PBN 9th Welcome Life

PSEB Solutions for Class 9 Welcome Life Chapter 8 समस्या का समाधान

PSEB Solutions for Class 9 Welcome Life Chapter 8 समस्या का समाधान

PSEB 9th Class Welcome Life Solutions 8 समस्या का समाधान

Welcome Life Guide for Class 9 PSEB समस्या का समाधान InText Questions and Answers

उप-खंड :

(क) समस्या को समझना
(ख) समस्या का समाधान करने की तकनीक
(ग) सोचो और हल करो
इस पाठ में विद्यार्थियों को समस्या का समाधान करने के बारे में ज़रूरी ढंगों के बारे में समझाया गया है। इस संबंध में विद्यार्थियों को प्रसिद्ध स्कॉलर रोबर्ट ऐच शूलर का एक कथन दिया गया है। उन का कहना है कि, “समस्या को हल करने के पड़ाव को कभी भी फैसला लेने के पड़ाव में ना लेकर आओ। नहीं तो, आप समस्या के हल की बजाए स्वयं को समस्या के आगे समर्पण कर देते हो।” यह कथन अपने आप में एक विशाल अर्थ समेटे हुए हो, केवल इसको समझने की आवश्यकता है। और जीने के ढंग में बहुत
विद्यार्थियों को बताया गया है कि अब वह अपनी जिंदगी के दूसरे पड़ाव में से गुज़र रहे हैं परिवर्तन, हो रहे हैं। इस कारण आप अपने-आप को बहुत सारी मानसिक और सामाजिक जंज़ीरों में बंधे हुए महसूस करते हो। आपको ऐसे लगता है कि सभी तरफ से केवल समस्याएं ही आपकी तरफ आ रही हैं परंतु उनका कोई हल नहीं मिलता।

(क) समस्या को समझना

इस भाग में विद्यार्थियों को समस्या को समझने बारे में जागरूक किया गया है। समस्या को समझने से यह भाव है कि अपनी समस्याएं की सही पहचान करनी। इस संबंध में विद्यार्थियों के लिए नीचे एक चार्ट दिया गया है और कहा गया है कि वह अपने अंदर नज़र की मदद से अपनी समस्याओं की पहचान करें।
विद्यार्थियों को समझाया गया है कि समस्या किसी भी रूप में हो सकती है, अंदरूनी भी और बाहरी भी, घर समाज या स्कूल से सम्बन्धित भी, व्यक्तिगत या दोस्तों से भी प्यारे विद्यार्थियो समस्याएं उस समय तक ही समस्याएं हैं, जब तक उनके हल के ऊपर ध्यान ना दिया जाए। यह समस्याएं उस समय और भी बड़ा रूप धारण कर लेती हैं जब हम इन के हल के लिए अपने हम-उम्र साथियों या बहन- भाईयों की मदद लेते हैं। परंतु हम कभी भी यह नहीं सोचने की कोशिश करते कि हमारे हम-उम्र साथियों या बहन- भाइयों के पास उतना ज्ञान और अनुभव नहीं होता, जितना हमारे बड़ों अर्थात माता-पिता या शिक्षकों के पास होता है। हमारी यही भूल हमारी किसी समस्या को और भी मुश्किल बना देती है।

