RBSE Solutions for Class 6 Hindi Chapter 8 गुलाब सिंह
RBSE Solutions for Class 6 Hindi Chapter 8 गुलाब सिंह
Rajasthan Board RBSE Class 6 Hindi Chapter 8 गुलाब सिंह
पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर
पाठ से
उच्चारण के लिए
कृपा, श्रीयुत्, दर्शन, प्रणाम, आश्चर्य।
नोट—छात्र-छात्राएँ स्वयं उच्चारण करें।
सोचें और बताएँ
प्रश्न 1.
घर में कौन-कौन रहते थे?
उत्तर:
घर में गुलाबसिंह, उसके माता-पिता और एक गुड़िया सी बहन रहते थे।
प्रश्न 2.
छोटी बहन ने चुपके से क्या खिलाया था?
उत्तर:
छेटी बहन ने चुपके से गुड़ और चना खिलाया था।
प्रश्न 3.
बीमार कौन हो गया था?
उत्तर:
बीमार भाई हो गया था।
लिखें
बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
किसका हुक्म था कि जुलूस न निकले
(क) बहन का
(ख) बादशाह का
(ग) सिपाहियों का
(घ) गाँव के लोगों का
प्रश्न 2.
झंडा हाथ में लेकर जुलूस निकालने वाला बालक था
(क) सुभाष चंद्र बोस
(ख) गंगाधर तिलक
(ग) गुलाब सिंह
(घ) झाँसी की रानी
उत्तर:
1. (ख)
2. (ग)
रिक्त स्थानों की पूर्ति करें
- भाई के सिर पर हाथ फेरा और ………. लीं।
- बादशाह के सिपाहियों ने …….. चला दी।
- वह रोई पर …….. हाथ में उठाए रही।
उत्तर:
- बलैयाँ
- गोली
- झंड़ा
निम्नलिखित वाक्यों को कह्मनी के कथानक के अनुसार क्रमबद्ध करें
(क) यह बालक था गुलाबसिंह जो अपनी सुगंध बिखेरकर चला गया।
(ख) भाई ने गुड़ चने की बात किसी को न बताई।
(ग) वह झंडे को लहराते हुए ले जाते हुए भाई को दूर तक देखती रही।
(घ) बहन ने झंडा थाम लिया।
(ङ) झंडा निकला और बड़ी शनि से निकला।
उत्तर:
(ख) भाई ने गुड़-चने की बात किसी को न बताई।
(ग) वह झंडे को लहराते हुए ले जाते हुए भाई को दूर तक देखती रहीं।
(घ) बहन ने झंडा थाम लिया।
(ङ) झंडा निकला और बड़ी शान से निकला।
(क) यह बालक था गुलाबसिंह जो अपनी सुगंध बिखेरकर चला गया।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
बादशाह ने क्या हुक्म दे रखा था?
उत्तर:
बादशाह ने हुक्म दे रखा था कि कोई जुलूस नहीं निकलेगा और कोई झंडा नहीं निकलेगा।
प्रश्न 2.
हमारा देश किसका गुलाम था?
उत्तर:
हमारा देश बादशाह का गुलाम था।
प्रश्न 3.
भाई पर गोली किसने चलाई?
उत्तर:
भाई पर गोली बादशाह के सिपाहियों ने चलाई।
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
बहन ने भाई को किस प्रकार विदा किया?
उत्तर:
बहन ने अपने भाई के लिए आरती की थाली सजाई। उसमें उसने थोड़ी-सी रोली, थोड़े से चावल और एक दीपक जलाकर रखा। फिर उसने अपने भाई की आरती उतारी। आरती उतारते वक्त भाई के चारों ओर बने आभामंडल को देखकर बहन बहुत खुश हुई क्योंकि ऐसा ही आभामंडल उसने देवी-देवताओं के चित्रों में भी देखा था। बहन ने भाई के माथे पर तिलक लगाया और चावल बिखराए। तब भाई ने बहन के पैर छुए और विदा ली। बहन ने भाई के सिर पर हाथ फेरा और बलैयाँ।
प्रश्न 2.
