RBSE Solutions for Class 7 Science Chapter 14 प्रकाश का परावर्तन
RBSE Solutions for Class 7 Science Chapter 14 प्रकाश का परावर्तन
Rajasthan Board RBSE Class 7 Science Chapter 14 प्रकाश का परावर्तन
पाठ्य पुस्तक के प्रश्नोत्तर
सही विकल्प का चयन कीजिए
प्रश्न 1.
वक्रता केन्द्र से दूर स्थित वस्तु का अवतल दर्पण से प्रतिबिम्ब बनता है
(क) वक्रता केन्द्र पर
(ख) फोकस बिन्दु पर
(ग) अनन्त दूरी पर
(घ) वक्रता केन्द्र व फोकस बिन्दु के मध्य
उत्तर:
(घ) वक्रता केन्द्र व फोकस बिन्दु के मध्य
प्रश्न 2.
वाहनों में पीछे का दृश्य देखने के लिए प्रयोग करते
(क) अवतल दर्पण का
(ख) उत्तल दर्पण का
(ग) समतल दर्पण का
(घ) ये सभी
उत्तर:
(ख) उत्तल दर्पण का
प्रश्न 3.
समतल दर्पण के सामने रखी वस्तु का प्रतिबिम्ब बनता
(क) वस्तु से दर्पण के मध्य की दूरी के बराबर दूरी पर
(ख) दुगुनी दूरी पर
(ग) आधी दूरी पर
(घ) चार गुना दूरी पर ।
उत्तर:
(क) वस्तु से दर्पण के मध्य की दूरी के बराबर दूरी पर
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. उत्तल दर्पण से सदैव सीधा, छोटा व ……………. प्रतिबिम्ब बनता है।
2. दो समतल दर्पणों के मध्य ………….. डिग्री का कोण होने पर अनन्त प्रतिबिम्ब बनते हैं।
3. अपना प्रतिबिम्ब देखने के लिए ……………. दर्पण का उपयोग करते हैं।
उत्तर:
1. आभासी
2.0°
3. अवतल
लघु उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
परावर्तन किसे कहते हैं ?
उत्तर:
परावर्तन (Reflection)- प्रकाश किरणों को दर्पण या किसी अन्य चमकीली सतह से टकराकर पुनः उसी माध्यम में लौटने की घटना को प्रकाश का परावर्तन कहते हैं।
प्रश्न 2.
एक अवतल दर्पण की फोकस दूरी 20 सेन्टीमीटर है, उसकी वक्रता त्रिज्या ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
वक्रता त्रिज्या (R) = फोकस दूरी x 2
= 20 x 2 = 40 सेमी
प्रश्न 3.
परावर्तन के नियम लिखिए।
उत्तर:
परावर्तन के नियम (Laws of reflection)- परावर्तन के नियम निम्नवत् हैं
1. प्रथम नियम- आपतन व परावर्तन कोण को मान सदैव बराबर होता है।
आपतन कोण (i) = परावर्तन कोण (r)
2. द्वितीय नियम- आपतित किरण, परावर्तित किरण तथा अभिलंब तीनों एक ही तल में स्थित होते हैं।
प्रश्न 4.
समतल दर्पण में प्रतिबिम्ब में वस्तु (बिम्ब) को दायाँ भाग बायाँ दिखाई देने को क्या कहते हैं ?
उत्तर:
समतल दर्पण में प्रतिबिम्ब में दायाँ भाग बायाँ दिखाई देता है तथा बायाँ भाग दायाँ दिखाई देता है। इस घटना को पाश्र्व परिवर्तन कहते हैं।
प्रश्न 5.
अवतल और उत्तल दर्पण में बनावट एवं प्रतिबिम्ब की दृष्टि से क्या अन्तर होता है ?
