PSEB Solutions for Class 9 Welcome Life Chapter 4 सहानुभूति और समर्थन
PSEB Solutions for Class 9 Welcome Life Chapter 4 सहानुभूति और समर्थन
PSEB 9th Class Welcome Life Solutions 4 सहानुभूति और समर्थन
Welcome Life Guide for Class 9 PSEB सहानुभूति और समर्थन InText Questions and Answers
उप-खंड :
(क) भावनात्मक संतुलन और एकजुटता
(ख) सामाजिक मूल्यों पर व्यवहार
(ग) अनेकता में ऐकता
(घ) ज़रूरतमंदों की मदद
(क) भावनात्मक संतुलन और एकजुटता
पाठ के इस खंड में विद्यार्थियों को भावनात्मक संतुलन और एकजुटता के बारे में समझाया गया है। उन को समझाया गया है कि भावनाओं का हमारे जीवन में बहुत महत्त्व होता है जैसे गुस्सा, शांति, प्यार, दर्द, दया, नफरत और डर आदि । बताया गया है कि असल में कोई भाव बुरा नहीं होता लेकिन भावों का प्रगटावा अच्छा या बुरा हो सकता है। कौन सा भाव कहां और किस रूप में प्रगट करना है यह सीखना जीवन की एक खास योग्यता है। उदाहरण के तौर पर हंसी बहुत अच्छा भाव है लेकिन अगर हम किसी के दुख को देखकर हंसते हैं तो वह प्रगटाव गलत बन जाता है। हमें किसी के ऊपर हंसना नहीं चाहिए बल्कि किसी के साथ हंसा जाए और उसे भी हंसाया जाए।
आओ भावनाओं के प्रगटावे को पहचानें।

क्रिया – 1
भावनाओं को पहचान लेना, स्वीकार करना और इन के ऊपर काबू करके उचित रूप में प्रगट करना बहुत आवश्यक है। विद्यार्थियों को एक गृतिविधि से समझाने की कोशिश की गई है। इस में पूछा गया है कि कल पूरे दिन समय कौन-कौन से मौकों पर कौन-कौन सा भाव प्रगट या महसूस किया ।
विद्यार्थी अपनी समझ के अनुसार इस फार्म को भरें।
क्रमांक नं. | भाव का नाम | मौका ( जब भाव प्रगट हुआ) |
1.
2. 3. 4. 5. |
क्रिया – 2
इस क्रिया में विद्यार्थियों को दो तस्वीरें दी गई हैं और इनके बीच भाव को पहचानने के लिए कहा गया है।

(क) आप अपने बड़े भाई के शादी के मौके बारात चलते समय ………………. का भाव महसूस किया?
उत्तर – खुशी- क्योंकि यह मेरे प्यारे भाई की शादी का दिन है। मुझे सभी ओर हंसते-खिलखिलाते चेहरे देख कर मुझे बहुत खुशी महसूस हुई।
(ख) जब शादी के बाद डोली विदा होने लगी तो आपने कैसा महसूस किया ?
उत्तर – डोली विदा होने के समय माहौल बहुत भावुक हो गया। वहां मौजूद लगभग हर एक आदमी की आँखें नम हो गईं थीं। इस मौके पर मैं भी खुद को भावुक होने से ना रोक सका।
प्यारे विद्यार्थियो, मायका घर छोड़ कर जा रही लड़की की उदासी हम तभी समझ सकते हो जब हम अपने आप को उसकी जगह रख कर महसूस करते हैं। हमें समाज में रहते हुए, हर एक को समझना चाहिए।
सम्बन्धित प्रश्न
प्रश्न 1. कुछ भावनाओं के नाम लिखो।
उत्तर – गुस्सा, शांति, प्यार, दर्द, दया, नफरत, डर आदि कुछ भावनाएं हैं।
प्रश्न 2. क्या कोई भाव बुरा होता है?