कुछ सम्बन्धित प्रश्न

प्रश्न 1. रोबरट एच शुलर के अनुसार हमें अपनी समस्या को फैसला लेने के पड़ाव में क्यों नहीं लाना चाहिए?
उत्तर – अगर हम समस्या को हल करने के पड़ाव को फैसला लेने के पड़ाव में ले जाते हैं तो हम समस्या के हल की बजाए स्वयं को समस्या के आगे समर्पित कर देते हैं ।
प्रश्न 2. बच्चे जीवन के दूसरे पड़ाव में स्वयं को मानसिक और सामाजिक जंजीरों में बंधे हुए क्यों महसूस करते हैं?
उत्तर – क्योंकि उनके जीवन के इस दूसरे पड़ाव में उनके विचारों, संस्कारों, फैसला लेने के ढंगों और जीने के ढंग में बहुत बदलाव आ रहे होते हैं ।
प्रश्न 3. दोस्तों से सम्बन्धित कुछ समस्याएं लिखो।
उत्तर – धोखा मिलना, नशों में लगाना, गलत नाम लेकर बुलाना, अनैतिक कामों में लगाना आदि ।
प्रश्न 4. घर से सम्बन्धित कुछ समस्याएं लिखो ।
उत्तर – घरेलु हिंसा, माता-पिता में मतभेद, माता-पिता का समय ना देना आदि ।
प्रश्न 5. स्कूल से सम्बन्धित कुछ समस्याएं लिखो ।
उत्तर – परीक्षा से डर, पढ़ाई में मन ना लगना, अध्यापक से संकोच महसूस करना ।
प्रश्न 6. समाज से सम्बन्धित कुछ समस्याएं लिखो।
उत्तर – भेद-भाव होना, आस-पड़ोस से झगड़ा, सहयोग की भावना की कमी आदि ।
प्रश्न 7. कुछ व्यक्तिगत समस्याएं लिखो |
उत्तर – नकारात्मक सोच, समय का पाबन्द ना होना, सही फैसला लेने की कमी, आत्म-विश्वास की कमी, भविष्य बारे डर, सोशल मीडिया में अधिक दिलचसपी आदि ।
प्रश्न 8. हमारी समस्याएं और बड़ी कब हो जाती हैं?
उत्तर – जब हम इन के हल के लिए अपने बड़ों मतलब माता-पिता या अध्यापकों की बजाए अपने हम उम्र साथियों या बहन-भाईयों की मदद लेते हैं तो यह समस्याएं और बड़ी हो जाती हैं। हम यह नहीं सोचते कि हमारे बड़ों के पास हमारे हम – उम्रों से अधिक अनुभव होता है।

(ख) समस्या का हल करने की तकनीक

पाठ के इस भाग में विद्यार्थियों को समस्या का हल करने की एक विशेष तकनीक से जानकार करवाया गया है। इस तकनीक को सुरक्षित आदतों (SAFE HABIT) से जाना जाता है। विद्यार्थियों को समझाया गया है कि इस नियम को अपना कर समस्या को आसानी से हल किया जा सकता है और जिंदगी को बेहतर बनाया जा सकता है।
आओ इस नियम को विस्तार से जानें :

1. बड़ों से सांझा करो (Share with Elders)

प्यारे विद्यार्थियो आपकी समस्याएं उस समय तक ही आपकी होती हैं जिस समय तक आप अपने बड़ों अर्थात अपने माता-पिता या अध्यापक से सांझा नहीं करते। अपनी समस्या के संबंध में अपने प्रश्नों के उत्तर इनसे लेने की कोशिश करो। इन का अनुभव, सलाह, साथ और सांत्वना आपका मार्गदर्शन निश्चित रूप में करेंगे।

प्रश्न 1. आप से अधिक विश्वास किस के ऊपर करते हो?
उत्तर – मैं अपने माता-पिता दोनों से बहुत प्यार करता हूं और उनका दिल से सम्मान भी करता हूं। परंतु मेरा अपनी माता जी से अधिक लगाव है। मैं उनके उपर बहुत विश्वास करता हूं।

2. कोई एक शौक अपनाओ (Adopt a hobby)

प्यारे विद्यार्थियो हमें अपने खाली समय का सदुपयोग करने के लिए शौक अवश्य अपनाना चाहिए। यह शौक आपके अंदर आत्म-विश्वास को बढ़ाने के साथ-साथ कला का विकास भी करता है।

3. समय-सारणी की पालना करो (Follow Time Table)

