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RBSE Solutions for Class 6 Hindi Chapter 9 हमारी धरोहर-तीर्थराज मचकुंड

RBSE Solutions for Class 6 Hindi Chapter 9 हमारी धरोहर-तीर्थराज मचकुंड

Rajasthan Board RBSE Class 6 Hindi Chapter 9 हमारी धरोहर-तीर्थराज मचकुंड

पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर

पाठ से
उच्चारण के लिए
गंधमादन, मुचुकुंद, कुंडीय, प्राकृतिक, भाद्रपद, धर्मावलंबी, जनश्रुति, पूर्वाचल
नोट-छात्र-छात्राएँ स्वयं उच्चारण करें।

सोचें और बताएँ
प्रश्न 1.
तीर्थराज मचकुंड का उल्लेख किस पुराण में मिलता है?
उत्तर:
तीर्थराज मचकुंड का उल्लेख विष्णु पुराण के पंचम अंश के 23वें अध्याय में मिलता है।

प्रश्न 2.
भगवान कृष्ण को ‘रणछोड़’ क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
कालयवन से युद्ध करते समय, शंकर के वरदान को पूर्ण करने के लिए श्रीकृष्ण को रणछोड़ कर भागना पड़ा। इसलिए उन्हें रणछोड़ कहा जाता है।

प्रश्न 3.
मचकुंड सरोवर पर पवित्र मंदिरों का निर्माण किस काल में हुआ था?
उत्तर:
मचकुंड सरोवर पर पवित्र मंदिरों का निर्माण धौलपुर रियासत के शासक महाराज भगवंतसिंह के काल में हुआ।

लिखें
बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
मचकुंड का प्रसंग मिलता है श्रीमद्भागवत के
(क) 23वें अध्याय में
(ख) 46वें अध्याय में
(ग) 51वें अध्याय में
(घ) 57वें अध्याय में।

प्रश्न 2.
देवासुर संग्राम में इंद्र ने किसे अपना सेनापति बनाया था
(क) कृष्ण को
(ख) अर्जुन को
(ग) मुचुकुंद महाराज को
(घ) कालयवन को।

प्रश्न 3.
मचकुंड सरोवर पर प्रतिवर्ष वार्षिक मेले का आयोजन होता है
(क) भाद्रपद शुक्ला दूज
(ख) भाद्रपद शुक्ला छठ
(ग) भाद्रपद शुक्ला दशमी
(घ) आश्विन शुक्ला दशमी
उत्तर:
1. (ग)
2. (ग)
3. (ख)

लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
मचकुंड सरोवर राजस्थान के किस जिले में स्थित
उत्तर:
मचकुंड सरोवर राजस्थान के धौलपुर जिले में स्थित

प्रश्न 2.
मचकुंड सरोवर के पास निर्मित गुरुद्वारा किस सिक्ख गुरु की स्मृति से जुड़ा है?
उत्तर:
मचकुंड सरोवर के पास निर्मित गुरुद्वारा सिक्ख गुरु हरगोविंद सिंह की स्मृति से जुड़ा है।

प्रश्न 3.
मचकुंड तीर्थ के पास प्रसिद्ध गुफा का नाम लिखिए।
उत्तर:
मचकुंड तीर्थ के पास प्रसिद्ध गुफा का नाम मौनी बाबा की गुफा है।

प्रश्न 4.
अब्दाल शाहकी मज़ार पर कव्वाली का आयोजन कब होता है?
उत्तर:
अब्दाल शाह की मज़ार पर कव्वाली का आयोजन देव छठ के वार्षिक मेले पर होता हैं।

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
मचकुंड सरोवर के धार्मिक व सांस्कृतिक महत्व को लिखिए।
उत्तर:
मुचकुंड सरोवर पर अपूर्व प्राकृतिक छटा से युक्त पवित्र सरोवर के किनारे पर मंदिरों का निर्माण धौलपुर रियासत के शासक महाराज भगवंतसिंह के काल में हुआ। यह स्थान धार्मिक आस्था, पवित्र स्नान तथा कौमी एकता के लिए जाना जाता है। यहाँ प्रत्येक माह की पूर्णिमा को दीपदान व महाआरती का आयोजन किया जाता है। प्रत्येक माह की अमावस्या को परिक्रमा का आयोजन धार्मिक आस्था और संस्कृति को साकार कर देता है। यहाँ प्रतिवर्ष भाद्रपद शुक्ला छठ को वार्षिक मेला भरता है। इस मेले में श्रद्धालु पवित्र स्नान करते हैं व शादियों की मौरछड़ी व कलंगी आदि के विसर्जन करते हैं। मान्यता है कि इसमें स्नान करने से चर्म रोग समाप्त हो जाते हैं। यहाँ देव छठ के मेले पर कव्वाली का आयोजन भी किया जाता है जिसमें सभी धर्म व संप्रदाय के लोग बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं।

