RBSE Solutions for Class 7 Social Science Chapter 3 जल
RBSE Solutions for Class 7 Social Science Chapter 3 जल
Rajasthan Board RBSE Class 7 Social Science Chapter 3 जल
पातुगत प्रश्न एवं उनके उत्तर
आओ करके देखें।
प्रश्न 1.
विश्व के प्राचीन सभ्यताओं के मानचित्र को देखकर प्रमुख सभ्यताओं की महाद्वीपों के अनुसार सूची बनाइए? (पृष्ठ 22)
उत्तर
1. एशिया
(i) सिंधु घाटी सभ्यता
(ii) ह्वांग ह्वो घाटी सभ्यता तथा
(iii) मेसोपोटामिया की सभ्यता।
2. अफ्रीका-नील घाटी सभ्यता ।
3. उत्तरी अमेरिका-माया, एज्टेक सभ्यता।
4. दक्षिणी अमेरिका-इन्का सभ्यता।
प्रश्न 2.
विश्व में नदियों, झीलों एवं सागरों के तट पर स्थित अन्य नगरों की सूची बनाइए। (पृष्ठ 23)
उत्तर
प्रश्न 3.
पता लगाइए कि आपका गाँव/शहर किसे जल स्रोत के निकट स्थित है। अपने गाँव/शहर के आस-पास के अन्य जल स्रोतों की सूची बनाइए।(पृष्ठ 23)
उत्तर
मैं अजमेर शहर का रहने वाला हूँ। मेरे शहर में आना सागर झील स्थित है। इसके अलावा मेरे शहर के आस-पास जलस्रोतों के रूप में फॉय सागर, पुष्कर व नारायण सागर बाँध स्थित है। इनसे लोगों की जल आवश्यकताओं की पूर्ति होती है।
प्रश्न 4.
पृथ्वी पर कुल कितने महासागर हैं? उनके नाम लिखिए। (पृष्ठ 24)
उत्तर
पृथ्वी पर कुल चार महासागर हैं जो निम्नलिखित हैं-
- प्रशान्त महासागर
- अटलांटिक महासागर
- हिन्द महासागर
- आर्कटिक महासागर
प्रश्न 5.
मानचित्र को देखकर सभी क्षेत्रों में प्रतिव्यक्ति स्वच्छ जल की उपलब्धि की स्थिति का पता लगाइए। (पृष्ठ 24)
उत्तर
प्रश्न 6.
आपके विद्यालय तथा घर में उपयोग में लिए जाने वाले जल स्रोत का पता लगाइए। (पृष्ठ 25)
उत्तर
हमारे विद्यालय तथा घर में सामान्यतया भूमिगत जल का उपयोग कुओं, हैण्डपम्प तथा मशीनों द्वारा टंकियों में चढ़ाकर नलों के माध्यम से किया जाता है।
प्रश्न 7.
क्षेत्र में भूमिगत जल को धरातल पर लाने के आधुनिक एवं परम्परागत साधनों/उपकरणों की सूची बनाइये? (पृष्ठ 25)
उत्तर
भूमिगत जल को धरातल पर लाने के लिए वर्तमान समय में आधुनिक साधनों के रूप में नलकूपों, सबमर्सिबल आदि का उपयोग किया जाता है। परम्परागत साधनों के अन्तर्गत कुओं, बावड़ी, हैण्डपम्प आदि द्वारा भूमिगत जल का उपयोग किया जाता है।
प्रश्न 8.
दिए गए प्रदूषित नदियों के मानचित्र की मदद से भारत में प्रदूषित नदियों और भूमिगत जल संसाधनों की स्थिति लिखिए।
(पृष्ठ 26)
उत्तर
नगरीकरण और औद्योगीकरण के कारण विभिन्न नदियाँ एवं भूमिगत जल अत्यंत प्रदूषित हो गए हैं। इस प्रदूषित स्थिति को हम अति प्रदूषित, प्रदूषित, सामान्य प्रदूषित के रूप में समझ सकते हैं। भूमिगत जल भी प्रदूषण से अछूता नहीं रहा है। विभिन्न औद्योगिक क्रियाकलापों से वह भी प्रदूषित हो गया है।
प्रश्न 9.
