RBSE Solutions for Class 6 Science Chapter 8 सूक्ष्मजीव
RBSE Solutions for Class 6 Science Chapter 8 सूक्ष्मजीव
Rajasthan Board RBSE Class 6 Science Chapter 8 सूक्ष्मजीव
पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर
सही विकल्प का चयन कीजिए
प्रश्न 1.
सूक्ष्मजीव हैं
(अ) विषाणु
(ब) कवक
(स) जीवाणु
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 2.
किस सूक्ष्मजीव में सजीव व निर्जीव दोनों के गुण पाए जाते हैं ?
(अ) जीवाणु
(ब) कवक
(स) विषाणु
(द) प्रोटोजोआ
उत्तर:
(स) विषाणु
प्रश्न 3.
प्रतिजैविक औषधि है
(अ) पेनीसिलीन
(ब) इन्सुलिन
(स) अल्ड्रिन
(द) ऑक्सिन
उत्तर:
(अ) पेनीसिलीन
प्रश्न 4.
एककोशिकीय जीव हैं
(अ) अमीबा
(ब) गाय
(स) स्टार फिश
(द) मनुष्य
उत्तर:
(अ) अमीबा
रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए
- सूक्ष्मदर्शी की सहायता से ……. को देखा जा सकता है।
- ……….. नामक एककोशिकीय जीव द्वारा खाद्य सामग्री बनाई जाती है।
- ……….. जीवाणु वायुमण्डल की नाइट्रोजन को नाइट्रेट में बदलते हैं।
- खाद्य पदार्थ से जल को निष्कासित करने की प्रक्रिया को …………. कहते हैं।
उत्तर:
- सूक्ष्मजीवों
- यीस्ट
- राइजोबियम
- निर्जलीकरण
सही मिलान कीजिए
A | B |
1. विषाणु | (a) नाइट्रोजन स्थिरीकरण |
2. राइजोबियम | (b) एड्स |
3. यीस्ट | (c) दही |
4. लैक्टोबेसीलस | (d) किण्वन |
उत्तर:
1. (b)
2. (a)
3. (d)
4. (c)
लघु उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
विभिन्न प्रकार के सूक्ष्मजीवों के नाम लिखिए।
उत्तर:
विभिन्न प्रकार के सूक्ष्मजीव
- विषाणु
- माइकोप्लाज्मा
- जीवाणु
- कवक
- प्रोटोजोआ
- शैवाल
प्रश्न 2.
हमारे जीवन में उपयोगी सूक्ष्मजीवों के बारे में बताइए।
उत्तर:
हमारे जीवन में उपयोगी सूक्ष्मजीव
- लैक्टोबेसीलस जीवाणु—दूध से दही बनाने में उपयोगी हैं।
- राइजोबियम जीवाणु—नाइट्रोजन स्थिरीकरण करते हैं।
- क्लोस्ट्रीडियम बॉटूलिनम—विटामिन B12 के निर्माण में उपयोगी हैं।
- पेनीसिलियम—पैनीसिलीन नामक प्रतिजैविक से प्राप्त होता है।
प्रश्न 3.
पाश्चुरीकरण क्या है ?
उत्तर:
पाश्चुरीकरण (Pasturization): यह सूक्ष्मजीवों को नष्ट करने की एक विधि है। इसमें डिब्बों या बोतलों में बन्द दूध व अन्य खाद्य पदार्थों को डिब्बों या बोतलों में भरने से पहले 60 डिग्री तापमान पर 30 मिनट तक गर्म कर तुरन्त ठण्डा किया जाता है। यह प्रक्रिया 2 से 3 बार करने से इनमें उपस्थित हानिकारक सूक्ष्म जीव नष्ट हो जाते हैं।
प्रश्न 4.
खाद्य विषाक्तता क्या है ? यह क्यों होती है ?
उत्तर:
खाद्य पदार्थों का विषैला होना खाद्य विषाक्तता (Food poisoning) कहलाती है। यह एक प्रकार के जीवाणुओं क्लोस्ट्रीडियम बॉटूलिनम के कारण होती है। ये जीवाणु खाद्य पदार्थों को विषाक्त कर देते हैं जिससे इन्हें ग्रहण करने वालों को उल्टी-दस्त होने लगते हैं और कभी-कभी मृत्यु भी हो जाती है।
प्रश्न 5.
