RBSE Solutions for Class 7 Social Science Chapter 1 जैवमंडल और भू-दृश्य
RBSE Solutions for Class 7 Social Science Chapter 1 जैवमंडल और भू-दृश्य
Rajasthan Board RBSE Class 7 Social Science Chapter 1 जैवमंडल और भू-दृश्य
पातुगत प्रश्न एवं उनके उत्तर
आओ करके देखें
प्रश्न 1.
अपने गाँव या शहर का भ्रमण कर पता लगाए कि आपके क्षेत्र में कौन-कौन से धरातलीय स्वरुप है। अपने आसपास के किसी स्थलरूप का चित्र बनाइए। (पृष्ठ 9)
उत्तर
हमारे क्षेत्र में पर्वत व मैदान धरातलीय स्वरूप हैं। हमारा गाँव मैदानी क्षेत्र पर बसा हुआ है।

जहाँ का धरातल समतल है और समुद्र तल से इसकी ऊँचाई 300 मीटर के लगभग है। यह एक उपजाऊ एवं कृषि प्रधान क्षेत्र है।
प्रश्न 2.
अपने आस-पास के पर्यावरण को देखकर जैवमंडल में पाये जाने वाले वृक्षों एवं जीवों की सूची बनाइए। (पृष्ठ 9)
उत्तर
हमारे आस-पास के पर्यावरण में पाये जाने वाले वृक्ष एवं जीव निम्नलिखित हैं
1. वृक्ष- नीम, पीपल, बबूल, आम, शीशम आदि के वृक्ष एवं कंटीली झाड़ियाँ।
2. जीव- गाय, बैल, घोड़े, ऊँट, भेड़, बकरियाँ, कुत्ता, बंदर, बिल्ली, साँप, चूहे, कौआ, चिड़िया, गोंडावण, सारस एवं मछली आदि जलीय जीव ।
प्रश्न 3.
आप दिए गए चित्रों को देखिए, विभिन्न स्थलाकृतियों | को पहचानकर उनके नाम लिखिए और ये हमारे लिए किस प्रकार उपयोगी हैं, इसकी चर्चा कक्षा में अपने साथियों से कीजिए। (पृष्ठ 9)
उत्तर


चित्रों के नाम क्रमश: हैं-
- द्वीप
- नदी बेसिन
- मैदान
- पठार
- समुद्र और तटीय मैदान
- पर्वत।
1. द्वीप- चारों तरफ से जल से घिरा स्थलीय भाग द्वीप कहलाता है। यह नदी, तालाब, समुद्र या महासागर कहीं भी स्थित हो सकता है। सामान्यत: ये पर्यटन स्थल होते हैं। आकार में छोटा होने के कारण यहाँ जनसंख्या कम होती है।
2. नदी बेसिन- स्थल का वह भू भाग, जहाँ मुख्य नदी और उसकी सहायक नदियाँ बहती हैं, नदी बेसिन कहलाता है। नदियों से हमें कृषि के लिए वर्षभर जल उपलब्ध हो जाता है जिससे कृषि उत्पादन में वृद्धि होती है। नदियों से हमें पीने का जल भी प्राप्त होता रहता है।
3. मैदान- मैदानी भाग धरातल के सबसे समतल क्षेत्र हैं। ये नदियों द्वारा निर्मित उपजाऊ मैदान हैं, जहाँ कृषि के साथ-साथ उद्योग-धन्धों तथा परिवहन का विस्तृत जाल देखने को मिलता है। मैदानी भू-भाग धरातल के सबसे घने बसे भाग हैं।
4. पठार- कम ढाल वाले तथा ऊपर सपाट चौड़े भू-भाग को पठार कहते हैं। ऊँचे पठार चरागाहों की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण हैं। निचले भागों में कृषि की जाती है। कुछ पठार खनिज पदार्थों की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं।
5. समुद्र और तटीय मैदान- समुद्र जल के अथाह भण्डार होते हैं। इनका जल खारा होता है। छोटे-छोटे समुद्रों से मिलकर महासागर बनते हैं। समुद्र के किनारों पर स्थित स्थल भाग को तट कहा जाता है। इन तटीय मैदानों का उपयोग लोग सैर-सपाटे, मछली पकड़ने व कृषि करने के लिए करते हैं।
6. पर्वत- आस-पास के भागों से लगभग 600 मीटर अथवा अधिक ऊँचे भाग को पर्वत कहते हैं। पर्वतीय भाग मैदानी भागों से ठण्ड़े होते हैं। वर्षा कराने में इनकी भूमिका महत्वपूर्ण है। पर्वत के ढलानों पर सीढ़ीदार कृषि की जाती है। पर्वतीय | भाग वन्य जीवों के निवास स्थल हैं। यहाँ कुछ जनजातियाँ भी निवास करती है।
पाठ्य पुस्तक के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
सही विकल्प को चुनिए
प्रश्न (i)
निम्न में से कौनसी एक प्रमुख प्राकृतिक स्थलाकृति नहीं है?