आपके आसपास के क्षेत्र में प्रदूषित जलाशयों की पहचान कर उनके प्रदूषित होने के कारणों का पता लगाइए? | प्रदूषित जल के उपयोग से जीवों पर क्या दुष्प्रभाव पड़ रहे हैं? लिखिए। (पृष्ठ 27)
उत्तर
जल प्रदूषण के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं|
- कारखानों व उद्योगों से निकलने वाले ठोस अपशिष्ट | पदार्थों तथा रासायनिक तत्वों को जलाशयों में डालना।
- घरेलू अपशिष्ट पदार्थों को जलाशयों में डालना।
- कृषि में रासायनिक उर्वरक तथा कीटनाशक दवाइयों | का उपयोग।
- जलाशयों में कपड़े धोना एवं उसमें पशुओं को नहलाना।
- खुले में शौच करना तथा |
- महासागरों में जहाजों से तेल रिसाव आदि।
दुष्प्रभाव- प्रदूषित जल जीवों के लिए हानिकारक है। इससे | अनेक रोग उत्पन्न हो जाते हैं। यह स्थलीय व जलीय जीवों पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। इससे जल में उपलब्ध घुलनशील ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। कभी-कभी | असंख्य जलजीव मृत अवस्था में देखे जा सकते हैं। जल के साथ घुले प्रदूषित पदार्थ फसलों को भी हानि पहुँचाते हैं।
प्रश्न 10.
जल संरक्षण के लिए राजस्थान, भारत एवं विश्व में किए जा रहे प्रयासों को बताइए। (पृष्ठ 28)
उत्तर
जल संरक्षण के लिए राजस्थान सरकार ने जनवरी | 2016 में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान प्रारम्भ किया जो देश की सबसे बड़ी जल संरक्षण परियोजना है। इसी तरह भारत सहित विश्व में जल संरक्षण हेतु विशेष प्रयास किए जा रहे हैं क्योंकि पृथ्वी पर जल का लगभग दो-तिहाई भाग होने के बावजूद पीने योग्य जल बहुत कम है।
प्रश्न 11.
आप अपने गाँव/शहर में अथवा आस-पास के ऐसे जल स्रोतों की एक सूची बनाइए जो प्राचीन समय में उपयोगी रहे हैं?
(पृष्ठ 28)
उत्तर
- कुएँ
- बावड़ी
- तालाब
- नाड़ी आदि।
इनका निर्माण जल संरक्षण, भूमिगत जल स्तर को बढ़ाने, सिंचाई एवं जलापूर्ति के लिए किया जाता था।
प्रश्न 12.
क्या आपके जिले में प्राचीनकाल में किसी जल ब्रोत का निर्माण किया गया है? यदि हाँ, तो उसके बारे में जानकारी एकत्र कीजिए। (पृष्ठ 28)
उत्तर
मैं अजमेर जिले का रहने वाला हूँ। हमारे जिले में प्राचीन काल में जिस जलस्रोत का निर्माण करवाया गया वह | आनासागर झील है। इसका निर्माण 1137 ई. में चौहान राजा अर्णोराज (आनाजी) ने करवाया था। इस झील के किनारे जहाँगीर ने दौलत बाग बनवाया जिसे वर्तमान में सुभाष उद्यान कहते हैं।
क्या आप जानते हैं। (पृष्ठ 22)
प्रश्न
अपने आस-पास नदियों पर स्थित शहरों अथवा गाँवों के नामों की सूची बनाइए।
उत्तर
राजस्थान में नदी-तट पर बसे कुछ शहरों एवं नदियों के नाम ।
पाठ्य पुस्तक के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
सही विकल्प को चुनिए
(i) जल दिवस कब मनाया जाता है|
(क) 25 मार्च
(ख) 22 मार्च
(ग) 15 मार्च
(घ) 10 मार्च
उत्तर
(ख) 22 मार्च
(ii) वॉन झील किस देश में स्थित है?
(क) अमेरिका
(ख) ब्राजील
(ग) ईरान
(घ) तुर्की
उत्तर
(घ) तुर्की
प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(i) प्रकृति प्रदत्त जल मानवीय गतिविधियों के कारण …………….हो जाता है।
(ii) भारत के मेघालय राज्य में स्थित …………….में विश्व की सर्वाधिक वर्षा होती है।
(iii) वर्षा का जल जब भूमि के अन्दर प्रवेश कर नीचे की | कठोर चट्टानों के ऊपर एकत्रित हो जाता है तो उसे …………..कहते हैं।
(iv) खारे जल को ……………जल भी कहा जाता है।
उत्तर
(i) प्रदूषित
(ii) मासिनराम व चेरापूँजी
(iii) भूमिगत | जल
(iv) कठोर ।
प्रश्न 3.
‘रूफ टॉप जल संरक्षण’ किसे कहते हैं?