सूक्ष्मजीवों से होने वाली हानियाँ लिखिए।
उत्तर:
बहुत से सूक्ष्मजीव विभिन्न प्रकार से हानि भी पहुँचाते हैं; जैसे
- कुछ सूक्ष्मजीव मनुष्य में क्षय (T.B.), कुकरखाँसी, टिटनेस, हैजा आदि रोग उत्पन्न करते हैं।
- कुछ सूक्ष्मजीव खाद्य पदार्थों को नष्ट कर देते हैं।
- कुछ सूक्ष्मजीव खाद्य विषाक्तता उत्पन्न करते हैं।
- कुछ सूक्ष्मजीव बहुमूल्य वस्तुओं को नष्ट कर देते हैं।
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
सूक्ष्मजीव क्या हैं ? विभिन्न प्रकार के सूक्ष्मजीवों को उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर:
सूक्ष्मजीव (Micro-organisms)-ऐसे सजीवों को जिन्हें हम सूक्ष्मदर्शी यन्त्र की सहायता से ही देख सकते हैं, सूक्ष्मजीव कहलाते हैं।
विभिन्न प्रकार के सूक्ष्मजीव
- विषाणु (Virus): ये सूक्ष्म संरचनाएँ हैं और इनमें सजीव तथा निर्जीव दोनों के गुण होते हैं। प्रकृति में ये निर्जीव की तरह रह सकते हैं किन्तु किसी सजीव में प्रवेश करने पर इनमें वृद्धि एवं गुणन होने लगता है। ये पादप एवं जन्तुओं में अनेक रोग फैलाते हैं।
- माइकोप्लाज्मा (Mycoplasma): ये सबसे छोटी कोशिका है जो जीवाणु फिल्टर में से भी छन जाती है। ये पादपों में कई रोग उत्पन्न करते हैं।
- जीवाणु (Bacteria): ये प्रोकैरियोटिक एककोशिकीय जीव हैं। ये सर्वत्र पाए जाते हैं। उदाहरण- ई. कोलाई, लैक्टोबेसीलस।
- कवक: ये फहूँद या फंगस या कवक भी कहलाते हैं। ये एककोशिकीय से बहुकोशिकीय सरल संरचना वाले सूक्ष्मजीव होते हैं। ये मृतोपजीवी होते हैं। उदाहरण- पक्सिनिया ग्रेमिनिस ट्रिटीसाई, स्कलेरोस्पोरा ग्रेमिनीकोला आदि।
- प्रोटोजोआ (Protozoa): ये एककोशिकीय सूक्ष्मजीव हैं। उदाहरण-अमीबा, पैरामीशियम युग्लीना आदि।
- शैवाल (Algae): ये एककोशिकीय से बहुकोशिकीय सरल संरचना वाले पादप हैं। ये स्वपोषी होते हैं। उदाहरण- स्पाइरोगाइरा, यूलोथ्रिक्स, क्लोरेला, क्लेमाइडोमोनास आदि।
प्रश्न 2.
खाद्य परिरक्षण क्या है ? खाद्य पदार्थों को। प्रदूषित होने से बचाने के उपाय लिखिए।
उत्तर:
खाद्य परिरक्षण (Food Preservation): खाद्य पदार्थों व भोजन की पौष्टिकता व गुणवत्ता को यथावत् बनाए रखने की प्रक्रिया को खाद्य परिरक्षण कहते हैं। खाद्य परिरक्षण के निम्नलिखित उपाय हैं
- शीतलन द्वारा
- निर्जर्मीकरण द्वारा
- पाश्चुरीकरण द्वारा
- निर्जलीकरण द्वारा
- उबालकर
- रसायनों का उपयोग करके
- नमक, शक्कर, तेल व सिरके का उपयोग करके।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित के चित्र बनाइए
- अमीबा
- पैरामीशियम
- शैवाल
- कवक
- विषाणु
- लेग्यूम कुल के पौधे की जड़ गुलिकाएँ।
उत्तर:
क्रियात्मक कार्य
प्रश्न 1.
