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RBSE Solutions for Class 7 Social Science Chapter 2 वायुमंडल और जलवायु

RBSE Solutions for Class 7 Social Science Chapter 2 वायुमंडल और जलवायु

Rajasthan Board RBSE Class 7 Social Science Chapter 2 वायुमंडल और जलवायु

पातुगत प्रश्न एवं उनके उत्तर

आओ करके देखें।
प्रश्न 1.
वायुमंडल के प्रमुख गैसों के अनुपात के चित्र को देखकर प्रमुख गैसों एवं उनके प्रतिशत की सूची बनाइए। (पृष्ठ 12)

RBSE Solutions for Class 7 Social Science Chapter 2 वायुमंडल और जलवायु 1
उत्तर
वायुमंडल में प्रमुख गैसें तथा उनकी प्रतिशत मात्रा निम्न प्रकार है|
RBSE Solutions for Class 7 Social Science Chapter 2 वायुमंडल और जलवायु 2

प्रश्न 2.
वायुमंडल में विद्यमान गैसों के मारे जीवन में महत्व पर एक लघु निबन्ध लिखिए।
उत्तर
वायुमंडल की प्रमुख गैसें नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, आर्गन और कार्बन-डाई-आक्साइड हैं। इसके अलावा वायुमंडल में हीलियम, ओजोन, हाइड्रोजन, नियॉन, जिनॉन, क्रिप्टोन तथा मीथेन आदि गैसें पाई जाती हैं। ऑक्सीजन जीवनदायिनी गैस है। जिसे सभी प्राणी श्वसन क्रिया में उपयोग करते हैं। जीवों द्वारा छोड़ी गयी कार्बन-डाईआक्साइड का उपयोग पेड़-पौधे भोजन बनाने के लिए करते हैं जिससे वायुमंडल में  गैसों का सन्तुलन बना रहता है। ओजोन गैस की परत सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी किरणों का अवशोषण करके हमारी रक्षा करती है।

प्रश्न 3.
वायुमंडल की परतों का नामांकित चित्र बनाइए। (पृष्ठ 13)
उत्तर
RBSE Solutions for Class 7 Social Science Chapter 2 वायुमंडल और जलवायु 3

प्रश्न 4.
वायुमंडल की परतों के नाम ऊँचाई तथा उनकी प्रमुख विशेषताएँ बताइए। (पृष्ठ 13)
उत्तर
RBSE Solutions for Class 7 Social Science Chapter 2 वायुमंडल और जलवायु 4

प्रश्न 5.
स्थानीय समाचार-पत्र से एक सप्ताह के तापमान के आँकड़ों को एकत्रित कर उनमें आने वाले बदलाव का अध्ययन कीजिए। पता लगाइए कि तापमान में लगातार बदलाव क्यों होता है? (पृष्ठ 19)
उत्तर
स्थानीय समाचार-पत्र से एक सप्ताह के तापमान के आँकड़ों को एकत्रित किया तो चला कि प्रत्येक दिन तापमान में बदलाव होता रहता है। पृथ्वी की दैनिक एवं वार्षिक गति के कारण तापमान में लगातार बदलाव होता रहता है।

प्रश्न 6.
अपने शिक्षक एवं परिवार के बड़े सदस्यों से पता लगाइए कि आपके क्षेत्र में सर्वाधिक वर्षा किस ऋतु में होती है और वह ऋतु किन महीनों में आती है? (पृष्ठ 19)
उत्तर
हमारे क्षेत्र में सर्वाधिक वारिश, वर्षा ऋतु में होती है। यह ऋतु जून से सितम्बर तक मानी जाती है।

पाठ्य पुस्तक के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
सही विकल्प को चुनिए
(i) उष्ण कटिबन्धीय चक्रवातों को संयुक्त राज्य अमेरिका में क्या कहा जाता है?
(क) हरिकेन
(ख) टोरनेडो
(ग) टाइफुन
(घ) विली विलीज़।
उत्तर
(क) हरिकेन

(ii) वायुयान किस परत में उड़ते हैं?
(क) समतापमंडल
(ख) क्षोभमंडल
(ग) आयन मंडल
(घ) बहिर्मडल
उत्तर
(क) समतापमंडल