उत्तर
‘रूफ टॉप जल संरक्षण विधि में वर्षा के जल को भवन की छत से एक पाइप द्वारा नीचे बनी जल की टंकी अथवा हॉज में एकत्रित कर लिया जाता है। बाद में आवश्यकतानुसार उस जल का उपयोग किया जाता है। यह विधि कम वर्षा वाले क्षेत्रों के लिए अधिक उपयोगी है।
प्रश्न 4.
जल के विभिन्न स्रोतों के नाम लिखिए?
उत्तर
स्थल पर जल के प्रमुख स्रोत नदियाँ, नीले, बाँध, तालाब, कुएँ, एनिकट, भूमिगत जल आदि हैं।
प्रश्न 5.
विश्व की प्रमुख प्राचीन सभ्यताएँ जल के किनारे क्यों विकसित हुई?
उत्तर
विश्व की प्रमुख प्राचीन सभ्यताओं का विकास जल स्रोतों के निकट हुआ है। इसका प्रमुख कारण यह था कि इन सभ्यताओं ने जल स्रोतों से न केवल पेयजल ही प्राप्त किया बल्कि कृषि, व्यापार, परिवहन और सुरक्षा आदि का लाभ भी प्राप्त किया हैं। इसीलिए विश्व के प्रमुख नगरों और | कस्बों का विकास नदियों, झीलों एवं सागरों के तटों पर | हुआ है। |
प्रश्न 6.
भूमिगत जल के विवेकहीन उपयोग से हमें किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है?
उत्तर
स्वच्छ एवं मीठे जल का प्रमुख स्रोत भूमिगत जल ही है। यह भूमिगत जल कुओं व नलकूपों में एकत्रित होता है। जिसे मशीनों द्वारा धरातल पर लाकर उसके विभिन्न दैनिक उपयोग किये जाते हैं। भूमिगत जल का यदि विवेकपूर्ण | उपयोग नहीं किया गया, तो उससे निम्न समस्याएँ उत्पन्न हो | सकती हैं-
- भूमिगत जल स्तर निरन्तर नीचे चला जा रहा है।
- भूमिगत जल के अन्धाधुन्ध दोहन से इसकी उपलब्धता | में कमी आ सकती हैं।
- भूमिगत जल ही धरातलीय क्रियाओं का आधार है। इसके विवेकहीन उपयोग से कृषि, उद्योग, वनस्पति, जीव-जन्तु एवं स्वयं मानव भी संकट में | पड़ सकता है। मिट्टी की नमी कम हो जायेगी और वह कृषि के अयोग्य हो जायेगी।
प्रश्न 7.
खरे व मीठे जल में क्या अन्तर है?
उत्तर
मीठा व स्वच्छ जल ही मानव, फसलों व वनस्पतियों तथा जीव-जन्तुओं के लिए उपयोगी है। जबकि खारे जल की उपयोगिता पीने के लिए, फसलों, जीव-जन्तुओं व वनस्पतियों के लिए शून्य है। जल का खारापन उसमें मिले सोडियम क्लोराइड, कैल्शियम, मैग्नीशियम व अन्य लवणों के कारण होता है।
प्रश्न 8.