दैनिक जीवन में सूक्ष्मजीवों से होने वाले लाभ हानियों का अवलोकन कर सूची बनाइए।
कार्य—लाभदायक सूक्ष्मजीव
- राइजोबियम, क्लोस्ट्रीडियम एनाबीना, नोस्टोक आदि जीवाणु—कृषि में उपयोगी, मिट्टी की उर्वरता बढ़ाते हैं।
- लैक्टोबेसीलस जीवाणु—दही, पनीर, योगर्ट निर्माण में सहायक होता है।
- यीस्ट कवक—बेकरी उद्योग में प्रयोग होता है।
- क्लोरेला शैवाल—प्रोटीन का स्रोत है।
- पेनीसिलियम कवक—पेनीसिलीन प्रतिजैविक प्राप्त होता
- क्लोस्ट्रीडियम बॉटूलिनम जीवाणु —विटामिन B12 प्राप्त होता है।
हानिकारक जीव
- विषाणु—एड्स, मम्प्स, रेबीज आदि रोग उत्पन्न करते हैं।
- जीवाणु—क्षय रोग, कुकरखाँसी, हैजा, टिटेनस आदि रोग उत्पन्न करते हैं।
- प्रोटोजोआ—मलेरिया रोग उत्पन्न करते हैं।
- कवक—कुछ कवक दाद, चर्म रोग उत्पन्न करते हैं।
- शैवाल (सिफेल्युरोस)—चाय की पत्तियों को हानि पहुँचाता है।
प्रश्न 2.
अपने आस-पास के अस्पताल अथवा किसी दवा की दुकान से पता करके प्रतिजैविक (एण्टीबायोटिक) दवाइयों की सूची बनाइए।
कार्य:
प्रतिजैविक दवाइयों की सूची
- सबटिलिन
- ऑरोमाइसिन
- क्लोरोमाइसिटिन
- नियोमाइसिन
- स्ट्रेप्टोमाइसिन
- टेरामाइसिन
- पेनिसलीन
- साइट्रिनिन
- क्लेविसिन
- ग्लिओटॉक्सिन।
प्रश्न 3.
किसी एक सूक्ष्मजीव का मॉडल बनाइए।
उत्तर:
संकेत—छात्र स्वयं करें ।
पाठगत प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
हम घर के बचे हुए भोजन को किस प्रकार सुरक्षित रखते हैं ? (पृष्ठ 67)
उत्तर:
हेम घर के बचे हुए भोजन को ठण्डे और हवादार स्थान पर रखते हैं या फिर फ्रिज में रखते हैं।
प्रश्न 2.
खुले एवं नम स्थान पर रखी ब्रेड में क्या परिवर्तन होता है ? (पृष्ठ 67)
उत्तर:
ब्रेड के ऊपर सफेद काई जैसी संरचना बन जाती है।
प्रश्न 3.
सूक्ष्मजीवों द्वारा भोजन संदूषित होने पर क्या होता है ? (पृष्ठ 67)
उत्तर:
भोजन खाने योग्य नहीं रहता। यदि इसे खा भी लिया जाए तो हम बीमार पड़ सकते हैं।
प्रश्न 4.
क्या भोजन का संदूषण एक रासायनिक अभिक्रिया है ? (पृष्ठ 67)
उत्तर:
हाँ, भोजन का संदूषण एक रासायनिक अभिक्रिया है।
प्रश्न 5.
एक दशक पहले तक इंजेक्शन लगाने से पूर्व काँच की सीरिंज एवं सुई को उबलते हुए पानी में गर्म करते थे। इन्हें गर्म क्यों करते थे ? (पृष्ठ 67)
उत्तर:
सीरिंज एवं सुई को निर्जर्मीकृत करने के लिए।
प्रश्न 6.
आजकल अस्पतालों में किस प्रकार की सीरिंज काम में ली जाती है ? (पृष्ठ 67)
उत्तर:
आजकल अस्पतालों में काम में ली जाने वाली सीरिंज एवं सुइयाँ निर्जर्मीकृत होती हैं तथा इनका एक ही बार उपयोग किया जाता है।
क्रियाकलाप
गतिविधि-1 (पृष्ठ 62)
प्रश्न 1.
