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RBSE Solutions for Class 7 Social Science Chapter 20 भक्ति व सूफी आंदोलन

RBSE Solutions for Class 7 Social Science Chapter 20 भक्ति व सूफी आंदोलन

Rajasthan Board RBSE Class 7 Social Science Chapter 20 भक्ति व सूफी आंदोलन

पातुगत प्रश्न एवं उनके उत्तर

गतिविधि
प्रश्न 1.
इस पाठ में यथास्थान उत्तर भारत के कुछ भक्त सन्तों के पद दिए गए हैं। उन्हें पड़े और समझने की कोशिश करें कि उनमें क्या कहा गया है। सभी सन्तों ने किन बातों पर जोर दिया हैं? इन्हें समझने के लिए अपने घर के बड़ों एवं गुरुजी की मदद ले सकते हैं। (पृष्ठ 164)
उत्तर
कबीर दास जी के अनुसार

गुरु गोविन्द दोनों खड़े, काके लार्गे पाँव।
बलिहारी गुरु आपने, गोविन्द दियो बताय।।

कबीरदास जी कहते हैं कि मेरे गुरु और ईश्वर दोनों एक साथ खड़े हों तो मैं पहले गुरु के ही चरण स्पर्श करूँगा क्योंकि उन्होंने ने ही मैरी गोविन्द अर्थात् ईश्वर की पहचान कराई है। इस प्रकार कवोरदास जी ने गुरु को अत्यधिक | महत्त्व प्रदान किया है।

रैदास के अनुसार

ऐसा चाहो राज़ में, जहाँ मिलै सबन को अन्न।
छोट-बड़ों सब सम बसे , रविदास रहै प्रसन्न ।।

संत रविदास के अनुसार राज्य ऐस्सा होना चाहिए जहाँ कोई भूखा न रहे अर्थात् सभी को भोजन मिले। वहाँ होटे-बड़े बराबर हों। ऐसी स्थिति ही सुख-समृद्धि की दशा होती हैं। रैदास जाति-पाति में विश्वास नहीं करते थे।

मीराबाई के अनुसार

मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई।
जाके सिर मोर मुकुट मेरो पति सोई ।।

मीराबाई के अनुसार इस संसार में उनका श्रीकृष्ण के अलावा कोई नहीं है। एकमात्र वही उनका सहारा है। मीरा के अनुसार उनका पति वही होगा जिसके सिर पर मोर के पंखों से निर्मित मुकुट होगा अर्थात् श्रीकृष्ण ही उनके पति होंगे। मीरा बहुत बड़ी कृष्ण भत थीं।

प्रश्न 2.
कबीर के पदों का संकलन कीजिए। (पृष्ठ 169)
उत्तर
(1) हिंदू मुआ राम कहि, मुसलमान बुदाइ।
कहै कबीर सो जीवता, जो दुहँ के निकट न जाइ ||

(2) कावा फिरि कासी भया, रामहि भया रहीम्।
मोट चुन मैदा भयो, बैठि कवीरा जीम् ।।
इसी तरह विद्यार्थी अन्य पदों का संकलन करें।

प्रश्न 3.
भक्ति एवं सूफी आंदोलन के चित्रों का संकलन करें एवं लय के साथ गाने का अभ्यास करें। (पृष्ठ 169)
उत्तर
भक्ति एवं सूफी आंदोलन के प्रमुग्ध कवियों में कबीर एवं अमीर खुसरो सम्मिलित थे। इनके चित्र निम्नलिखित हैं। अमीर खुसरो

RBSE Solutions for Class 7 Social Science Chapter 20 भक्ति व सूफी आंदोलन 1
नोट- भक्ति आंदोलन के गीतों को लय के साथ गाने को अभ्यास विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 4.
अपने क्षेत्र के आस-पास के प्रसिद्ध पूजा स्थलों यथा मदिरों, मस्जिदों, गुरुद्वारों, गिरिजाघरों आदि की सूची बनाएँ और उनके बारे में जानकारी एकत्र करें। (पष्ठ 169)
उत्तर
मैं भरतपुर जिले का निवासी हैं। यहाँ कई ऐतिहासिक प्रसिद्ध मंदिर एवं मस्जिद हैं जिनका वर्णन अलिखित हैं

