RBSE Solutions for Class 7 Social Science Chapter 17 राजस्थान एवं दिल्ली सल्तनत
RBSE Solutions for Class 7 Social Science Chapter 17 राजस्थान एवं दिल्ली सल्तनत
Rajasthan Board RBSE Class 7 Social Science Chapter 17 राजस्थान एवं दिल्ली सल्तनत
पातुगत प्रश्न एवं उनके उत्तर
गतिविधि
प्रश्न 1.
सल्तनतकाल में निर्मित राजस्थान के किलों, मदिरों व अन्य स्मारकों के चित्रों का संग्रह कीजिए। (पृष्ठ 138)
उत्तर
- अढ़ाई दिन का झोंपड़ा, अजमेर
- कुम्भलगढ़ दुर्ग, राजसंमद
- विजय स्तम्भ चित्तौड़गढ़
- मैहरानगढ़, जोधपुर
- कुम्भ-श्याम मंदिर, चित्तौड़गढ़
प्रश्न 2.
दिल्ली में राजस्थान के राजवंशों के काल को तिथि वर्ष क्रमानुसार लिखो। (पृष्ठ 138)
उत्तर
दिल्ली के राजवंश
- गुलाम वंश (1206 से 1290 ई.)
- खिलजी वंश (1290 से 1320 ई.)
- तुगलक वंश (1320 से 1414 ई.)
- सैय्यद वंश (1414 से 1451 ई.)
- लोदी वंश (1451 से 1526 ई.)
- मुगल वंश (1526 से 1707 ई.)
- ब्रिटिश राज (1707 ई. से 14 अगस्त 1947 तक)
राजस्थान के राजवंश
- चौहान वश 51 ई.
- गुहिल वंश (मेवाड़) 566 ई.
- सिसोदिया वंश (मेवाड़) 1326 ई.
- गुहिल वंश (बागड़) 1177 ई.
- गुहिल वंश (इंगरपुर) 16 वीं शती
- गुहिल वंश (बांसवाड़ा) 1518 ई.
- गुहिल वंश (प्रतापगढ़) 1561 ई.
- गुहिल वंश (शाहपुरा) 1631 ई.
- राठौड़ वंश (बीकानेर) 1465 ई.
- कछवाहा वंश (आमेर) 367 ई.
- राठौड़ वंश (मारवाड़) 13 वीं सदी
- कछवाहा वंश ( ढूँढाड़) 11:37 ई.
- भाटी वंश (जैसलमेर) 1155 ई.
- कछवाहा वंश (अलवर) 1771 ई.
- यादव वंश (करौली) 1348 ई.
पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
स्तम्भ’अ’ को स्तम्भ’ब’ से सुमेलित कीजिएस्तम्भ’अ’
उत्तर
1. (b), 2. (c), 3. (d), 4. (a)
प्रश्न 2.
तराइन के प्रथम युद्ध में कौन विजयी रहा।
उत्तर
पृथ्वीराज चौहान।
प्रश्न 3.
मुहम्मद गौरी के बाद सत्ता प्राप्ति के संघर्ष में कौन विजयी रहा?
उत्तर
कुतुबुद्दीन ऐबक।
प्रश्न 4.
अलाहीन खिलजी रणथम्भौर पर आक्रमण क्यों करना चाहता था?
उत्तर
अलाउद्दीन खिलजी द्वारा रणथम्भौर पर आक्रमण करने के दो कारण थे
(1) दिल्ली के निकट सामरिक महत्व के रणथम्भौर के अभेद्य दुर्ग को जीतने के लिए अलाउद्दीन लालायित था।
(2) हम्मीर देव चौहान ने अलाउद्दीन खिलजी के कुछ शत्रुओं को अपने यहाँ शरण दे रखी थी, जिसके कारण अलाउद्दीन हम्मीर देव से नाराज था।
प्रश्न 5.
अलाउद्दीन के चित्तौड़ पर आक्रमण का संक्षिप्त विवरण लिखिए?
उत्तर
मेवाड़ के बढ़ते प्रभाव, साम्राज्य विस्तार की लालसा, मेवाड़ के दुर्ग के सामरिक महत्व आदि के कारण अल्लाउद्दीन ने चित्तौड़ पर आक्रमण कर दिया। अलाउद्दीन चित्तौड़ में आठ माह तक डेरा डाले रहा किन्तु उसे कोई सफलता नहीं मिली। अन्ततः उसने कुटनीति का सहारा लेकर सन्धि वार्ता का प्रस्ताव रखा जिसमें उसने रावल रतन सिंह के साथ धोखाधड़ी की। ऐसी स्थिति में युद्ध के अतिरिक्त कोई रास्ता नहीं बचा। दोनों के बीच भयंकर युद्ध हुआ जिसमें रावल रतन सिंह युद्ध करते हुए मारे गए और चित्तौड़ पर अलाउद्दीन का अधिकार हो गया।
प्रश्न 6.
