PSEB Solutions for Class 9 Welcome Life Chapter 3 आपसी रिश्ते
PSEB Solutions for Class 9 Welcome Life Chapter 3 आपसी रिश्ते
PSEB 9th Class Welcome Life Solutions 3 आपसी रिश्ते
Welcome Life Guide for Class 9 PSEB आपसी रिश्ते InText Questions and Answers
उप-खंड :
(क) बड़ों का सम्मान और छोटों से प्यार करना
(ख) हमारा पारिवारिक वृक्ष
(ग) हम उम्र साथियों से व्यवहार 1, 2
(क) बड़ों का सम्मान और छोटों से प्यार करना
पाठ के इस खंड में विद्यार्थियों को बड़ों का सम्मान करने और छोटों से प्यार करने के लिए प्रेरित किया गया है।
निम्नलिखित चित्र दिए गए हैं, इन चित्रों को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थियों ने अपनी प्रक्रिया देनी है :

प्रश्न 1. दोनों चित्रों में क्या अंतर है ?
उत्तर- वैसे तो दोनों चित्रों में परिवार दिखाए गए हैं परंतु चित्र 1 वाला परिवार अधिक खुश नज़र आ रहा है। इस चित्र में उन सब का आपसी प्यार और सम्मान साफ नज़र आता है। जबकि चित्र 2 में परिवार अलग-अलग दिखाई दे रहा है। हर कोई अपने में ही मस्त है।
प्रश्न 2. आपका अपने से छोटों के प्रति प्यार कौन से चित्र वाला होता है?
उत्तर- चित्र नं. 4 वाला ।
(ख) हमारा पारिवारिक वृक्ष
विद्यार्थियों को यह समझाया गया है कि जैसे एक वृक्ष के अलग-अलग भाग (जड़, तना, फूल, शाखाएं, फल) होते हैं वैसे ही हम परिवार के सब सदस्य एक पारिवारिक वृक्ष का हिस्सा होते हैं। बड़ों छोटों से प्यार और छोटे-बड़ों का सम्मान करें तो ही वृक्ष फलता-फूलता है। परिवार के सारे सदस्य इस वृक्ष का अभाज्य अंग होते हैं जैसे इस वृक्ष पर अपने पारिवारिक सदस्यों के चित्र चिपकाओ।
एक वृक्ष के लिए उसके हर एक अंग का महत्त्व है। उसी तरह हमारे पारिवारिक वृक्ष में हरेक बड़े-छोटे का अपना महत्त्व होता है। यह वृक्ष तभी हरा-भरा रह सकेगा जब परिवार में बड़ों को सम्मान छोटों को प्यार मिले। यह पारिवारिक वृक्ष, पारिवार के सदस्यों में आपसी सम्मान प्यार और देखभाल के पर्यावरण में और फले-फूलेगा। हमारे जीवन में बड़ों की विशेष भूमिका होती है और उनके जीवन में हमारी।

विद्यार्थियों को इस पारिवारिक वृक्ष की बनावट के बारे में बताया गया है। यह पारिवारिक वृक्ष सामाजिक भूमि में स्थिर रहता है।
- हमारे पारिवारिक वृक्ष की जड़ : हमारे दादा-दादी, नाना-नानी होते हैं।
- वृक्ष का तना : हमारे परदादा-परदादी, परनाना- परनानी होते हैं ।
- इस के पत्ते : मां-बाप, ताऊ-ताई, चाचा-चाची, भूआ-फूफा, मामा-मामी, मौसी-मौसा होते हैं।
- पारिवारिक वृक्ष के फूल : भाई-बहन (सगे, चचेरे, मौसेरे, फूफेरे, ममेरे आदि) हैं।
- हमारे पारिवारिक वृक्ष के फल : हमारी आने वाली पीढ़ी होगी। इसी प्रकार हम अपने माता-पिता के लिए फल हैं और हमारे माता-पिता जी दादा-दादी औरों के लिए फल हैं। इस प्रकार यह पारिवारिक वृक्ष आगे बढ़ता ही रहता है। ज़रूरत है हमें इस वृक्ष को प्यार, सम्मान से सींचने की, अगर हम बड़ों का सम्मान करेंगे तभी छोटे हमारा सम्मान करेंगे।
कुछ प्रश्न (पाठ-पुस्तक से)
प्रश्न 1. जब आप बड़ों का कहना मानते हो या सहयोग करते हो तो उनका व्यवहार आपके प्रति क्या होता है?