प्रश्न 2.
मचकुंड सरोवर जैसे धार्मिक व ऐतिहासिक स्थलों की स्वच्छता व संरक्षण हेतु क्या-क्या उपाय किये जाने चाहिए? लिखिए।
उत्तर:
मुचुकुंड सरोवर जैसे धार्मिक व ऐतिहासिक स्थल की स्वच्छता व संरक्षण हेतु निम्न उपाय किये जाने चाहिए

  1. ऐसे स्थलों को सरकार को अपने संरक्षण में ले लेना चाहिए।
  2. ऐसे स्थलों की सुरक्षा-व्यवस्था मजबूत होनी चाहिए। ताकि उन्हें कोई हानि न पहुँचा सके।
  3. सफाई की नियमित व समुचित व्यवस्था होनी चाहिए।
  4. ऐसे धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों पर गंदगी फैलाने वाले को आर्थिक जुर्माने का दंड भी देना चाहिए।
  5. ऐसे स्थलों के लिए आतंकवादी घटनाओं से सुरक्षित में रखने के पुख्ता इंतजाम किये जाने चाहिए।
  6. सरकार को ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों के लिए एक कमेटी का गठन करना चाहिए, ताकि वह समय-समय पर इन स्थलों का निरीक्षण करती रहे।

भाषा की बात
1. निम्नलिखित शब्दों को ध्यानपूर्वक पढिए-
सरोवर, अध्याय, श्रीमद्भागवत, देवासुर, पूर्णाहुति इन शब्दों की रचना इस प्रकार हुई
हैसरः + वर — सरोवर
अधि + आय — अध्याय
श्रीमत् + भागवत् — श्रीमद्भागवत
देव + असुर — देवासुर
पूर्ण + आहुति — पुर्णाहुति

वर्गों के मेल से होने वाले परिवर्तन को संधि कहा जाता है।
हिंदी में संधि के तीन भेद माने जाते हैं—

  1. स्वर संधि
  2. व्यंजन संधि
  3. विसर्ग संधि

स्वर संधि-दो स्वरों के मेल को स्वर संधि कहते हैं;
जैसे-देवासुर, पूर्णाहुति, अध्याय स्वर संधि के पाँच भेद होते हैं

  1. दीर्घ संधि – पूर्णाहुति
  2. गुण संधि – महेश
  3. वृधि संधि – सदैव
  4. यण संधि – प्रत्येक
  5. अयादि संधि – पावन।

व्यंजन संधि—व्यंजन तथा स्वर का, स्वर तथा व्यंजन का, व्यंजन तथा व्यंजन का मेल होने से जो परिवर्तन होता है, उसे व्यंजन संधि कहते हैं: जैसे-जगदीश, सदाचार।

विसर्ग सन्धि—जब आपस में मिलने वाले दोनों शब्दों में पहले शब्द के अंत में विसर्ग (:) और दूसरे शब्द के आरंभ में कोई स्वर या व्यंजन हो तो उन दोनों के बीच होने वाले मेल को विसर्ग संधि कहते हैं; जैसे-मनोबल, तपोवन, तपोबल।

आप भी पाठ से संधि शब्दों को छाँटिए और उनके भेद लिखिए।
उत्तर:

  1. कालांतर — काल + अंतर = गुण सन्धि
  2. श्यामाचल — श्याम + आचल = गुण संधि
  3. निद्रासीन — निद्रा + आसीन = दीर्घ संधि
  4. पीतांबरी — पीत + अंबरी = गुण संधि
  5. परोपकारी — पर + उपकारी = दीर्घ संधि
  6. पूर्वांचल — पूर्व + अंचल = गुण संधि
  7. अतिशयोक्ति — अतिश + युक्ति = दीर्घ संधि