उत्तर:
अवतल दर्पण तथा उत्तल दर्पण में अन्तर

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
समतल दर्पण के सामने रखी वस्तु के प्रतिबिम्ब बनने की प्रक्रिया को सचित्र समझाइए।
उत्तर:
समतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिम्ब सदैव आभासी, सीधा तथा वस्तु के आकार के बराबर होता है। प्रतिबिम्ब दर्पण के पीछे उतनी ही दूरी पर बनता है जितनी दूरी पर वस्तु दर्पण के सामने रखी होती है। समतल दर्पण के सामने रखी वस्तु के प्रतिबिम्ब बनने की प्रक्रिया को निम्नवत् समझाया जा सकता हैसमतल दर्पण MN के सामने एक बिंदु प्रकाश स्रोत 0 रखा गया है। चित्र के अनुसार बिंदु 0 से चलने वाली दो किरणे OA तथा OC दर्पण पर आपतित हो रही हैं। दर्पण MN के | पृष्ठ के बिन्दुओं A तथा C पर अभिलंब खींचिए।
फिर बिंदुओं A तथा C पर परावर्तित किरणें खींचिए। परावर्तित किरणों को क्रमश: AB तथा CD से निरूपित कीजिए। इन्हें आगे की ओर बढ़ाइए। ये आगे की ओर बढ़ाने पर नहीं मिलती हैं। अब इन्हें पीछे की ओर बढ़ाइए। जिस बिंदु पर ये किरणें मिलती हैं तो उस पर I अंकित कीजिए। बिन्दु I वस्तु 0 का आभासी प्रतिबिंब है। हमें ये परावर्तित किरणें D पर स्थित हमारी आँख को बिन्दु I से आती प्रतीत होंगी। चूँकि परावर्तित किरणें वास्तव में A पर नहीं मिलतीं, बल्कि मिलती हुई प्रतीत होती हैं, इसलिए हम कहते हैं कि यह प्रतिबिंब आभासी है। आभासी प्रतिबिंब को पर्दे पर प्राप्त नहीं किया जा सकता है।

प्रश्न 2.
वास्तविक तथा आभासी प्रतिबिंबों में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
वास्तविक तथा आभासी प्रतिबिम्ब में अन्तर

प्रश्न 3.
नियमित तथा विसरित परावर्तन को चित्र बनाते हुए समझाइए।
उत्तर:
नियमित तथा विसरित परावर्तन- जब प्रकाश की समान्तर किरणें किसी समतल दर्पण पर आपतित होती हैं, तब परावर्तित किरणें एकदूसरे के समान्तर किसी विशेष दिशा में जाती हैं। इस प्रकार के परावर्तन को नियमित परावर्तन कहते हैं। समतल दर्पण एवं अन्य चिकने व चमकीले पृष्ठों से नियमित परावर्तन होता है।

किसी खुरदरे धरातल पर आपतित प्रकाश की किरणें समान्तर होने पर भी परावर्तन के पश्चात् समान्तर नहीं होती हैं, अपितु ये भिन्न-भिन्न दिशाओं में परावर्तित होती हैं। इस प्रकार के अनियमित परावर्तन को विसरित परावर्तन कहते हैं। विसरित। परावर्तन परावर्तक धरातल की अनियमित सतह के कारण होता है। अनियमित सतहों; जैसे-पुस्तक, लकड़ी की मेज, आदि से विसरित परावर्तन होता है। विसरित परावर्तन के

कारण ही हमें छायादार पेड़ के नीचे तथा कमरे के अन्दर तक प्रकाश प्राप्त होता है।
क्रियात्मक कार्य
गतिविधि- 1 (पृष्ठ 131)
प्रश्न 1.
इमारत की दीवार पर प्रकाश का यह धब्बा क्यों बनता है?
उत्तर:
इमारत की दीवार पर प्रकाश का यह धब्बा प्रकाश के परावर्तन के कारण बनता है, क्योंकि दर्पण अपने ऊपर आपतित प्रकाश के मार्ग को परावर्तित कर देता है।
प्रश्न 2.