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए|
(i) वायुमंडल में सबसे अधिक मात्रा………………… गैस की है।
(ii) पवन की गति मापने का यन्त्र…….मीटर कहलाता है।
(iii) वायुमंडल में रेडियो तरंगों का परावर्तन………… मंडल से होता है।
(iv) ग्रीष्मकाल में चलने वाली गर्म पवनों को राजस्थान में…………कहा जाता हैं।
उत्तर
(i) नाइट्रोजन
(ii) एनीमो
(iii) आयन
(iv) लू।

प्रश्न 3.
मौसम एवं जलवायु में क्या अन्तर है?
उत्तर
किसी स्थान विशेष की अल्पकालीन पर्यावरणीय दशाओं को मौसम कहा जाता है। जबकि किसी स्थान विशेष की. मौसमी दशाओं के दीर्घकालीन औसत को उस स्थान की जलवायु कहा जाता है। मौसम में कम समय में लगातार परिवर्तन होता रहता है जबकि जलवायु में परिवर्तन मन्द गति में होता है। जिसका हम प्रत्यक्ष अनुभव नहीं कर पाते हैं।

प्रश्न 4.
वर्षा कितने प्रकार की होती है? नाम बताइए।
उत्तर
वर्षा निम्न तीन प्रकार की होती हैं

  1. संवहनीय वर्षा
  2. पर्वतीय वर्षा
  3. चक्रवातीय वर्षा।

प्रश्न 5.
पवन का अर्थ बताते हुए इसके प्रकार को समझाइए।
उत्तर
उच्च दाब से निम्न दाब की और वायु की गति को पवन कहते हैं। पवनें निम्न तीन प्रकार की होती हैं

  1. स्थायी पवनें-जिन पवनों की दिशा एवं क्षेत्र लगभग निश्चित होता हैं ऐसी पवनों को स्थायी पवनें कहते हैं। ये तीन प्रकार की होती हैं-व्यापारिक या सन्मार्गी पवनें, पछुआ पवनें एवं ध्रुवीय पवने।
  2. सामयिक या मौसमी पवनें-वे पवनें जो एक निश्चित समय अथवा मौसम के पश्चात अपनी दिशा बदल देती हैं, ऐसी पवनों को सामयिक या मौसमी पवनें कहते हैं। उदाहरण के लिए भारत में मानसूनी पवनें ऋतुओं के अनुसार अपनी दिशा बदलती रहती हैं। समुद्र तटीय प्रदेशों में रात्रि में चलने वाली स्थल समीर तथा दिन में चलने वाली समुद्री समीर सामयिक पवनों की उदाहरण हैं।
  3. स्थानीय पवनें-जो पवनें किसी कोटे क्षेत्र में वर्ष या दिन के किसी विशेष समय में चलती हैं, उन्हें स्थानीय पवनें कहते हैं। इन पवनों में लू (राजस्थान), चिनुक (रॉकी पर्वत), फोहन व मिस्ट्रल (यूरोप) आदि प्रमुख हैं।

प्रश्न 6.
चक्रवात एवं प्रतिचक्रवात में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
चक्रवात एवं प्रतिचक्रवात दोनों वायु विक्षोभ हैं। इनमें प्रमुख अन्तर निम्न हैं

  1. चक्रवात में मध्य भाग में निम्न वायुदाब होता है और हवाएँ परिधि से केन्द्र की ओर चलती हैं। जबकि प्रति चक्रवात में मध्य भाग में उच्च वायुदाब होता है और हवाएँ केन्द्र से बाहर की ओर चलती हैं।
  2. सामान्यत: चक्रवात समुद्र पर विकसित होते हैं और तटीय भागों में वर्षा करते हैं। प्रति चक्रवात में हवाओं की | दिशा अपसारी होती है। अतएव इनके क्षेत्र में मौसम साफ व शुष्क रहता है।
  3. चक्रवात उत्पत्ति क्षेत्र के आधार पर दो प्रकार के होते | है-उष्ण कटिबन्धीय चक्रवात एवं शीतोष्ण कटिबन्धीय चक्रवात । शीतोष्ण कटिबन्धीय चक्रवात धीमी गति से चलते हैं। इनसे जानमाल का नुकसान कम होता है जबकि उष्ण कटिबन्धीय चक्रवातों को गति तूफानी होने के कारण इनमें ज्यादा नुकसान होता हैं। प्रति चक्रवात मध्य अक्षांशों में पछुआ पवनों के प्रभाव से पश्चिम से पूर्व दिशा में चलते हैं। इसमें मौसम साफ रहता है और वर्षा नहीं होती है।