पाठ से आगे
राजस्थान में पवित्र सरोवर हमारी धार्मिक व सांस्कृतिक मूल्यों के जीवंत स्मारक हैं। पुष्कर राज, कोलायत तीर्थ, लोहार्गल तीर्थ, गलता जी, भीमगौड़ा, विमल कुंड आदि राज्य के इसी प्रकार के तीर्थ हैं। आप अपने नजदीकी तीर्थ के बारे में जानकारी कर उसके बारे में पाँच वाक्य लिखिए।
उत्तर:
घुश्मेश्वर महादेव-शिवाड़

  1. धुश्मेश्वर महादेव का मंदिर शिवाड ग्राम में स्थित है।
  2. शिवपुराण में शिवालय और मध्यकाल में शिवाल के रूप में उल्लेखित यह स्थल कालांतर में शिवाड के रूप में विख्यात हो गया।
  3. ऐतिहासिक एवं धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण यह पावन स्थल भगवान श्री धुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग की लीलास्थली है।
  4. यहाँ भगवान शिव का बारहवाँ व अंतिम ज्योतिर्लिंग स्थित है।
  5. मंदिर में स्त्रियों का प्रवेश वर्जित था लेकिन वर्ष 2004 में तत्कालीन शिक्षा मंत्री घनश्याम तिवाड़ी ने इसमें सपत्नी प्रवेश कर हजारों वर्ष पुरानी परंपरा को तोड़ पूजा-अर्चना की।

यह भी जानें
धौलपुर राजस्थान का क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे छोटा न्निा है। यह जिला राज्य के पूर्वी भाग में उत्तरप्रदेश व मध्यप्रदेश की सीमाओं पर स्थित है। यह जिला देश में अपने शानदार रेड स्टोन जिसे रेड डायमंड कहा जाता है, के लिए भी जाना जाता है। यह पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं से भरा हुआ है। यहाँ के दर्शनीय स्थलों में मुचुकुंड सरोवर के अलावा तालाब-ए-शाही, खानपुर महल, वन विहार, केसर बाग व रामसागर अभयारण्य, केसर क्यारी, देवहंस का किला, हनुहुँकार तोप, सिटी पैलेस, चंबल उद्यान, चंबल सफारी, दमोह झरना, सैंपऊ महादेव, पार्वती डेम और शेरगढ़ दुर्ग आदि भव्य स्थान हैं।

यह भी करें
प्रश्न 1.
राजस्थान के मानचित्र में धौलपुर जिले को पहचानिए।
उत्तर:

RBSE Solutions for Class 6 Hindi Chapter 9 हमारी धरोहर-तीर्थराज मचकुंड 1

प्रश्न 2.
चित्र को ध्यानपूर्वक देखिए और उन कारणों का पता लगाइए जिनके कारण हमारे जल प्रवाह प्रदूषित हो रहे हैं। इन्हें प्रदूषण से बचाने के लिए क्या उपाय कर सकते हैं? चर्चा करें।
RBSE Solutions for Class 6 Hindi Chapter 9 हमारी धरोहर-तीर्थराज मचकुंड 2
उत्तर:
कारण-

  1. नदी में नहाना और कपड़े धोना।
  2. कारखानों का खराब पदार्थ (वेस्टेज) को नदी में गिरना।
  3. जानवरों को नदी में नहलाना।
  4. नालों और सीवेज के पानी का नदी में गिरना।
  5. ट्रेन का सूत नदी में गिरना।

उपाय

  1. नदी के पानी में घुसकर नहीं नहाना चाहिए और न ही उनके घाटों पर कपड़े, बर्तन आदि धोने चाहिए। क्योंकि इससे गंदगी जल में विलय हो जाती है और नदी प्रदूषित हो जाती है।
  2. कारखानों और घरों आदि का बेकार पदार्थ भी नदी में नहीं गिरना चाहिए। इसकी निकासी का अलग से समुचित प्रबंध होना चाहिए।
  3. जानवरों को नदी आदि में नहीं नहलाना चाहिए। उन्हें नदी से पानी भरकर बाहर ही नहलाना चाहिए या और कोई अलग से व्यवस्था करनी चाहिए।
  4. सरकार को सीवेज और नालों के गंदे पानी को नदी में गिरने से रोकने के लिए समुचित प्रबंध करना चाहिए। ताकि इनका गंदा पानी हमारे जल प्रवाह को प्रदूषित न कर सके।
  5. ट्रेन का सूत (कोयले की राख आदि) भी नदी में नहीं गिरानी चाहिए।

अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
किसकी गोद में स्थित प्राकृतिक सरोवर मचकुंड पौराणिक महत्व का स्थान है
(क) अरावली
(ख) हिमालय
(ग) गंगा
(घ) यमुना

प्रश्न 2.
मुचुकुंद महाराज कहाँ सो रहे थे
(क) गुफा में
(ख) घर में
(ग) जंगल में
(घ) कमरे में

प्रश्न 3.
मचकुंड सरोवर को तीर्थों का कह्म जाता है
(क) मामा
(ख) नाना
(ग) भतीजा
(घ) भानजा
उत्तर:
1. (क)
2. (क)
3. (घ)

रिक्त स्थान पूर्ति…..
(हरगोविंद सिंह, मचकुंड, कव्वाली, उत्साह, लंगर)

  1. मुचुकुंद महाराजं से संबोधित होने के कारण ही इसे कालांतर में ……… कहा गया।
  2. गुरुद्वारे में भजन कीर्तन व …….. का आयोजन होता है।
  3.  ……… ग्वालियर जाते समय यहाँ एक दिन ठहरे थे।
  4. मेले के दिन नगर में भारी …….. देखा जा सकता है।

उत्तर:

  1. मचकुंड
  2. लंगर
  3. हरगोविंद सिंह
  4. उत्साह

अति लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
राजगुरु मंदिर की स्थापना रियासत काल में किसने कराई थी?
उत्तर:
राजगुरु मंदिर की स्थापना रियासत काल में महाराज भगवंतसिंह ने कराई थी।

प्रश्न 2.
मचकड सरोवर किसके लिए जाना जाता है?
उत्तर:
मचकुंड सरोवर धार्मिक आस्था, पवित्र स्नान तथा कौमी एकता के लिए जाना जाता है।

प्रश्न 3.
मचकुंड सरोवर के पास स्थित कौन-सा ताल है?
उत्तर:
मचकुंड सरोवर के पास छतरिया ताल स्थित है।

प्रश्न 4.
मचकुंड सरोवर को पूर्वांचल का क्या कहा जाता है?
उत्तर-मचकुंड सरोवर को पूर्वांचल का पुष्कर कहा जाता है।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
देवताओं ने मुचुकुंद महाराज को क्या वरदान दिया था?
उत्तर:
इंद्र ने देवासुर संग्राम में मुचुकुंद महाराज को अपना सेनापति बनाया था और विजयी होने की खुशी में देवताओं ने उन्हें यह वरदान दिया कि जो आपकी नींद में खलल डालेगा अर्थात् आपको जगाने पर आपकी प्रथम दृष्टि जिस पर पड़ेगी वह भस्म हो जाएगा।

प्रश्न 2.
प्रत्येक वर्ष की भाद्रपद शुक्ला छठ को मचकुंड सरोवर पर क्या होता है?
उत्तर:
प्रत्येक वर्ष की भाद्रपद शुक्ला छठ को यहाँ वार्षिक मेला भरता है। इस मेले में श्रद्धालु पवित्र स्नान करते हैं व शादियों की मौरछड़ी व कलंगी आदि का विसर्जन करते हैं। मान्यता है कि इसमें स्नान करने से चर्म रोग दूर हो जाते हैं।

प्रश्न 3.
मचकुंड के पास पहाड़ी पर किस सूफी संत की मजार है?
उत्तर:
मचकुंड के पास एक पहाड़ी पर अब्दाल शाह रहमतुल्ला अलैह सूफी संत की मजार है। यहीं पर अब्दाल शाह ने अपना स्थान बनाया। यहाँ देवछ्ठ के वार्षिक मेले पर कव्वाली का आयोजन किया जाता है।