(क) पर्वत
(ख) पठार
(ग) अधिवास
(घ) मैदान।
उत्तर
(ग) अधिवास
प्रश्न (ii)
स्थलीय भाग जो तीन तरफ से जल से घिरा हो उसे कहते हैं
(क) द्वीप
(ख) प्रायद्वीप
(ग) सागर
(घ) महासागर
उत्तर
(ख) प्रायद्वीप
प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(i) पृथ्वी पर चार महासागर हैं
1. …….. महासागर 2. ………. महासागर 3. ……. महासागर 4. ……… महासागर
(ii) हिमालय में गही, बकरवाल एवं भोटिया जनजातियाँ रहती हैं जो वहाँ ……… ऋतु प्रवास करती हैं।
(iii) स्थल का वह भूभाग जहाँ नदी और सहायक नदी बहती है, उस नदी का ………………. कहलाता है।
(iv) स्थल पर एक प्राकृतिक धारा के रूप में बहने वाले जल को ………… कहते हैं।
उत्तर
(i) (1) प्रशान्त (2) अटलांटिक (3) हिन्द (4) आकटिक
(ii) मौसमी
(iii) बेसिन
(iv) नदी।
प्रश्न 3.
जैवमंडल किसे कहते हैं? यह केवल पृथ्वी पर ही क्यों पाया जाता है?
उत्तर
पृथ्वी का वह समस्त भाग जहाँ जीवन विद्यमान है, जैवमंडल कहलाता है। पृथ्वी के जैवमंडल को निम्न तीन बातें महत्वपूर्ण बनाती हैं-
- सूर्य से पृथ्वी को लगातार ऊर्जा प्राप्त होती रहती हैं।
- पृथ्वी पर अत्यधिक मात्रा में जल पाया जाता हैं।
- पृथ्वी के इस भाग में पदार्थ के तीनों | स्वरूपों (तरल, येस एवं गैस) का अच्छा समन्वय है।
प्रश्न 4.
पारितन्त्र और पर्यावरण की परिभाषा देकर उनमें अन्तर बताइए।
उत्तर
पारितन्त्र- सभी जीव आपस में एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं। इसके साथ ही वे अपने पर्यावरण से प्रभावित होते हैं और उसे भी प्रभावित करते हैं। इस प्रकार जीव और पर्यावरण के आपसी सम्बन्धों की जटिल व्यवस्था बन जाती है। इस जैविक और अजैविक पर्यावरण के पारस्परिक अन्तर्सम्बन्ध को पारितन्त्र’ कहते हैं। दूसरे शब्दों में, पारितन्त्र पर्यावरण के समस्त जैविक और अजैविक कारकों के अन्तर्सम्बन्धों से निर्मित होता है।
पर्यावरण- पर्यावरण शब्द परि + आवरण इन दो शब्दों का मेल है अर्थात् हमारे चारों ओर जो आवरण बना हुआ है,जिससे हम घिरे हुए हैं, उसी को पर्यावरण’ कहते हैं। इसमें पेड़-पौधे, जीव-जन्तु आदि जैविक तथा सभी अजैविक पदार्थ सम्मिलित होते हैं। अन्तर–पारितन्त्र में पर्यावरण के जैविक एवं अजैविक कारकों के अन्तर्सम्बन्धों की व्याख्या होती है। जबकि पर्यावरण में जैविक एवं अजैविक कारकों को अलग-अलग विश्लेषण किया जाता है।
प्रश्न 5.