उत्तर – असल में कोई भाव बुरा नहीं होता लेकिन भावों का प्रगटाव अच्छा या बुरा हो सकता है।
प्रश्न 3. भाव से सम्बन्धित जीवन की एक खास योग्यता क्या है?
उत्तर – कौन सा भाव कहां और किस रूप में प्रगट करना है यह सीखना जीवन की एक खास योग्यता है।
प्रश्न 4. कोई एक गलत भाव कैसे बन जाता है?
उत्तर – जैसे कि हंसी बहुत अच्छा भाव है लेकिन अगर किसी के दुख को देख कर हंसते हैं तो यह प्रगटाव गलत बन जाता है।
प्रश्न 5. भावनाओं के मामले में क्या आवश्यक है?
उत्तर – भावनाओं को पहचान लेना, स्वीकार करना और उनके ऊपर काबू कर सही रूप में प्रगट करना बहुत आवश्यक है।
(ख) सामाजिक मूल्य और व्यवहार
पाठ के इस खंड में विद्यार्थियों को सामाजिक मूल्य और व्यवहार के बारे में समझाया गया है। विद्यार्थियों को बताया गया है कि समाज कुछ गुणों असूलों से ही सभ्य समाज कहलाता है। यह मूल्य हैं : इन्साफ, आदर, इमानदारी, मदद करना, ज़िम्मेदारी की भावना, परिवार और समुदाय से अच्छे सम्बंध रखना। विद्यार्थियों को समझाया गया है कि हम अपने जीवन में भी महसूस करते हैं कि एकजुटता, सहयोग, समन्वय आदि का बहुत महत्त्व है।
क्रिया :
यहां विद्यार्थियों को एक क्रिया दी गई है। इस में उनको बैंच पर बैठने के अपने रोज़ के तरीके में कुछ अंतर लाने के लिए कहा गया है। उनको कहा गया है कि आज इस पीरियड में आपने उस साथी के साथ नहीं बैठना है, जिस के साथ आप हर रोज़ बैठते हो। बैंच पर दो बच्चों ने इस तरह से बैठना है कि एक दिलचस्प खेल कार्य कर सकें। इस रोचक खेल में दोनों बच्चों में से एक बच्चा इशारा करके अपने साथी से किसी खेल का नाम, खिलाड़ी का नाम, किसी फल का नाम, पंछी, मौसम, किसी मुहावरे या किसी दोस्त आदि का नाम समझाने की कोशिश करेगा और दूसरा बच्चा उसको बताने की कोशिश करेगा।
आओ विचार करें :
प्रश्न 1. आपने इस खेल में से कौन-कौन सा गुण सीखा ?
उत्तर – मित्रता, सहयोग, समन्वय, प्यार आदि ।
प्रश्न 2. आपको अपने नए साथी के कौन से तीन गुण पसंद आए ?
उत्तर – उसका अच्छा व्यवहार, उसका ज्ञान / जानकारी और उसका बातचीत का ढंग
प्रश्न 3. क्या आपको लगा कि आप नए साथी से बहुत कुछ सीख सकते हो ?
उत्तर – जी हां, ऐसे ज्ञान वर्थन खेलों की मदद से हम एक दूसरे से बहुत कुछ सीख सकते हैं। जब भी हम कोई नया साथी बनाते हैं तो हमें बहुत कुछ नया सीखने को मिलता है।
प्रश्न 4. खाली स्थान भरो:
मैं जितने अधिक लोगों से व्यवहार बढ़ाऊंगा/ बढ़ाऊंगी ……………….. |
उत्तर – मेरे ज्ञान और मेरी जानकारी में और बढ़ोतरी होती जाती है।
(ग) अनेकता में ऐकता
पाठ के इस खंड में विद्यार्थियों को सांस्कृतिक समानताओं और भिन्नताओं के बारे में बताया गया है। उनको यह समझाया गया है कि सारी सृष्टि और विश्व विविधता से भरपूर है। कुदरत का हर प्राणी, हर पौधा, हर जीव-जंतु अजीब है। यहां तक कि एक वृक्ष का पत्ता भी दूसरे जैसा नहीं। समाज में देखें तो भाषा, पहरावा, रंग, व्यवसाय, रस्म-रिवाज, सांस्कृतिक पक्ष से हम बहुत भिन्नताएं देखते हैं। भारती संस्कृति भी अनेकता में ऐकता की बात करती है। चाहे हम सब भिन्नताओं से भरपूर हैं फिर भी देश – प्यार से ऐकता के सूत्र में बंधे हैं। हमारे दुख-सुख एक हैं। हम सभी एक विश्व के निवासी हैं। विद्यार्थियों को भारत के प्रसंग में अलग-अलग विरासत, सांस्कृतिक भिन्नताएं के बारे में इक्ट्ठी की जानकारी को कुइज़ ( सवाल-जवाब का मुकाबला) के रूप में सांझा करने के लिए कहा गया है।
प्रश्न.