प्रकाश का परावर्तन किसे कहते हैं ?
उत्तर:
प्रकाश किरणों का दर्पण या किसी अन्य चमकीली सतह से टकराकर पुनः उसी माध्यम में लौटने की घटना को प्रकाश का परावर्तन कहते हैं।
गतिविधि- 2 (पृष्ठ 132)
प्रश्न 1.
क्या दोनों आपतन कोण व परावर्तन कोण बराबर
उत्तर:
आपतन कोण तथा परावर्तन कोण बराबर हैं।
प्रश्न 2.
प्रकाश के परावर्तन का प्रथम नियम लिखिए।
उत्तर:
इस नियम के अनुसार ” आपतन कोण तथा परावर्तन कोण का मान सदैव बराबर होता है।” आपतन कोण
(i) = परावर्तन कोण (r)
प्रश्न 3.
परावर्तन का द्वितीय नियम लिखिए।
उत्तर:
आपतित किरण, परावर्तित किरण तथा अभिलंब तीनों एक ही तेल में स्थित होते हैं।
गतिविधि- 3 (पृष्ठ 134)
प्रश्न 1.
दर्पण से प्रतिबिंब कैसा दिखाई देता है ? सीधा या उन्टा।
उत्तर:
समतल दर्पण में प्रतिबिंब सीधा दिखाई देता है।
प्रश्न 2.
यह प्रतिबिंब वस्तु (पेंसिल) की तुलना में बड़ा है। या छोटा ?
उत्तर:
प्रतिबिंब वस्तु (पेंसिल) के बराबर होता है।
गतिविधि- 4 (पृष्ठ 135)
प्रश्न 1.
प्रतिबिम्ब का अवलोकन कर पता कीजिए कि इसकी दर्पण से दूरी कितनी है ?
उत्तर:
प्रतिबिम्ब की दूरी दर्पण से वस्तु की दूरी के बराबर
प्रश्न 2.
क्या पर्दे पर वस्तु का प्रतिबिम्ब प्राप्त हो रहा है?
उत्तर:
पर्दे पर प्रतिबिम्ब प्राप्त नहीं होता है।
प्रश्न 3.
प्रतिबिम्ब कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर:
प्रतिबिम्ब दो प्रकार के होते हैं-
- आभासी प्रतिबिम्ब तथा
- वास्तविक प्रतिबिम्ब।
प्रश्न 4.
आभासी प्रतिबिम्ब किसे कहते हैं ?
उत्तर:
जिस प्रतिबिम्ब को पर्दे पर प्राप्त न किया जा सके। उसे आभासी प्रतिबिम्ब कहते हैं।
प्रश्न 5.
वास्तविक प्रतिबिम्ब किसे कहते हैं ?
उत्तर:
ऐसे प्रतिबिम्ब जिन्हें पर्दे पर प्राप्त किया जा सकता हैं
गतिविधि- 5 (पृष्ठ 136)
प्रश्न 1.
समतल दर्पण से वस्तु का कैसा प्रतिबिंब बनता
उत्तर:
समतल दर्पण से वस्तु का आभासी प्रतिबिंब बनता।
प्रश्न 2.
समतल दर्पण से प्राप्त प्रतिबिंब को आभासी क्यों कहते हैं ?
उत्तर:
समतल दर्पण से परावर्तित किरणें किसी बिन्दु पर नहीं मिलती हैं, बल्कि मिलती हुई प्रतीत होती हैं इसलिए हम कहते हैं कि यह प्रतिबिंब आभासी हैं।
प्रश्न 3.
क्या आभासी प्रतिबिम्ब को पर्दे पर प्राप्त किया जा सकता है ?
उत्तर.
नहीं, आभासी प्रतिबिंब को पर्दे पर प्राप्त नहीं किया जा सकता है।
गतिविधि- 6 (पृष्ठ 137)
प्रश्न 1.