उत्तर – जब हम बड़ों का सहयोग करते हैं या उनका कहना मानते हैं तो हमारे प्रति उनका व्यवहार बहुत ही प्यार भरा होता है। वह हमारे व्यवहार से बहुत खुश होते हैं। हमें आशीश देते हैं और हमारा भी हर कहना मानते हैं। इस तरह घर का माहौल बहुत अच्छा बना रहता है ।
प्रश्न 2. जब आप उनका कहना नहीं मानते हो या उनका अपमान करते हो तो उनका आपके प्रति क्या व्यवहार होता है?
उत्तर – ज़ब हम अपने बड़ों का कहना नहीं मानते हैं या उनका अपमान करते हैं तो वह हमसे नाराज़ हो जाते हैं। उन्हें हमारी ऐसी हरकत अच्छी नहीं लगती। वह हमसे बातचीत करना बंद कर देते हैं। कई बार तो मारपीट की स्थिति भी हो जाती है। इस सब का घर के माहौल पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
प्रश्न 3. हमें अपने बड़ों का सम्मान करके कैसी प्राप्तियां होती हैं?
उत्तर – जब हम अपने बड़ों का सम्मान करते हैं तो उनकी नज़र में हमारे लिए प्यार बढ़ जाता है । वह हमारी परवाह करते हैं और हमें आशीश देते हैं जिनकी वजह से हम बहुत कुछ प्राप्त करते हैं । वह हमारी ज़रूरतों का पूरा ख्याल रखते हैं।
सम्बन्धित प्रश्न
प्रश्न 1. एक वृक्ष के अलग-अलग भाग लिखो।
उत्तर – जड़, तना, फूल, शाखाएं, फल ।
प्रश्न 2. पारिवारिक वृक्ष कैसे फलता-फूलता है ?
उत्तर – बड़े छोटों से प्यार और छोटे बड़ों का सम्मान करें तो ही यह वृक्ष फलता-फूलता रहता है ।
प्रश्न 3. इस वृक्ष के अंग कौन-कौन से होते हैं?
उत्तर – परिवार से सभी सदस्य इस वृक्ष का अनभिज्ञ अंग होते हैं ।
प्रश्न 4. यह वृक्ष कैसे हरा-भरा रह सकेगा?
उत्तर – यह वृक्ष तभी हरा-भरा रह सकता है अगर परिवार में बड़ों को सम्मान और छोटों को प्यार मिले ।
प्रश्न 5. यह पारिवारिक वृक्ष और कैसे फले-फूलेगा?
उत्तर – यह पारिवारिक वृक्ष, परिवार के सदस्यों में आपसी सम्मान, प्यार और देखभाल के पर्यावरण में और फलेफूलेगा।
प्रश्न 6. हमारे पारिवारिक वृक्ष की जड़ें कौन सी हैं?
उत्तर – हमारे पारिवारिक वृक्ष की जड़ें हमारे दादा-दादी और नाना-नानी हैं।
प्रश्न 7. हमारे पारिवारिक वृक्ष का तना कौन सा हैं?
उत्तर – हमारे पारिवारिक वृक्ष का तना हमारे परदादा – परदादी और परनाना-परनानी हैं।
प्रश्न 8. इस वृक्ष के पत्ते कौन से होते हैं?