जालोर पर अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण का वर्णन कीजिए।
उत्तर
1308 ई. में जालोर के प्रवेश द्वार सिवाणा पर मुस्लिम सेना ने धावा बोला, पर उसे सफलता प्राप्त नहीं हुई। बाद में विश्वासघातियों की सहायता से षड्यन्त्र द्वारा अलाउद्दीन खिलजी की सेना ने सिवाणा के दुर्ग को जीत लिया। इस पर कान्हड़ देव ने सभी राजपूत सरदारों का आह्वान किया।
परिणामस्वरूप विभिन्न स्थानों पर खिलजी सेना पर आक्रमण होने लगे। मेड़ता के पास मलकाना में राजपूत सैनिकों ने सुल्तान की सेना पर आक्रमण कर दिया और सेनापति शम्स खाँ को उसकी पत्नी सहित बन्दी बना लिया। यह समाचार जब अलाउद्दीन खिलजी के पास पहुँचा तो एक विशाल सेना लेकर वह जालोर के लिए निकल पड़ा। वहाँ पहुँचकर सुल्तान ने दुर्ग पर घेरा डाला। कान्हड़ देव ने अपनी सम्पूर्ण शक्ति के साथ शत्रु का मुकाबला किया। लेकिन घर के लम्बे समय तक चलने से किले के भीतर मौजूद रसद सामग्री खत्म होने लगी।
इससे राजपूत सेना की स्थिति कमजोर होने लगी और सुल्तान की सेना की स्थिति मजबूत होती गई। ऐसी संकटपूर्ण स्थिति में एक दहिया सरदार नै कान्हड़ देव से विश्वासघात करते हुए राज्य पाने के लालच में खिलजी सेना को एक गुप्त दरवाजे से किले में प्रवेश करवा दिया। इस विश्वासघात का पता चलने पर राजद्रोहीं पति को उसकी पत्नी ने तलवार से टुकड़े-टुकड़े कर मार डाला। दुर्ग में आसानी से पहुंची खिलजी सेना का कान्हड़ देव ने अपने राजपूत सैन्य सरदारों के साथ वीरतापूर्वक मुकाबला किया, किन्तु वह वीरगति को प्राप्त हुआ। इस प्रकार जालोर अलाउद्दीन खिलजी के कब्जे में आ गया।
प्रश्न 7.
महाराणा कुम्भा के शासनकाल की जानकारी कौन-कौन से स्रोतों से प्राप्त होती है?
उत्तर
एकल महात्म्य, रसिकप्रिया, कुम्भलगढ़ प्रशस्ति आदि स्रोतों से हमें महाराणा कुम्भा के शासनकाल की जानकारी प्राप्त होती है।
प्रश्न 8.
महाराणा कुम्भा के शासन की उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर
महाराणा कुम्भा 1433 ई. में मेवाड़ के शासक बने । इनके शासन काल में साहित्य एवं कला की बहुत उन्नति हुई क्योंकि कुम्भा साहित्य एवं कला के संरक्षक थे। वस्तुतः महाराणा कुम्भा का काल भारतीय कला के इतिहास में स्वर्णिम काल कहा जा सकता है। मेवाड़ में कुल 84 दुर्ग स्थित हैं जिसमें 32 दुर्ग महाराणा कुम्भा द्वारा बनाए गए हैं। | इन दुर्गों में कालगढ़ का दुर्ग विशेष महत्व का है। इस दुर्ग को अजय दुर्ग के नाम से भी जाना जाता है। इस दुर्ग के चारों ओर विशाल दीवार हैं जिसे चीन की दीवार के बाद विश्व की दूसरी सबसे लम्बी दीवार माना जाता है।
प्रश्न 9.
राव शेखा के जीवन से क्या प्रेरणा मिलती है?
