RBSE Solutions for Class 7 Social Science Chapter 8 समाज और हमारे दायित्व
RBSE Solutions for Class 7 Social Science Chapter 8 समाज और हमारे दायित्व
Rajasthan Board RBSE Class 7 Social Science Chapter 8 समाज और हमारे दायित्व
पातुगत प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1.
सोचिए, यदि आपको कुछ दिन निर्जन स्थान पर अकेले में जीवन बिताना पड़े, तो आपको कौन-सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है और आपको कैसा अनुभव होगा? (पृष्ठ 66)
उत्तर
मनुष्य स्वभाव से ही एक सामाजिक प्राणी हैं। वह समाज से बाहर अपना जीवनयापन नहीं कर सकता। अगर किसी कारणवश मुझे कुछ दिन निर्जन स्थान में अकेले व्यतीत करने पड़े तो यह समय मेरे जीवन का सबसे कष्टप्रद – समय होगा। जीवन निर्वाह के लिए खाद्य पदार्थों को प्राप्त करना मेरी प्रमुख कठिनाइयों में से एक होगा। हमारे प्रत्येक कार्य को पूर्ण करने के लिए हमें अन्य व्यक्तियों के सहयोग की आवश्यकता होती है, जैसे आवागमन के लिए साधन प्राप्त होना, वस्त्र लेना आदि। अगर व्यक्ति निर्जन स्थान में बीमार हो जाए तो डॉक्टर को दिखाना एवं दवाइयाँ प्राप्त करना उसके लिए असम्भव होगा। इसके अतिरिक्त मनुष्य स्वभाव से ही एकाकी जीवन व्यतीत करने में अक्षम है। इसलिए यह समय मेरे लिए अत्यन्त कष्टप्रद होगा।
प्रश्न 2.
आप जिस प्रकार के सामाजिक परिवेश में रह रहे हैं, उस पर अपने साथियों से विचार करके एक लेख लिखिए। (पृष्ठ 66)
उत्तर
हम स्वतंत्र भारत के स्वतंत्र नागरिक हैं जो संसार में लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए प्रसिद्ध है। आज हमारा सामाजिक वातावरण उन्नत तथा सौहार्दपूर्ण है। यहाँ सभी पंधों के अनुयायी मिलजुलकर प्रेमपूर्वक रहते हैं। आज पूर्व समय में प्रचलित कुप्रथाओं जैसे- जातिवाद, दहेज, छुआछूत आदि का विरोध होता है। समाज के सभी सदस्य शिक्षा अर्जित करने में तत्पर हैं। ईमानदारी, लगन और मेहनत से कार्य करना सभी का प्रमुख कर्तव्य है।
प्रश्न 3.
आप अपने परिवेश में अनुशासनहीनता सम्बन्धी जिन गतिविधियों को देखते हैं, उनकी एक सूची बनाइए। (पृष्ठ 68)
उत्तर
अपने परिवश में हम निम्न अनुशासनहीनता सबधी गतिविधियाँ देखते हैं-
- यातायात नियमों का उल्लंघन करते हुए वाहन चलाना।
- दीवारों पर लिखना तथा पोस्टर चिपकाना।
- देर रात तक जौर-जोर से संगीत बजाना।
- नशा कर हुड़दंग मचाना।
- सार्वजनिक सुविधाओं जैसे-ट्रेन, बस, बस-स्टैंड, उद्यान आदि में तोड़फोड़ करना, सुविधाओं का दुरुपयोग करना या चोरी करना।
- कचरे को उचित स्थान पर न डालकर इधर-उधर डाल देना तथा गंदगी फैलाना।
- संचार के साधनों जैसे-फेसबुक, याट्सऐप आदि का दुरुपयोग कर साइबर अपराध करना।
- परस्पर लड़ाई-झगड़ा कर संघर्ष पैदा करना।
प्रश्न 4.