प्यारे विद्यार्थियो आपकी रुटीन आपके भविष्य पर जीवन की सीढ़ी है। इस लिए अपना समय-सारणी बनाओ। ऐसा करने से आपको अपने सारे काम आसान लगेंगे अर्थात पढ़ाई बोझ नहीं लगेगी, परीक्षा का पाठक्रम याद रख सकोगे, समय का पाबन्द होने की आदत विकसित होगी, आपको फैसला लेने का सही ढंग आ जाएगा और आप सेहतमंद भी बनोगे।

4. हर दिन का आनंद लो (Enjoy Everyday)

प्यारे विद्यार्थी पर हमारा जीवन एक रहता है। इस लिए हमें जीवन का हर एक चक्रव्यूह की तरह होता है। इस में खुशी और गम का चक्कर लगातार चलता ही पल खुलकर जीना चाहिए और हर खुशी का आनंद लेना चाहिए। इसी तरह करने से आपकी मनोदशा में होने वाले परिवर्तन नहीं होंगे और आपका व्यवहार हल्का और खुशमिजाज़ बन जाएगा।

प्रश्न 1. उन चार लोगों के नाम लिखो जिन बारे में सोचकर आपको खुशी मिलती है ?.
उत्तर – संजीव कुमार- मेरे पिता जी, लता – मेरी माता जी, सुरभि – मेरी बहन और रवि- मेरा दोस्त ।
प्रश्न 2. ऐसी दो बातों के बारे में लिखो जिन के बारे में सोच कर आपको खुशी मिलती है?
उत्तर- (1) जब सभी मेरी प्रशंसा करते हैं तो मुझे बहुत खुशी मिलती है ।
(2) मुझे इस समय बहुत खुशी होती है जब मेरी किसी सफलता पर मेरे पिता जी मुझे शाबाशी देते हैं।

5. सब की मदद करो (Help Everyone) 

विद्यार्थियो सूरज आग का एक गोला है जो हमेशा ही तपदार होता है, परंतु फिर भी हर दिन तपता रहता है और पूरे संसार को रोशनी प्रदान करता है। बेशक समस्या रूपी आग आपको तपाती है परंतु आपकी अच्छी भावनाएं और अच्छे संस्कारों को समाप्त नहीं कर पाते। इसलिए जब भी आपको मौका मिले कोशिश करो कि आपके कदम दूसरों की बेहतरी, भलाई और मदद के लिए आगे बढ़ें।
विद्यार्थियो मौजूदा समय में कोविड-19 के इस कठिन समय में तो यह अवश्य है कि आपने किसी ना किसी की मदद की होगी या किसी ने आपकी मदद अवश्य की होगी। दो ऐसी घटनाओं के बारे में सोचो और लिखो जब ऐसा हुआ हो।

हल

  1. हमारे मोहल्ले में रहते हमारे एक करीबी परिवार के एक बज़ुर्ग सदस्य में कोरोना के लक्ष्ण पाए गए। जब यह बात गली-मोहल्ले में फैली तो हर कोई उस घर से दूर रहने लगा। हालांकि उनको तीन-चार दिन के इलाज के बाद घर भेज दिया गया था परंतु इस रोग का डर ही इतना है कि हर कोई अपना बचाव ही चाहता है। उन के घर वाले भी अब बाहर कम ही निकलते थे। मेरे पिता जी ने उनको फोन कर के कहा कि अगर किसी मदद की आवश्यकता हो तो बताएं। उसके बाद उनको जो कुछ चाहिए होता तो वह हमें फोन कर देते । मैं उन के लिए छोटे-छोटे काम करने लगा। ऐसा करते हुए मुझे खुशी मिलती थी कि मैं किसी की मदद कर रहा हूं।
  2. मेरे पिता जी किसी दूसरे शहर में नौकरी करते हैं। मैं और मेरी माता जी यहां अकेले ही रहते हैं। जब कोरोना के कारण लॉकडाउन लगा तो सभी ओर भगदड़ मच गई और हर कोई घर के लिये सामान इक्ट्ठा करने में लग गया। हमने भी ऐसा ही किया। लेकिन जब लॉकडाउन लम्बा कर दिया गया और सख्ती बढ़ा दी गई तो हमारे घर का खाने-पीने का सामान खत्म होने लगा। ऐसे समय में हमारे पड़ोस में रहते शर्मा परिवार ने हमारी मदद की। उन्होंने हमें किसी प्रकार की कमी ना आने दी। खाने-पीने के सामान से लेकर उन्होंने हमारी और ज़रूरतों को पूरा किया। उनके ऐसे सहयोगपूर्ण व्यवहार के बारे में सोच कर मन को बहुत खुशी मिलती है।