खाद्य श्रृंखला क्या है? उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
खाद्य श्रृंखला से आशय- धरातल और उस पर निवास करने वाले जीवों को ऊर्जा का प्रधान स्रोत सूर्य है। सूर्य से प्राप्त ऊर्जा की सहायता से पेड़-पौधे अपना भोजन बनाते हैं। पौधों में संचित हुई यह ऊर्जा भोजन के माध्यम से एक प्राणी से दूसरे प्राणों में हस्तान्तरित होकर एक श्रृंखला बनाती हैं। ऊर्जा के खाद्य रूप में हस्तान्तरण का यह क्रम खाद्य श्रृंखला कहलाता है।
उदाहरणार्थ- सूर्य की ऊर्जा से पेड़-पौधे अपना भोजन बनाते हैं। वे पोषक तत्व मृदा से लेते हैं। पेड़-पौधों से कीट-पतंगे अपना आहार लेते हैं। कीट-पतंगों को चूहा, चूहे को साँप, साँप को बाज खाता है। बाज की मृत्यु के बाद अपघटक जीव उसे मिट्टी में मिला देते हैं। इस प्रकार एक खाद्य श्रृंखला पूरी हो जाती है।
प्रश्न 6.
में पारितन्त्र के सन्तुलन को बनाए रखने के लिए क्या-क्या करना चाहिए?
उत्तर
वर्तमान समय में प्रौद्योगिकी के प्रसार एवं जनसंख्या वृद्धि के कारण पारितन्त्र का सन्तुलन बिगड़ता जा रहा है। अत: पारितन्त्र का सन्तुलन बनाए रखना अति आवश्यक हैं। इसके लिए दो बातें महत्वपूर्ण हैं-
- विकास के कार्यों को इस प्रकार करना चाहिए कि उससे पारितन्त्र को कोई नुकसान न हो।
- विकास में पर्यावरण के तत्वों का उपयोग संरक्षणात्मक दृष्टिकोण से हो । प्रकृति का दोहन नहीं बल्कि उसके साथ सहयोगात्मक दृष्टिकोण से ऐसा तालमेल बैठाया जाए कि विकास की प्रक्रिया निरन्तर चलती रहे तथा पर्यावरण को भी हानि न पहुँचे।
प्रश्न 7.
द्वीप किसे कहते हैं? क्या यह केवल समुद्र में ही मिलते हैं?
उत्तर
द्वीप-एक ऐसा स्थलीय भाग जो चारों ओर से पानी से घिरा हुआ हो, द्वीप कहलाता है। यह महाद्वीपों से छोटा होता है। ऐसा नहीं है कि द्वीप केवल समुद्र में ही मिलते हैं; द्वीपों की अवस्थिति नदी, तालाब, समुद्र या महासागर कहीं भी हो सकती है। हिन्द महासागर में अण्डमान व निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप आदि प्रमुख द्वीप हैं। ब्रह्मपुत्र नदी में स्थित माजुली द्वीप नदी में स्थित विश्व का सबसे बड़ा द्वीप है।
प्रश्न 8.
मैदान के दो प्रकार कौन-कौन से हैं? उदाहरण देकर उनकी प्रमुख विशेषताएँ बताइए।
उत्तर
धरातल के समतल भागों को मैदान कहा जाता है। समुद्र तल से इनकी औसत ऊँचाई 300 मीटर से कम होती है। इनका निर्माण नदियों द्वारा बहाकर लाई गई मृदा के जमने से होता है। धरातल पर मैदानों का विस्तार सर्वाधिक लगभग 55 प्रतिशत है। मैदान दो प्रकार के होते हैं|
(i) तटीय मैदान तथा
(ii) आन्तरिक मैदान।
(i) तटीय मैदान- तटीय मैदान समुद्र के किनारे मिलते हैं। | ये मैदान मुख्यतया समुद्री लहरों द्वारा निर्मित होते हैं। इनकी चौड़ाई कम होती है। इन समुद्र तटीय मैदानों पर अच्छे बन्दरगाह मिलते हैं। यहाँ लोग मनोरंजन के लिए आते हैं। इनका उपयोग मछली पालन के लिए किया जाता है।
(ii) आन्तरिक मैदान– मुख्य स्थल भाग पर नदियों द्वारा लाई गयी उपजाऊ मिट्टी के निक्षेपण से बने मैदानों को आन्तरिक | मैदान कहते हैं। जैसे- भारत में गंगा, ब्रह्मपुत्र का मैदान । | उपजाऊ मिट्टी से निर्मित होने के कारण ये कृषि कार्य के लिए महत्त्वपूर्ण हैं। समतल होने के कारण परिवहन की सुविधा यहाँ सड़क एवं रेलमार्गों द्वारा सुलभ होती है। जीवन के लिए आवश्यक सुविधाएँ सुलभ होने के कारण यहाँ जनसंख्या घनत्व अधिक मिलता है।
अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
पृथ्वी पर ऊर्जा का प्रधान स्रोत है|
(क) कोयला ।
(ख) पेट्रोलियम |
(ग) सूर्य ।
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर.