कितने दिनों में इनकी सतह सफेद तन्तु जैसी संरचनाओं एवं काले धब्बों से ढक जाती है ?
उत्तर:
दो या तीन दिनों में। इन धब्बों को आवर्धक लेंस की सहायता से देखिए।
प्रश्न 2.
आपको किस प्रकार की संरचनाएँ दिखाई देती हैं?
उत्तर:
पतले, सफेद तन्तु एवं काले रंग के छोटे-छोटे धब्बे दिखाई देते हैं।
प्रश्न 3.
क्या आपको यह संरचनाएँ बिना आवर्धक लेंस के भी दिखाई दे रही थीं ?
उत्तर:
नहीं, ये संरचनाएँ स्पष्ट दिखाई नहीं दे रही थीं।
प्रश्न 4.
ये संरचनाएँ क्या हैं ?
उत्तर:
ये संरचनाएँ कवक के तन्तु एवं बीजाणु हैं।
प्रश्न 5.
ये संरचनाएँ कहाँ से आई हैं ?
उत्तर:
कई प्रकार के सूक्ष्मजीवों के बीजाणु हवा में विद्यमान रहते हैं। अनुकूल वातावरण व पोषण की उपस्थिति में ये वृद्धि कर ऐसी तन्तुरूपी संरचनाओं का निर्माण करते हैं।
गतिविधि-2 (पृष्ठ 62)
प्रश्न 1.
आपको किस प्रकार की संरचनाएँ दिखाई देती हैं ?
उत्तर:
जल की बूंद में विभिन्न प्रकार की संरचनाएँ; जैसे-छड़, टेढ़ी-मेढ़ी संरचनाएँ दिखाई देती हैं।
प्रश्न 2.
ये संरचनाएँ क्या हैं ?
उत्तर:
ये संरचनाएँ विभिन्न प्रकार के सूक्ष्मजीव हैं जो जल में पाए जाते हैं।
गतिविधि-3 (पृष्ठ 64)
सुबह उठकर देखने पर
प्रश्न .
दूध, दही में बदल जाता है।
निष्कर्ष:
दही (जावण) में उपस्थित लैक्टोबेसीलस जीवाणुओं के द्वारा यह दूध दही में बदल जाता है। उपर्युक्त गतिविधि से यह ज्ञात होता है कि सूक्ष्मजीव हमारे लिए लाभदायक भी होते हैं।
गतिविधि-4
प्रश्न 1.
आपको जड़ों में क्या दिखाई दे रहा है ?
उत्तर:
जड़ों में गाँठदार संरचनाएँ दिखाई दे रही हैं।
प्रश्न 2.
ये गाँठरूपी संरचनाएँ क्या कहलाती हैं व किस कारण बनती हैं ?
उत्तर:
ये गाँठरूपी संरचनाएँ जड़, गाँठे या मूल गुलिकाएँ (Root nodules) कहलाती हैं। ये राइजोबियम जीवाणुओं के जड़ों पर संक्रमण से बनती हैं।
प्रश्न 3.
इनका क्या कार्य है ?
उत्तर:
इनके अन्दर पाये जाने वाले राइजोबियम जीवाणु वायुमण्डलीय नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करके पौधों को नाइट्रेट उपलब्ध कराते हैं।
प्रश्न 4.
क्या ये सभी प्रकार के पौधों की जड़ों में पायी जाती हैं ?
उत्तर:
नहीं, ये सभी प्रकार के पौधों की जड़ों में नहीं पायी। जाती हैं।
गतिविधि-5 (पृष्ठ 67)
प्रश्न 1.
छः-सात दिनों बाद उन्हें देखिए कि क्या होता है?
उत्तर:
ये सड़ जाते हैं।
प्रश्न 2.
दादाजी, माताजी द्वारा बनाया गया आम का अचार काफी समय तक खराब नहीं होता है। ऐसा क्यों होता है ?