6. बहुत प्रयोग से परहेज करो (Avoid Overuse)

हो सकता है कि दिन का अधिक समय आप मोबाइल फोन पर सोशल मीडिया पर बिताते हो। अगर हां, तो क्यों ? अगर नहीं तो क्यों ?
हल
मैं मोबाइल फोन पर अधिक समय नहीं बिताता और ना ही सोशल मीडिया का अधिक उपयोग करता हूं। केवल ज़रूरत पड़ने पर ही इसका प्रयोग करता हूं क्योंकि मुझे लगता है कि बिना काम के इन में व्यस्त रहना अपना समय व्यर्थ करने के जैसे है ।
प्यारे विद्यार्थियो आपको यह समझने की आवश्यकता है कि यह (फोन) धात का टुकड़ा आपके भविष्य को खराब कर रहा है। किसी भी चीज़ का बहुत प्रयोग अच्छा नहीं होता है। इससे बचने के लिए यह योजना आपके काम आ सकती है। आपके घर में कुछ स्थान अंकित करो जो फोन फ्री हों अर्थात जहां फोन का इस्तेमाल करना मना हो ।

7. तनाव मुक्त रहो ( Be stress free)

प्यारे विद्यार्थियो जिंदगी एक दौड़ की तरह है। जब हम आवश्कता से अधिक सोच में डूबे रहते हैं तो तनाव बढ़ता जाता है। तनाव मुक्त रहने की कोशिश करो और अपनी जिंदगी को खुशी-खुशी जीओ। ऐसे कामों में समय लगाओ जिन को करके आपको खुशी मिलती हो । इससे आप खाली सोचों से मुक्त हो जाओगे तो तनाव को भी दूर करने में सफल होगे।

8. बेहतर जिंदगी की कल्पना करो (Imagine a better life)

प्यारे विद्यार्थियो खुशियां सूर्य की रोशनी की तरह ही हैं जो हमारे जीवन के हर कोने को रुशनाती हैं। अपनी सोच को सकारात्मक बनाओ। जो कुछ आपके पास है उस में सब्र करना सीखो । बेहतर जिंदगी की कल्पना है तो अपना हर काम मेहनत और लगन से करते जाओ फिर देखो आपको कितनी खुशी मिलती है ।

9. छुट्टी / विश्राम लें (Take a break)

हम रोज़ाना एक सी रुटीन होने के कारण कई बार ऊब जाते हैं और स्वयं को निराश और अकेला महसूस करते हैं। यह स्वाभाविक है और इससे बचने का बहुत ही आसान उपाय है- छुट्टी / विश्राम लें। अगर आप चाहते हो कि आपकी जिंदगी सही ढंग से चलती रहे तो अपको इस पर काबू रखना होगा। जब हम अपनी रुटीन से हट कर कुछ करते हैं तो हमें थोड़ा विश्राम मिल जाता है और हम तरोताज़ा हो जाते हैं ।

10. आत्म-साक्षात्कार करो (Self Realization)