जल प्रदूषण किसे कहते हैं? जल प्रदूषण रोकने के उपाय बताइए।
उत्तर
प्रकृति प्रदत्त जल शुद्ध होता है। जब इस जल में ऐसे | अवांछित तत्वों का समावेश हो जाए जो उसे मानव उपयोग के लिए अनुपयुक्त बना दें तो इसे जल प्रदूषण कहते हैं। | जल में अवांछित तत्वों का समावेश मानवीय गतिविधियों के कारण होता है। प्रदूषित जल मानव सहित जलीय जीवों एवं वनस्पतियों के लिए अनुपयोगी होने लगता है। आल प्रदूषण रोकने के उपाय-जल प्रदूषण तभी रुक सकता है, जब इसे रोकने के लिए प्रशासनिक स्तर के साथ-साथ व्यक्तिगत स्तर पर भी प्रयास किये जाएँ। व्यक्तिगत स्तर की | जागरूकता अधिक महत्वपूर्ण है।
व्यक्तिगत प्रयास-
- जनता को जागरूक करना और जल | प्रदूषण को रोकने के उपायों की जानकारी देना।
- सार्वजनिक जलाशयों में पशुओं को नहलाना, स्नान करना व कपड़े धोना प्रतिबन्धित हो।
- रासायनिक खादों का कम से कम उपयोग किया जाए।
प्रशासनिक पाय
- नगरों के सीवरेब के जल को जलाशयों में मिलने से पहले ही साफ करके पुन: उपयोग योग्य बनाया जाए।
- ठोस शहरी कचरे का निस्तारण जल स्रोत में न करके अन्यत्र बंजर व अनुपयोगी भूमि पर किया जाए।
- जल प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों एवं नागरिकों के विरुद्ध सख्त कानून बनाये जाएँ।
- टी.वी. रेडियो एवं समाचार पत्रों के माध्यम से जल-प्रदूषण एवं संरक्षण के प्रति जन चेतना जागृत करना आवश्यक हैं। जल प्रदूषण को रोकने के लिए भारत में जल प्रदूषण निवारण एवं नियन्त्रण कानून-1974 तथा पर्यावरण संरक्षण कानून 1986 बनाया गया है। भारत में गंगा और यमुना नदियाँ सबसे अधिक प्रदूषित मानी गयी हैं। गंगा नदी की सफाई के लिए भारत सरकार द्वारा ‘गंगा एक्शन प्लान’ एवं ‘नमामि गंगे’ नामक कार्य योजनाएँ चलाई जा रही हैं।
अन्य महत्वपूर्ण प्रनोत्तर
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
नीलघाटी सभ्यता का सम्बन्ध किस महाद्वीप से है? |
(क) एशिया ।
(ख) ऑस्ट्रेलिया
(ग) अफ्रीका
(घ) उत्तरी अमेरिका
उत्तर
(ग) अफ्रीका
प्रश्न 2.
उदयपुर नगर किस नदी के तट पर बसा हुआ है?
(क) चम्बल
(ख) लुन
(ग) बनारस
(घ) आयड़
उत्तर
(घ) आयड़
प्रश्न 3.
जल संरक्षण का अर्थ है
(क) जल का समुचित उपयोग
(ख) भविष्य में उपयोग को दृष्टि में रखना
(ग) जल के दुरुपयोग को रोकना
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर
(घ) उपर्युक्त सभी।
प्रश्न 4.
जल संसाधनों की कमी का प्रमुख कारण है
(क) जल के उपयोग में वृद्धि
(ख) जल संरक्षण का अभाव
(ग) वन विनाश
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर
(घ) उपर्युक्त सभी।
प्रश्न 5.
भविष्य का ‘नीला सोना’ किसे कहते हैं?
(क) कोयले को
(ख) लोहे को
(ग) साफ पानी को
(घ) सोने को।
उत्तर
(ग) साफ पानी को
प्रश्न 6.
पृथ्वी पर उपलब्ध समस्त जल का कितना प्रतिशत भाग । | पीने योग्य है
(क) 5 प्रतिशत
(ख) 2.5 प्रतिशत
(ग) 75 प्रतिशत
(घ) 10 प्रतिशत
उत्तर
(ख) 2.5 प्रतिशत
प्रश्न 7.
शिकागो किस झील के तट पर स्थित है?
(क) सुपीरियर
(ख) इरी
(ग) मिशीगन
(घ) ओण्टारियो।
उत्तर
(ग) मिशीगन
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(i) जीवन का मुख्य आधार ………… हैं।
(ii) पृथ्वी ग्रह पर जल की उपलब्धता के कारण ही सम्भ व है।
(iii) पवन को सागरों से जलवाष्य प्राप्त होती है जिसे हम …….. कहते हैं।
(iv) फ्लोराइड युक्त जल पीने से लोगों को ……..सम्बन्धी बीमारियों का सामना करना पड़ता है।
उत्तर
(i) जले
(ii) जोवन
(iii) आर्द्रता
(iv) हड्डियों।
अति लघूत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
जल की आवश्यकता को संक्षेप में बताइए।
उत्तर
जल की आवश्यकता पौने, नहाने-धौने, सिंचाई, औद्योगिक विकास और धरातल पर तापमान के सन्तुलन को | बनाये रखने के लिए है।
प्रश्न 2.
हम कैसे कह सकते हैं कि जल का महत्व बहुआयामी है।
उत्तर
जल हमारे सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक एवं व्यापारिक महत्व का केन्द्र रहा है। इस प्रकार स्पष्ट है कि जल का महत्व बहुआयामी है।
प्रश्न 3.
जल के खारेपन का प्रमुख कारण क्या है?
उत्तर
जल के खारेपन का प्रमुख कारण उसमें मिला हुआ | सोडियम क्लोराइड, कैल्शियम, मैग्नीशियम एवं लवण आदि
प्रश्न 4.
