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RBSE Solutions for Class 7 Social Science Chapter 10 लैंगिक समझ और संवेदनशीलता

RBSE Solutions for Class 7 Social Science Chapter 10 लैंगिक समझ और संवेदनशीलता

Rajasthan Board RBSE Class 7 Social Science Chapter 10 लैंगिक समझ और संवेदनशीलता

पातुगत प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
विभिन्न समाज सुधारकों के चित्रों को चार्ट पर चिपका कर उनके कार्यों को लिखिए। (पृष्ठ-77)
उत्तर

RBSE Solutions for Class 7 Social Science Chapter 10 लैंगिक समझ और संवेदनशीलता 1
राजा राममोहन राय ने सती प्रथा के विरुद्ध कानूनी प्रतिबंध लगवाया तथा समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने के लिए ब्रह्म समाज की स्थापना की। उन्होंने शिक्षा और विज्ञान के ज्ञान पर जोर दिया। उन्हें विश्वास था कि
शिक्षा के द्वारा ही हम समाज को कुरीतियों से मुक्त करा सकते हैं।
स्वामी दयानंद सरस्वती ने महिला शिक्षा के लिए उल्लेखनीय  कार्य किया तथा समाज में नव चेतना लाने के लिए आर्य समाज की स्थापना की।

महात्मा ज्योतिबा फुले और उनकी पत्नी सावित्री बाई फुले ने स्त्रियों की दयनीय व कष्टपूर्ण स्थिति के लिए आवाज उठाई तथा नारी-उत्थान के लिए कार्य किया।

प्रश्न 2.
शिक्षक की सहायता से स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने वाली महिलाओं की सूची बनाइए। (पृष्ठ-77)
उत्तर
स्वतंत्रता आन्दोलन में भाग लेने वाली महिलाओं की सूची

  1. रानी लक्ष्मीबाई
  2. बेगम हजरत महल
  3. एनी बेसेन्ट
  4. मैडम भीकाजी कामा
  5. कस्तूरबा गाँधी
  6. सरोजिनी नायडू
  7. कमला नेहरु
  8. विजयी लक्ष्मी पंडित
  9. सुचेता कृपलानी
  10. अरुणा आसिफ अली
  11. दुर्गा बाई देशमुख
  12. सावित्री बाई फुले
  13. कित्तूर रानी चेन्नमा आदि।

प्रश्न 3.
शिक्षक की सहायता से निम्नलिखित पदों पर पदस्थापित रही भारत की प्रथम महिलाओं के नाम
लिखिए-1. राष्ट्रपति
2. प्रधानमंत्री
3. राज्यपाल
4. मुख्यमंत्री
5. सर्वोच्च न्यायालय की न्यायाधीश इना (पृष्ठ-80)
उत्तर
1. राष्ट्रपति – श्रीमती प्रतिभा पाटिल
2. प्रधानमंत्री – श्रीमती इंदिरा गाँधी
3. राज्यपान- श्रीमती सरोजिनी नायडू
4. मुख्यमंत्री – सुचेता कृपलानी
5. सर्वोच्च न्यायालय की न्यायाधीश – एम. फातिमा बीबी

प्रश्न 4.
शिक्षक की सहायता से निम्नलिखित क्षेत्रों से सम्बंधित भारतीय महिलाओं की सूची बनाए-
(अ) प्रसिद्ध महिला खिलाड़ी
(ब) प्रसिद्ध महिला राजनीतिज्ञ
(स) अन्य क्षेत्रों में प्रसिद्ध महिलाओं के नाम। (पृष्ठ 80)
उत्तर
(अ) प्रसिद्ध महिला खिलाड़ी-एम. सी. मैरीकॉम
(ब) प्रसिद्ध महिला राजनीतिज्ञ-श्रीमती इंदिरा गाँधी
(स) अन्य क्षेत्रों में प्रसिद्ध महिलाओं के नाम

  1. वैज्ञानिक-जानकी अम्मल
  2. इंजीनियर ( अभियन्ता)-राजेश्वरी चटर्जी
  3. अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला
  4. लेखिका-अमृता प्रीतम
  5. कवयित्री महादेवी वर्मा
  6. पर्वतारोही-बड़ेन्द्री पाल
  7. पत्रकार-बरखा दत्त