उत्तर – मां-बाप, ताऊ-ताई, चाची- चाची, बूआ-फूफा, मामा-मामी, मौसा- मौसी एक वृक्ष के पत्ते होते हैं।
प्रश्न 9. इस पारिवारिक वृक्ष के फूल कौन से हैं?
उत्तर – बहन-भाई (सगे, चचेरे, मसेरे, फुफेरे, ममेरे) इस पारिवारिक वृक्ष के फल होंगे।
प्रश्न 10. हमारे पारिवारिक वृक्ष के फल कौन से हैं?
उत्तर – हमारी आने वाली पीढ़ी इस वृक्ष के फल होंगे।
(ग) हम- उम्र साथियों से व्यवहार ( 1, 2 )
पाठ के इस भाग में विद्यार्थियों को अपने हम – उम्र साथियों से व्यवहार के बारे में बताया गया है। बताया गया है कि कई बार हम अपनी जिंदगी में इतने खोए हुए होते हैं कि दूसरों की तरफ हमारा ध्यान नहीं जाता। हमें अपने जीने का तो इसके बारे में हम विचार ही नहीं करते । इस भाग में विद्यार्थियों को एक एकांगी ‘जीओ और जीने दो’ द्वारा जीने और जीने देने के सही अर्थों को समझाया गया है।

इस एकांगी के सभी चरित्र हम उम्र के बच्चे हैं। एकांगी में बताया गया है कि किशोर अवस्था के 10-19 वर्ष के पड़ाव में बच्चों का शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक विकास होता है। यही समय होता है जब बच्चे अपना चरित्र निर्माण करते हैं । यही समय होता है जब अपनी भावनाओं को काबू में रखना होता है। नहीं तो हम अपनी राह से भटक कर गलत दिशा में चल पड़ेंगे। इस से हम अपनी पढ़ाई ही नहीं बल्कि जिंदगी का कीमती समय भी बर्बाद कर बैठते हैं । किशोर अवस्था के कारण ही लड़कों की लड़कियों की ओर लड़कियों का लड़कों के प्रति आकर्षण बढ़ता है।
एकांगी में दिखाया गया है कि कैसे दो किशोर अपनी इस अवस्था के प्रभाव के नीचे गलत राह पर चल पड़ते हैं और अपनी हम-उम्र लड़कियों का पीछा करना और उनको तंग करना शुरू कर देते हैं। उन के इस व्यवहार का लड़कियों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। उनका मन पढ़ाई में नहीं लगता और वह डरी रहती हैं। वह सामाजिक डर के कारण इस बारे में ना तो अपने घर वालों को बताती हैं और ना ही अपने अध्यापकों को । लेकिन वह दोनों इस समस्या का समाधान भी चाहती हैं। एकांगी का एक चरित्र है अनमोल जो एक सुलझा हुआ किशोर है जिसका चरित्र बहुत अच्छा है। वह दोनों लड़कियों की मदद करने का फैसला लेता है। उसका मानना है कि केवल लड़ाई-झगड़ा करने से किसी बात का हल नहीं निकलता | विचार-विमर्श
से भी कुछ मामले सुलझाए जा सकते हैं। वह उन दोनों किशोर लड़कों को समझाता है कि अगर हम मस्ती भरी और आजाद जिंदगी जीना चाहते हैं तो किसी और की जिंदगी में दखल क्यों । अगर हमारी मस्ती किसी के डर या असुरक्षित होने का कारण बनती है तो यह छिछोरापन है, मस्ती नहीं। हमें अच्छी तरह सोच कर जीवन जीना है। हमें एक-दूसरे के मित्र और सहयोगी बनना है ना कि दुश्मन ।

दोनों किशोरों को अपने उस मित्र की बात समझ में आ जाती है। वह दोनों लड़कियों से माफी मांगते हुए आगे से ऐसा ना करने का वादा करते हैं। अंत में सभी हम उम्र एक दूसरे के मित्र और सहयोगी बनने का प्रण करते हैं ।
Welcome Life Guide for Class 9 PSEB आपसी रिश्ते Questions and Answers
पाठ – पुस्तक के प्रश्न
प्रश्न 1. अगर आप इन लड़कियों की जगह होते तो क्या करते?