हल :
1. आंध्र प्रदेश / तेलंगाना
2. कर्नाटका
3. धमाल
4. जैपुर
5. सही
6. बांग्ला
7. हैदराबाद
8. सही
9. गरबा
10. लस्सी शिकंजवी
1. क्या आप चाहते हैं कि भारत के अलग-अलग राज्यों की विरास्त के बारे में और जानकारी प्राप्त हो ?
उत्तर – भारत में सांस्कृतिक समानताएं और विभिन्नताएं हैं। इसलिए इस के अलग-अलग राज्यों की विरासत में पूरी जानकारी हर एक भारतीय को प्राप्त करनी चाहिए।
2. क्या आपको भारत के अलग-अलग राज्यों में कोई एकजुटता नज़र आई?
उत्तर – जी हां भारत के अलग-अलग राज्यों में विभिन्नताएं होने के बावजूद एकजुटता नज़र आती है।
सम्बन्धित प्रश्न
प्रश्न 1. हमारी सृष्टि कैसी है?
उत्तर – हमारी पूरी सृष्टि और संसार विविधता से भरपूर है । कुदरत का हर प्राणी, हर पौधा, हर जीव-जंतु अजीब है ।
प्रश्न 2. समाज में किस प्रकार की भिन्नताएं हैं?
उत्तर – समाज में देखें तो भाषा, पहरावा, रंग, व्यवसाय, रसम-रिवाज, सांस्कृतिक पक्ष से हम बहुत भिन्नताएं देखते हैं।
प्रश्न 3. भारतीय संस्कृति का क्या रूप है?
उत्तर – भारतीय संस्कृति अनेकता में ऐकता की बात करती है ।
प्रश्न 4. हम एक-दूसरे से कैसे जुड़े हुए हैं?
उत्तर – हम सभी भिन्नताओं से भरपूर हैं फिर भी देश-प्यार और एकता के सूत्र में बंधे हुए हैं। हमारे सुख-दुख एक हैं । हम ऐसे विश्व के निवासी हैं।
(घ) ज़रूरतमंदों की मदद
पाठ के इस खंड में विद्यार्थियों को ज़रूरतमंदों की मदद करने के बारे में समझाया गया है। उन्हें बताया गया है कि मदद करना एक बहुत अच्छी आदत है। हमें सब को मदद करनी चाहिए। लेकिन शर्त यह है कि मदद किसी ज़रूरतमंद की ही की जाए और मदद भी सही हो और भले के लिए हो और मदद प्राप्त करने वाले की ज़रूरत के अनुसार हो । विद्यार्थियों को विशेष ज़रूरतें और द्वियांग लोगों की समस्याओं से भी जानकार करवाने की कोशिश की गई है। यहां एक दिव्यांग हेलन केलर (नेत्रहीन और सुनने की शक्तिहीन) की उदाहरण दी गई है कि कैसे उसने अपनी ऐक दिव्यांगता के बावजूद ग्रेजुएशन की डिगरी प्राप्त की। आगे चल कर उसने अपने जैसे और दिव्यांगों की भलाई के लिए काम किया। उसने एक प्रकार से समाज की मदद ही की जो कि सही मदद थी अर्थात ज़रूरतमंदों की मदद । यहां विद्यार्थियों को उर्दू के एक प्रसिद्ध कथन से ज़रूरतमंदों की मदद करने के लिए प्रेरित किया गया है।
“जीना तो है उसी का, जिसने ये राज़ जाना