प्रश्न 7.
वायुमंडल के संगठन को समझाइए।
उत्तर
वायुमंडल के संगठन में निम्न तीन कारकों की भूमिका  महत्वपूर्ण होती है
(1) गैसें
(2) जलवाष्प तथा
(3) धूलकण

(1) गैसे- वायुमंडल के संगठन में गैसों की महत्वपूर्ण भूमिका | होती है। प्रमुख गैसें नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, आर्गन और कार्बन-डाईआक्साइड हैं। इनके अलावा वायुमंडल में हीलियम, ओजोन, हाइड्रोजन, नियॉन, जिनॉन, क्रिप्टोन और | मीथेन गैसें पाई जाती हैं। नाइट्रोजन एवं ऑक्सीजन की मात्रा | सर्वाधिक (कुल गैसों की लगभग 90 प्रतिशत) होती है।

(2) जलवाष्य- वायुमंडल में जलवाष्प का बड़ा महत्व हैं। यह केवल क्षोभमंडल में पाई जाती है। चर्पण (बर्षा, कोहरा, पाला, औस आदि) सम्बन्धी सभी प्रक्रियाएँ वायुमंडल में जलवाष्प की उपस्थिति के कारण ही होती हैं।

(3) धूलकण- वायुमंडल का तीसरा महत्त्वपूर्ण तत्व विभिन्न प्रकार के धूलकण हैं। प्रकाश की किरणों का परावर्तन इन कणों से ही होता है। आकाश का नीला रंग, सूर्योदय एवं सूर्यास्त की लालिमा आदि धूलकणों के कारण ही दिखाई पड़ते हैं। संघनन में इनकी भूमिका महत्वपूर्ण होती है।

प्रश्न 8.
वायुमंडल की परतों का चित्र बनाकर उनकी मुख्य विशेषताएँ बताइए?
उत्तर
RBSE Solutions for Class 7 Social Science Chapter 2 वायुमंडल और जलवायु 5
तापमान के आधार पर वायुमंडल में कैथाई के क्रम में | निम्न परतें पाई जाती हैं|

  1. क्षोभमंडल
  2. समताप मंडल
  3. मध्यमंडल
  4. आयनमंडल तथा
  5. बहिर्मल।

1. क्षोभमंडल- यह वायुमंडल की सबसे निचली परत है। | इसकी औसत ऊँचाई 13 किमी. तक मानी गयी हैं। भारी | गैसें तथा जलवाष्प को अधिकांश भाग इसी मंडल में पाया | जाता है। मौसम घटनाएँ (वर्षा, कोहरा, आँधी, तूफान, ओला, पाला) इसी मंडल में घटित होती हैं।

2. समतापमंड़ल- क्षोभ सीमा के ऊपर 50 किमी. तक इसकी ऊँचाई है। यहाँ मौसम साफ रहता है। अतएव वायुयान | इसी परत में उड़ान भरते हैं। ओजोन गैस समतापमंडल के निचले भाग में पाई जाती है। यह सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी किरणों का अवशोषण करके हमारी रक्षा करती

3. मध्यमंडल- समताप सीमा के ऊपर 80 किमी. की ऊँचाई तक इसका विस्तार है। अन्तरिक्ष से आने वाले उल्का पिण्ड़ इस परत में जल जाते हैं।

4. आयनमंडल- मध्यमंडल के बाद 80 से 400 किमी. | ऊँचाई तक आयनमंडल की अवस्थिति हैं। पृथ्वी से प्रसारित होने वाली रेडियो तरंगों का परावर्तन इसी परत से होता है।

5. बहिर्मइल- यह वायुमंडल की सबसे ऊपरी परत है। | इसमें हाइड्रोजन और हीलियम गैसें पाई जाती हैं। इस मंडल | के बारे में विशेष जानकारी नहीं प्राप्त हो सकी है।

अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर 

वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
भूमंडलीय तपन (ग्लोबल वार्मिंग) का प्रमुख कारण कौन भी गैस है?
(क) नाइट्रोजन
(ख) आक्सीजन
(ग) कार्बन डाइऑक्साइड
(घ) आर्गन ।
उत्तर
(ग) कार्बन डाइऑक्साइड

प्रश्न 2.
जलवाष्य की अधिकांश मात्रा पाई जाती है
(क) क्षोभमंडल में
(ख) समताप मंडल में
(ग) मध्यमंडल में
(घ) आयनमंडल में।
उत्तर
(क) क्षोभमंडल में

प्रश्न 3.
‘शांतमंड़ल कहते हैं
(क) क्षोभ सीमा को
(ख) समताप सीमा को
(ग) मध्य सीमा को
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर
(क) क्षोभ सीमा को

प्रश्न 4.
पराबैंगनी किरणों का अवशोषण होता है
(क) नाइट्रोजन द्वारा
(ख) ऑक्सीजन द्वारा
(ग) ओजोन द्वारा
(घ) हीलियम द्वारा।
उत्तर
(ग) ओजोन द्वारा

प्रश्न 5.
तापमान मापने का यन्त्र है
(क) बैरोमीटर
(ख) धर्मामीटर
(ग) एनीमोमीटर
(घ) कम्पास।
उत्तर
(ख) धर्मामीटर

प्रश्न 6.
हिमपात के रूप में वर्षा होती है
(क) गर्म मरुस्थलों में
(ख) ध्रुवीय क्षेत्रों में
(ग) शीतोष्ण कटिबन्ध में
(घ) विषुवत रेखीय प्रदेशों में।
उत्तर
(ख) ध्रुवीय क्षेत्रों में

प्रश्न 7.
उष्ण कटिबन्धीय चक्रवातों को चीन और जापान में कहते
(क) हरिकेन
(ख) विलीविलीज
(ग) टोरनेडो ।
(घ) टायफून।
उत्तर
(घ) टायफून।

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए|
(i) वायुमंडल अनेक गैसों,…………….एवं धूलकणों के मिश्रण से बना है।
(ii) धूलकणों के अभाव में ………..सम्भव नहीं हैं।
(iii) किसी स्थान विशेष की अल्पकालीन पर्यावरणीय | दशाओं को …………….कहा जाता है।
(iv) सूर्य से दिन में पृथ्वी ……………. के रूप में ऊर्जा प्राप्त करती है।
उत्तर
(i) जलवाष्य
(ii) संघनन
(iii) मौसम
(iv) लघुतरंगों।

अति लघूत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
भूमंडलीय तपन (ग्लोबल वार्मिंग) का प्रमुख कारण क्या है?
उत्तर
वायुमंडल में कार्बन-डाइऑक्साइड में वृद्धि भूमंडलीय पन का प्रमुख कारण है।

प्रश्न 2.
वर्षा के वितरण को प्रभावित करने वाले कारकों का उल्लेख कीजिए?
उत्तर
प्रमुख कारक-

  1. पर्वतों की दिशा
  2. समुद्र सेरी
  3. धरातल का स्वरूप
  4. पवने आदि।

प्रश्न 3.
वायु दिग्सूचक यंत्र तथा एनीमोमीटर क्या हैं?
उत्तर
वायु की दिशा बताने वाले यंत्र को वायु दिग्सूचक यंत्र तथा गति बताने वाले यंत्र को एनीमोमीटर कहते हैं।

प्रश्न 4.
विषुवत रेखीय भागों में अधिक तापमान एवं आर्द्रता का क्या कारण है?
उत्तर
विषुवत रेखीय भागों में अधिक तापमान एवं आर्द्रता का प्रमुख कारण वर्षभर सूर्य की किरणों का सीधा चमकना तथा साल भर प्रतिदिन दोपहर के बाद संवहनीय व का होना है।

प्रश्न 5.
विश्व में सर्वाधिक वर्षा वाले भारत के प्रमुख क्षेत्र कौन-कौन से हैं?
उत्तर
विश्व में सर्वाधिक वर्षा वाले स्थान भारत के मेघालय राज्य की खासी पहाड़ियों में स्थित मासिनराम एवं चेरापूँजी