उत्तर- अगर मैं इन लड़कियों की जगह होता तो कम-से-कम अपने माता-पिता या घर के किसी और बड़े सदस्य से इस विषय पर अवश्य बात करता । ठीक है अनमोल ने अपनी समझदारी की अच्छी उदाहरण पेश की है और पुरा मामला सुलझा लिया । लेकिन हमें अपने साथ होने वाली हर एक बात को अपने परिवार को जानकार करवाना चाहिए, बिना किसी डर के ।
प्रश्न 2. अगर आप अनमोल की जगह होते तो क्या करते?
उत्तर- अगर मैं अनमोल की जगह होता तो वही करता जो अनमोल ने किया । उसका यह मानना बिल्कुल सही है कि लड़ाई-झगड़े से हर एक बात का हल नहीं निकलता, विचार-विर्मश से भी कुछ मामले सुलझाए जा सकते हैं ।
प्रश्न 3. बच्चो, आपको नाटक में कौन सा चरित्र सबसे अच्छा लगा और क्यों?
उत्तर- मुझे नाटक में अनमोल सब से अच्छा लगा क्योंकि उसने बहुत ही समझदारी से अपने दोस्तों की समस्या को हल कर दिया और सब को मित्र और सहयोगी बना दिया। उसने अपने हम-उम्र दोस्तों को राह भटकने से बचा लिया ।
प्रश्न 4. क्या लड़के-लड़कियों को बराबरी का हक होना चाहिए?
उत्तर- हां, आज के इस आधुनिक युग में लड़के-लड़कियों को बराबरी का हर होना चाहिए क्योंकि आज लड़कियां किसी भी क्षेत्र में लड़कों से कम नहीं हैं। इस लिए उन के विकास और तरक्की के लिए उन्हें बराबरी का हक मिलना चाहिए ।
प्रश्न 5. क्या आप अब अपने लिए जीवन जी रहे थे?
उत्तर- हां, शायद अभी तक मैं अपने लिए ही जीवन जीता था। परंतु अब मैंने अपने आप से वायदा किया है कि सभी का सहयोगी बनूंगा। सभी के काम आने की कोशिश करूंगा ।
प्रश्न 6. क्या आज आपको पता चला कि हमें दूसरों को भी जीने देना चाहिए ?
उत्तर- इस में कोई शक नहीं कि हमें दूसरों को भी जीने देना चाहिए। जिस प्रकार से हमें आज़ादी और मस्ती पसंद है उसी तरह ही हर कोई अपना जीवन अपने तरीके से जीना चाहता है। उसको पूरा हक है कि वह अपने जीवन को अपने मनपसंद तरीके से जीए।
प्रश्न 7. आपको अपने सहपाठी लड़के-लड़कियों से कैसा व्यवहार करना चाहिए।
उत्तर- हमें अपने सहपाठी लड़के-लड़कियों से मित्रतापूर्ण और सहयोगी व्यवहार करना चाहिए। हमें एक-दूसरे की हर संभव मदद करनी चाहिए ।
सम्बन्धित प्रश्न
प्रश्न 1. एकांगी का नाम और इसके लेखक का नाम लिखो |
उत्तर- एकांगी का नाम है ‘जीओ और जीने दो’ और लेखिका का नाम है सुधा जैन ‘सुदीप’ ।
प्रश्न 2. कोमल और पूजा क्यों परेशान थीं?
उत्तर- दो किशोर मनजीत और सिमरनजीत, उन दोनों को परेशान करते थे, और उन का पीछा करते थे। उनकी इन्हीं हरकतों के कारण ही पूजा और कोमल परेशान थीं ।
प्रश्न 3. पूजा क्यों नहीं चाहती कि इस बारे मम्मी-पापा से बात की जाए ?