उत्तर:
आम के अचार को बचाने के लिए इसका परिरक्षण किया जाता है।
अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
बहुविकल्पीय प्रश्न
निम्नलिखित प्रश्नों में सही विकल्प का चयन कीजिए
प्रश्न 1.
सजीव तथा निर्जीव के बीच योजक कड़ी है
(अ) विषाणु
(ब) जीवाणु
(स) कवक
(द) प्रोटोजोआ
उत्तर:
(अ) विषाणु
प्रश्न 2.
HIV है एक
(अ) विषाणु
(ब) जीवाणु
(स) कवक
(द) माइकोप्लाज्मा
उत्तर:
(अ) विषाणु
प्रश्न 3.
दूध को दही में बदल देता है
(अ) राइजोबियम
(ब) क्लोस्ट्रीडियम
(स) लैक्टोबेसीलस
(द) स्पाइरोगाइरा
उत्तर:
(स) लैक्टोबेसीलस
प्रश्न 4.
गेहूँ की रस्ट उत्पन्न करता है
(अ) शैवाल
(ब) जीवाणु
(स) प्रोटोजोआ
(द) कवक
उत्तर:
(द) कवक
प्रश्न 5.
जल को जीवाणुरहित करने के लिए प्रयोग होता है
(अ) ब्लीचिंग पाउडर
(ब) क्लोरीन
(स) पोटेशियम परमॅग्नेट
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(द) कवक
रिक्त स्थान
निम्नलिखित वाक्यों में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
- कई प्रकार के सूक्ष्मजीवों के ………. हवा में विद्यमान रहते हैं।
- कुछ कवक पादप एवं जन्तुओं पर …………. के रूप में भी पाए जाते हैं।
- पेनिसीलियम नामक कवक से ………: नामक जीवन रक्षक औषधि बनाई जाती है।
- कम ताप पर खाद्य पदार्थों को रखने की विधि को ……….. कहते हैं।
उत्तर:
- बीजाणु
- परजीवी
- पेनीसिलीन
- शीतलन
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
TMV का पूरा नाम लिखिए।
उत्तर:
TMV = टोबेको मोजेक वाइरस।
प्रश्न 2.
HJ का पूरा नाम लिखिए।
उत्तर:
HIV = ह्यूमन इम्यूनो डेफिशियन्सी वाइरस।
प्रश्न 3.
माइकोप्लाज्मा द्वारा पौधों में होने वाले दो रोगों के नाम लिखिए।
उत्तर:
- बैंगन का लघुपर्ण रोग
- तिल का फिल्लोडी रोग।
प्रश्न 4.
दो प्रोटोजोआओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
अमीबा, युग्लीना।
प्रश्न 5.
किसी प्रोकैरियोटिक शैवाल का नाम लिखिए।
उत्तर:
नील हरित शैवाल।
प्रश्न 6.
गेहूँ के काले किट्ट रोग के कारक का नाम लिखिए।
उत्तर:
पक्सीनिया ग्रेमिनस ट्रिटिसाई।
प्रश्न 7.
दो एककोशिकीय, यूकैरियोटिक शैवालों के नाम लिखिए।
उत्तर:
- क्लेमाइडोमोनास
- क्लोरेला
प्रश्न 8.
डबल रोटी तथा जलेबी बनाने में किस कवक का प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर:
यीस्ट (Yeast) का।
प्रश्न 9.
टूथपेस्ट बनाने में किस सूक्ष्मजीव का उपयोग किया जाता है ?
उत्तर:
जेन्थोमोनास कैम्पेस्ट्रिस का।
प्रश्न 10.
ऑपरेशन के लिए प्रयुक्त औजारों एवं सामग्री को किस यन्त्र द्वारा सूक्ष्मजीवों से मुक्त किया जाता है ?