अपने शिक्षक की सहायता से विद्यालय और अपने गाँव/मोहल्ले में सामाजिक दायित्वों का बोध करवाने वाले नारे लिखिए।
(पृष्ठ 70)
उत्तर
- पढ़ी-लिखी लड़की रोशनी घर की।
- वेटो पढ़ाओ देश बचाओ।
- भ्रूण हत्या महापाप ।
- रक्तदान महादान।
- शिक्षा हर बच्चे का अधिकार ।
- स्वच्छ भारत, उन्नत भारत।
- नागरिकों तथा प्रशासन की सहायता करें। प्राकृतिक धरोहर वन, झील और नदियों की रक्षा और संवर्धन करें।
- एक कदम स्वच्छता की ओर ।
- जागो ग्राहक जागो।
पाठ्य-पुतक के प्रजोत्तर
प्रश्न 1.
सही विकल्प को चुनिए
(i) निम्नलिखित में से जो बात सत्य है, वह है
(अ) मनुष्य स्वभाव से ही एक सामाजिक प्राणी हैं।
(ब) आवश्यकता मनुष्य को सामाजिक प्राणी बनाती हैं।
(स) समाज व्यक्तित्व का विकास करता है।
(द) उपर्युक्त तीनों ही।
उत्तर
(द) उपर्युक्त तीनों ही।
(ii) समाज के सदस्यों का दृष्टिकोण और सामाजिक व्यवस्थाएँ होनी चाहिए
(अ) लोकतांत्रिक
(ब) समानतावादी
(स) मानवतावादी
(द) उपर्युक्त तीनों ही।
उत्तर
(द) उपर्युक्त तीनों ही।
प्रश्न 2.
स्तम्भ’अ’ एवं ‘ब’ को सुमेलित कीजिए । स्तम्भ’अ’
उत्तर
(i) (b), (ii) (c), (iii। (a).
प्रश्न 3.
मनुष्य को समाज की आवश्यकता क्यों है?
उत्तर
मनुष्य में स्वभाव से ही सहयोग एवं सह-अस्तित्व की भावना पायी जाती है। वह समाज से अलग अकेला नहीं रह सकता है और न अकेला मनुष्य अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति स्वयं कर सकता है। वह समाज के अन्य सदस्यों की सहायता से अपनी भोजन, आवास, कपड़ा आदि की आवश्यकताओं को पूर्ण करता है। अतः अपनी सुरक्षा एवं जरूरतों को पूरा करने के लिए मनुष्य को समाज की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 4.
हम किस प्रकार प्रशासन की सहायता कर सकते हैं?
उत्तर
समाज में बहुत से कार्य ऐसे होते रहते हैं जो देश तथा समाज की उन्नति में बाधक होते हैं। जैसे-नकली या मिलावटी सामान बेचना, रिश्वत लेना या रिश्वत देना, अफवाह फैलाना तथा हिंसा और उत्तेजना उत्पन्न करना। देश के एक जागरूक नागरिक के रूप में यह हमारा प्रथम कर्तव्य है कि हम ऐसे कार्यों की सूचना प्रशासन को ६ तथा कानून व व्यवस्था बनाए रखने में प्रशासन का सहयोग करें। इसके अतिरिक्त भूकम्प, बाढ़ आदि प्राकृतिक आपदाओं के समय नागरिकों तथा प्रशासन की सहायता करें तथा यातायात के नियमों का पालन करें।
प्रश्न 5.
विरोध जताने के तरीके कैसे होने चाहिए?
उत्तर
लोकतंत्र में सभी को विरोध करने का अधिकार हैं, किन्तु हमारे विरोध करने का तरीका सभ्य एवं लोकतांत्रिक होना चाहिए। हमें अपने विचार संयम तथा तर्क के साथ रखने चाहिए तथा विरोध जताने के लिए हिंसा, उत्तेजना और अश्लील आचरण से बचना चाहिए। ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए जिससे देश तथा समाज की प्रगति बाधित हो।
प्रश्न 6.