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
भगवान श्रीकृष्ण ने मुचुकुंद महाराज को संसार मैं शान्ति का क्या मार्ग बताया?
उत्तर:
श्यामाचल पर्वत की गुफा में श्रीकृष्ण ने मुचुकुंद महाराज को विष्णु रूप में दर्शन दिए। इससे अभिभूत मुचुकुंद महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण से संसार में शांति का मार्ग पूछा। श्रीकृष्ण ने उन्हें यहाँ पाँच कुंडीय यज्ञ करके गंधमादन पर्वत पर तपस्या करने के लिए कहा। महाराज मुचुकुंद ने यहाँ पाँच कुंडीय यज्ञ पर ऋषि पंचमी को पूर्णाहुति दी तथा अगले दिन भाद्रपद शुक्ला छठ, जिसे देवछठ भी कहा जाता है, को भोज का आयोजन किया। यह स्थान आजकल मुचुकुंड के नाम से जाना जाता है।

प्रश्न 2.
मचकुंड सरोवर के आस-पास के मंदिरों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मचकुंड सरोवर के आस—पास बने मंदिरों में रानी गुरु मंदिर, लाड़ली मोहन मंदिर तथा राजगुरु मंदिर विशेष महत्व के हैं। इन मंदिरों में लाडली मोहन मंदिर काफी प्राचीन है। इसकी स्थापना संवत् 1899 में राजखजाने से की गयी थी। धौलपुर के लाल पत्थर से जड़ित यह मंदिर शिल्पकला व नक्काशी का सुंदर नमूना है। इसके चौक के मध्य में 7 फीट ऊँचाई पर अष्टकोण में एक शिवालय है। यहाँ पंचमुखी शिवलिंग के अलावा हनुमान, राम, जानकी व बलराम की मूर्ति विराजमान हैं। राजगुरु मंदिर में जगन्नाथ जी, बलरामजी, सुभद्राजी, लक्ष्मण जी, जानकी जी के विग्रह सुशोभित हैं। मदनमोहन मंदिर इस सरोवर के आग्नेय कोण में स्थापित है। इस मंदिर को रानी गुरु मंदिर के नाम से जाना जाता है।

कठिन शब्दार्थ

जिला मुख्यालय = जिले का मुख्य शहर जहाँ प्रशासनिक कार्यालय भी होते हैं। प्राकृतिक = प्रकृति द्वारा बनाया हुआ। सरोवर = तालाब। पौराणिक = प्राचीन समय से। महत्व = उपयोगी। संबंधित = जुड़े हुए। कालांतर = भूतकाल। वर्णन = उल्लेख। किंवदंती = कहा जाता है। स्कंद = भाग। विश्राम = आराम। वरदान = आशीर्वाद। खलल = विघ्न। दृष्टि = देखना, नजर। भस्म = राख, जलना। अजेय = जिसे जीता न जा सके। पूर्ण = पूरा। रणछोड़ = युद्ध भूमि से। पर्वत = पहाड़। निद्रासीन = सोए हुए। पीतांबरी = पीला दुपट्टा। ललकारा = युद्ध के लिए पुकारा। नेत्रों से = आँखों से। ज्वाला = आग। भस्म = राख्न। दर्शन = दिखायी। अभिभूत = धन्य होना, प्रार्थनीय। यज्ञ = हवन्। तपस्या = प्रार्थना। पूर्णाहुति = हवन की आहुति। आयोजन = प्रबंध। अपूर्व = अत्यधिक सुंदर। काल = समय। धार्मिक आस्था = धर्म से जुड़ी हुई भावना। पवित्र = शुद्ध। कौमी एकता = जातिगत जुड़ाव। दीपदान = दीपक जलाना। परिक्रमा = तीर्थयात्रा। संस्कृति = रीति-रिवाज। श्रद्धालु = श्रद्धा रखने वाले। मजार = दरगाह। जड़ित = बना हुआ। शिल्पकला = पत्थर पर की गयी कलाकृति। नक्काशी = किसी पदार्थ पर दबाव डालकर नयी चीजें बनाना। स्थापना = निर्माण करना। विग्रह = प्रतिमा, मूर्ति। धर्मावलंबियों = एक धर्म को मानने वाले। लंगर = एक साथ ‘भोजन करना। जनश्रति = लोगों के कहे अनुसार। परोपकारी = दयालु। सांप्रदायिक सौहार्द = आपसी भाईचारा। पर्यटन = घूमना। आकर्षक = देखने योग्य। श्रमदान = परिश्रम करना। नियमित = रोजाना। विरासत = धरोहर। क्षति = नुकसान। अतिशयोक्ति = बढ़ा चढ़ाकर।

गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या एवं अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर

(1)
किंवदंती है कि त्रेता युग में हुए देवासुर संग्राम में इंद्र ने महाराज मुचुकुंद को अपना सेनापति बनाया था। इस युद्ध में विजय होने के बाद मुचुकुंद महाराज विश्राम के लिए श्यामाचल पर्वत की एक गुफा में जाकर सो गए। देवताओं ने उन्हें वरदान दिया कि जो आपकी नींद में खलल डालेगा अर्थात् आपको जगाने पर आपकी प्रथम दृष्टि जिस पर पड़ेगी वह भस्म हो जाएगा।
प्रसंग—प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक में संकलित “हमारी धरोहर-तीर्थराज मचकुंड” नामक निबंध से लिया गया है। इन पंक्तियों में मुचुकुंद महाराज के विषय में बताया गया है।
व्याख्या/भावार्थ—यह कहा जाता है कि त्रेता युग में देवताओं और असुरों में युद्ध हुआ था। इस युद्ध में इंद्र ने महाराज मुचुकुंद को अपना सेनापति बनाया था। युद्ध में सफलता प्राप्त करने के पश्चात् महाराज मुचुकुंद आराम करने के लिए श्यामाचल पर्वत की एक गुफा में जाकर सो गये। देवताओं ने उन्हें आशीर्वाद दिया था कि जो कोई उनकी नींद में विघ्न डालेगा यानी कि जो आपके जागने पर आपके सामने सबसे पहले आयेगा वह राख हो जाएगा।

प्रश्न 1.
त्रेता युग में किस-किस में संग्राम हुआ था?
उत्तर:
त्रेता युग में देवताओं और असुरों में संग्राम हुआ था।

प्रश्न 2.
इंद्र ने किसे अपना सेनापति बनाया था?
उत्तर:
इन्द्र ने मुचुकुंद महाराज को अपना सेनापति बनाया था।

प्रश्न 3.
मुचुकंद महाराज विश्राम करने के लिए कहाँ जाकर सो गये?
उत्तर:
मुचुकुंद महाराज विश्राम करने के लिए श्यामाचल पर्वत की गुफा में जाकर सो गये।

प्रश्न 4.
देवताओं ने उन्हें क्या वरदान दिया था?
उत्तर:
देवताओं ने उन्हें वरदान दिया था कि जागने के बाद जिस पर उनकी दृष्टि सबसे पहले पड़ेगी, वह भस्म हो जायेगा।

(2)
मचकुंड पर अपूर्व प्राकृतिक छटा से युक्त पवित्र सरोवर के किनारे मंदिरों का निर्माण धौलपुर रियासत के शासक महाराज भगवंतसिंह के काल में हुआ। यह स्थान धार्मिक आस्था, पवित्र स्नान तथा कौमी एकता के लिए जाना जाता हैं। यहाँ प्रत्येक माह की पूर्णिमा को दीपदान व महा आरती का आयोजन किया जाता है। प्रत्येक माह की अमावस्या को परिक्रमा का आयोजन धार्मिक आस्था और संस्कृति को साकार कर देता है। यहाँ प्रतिवर्ष भाद्रपद शुक्ला छठ को वार्षिक मेला भरता है।
प्रसंग—प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक के “हमारी धरोहर- तीर्थराज मचकुंड” नामक निबंध से लिया गया है। इन पंक्तियों में मचकुंड के महत्व का वर्णन किया गया है।
व्याख्या/भावार्थ—मचकुंड पर अनोखी प्रकृति के दृश्यों से युक्त पवित्र तालाब के किनारे धौलपुर रियासत के शासक महाराज भगवंतसिंह ने मंदिरों का निर्माण कराया । यह जगह धर्म से जुड़ी हुई भावना, पवित्र स्नान तथा जातिगत अखंडता के लिए मशहूर है। यहाँ पर महीने की पूर्णिमा को दीपदान व महाआरती का आयोजन किया जाता है। प्रत्येक महीने की अमावस्या को परिक्रमा का आयोजन धार्मिक भावना और रीति रिवाज को साकार कर देता है। यहाँ हर वर्ष भादों की शुक्लपक्ष की षष्ठी को मेला लगता है।