समकोण पर रखे दो समतल दर्पणों के मध्य रखी गयी वस्तु के कितने प्रतिबिम्ब बनते हैं ?
उत्तर:
तीन (3)
प्रश्न 2.
किसी कोण पर रखे दो समतल दर्पणों के बीच रखी गयी वस्तु के प्रतिबिम्बों की संख्या ज्ञात करने का सूत्र लिखिए।
उत्तर:
प्रतिबिम्बों की संख्या

प्रश्न 3.
दो दर्पणों को समान्तर रखने पर उनके मध्य रखी वस्तु के कितने प्रतिबिम्ब बनते हैं ?
उत्तर:
दोनों दर्पणों के मध्य कोण 0° हो अर्थात् दोनों दर्पण समान्तर रखे हों तो वस्तु के अनन्त प्रतिबिम्ब बनते हैं।
गतिविधि- 8 (पृष्ठ 139)
प्रश्न 1.
इन वक्रित भागों को क्या कहते हैं ?
उत्तर:
इन भागों को अवतल भाग तथा उत्तल भाग कहते हैं।
प्रश्न 2.
उत्तल दर्पण किसे कहते हैं ?
उत्तर:
जिस गोलीय दर्पण का उभरा भाग परावर्तक पृष्ठ के रूप में कार्य करता है उसे उत्तल दर्पण कहते हैं।
प्रश्न 3.
अवतल दर्पण किसे कहते हैं ?
उत्तर:
वह गोलीय दर्पण जिसका दबा हुआ (गोले के केन्द्र की ओर वाला भाग) परावर्तक के रूप में कार्य करता है उसे अवतल दर्पण कहते हैं।
गतिविधि- 9 (पृष्ठ 140)
प्रश्न 1.
दर्पण तथा कागज को कुछ मिनट के लिए उसी स्थिति में पकड़े रखिए। आप क्या देखते हैं ?
उत्तर:
कागज से धुआँ उठता है तथा यह आग पकड़ लेता है।
प्रश्न 2.
कागज क्यों जलने लगता है ?
उत्तर:
अवतल दर्पण सूर्य की आपतित समांतर किरणों को फोकस पर अभिकेन्द्रित कर देता है इसलिए कागज आग पकड़ लेता है।
गतिविधि- 10 (पृष्ठ 141)
प्रश्न 1.
क्या आपको कागज की शीट पर प्रकाश का एक चमकीला तीक्ष्ण बिंदु प्राप्त होता है ?
उत्तर:
कागज की शीट पर प्रकाश का चमकीला तीक्ष्ण बिन्दु प्राप्त नहीं होता है।
प्रश्न 2.
उत्तल दर्पण को अपसारी दर्पण क्यों कहते हैं ?
उत्तर:
उत्तल दर्पण समांतर आपतित किरणों को फैला देता है (अपसारित करता है) इसलिए उत्तल दर्पण को अपसारी दर्पण कहते हैं।
प्रश्न 3.
उत्तल दर्पण का फोकस किसे कहते हैं ?
उत्तर:
उत्तल दर्पण द्वारा मुख्य अक्ष के समान्तर आपतित किरणें परावर्तन के पश्चात् मुख्य अक्ष पर एक बिन्दु से
गतिविधि- 11 (पृष्ठ 141)
प्रश्न 1.
सामान्यतः अवतल दर्पण से प्राप्त प्रतिबिम्ब की प्रकृति कैसी होती है ?
उत्तर:
वास्तविक
प्रश्न 2.
अवतल दर्पण से आभासी प्रतिबिंब कब बनता है ?
उत्तर:
अवतल दर्पण से आभासी प्रतिबिंब तब प्राप्त होता है। जब वस्तु दर्पण के ध्रुव और फोकस के मध्य रखी गयी हो।
अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
किसी वस्तु का वस्तु से बड़ा आभासी प्रतिबिम्ब बन सकता है|
(अ) उत्तल दर्पण द्वारा
(ब) अवतल दर्पण द्वारा
(स) समतल दर्पण द्वारा
(द) सम्भव नहीं है।
उत्तर:
(ब) अवतल दर्पण द्वारा
प्रश्न 2.