जागरूक मतदाता की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर
मत देने का अधिकार प्रत्येक नागरिक की सबसे बड़ी शक्ति है। ऐसे व्यक्ति जागरूक नहीं कहे जा सकते, जो मतदान नहीं करते। समझदार एवं जागरूक मतदाता हमेशा योग्य व्यक्ति के पक्ष में अपने मतदान का प्रयास करता है। वह कभी रिश्तेदारी, जाति या धर्म के आधार पर अथवा प्रलोभन में आकर बिना सोचे-समझे अयोग्य व्यक्ति को मतदान नहीं करता है।
अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
व्यक्ति का समाज के साथ विरोध उत्पन्न होता है
(अ) जब उसका परिस्थितियों से मेल न हो
(ब) सामाजिक व्यवस्था में रूस हो रहा हो
(स) सामाजिक संस्थाओं में विकार आना
(द) उपर्युक्त तीनों
उत्तर
(द) उपर्युक्त तीनों
प्रश्न 2.
राष्ट्र व समाज की श्नति के लिए आवश्यक हैं
(अ) अपना विरोध प्रकट करने के लिए समाज विरोधी बन आना।
(ब) एकता, भ्रातृत्व भाव और सह-अस्तित्व की भावना से जीवन बिताना।
(स) हड्ताल कर सबका ध्यान आकर्षित करना।
(द) अपनी स्वतंत्रता का उपयोग करते हुए मनमानी करनी।
उत्तर
(ब) एकता, भ्रातृत्व भाव और सह-अस्तित्व की भावना से जीवन बिताना।
प्रश्न 3.
जनसंचार का माध्यम है”
(अ) दूरदर्शन
(ब) रेडियो
(स) समाचार-पत्र और पत्रिकाएँ
(द) उपर्युक्त तीनों।
उत्तर
(द) उपर्युक्त तीनों।
प्रश्न 4.
मतदान करते समय ध्यान देने वाले कारक हैं
(अ) उम्मीदवार की योग्यता
(ब) राजनीतिक दल की नीतियाँ
(स) रिश्तेदारी, सहजाति व धर्म
(द) (अ) और (ब) दोनों।
उत्तर
(द) (अ) और (ब) दोनों।
निम्न वाक्यों में रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए
(1) समाज सामाजिक सम्बन्धों की एक …………
(2) व्यक्ति और समाज एक दूसरे के …………….. हैं।
(3) व्यक्ति को समाज के प्रति कर्तव्यों का ………..करने में सक्षम बनाना समाज का कर्तव्य है।
(4) भारतीय लोकतंत्र को सशक्त बनाने के लिए …… जागरूकता जरूरी है।
उत्तर
(1) व्यवस्था
(2) पूरक
(3) निर्वाह
(4) राजनीतिक।
अति लघूत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
समाज में मनुष्य के व्यक्तित्व का विकास किस प्रकार होता है?
उत्तर
समाज व्यक्ति की अन्तर्निहित शक्तियों को विकसित एवं मर्यादित करता है। समाज में रहकर ही हमारा दृष्टिकोण, विश्वास और आदर्श समुचित रूप से कुलते हैं।
प्रश्न 2.
मनुष्य किन परिस्थितियों में समाज विरोधी बन जाता
उत्तर
जब मनुष्य की स्वतंत्रता का हनन होता है, तब वह स्थिति उसके लिए दमनकारी तथा कष्टदायक होती हैं। इन परिस्थितियों में यह समाज विरोधी बन जाता है।
प्रश्न 3.
समाज की व्यवस्थाएँ कैसी होनी चाहिए?
उत्तर
समाज की व्यवस्थाएँ व्यक्ति के विकास में सहायक होनी चाहिए।
प्रश्न 4.
हम किस प्रकार अपनी व समाज की उन्नति कर सकते हैं?
उत्तर
एकता, भ्रातृत्व भाव और सह-अस्तित्व की भावना से जीवन बिताते हुए ही हम अपनी व समाज की उन्नति कर सकते हैं।
प्रश्न 5.