भाई के गोली लगने पर जुलुस को किसने और किस प्रकार आगे बढ़ाया था?
उत्तर:
भाई के गोली लगने के बाद बहन दौड़ती हुई आयी। और उसने अपने भाई को पुकारा। उसकी आवाज सुनकर मानो भाई के जाते हुए प्राण लौट आये। उसने अपनी बहन के हाथ में झंडा थमा दिया। बहन के झंडा थामते ही भाई चल बसा। बहन रोती रही, पर उसने झंडा नहीं छोड़ा। बादशाह के सिपाहीं घमंड से सिर उठाकर चले गये। लोगों ने भागकर भाई की देह उठाई। आगे-आगे बहन झंडा लेकर चलने लगी। पीछे-पीछे लोग चलने लगे। बादशाह के हुक्म के बावजूद जुलूस भी निकला और झंडा भी निकला और वो भी बड़ी शान के साथ निकला।
प्रश्न 3.
इस कहानी से हमें क्या प्रेरणा मिलती है?
उत्तर:
इस कहानी से हमें देशभक्ति की प्रेरणा मिलती है। हमें भी अपने देश से ऐसा ही प्रेम करना चाहिए जैसा कहानी में दोनों भाई-बहन करते थे। इस कहानी से हमें भाई बहन के प्यार की भी प्रेरणा मिलती हैं। दोनों भाई-बहन आपस में बहुत प्यार से रहते थे और दोनों के दिल में देश-भक्ति की भावना हिलोरें ले रही थी। तभी तो जान देने के बावजूद भाई ने झंडा गिरने नहीं दिया था और उसके बाद उसे बहन ने थाम लिया था। बहिन ने अपने भाई के अधूरे कार्य को पूरा किया। इस प्रकार हमें भी अपने देश की आन-बान और शान का सम्मान करना चाहिए।
भाषा की बात
प्रश्न 1.
सिपाही शब्द का बहुवचन सिपाहियों होता है।
हिंदी व्याकरण में वचन संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया का संख्याबोधक शब्द होता है। वचन के दो रूप होते हैं
- एकवचन
- बहुवचन।
अपने शिक्षक की सहायता से निम्नलिखित शब्दों के वचन अंकित कीजिए-किताब, लड़कियों, आदमी, घर, बसें, नदियाँ
उत्तर:
किताब—एकवचन
लड़कियों—बहुवचन
आदमी—एकवचन
घर—एकवचन
बसें—बहुवचन
नदियाँ—बहुवचन
प्रश्न 2.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढिए भाई ने झंडा उठाया और सड़क पर चलने लगा। बहन ने रोली—चावल का तिलक लगाकर भाई को विदा किया। बादशाह के सिपाहियों ने गोली चला दी। बहन को गुस्सा आया। झंडा उठाकर चलने वाला बालक गुलाब सिंह था। गद्यांश में रेखांकित शब्द किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, भाव आदि का बोध कराते हैं। इस प्रकार के शब्दों को संज्ञा कहते हैं।
संज्ञा के तीन भेद होते हैं
- व्यक्तिवाचक—व्यक्ति, स्थान या वस्तु के बोधक नाम शब्द व्यक्तिवाचक संज्ञा कहलाते हैं; जैसे-गुलाब सिंह, रमेश।
- जातिवाचक—सामान्य जाति, पदार्थ, प्राणी, समूह आदि के बोधक शब्द जातिवाचक संज्ञा कहलाते हैं; जैसे-सिपाही, बादशाह।
- भाववाचक—किसी भाव आदि का बोध कराने वाले शब्द भाववाचक संज्ञा कहलाते हैं; जैसे-गुस्सा, निराशा, प्यार। अग्रलिखित गद्यांश को पढ़कर इसमें से संज्ञा शब्दों को छाँटकर लिखिए
उसके घर में माता-पिता और गुड़िया-सी बहन थी। वह सारे घर का दुलारा था। एक दिन की बात है कि वह बीमार पड़ा। माँ ने उसका खाना बंद कर दिया था। उसकी बहन चुपके से गुड़ व चने चुरा लाई और ख़िला दिए अपने भाई को।
उत्तर:
संज्ञा शब्द—गुड़िया, बहन, घर, माता-पिता, दुलारा, बीमार।
पाठ से आगे
प्रश्न 1.