किस दर्पण से वस्तु से छोटा तथा आभासी प्रतिबिम्ब
बनता है
(अ) समतल दर्पण से
(ब) अवतल दर्पण से
(स) उत्तल दर्पण से
(द) ये तीनों से
उत्तर:
(स) उत्तल दर्पण से
प्रश्न 3.
फोकस दूरी (f) तथा वक्रता त्रिज्या (R) में सम्बन्ध
(अ) फोकस दूरी = वक्रता त्रिज्या
(ब) फोकस दूरी = 1/वक्रता त्रिज्या
(स) 2 X फोकस दूरी = वक्रता त्रिज्या
(द) फोकस दूरी = 2 x वक्रता त्रिज्या
उत्तर:
(स) 2 X फोकस दूरी = वक्रता त्रिज्या
प्रश्न 4.
समतल दर्पण की फोकस दूरी होती है
(अ) 0
(ब) अनन्त
(स) 25 सेमी
(द) – 25 सेमी
उत्तर:
(ब) अनन्त
प्रश्न 5.
उत्तल दर्पण के सामने रखी वस्तु का प्रतिबिम्ब बनता
(अ) वस्तु की स्थिति पर
(ब) दर्पण के सामने वस्तु की स्थिति से दोगुनी दूरी पर
(स) दर्पण के सामने वस्तु की स्थिति से आधी दूरी पर
(द) दर्पण के पीछे
उत्तर:
(द) दर्पण के पीछे
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. प्रकाश किरणों का दर्पण या अन्य चमकीली सतह से टकराकर पुन: वापस उसी माध्यम में लौटने की घटना को प्रकाश का ……………. कहते हैं।
2. आपतित किरण तथा अभिलंब के मध्य का कोण ………. कहलाता है।
3. अनियमित सतह से होने वाला परावर्तन ……….. परावर्तन कहलाता है।
4. जिस प्रतिबिम्ब को पर्दे पर प्राप्त किया जा सके उसे ………….. प्रतिबिम्ब कहते हैं। |
उत्तर:
1. परावर्तन
2. आपतन कोण
3. विसरित
4. वास्तविक
अतिलघु उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
आपतन कोण तथा परावर्तन कोण में क्या सम्बन्ध होता है?
उत्तर:
आपतन कोण तथा परावर्तन कोण का मान सदैव बराबर होता है।
प्रश्न 2.
परावर्तन का द्वितीय नियम लिखिए।
उत्तर:
आपतित किरण, परावर्तित किरण तथा अभिलम्ब तीनों एक ही तल में होते हैं।
प्रश्न 3.
समतल दर्पण से प्राप्त प्रतिबिम्ब की विशेषता बताइए।
उत्तर:
समतल दर्पण में प्रतिबिम्ब सीधा बनता है तथा यह आकार में वस्तु के बराबर होता है।
प्रश्न 4.
आभासी प्रतिबिम्ब किसे कहते हैं ?
उत्तर:
जिस प्रतिबिम्ब को पर्दे पर प्राप्त न किया जा सके उसे आभासी प्रतिबिम्ब कहते हैं।
प्रश्न 5.
वास्तविक प्रतिबिम्ब किसे कहते हैं ?
उत्तर:
जिस प्रतिबिम्ब को पर्दे पर प्राप्त किया जा सके, उसे वास्तविक प्रतिबिम्ब कहते हैं।
प्रश्न 6.
गोलीय दर्पण कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर:
गोलीय दर्पण दो प्रकार के होते हैं-
- अवतल दर्पण
- उत्तल दर्पण
प्रश्न 7.
अवतल दर्पण को अभिसारी दर्पण क्यों कहते हैं ?
