RBSE Solutions for Class 7 Science Chapter 8 जन्तुओं में अनुकूलन
RBSE Solutions for Class 7 Science Chapter 8 जन्तुओं में अनुकूलन
Rajasthan Board RBSE Class 7 Science Chapter 8 जन्तुओं में अनुकूलन
पाठ्य पुस्तक के प्रश्नोत्तर
सही विकल्प का चयन कीजिए
प्रश्न 1.
जलीय प्राणियों का अनुकूलन है
(अ) गलफड़े का पाया जाना
(ब) शरीर पर शल्कों की उपस्थिति ।
(स) अण्डे देना
(द) ये सभी
उत्तर:
(द) ये सभी
प्रश्न 2.
राजस्थान का राज्य पक्षी है
(अ) मोर
(ब) कबूतर
(स) गोडावण
(द) तोता
उत्तर:
(स) गोडावण
प्रश्न 3.
शरीर पर घने बाल व त्वचा के नीचे वसा की मोटी परत कौन-से आवास की विशेषता है ?
(अ) जलीय
(ब) मरुस्थलीय
(स) ध्रुवीय
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(स) ध्रुवीय
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
प्रश्न 1.
सजीवों की वे शारीरिक विशेषताएँ, जो उन्हें विशेष वातावरणीय अवस्थाओं में जीवित रहने के अनुकूल बनाती है …………. कहलाती हैं।
प्रश्न 2.
पक्षियों की हड्डियाँ ………. एवं शरीर ……….. से ढंका रहता है।
प्रश्न 3.
जलीय जीवों में आँखों पर …………. पटल होती है।
उत्तर:
1. अनुकूलन
2. खोखली, पंखों
3. निमेषक
लघु उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
पक्षियों के शरीर में कौन-कौन सी विशेषताएँ होती हैं जो उन्हें उड़ने के अनुकूल बनाती हैं ?
उत्तर:
पक्षियों के शरीर की निम्न विशेषताएँ उन्हें उड़ने के लिए अनुकूल बनाती हैं
- शरीर को हल्का एवं नौकाकार होना।
- हड़ियों का खोखली एवं वायु भरी होना।।
- अग्रपादों का पंखों में रूपान्तरण होना तथा
- हृदय अधिक शक्तिशाली होना जो पंखों को उड़ते समय रक्त, पोषण व ऑक्सीजन की आपूर्ति करता है।
प्रश्न 2.
यदि ऊँट के पैर गद्दीदार नहीं होते तो क्या होता ?
उत्तर:
ऊँट के पैर गद्दीदार होने के कारण ये रेत में फँसते नहीं हैं और ऊँट आसानी से रेगिस्तान के रेत में चल पाता है। यदि । ऊँट के पैर गद्दीदार न होते तो इसे रेत पर चलने में बहुत कठिनाई होती।
प्रश्न 3.
यदि ध्रुवीय भालू में त्वचा के नीचे वसा की मोटी परत नहीं होती तो उसका क्या प्रभाव पड़ता ?
उत्तर:
ध्रुवीय क्षेत्रों में अधिकांश समय भूमि बर्फ से ढंकी रहती है। यहाँ अत्यधिक सर्दी होती है। ध्रुवीय भालू की त्वचा के नीचे स्थित वसा की मोटी परत इसे सर्दी से बचाती है। यदि वसी की परत न होती तो इन भालुओं का ध्रुवों पर रहना मुश्किल हो जाता।
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
स्थलीय एवं जलीय जीवों के अनुकूलन में क्या अन्तर है ?
उत्तर:
स्थलीय एवं जलीय जीवों के अनुकूलन में अन्तर
जलीय अनुकूलन | स्थलीय अनुकूलन |
1. जलीय जीवों के आवास, नदी, तालाब, झील, झरना, समुद्र आदि होते हैं। | स्थलीय जीवों के आवास वन, |घास के मैदान, पर्वत, रेगिस्तान, बर्फीले ध्रुव आदि होते हैं। |
2. जलीय जीव प्रायः जल में घुली हुई ऑक्सीजन का प्रयोग करते हैं। | ये गैसीय ऑक्सीजन का प्रयोग करते हैं। |
3. इनमें श्वसन प्राय: गलफड़ों द्वारा होता है। | इनमें श्वसन फेफड़ों द्वारा होता है। |
4. इनकी त्वचा पर शल्क पाए जाते हैं। | इनकी त्वचा पर विभिन्न प्रकार के अनुकूलन होते हैं। |
5. इनमें वायुकोष होते हैं। | इनमें वायुकोष उपस्थित या अनुपस्थित होते हैं। |
6. इनका शरीर प्रायः धारारेखीय होता है। | इनका शरीर विभिन्न आकार -प्रकार का होता है। |
प्रश्न 2.