भाई को गोली लगने के बाद बहन ने जुलूस को आगे बढ़ाया था। यदि आप बहन के स्थान पर होते तो क्या करते?
उत्तर:
अगर हम बहन के स्थान पर होते तो हम भी यही करते, जैसे बहन ने किया। हम अपने भाई की कुर्बानी को बेकार नहीं जाने देते और उसके अधूरे कार्य को पूरा करके ही दम लेते और झंडे को उसी शान से आगे ले जाते, जैसा बहन ने किया।
यह भी करें
- भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अपना बलिदान करने वाले देशभक्तों के बारे में पता लगाएँ व उनके चित्र संकलित कर ‘मेरा संकलन तैयार करें।
- देशभक्ति की कहानियों को ढूँढ़कर पढ़े और अपनी कक्षा में सुनाएँ।
- सभी देशवासी अपने देश से प्रेम करते हैं, उसकी प्रगति में कुछ-न-कुछ सहायता करते हैं। आपके विचार से निम्नलिखित लोग अपने देश की प्रगति में किस प्रकार सहायता कर सकते हैंकिसान, मजदूर, व्यापारी, डॉक्टर, शिक्षक
उत्तर:
1. भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में अपना बलिदान करने वाले देशभक्तों की एक लंबी श्रृंखला है। चंद्रशेखर आजाद, सरदार भगत सिंह, राजगुरु आदि अनेकों देशभक्तों ने अपना बलिदान किया था। देशभक्तों के चित्र इकट्ठा करके छात्र ‘मेरा संकलन’ में लगाएँ।
2. मंगल पाण्डे—मंगल पाण्डे ने देश की आजादी के लिए कई प्रयास किये। उनकी ही बदौलत हमें 29 मार्च, 1857 में पता चला कि अंग्रेजों ने बन्दूकों की कारतूस में सुअर व गायों के मांस का तेल मिला रखा था। इनका सेवन करना हिंदू और मुस्लिम दोनों ही संप्रदायों के खिलाफ था। इसलिए मंगल पाण्डे ने अंग्रेजों के खिलाफ बैरकपुर में आन्दोलन किया।
तात्याँ टोपे—8 अगस्त, 1857 को तात्याँ टोपे अपने 8-9 हजार मराठा सैनिकों के साथ भीलवाड़ा पहुँचे, जहाँ उनका सामना ‘कुआडा’ नामक स्थान पर जनरल राबर्ट्स की सेना से हुआ। क्रान्तिकारी अंग्रेजों से हार गए। 1858 में अमीरगढ़ के किले के पास टोंक की सेना से युद्ध हुआ। जिसमें क्रान्तिकारियों की विजय हुई। बाद में तात्याँ टोपे के एक सहयोगी मानसिंह नरूका ने धोखे से नरवर के जंगलों में उन्हें अंग्रेजों से पकड़वा दिया। अंत में 18 अप्रैल, 1859 को उन्हें सीपरी में फाँसी दे दी गयी।
3. किसान—किसान हमारे देश का अन्नदाता है। वहीं देशवासियों के लिए अनाज, साग-सब्जी, फल आदि की पैदावार करके उन तक पहुँचाता है। किसान ही गन्ना भी उगाता है जिससे चीनी, गुड़ आदि बनता है। किसान हमारे देश की प्रगति के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।
मजदूर—मजदूर हमारे देश के लिए कई तरह के कार्य करते है। घर बनाना, लकड़ी का काम, फैक्ट्रियों, कारखानों आदि में काम करना, यह सब मजदूरों द्वारा ही किया जाता है। देश की बड़ी-बड़ी इमारतें भी मजदूरों द्वारा ही बनायी जाती हैं। मजदूर हमारे देश की रीढ़ की हड्डी हैं। जिनकी हर जगह जरूरत होती है और वे देश की प्रगति में सहायक होते हैं।
