RBSE Solutions for Class 7 English Chapter 7 Sympathy
RBSE Solutions for Class 7 English Chapter 7 Sympathy
Rajasthan Board RBSE Class 7 English Chapter 7 Sympathy
Activity I
Question 1.
Choose the correct alternative :
उपयुक्त विकल्प चुनिए –
(i) I lay in sorrow, in deep distress; ……………………… Who came to help the poet?
(a) a girl
(b) a proud man
(c) a policeman
(d) a farmar
(ii) My sorrow passed, I paid him back ……………………… What did he pay him back?
(a) gold
(b) clothes
(c) shoes
(d) money
(iii) Ilay in want and grief and pain. A poor man passed my way ……………………… What did this poor man give ?
(a) money
(b) blanket
(c) gold coins
(d) bread
Answers:
(i) (b) a proud man
(ii) (a) gold
(iii) (d) bread.
Question 2.
Answer the following questions.
निम्नांकित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
(i) How did the proud man help the poet when he was in deep distress?
घमण्डी आदमी ने कवि की किस प्रकार सहायता की जब वह गहरे दु:ख में था?
Answer:
The proud man gave him gold but said no word of sympathy.
घमण्डी आदमी ने उसे सोना दिया परन्तु सहानुभूति का एक शब्द भी नहीं कहा।
(ii) What did he give the poet?
उसने कवी को क्या दिया ?
Answer:
He gave the poet gold.
उसने कवि को सोना दिया।
(iii) How did the poor man help the poet? Describe three things he did to help the poet.
गरीब आदमी ने कवि की सहायता कैसे की? तीन चीजों का वर्णन करो जो उसने कवि के लिए र्की ?
Answer:
He bound his head, gave him bread and watched him night and day.
उसने कवी का सिर दबाया, रोटी दी और रात-दिन देखभाल की।
(iv) The poet returned gold to the proud man, but was he able to return what the poor man did to him? Explain,
कवि ने घमण्डी आदमी को सोना लौटा दिया, परन्त क्या वह उस सब का बदला दे सका जो गरीब आदमी ने उसके लिए किया? व्याख्या करें।
Answer:
It is easy to return the borrowed money, but it is impossible to return love, human sympathy and a kind deed.
उधार लिया पैसा लौटाना आसान है परन्तु प्यार, मानव सहानुभूति तथा दयालु कार्य का बदला चुकाना असम्भव है।
(v) Which human nature is highlighted in this poem?
किस मानव स्वभाव के बारे में इस कविता में जोर दिया गया है?
Answer:
Human sympathy, which is a divine quality of human nature, is highlighted in this poem.
इस कविता में मानव स्वभाव के सहानुभूति के गुण पर जोर दिया गया है जो कि एक दैवीय गुण है।
Activity II
Read these lines and discuss in the class:
इन पंक्तियों को पढ़िए और इन पर कक्षा में चर्चा कीजिए –
‘Oh, gold is great, but greater far is heavenly sympathy.’
अरे, सोने (धन) का अपना महत्व है परन्तु सहानुभूति का दिव्य गुण अधिक महत्त्वपूर्ण है।
(i) Is money helpful in our every day life?
क्या हमारे दैनिक जीवन में रुपया-पैसा लाभदायक है?
Answer:
Yes, money can buy every thing of our need.
हाँ, धन हमारी आवश्यकता की प्रत्येक वस्तु खरीद सकता है।
(ii) Can help only be given with money, why not without money?
क्या सहायता केवल पैसे से ही की जा सकती है, बिना पैसे के क्यों नहीं ?
Answer:
No, help cannot be given only by money. It can also be given without money by sympathy and nursing.
नहीं, सहायता केवल धन से ही नहीं की जा सकती। यह बिना धन के भी सहानुभूति दिखाकर तथा किसी की सेवा करके की जा सकती है।
(iii) Are gold and money above humanity ?