प्रश्न 5.
अपने क्षेत्र की महिला जन प्रतिनिधियों व अन्य क्षेत्रों में रत प्रमुख महिलाओं की जानकारी प्राप्त करके सुची बनाए। (पृष्ठ-81) उत्तर
मैं भरतपुर जिले की नगर तहसील का निवासी हैं।  मेरे क्षेत्र की महिला जनप्रतिनिधियों व अन्य क्षेत्रों में कार्यरत प्रमुख महिलाओं की सूची निम्न प्रकार है
1. अनीता सिंह- विधायक, विधानसभा क्षेत्र नगर
2. रूपा देवी – प्रधान, पंचायत समिति नगर
3. सुनीता गुर्जर – उपप्रधान पंचायत समिति नगर
4. प्रीती अम्बेश – अध्यक्ष नगर पालिका नगर
5. ज्योति शर्मा – कनिष्ठ अभियन्ता, जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, नगर
(नोट – विद्यार्थी अपने-अपने क्षेत्र की महिला जनप्रतिनिधियों एवं अन्य क्षेत्रों में कार्यरत महिलाओं के नाम लिखें।)

प्रश्न 6.
आपके क्षेत्र में सरकार द्वारा महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी प्राप्त कीजिए।(पृष्ठ-82) नर-हमारे क्षेत्र में सरकार द्वारा महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए निम्नलिखित योजनाएँ चलाई जा रही हैं|
1. भामाशाह योजना – इनके अन्तर्गत परिवार का मुखिया महिला को बनाया गया है।
2. जननी सुरक्षा योजना – महिला व बाल कल्याण के लिए संचालित योजना।
3. बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना – लिंगानुपात में समानता लाने के लिए संचालित कार्यक्रम।
4. सुकन्या समृद्धि योजना – बालिकाओं की उच्च शिक्षा इंतु बचत द्वारा धन जुटाने हेतु संचालित योजना।
5. मकान के लिए भूमि आवंटन – गरीब परिवारों को मकान के लिए नि:शुल्क भूमि महिला के नाम से आवंटित करना।
6. बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन के लिए छात्रवृत्ति, आवासीय विद्यालय संचालित करना आदि।

पाठ्य पुतक के प्रश्नोत्तर 

प्रश्न 1.
सही विकल्प को चुनिए

(i) बालक का पहला शिक्षक होता है
(अ) परिवार
(ब) विद्यालय
(स) मित्र
(द) माता
उत्तर
(द) माता

(ii) मीराबाई प्रसिद्ध हैं
(अ) राजनीति के लिए
(ब) शासन के लिए।
(स) ईश्वर-भक्ति के लिए
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर
(स) ईश्वर-भक्ति के लिए

प्रश्न 2.
निम्नलिखित वाक्यों में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(i) भामाशाह योजना में परिवार का मुखिया …….. होती है।
(ii) ………. ने सती प्रथा के विरुद्ध कानूनी प्रतिबंध लगवाया।
(iii) प्रत्येक जिले में महिला …………. और महिला …………… केन्द्र स्थापित किए गए हैं।
(iv) ईश्वर चन्द्र विद्यासागर ने …………… के समर्थन में जागरूकता पैदा की।
(i) महिला,
(ii) राजा राममोहन राय,
(iii) थाने, सलाह एवं सुरक्षा,
(iv) विधवा-विवाह।

प्रश्न 3.
प्राचीन काल में समाज में नारी की स्थिति कैसी धी?
उत्तर
प्राचीन काल में नारी की स्थिति सुखद थी स्त्री-पुरुष और बालक-बालिकाओं का समान महत्व था। उस काल में महिलाएँ उच्च शिक्षित थीं जो पुरुषों के साथ शास्त्रार्थ में भाग लेती थी, जैसे गागी, मैत्रेयी और लोपामुद्रा आदि। अनेक वैदिक ऋचाओं की रचना महिलाओं द्वारा की गई। राजकार्य और युद्ध में भी भाग लेती थीं।

प्रश्न 4.
लैंगिक संवेदनशीलता से आप क्या समझाते हैं ?
उत्तर
लैंगिक संवेदनशीलता का अर्थ है- स्त्री और पुरुष दोनों के प्रति समान भाव अनुभव करना। इसे लैंगिक समानता भी कहते हैं। इसके अंतर्गत बालक-बालिका के पालन-पोषण, शिक्षा व स्वास्थ्य में कोई अंतर नहीं होता तथा दोनों को विकास के समान अवसर प्राप्त होते हैं।