व्यापारी—व्यापारी अपने व्यापार का एक-दूसरे देश से आदान प्रदान करते हैं। जिससे हमारे देश की चीजें बाहर जाकर विदेशी मुद्रा को देश में लाती हैं। हमारे देश का व्यापारी वर्ग हमारी जरूरतों को हर जगह उपलब्ध कराता है। इस तरह व्यापारी हमारे देश की प्रगति में सहायक हैं
डॉक्टर—डॉक्टर द्वारा हर वर्ग का इलाज किया जाता है। हमारे देश में डॉक्टर को दूसरा भगवान समझा जाता है। नयी-नयी तकनीक के द्वारा डॉक्टर बड़ी-से-बड़ी बीमारियों का इलाज करते हैं और मरीज की जान बचाते हैं। जिससे मरीज को बाहर विदेश में जाने की जरूरत नहीं पड़ती है और डॉक्टर अपने देश की उन्नति में सहायक होते हैं।
शिक्षक—शिक्षक हमारे देश की उन्नति में सबसे ज्यादा सहायक है। शिक्षक द्वारा ही हमारे देश का भविष्य तैयार होता है। शिक्षा के द्वारा शिक्षक हमारे देश के बच्चों को ज्ञान देकर उन्हें ऊँचाई तक पहुँचाते हैं। शिक्षकों के द्वारा ही बच्चे आगे चलकर डॉक्टर, वकील, इंजीनियर आदि बनते हैं। जो देश को आगे बढ़ाने में सहायक होते हैं।
यह भी जानें
हमारे राष्ट्रीय ध्वज की शान को बनाए रखने के लिए भारतीय झंडा संहिता 2002′ में राष्ट्रीय ध्वज के लिए कुछ नियम निर्धारित किये गए हैं
- सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही ध्वज फहराया जाना चाहिए।
- ध्वज की लंबाई एवं चौड़ाई का अनुपात 3 : 2 होना चाहिए।
- फहराया जाने वाला झंडा मैला-कुचैला अथवा फटा हुआ नहीं होना चाहिए।
- ध्वज की समान चौड़ाई की पट्टियों में सबसे ऊपर केसरिया, बीच में सफेद और नीचे हरी पट्टी होनी चाहिए।
- सफेद पट्टी के बीचों-बीच गहरे नीले रंग का 24 धारियों | का अशोक चक्र होना चाहिए।
- 15 अगस्त, 1947 को प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने लाल किले पर आजाद भारत का पहला तिरंगा फहराया था। वह तिरंगा हमारे राजस्थान के दौसा जिले के आलूदा गाँव के कारीगरों ने तैयार किया था।
अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
भाई के संतोष के लिए वह माँ-बाप का सहने को भी तैयार थी
(क) प्यार
(ख) लड़ना
(ग) गुस्सा
(घ) चाँटा
प्रश्न 2.
एक दिन ऐसी हवा बही कि मुरझाए हुए में नई जान आ गयी
(क) हाथों में
(ख) पैरों में
(ग) कंधों में
(घ) दिलों में
प्रश्न 3.
बहन ने अपनी पुरानी किस चीज को फाड़कर झंडा बना लिया
(क) ओढ़नी
(ख) कुर्ती
(ग) साड़ी
(घ) फ्राक
प्रश्न 4.
हमें रोली का तिलक लगाकर विदा करें जैसे राजकुमारी अपने भाई को विदा करती है
(क) साहूकार
(ख) दुकानदार
(ग) चाटूकार
(घ) राजकुमार
उत्तर:
1. (ग)
2. (घ)
3. (क)
4. (घ)
रिक्त स्थान पूर्ति….