ऊँट के शरीर में क्या-क्या विशेषताएँ होती हैं जो उसे मरुस्थल में रहने के अनुकूल बनाती हैं ?
उत्तर:
ऊँट के रेगिस्तान या मरुस्थल में रहने के लिए निम्नलिखित विशेषताएँ पायी जाती हैं
- इसके पैरों के तलवे चौड़े एवं गद्दीदार होते हैं जिससे इसके पैर रेतीली जमीन में धुंसते नहीं हैं और यह आसानी से रेत में चल सकता है।
- यह एक बार में काफी मात्रा में पानी पीकरे कई दिनों तक बिना पानी पिए रह सकता है।
- इसका मूत्र गाढ़ा होता है एवं त्वचा मोटी होती है जिससे पानी की मूत्र या पसीने के रूप में बर्बादी नहीं होती है।
- इसका मल भी शुष्क होता है।
- इसके कूबड़ (hump) में वसा संचित रहती है। आवश्यकता पड़ने पर वसा के विघटन से जल उत्पन्न होता है जिससे कुछ समय के लिए पानी की आपूर्ति हो जाती है।
पाठगत प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
क्या विभिन्न वातावरणीय क्षेत्रों में रहने वाले जीवों की शारीरिक संरचनाएँ एवं व्यवहार एकसमान होते हैं ? (पृष्ठ 76)
उत्तर:
नहीं, विभिन्न वातावरणीय क्षेत्रों में रहने वाले प्राणियों की शारीरिक संरचनाएँ एवं व्यवहार भिन्न-भिन्न होते हैं।
प्रश्न 2.
मछली को जल से बाहर निकालने पर कुछ समय पश्चात् मर जाती है। आपने कभी सोचा, ऐसा क्यों होता है ? (पृष्ठ76)
उत्तर:
मछली का शरीर जल में रहने के अनुकूल होता है। वह गलफड़ों द्वारा श्वसन करती है। पानी से बाहर निकालने पर यह श्वसन नहीं कर पाती और मर जाती है।
प्रश्न 3.
नीचे सारणी में कुछ आवासों के नाम लिखे हैं, आप अपने आस-पास पाए जाने वाले प्राणियों के नाम उपयुक्त आवास के समक्ष लिखिए- (पृष्ठ 77)
उत्तर:
सारणी विभिन्न आवास में पाए जाने वाले प्राणी
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प्रश्न 4.
पक्षी आसमान में कैसे उड़ पाते हैं ? (पृष्ठ 80)
उत्तर:
पक्षियों का शरीर नौकाकार एवं हल्का होता है। इनमें पंख होते हैं जो उड़ने का कार्य करते हैं।
क्रियात्मक कार्य
प्रश्न 1.
अपने आस-पास के जन्तुओं का अंवलोकन करें। उनमें पाए जाने वाले अनुकूलनों को सारणीबद्ध कर चार्ट बनाएँ तथा कक्षाकक्ष में लगाएँ।
उत्तर:
अवलोकन सारणी
जन्तु का नाम | अनुकूलन |
1. कबूतर
|
(i) अग्रपाद पंखों में रूपान्तरित होते हैं। जिससे उड़ सकता है।
(ii) दो पैरों पर चल सकता है। (iii) उड़ते वक्त शरीर को नौकाकार कर] लेता है। (iv) चोंच की सहायता से दाने चुन सकता है। |
2. छिपकली | (i) शरीर छोटा एवं हल्का होता है।
(ii) पैरों में गद्दियाँ होती हैं जिससे दीवारों पर चढ़ सकती है। (iii) भोजन के रूप में कीटों को पकड़ती (iv) शत्रुओं से बचने के लिए पूँछ त्यागकर चकमा दे सकती है। |
3. मछली
|
(i) पानी में आसानी से तैर सकती है।
(ii) तैरने के लिए पंख पाए जाते हैं। (iii) शरीर नौकाकार होता है। (iv) साँस लेने के लिए गलफड़े होते हैं। |
4. कुत्ता | (i) सर्वाहारी होता है।
(ii) आवश्यकता पड़ने पर शिकार कर सकता है। (iii) मांस को चीर-फाड़ करने के लिए मजबूत दाँत पाए जाते हैं। (iv) तेजी से दौड़ सकता है। |
प्रश्न 2.