विद्यार्थियो गुलाब का एक कोमल फूल चाहे कुछ दिन ही अपनी खुशबू फैलाता है पर वह जितनी देर खिला रहता है सब को खुश ही करता है। आप भी स्वयं को गुलाब के फूल की तरह ही समझो और समस्या रूपी कांटों में हमेशा हंसते रहो। अपनी अहमियत समझो और अपनी जिंदगी का आनंद लो ।

(ग) सोचो और हल करो

अपने अनुभव और पाठ में दी तकनीक के आधार पर निम्नलिखित समस्याओं को सुलझाने की कोशिश करो ।

प्रश्न 1. सीरत बहुत दिनों से उदास और चिंतित है। किसी भी काम में उसका मन नहीं लग रहा। कोई ऐसी समस्या में फंसा हुआ है जिसके बारे में वह किसी की बात नहीं कर सकता । उसको इस मुश्किल से निकालने के लिए आप क्या कर सकते हो ?
उत्तर – मैं पाठ में दी तकनीक के ‘बड़ों से सांझा करो’ का तरीका अपनाते हुए सीरत को समझाऊंगा कि अगर उसे कोई समस्या है जो उसे परेशान कर रही है तो उसको इस बारे में अपने माता-पिता या शिक्षक से बात कर लेनी चाहिए। वह उसकी समस्या का हल अवश्य ढूँढ लेंगे ।
प्रश्न 2. आप बहुत दिनों से एक सी रुटीन अपना रहे हो जिस कारण बहुत बोर जैसा महसूस कर रहे हो। आप पढ़ाई में भी अपना 100% नहीं दे पा रहे। अपनी इस समस्या का समाधान कैसे करोगे?
उत्तर – मैं पाठ में दी तकनीक ‘छुट्टी लो’ की मदद से अपनी इस समस्या का हल करने की कोशिश करूंगा। मैं स्कूल से दो-तीन दिन की छुट्टी लूंगा । और अपनी मौसी जी के घर, जो कि अमृतसर रहते हैं, जाऊंगा। इससे मेरे रुटीन से मुझे होरी ऊब से छुटकारा मिल जाएगा और मैं तरोताज़ा होकर वापिस अपने काम में लग जाऊंगा।
प्रश्न 3. आपके छोटे भाई को अपने ऊपर विश्वास नहीं है जिससे वह आत्म निर्भर नहीं बन रहा । उसका अपने पर विश्वास जगाने के लिए आप कौन से कदम उठाओगे?
उत्तर – मैं इस काम लिए पाठ में दी दो तकनीकों की मदद लूंगा। पहली ‘समय सारणी की पालना करो’ और दूसरी ‘आत्म साक्षात्कार करो’। मैं उसको समझाऊंगा कि वह अपने सारे काम अपनी समय समय-सारणी के अनुसार करे। इस लिए उस में अनुशासन का विकास होगा और उसका आत्म-विश्वास भी बढ़ेगा। आत्मसाक्षात्कार करने के उसे अपनी अहमियत का पता चलेगा जिससे वह हर एक बात को समझने और परखने में सफल होगा। इस तरह से उसका मनोबल ऊंचा उठेगा।
प्रश्न 4. आपका दोस्त अपना सारा समय टी.वी. और फोन पर ही बिताता है। पढ़ाई की तरफ जरा भी ध्यान नहीं देता, बड़ों के प्रति उसका रवैया भी अच्छा नहीं। उसकी मनोदशा बदलने के लिए आप प्रेरणा स्रोत कैसे बन सकते हो ?