(ग) सूर्य
प्रश्न 2.
माउण्ट एवरेस्ट किस पर्वत श्रृंखला में स्थित है?
(क) राकी
(ख) एण्डीज
(ग) हिमालय
(घ) एटलस।
उत्तर.
(ग) हिमालय
प्रश्न 3.
पर्वतों पर निवास करने वाले लोगों का मुख्य व्यवसाय है|
(क) कृषि
(ख) उद्योग
(ग) परिवहन
(घ) पशुपालन।
उत्तर.
(घ) पशुपालन।
प्रश्न 4.
अधिकांश खनिज भण्डार मिलते हैं|
(क) पर्वतों पर
(ख) मैदानों में
(ग) पठारों में
(घ) समुद्र तटीय भागों में।
उत्तर.
(ग) पठारों में
प्रश्न 5.
धरातल पर प्राकृतिक रूप से एक धारा के रूप में बहने वाले जल को कहते हैं
(क) जलप्रपात
(ख) धाराएँ ।
(ग) नदी
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर.
(ग) नदी
प्रश्न 6.
माजली दीप किस नदी के मध्य स्थित है?
(क) गंगा
(ख) गोदावरी
(ग) कावेरी
(घ) ब्रह्मपुत्र।
उत्तर.
(घ) ब्रह्मपुत्र।
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए।
(i) पृथ्वी का वह समस्त भाग जहाँ जीवन विद्यमान है, वह ………. कहलाता है।
(ii) पृथ्वी की ठोस सतह को हम ………. कहते हैं।
(iii) हमारी यह धरती एक विशाल ……… है।
(iv) मॉनाकी पर्वत समुद्र की तली से …… मीटर ऊँचा है।
उत्तर
(i) जैवमंडल
(ii) स्थलमंडल
(iii) पारितन्त्र
(iv) 10, 205
अति लघूत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
भू-मंडल पर जैवमंडल का विकास कब हुआ?
उत्तर
भू-मंडल पर जैवमंडल का विकास करोड़ों वर्ष पूर्व हुआ।
प्रश्न 2.
खाद्य जाल क्या है?
उत्तर
भूमंडल के विभिन्न क्षेत्रों में कई खाद्य श्रृंखलाओं की एक व्यवस्था एवं क्रम होता है, जिसे खाद्य जाल कहते
प्रश्न 3.
पृथ्वी के प्रमुख स्थलरूपों का उन्लेख कीजिए।
उत्तर
साधारणतया पृथ्वी पर निम्नलिखित स्थलरूप पाये जाते हैं-
- पर्वत,
- पठार,
- मैदान,
- नदी बेसिन,
- समुद्र व तटीय मैदान तथा
- द्वीप।
प्रश्न 4.
पृथ्वी पर सबसे ऊँची चोटी का नाम बताइए।
उत्तर
माउण्ट एवरेस्ट (8848 मीटर) । यह चोटी हिमालय पर्वत श्रृंखला में स्थित है।
प्रश्न 5.
पर्वत श्रृंखला से क्या आशय है?
उत्तर
जब पर्वत एक रेखा के क्रम में होते हैं, तो इसे पर्वत श्रृंखला कहते हैं।
प्रश्न 6.
वृष्टि छाया प्रदेश क्या है?
उत्तर
पर्वतों के पवनविमुखी ढाल वर्षा रहित रह जाते हैं। | जिसे वृष्टि झया प्रदेश कहते हैं।
प्रश्न 7.