प्रश्न 5.
महिला सशक्तीकरण के लिए कौन-कौन से कानून बनाए गए हैं?
उत्तर
सरकार ने महिला सशक्तीकरण के लिए दहेज प्रथा निषेध कानून, बाल-विवाह निषेध कानून, सती प्रथा निषेध कानून आदि बनाए हैं। इन कानूनों की अवहेलना पर दण्ड का प्रावधान भी किया गया है। इसके अतिरिक्त महिलाओं के विरुद्ध घरेलु हिंसा की रोकथाम के लिए दंडात्मक कानून बनाया गया है। पंचायती राज व्यवस्था और नगरीय निकायों  के चुनावों में महिलाओं के लिए राजस्थान में 33 प्रतिशत स्थान आरक्षित कर दिए गए हैं। महिला समस्याओं के हल में मदद के लिए राष्ट्रीय एवं राज्य महिला आयोग बनाए गए हैं। सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए पद आरक्षित कर दिए गए हैं। समान कार्य के लिए समान मजदूरी का कानुन बनाया गया है।

प्रश्न 6.
महिलाओं के उत्थान के लिए चलाई जा रही सरकारी योजनाओं की जानकारी दीजिए?
उत्तर
महिलाओं के उत्थान के लिए प्रत्येक जिले में महिला थानों और महिला सलाह एवं सुरक्षा केन्द्रों का गठन किया गया है। शिक्षा के प्रोत्साहन के लिए छात्रवृत्ति व अन्य सुविधाएँ देना तथा 9 वीं कक्षा में प्रवेश लेने वाली लड़कियों  को साइकिल देना। शैक्षिक रूप से पिछड़े उपखण्डों में आवासीय विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं। महिलाओं को रोजगार का प्रशिक्षण देना और रोजगार हेतु ऋण उपलब्ध कराना। महिला के नाम से सम्पत्ति की रजिस्ट्री करवाने पर शुल्के में छूट देना। गरीब परिवारों को मकान के लिए  नि:शुल्क जमीन महिला के नाम से आवंटित करना।

बालिकाओं को उच्च शिक्षा के लिए बचत द्वारा धन जुटाने हेतु सुकन्या समृद्धि योजना प्रारम्भ की गई है। भामाशाह योजना के अंतर्गत परिवार का मुखिया महिला को बनाना। महिला और बाल कल्याण के लिए जननी सुरक्षा योजना जैसी अनेक योजनाएँ चलायी जा रही हैं। लिंगानुपात में समानता लाने के लिए ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान चलाया जा रहा है।

अन्य महत्वपूर्ण प्रष्टनोत्तर

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
कश्मीर में शासन का संचालन करने वाली महिला थीं
(अ) सुगन्धा
(ब) दिदा
(स) कोटा
(द) उपर्युक्त तीनों
उत्तर
(द) उपर्युक्त तीनों

प्रश्न 2.
महिला शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए कार्य किया
(अ) राम मोहन राय ने
(ब) ईश्वर चन्द्र विद्यासागर ने
(स) स्वामी दयानन्द सरस्वती ने
(द) सावित्री बाई फुले ने
उत्तर
(स) स्वामी दयानन्द सरस्वती ने

प्रश्न 3.
किसी भी समाज का ज्थान संभव है जह्य पर
(अ) पुरुषों का वर्चस्व हो
(ब) महिलाओं का वर्चस्व हो
(स) लैंगिक संवेदनशीलता हो
(द) उद्यमी प्रचुर मात्रा में हों
उत्तर
(स) लैंगिक संवेदनशीलता हो

निम्न वाक्यों में रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए
1. हमारे देश में नारी को सम्मान देने की………परम्परा रही हैं।
2. नारी को …………….. का प्रतीक माना गया हैं।
3. भारत में महिलाओं ने राष्ट्रपति, ……………. मुख्यमंत्री और ………… जैसे उच्च पदों को सुशोभित किया है।
4. महिला संरक्षण और …………….. के लिए अनेक कानून और योजनाएँ बनाई गई हैं।
उत्तर
(1) गौरवशाली
(2) शक्ति
(3) प्रधानमंत्री, न्यायाधीश
(4) सशक्तीकरण।

अति लघूत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
बालक की पहली शिक्षक कौन हैं?
उत्तर
बालक की पहली शिक्षक उसकी माता हैं।

प्रश्न 2.
नारी ने अपने कौन से गुणों से परिवार, समाज और राष्ट्र को समुन्नत किया है?
उत्तर
नारी ने अपने त्याग, प्रेरणा, क्षमा, सहिष्णुता, प्रेम और ममता जैसे गुणों से परिवार, समाज और राष्ट्र को समुन्नत किया है।

प्रश्न 3.
मध्यकाल में नारी को किन कप्रथाओं से पीड़ित होना पड़ा?
उत्तर
मध्यकाल में नारी को बाल विवाह, सती प्रथा, पर्दा प्रथा, दहेज प्रथा जैसी अनेक कुप्रथाओं से पीड़ित होना पड़ा

