरि, रिपु, वैरी, दुश्मन।
शेर – वनराज, केसरी, मृगराज, सिंह, नाहर।
समुद्र – जलधि, अंबुधि, पयोधि, सागर, नीरधि, वारिधि।
सरस्वती – गिरा, वाणी, शारदा, भारती, कमला, वाग्देवी।
साँप – सर्प, नाग, भुजंग, विषधर।
सूर्य – प्रभाकर, सूरज, रवि, दिनकर, दिनचर, दिवाकर, आदित्य, भास्कर, आफ़ताब, सविता, भानु, दिनेश, तरणि, अंशुमाली।
सेना – फ़ौज, पलटन, ध्वजवाहिनी, पताकिनी, दलबल, अनी, अनीक, सैन्य, दल, कटक, वाहिनी।
‘सिंह – शेर, केसरी, वनराज, मृगराज, हरि, मृगपति, व्याघ्र।
सोना – हाटक, सुवर्ण, स्वर्ण, कनक, कचन, हेम।
स्त्री – नारी, औरत, महिला, मनुजा, मानसी।
हनुमान – पवन पुत्र, केसरी, मारुति।
हाथ – कर, पाणि, हस्त।
हाथी – गज, दिप, मतंग, कुंजर, हस्ती, करी।
हिरन – कुरंग, मृग, सारंग, कृष्णसार।

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