(आभामंडल, अमृतवाणी, चावल, राजकुमारी, डंडे)।
- भाई के माथे पर तिलक लगाया, ………. बिखराए।
- कहानियों में ………. भाइयों को इसी तरह विदा करती है।
- भाई ने उसे खेलने के ………. से बाँध लिया।
- उत्तर:
- चावल
- राजकुमारी
- डंडे
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
गुलाब सिंह को बचपन में क्या हो गया था?
उत्तर:
एक दिन वह बीमार पड़ गया था।
प्रश्न 2.
बीमारी की हालत में बहिन ने भाई को छिपाकर क्या खिलाया था?
उत्तर:
धीरे-धीरे भाई का रोग चला गया।
प्रश्न 3.
बादशाह के सिपाहियों ने किसे रोका?
उत्तर:
बादशाह के सिपाहियों ने झंडे वाले को रोका।
प्रश्न 4.
बहन झंडा लेकर कहाँ चलने लगी?
उत्तर:
बहन झंडा लेकर आगे-आगे चलने लगी।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
बादशाह क्यों नहीं चाहता था कि जुलूस निकले?
उत्तर:
देश के लोग बादशाह के गुलाम थे और वह नहीं चाहता था कि शहर में बड़ा भारी जुलूस निकले। यह जुलूस कौमी झंडे का जुलूस था और बादशाह को डर था कि कहीं जनता एक जुट हो गयी तो उसकी गुलामी से आजाद हो जाएगी।
प्रश्न 2.
बहन ने भाई का साथ झंडा बनाने में किस प्रकार दिया?
उत्तर:
बहन ने भाई से बादशाह के बारे में पूछा तो भाई ने बताया कि हमारा देश बादशाह का गुलाम है, इसीलिए वह झंडा और जुलूस निकालने को मना कर रहा है। तब बहन ने अपने भाई से कहा, हम तो जुलुस और झंडा निकालेंगे। तब बहन अपने भाई के साथ झंडा बनाने लगी। उसने अपनी पुरानी ओढ़नी फाड़कर झंडा बना लिया।
प्रश्न 3.
बहन ने खुशी से किलकारी के साथ ताली क्यों बजायी?
उत्तर:
भाई द्वारा यह कहने पर कि तुम हमारे साथ जुलूस में नहीं चलो। तुम एक काम करो। हमें रोली का तिलक लगाकर विदा करो जैसे राजकुमारी अपने भाई राजकुमार को विदा करती है। यही सुनकर बहन ने खुशी से किलकारी के साथ ताली बजायी।
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
गुलाब सिंह और उसकी बहन के बीच कैसा रिश्ता था?
उत्तर:
गुलाब सिंह और उसकी बहन के बीच अत्यंत प्रेम था। एक बार बीमार पड़ने पर बहन ने भाई की जिस तरह सेवा की, तब से उनका प्रेम और बढ़ गया। जब भाई जुलूस के लिए निकला तब बहन ने गुलाब सिंह को अत्यंत प्यार के आत्मविश्वास के साथ विदा किया। कहानी के अंत में जब गुलाब सिंह को गोली लगी तब वह दौड़ी-दौड़ी चली आयी। बहन की आवाज सुनकर ही उसके जाते हुए प्राण लौट आए और वह जीवित हो उठा। बहन ने भाई के आदेश का पालन किया और झंडे को गिरने नहीं दिया। गुलाब सिंह और उसकी बहन का रिश्ता अत्यंत प्रेमपूर्ण व कोमल था।
प्रश्न 2.
बादशाह के बारे में दोनों भाई-बहनों ने अपने क्या विचार व्यक्त किये?