उत्तर – मैं उसके बड़ों के प्रति रवैये के लिए उसको समझाऊंगा कि हमारे जीवन में बड़ों का बहुत महत्व है। उनके कारण ही तो हम जीवन में कुछ बनने के काबिल होते हैं। अगर हम उनका सम्मान नहीं करेंगे और उनकी आज्ञा नहीं मानेंगे तो वह भी हमसे प्यार नहीं करेंगे और हमारी आवश्यकताओं की ओर ध्यान नहीं देंगे। उसके टी.वी. और फोन के इस्तेमाल की समस्या का हल मैं पाठ मैं दी तकनीक ‘अति-उपयोग से परहेज़ करो’ द्वारा करने की कोशिश करूंगा। मैं उसको समझाऊंगा कि कैसे इन चीज़ों का अति-उपयोग हमारा भविष्य खराब कर रहा है। हम अपना कीमती समय व्यर्थ कर रहे हैं। इस के अलावा मैं उसको कोई शौक अपनाने के लिए भी प्रेरित करूंगा ताकि वह अपने खाली समय का सही उपयोग कर सके।
प्रश्न 5. आपके माता-पिता हमेशा आपकी तुलना और बच्चों से करते रहते हैं। यह बात आपको अच्छी नहीं लगती। आप अपनी इस समस्या का हल निकालने के लिए अपने माता-पिता के साथ बैठ कर इस विषय पर बात करना चाहते हो। अपनी आवाज़ नम्र रख कर, आप क्या दलील देगें ?
उत्तर – मैं बहुत विनम्रता से उनको यह बताऊंगा कि उनका मेरी तुलना और बच्चों से करना मुझे अच्छा नहीं लगता। इससे मैं तनाव में आ जाता हूं और मेरा किसी काम में मन नहीं लगता। मेरा अपना व्यक्तित्व है क्या पता जिन बच्चों से मेरी तुलना की जाती है वह सच में ही मुझ से अच्छे हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि वह मेरी बात पर अवश्य गौर करेंगे ।
प्रश्न 6. आपका एक सहपाठी हर रोज़ स्कूल देर से आता है। इस लिए उसको रोज शिक्षक से डांट पड़ती है। उसको ऐसे लगता है कि उसकी पहचान गुंम हो गई है। आपको उसकी मजबूरी का पता है उसकी मुश्किल का क्या करोगे?
उत्तर – मेरी नज़र में उसकी इस मुश्किल का हल पाठ में दी तकनीक ‘समय सारणी की पालना करो’ बहुत अच्छे ढंग से कर सकती है। मैं उसको सलाह दूंगा कि वह अपनी समय-सारणी तैयार करे। मैं उसको समझाऊंगा कि जब हम अपने सारे काम तैय किये हुए समय के अनुसार करते हैं तो हमारे सभी काम पूरे होते हैं। ऐसा करने से हमारे अंदर अनुशासन पैदा होता है और हमारा आत्म-विश्वास बढ़ता है।
प्यारे विद्यार्थियो कोई भी समस्या ऐसी नहीं होती, जिस का समाधान ना हो। जैसे बिना चाबी कोई ताला नहीं हो सकता। अगर आप अपना ध्यान समस्याओं की ओर दोगे तो समस्याएं ही मिलेंगी पर अगर आप अपना ध्यान हल की तरफ लगाओगे तो हल ही मिलेंगे। समस्या या समाधान? यह आपकी मर्ज़ी है आप क्या चाहते हो।
(क) उन तीन तकनीको की एक सूची बनाओ जो आप किसी समस्या का हल ढूंढने के लिए करोगे।
उत्तर- 1. सब से पहले तो मैं समस्या को समझने की और इसका कारण ढूँढने की कोशिश करूंगा।
2. उसके बाद मैं अपनी इस समस्या के बारे में अपने माता-पिता से बात करूंगा । इस का हल ढूँढने के लिए उनकी मदद लूंगा।
3. मैं तनाव मुक्त हो कर उस समस्या का समाधान करने की कोशिश करूंगा। मैं अपने अंदर कुछ बदलाव करूंगा कि ऐसी कोई समस्या दोबारा मेरे जीवन में ना आए ।
(ख) कोई दो अनैतिक कामों की सूची बनाओ जो आप कभी नहीं करोगे ।
उत्तर- 1. मैं कभी भी झूठ नहीं बोलूंगा ।
2. मैं कभी भी चोरी नहीं करूंगा ।