उत्तर
राव शेखा आमेर शासक चन्द्रसेन शेखों के बड़े भाई थे। राव शेखा संवेदनशील, स्वाभिमानी और राज्य की सम्प्रभुता का सम्मान करने वाले व्यक्ति थे। इसीलिए आमेर राज्य का सम्मान बनाए रखने के लिए वह उसे वार्षिक कर देते थे। राव शेखा ने एक शासक के रूप में धार्मिक सहिष्णुता का भी परिचय दिया। उनके प्रयासों के तहत ही पानों ने गाय के माँस को न खाने का संकल्प लिया। राव शेखा नारी अस्मिता के रक्षक भी थे। नारी सम्मान को सुरक्षित रखने के लिए उन्होंने अपने जीवन का सन् 1488 ई. में बलिदान कर दिया। राव शेखा के जीवन से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि अत्यधिक अधिकार मिल जाने के बाद हमारे अन्दर अहंकार की भावना नहीं आनी चाहिए। हमें संवेदनशील होकर मानवता की रक्षा करनी चाहिए।
अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
महमूद गजनवी ने भारत पर आक्रमण किए
(अ) 15 बार
(ब) 16 बार
(स) 17 बार
(द) 18 बार
उत्तर
(स) 17 बार
प्रश्न 2.
महमूद गजनवी ने गुजरात के प्रसिद्ध सोमनाथ मन्दिर पर आक्रमण किया
(अ) 1025 ई. में
(ब) 1026 ई. में
(स) 1027 ई. में
(द) 1028 ई. में
उत्तर
(अ) 1025 ई. में
प्रश्न 3.
भारत में मुस्लिम साम्राज्य की स्थापना का बीजारोपण किया
(अ) महमूद गजनवी ने
(ब) मुहम्मद गौरी ने
(स) बाबर ने
(द) कुपटीन ऐबक ने।
उत्तर
(ब) मुहम्मद गौरी ने
प्रश्न 4.
तराइन के दूसरे युद्ध में पृथ्वीराज चौहान को हराया
(अ) महमूद गजनवी ने
(ब) जलालुद्दीन खिलजी ने
(स) अलाउद्दीन खिलजी ने
(द) मुहम्मद गौरी ने
उत्तर
(द) मुहम्मद गौरी ने
प्रश्न 5.
भारत के इतिहास में निर्णायक युद्ध था
(अ) तराइन का पहला युद्ध
(ब) तराइन का दूसरा युद्ध
(स) मेवाड़ का युद्ध
(द) चित्तौड़ का युद्ध
उत्तर
(ब) तराइन का दूसरा युद्ध
प्रश्न 6.
भारत में प्रथम मुस्लिम शासन की स्थापना की
(अ) कुतुबुद्दीन ऐबक ने
(ब) महमूद गजनवी ने
(स) मुहम्मद गौरी ने
(द) बाबर ने
उत्तर
(अ) कुतुबुद्दीन ऐबक ने
निम्नलिखित रिक्त वाक्यों में सही शब्द भरिए
1. महाराणा कुम्भा ने महमूद को चित्तौड़ में ……………….रखने के बाद मुक्त कर दिया।
2. महाराव शेखा के प्रयासों से ……….. ने …………का माँस न खाने का संकल्प लिया
3. मेवाड़ में स्थित ………… दुर्गों में से …………..दुर्ग महाराणा कुम्भा द्वारा बनवाए गए
4. ……………. में रावल रतनसिंह मेवाड़ की राजधानी चित्तौड़ में राज सिंहासन पर बैठा।
उत्तर
1. 6 माह
2. वन, गाय
3. 84, 34
4. 1302 ई.
अति लघूत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
किस शासक की दिग्विजय के पश्चात् रणथम्भौर के चौहानों की राजनीतिक प्रतिष्ठा बढ़ गई?
उत्तर
हम्मीर देव चौहान की दिग्विजय के पश्चात्
प्रश्न 2.
आलाऊद्दीन खिलजी दिल्ली का सुल्तान कब व कैसे बना?
उत्तर
1296 ई. में अपने चाचा जलालुद्दीन खिलजी की हत्या करके अलाउद्दीन खिलजी दिल्ली का सुल्तान बना
प्रश्न 3.
हम्मीर देव चौहान ने कितने युद्ध लड़े, उनमें उसे कितने युद्धों में विजय प्राप्त हुई?
उत्तर
हम्मीर देव ने 17 युद्ध लड़े। इनमें से वह 16 युद्धों में विजयी रहा।
प्रश्न 4.
महमूद खिलजी की भागती सेना का महाराणा कुम्भा ने कहाँ तक पीछा किया?
उत्तर
महमूद खिलजी की भागती सेना का महाराणा कुम्भा ने माण्डू तक पौझ किया।
प्रश्न 5.
कान्हड़ देव चौहान कहाँ का शासक था?
उत्तर
जालोर का।
प्रश्न 6.