प्रश्न 6.
कभी कभी आकाश में दिखाई देने वाले सफेद पथ चिह्न क्या हैं?
उत्तर
आकाश में दिखाई देने वाले सफेद पथ चिड़ जेट हवाई जहाज द्वारा छौड़ी गयीं नमी है जो संघनित हो जाती है।

प्रश्न 7.
क्षोभमण्डल में ऊँचाई के अनुसार तापमान के घटने की दर क्या है?
उत्तर
क्षोभमण्डल में धरातल से ऊपर की ओर जाने पर औसतन प्रति 165 मीटर की ऊँचाई पर तापमान 1° सेन्टीग्रेड कम हो जाता है।

प्रश्न 8.
चक्रवात कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर
चक्रवात को दो भागों में बाँटा गया है-

  1. उष्ण कटिबन्धीय चक्रवात तया
  2. शीतोष्ण कटिबन्धीय चक्रवात।

प्रश्न 9.
वर्षा होने के कोई तीन लाभ बताइए?
उत्तर

  1. वर्षा ही भूमिगत जल का माध्यम है।
  2. वर्षा से धरातल को स्वच्छ जल प्राप्त होता है।
  3. पौधों तथा जीव-जन्तुओं को जीवित रहने के लिए वर्षा बहुत महत्वपूर्ण

प्रश्न 10.
अनियमित वर्षा के क्या दुष्परिणाम हैं?
उत्तर
अनियमित व कम वर्षा होने से जल की कमी,अकाल व सूखा पड़ जाता है। जबकि अधिक वर्षा के कारण मैदानी भागों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

लघूत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
वायुमंड़ल में मूलकणों का क्या महत्व है।
उत्तर
धूलकणों द्वारा सूर्य की किरणों का प्रकीर्णन होता है।और इसी से आकाश का नीला रंग दिखाई देता है। सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय की लालिमा, इन्द्रधनुष आदि धूलकण के कारण ही बनते हैं। धूलकणों के चारों ओर जल की | छोटी-छोटी बूंदें इकट्ठा होकर बादलों का निर्माण करती हैं। इस प्रकार संघनन की क्रिया धूलकणों के कारण ही सम्भव हो पाती हैं।

प्रश्न 2.
आर्द्रता वर्षा जल के रूप में किस प्रकार परिवर्तित हो जाती है? बताए।
उत्तर
वायुमंडल में उपस्थित भापरू पी जल को आर्द्रता कहते हैं। इसे वायुमंडल की नमी और जलवाष्प भी कहते हैं। वायु में तापमान वृद्धि के साथ-साथ इसकी जलवाष्प धारण करने की क्षमता भी बढ़ती जाती है। वर्षा ऋतु में वायु में आर्द्रता की मात्रा अधिक होती है। जब जलवाष्प ऊपर उठती है तो वह ठण्डी होना शुरू हो जाती हैं। जिससे उसकी जलवाष्प धारण की क्षमता कम होने लगती हैं तथा जलवाष्प संघनित होकर जल की बूंदों में बदल जाती है। बादल इन्हीं जल वैदों के समूह हैं। जब जल की ये बँदै बड़ी हो जाती हैं तो पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति के कारण धरातल पर आकर वष के रूप में गिरने लगती हैं।

प्रश्न 3.
प्रति चक्रवात की आकृति एवं ममें वायु दिशा किस प्रकार की होती है?
उतर
प्रति चक्रवात में मध्य में उच्च वायुदाब रहता है। बाहर की ओर वायुदाब घटता है। इसकी आकृति वृताकार, अण्डाकार या लहरनुमा हो सकती है। प्रति चक्रवात में हवाएँ केन्द्र से बाहर की और चलती हैं। जिनको दिशा उत्तरी गोलार्द्ध में घड़ी की सुई के अनुरूप तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में घड़ी की मई के विपरीत होती हैं।