उत्तर:
बादशाह के आदेशों पर दोनों भाई-बहन अत्यंत क्रोधित हो उठे। उन दोनों ने कहा, ”बड़ा आया बादशाह, क्यूँ न निकले जुलूस?, क्यूँ न निकले हमारा झंडा? हमारा देश बादशाह का गुलाम जो है। तब तो झंडा जरूर निकलना चाहिए और जुलूस भी जरूर निकलना चाहिए।” उनके इस कथन से पता चलता है कि वे सच्चे देशभक्त थे और अपने देश को गुलामी से आजाद कराना चाहते थे।
कठिन शब्दार्थ
दुलारा = प्यारा। सहा = रहा। दुलारा = प्यारा। संतोष = संतुष्ट। मुरझाए = उदास, सूखे हुए। उमंगों = उल्लास। कौमी = जाति, देश। जूलूस = काफिला। हुक्म = आदेश। आतंक = दहशत, खौफ। अत्याचारी = कष्ट देने वाला, दुष्ट। कट = कड़वे। ओढ़नी = दुपट्टा। आग्रह = निवेदन। रोली = सिंदूर। तिलक = टीका। किलकारी = बच्चों की खुशी से आवाज निकलना। दीया = दीपक। आभामंडल = प्रकाश की किरणें बिखरने लगी। बलैयाँ = नजर उतारना। बादशाह = राजा। सिपाहियों = सैनिक। लथपथ = सना हुआ। प्राण = जान। अमृतवाणी = हितोपदेश, मधुर आवाज। गढ़ = किला। देह= शरीर। सुगंध = खुशबू। बिखेर = फैलाना। शान = गर्व।
गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या एवं अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर
(1)
उसके घर में माता-पिता और एक गुड़िया सी बहन थी। वह सारे घर का दुलारा था। एक दिन की बात है कि वह बीमार पड़ा। माँ ने उसका खाना बिल्कुल बंद कर दिया था। पर उसका बार बार कुछ खाने को माँगना, छेटी बहन से न सहा गया। वह चुपके से गुड़ और चने चुरा लाई और खिला दिया, अपने भाई को।
प्रसंग-प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक के ‘गुलाब सिंह’ नामक कहानी से लिया गया है। इसकी लेखिका सुभद्रा कुमारी चौहान हैं। इन पंक्तियों में भाई-बहन के प्यार के बारे उन्होंने बताया है।
व्याख्या/भावार्थ-गुलाब सिंह के घर में उसके माता-पिता और एक छोटी गुड़िया सी बहन रहती थी। उसे घर में सब बहुत प्यार करते थे। एक दिन जब वह बीमार हो गया तो माँ ने उसे खाने को कुछ भी नहीं दिया। पर वह भूख लगने की वजह से बार-बार कुछ खाने के लिए माँग रहा था। उसकी छोटी बहन से यह देखा नहीं गया। वह सबकी नजर बचाकर गुड़ और चने चुरा लाई और अपने भाई को खिला दिया।
प्रश्न 1.
उसके घर में माता-पिता के अलावा और कौन था?
उत्तर:
उसके घर में माता-पिता के अलावा एक गुड़िया-सी बहन थी।
प्रश्न 2.
बीमार पड़ने पर माँ ने उसका क्या बंद कर दिया?
उत्तर:
बीमार पड़ने पर माँ ने उसका खाना बंद कर दिया।
प्रश्न 3.
छोटी बहन से क्या सहन नहीं हुआ?
उत्तर:
भाई का बार-बार कुछ खाने को माँगना बहन से सहन नहीं हुआ।
प्रश्न 4.
बहन गुड़ और चने कैसे लाई?