पठारों के बारे में बताइए।
उत्तर
ऐसे ऊँचे एवं चौड़े भू-भाग जिनका ऊपरी भाग समतल हो तथा ढाल कम हो, पठार कहलाते हैं। जैसे- भारत में दक्कन का पठार तथा ओटा नागपुर पठार।
प्रश्न 8.
नदी बेसिन से आप क्या समझते हैं?
उत्तर
स्थल का वह भाग जहाँ मुख्य नदी और उसकी सहायक नदियाँ बहती हैं, वह क्षेत्र नदी का बेसिन कहलाता हैं।
प्रश्न 9.
सायक नदियों से क्या तात्पर्य है?
उत्तर
पेड़ के तने और शाखाओं की भाँति नदियों की कई शाखाएँ होती हैं। ये शाखाएँ आस-पास से आकर मुख्य नदी में मिल जाती हैं। इन्हें सहायक नदियाँ कहते हैं।
लयूत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
पृथ्वी के जैवमंडल की कोई तीन विशेषताएँ बताइए।
उत्तर
पृथ्वी के जैवमंडल की तीन प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं|
- जैवमंडल में विशाल मात्रा में जल उपलब्ध है।
- सूर्य से पृथ्वी को निरन्तर ऊर्जा प्राप्त होती रहती है।
- पृथ्वी के इस भाग में पदार्थ के तीन स्वरूपों (तरल, ठोस एवं गैस) का अच्छा समन्वय है।
प्रश्न 2.
जैवमंडल के जीवों का वर्गीकरण कीजिए।
उत्तर
जैवमंडल में पाये जाने वाले जीवों को निम्न दो वर्गों में विभाजित किया जा सकता है-
- वनस्पति जगत जिसमें सभी प्रकार के पेड़-पौधे, झाड़ियाँ और घासें सम्मिलित हैं।
- जीव जगत जिसमें मानव सहित स्थल, जल एवं वायु में रहने वाले सभी जीव-जन्तु सम्मिलित हैं।
प्रश्न 3.
मानव एवं पर्यावरण के अन्तर्सम्बन्धों को संक्षेप में बताइये।
उत्तर
पृथ्वी पर उच्चावच में पर्याप्त विभिन्नता मिलती है। इसी प्रकार भूमध्यरेखा से ध्रुवों तक जलवायु में भी विभिन्नता मिलती है। ये सभी भौगोलिक विभिन्नताएँ पर्यावरणीय विभिन्नताओं की सूचक हैं। इन भौगोलिक विभिन्नताओं के परिणामस्वरूप धरातल पर अलग-अलग पशु पक्षियों एवं वनस्पतियों की उत्पत्ति हुई। यह स्पष्ट है कि पर्यावरण जीवजन्तु एवं वनस्पतियों को प्रभावित करता है किन्तु जीव भी पर्यावरण को प्रभावित करते हैं। आज मानव ने पर्यावरण में सापेक्ष एवं निरपेक्ष दोनों प्रकार के परिवर्तन किये हैं। आज रेगिस्तानों में कृषि सम्भव हो गयी है। वन नष्ट हो रहे हैं। जीवों की प्रजातियाँ नष्ट हो रही हैं। वास्तव में धरातल पर मिलने वाला प्रत्येक जीव पर्यावरण सन्तुलन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। अतएव उसका संरक्षण किया जाना चाहिए।
प्रश्न 4.
वर्तमान समय में पर्यावरण असन्तुलन के क्या कारण हैं? बताइए।
उत्तर
वर्तमान समय में मानव आर्थिक विकास की होड़ में तथा अपनी बढ़ती आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए प्रकृति का अन्धाधुन्ध दोहन कर रहा है। इससे पर्यावरण में असन्तुलन उत्पन्न हो रहा है। पर्यावरण असन्तुलन के प्रमुख कारण निम्न हैं-
- प्राकृतिक वनस्पति एवं जीवों का विनाश।
- मूल जन्तुओं एवं वनस्पति के स्थान पर विदेशी जन्तुओं एवं वनस्पतियों की स्थापना ।
- विकास के लिए पारितन्त्र के संघटकों में परिवर्तन ।
- उर्वरकों एवं कीटनाशकों का अधिकाधिक उपयोग।
- वायुमंडल की गैसों के अनुपात में परिवर्तन ।
- पर्यावरण प्रदूषण आदि।
प्रश्न 5.