क्या सोना और पैसा मानवता से बड़ी चीजें है?
Answer:
Gold and money have their own value. But they are not above humanity.
सोना और पैसे की अपनी कीमत है परन्तु सोना और पैसा मानवता से बड़ी चीज नहीं है।
Activity IV
Question 1.
Rewrite the following sentences filling in each space with the correct word given below :
नीचे दिए शब्दों में से सही शब्दों को भरकर निम्न वाक्यों को पुनः लिखिए –
who, what, whose
- Sometimes elders need to be reminded about ……………. they must not do while driving on the road.
- But ……………. are they most likely to listen to?
- There are others ……………. refuse to wear seat belts, or drive within the prescribed speed limit.
- ……………. parent would refuse to listen to his/her little child insisting on road safety?
- Kids can thus acheive ……………. all “Traffic Authorities’ put together cannot achieve.
Answers:
- what
- who
- who
- Whose
- what
Stanzas for Comprehension
Read the following stanzas and answer the questions that follow :
निम्नलिखित पद्यांशों को पढ़कर उनके नीचे दिए प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
Stanza I
I lay in sorrow, in deep distress,
My grief a proud man heard,
His looks were cold, he gave me gold,
But not a kindly word.
My sorrow passed – I paid him back
The gold he gave to me,
Then stood erect and paid my thanks
And blessed his charity.
Question 1.
Who helped the poet when he lay in sorrow?
कवी की सहायता किसने की जब वह संकट में फंस गया?
Answer:
A proud man helped the poet when he lay is sorrow.
(एक घमण्डी आदमी ने कवी की सहायता की जब वह संकट में फंस गया)
Question 2.
What help did the proud man give?
घमण्डी आदमी ने उसे क्या सहायता दी?
Answer:
The proud man helped the poet with gold.
घमण्डी आदमी ने सोने से कवि की सहायता की।
Question 3.
Mention two bad things in the proud man’s nature.
घमण्डी आदमी के स्वभाव की दो खराब बातें बताओ।
Answer:
He had no sympathy, and he had no humanity.
उसमें सहानुभूति और मानवता नहीं थी।
Question 4.
What did the poet do when his sorrow passed?
कवि ने क्या किया जब उसके खराब दिन समाप्त हो गये?
Answer:
When the poet’s bad days passed, he ruturned the gold to his helper with thanks.
जब कवि के बुरे दिन व्यतीत हो गये उसने अपने सहायता कर्ता का धन धन्यवाद सहित वापिस कर दिया।
Stanza II
I lay in want, and grief and pain,
A poor man passed my way,
He bound my head, he gave me bread,
He watched me night and day.
How shall I pay him back again
For all he did to me?
Oh, gold is great, but greater far
Is heavenly sympathy.
Question 1.
Who helped the poet when he was in difficulty the second time?
दूसरी बार जब कवि कठिनाई में फँसा, उसकी सहायता किसने की ?
Answer:
A poor man helped the poet when he was in difficulty the second time.
दूसरी बार जब कवि संकट में फँसा तो एक गरीब आदमी ने उसकी सहायताकी।
Question 2.
What did the poor man do for the poet?
गरीब आदमी ने कवि के लिए क्या किया?
Answer:
The poor man bound his head, gave him bread and watched him night and day.
गरीब आदमी ने उसका सिर दबाया, उसे रोटी दी और रात-दिन उसकी सेवा की।
Question 3.
Why does the poet feel that he could not give back what the poor man did for him ?
कवि क्यों महसूस करता है कि जो कुछ उस गरीब आदमी ने उसके लिये किया, उस का बदला नहीं उतारा जा सकता?
Answer:
Human sympathy, service, nursing and comforting are priceless things. These things cannot be paid back.
मानव सहानुभूति, सेवाएँ, तीमारदारी और सांत्वना अनमोल वस्तुएँ हैं, ये चीजें | वापिस नहीं की जा सकती हैं।
Question 4.