प्रश्न 1.
मचकुंड पर पवित्र सरोवर के किनारे किसका निर्माण हुआ है?
उत्तर:
मचकुंड पर पवित्र सरोवर के किनारे मंदिरों का निर्माण हुआ है।

प्रश्न 2.
मंदिरों का निर्माण किसने कराया था?
उत्तर:
मंदिरों का निर्माण धौलपुर रियासत के शासक महाराज भगवंतसिंह ने कराया था।

प्रश्न 3.
मचकुंड तीर्थस्थान क्यों जाना जाता है?
उत्तर:
यह स्थान धार्मिक आस्था, पवित्र स्नान तथा कौमी एकता के लिए जाना जाता है।

प्रश्न 4.
यहाँ पर किस दिन दीपदान व महाआरती का आयोजन किया जाता है?
उत्तर:
यहाँ प्रत्येक माह की पूर्णिमा को दीपदान व महाआरती का आयोजन किया जाता है।

(3)
इस स्थान की पवित्रता बनाए रखने के लिए प्रतिवर्ष स्काउट गाइड, एन.सी.सी., सांस्कृतिक धरोहर सेवा वाहिनी एवं अन्य स्वयंसेवक यहाँ श्रमदान करते हैं तथा धौलपुर नगर परिषद् नियमित सफाई कराती है। ऐसे स्थानों पर गंदगी फैलाने से हमारी विरासत को क्षति पहुँचती हैं। यहाँ आयोजित मेले व कवाली में सभी धर्म व संप्रदाय के लोग बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं। मेले के दिन नगर में भारी उत्साह देखा जा सकता है। मचकुंड सरोवर के नैसर्गिक सौंदर्य, धार्मिक महत्त्व व प्रकृति की छटा को देखते हुए इसे पूर्वांचल का पुष्कर कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।
प्रसंग—प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक के ‘हमारी धरोहर तीर्थराज मचकुंड’ नामक निबंध से लिया गया है। इन पंक्तियों में बताया गया है कि किस प्रकार हमें अपनी सांस्कृतिक धरोहर को रखना चाहिए।
व्याख्या/भावार्थ—मचकुंड सरोवर की साफ-सफाई के लिए तथा इसकी शुद्धता बनाए रखने के लिए हर साल स्काउट गाइड, एन.सी.सी., सांस्कृतिक धरोहर सेवा वाहिनी एवं अन्य स्वयंसेवक यहाँ श्रमदान करते हैं तथा धौलपुर नगर परिषद् नियमित सफाई करती हैं। ऐसे स्थानों पर गंदगी फैलाने से हमारी धरोहर को हानि पहुँचती है। यहाँ होने वाले मेले में कव्वाली का आयोजन किया जाता है। इसमें सभी धर्म व जाति के लोग बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं। मेले के दिन नगर में भारी उत्साह होता है। मचकुंड सरोवर के प्राकृतिक सौंदर्य धार्मिक महत्व व प्रकृति की छटा को देखते हुए इसे पूर्वांचल का पुष्कर कहा जाए तो झूठ नहीं होगा।

प्रश्न 1.
इस स्थान की पवित्रता बनाए रखने के लिए स्वयंसेवक यहाँ क्या करते हैं?
उत्तर:
इस स्थान की पवित्रता बनाए रखने के लिए स्वयंसेवक यहाँ श्रमदान करते हैं।

प्रश्न 2.
ऐसे स्थानों पर हमें गंदगी क्यों नहीं फैलानी चाहिए?
उत्तर:
ऐसे स्थानों पर गंदगी फैलाने से हमारी विरासत को क्षति पहुँचती है।

प्रश्न 3.
यहाँ आयोजित मेले व कव्वाली में कौन-कौन बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं?
उत्तर:
यहाँ आयोजित मेले व कव्वाली में सभी धर्म व संप्रदाय के लोग बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं।

प्रश्न 4.
पूर्वाचल का पुष्कर किसे कहा जाता है?
उत्तर:
मचकुंड सरोवर के महत्व को देखते हुए इसे पूर्वांचल का पुष्कर कहा जाता है।

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