समाज के प्रति विद्यार्थियों का क्या कर्तव्य हैं ?
उत्तर
समाज के प्रति विद्यार्थियों का कर्तव्य है कि वे मन लगाकर और मेहनत से शिक्षा प्राप्त करके समाज के उपयोगी सदस्य बने ।
प्रश्न 6.
राजनीतिक जागरूकता से आप क्या समझते हैं?
उत्तर
वह नागरिक जो अपने अधिकारों की रक्षा के लिए सजग रहता हैं और अपने कर्तव्यों का पालन स्वतः करता है, राजनीतिक रूप से जागरूक कहलाता हैं।
लघूत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
हम समाज को स्वस्थ एवं विकास-उमख कैसे बना सकते हैं?
उत्तर
समाज को स्वस्थ एवं विकास-उन्मुख बनाने के लिए, हमें समाज में प्रचलित रूड़ियों को समाप्त करना होगा तथा बहुत से सुधार करने होंगे। व्यक्ति की गरिमा का हनन करने वाली और महिलाओं का असम्मान करने वाली दहेज आदि कुप्रथाओं का परित्याग करना होगा। एकता, भातृत्व भाव और सह-अस्तित्व की भावना से जीवन बिताते हुए ही हम अपनी व समाज की न्नति कर सकते हैं।
प्रश्न 2.
जनसंचार के माध्यम हमारे लिए क्यों उपयोगी हैं?
उत्तर
दूरदर्शन, रेडियो, समाचार-पत्र और पत्रिकाएँ आदि जनसंचार के माध्यमों के उपयोग से हमारे ज्ञान का विस्तार होता है और हमारी राजनीतिक जागरूकता बढ़ती है। समाचारों के साथ विद्वानों के विचार सुनने और पढ़ने को मिलते हैं। इससे हमें यह भी प्रेरणा मिलती हैं कि हमें क्या करना चाहिए।
प्रश्न 3.
हमारा संविधान हुमसे क्या अपेक्षा करता है?
उत्तर
हमारा संविधान हमसे अपेक्षा करता है कि हम भारतीय संस्कृति व परम्पराओं का महत्व समझें और उनके स्वस्थ व गौरवशाली स्वरुप का परिरक्षण करे। देश के महापुरुषों व राष्ट्रीय आदशों का सम्मान करें व राष्ट्रीय धरोहरों व स्मारकों की रक्षा करें।
प्रश्न 4.
हम अपने वातावरण में स्वच्छता किस प्रकार बनाए रख सकते हैं?
उत्तर
वातावरण में स्वच्छता बनाए रखने के लिए आवश्यक है कि हम घर, मोहल्लों और अन्य सभी सार्वजनिक स्थलों पर स्वच्छता बनाए रखें और कचरे को यथास्थान डालें। पॉलिथीन की थैलियों का प्रयोग न करें, उनके स्थान पर कागज व कपड़े से बने थैले ही काम में लें।
प्रश्न 5.
आप अपने पर्यावरण की रक्षा किस प्रकार कर सकते हैं?
उत्तर
पर्यावरण की रक्षा के लिए आवश्यक है कि हम प्राकृतिक धरोहर वन, झील और नदियों की रक्षा न संवद्र्धन करें । कुएँ, तालाब, झील और नदियों में कचरा व अपशिष्ट पदार्थ न डालें। अधिक से अधिक पेड़ लगाएँ प्राकृतिक साधना का प्रयोग मितव्ययता के साथ करें।
प्रश्न 6.
हम समाज में सेवाभाव कैसे ला सकते हैं?
उत्तर
समाज में सेवाभाव लाने के लिए आवश्यक है कि हम सभी प्राणियों के प्रति दयाभाव रखें। संकटग्रस्त लोगों निराश्रितों, वृद्धों और बच्चों की मदद करें। समय-समय पर अस्पताल, अनाथालय, वृद्धाश्रम और गरीबों की बस्तियों में अपनी सेवा व सहयोग प्रदान करें।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न्
प्रश्न 1.