जलीय एवं स्थलीय पादप तथा जन्तुओं का अवलोकन कर इनकी विशेषताओं की चर्चा कीजिए।
उत्तर:
छात्र पादप तथा जन्तुओं का अवलोकन कर उनकी विशेषताओं की चर्चा करें।
प्रश्न 3.
वृक्षों पर पाए जाने वाले विभिन्न कीटों की आकृति, रंग आदि का अवलोकन करिए।
उत्तर:
अवलोकन
- टिड्डा-तीन जोड़ी टाँगें, हरा रंग, सिर पर ऐन्टिनी, लाल आँखें, लम्बा शरीर
- तितली–तीन जोड़ी टाँगें, विभिन्न रंग, लम्बी सुण्ड, छोटा शरीर, बड़े पंख
- बरं-तीन जोड़ी टाँगें, पीला रंग, उदर के पश्च भाग में विषैला डंक, छोटा शरीर, खण्ड युक्त
- लेडीबर्ड-तीन जोड़ी टाँगें, गोल आकार, लाल रंग जिस पर काले धब्बे, उपांग छोटे
- मेन्टिसे-तीन जोड़ी टाँगें, सिर पर ऐण्टिनी, बड़े पंख, हरा रंग, पतला व लम्बा शरीर
- एफिड-तीन जोड़ी टाँगें, हरा रंग, आँखें बहुत छोटी, शरीर अण्डाकार
प्रश्न 4.
अपने आस-पास पाए जाने वाले पक्षियों की चोंच के चार्ट बनाइए।
उत्तर
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
मछली है एक
(अ) जलीय जीव
(ब) जल स्थलीय जीव
(स) स्थलीय जीव
(द) वायवीय जीव
उत्तर:
(अ) जलीय जीव
प्रश्न 2.
मछलियों को तैरने में सहायता देने वाला अनुकूलन
(अ) गलफड़ों की उपस्थिति
(ब) शल्कों की उपस्थिति
(स) वायुकोष
(द) निमेषक पटल
उत्तर:
(स) वायुकोष
प्रश्न 3.
मछलियों में गति के लिए पाए जाते हैं
(अ) फिन्स
(ब) पाद
(स) शेल
(द) फुआरा
उत्तर:
(अ) फिन्स
प्रश्न 4.
मेंढ़क है
(अ) जलीय
(ब) स्थलीय
(स) जल-स्थलीय
(द) वायवीय
उत्तर:
(स) जल-स्थलीय
प्रश्न 5.
रेगिस्तानी जहाज है
(अ) ऊँट
(ब) घोड़ा
(द) जंगली चूहा
(स) जल-स्थलीय
उत्तर:
(अ) ऊँट
रिक्त स्थान
प्रश्न 1.
……….. के बिना मछली का जीना सम्भव नहीं है।
प्रश्न 2.
जलीय आवास के प्राणियों में श्वसन …………… द्वारा होता है।
प्रश्न 3.
जिराफ की ………ऊँचे-ऊँचे पेड़ों से अपना भोजन प्राप्त करने के लिए अनुकूलित होती है।
प्रश्न 4.
ऊँट को रेगिस्तान का ………….. भी कहते हैं।
प्रश्न 5.
पक्षियों के अग्रपाद ……………. में रूपान्तरित हो जाते हैं।
उत्तर:
1. जल
2. गलफड़ों
3. गर्दन
4. जहाज
5. पंखों
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
अनुकूलन से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
सजीवों की, वे शारीरिक विशेषताएँ, जो उन्हें विशेष वातावरणीय अवस्थाओं में जीवित रहने के योग्य बनाती हैं, अनुकूलन कहलाती हैं।
प्रश्न 2.
दो जलीय जीवों के नाम लिखिए।
उत्तर:
1. व्हेल
2. डॉल्फिन
प्रश्न 3.
मछलियों की आँखें पानी से कैसे सुरक्षित रहती हैं ?
उत्तर:
मछलियों की आँखों पर निमेषक पटल पायी जाती है। जो आँखों को जल से सुरक्षित रखती है।
प्रश्न 4.
बन्दरों में पूँछ की क्या उपयोगिता है ?
उत्तर:
बन्दरों की पूँछ इन्हें पेड़ों पर चढ़ने, सन्तुलन बनाए रखने एवं शाखाओं को मजबूती से पकड़ने में सहायता करती है।
प्रश्न 5.
जिराफ में ऊँचे-ऊँचे पेड़ों से अपना भोजन प्राप्त करने के लिए क्या अनुकूलन होते हैं ?