Why does the poet call sympathy heavenly?
कवि सहानुभूति को दिव्य गुण क्यों कहता है?
Answer:
The poet calls sympathy heavenly because consoling and comforting other fellows are godly virtues.
कवि ऐसा इसलिए कहता है क्योंकि दूसरे लोगों को ढाढ़स बँधाना तथा उनको सांत्वना देना दिव्य गुण हैं।
Meanings and Trarslation
I lay in ……………. his charity. (Page 37)
Word-meanings : lay in sorrow (ले इन सॉरो) = दुखी हो गया हूँ। deep (डीप) = कठिन। distress (डिस्ट्रेस) = दु:ख व कष्ट। grief (ग्रीफ) = दु:ख। proud man (प्राउड मैन) = घमण्डी आदमी। looks (लुक्स) = दृष्टि। cold (कोल्ड) = सहानुभूतिहीन। gold (गोल्ड) = सोने के सिक्के । kindly (काइन्ड्ल) = सहानुभूतिपूर्ण sorrow passed = दु:ख के दिन चले गये। paid him back = वापिस कर दिया। gold = आर्थिक सहायता। stood erect = आत्म-सम्मान से सिर ऊँचा करके सीधा खड़ा हो गया। spoke my thanks = मैंने उसको धन्यवाद दिया। blessed (ब्लैस्ट) = प्रशंसा की wished him good = उसके लिए अच्छी कामना की। charity (चैरिटि) = दानशीलता।
हिन्दी अनुवाद – मैं एक भारी संकट में फँस गया। इसके फलस्वरूप मैं बहुत दुखी हुआ। एक घमण्डी व्यक्ति ने मेरे दु:ख के बारे में सुना। उसकी दृष्टि में रूखापन था पर उसने सोने के सिक्कों से मेरी सहायता की अर्थात् दिल खोल कर आर्थिक सहायता की परन्तु एक शब्द भी सहानुभूति या सांत्वना का नहीं कहा। (नैतिकता उभारने के लिए कोई प्रयास नहीं किया।) मेरा संकट दूर हो गया। जो धन उसने मुझे दिया था मैंने उसे वापिस कर दिया। तब मैं आत्म-सम्मान से सिर ऊँचा कर सीधा खड़ा हो गया, उसको धन्यवाद दिया और उसकी दानशीलता की बड़ी प्रशंसा की।
I lay in want………sympathy. (Page 37)
Word-meanings: want (वॉन्ट) = गरीबी, कमी। pain (पेन) = दर्द, बीमारी। grief (ग्रीफ) = दु:ख, चिन्ता। passed (पास्ट) = मेरे रास्ते से गुजरा अर्थात् मुझ से भेंट हुई। bound my head = मेरा सिर दबाया, मेरी सेवा की। gave me bread = मुझे भोजन दिया। watched (वॉट) = देखभाल की। all he did to me = उसने जो भी मेरी सेवा की, आवश्यकताओं की पूर्ति की। oh gold is great = धन द्वारा सहायता बड़ी सहायती है। heavenly sympathy = मानव सहानुभूति जो दिव्य गुण है।
हिन्दी अनुवाद – (एक दूसरे अवसर पर) मुझे गरीबी, चिन्ता व कष्ट ने घेर लिया। मेरी भेट एक गरीब आदमी से हुई। उसने मेरा सिर दबाया अर्थात् मेरी सेवा की। उसने मुझे रोटी दी अर्थात् मेरे भोजन की व्यवस्था की। उसने रात-दिन मेरी देखभाल की। उसने जो कुछ भी मेरे लिए किया उसका बदला कैसे चुकाऊँ? अरे, धन एक महान साधन है, इससे लगभग सारी आवश्यकतायें पूरी हो जाती हैं। परन्तु इससे बहुत बड़ी बात सहानुभूति है जो एक दिव्य गुण है।