उत्तर:
अवतल दर्पण आपतित प्रकाश किरणों को एक बिन्दु पर अभिसारित (या अभिकेन्द्रित) कर देता है इसलिए इसे अभिसारी दर्पण कहते हैं।
प्रश्न 8.
उत्तल दर्पण को अपसारी दर्पण क्यों कहते हैं ?
उत्तर:
उत्तल दर्पण आपतित प्रकाश किरणों को फैला (अपसारित) देता है इसलिए इसे अपसारी दर्पण कहते हैं।
प्रश्न 9.
उत्तल दर्पण से प्राप्त प्रतिबिम्ब की विशेषता लिखिए।
उत्तर:
उत्तल दर्पण से सदैव दर्पण के पीछे, सीधी, आभासी व छोटा प्रतिबिम्ब प्राप्त होता है।
प्रश्न 10.
उत्तल दर्पण का मुख्य उपयोग लिखिए।
उत्तर:
उत्तल दर्पण का उपयोग सामान्यतः वाहनों में पार्श्व दर्पण (Side glass) के रूप में किया जाता है।
लघु उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
श्रेष्ठ तथा मंद परावर्तक क्या होते हैं ?
उत्तर:
ऐसी सतह जो स्वयं पर आपतित प्रकाश के अधिकतम भाग को परावर्तित कर दे, अच्छे या श्रेष्ठ परावर्तक कहलाते हैं। जैसे चिकनी व अच्छी पॉलिश वाली चमकीली सतह तथा दर्पण आदि। दूसरी ओर ऐसी सतह जो प्रकाश में केवल कुछ भाग को ही परावर्तित कर सके, वे मंद परावर्तक कहलाते हैं।
प्रश्न 2.
समतल दर्पण द्वारा प्रतिबिम्ब की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
- समतल दर्पण से प्राप्त प्रतिबिम्ब सदैव आभासी व छोटा होता है।
- प्रतिबिम्ब का आकार वस्तु के बराबर होता है।
- प्रतिबिम्ब दर्पण के पीछे उतनी ही दूरी पर बनता है। जितनी दूरी पर दर्पण के सामने रखा होता है।
- प्रतिबिम्ब में पाश्र्व परावर्तन होता है।
प्रश्न 3.
गोलीय दर्पणों को चित्र सहित समझाइए।
उत्तर:
(1) अवतल दर्पण (Concave mirror)- वह दर्पण जिसमें गोलीय पृष्ठ के उभरे हुए तल परे पॉलिश होती है। तथा दबे हुए तल से परावर्तन होता है, अवतल दर्पण कहलाता
(2) उत्तल दर्पण (Convex mirror)- वह दर्पण जिसमें गोलीय पृष्ठ के दबे तल पर पॉलिश होती है तथा उभरे हुए तल से परावर्तन होता है, उत्तल दर्पण कहलाता है।

प्रश्न 4.
दर्पण की फोकस दूरी किसे कहते हैं ? फोकस दूरी तथा वक्रता त्रिज्या में क्या सम्बन्ध होता है ?
उत्तर:
फोकस दूरी (Focus Length)- गोलीय दर्पण के ध्रुव से मुख्य फोकस तक की दूरी को दर्पण की फोकस दूरी (f) कहते हैं। दर्पण की फोकस दूरी दर्पण की वक्रता त्रिज्या (R) की आधी होती है।
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प्रश्न 5.
प्रतिबिम्ब किसे कहते हैं? ये कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर:
प्रतिबिम्ब (Image)- जब किसी वस्तु को दर्पण के सामने रखा जाता है तब दर्पण में उस वस्तु की आकृति बनती है। इस आकृति को वस्तु का प्रतिबिम्ब कहते हैं। अर्थात् जब प्रकाश किरणें किसी वस्तु के किसी बिन्दु से. चलकर परावर्तन के पश्चात् किसी दूसरे बिन्दु पर जाकर मिलती हैं अथवा किसी दूसरे बिन्दु से आती हुई प्रतीत होती। हैं तो इस दूसरी बिन्दु को पहले बिन्दु का प्रतिबिम्ब (Image) कहते हैं। प्रतिबिम्ब दो प्रकार के होते हैं
- वास्तविक प्रतिबिम्ब (Real Image)
- आभासी प्रतिबिम्ब (Virtual Image)
प्रश्न 6.