उत्तर:
ऑटोक्लेव यन्त्र द्वारा।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
शैवाल क्या हैं ? शैवाल के कुछ उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
शैवाल (Algae): ये एककोशिकीय से बहुकोशिकीय सरल संरचना वाले पादप हैं। शैवालों की उपस्थिति के कारण ही तालाबों, नदियों, पोखरों, नालों आदि का पानी हरा दिखाई देता है। उदाहरण-क्लेमाइडोमोनास, क्लोरेला (यूकैरियोटिक, एककोशिकीय), स्पाइरोगाइरा, यूलोथिक्स (यूकैरियोटिक, बहुकोशिकीय) एवं नील हरित शैवाल (प्रोकैरियोटिक, बहुकोशिकीय) ।
प्रश्न 2.
नाइट्रोजन चक्र क्या है ? समझाइए।
उत्तर:
नाइट्रोजन चक्र: जब मृत जन्तुओं एवं पादपों का अपघटन होता है तब उनमें उपस्थित नाइट्रोजन गैस मुक्त होकर वायुमण्डल में चली जाती है। यही नाइट्रोजन पादपों द्वारा फिर से ग्रहण की जाती है। इस प्रकार प्रकृति में यह चक्र निरन्तर चलता रहता है। इससे वायुमण्डल में नाइट्रोजन की मात्रा स्थिर रहती है। वायुमण्डल की मुक्त नाइट्रोजन का उपयोगी यौगिकों में बदलकर सजीवों में पहुँचना तथा पुनः इनसे नाइट्रोजन का मुक्त होकर वायुमण्डल में मिलना नाइट्रोजन चक्र (Nitrogen cycle) कहलाता है।
प्रश्न 3.
रोग उत्पन्न करने वाले कुछ सूक्ष्मजीवों के बारे में लिखिए।
उत्तर:
रोग उत्पन्न करने वाले सूक्ष्मजीवों को रोगाणु कहते हैं। मनुष्य में क्षय (T.B.), कुकरखाँसी, डिफ्थीरिया, टिटनेस, हैजा, मलेरिया, चर्म रोग आदि इन्हीं सूक्ष्मजीवों के कारण होते हैं। एन्थ्रेक्स मनुष्य एवं जन्तुओं में सूक्ष्मजीवों से होने वाला भयानक रोग है। गाय में खुरपका एवं मुँहपका रोग वायरस द्वारा होता है। नीबू का केकर (जीवाणुजनित), गेहूँ की रस्ट (कवकजनित), भिण्डी का पीत सिरा मोजेक (वाइरस जनित) आदि रोग सूक्ष्मजीवों द्वारा होते हैं।
प्रश्न 4.
सूक्ष्मजीव द्वारा खाद्य पदार्थों एवं बहुमूल्य वस्तुओं को कैसे हानि पहुँचाते हैं ?
उत्तर:
सूक्ष्मजीव खाद्य पदार्थों तथा हमारी बहुमूल्य वस्तुओं को नष्ट कर देते हैं। अनाज, दालें, पके हुए फल, भोजन, अचार आदि सूक्ष्मजीवों के कारण खराब हो जाते हैं। इसके अलावा कपड़े, कागज, लकड़ी, चमड़ा आदि से बनी सभी प्रकार की बहुमूल्य वस्तुओं को सूक्ष्मजीव खराब कर देते हैं। जिससे उनकी गुणवत्ता कम हो जाती है।
प्रश्न 5.
हानिकारक सूक्ष्मजीवों से उपयोगी वस्तुओं के बचाव के उपाय लिखिए।
उत्तर:
हानिकारक सूक्ष्मजीवों से बचाव के उपाय
- घरों में अनाज, दालें, कपड़े आदि को समय-समय पर धूप में सुखाना।
- पकाई हुई दाल, दूध आदि भोज्य पदार्थों को ठण्डी जगह रखना।
- अचार में तेल, मुरब्बों में शक्कर आदि डालना।
- सिरके का उपयोग कर भोज्य पदार्थों को संरक्षित करना।
- धान एवं दालों में पारद गोली एवं नीम की पत्तियों का उपयोग करना।
प्रश्न 6.
शीतलन से आप क्या समझते हैं ? इससे खाद्य पदार्थ कैसे सुरक्षित रहते हैं ?