प्रश्न 4.
राजस्थान में पंचायतों एवं नगरीय निकायों में महिलाओं के लिए कितने प्रतिशत स्थान आरक्षित किए गए हैं?
उत्तर
राजस्थान में पंचायतों एवं नगरीय निकायों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत स्थान आरक्षित किए गए हैं।

प्रश्न 5.
बालिकाओं की उच्च शिक्षा के लिए धन जुटाने हेतु कौन-सी योजना प्रारम्भ की गई है?
उत्तर
बालिकाओं की उच्च शिक्षा के लिए बचत द्वारा धन जुटाने हेतु सुकन्या समृद्धि योजना प्रारम्भ की गई है।

प्रश्न 6.
लिंगानुपात में समानता लाने के लिए कौन सा अभियान चलाया जा रहा हैं?
उत्तर
लिंगानुपात में समानता लाने के लिए ‘बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ’ अभियान चलाया जा रहा है।

लघुत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
हमारी सांस्कृतिक धारणा नारी के लिए किस प्रकार की है?
उत्तर
हमारी सांस्कृतिक धारणा है कि जिस परिवार में नारी के साथ अच्छा तथा सम्मानजनक व्यवहार होता है वहाँ देवता निवास करते हैं। वहाँ सुख-शांति और समृद्धि होती है तथा जिस परिवार में नारी के साथ अच्छा व्यवहार नहीं होता है, वहाँ सुख-शांति और समृद्धि का अभाव होता है तथा उस परिवार का विकास अवरुद्ध हो जाता है।

प्रश्न 2.
मध्यकाल में भारतीय नारी की सामाजिक स्थिति में क्या गिरावट आई
उत्तर
मध्यकाल में भारत में शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य मामलों में बालक-बालिका के बीच अंतर किया जाने लगा था। बालिकाओं को शिक्षा से वंचित रहुना पड़ा। बाल विवाह, सती प्रथा, पद प्र, दहेज प्रथा जैसी अनेक कुप्रथाओं से उसे पीड़ित होना पड़ा। महिलाओं में पुरुष निर्भरता आ | गई तथा घरेलु कार्यों की जिम्मेदारियों के कारण उसे घर की चारदीवारी में रहने को बाध्य किया गया।

प्रश्न 3.
19वीं शताब्दी में नारी की स्थिति में सुधार के लिए क्या प्रयास किए गए?
उत्तर
19वीं शताब्दी में समाज सुधारकों ने नारी की स्थिति में सुधार के लिए अनेक प्रयास किए। राजा राममोहन राय ने | सती प्रथा के विरुद्ध कानुनी प्रतिबंध लगाया। ईश्वरचन्द्र विद्यासागर ने विधवा-विवाह के समर्थन में जागृति पैदा की। इसके सम्बंध में कानून भी बने। महिला शिक्षा एवं उत्थान | के लिए भी अनेक प्रयास किए गए।

प्रश्न 4.
स्त्रियों के कम शिक्षित होने के क्या कारण हैं?
उत्तर
बहुत-सी लड़कियाँ गरीबी, शिक्षण सुविधाओं के अभाव व अन्य कारणों से शिक्षा पूरी किए बिना ही विद्यालय छेड़ देती हैं। विशेषकर वंचित वर्ग, आदिवासी और मुस्लिम वर्ग की लड़कियाँ बड़ी संख्या में बीच में ही स्कूल छेड़ देती हैं। इसके अतिरिक्त रूढ़िवादी धारणाओं के चलते लड़कियों को अनेक कार्यों व व्यवसायों की शिक्षा और प्रशिक्षण लेने के लिए परिवार का सहयोग नहीं मिल पाता

प्रश्न 5.
वर्तमान समय में आप महिलाओं की स्थिति में क्या परिवर्तन पाते हैं
उत्तर
महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए सामाजिक और वैधानिक दोनों स्तरों पर अनेक प्रयास किए गए हैं। धीरे-धीरे सामाजिक धारणाएँ भी बदल रही हैं। आज महिलाएँ सेना, पुलिस, वैज्ञानिक, डॉक्टर, इंजीनियर, प्रबंधक और विश्वविद्यालयी शिक्षक जैसे पेशों में भी कार्यरत हैं। इसके अतिरिक्त बहुत सी महिलाएँ व्यापारिक प्रतिष्यनों का संचालन भी सफलतापूर्वक कर रही हैं।