है काम आदमी का, औरों के काम आना ।”
आगे विद्यार्थियों को एक गतीविधि से विशेष ज़रूरतों के दिव्यांग लोगों की समस्याओं से जानकार करवाया गया है। इसलिए विद्यार्थियों को 3-4 समूहों में बांटा गया है। एक समूह के विद्यार्थियों की आँखों पर पट्टी/रुमाल बांधा जाएगा ताकि वह देख ना सकें । दूसरे समूह के विद्यार्थियों के मुंह पर पट्टी बांधी जाएगी ताकि वह बोल ना सकें। तीसरे समूह के विद्यार्थियों की दोनों टांगें रस्सी से बांधी जाएंगी ताकि वह बिना सहारे के चल ना सकें। उसके बाद यह बच्चे एक दूसरे की मदद करेंगे। इसकी मदद से उनमें ज़रूरतमंदों की मदद करने का जज़्बा खुद ब खुद विकसित हो जाएगा ।

अभ्यास
प्रश्न 1. क्या आप क्रिया से विशेष ज़रूरत मंद के लोगों का दर्द महसूस किया?
उत्तर – जी हां, मैं इस क्रिया से विशेष ज़रूरतों के लोगों का दर्द पूरी तरह महसूस किया। मैंने देखा कि आंखों पर पट्टी बांधने के बाद कैसे सब कुछ अंधेरा-अंधेरा हो जाता है, कुछ भी दिखाई नहीं देता। इस हालत में बिना किसी मदद के कुछ भी करना मुश्किल लगता है। उसी तरह मुंह पर पट्टी बांधने के कारण हम बोलने से लाचार हो जाते हैं और फिर जिस व्यक्ति में यह दोष कुदरती है उसके मन पर क्या बीत रही होगी। टाँगों पर रस्सी बांधने के कारण तो ऐसे लगता है कि समय ही ठहर गया है। बिना किसी मदद के हम दो कदम भी नहीं चल सकते। सच ही उनका दर्द बहुत दुखदाई है ।
प्रश्न 2. जरूरतमंद लोगों के लिए आपके रवैये में क्या फर्क आया?
उत्तर – इस क्रिया के बाद ज़रूरतमंद लोगों के लिए मेरे रवैये में बहुत फर्क आया है। पहले मैं ऐसी ज़रूरतों के लोगों को तरस और दया की नहीं बल्कि मदद की सही मदद की आवश्यकता है ताकि वह अपनी दिव्यांगता से मुक्त हो सकें ।
प्रश्न 3. वर्कशीट पर अभ्यास हर बच्चा अपना-अपना तजुर्बा सांझा करेगा?
उत्तर. इस प्रश्न का उत्तर हर एक विद्यार्थी के अपने तजुर्बे पर आधारित है इसलिए विद्यार्थी इसका उत्तर स्वयं दें।
सम्बन्धित प्रश्न
प्रश्न 1. हमें किस की मदद करनी चाहिए?
उत्तर – हमें हमेशा किसी जरूरतमंद की ही मदद करनी चाहिए।
प्रश्न 2. हमारी मदद कैसी होनी चाहिए?
उत्तर – हमारी मदद हमेशा सही होनी चाहिए जो भले के लिए हो ।
प्रश्न 3. हेलन कैलर कौन थी?
उत्तर – हेलन कैलर एक नेत्रहीन और सुनने की शक्तिहीन (दिव्यांग ) महिला थी ।
प्रश्न 4. उसने क्या उपलब्धि प्राप्त की?