उत्तर:
शीतलन (Refrigeration): कम ताप पर खाद्य पदार्थों को रखने की विधि को शीतलन कहते हैं। शीतलन प्रक्रिया में तापमान कम होता है। कम ताप पर सूक्ष्मजीवों की जैविक क्रिया की दर में अत्यधिक कमी आ जाती है। जिससे इनकी वृद्धि नहीं होती है। अत: रेफ्रिजरेटर के अन्दर रखने पर खाद्य सामग्री जल्दी खराब नहीं होती है।
आजकल किसान व व्यापारी फलों, सब्जियों आदि को लम्बे समय तक सुरक्षित रखने के लिए शीतगृहों (कोल्ड स्टोरेज) का उपयोग करते हैं।
प्रश्न 7.
निर्जर्मीकरण किसे कहते हैं ? समझाइए।
उत्तर:
निर्जर्मीकरण (Sterilization)-इन्जेक्शन की सीरिंज एवं सुई को उबलते जल में गर्म कर रोगाणु मुक्त करने की प्रक्रिया निर्जर्मीकरण कहलाती है।
ऑपरेशन के लिए उपयोग में लिए जाने वाले औजारों एवं सामग्री को सूक्ष्मजीवों से मुक्त करने हेतु ऑटोक्लेव यन्त्र का उपयोग किया जाता है। यह प्रेशर कुकर की भाँति कार्य करता है। पराबैंगनी किरणों (Ultraviolet rayas) द्वारा भी वस्तुओं को रोगाणु मुक्त किया जाता है।
प्रश्न 8.
खाद्य परिरक्षण की दो सामान्य व प्रचलित विधियाँ लिखिए।
उत्तर:
- निर्जलीकरण (Dehydration)-इस विधि में खाद्य पदार्थों से जल को निकाल दिया जाता है। उदाहरण-अनाज और दालों से नमी हटाने के लिए इन्हें धूप में सुखाया जाता है।
- नमक, शक्कर, तेल व सिरके का उपयोग-माँस, अचार, जैम, जैली और सब्जियों के परिरक्षण में नमक, शक्कर, तेल व सिरके का प्रयोग किया जाता है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्नलिखित के दो-दो उदाहरण लिखिए
- विषाणु
- जीवाणु
- कवक
- प्रोटोजोआ
- शैवाल
उत्तर:
- विषाणु-
- TMV-टोबेको मोजेक वाइरस
- HIV-ह्यूमन इम्यूनो डेफिशियन्सी वाइरस
- जीवाणु
- लेक्टोबेसीलस
- ई. कोलाई
- कवक
- यीस्ट,
- पेनीसिलियम्
- प्रोटोजोआ
- अमीबा
- पैरामीशियम
- शैवाल
- स्पाइरोगायरा
- क्लेमाइडोमोनास
प्रश्न 2.
कवक क्या हैं ? ये किस प्रकार भोजन प्राप्त करते हैं ? समझाइए।
उत्तर:
कवक (Fungi): इन्हें फफूद या फंगस भी कहते हैं। ये एककोशिकीय से बहुकोशिकीय सरल संरचना वाले सूक्ष्मजीव होते हैं। इनकी कोशिकाओं में पर्णहरित नहीं पाया जाता है, इसलिये ये अपना भोजन स्वयं नहीं बना सकते हैं। कुछ कवक मृतोपजीवी के रूप में सड़े-गले कार्बनिक पदार्थों से अवशोषण विधि द्वारा भोजन प्राप्त करते हैं; जैसे-मशरूम (साँप की छतरी)। कुछ कवक पादपों एवं जन्तुओं पर परजीवी के रूप में पाये जाते हैं। उदाहरण के लिए, गेहूँ पर पक्सनीया ग्रेमिनिस ट्रिटीसाई (काला किट्ट रोग) तथा बाजरे पर स्कलेरोस्पोरा ग्रेमिनीकोला (जोगण रोग) आदि। कुछ कवक शैवालों के साथ सहजीवी के रूप में भी पाए जाते हैं।
प्रश्न 3.