उत्तर:
जिराफ के अगले लम्बे पैर तथा लम्बी गर्दन भोजन प्राप्त करने के लिए अनुकूलित होते हैं।
प्रश्न 6.
दो रेगिस्तानी प्राणियों के नाम लिखिए।
उत्तर:
1. ऊँट
2. जंगली चूहा
प्रश्न 7.
हमारे देश का राष्ट्रीय पक्षी कौन-सा है ?
उत्तर:
हमारे देश को राष्ट्रीय पक्षी मोर है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
वातावरणीय दशाओं के आधार पर पृथ्वी पर कौन-कौन से क्षेत्र पाए जाते हैं ?
उत्तर:
वातावरणीय दशाओं के आधार पर पृथ्वी पर निम्न प्रकार के क्षेत्र पाए जाते हैं
- अत्यधिक उष्ण क्षेत्र (जैसे-रेगिस्तान)
- अत्यधिक ठंडे क्षेत्र (जैसे-ध्रुवीय एवं टुण्ड्रा)
- सामान्य वातावरणीय अवस्थाओं वाले क्षेत्र
- मीठे जल वाले एवं खारे जल वाले क्षेत्र
प्रश्न 2.
पृथ्वी पर पाए जाने वाले जीव-जन्तुओं के स्थलीय आवासों के नाम लिखिए।
उत्तर:
पृथ्वी पाए जाने वाले जीव- जन्तुओं के स्थलीय आवासों को निम्नांकित श्रेणियों में वर्गीकृत कर सकते हैं
- सामान्य स्थलीय आवास
- मरुस्थलीय आवास
- पर्वतीय आवास
- ध्रुवीय आवास
- वायु में उड़ने वाले प्राणियों के आवास
प्रश्न 3.
मरुस्थलीय आवास क्या हैं ? इनमें किस प्रकार के प्राणी जीवित रहते हैं ? उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
मरुस्थलीयं आवास में शुष्क एवं अधिक तापमान वाले क्षेत्र आते हैं। इनमें पाए जाने वाले जन्तुओं की प्रजातियाँ भी कम ही होती हैं। इन आवासों में वही प्राणी जीवित रह सकते हैं जो अत्यधिक तापमान और जल की कमी को सहन कर सकते हैं। इस प्रकार के आवासों में रहने वाले अधिकांश जन्तु भूमि में बिल बनाकर रहते हैं। उदाहरण-छिपकली, साँप, जंगली चूहा, ऊँट आदि।
प्रश्न 4.
मरुस्थलीय आवास में रहने वाले प्राणियों की चार शारीरिक विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
- इनकी त्वचा का रंग हल्का भूरा होता है।
- इनकी त्वचा मोटी, चिकनी व शुष्क होती है।
- शरीर से पसीना कम-से-कम निकलता है।
- अधिकांश प्राणी रात्रिचर होते हैं जिससे ये दिन की तेज गर्मी से बचे रह सकें।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
जलीय आवास के प्राणियों के अनुकूलन लिखिए।
उत्तर:
जलीय आवास के प्राणियों के अनुकूलन- जलीय प्राणी श्वसन के लिए आवश्यक ऑक्सीजन जल से ही प्राप्त करते हैं। भोजन के लिए भी ये जंलीय प्राणी जलीय पौधों एवं जीव-जन्तुओं पर निर्भर रहते हैं। उदाहरण-मछली, पाइला, सीप जलीय आवासों में जीवित रहने के लिए इनकी शारीरिक एवं आन्तरिक रचनाओं में निम्नलिखित विशेषताएँ पायी जाती हैं। ये विशेषताएँ अनुकूलन कहलाती हैं। जैसे
- जलीय आवास के प्राणियों में श्वसन गलफड़ों (Gills) द्वारा होता है।
- इनके शरीर पर शल्क (Scales) अथवा कठोर आवरण (Shell) पाया जाता है।
- जलीय प्राणियों के शरीर में वायुकोष (Air Sac) होते । हैं जो पानी में रहने व तैरने में सहयोग करते हैं।
- आँखों को जल से सुरक्षित रखने के लिए इनकी आँखों पर निमेषक पटल नामक झिल्ली पाई जाती है।
- पानी में गति करने या तैरने के लिए पंख होते हैं जिन्हें फिन्स (Fins) कहते हैं।
प्रश्न 2.