सिद्ध कीजिए ‘मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है।’
उतर
मनुष्य में स्वभाव से ही सहयोग एवं सह-अस्तित्व की भावना पायी जाती हैं। यह समाज से अलग नहीं रह सकता। समाज में रहते हुए वह अन्य मनुष्यों की तरहू समाज को गतिविधियों में भाग लेता है, जिससे उसका विकास होता है। व्यक्ति के सवांगीण विकास के लिए उसका समाज में रहना अति आवश्यक है। कोई भी व्यक्ति तब तक मनुष्य नहीं बनता, जब तक वह अन्य मनुष्यों के साथ नहीं रहे।
समाज में ही व्यक्ति की भाँति-भाँति की आवश्यकताएँ पूर्ण होती हैं। भौजन, आवास और कपड़ा व्यक्ति की प्राथमिक आवश्यकताएँ हैं, जिन्हें हम अन्य व्यक्तियों की सहायता से ही पूर्ण कर सकते हैं। अपनी सुरक्षा जरूरतों की पूर्ति के लिए मनुष्य को सामाजिक बनना ही पड़ता है। वे बच्चे, जो मनुष्यों के सम्पर्क से दूर पशुओं के बीच पले हैं उनमें आदतें और व्यवहार पशुओं जैसे ही विकसित हो गए। ये उदाहरण भी सिद्ध करते हैं कि मनुष्य के सर्वांगीण विकास के लिए भी समाज का होना अति आवश्यक है।
प्रश्न 2.
समाज के प्रति हमारे क्या कर्तव्य हैं? बताइए।
उत्तर
स्वस्थ और सुखी समाज की स्थापना के लिए प्रत्येक व्यक्ति के समाज के प्रति कुछ कर्तव्य हैं जिनमें प्रमुख निम्नलिखित हैं
- हमारा समाज स्वस्थ और विकास उन्मुख हो सके, इसके लिए प्रत्येक व्यमित को समाज में प्रचलित कादियों को समाप्त करना होगा।
- देश की अर्थव्यवस्था एवं उत्पादन में वृद्धि के लिए प्रत्येक नागरिक को ईमानदारी से कार्य करना होगा तथा लापरवाही एवं हड़ताल जैसी गतिविधियों से बचना होगा।
- विद्यार्थियों को मन लगाकर व मेहनत से शिक्षा प्राप्त कर समाज का उपयोग सदस्य बनना होगा।
- सभी को राष्ट्र को सबल, समृद्ध और सुखी बनाने के लिए निरन्तर क्रियाशील बनना होगा।
- हमें सार्वजनिक जीवन में अनुशासन रखना होगा। यातायात के नियमों का गम्भीरता से अनुसरण करना होगा।
- हमें ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए जिससे समाज में संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हो।
- जो अधिकार हम अपने लिए चाहते हैं, उन्हें हम दसरों को भी प्रदान करें। समाज में समरसता का निर्माण करने में सहयोग दें।
- सभी नागरिकों का कर्तव्य है कि वे भारतीय संस्कृति व परम्पराओं के महत्व को समझें। देश के महापुरुषों एवं
स्वाधीनता संघर्षकारलीन राष्ट्रीय आदर्शों का सम्मान करें और अपनी राष्ट्रीय धरोहरों व स्मारकों की रक्षा करें। - अपने अधिकारों की रक्षा करें व अपने कर्तव्यों का पालन करें।
- स्वास्थ्य हमारे जीवन की पूँजी है। स्वच्छता रखने में मगोग दें तथा कचरा उचित स्थान पर डालें।
- कानुन व व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग दें।
- अधिक से अधिक पेड़ लगाएँ व कुएँ, नदी, तालाब आदि को दूषित होने से बचाकर पर्यावरण की रक्षा करें।