गोलीय दर्पण के मुख्य फोकस या फोकस को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
गोलीय दर्पण के मुख्य अक्ष के समान्तर आपतित प्रकाश किरणें दर्पण से परावर्तन के पश्चात् मुख्य अक्ष के ज़िस बिन्दु पर मिलती हैं (अवतल दर्पण में) या मिलती हुई प्रतीत होती हैं (उत्तल दर्पण में)। उस बिन्दु को दर्पण का मुख्य फोकस या फोकस कहते हैं। इसे अक्षर F द्वारा प्रदर्शित करते हैं।
प्रश्न 7.
वक्रता केन्द्र किसे कहते हैं ?
उत्तर:
गोलीय दर्पण काँच के जिस खोखले गोले का भाग होता है उस गोले के केन्द्र को दर्पण का वक्रता केन्द्र (Centre of Curvature) कहते हैं। यह अवतल दर्पण में परावर्तक तल की ओर तथा उत्तल दर्पण में परावर्तक तल के दूसरी ओर स्थित होता है। इसे अक्षर C से प्रदर्शित करते हैं।
प्रश्न 8.
स्ट्रीट लैम्पों में परावर्तक के रूप में किस दर्पण का प्रयोग किया जाता है?
उत्तर:
सड़क पर लगे लैम्पों में परावर्तक के रूप में उत्तल दर्पण का उपयोग किया जाता है, क्योंकि लैम्प का प्रकाश उत्तल दर्पण से परावर्तित होने के पश्चात् अपसारी किरण पुंज के रूप में प्राप्त होता है जिससे लैम्प का प्रकाश सड़क के काफी बड़े क्षेत्र में फैल जाता है।
प्रश्न 9.
अवतल दर्पणों के प्रमुख उपयोग लिखिए।
उत्तर:
अवतल दर्पण के उपयोग-
- अवतल दर्पणों का उपयोग सामान्यतः टॉर्च, सर्चलाइट तथा वाहनों के अग्रदीपों (headlights) में प्रकाश का शक्तिशाली समान्तर किरण पुंज प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
- दाढ़ी बनाने में बड़ा व स्पष्ट प्रतिबिम्ब के लिए अवतल दर्पण का उपयोग करते हैं।
- सौर चूल्हों व ऊष्मकों में सूर्य से आने वाली प्रकाश किरणों को केन्द्रित करने के लिए बड़े अवतल दर्पण का उपयोग होता है।
- दंत विशेषज्ञ अवतल दर्पण का उपयोग मरीजों के दाँतों का बड़ा प्रतिबिंब देखने के लिए करते हैं।
प्रश्न 10.