फ्लोराइड युक्त जन कहाँ मिलता है? इससे क्या हानि है?
उत्तर
फ्लोराइड युक्त जल राजस्थान के शेखावटी एवं दक्षिणी राजस्थान में मिलता है। इस जल का उपयोग पेयजल के रूप में करने से लोगों को हड्डियों सम्बन्धी बीमारियों होती हैं।
प्रश्न 5.
वर्तमान में भूमिगत जल की कमी के क्या कारण हैं?
उत्तर
- वर्षा का कम होना।
- अधिक सिंचाई की आवश्यकता ।
- उद्योगों में जल की बढ़ती माँग।
- जनसंख्या वृद्धि के कारण जल का अधिक दोहन आदि।
प्रश्न 6.
वर्षा कराने में वन किस प्रकार सहायक हैं।
उत्तर
वनों से वाष्पोत्सर्जन होता है और वर्षा होती है। इसीलिए जिन क्षेत्रों में वन अधिक होते हैं, वहाँ वर्षा भी अधिक होती है।
प्रश्न 7.
वर्तमान समय में जन-संरक्षण के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं।
उत्तर
- बाँध एवं नहर निर्माण।
- एनिकट निर्माण ।
- दूषित जल को साफ करके पुन: उपयोग में लेना।
- जन-जागरूकता फैलाना आदि।
लघूत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
जल ही जीवन का आधार हैं-स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
मानव, जीव-जन्तु तथा वनस्पतियाँ सभी जल पर | निर्भर करते हैं। पृथ्वी ही एक ऐसा ग्रह है जिस पर जल है। अतएव यहाँ जौवन हैं। मानव सभ्यता के सभी पहलुओं को | हुने वाला एकमात्र तथ्य जल ही है। समाज में कृषि विकास से लेकर औद्योगिक विकास तक जल की महत्वपूर्ण भूमिका हैं। यदि जीवमंडल से जल को अलग कर दिया जाए तो जीवमंडल का अस्तित्व समाप्त हो जायेगा। अतएव यह कहा जा सकता है कि जल ही जीवन हैं। जल हैं तो वनस्पति है, जल है तो वन्यजीव हैं, जल है तो मानव सभ्यता है, जल है तो समुद्र, नदियाँ, झरने, तालाब, कुएँ और वायुमंडल हैं। अतएव यह नि:संकोच कहा जा सकता है कि जल ही विन का आधार हैं।
प्रश्न 2.
जल संरक्षण से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
जल संरक्षण का यह अर्थ कदापि नहीं है कि आवश्यकता रहते हुए उसका उपयोग न किया जाए, उसे बचाकर रखा जाए। बल्कि जन संरक्षण से अभिप्राय हैं-जल का समुचित उपयोग करना, जल के दुरुपयोग को रोकना, बिना उद्देश्य उसे बर्बाद होने से बचाना तथा भविष्य के लिए उसे सुरक्षित रखना। वर्तमान समय में विश्व के अधिकांश देश प्रदूषित जल एवं जल की कमी की समस्या का सामना कर रहे हैं जिसका प्रमुख कारण जल के उपयोग में वृद्धि तथा संरक्षण का अभाव है।
प्रश्न 3.
परम्परागत जल संरक्षण विधि पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर
प्राचीन काल से ही जल की कमी की समस्याओं को | ध्यान में रखते हुए राज्य एवं सार्वजनिक सहयोग से झौलें, तालाब, कुएँ, बावड़ियों आदि का निर्माण किया गया हैं। प्राचीन काल में राजस्थान में राजा-महाराजाओं ने जल संरक्षण के लिए अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। समय-समय पर विभिन्न झीलों का निर्माण करवाना, उनकी मरम्मत करवाना, नदी के मार्ग को मोड़कर तथा झीलों को आपस में जोड़कर इस उद्देश्य को प्राप्त करने का प्रयास किया जाता
प्रश्न 4.
पश्चिमी राजस्थान में जल संरक्षण की शिक्षा लोगों को कैसे मिली?