प्रश्न 4.
विकिरण के क्या नियम हैं?
उत्तर
प्रत्येक वस्तु जो गर्म होती हैं विकिरण करती है। नियमानुसार जो वस्तु जितनी अधिव, गर्म होती है उससे निकलने वाली विकिरण तरंगें उतनी ही अटी होती हैं और जो वस्तु कम गर्म होती हैं, उससे विकिरण दीर्घ तरंगों के रूप में होता हैं। इसीलिए सूर्य से विकिरण लघुतरंगों के रूप में तथा पृथ्वी से विकिरण दीर्घ तरंगों के रूप में होता हैं।

प्रश्न 5.
पवनों का नामकरण किस आधार पर करते हैं ।
उत्तर
पवनों का नामकरण उनके चलने वाली दिशा के आधार पर करते हैं। जिस दिशा से पवन आती है, उसे उसी नाम से जाना जाता है। जैसे पूर्व से आने वाली पवनों को पूर्वी एवं पश्चिम से आने वाली पवनों को पश्चिम पवनें कहा जाता हैं। पर्वतों से आने वाली पवन को पर्वत समीर तथा घाटी से आने वाली पवन को घाटी समीर कहते हैं।

प्रश्न 6.
भारत में 20 सेमी. से अधिक और 50 सेमी, से कम वर्षा वाले क्षेत्रों का नामोल्लेख कीजिए?
उत्तर
भारत में 20 सेमी. से अधिक वर्षा पश्चिमी घाट के कोंकण एवं मालाबार तट, हिमालय की दक्षिणवर्ती तलहटी में बिहार, पश्चिम बंगाल, असम, नागालैण्ड, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, मणिपुर एवं त्रिपुरा आदि क्षेत्रों में होती हैं। भारत में 50 सेमी. से कम वर्षा के क्षेत्र पश्चिमी हरियाणा, पश्चिमी राजस्थान, तमिलनाडु की रायल सीमा तथा लद्दाख आदि हैं।

प्रश्न 7.
समदों व जंगलों का जलवायु पर क्या प्रभाव पड़ता
उत्तर
समुद्रों का अपने समीपवर्ती क्षेत्र की जलवायु पर बड़ा प्रभाव पड़ता है। समुद्र के तटवर्ती क्षेत्रों की जलवायु वर्षभर सम बनी रहती हैं। समुद्रों से अधिक वाष्पीकरण होता है जिससे तटवर्ती क्षेत्रों में वर्षा की मात्रा बढ़ जाती है। जिस प्रकार समुद्र से वाष्पीकरण होता है उसी प्रकार जंगलों में पेड़-पौधों से भी वाष्पोत्सर्जन की क्रिया होती है। इसीलिए जिन भागों में पेड़-पौधे अधिक होते हैं, वहाँ वर्षा की मात्रा बढ़ जाती है। इसके साथ ही अधिक वनस्पति वाले क्षेत्रों की जलवायु भी सम् बनी रहती है। इसके विपरीत जहाँ वनस्पति कम पाई जाती हैं वहाँ की जलवायु उष्ण व शुष्क होती है।

दीर्य उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न
वायुदाब क्या है? वायुदाब पर किन कारकों को प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर
धरातल पर एक निश्चित क्षेत्रफल पर वायुमंडल में मिलने वाली समस्त परतों के दबाव को वायुदाब कहते हैं। धरातल पर प्रति वर्ग सेंटीमीटर क्षेत्रफल पर लगभग एक किलोग्राम का भार पड़ता है। वायुदाब मापने की महत्वपूर्ण इकाई मिलीबार हैं। इसे मापने के लिए बैरोमीटर नामक यन्त्र का उपयोग किया जाता है। सर्वाधिक वायुदाब समुद्र तल पर होता है। जैसे-जैसे ऊँचाई पर जाते हैं, वायुदाब कम होता चला जाता है। भूमंडल पर जिन भागों में तापमान अधिक होता है, उन भागों में हवाएँ । होकर ऊपर उठती हैं जिससे उन क्षेत्रों में निम्न वायुदाब की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इसके विपरीत हुण्डी वायु भारी होने के कारण धरातल पर ही बनी रहती हैं। जिससे वहाँ 3 वायुदाब बन जाता है। वायुदाय का प्रत्यक्ष प्रभाव वायु की दिशा पर पड़ता है। हवाएँ सदैव उच्च वायुदाब क्षेत्र से निम्न वायुदाब क्षेत्र की ओर चलती है।

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