मेवाड़ के किस दुर्ग को ‘अजय दुर्ग’ के नाम से जाना जाता है।
उत्तर
कुम्भलगढ़ दुर्ग को।
लघूत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
महमूद गजनवी ने भारत पर कितनी बार आक्रमण किया? उसके आक्रमण का भारत पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर
तुक आक्रमणकारी गजनी के महमूद गजनवी ने भारत पर 17 बार आक्रमण किए। इन आक्रमणों में महमूद ने मंदिरों को तोड़ा और भारत से अपार धन-संपत्ति लुट कर ले गया। महमूद गजनवी ने 1025 ई. में गुजरात के प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर पर आक्रमण किया और मंदिर को तोड़-फोड़ कर प्रचुर मात्रा में धन लूट कर ले गया। महमूद गजनवी के आक्रमणों से भारत की संस्कृति के प्रतीक कई मंदिर और स्मारक नष्ट हो गए।
प्रश्न 2.
तुकों को भारत में शासन सत्ता प्राप्त करने का अवसर कैसे मिला?
उत्तर
महमूद गजनवी के पश्चात् गौर प्रदेश के शासक मुहम्मद गौरी ने भारत पर आक्रमण किए और भारत में मुस्लिम साम्राज्य की स्थापना की शुरुआत की। गौरी ने भारत में कई लड़ाइयाँ लड़ीं, परन्तु गौरी द्वारा अजमेर के शासक पृथ्वीराज चौहान के साथ लड़े गए तराइन के युद्ध महत्वपूर्ण रहे। तराइन के प्रथम युद्ध में गौरी बुरी तरह हारा और भाग गया। किन्तु तराइन के दूसरे युद्ध में पृथ्वीराज चौहान पराजित हुआ। भारत के इतिहास में यह एक निर्णायक युद्ध था। इस विजय के बाद विदेशी आक्रमणकारी तुकों को भारत में शासन-सत्ता स्थापित करने का अवसर मिल गया।
प्रश्न 3.
भारत में प्रथम मुस्लिम शासन की स्थापना कैसे हुई? दिल्ली सल्तनत की स्थापना एवं इसके प्रमुख वंशों का नाम लिखिए? उत्तर
मुहम्मद गौरी की कोई सन्तान नहीं थी। उसकी अचानक मृत्यु से उसके सैनापतियों और सूबेदारों में सत्ता प्राप्त करने के लिए कलह शुरू हो गई। सत्ता प्राप्ति के संघर्ष में गौरी का गुलाम और सुबेदार कुतुबुद्दीन ऐबक विजयी हुआ। इसके साथ ही भारत में प्रथम मुस्लिम शासन की स्थापना हुई। दिल्ली सल्तनत की स्थापना 1206 ई. में हुई और 1526 ई. में हुए पानीपत के प्रथम युद्ध में इब्राहिम लोदी की हार तक इसका राज चलता रहा। इसके अन्तर्गत विभिन्न राजवंशों ने दिल्ली पर राज किया, जिनमें दास वंश, खिलजी वंश, तुगलक वंश, सैयद वंश और लोदी वंश प्रमुख रहे।
प्रश्न 4.
हम्मीर देव चौहान के व्यक्तित्व की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर
हम्मर रणथम्भौर के चौहान शासकों में सबसे अधिक महत्वपूर्ण शासक था। इसके बारे में हमें नयचन्द्र सूरी कृत ‘हम्मीर महाकाव्य’, जोधराज कृत ‘ हम्मीर रासो’ आदि ग्रन्थों से जानकारी मिलती है। हम्मीर महत्वाकांक्षी शासक था और उसके गद्दी पर बैठने के समय दिल्ली सल्तनत में उथल-पुथल मची हुई थी। ऐसी स्थिति में दिल्ली के शासकों की ओर से निश्चिंत होकर हम्मीर ने अपनी विजय यात्रा प्रारम्भ की।उसने 1291 ई. से पूर्व तक दिग्विजय करके अपनी सीमा वशक्ति में बहुत अधिक वृद्धि कर ली थी।
प्रश्न 5.