उत्तर – दिव्यांग (नेत्रहीन और सुनने की शक्तिहीन) होते हुए भी उसने ग्रेजुएशन की डिगरी प्राप्त की।
PSEB 9th Class Welcome Life Guide सहानुभूति और समर्थन Important Questions and Answers
(क) बहु-विकल्पीय प्रश्न
1. ……………… हमारे जीवन में बहुत महत्त्व रखती हैं ।
(क) खेलें
(ख) तकनीक
(ग) भावनाएं
(घ) बातें
उत्तर – (ग) भावनाएं
2. इन में से कौन स भावना का एक रूप है?
(क) गुस्सा
(ख) शांति
(ग) प्यार
(घ) सभी
उत्तर – (घ) सभी
3. भावों का ………………….. अच्छा या बुरा हो सकता है ।
(क) प्रगटाव
(ख) मज़ाक
(ग) लुकाना
(घ) कोई नहीं
उत्तर – (क) प्रगटाव
4. जब हम किसी के दुख को देखकर ………………… हैं तो प्रगटाव गलत बन जाता है।
(क) रोते
(ख) हंसते
(ग) भागते
(घ) कोई भी नहीं
उत्तर – (ख) हंसते
5. भावनाओं के ऊपर काबू करके ………………….. प्रगट करना बहुत आवश्यक है।
(क) लापरवाही से
(ख) मज़ाक से
(ग) उचित रूप में
(घ) इन में से कोई नहीं
उत्तर – (ग) उचित रूप में
6. हमें समाज में ……………….. हुए, हर एक को समझना चाहिए।
(क) रहते
(ख) खेलते
(ग) पढ़ते
(घ) कोई भी नहीं
उत्तर – (क) रहते
7. समाज कुछ गुणों, उसूलों के मानकों के सिर पर ही ………………. कहलाता है।
(क) बुरा समाज
(ख) जुल्मी समाज
(ग) सभ्य समाज
(घ) कोई भी नहीं
उत्तर – (ग) सभ्य समाज
8. …………….. का हर प्राणी, हर पौधा, हर जीव जंतु अजीब है।
(क) कुदरत
(ख) गली
(ग) शहर
(घ) गांव
उत्तर – (क) कुदरत
9. ……………… के स्कूल में विद्यार्थियों को दिव्यांग लोगों के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाता था ।
(क) मिस जूली
(ख) मिस बीम
(ग) मिस हेलन
(घ) मिस रोज़ी
उत्तर – (ख) मिस बीम
10. आगे से ……………………. की मदद करने का जज़्बा भी खुद ब खुद आ जाएगा।
(क) ढंग से
(ख) खिलाड़ियों
(ग) भावनाओं
(घ) बातों
उत्तर – (ग) भावनाओं
(ख) खाली स्थान भरो
1. कौन सा भाव कहां और कौन से रूप में ………………… करना है यह ………………… जीवन की खास योग्यता है ।
उत्तर – प्रगट, सीखना
2. भावनाओं को ……………….. , ………………. और उनके ऊपर काबू करके उचित रूप में प्रगट करना बहुत आवश्यक है।
उत्तर – पहचान लेना, स्वीकार करना
3. हमारे जीवन में एकजुटता, …………………… समन्वय आदि का बहुत महत्त्व है।
उत्तर – सहयोग
4. सारी सृष्टि ने विश्व ……………………… से सार्थक है।
उत्तर – विभिन्नता
5. भारतीय ………………… में अनेकता में एकता की बात करता है ।
उत्तर – संस्कृति
6. समाज में अलग-अलग ……………………. की विभिन्नता है ।
उत्तर – समुदाय
7. अलग-अलग रंगों, नस्लों, मज़हबों, पहरावे, भाषाओं के लोगों से ………………… रखना चाहिए।
उत्तर – सहयोग
8. विभिन्नता का …………………… और ………………… करना चाहिए।
उत्तर – स्वागत, सम्मान
9. मदद करना बहुत ……………… है।
उत्तर – अच्छा
10. हेलन कैलर एक ……………… महिला थी ।
उत्तर – दिव्यांग