उत्तल दर्पण के प्रमुख उपयोग लिखिए।
उत्तर:
उत्तल दर्पणों के उपयोग-उत्तल दर्पणों का उपयोग सामान्यत: वाहनों के पाश्र्व दर्पण (side glass) के रूप में किया जाता है। ये दर्पण वाहन के पाश्र्व (side) में लगे होते हैं तथा इनमें ड्राइवर अपने पीछे के वाहनों को देख सकते हैं। जिससे वे सुरक्षित रूप से वाहन चला सकें।
उत्तल दर्पणों को इसलिए भी प्राथमिकता देते हैं, क्योंकि ये सदैव सीधा प्रतिबिम्ब बनाते हैं यद्यपि वह छोटा होता है। इनका दृष्टि-क्षेत्र भी बहुत अधिक है क्योंकि ये बाहर की ओर वक्रित होते हैं। अतः समतल दर्पण की तुलना में उत्तल दर्पण ड्राइवर को अपने पीछे के बहुत बड़े क्षेत्र को देखने में समर्थ बनाते हैं।
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
नामांकित चित्र की सहायता से गोलीय दर्पण के सन्दर्भ में निम्न को समझाइए-
(i) दर्पण का ध्रुव
(ii) वक्रता केन्द्र
(iii) वक्रता त्रिज्या
(iv) मुख्य अक्ष
(v) अभिलम्ब
(vi) फोकस दूरी।
उत्तर:

उत्तर:
(i) दर्पण का ध्रुव (Pole of mirror)- गोलीय दर्पण के परावर्तक तल के मध्य बिन्दु को ‘दर्पण का ध्रुव’ कहते हैं। यह दर्पण के पृष्ठ पर स्थित होता है तथा इसे अक्षर P से निरूपित करते हैं।
(ii) वक्रता केन्द्र (Centre of curvature)- गोलीय दर्पण काँच के जिस खोखले गोले का भाग होता है उस गोले के केन्द्र को दर्पण का वक्रता केन्द्र कहते हैं। इसे C से निरूपित किया जाता है।
(iii) वक्रता त्रिज्या (Radius of curvature)- गोलीय दर्पण जिस खोखले गोले का भाग होता है उसकी त्रिज्या को दर्पण की ‘वक्रता त्रिज्या’ कहते हैं। इसे R से निरूपित करते हैं।
(iv) मुख्य अक्ष (Principal axis)- गोलीय दर्पण के ध्रुव तथा वक्रता केन्द्र से होकर जाने वाली रेखा को दर्पण का। ‘मुख्य अक्ष’ कहते हैं। चित्र में रेखा xy मुख्य अक्ष है।
(v) अभिलम्ब (Normal)- गोलीय दर्पण के किसी बिन्दु को वक्रता केन्द्र से मिलाने वाली रेखा गोलीय दर्पण के उस बिन्दु पर ‘अभिलम्ब होती है। अर्थात् गोलीय दर्पण के । किसी बिन्दु पर अभिलम्ब उस गोलीय दर्पण की वक्रता त्रिज्या के बराबर होता है।
(vi) फोकस दूरी (Focus length)- गोलीय दर्पण के ध्रुव से मुख्य फोकस तक की दूरी को दर्पण की ‘फोकस दूरी’ कहते हैं। इसे अक्षर से प्रदर्शित करते हैं।
प्रश्न 2.
उत्तल दर्पण से बने प्रतिबिम्ब की प्रकृति को उचित चित्रों की सहायता से समझाइए।
उत्तर:
उत्तल दर्पण में वस्तु की प्रत्येक स्थिति के लिए। प्रतिबिम्ब आभासी, सीधा, वस्तु से छोटा तथा दर्पण के पीछे दर्पण तथा फोकस के मध्य बनता है। माना कोई वस्तु 00′ है। बिन्दु 0′ से दर्पण के मुख्य अक्ष के समान्तर जाने वाली प्रकाश की किरण O’ A परावर्तन के पश्चात् फोकस F से आती हुई प्रतीत होती है। दूसरी किरण ‘O’B जो वक्रता केन्द्र C की ओर जाती हुई प्रतीत होती है।
दर्पण पर अभिलम्बवत् गिरती है तथा परावर्तित होकर उसी मार्ग पर वापस लौट जाती है। ये दोनों परावर्तित किरणें I’ से आती हुई प्रतीत होती हैं जो कि O’ का प्रतिबिम्ब हैं। I’ से मुख्य अक्ष पर लम्ब II’ वस्तु O0′ का पूर्ण प्रतिबिम्ब है। इस प्रकार उत्तल दर्पण द्वारा वस्तु का प्रतिबिम्ब फोकस तथा अव के बीच बनता है तथा आभासी सीधा व वस्तु से छोटा होता है।