जलालुद्दीन रणथम्भौर की ओर क्यों आकर्षित हुआ? क्या वह रणथम्भौर को जीतने के प्रयास में सफल हो सका? संक्षेप में विश्लेषण कीजिए।
उत्तर
रणथम्भौर के सबसे अधिक महत्वपूर्ण शासक हम्मीर के बढ़ते कद के कारण खिलजी वंश का संस्थापक जलालुद्दीन खिलजी रणथम्भौर की और आकर्षित हुआ। 1291 ई. में जलालुद्दीन ने झाईन के दुर्ग पर आक्रमण कर उस पर कब्जा कर लिया और दुर्ग की शिल्पकला और मंदिरों को बहुत नुकसान पहुँचाया। इस जीत के बाद जलालुद्दीन रणथम्भौर की और वय। हागर ने दुर्ग में सैनिकों के लिए भोजन-पानी आदि का प्रबंध कर सुरक्षात्मक रणनीति नारा सुल्तान का विरोध किया। जलालुद्दीन को इस आक्रमण में बहुत दिनों के बाद भी सफलता नहीं मिली तो उसे युद्ध समाप्त करके वापस दिल्ली लौटना पड़ा। सुल्तान के लौटते ही हम्मीर ने झाईन के दुर्ग पर पुनः अधिकार कर लिया। 1292 ई. में जलालुद्दीन ने फिर रणथम्भौर को जीतने का प्रयास किया। किन्तु वह सफल नहीं हो सका।
दीर्य उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
रानी पदमिनी के नेतृत्व में चित्तौड़ के किले के अन्दर विशाल संग्या में स्त्रियों ने जौहर क्यों किया? विस्तारपूर्वक समझाइए उत्तर
1303 ई. में अलाउद्दीन खिलजी ने चित्तौड़ पर आक्रमण कर दिया। जब चित्तौड़ के किले को आठ महीने की घेरेबन्दी के बाद भी अलाउद्दीन को कोई सफलता नहीं मिली तब अलाउद्दीन ने कुटनीति का सहारा लिया एवं संधि वार्ता के लिए पहल की। संधि वार्ता के दौरान रावल रतन सिंह को बातचीत करते हुए अपने ठहरने के स्थान तक ले गया एवं उसे कैद कर लिया।
अपने सेनापति गौरा और बादल के प्रयासों से रतन सिंह अलाउद्दीन को कैद से मुक्त हुए और वे पुन: किले में आ गए। अब युद्ध अवश्यंभावी हो गया था। अत: दोनों के मध्य भयंकर युद्ध हुआ। किले के भीतर भोजन सामग्री भी खत्म हो गई थी और राजपूत सेना के लिए किले के भीतर से निकलकर शत्रु सेना पर हमला
करना आवश्यक हो गया। राजपूत सरदारों ने केसरिया कपड़े पहने और किले के द्वार खोल दिए। रावल रतन सिंह तथा | उसके सैनापति गौरा व बादल वीरतापूर्वक लड़ते हुए वीरगति | को प्राप्त हुए। ऐसी स्थिति में आत्मसम्मान की रक्षा के लिए 1303 ई. में रानी पदमिनी के नेतृत्व में विशाल संख्या में स्त्रियों ने किले के अन्दर जौहर किया। यह चित्तौड़ का पहला जौहर था। चित्तौड़ पर अलाउद्दीन का अधिकार हो गया।
प्रश्न 2.
भारत में मुस्लिम साम्राज्य की स्थापना कैसे हुई? विस्तार से लिखिए।
उत्तर
तुर्की आक्रमणकारियों विशेषकर महमूद गजनवी के बाद गौर प्रदेश के शासक मुहम्मद गौरी ने भारत पर निर्णायक आक्रमण किया और भारत में मुस्लिम साम्राज्य की स्थापना का बीजारोपण किया। यद्यपि गौरी ने भारत में कई लड़ाइयाँ लड़ी, परन्तु उसके अजमेर के शासक पृथ्वीराज चौहान के साथ लड़े गए तराइन के युद्ध महत्वपूर्ण रहे। तराइन के प्रथम युद्ध में गौरी बुरी तरह हारा और भाग गया। किन्तु तराइन के दुसरे युद्ध में पृथ्वीराज चौहान हार गया। इस विजय के बाद विदेशी आक्रमणकारी तुकों को भारत में शासन सत्ता प्राप्त करने का अवसर मिल गया।
भारत में गौरी का अन्तिम अभियान 1206 ई. में खोखरों के विरुद्ध था। यह अभियान समाप्त कर गौरी जब लौट रहा था तो झेलम के किनारे खोखरों ने गौरी की हत्या कर दी। मुहम्मद गौरी की कोई सन्तान नहीं थी। उसकी अचानक मृत्यु से उसके सेनापत्तियों और सूबेदारों में सत्ता की प्राप्ति के लिए संघर्ष प्रारम्भ हो गया। इस संघर्ष में गौरी का गुलाम और सूबेदार कुतुबुद्दीन ऐबक विजयी हुआ। इसके साथ ही भारत में प्रथम मुस्लिम |शासन की स्थापना हुई।