जल की उपलब्धता के आधार पर नदियों के प्रकार बताए।
उत्तर
धरातल पर प्राकृतिक रूप से एक धारा के रूप में प्रवाहित होने वाले जल को नदी कहा जाता है। नदियाँ सदैव ढाल का अनुसरण करती हैं। नदियों की उत्पत्ति सामान्यत: उच्च पर्वतीय क्षेत्रों से होती है। जिन नदियों की उत्पत्ति अत्यन्त ऊँचे पर्वतीय भागों से होती है तथा जिनको जल वर्षा के साथ-साथ बर्फ के पिघलने से भी प्राप्त होता है ये साल भर निरन्तर अवाध गति से बहती रहती हैं। ऐसी नदियों को नित्यवाहिनी या सततवाहिनी नदियाँ कहा जाता है। जैसे-गंगा-यमुना आदि सतत वाहिनी नदियाँ हैं। कुछ नदियाँ केवल वर्षा ऋतु में ही बहती हैं। इन्हें मौसमी नदियाँ कहा जाता है। पश्चिमी राजस्थान में बहने वाली लूनी नदी मौसमी नदी है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
महासागरों की उपयोगिता बताइए।
उत्तर
महासागरों का विस्तार भूमंडल के लगभग तीन चौथाई भाग पर मिलता है।
इनमें अथाह जल है। प्रमुख रूप से पृथ्वी पर चार महासागर हैं-प्रशान्त महासागर, अटलांटिक महासागर, हिन्द महासागर और आकटिक महासागर । इन महासागरों की उपयोगिता को निम्न प्रकार से स्पष्ट किया जा सकता है
- महासागरों में असंख्य जीव पाये जाते हैं, जिनमें मछलियाँ प्रमुख हैं।
- महासागरों से प्राप्त होने वाली मछलियाँ एक प्रमुख खाद्य पदार्थ हैं।
- महासागरों को खनिजों का भण्डार कहा गया है। यहाँ अनेक खनिज पाये जाते हैं।
- महासागरों के तटीय भागों में पेट्रोलियम मिलने की अपार सम्भावनाएँ हैं।
- महासागर परिवहन के सस्ते साधन हैं। दो देशों के मध्य आयात निर्यात महासागरीय मार्ग से सबसे सस्ता पड़ता है।
- धरातल की भाँति महासागरों में उच्चावच के विभिन्न स्वरूप-पर्वत, पठार, मैदान, खाइयाँ आदि पाई जाती हैं।
प्रश्न 2.
पर्वतों से आप क्या समझते हैं? इनकी विशेषताएँ बताइए।
उत्तर
पर्वत- धरातल का वह भाग जो अपने आस-पास के स्थानों से 600 मीटर से अधिक ऊँचे एवं सैकड़ों किलोमीटर लम्वाई में फैले हुए हों, पर्वत कहलाते हैं। पर्वतों की विशेषताएँ-पर्वतों की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं
- पर्वत नीचे की ओर चौड़े तथा ऊपर की ओर सँकरे होते जाते हैं।
- पर्वतों का ऊपरी भाग अत्यन्त ढालू हो जाता है, इसे पर्वत | की चोटी कहते हैं।
- पर्वतीय क्षेत्र आस-पास के क्षेत्रों से ठण्डे होते हैं, क्योंकि ऊँचाई के साथ-साथ तापमान गिरता जाता हैं।
- जलवाष्य भरी हवाएँ पर्बतों से टकराकर घनघोर वर्षा करती हैं। पवन के सामने वाले भाग पर घनघोर वर्षा होती है। और विपरीत वाला भाग लगभग वर्मा से रहित रह जाता है। इसे वृष्टि छाया प्रदेश कहते हैं।
- पर्वतीय ढालों पर समतल भूमि के अभाव में कृषि बहुत कम होती है। पशुपालन यहाँ का मुख्य व्यवसाय है।
- पर्वतीय क्षेत्रों में अनेक जनजातियाँ निवास करती हैं। हिमालय में गही, बकरवाल व भोटिया जनजातियाँ रहती हैं। ये वहाँ मौसमी प्रवास करती हैं।
- पर्वत प्राकृतिक वन्य जीवों को आश्रय प्रदान करते हैं।