उत्तर- उसको यह डर था कि वह उनकी बात नहीं सुनेंगे बल्कि उनको ही डांट पड़ेगी। मम्मी-पापा को यही लगेगा कि कुसूर हमारा ही है।
प्रश्न 4. पूजा अपनी समस्या के हल के लिए किस की मदद लेती है?
उत्तर- पूजा अपनी समस्या के हल के लिए अपने हम – उम्र और पड़ोसी अनमोल की मदद लेती है और अनमोल उसकी मदद करने के लिए तैयार हो जाता है।
प्रश्न 5. अनमोल इस समस्या का समाधान कैसे करता है?
उत्तर- वह मनजोत और सिमरन को समझाता है कि अगर हम आज़ाद और मस्ती भरी जिंदगी जीना चाहते हैं तो इन लड़कियों की जिंदगी में क्यों दखल दें? अगर हमारी मस्ती किसी के डर या असुरक्षा का कारण बनती है, तो यह छिछोरापन है, मस्ती नहीं । हमें एक-दूसरे के मित्र और सहयोगी बनना है ना कि दुश्मन । उन दोनों को अनमोल की बात समझ आ जाती है और वह पूजा और कोमल से माफी मांगते हुए आगे से ऐसा ना करने का प्रण करते हैं ।
PSEB 9th Class Welcome Life Guide आपसी रिश्ते Important Questions and Answers
(क) बहु-विकल्पीय प्रश्न
1. प्यार और ……………………… से यह वृक्ष फलता-फूलता है ।
(क) सम्मान
(ख) नफरत
(ग) गुस्सा
(घ) हंसी
उत्तर – (क) सम्मान
2. सारे परदादा – परदादी, परनाना- परनानी पारिवारिक वृक्ष के ……………… थे।
(क) पत्ते
(ख) फल
(ग) तना
(घ) फूल
उत्तर – (ग) तना
3. हमें इस वृक्ष को प्यार और सम्मान से ………………… की आवश्यकता है।
(क) पालने
(ख) सीचने
(ग) काटने
(घ) कोई नहीं
उत्तर – (ख) सीचने
4. इन दोनों लड़कों ने तो ……………………. करके रख दिया।
(क) खुश
(ख) पागल
(ग) बुरा
(घ) परेशान
उत्तर – (घ) परेशान
5. लेकिन लड़कियों के लिए डांट का …………………. हमेशा तैयार रहता है।
(क) लिफाफा
(ख) टोकरा
(ग) थैला
(घ) कोई नहीं
उत्तर – (ख) टोकरा
6. लड़कियों को छेड़ना ………………………. होता है।
(क) ईव टीजिंग
(ख) ऐडम टीजिंग
(ग) शरारत
(घ) कोई नहीं
उत्तर – (क) ईव टीजिंग
(ख) खाली स्थान भरो
1. हम परिवार के सब सदस्य उस …………………. के भाग होते हैं।
उत्तर – पारिवारिक वृक्ष
2. …………………. पारिवारिक वृक्ष के फूल होते हैं।
उत्तर – बहन- भाई
3. पारिवारिक वृक्ष में हर छोटे-बड़े की …………………. होती है।
उत्तर – महत्त्व
4. हर समय खुश रहने वाली पूजा ………………….. लग रही है।
उत्तर – उदास
5. कभी गाना गा कर और कभी ………………. , ………………. बोल कर हमें तंग करते हैं।
उत्तर – अपशब्द
6. इस की ………………….. पुलिस में करने पर दंड कर्कोट भी धारा 509 से तहत सज़ा होगी।
उत्तर – शिकायत, भारती
7. अनमोल यार तूने हमारे सम्मान की ……………….. खोल दीं।
उत्तर – आँखें