PSEB 9th Class Welcome Life Guide समस्या का समाधान Important Questions and Answers

(क) बहु-विकल्पीय प्रश्न

1. समस्या के हल की बजाए स्वयं को समस्या के आगे ……………… कर देते हैं ।
(क) समर्पित
(ख) पेश
(ग) हाज़िर
(घ) कोई नहीं
उत्तर – (क) समर्पित
2. स्वयं को कौन सी जंजीरों में बंधा हुआ महसूस करते हो?
(क) मानसिक
(ख) सामाजिक
(ग) आर्थिक
(घ) क और ख
उत्तर – (घ) क और ख
3. समस्याएं …………………. भी हो सकती हैं।
(क) बड़ी
(ख) अंदरूनी
(ग) ऊपर कीं
(घ) कोई नहीं।
उत्तर – (ख) अंदरूनी
4. समस्या के समाधान के लिए किसकी मदद लाभदायक होती है?
(क) हम उम्र साथियों की
(ख) बहन- भाइयों की
(ग) बड़ों की
(घ) सभी
उत्तर – (ग) बड़ों की
5. हमारे माता-पिता या शिक्षक हमारी ………………….. हैं।
(क) सौगात
(ख) रीढ़ की हड्डी
(ग) बड़ों की
(घ) सभी
उत्तर – (ख) रीढ़ की हड्डी
6. आपकी …………………… आपकी आने वाली जिंदगी की सीढ़ी है।
(क) रुटीन
(ख) मुश्किल
(ग) शकल
(घ) दोस्ती
उत्तर – (क) रुटीन
7. जिंदगी एक …………………… है।
(क) रुटीन
(ख) चक्रव्यूह
(ग) मज़ाक
(घ) खेल
उत्तर – (ख) चक्रव्यूह
8. समस्याएं रूपी आग बुरी क्या नहीं खत्म कर सकतीं?
(क) अच्छी भावनाएं
(ख) संस्कार
(ग) कोई नहीं
(घ) क और ख
उत्तर – (घ) क और ख
9. अपने घर में कुछ कोने …………………….. बनाओ।
(क) सुंदर
(ख) फोन-फ्री
(ग) नक्ली
(घ) ऊंचे
उत्तर – (ख) फोन-फ्री
10. जब हम हंद से अधिक सोचों में डूबे रहते हैं तो क्या बढ़ता है?
(क) तनाव
(ख) प्यार
(ग) लगाव
(घ) समन्वय
उत्तर – (ख) प्यार

(ख) खाली स्थान भरो

1. इस दौरान आपके विचारों, संस्कारों, फैसला लेने के ढंग में बहुत ……………… आ रहे हैं ।
उत्तर – बदलाव
2. समस्याएं आपके घर, ……………… या ……………. से सम्बन्धित हो सकती हैं।
उत्तर – स्कूल, समाज
3. हमारे बड़े हमारा ……………….. करते हैं ।
उत्तर – मार्गदर्शन
4. समय का ……………. करने के लिए कोई शौक अपनाओ ।
उत्तर – सदुपयोग
5. अपनी …………….. तैयार करो ।
उत्तर – समय-सारणी
6. सूरज हर दिन ……………… है और दूसरों को …………….. देता है।
उत्तर – चमकता, रोशनी
7. यह धात का टुकड़ा (फोन) आपके ……………….. के टुकड़े-टुकड़े कर रहा है।
उत्तर – भविष्य
8. आप भी खुद को ……………………. समझो।
उत्तर – गुलाब
9. कोई भी समस्या ऐसी नहीं होती जिस का ……………………. ना हो ।
उत्तर – समाधान
10. अगर आप अपना ध्यान …………………….. की ओर दोगे तो समस्याएं ही …………………. हैं ।
उत्तर – समस्याएं, मिलेंगी

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