उत्तर:
बहन गुड़ और चने चुराकर लाई।
(2)
बहन ने खुशी से किलकारी के साथ ताली बजाई और दौड़कर थोड़ी-सी रोली, थोड़े से चावल सजा लाई, थाली में एक दीया भी जल रहा था। भाई की आरती उतारने लगी। मुँह के चारों तरफ घूमती थाली एक आभामंडल बनाने लगी।’ उसने देवी देवताओं के चित्रों में भी वैसा ही आभामंडल देखा था। भाई के चारों तरफ वैसा ही आभामंडल देखकर वह बहुत खुश हुई।
प्रसंग-प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक के ‘गुलाब सिंह’ नामक कहानी से लिया गया है। इस कहानी की लेखिका सुभद्रा कुमारी चौहान हैं। इन पंक्तियों में लेखिका ने बताया है, कैसे एक बहन अपने वीर भाई को खुशी-खुशी विदा करती है।
व्याख्या/भावार्थ-जब बहन का भाई जुलुस के लिए झंडा लेकर जाने लगा तो बहन खुशी से चिल्लाती हुई ताली बजाने लगी और दौड़कर आरती की थाली में रोली, चावल के साथ एक दीपक भी जलाकर ले आई। बहन अपने भाई की आरती उतारने लगी। भाई के मुँह के चारों ओर घूमती आरती की थाली प्रकाश की किरणें बिखेरने लगी। बहन ने ऐसी ही प्रकाश की किरणें देवी-देवताओं के चित्रों में भी देखी र्थी। भाई के चारों तरफ वैसी ही प्रकाश की किरणें देखकर वह बहुत खुश हुई।
प्रश्न 1.
बहन ने कैसे ताली बजायी?
उत्तर:
बहन ने खुशी से किलकारी के साथ ताली बजायी।
प्रश्न 2.
बहन थाली में क्या-क्या रखकर लायी?
उत्तर:
बहन थाली में थोड़ी-सी रोली, थोड़े से चावल और एक दीया जलाकर लाई।
प्रश्न 3.
भाई की आरती उतारते वक्त उसके मुँह के चारों तरफ क्या बनने लगा?
उत्तर:
भाई की आरती उतारते वक्त उसके मुंह के चारों तरफ आभामंडल बनने लगा।
प्रश्न 4.
बहन ने आभामंडल और कहाँ देखा था?
उत्तर:
बहन ने आभामंडल देवी-देवताओं के चित्रों में देखा था।
(3)
वह रोयी, पर झंडा हाथ में उठाए रही। बादशाह के सिपाही मानो गढ़ जीतकर चले गये। लोग भागे आए। उन्होंने भाई की देह उठाई। आगे-आगे झंडा लिए बहन चलने लगीं। बादशाह का हुक्म था-जुलूस नहीं निकलेगा। जुलूस निकला। झंड़ा नहीं निकलेगा। झंडा निकला और बड़ी शान से निकला।
प्रसंग-प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक के ‘गुलाब सिंह नामक कहानी से लिया गया है। इसकी लेखिका सुभद्रा कुमारी चौहान हैं। इन पंक्तियों में देशभक्त वीर बालक और बालिका की वीरता का वर्णन किया है।
व्याख्या/भावार्थ-इन पंक्तियों में लेखिका कहती है कि अपने भाई का शव देखकर बहन रोने लगी पर उसने झंड़ा नहीं छोड़ा। बादशाह के सैनिक यह सोच रहे थे कि उन्होंने किला जीत लिया है। बादशाह का आदेश था कि कोई जुलूस नहीं निकलेगा, झंडा नहीं निकलेगा लेकिन उसके आदेश के बावजूद जुलूस और झंडा दोनों बड़ी शान से निकले।
प्रश्न 1.
बहन ने रोने के बाद भी क्या उठाए रखा?
उत्तर:
बहन ने रोने के बाद भी झंडा उठाए रखा।
प्रश्न 2.
बादशाह के सिपाही मानो क्या जीतकर चले गये?
उत्तर:
बादशाह के सिपाही मानो गढ़ जीतकर चले गये।
प्रश्न 3.
लोगों ने भाई की क्या उठायी?
उत्तर:
लोगों ने भाई की मृत देह उठायी।
प्रश्न 4.
बादशाह का क्या हुक्म था?
उत्तर:
बादशाह का जुलूस और झंडा नहीं निकालने देने का आदेश था।