सामान्य स्थलीय आवास के प्राणियों में उदाहरण सहित अनुकूलन लिखिए।
उत्तर:
सामान्य स्थलीय आवास के प्राणियों के अनुकूलन- भूमि पर सामान्य पर्यावरणीय अवस्थाओं वाले आवासीय स्थल को सामान्य स्थलीय आवास कहते हैं। इस प्रकार के आवासों में पाए जाने वाले जीव-जन्तुओं में निम्नलिखित विशेषताएँ होती हैं
- इनमें गति के लिए पैर होते हैं; जैसे-घोड़ा, हिरण, गाय इत्यादि। कई जन्तुओं में पैर नहीं होते हैं। इन जन्तुओं का शरीर पेशीयुक्त होता है जिसकी सहायता से ये भूमि पर रेंगकर गति करते हैं। जैसे-साँप।
- बन्दरों में पाई जाने वाली लम्बी पूँछ इन्हें पेड़ों पर चढ़ने, सन्तुलन बनाए रखने एवं शाखाओं को मजबूती से पकड़ने में सहायक होती है।
- हाथी जैसा विशालकाय जन्तु अपने भारी शरीर एवं छोटी गर्दन के कारण सरलता से झुक नहीं पाता, यह अग्रपादों की सहायता से भोजन भी नहीं पकड़ सकता। अतः इसकी लम्बी सँड़ पत्तियों व शाखाओं को तोड़ने, भूमि से भोजन उठाने और शत्रुओं से रक्षा करने के लिये अनुकूलित होती है।
- जिराफ की गर्दन ऊँचे-ऊँचे पेड़ों से अपना भोजन प्राप्त करने के लिए अनुकूलित होती है।
- शेर, बिल्ली, चीता आदि माँसाहारी जन्तुओं के मुख में रदनक दाँत अधिक विकसित होते हैं जो शिकार को चीरने-फाड़ने का काम करते हैं।
- हिरण, खरगोश, नीलगाय, बोड़ा आदि में भोजन को चबाने के लिए कृतनक दाँत पाए जाते हैं।
प्रश्न 3.
ध्रुवीय अथवा शीत आवास के प्राणियों में अनुकूलन लिखिए।
उत्तर:
ध्रुवीय अथवा शीत आवास के प्राणियों में अनुकूलनध्रुवीय क्षेत्रों में अधिकांश समय भूमि बर्फ से ढकी रहती है। इन क्षेत्रों का तापमान अत्यधिक कम व मौसम शुष्क होता है। इस प्रकार के आवास ध्रुवीय प्रदेशों, ऊँचे पर्वतों एवं पठारों पर मिलते हैं, इन्हें शीत रेगिस्तान (Cold desert) भी कहते हैं।
ध्रुवीय क्षेत्रों में पेड़-पौधे कम पाए जाते हैं। अत: इन क्षेत्रों में पाए जाने वाले जन्तुओं की संख्या भी कम होती है। इन क्षेत्रों में पाए जाने वाले मुख्य प्राणी खरगोश, भालू, याक, मस्क बैल, रेन्डीयर, पहाड़ी बकरी इत्यादि हैं। इन जन्तुओं के शरीर पर घने बाल पाए जाते हैं व त्वचा के नीचे वसा की मोटी परत होती है जिससे इनका सर्दी से बचाव होता है। इन क्षेत्रों में जन्तुओं की कमी के कारण यह सुरक्षित क्षेत्र भी है। इसी कारण पेंग्विन अपने प्रजनन काल के दौरान इन्हीं क्षेत्रों में अपना निवास बनाते हैं।
प्रश्न 4.
वायु में उड़ने वाले प्राणियों में अनुकूलन लिखिए।
उत्तर:
वायु में उड़ने वाले प्राणियों में अनुकूलन-इस श्रेणी में, वे जन्तु आते हैं जो स्थल पर रहते हुए वायु में भी उड़ सकते हैं। इनमें निम्नलिखित शारीरिक अनुकूलन पाए जाते
- इनके अग्रपद पंखों में रूपान्तरित हो जाते हैं।
- इनका शरीर हल्का एवं नौकाकार होता है, जिससे ये हवा में आसानी से उड़ सकते हैं।
- इन पक्षियों के मुख में दाँत नहीं होते परन्तु इनकी चोंच कठोर एवं मजबूत होती है। जिससे ये कीटों को सुगमतापूर्वक पकड़कर खा सकते हैं।
- इनकी हड्डियाँ खोखली होती हैं। हड्डियों के खोखले कोशों में वायु भरी रहती है जिससे इनका शरीर हल्का बनता है।
- इनका शरीर पंखों से ढका रहता है।
- पक्षियों का हृदय अधिक शक्तिशाली होने के कारण उड़ते समय पंखों को रक्त, पोषण एवं ऑक्सीजन की आपूर्ति करता रहता है।