खाद्य एवं औषधि निर्माण में सूक्ष्मजीवों की भूमिका लिखिए।
उत्तर:
खाद्य सामग्री निर्माण: दही, पनीर, सिरका आदि के निर्माण में जीवाणुओं का उपयोग किया जाता है। यीस्ट का उपयोग डबल रोटी बनाने में व जलेबी बनाने हेतु प्रयुक्त घोल में खमीर उठाने के लिए किया जाता है। क्लोरेला शैवाल का उपयोग सूप एवं अन्य खाद्य पदार्थ बनाने में किया जाता है। क्लोरेला निर्मित खाद्य सामग्री का उपयोग आइसक्रीम बनाने में भी किया जाता है।
औषधि निर्माण में: क्लोस्ट्रीडियम बॉटूलिनम नामक जीवाणु से विटामिन B12 तथा एन्ट्रेक्नॉइड बेसिलाई नामक जीवाणु से रोग प्रतिरोधन पदार्थ तैयार किया जाता है। पेनीसीलियम नामक कवक से पेनीसिलीन नामक जीवन रक्षक औषधि बनाई जाती है। इसका उपयोग टीके एवं प्रतिजैविक के रूप में किया जाता है।
प्रश्न 4.
जैविक नाइट्रोजन स्थिरीकरण की प्रक्रिया को समझाइए।
उत्तर:
जैविक नाइट्रोजन स्थिरीकरण (Biological Nitrogen Fixation): जीवाणुओं की कई प्रजातियाँ वे अन्य सूक्ष्मजीवों द्वारा वातावरण में उपस्थित नाइट्रोजन को पादपों हेतु उपयुक्त यौगिकों में रूपान्तरित करने की प्रक्रिया नाइट्रोजन स्थिरीकरण अथवा नाइट्रोजन यौगिकीकरण कहलाती है। उदाहरण के लिए दलहनी पौधे; जैसे-मॅग, मोठ, चना, मटर आदि की जड़ों की मूल गुलिकाओं (Root nodules) में पाए जाने वाले राइजोबियम जीवाणु।
लेग्यूम पौधों की जड़ गाँठों या मूल गुलिकाओं में उपस्थित राइजोबियम जीवाणु वायुमण्डल की नाइट्रोजन को नाइट्रेट में बदलने में सहायक हैं। नाइट्रेट से भूमि उपजाऊ बनती है। पौधों में नाइट्रोजन का मुख्य स्रोत यही नाइट्रेट यौगिक है। नाइट्रोजन प्रोटीन का अभिन्न घटक है। किसान इसी कारण एक वर्ष दलहनी फसलें; जैसे-मूंग, मोठ, ग्वार तथा दूसरे वर्ष अनाजी फसलें; जैसे-बाजरा, ज्वार आदि की बुवाई करते हैं।
प्रश्न 5.
पाश्चुरीकरण प्रक्रिया को समझाइए।
उत्तर:
पाश्चुरीकरण (Pasturization): आजकल डिब्बा बन्द खाद्य पदार्थों का उपयोग बढ़ रहा है। डिब्बों या बोतलों में बन्द दूध व अन्य खाद्य पदार्थों को डिब्बों में अथवा बोतलों में भरने से पहले 60 डिग्री तापमान पर 30 मिनट तक गर्म कर ठण्डा किया जाता है। यह प्रक्रिया 2 से 3 बार करने से इनमें उपस्थित हानिकारक सूक्ष्मजीव नष्ट हो जाते हैं। सूक्ष्मजीवों को नष्ट करने की यह विधि पाश्चुरीकरण कहलाती है।
इन पाश्चुरीकृत खाद्य पदार्थों को डिब्बों में भरने के बाद उसमें उपस्थित हवा को निकाल कर बन्द कर दिया जाता है, जिससे हवा के अभाव में सूक्ष्मजीव वृद्धि नहीं कर पाते हैं। डिब्बे पर अंकित वह दिनांक जिसके पूर्व उस खाद्य पदार्थ का उपयोग कर लेना चाहिए, उसे एक्सपायरी दिनांक कहते हैं। डिब्बा बंद खाद्य पदार्थों को खरीदने से पूर्व एक्सपायरी (अवधिपार) दिनांक अवश्य देखना चाहिए एवं इस प्रकार के डिब्बा बंद खाद्य पदार्थों का उपयोग एक्सपायरी दिनांक से पहले कर लेना चाहिए।