उत्तर
पश्चिमी राजस्थान में लोगों ने जल की बूंद-बूंद को सहेजना मधुमक्खियों से सीखा है।
यहाँ का एक लोक गीत है-“मौमाख्याँ (मधुमक्खियाँ) फूला स्य रस से एक-एक कण चुग र शहद से ढेर लगा सके हैं, तो के हे माणस बादला ३ बरसते रस नै न सहेज सकी। अर्थात् मधुमक्खियाँ फूलों से रस का एक-एक कण एकत्रित कर शहद का ढेर लगा सकती हैं तो क्या हम इंसान बादलों | से बरसते जल को भी नहीं सहेज सकते।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
जल-चक्र का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर
नदियों, झीलें, तालाब, सागर, भूमिगत जल आदि प्रमुख जल स्रोत हैं। इन जल स्रोतों को जल व से प्राप्त होता है। अधिक तापमान के कारण इन जल स्रोतों से वाष्पीकरण होता है। वनस्पतियों से चमोत्सर्जन होता है। पवन को जलवाष्प सागरों से प्राप्त होती है जिसे हम आर्द्रता कहते हैं। वाष्प से मुक्त पवन ऊपर उठती है। ऊपर जाने पर तापमान कम हो जाता है और पवनों की जल धारण क्षमता कम हो जाती हैं। अतएव वाष्प ब्रेटी-छोटी अल वैदों में परिवर्तित हो जाती है। इन्हीं जल बूंदों के संघनन से बादल बनते हैं जो पवन के साथ एक स्थान से दूसरे स्थान पर प्रवाहित होते हैं। इन बादलों से वर्षा होती है और वर्षा से प्राप्त जल पुन: नदियों के माध्यम से सागरों में पहुँचता है। पिन राम दल इस प्रकार जल स्रोतों से वाष्पीकृत होकर जल विभिन्न स्वरूपों में बदलता हुआ पुन: जल स्रोतों में ही आकर मिल जाता है। इस सम्पूर्ण प्रक्रिया को जल चक्र कहा जाता है।
प्रश्न 2.
वर्तमान परिस्थितियाँ भविष्य में भारी जल संकट की | ओर संकेत कर रही हैं। स्पष्ट कीजिए। |
उत्तर
वर्तमान समय में बढ़ती जनसंख्या एवं प्रौद्योगिकी । विकास के कारण जल प्रदूषण तीव्र गति से बढ़ रहा है। आज विश्व में प्रत्येक 6 में से एक व्यक्ति स्वच्छ जल के लिए संघर्ष कर रहा है। वर्ष 2050 तक विश्व की आबादी 9 अरब होने का अनुमान है तब लगभग आधे से अधिक व्यक्ति जल संकट से जूझ रहे होंगे। एक अनुमान के अनुसार | वर्ष 2020 तक दुनिया की आधी आबादी नगरीय क्षेत्रों में रह रही होगी। लगातार बढ़ती नगरीय जनसंख्या को स्वच्छ जल उपलब्ध कराना एक कठिन चुनौती होगी। वर्तमान समय में जल की माँग तेजी से बढ़ रही है जबकि स्वच्छ जल लगातार कम होता जा रहा है। इसके प्रमुख कारण निम्न हैं-
- बढ़ती जनसंख्या
- भू-जल का अधिकाधिक दोहन
- ग्लोबल वार्मिग
- वन विनाश एवं कम वर्षा
- व्यापारिक कृषि में जल की अधिक आवश्यकता
- बढ़ता औद्योगीकरण एवं नगरीकरण तथा
- आधुनिक जीवन शैली आदि।
प्रश्न 3.
‘परम्परागत जल स्रोतों की उपयोगिता एवं उन पर संकट’ विषय पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर
परम्परागत जल स्रोतों का निर्माण पारिस्थितिकी एवं संस्कृति के अनुरूप किया गया था। जैसे-कुएँ, बावडियाँ, नाड़ी, तालाब, झीलें आदि। इनका निर्माण जल को संरक्षित रखने, जलस्तर को बढ़ाने, सिचाई एवं जनता को जलापूर्ति के लिए किया जाता था। वर्तमान समय में जनसंख्या में तीव्रगति से वृद्धि हो रही है। अतएव इन परम्परागत जल स्रोतों पर संकट के बादल छ रहे हैं। कहीं-कहीं पर लोगों ने इन पर जा कर लिया है तो कहीं-कहीं ये रख-रखाव के अभाव में जर्जर हो गये हैं। वर्तमान समय में ये जल स्रोत जल संकट के निराकरण का आधार बन सकते थे। अतः परम्परागत जल प्रबन्धन प्रणालियाँ हमारी विरासत का अभिन्न अंग हैं। इनका संरक्षण किया जाना आवश्यक है। परम्परागत जल संरक्षण की विधियाँ अधिक उपयोगी एवं कारगर सिद्ध हो सकती हैं।