प्रश्न 6.
महिलाओं द्वारा नारी उत्थान के लिए क्या प्रयास  किए जा रहे हैं?
उत्तर
महिलाओं ने पारिवारिक और सार्वजनिक जीवन में बराबरी की माँग उठाई। महिला संगठनों ने समाज, विधायिका और न्यायालय का ध्यान इस ओर खींचा। जहाँ कहीं भी महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन होता है, तो उसके विरुद्ध आवाज उठाई जाती है। उचित र पर न्याय दिलाने का प्रयास किया जाता है। विधान सभाओं एवं संसद में 33 प्रतिशत स्थान महिलाओं के लिए आरक्षित करवाने की माँग उठाई जा रही है। महिला संरक्षण और सशक्तीकरण के लिए अनेक कानून एवं योजनाएँ बनाई गई हैं। परिणामस्वरूप आज महिलाओं के लिए अपने प्रति गलत मान्यताओं और व्यवहारों के खिलाफ संघर्ष करना आसान हो गया है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
लिंग भेद और लैंगिक भेद में क्या अंतर है?
उत्तर
लिंग भेद स्त्री और पुरुष की शारीरिक बनावट पर आधारित जैविक अंतर है, जो स्त्रीत्व और पुरुषत्व का आधार है। प्राकृतिक होने के कारण इस प्रकार का अंतर सभी जगह और सभी समय समान होता है। लैंगिक भेद को लैंगिक असमानता भी कहते हैं। जैसे कि घर के भीतर के सभी कार्य करना महिलाओं की जिम्मेदारी है। ऐसा नहीं है कि पुरुष घरेलु व घर की देखभाल का कार्य नहीं कर सकते वस्तुत: यह सोच लैंगिक भेद का एक उदाहरण है। इसी प्रकार स्त्रियों एवं पुरुषों के बीच अधिकारों, अवसरों, कर्तव्यों तथा सुविधाओं का असमानता पर आधारित बँटवारा लैंगिक भेद हैं। यह अवधारणा एक सामाजिक-सांस्कृतिक निर्माण हैं जो समय और स्थान के साथ बदलती रहती हैं। अनेक सामाजिक मूल्य और रूढ़िवादी धारणाएँ लैंगिक भेद को हमारे स्त्रीलिंग एवं पुल्लिग होने के जैविक अंतर से जोड़ती हैं।

प्रश्न 2.
समाज में प्रचलित लैंगिक भेद के विभिन्न रूपों का वर्णन करो।
उतर
समाज में प्रचलित लैंगिक भेद के विभिन्न रूप हैं। जिनमें मुख्य है श्रम विभाजन। लड़के और लड़कियों के पालन-पोषण के दौरान ही यह मान्यता उनके मन में बैठा दीं जाती है कि महिलाओं की मुख्य जिम्मेदारी घर के समस्त कार्य तथा बच्चों का पालन-पोषण है। इसके अतिरिक्त महिलाएँ व बालिकाएँ दूर-दूर से पानी व जलाने के लिए लकड़ी लाती हैं। खेतों पर पौधे रोपने, खरपतवार निकालने, फसल काटने और दुधारू पशुओं की देखभाल का कार्य भी करती हैं। फिर भी जब हम किसान के बारे में सोचते हैं तो हमारे मस्तिष्क में एक महिला किसान के बजाय एक पुरुष किसान की छवि ही उभरती है।
महिलाओं के कार्यों का महत्व भी कम ही आँका जाता है तथा उन्हें मजदूरी भी कम दी जाती है जबकि यथार्थ में महिलाएँ पुरुषों से अभि श्रम करती हैं।

शिक्षा के क्षेत्र में भी महिलाएँ पुरुषों से कम हैं। वर्तमान समय में बालिकाओं की संख्या शिक्षा प्राप्त करने के क्षेत्र में बढ़ी है। परन्तु बहुत सी बालिकाएँ गरीबी, शिक्षण सुविधाओं के अभाव व अन्य कारणों से विद्यालय जाना बंद कर देती हैं। यह भी माना जाता हैं कि लड़कियाँ एवं महिलाएँ तकनीकी कार्य करने में सक्षम नहीं होती हैं। रूढ़िवादी धारणाओं के

कारण भी लड़कियों को अनेक कार्यों एवं व्यवसायों के शिक्षण एवं प्रशिक्षण में परिवार का सहयोग नहीं मिल पाता है। सामुदायिक स्तर पर भी महिलाओं और पुरुषों की भूमिका और सहभागिता में बड़ा अंतर है। सार्वजनिक जीवन पुरुषों के कब्जे में हैं और महिलाओं को कम भागीदारी दी जाती हैं। उन्हें सामूदारिक कार्यों के नेतृत्व के पर्याप्त अवसर नहीं दिए जाते हैं।

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