  1. लक्ष्मण मंदिर- भरतपुर शहर के म। में लक्ष्मण मंदिर स्थित है। इसका निर्माण महाराजा बल्देव सिंह ने करवाया था। यह भारत में लक्ष्मण जी का एकमात्र मंदिर बताया जाता है।
  2. गंगा मदिर- भरतपुर शहर में स्थित इस मंदिर का शिलान्यास महाराजा बलवन्त सिंह ने सन् 15-16 में किया था जिसके 90 वर्ष पश्चात महाराजा विजेन्द्र सिंह ने 12 फरवरी 1937 को इसमें गंगाजी की मूर्गि को प्रतिष्ठित करवाया था।
  3. ऊण मंदिर- बयाना के किले में स्थित इस मंदिर की स्थापना सिर ने करवाई थी। लाल पत्थरों के विशाल स्तम्भों पर जड़े इस मंदिर का जीणोद्धार 9:35 ई. में लक्ष्मण सेन की रानी चित्रलेखा और पुत्री मंगला राज़ ने करवाया था।
  4. हनुमान मंदिर- रुदावल स्थित इस मंदिर में हनुमान जयन्ती मेला लगता है।
  5. जामा मस्जिद- भरतपुर शहर स्थित इस मस्जिद का निर्माण महाराजा बलवन्त सिंह ने प्रारम्भ किया। इस मस्जिद का प्रवेश द्वार फतेहपुर सीकरी के बुलंद दरवाजे के नक्शे पर बनाया गया है तथा मस्जिद की इमारत का निर्माण दिल्ली की जामा मस्जिद के नक्शों पर करवाया गया है। यह लाल पत्थर से बनी हुई है।
    (नोट- विद्यार्थी अपने-अपने क्षेत्र के मंदिरों, गुरुद्वारों, मस्जिदों एवं गिरिजाघरों की सूची बनाकर जानकारी एकत्र करें।)

पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर 

प्रश्न 1.
संख्या एक व दो के सही उत्तर चुनिए
1. ननकाना साहिब किस सन्त का जन्म स्थान है?
(अ) कबीर
(ब) नानक
(स) दादू दयाल
(द) रामानन्द
उत्तर
(ब) नानक

2. चैतन्य महाप्रभु का सम्बन्ध कहाँ से था?
(अ) बगाल
(ब) राजस्थान
(स) गुजरात
(द) महाराष्ट्र
उत्तर
(अ) बगाल

प्रश्न 2.
स्तम्भ’अ’ को स्तम्भ’ब’ से सुमेलित करें
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उत्तर
1. (d), 2. (c), 3. (b), 4. (a).

प्रश्न 3.
भक्ति में किस पर अधिक जोर दिया जाता है?
उत्तर
भक्ति में ईश्वर की उपासना पर अधिक जोर दिया जाता है।

प्रश्न 4.
महाराष्ट्र के प्रमुख संतों के नाम बताइए।
उत्तर
महाराष्ट्र के प्रमुख संत ज्ञानेश्वर, नामदेव, एकनाथ, तुकाराम और समर्थ गुरु रामदास थे।

प्रश्न 5.
भक्ति आन्दोलन के संतों के उपदेशों की भाषा कैसी थी?
उत्तर
भक्ति आन्दोलन के सन्तों के उपदेशों की भाषा सीधी.सरल और बोलचाल की थी।

प्रश्न 6.
मीराबाई का संक्षेप में परिचय दीजिए।
उत्तर
भक्त शिरोमणि मीराबाई का जन्म 16वीं सदी में मेड़ता में हुआ था। ये अपने पिता की इकलौती बेटी थी। इन्होंने अपना जीवन कृष्ण भक्ति को समर्पित कर दिया। इन्होंने अपने काव्य में महिला जागृति की बातें कही हैं। इनका विवाह राजस्वी घराने में हुआ। किन्तु विवाह के मात्र सात साल बाद पति के देहान्त और जल्दी ही अपने ससुर एवं पिता के देहान्त के बाद मीराबाई पूर्णत: कृष्ण भक्ति में डूब गई।

प्रश्न 7.
कबीर की प्रमुख शिक्षाएँ बताइए।
उत्तर
कचौर संत होने के साथ-साथ बहुत बड़े समाज सुधारक भी थे। ऐसी स्थिति में उनकी शिक्षाएँ समाज को झकझोरने वाली थीं। ईश्वर की सच्ची भक्ति का सन्देश, जातीय असमानता का विरोध, कर्म की श्रेष्ठता पर बल, बाहरी आडम्बरों का विरोध आदि इनकी प्रमुख शिक्षाएँ थीं। कबीर की शिक्षाओं ने हिन्दू-मुस्लिम एकता पर बल दिया।

प्रश्न 8.
सूफी व भक्ति संतों के उपदेशों में क्या समानताएँ थी?
उत्तर
सुफी एवं भक्ति संतों के उपदेशों में यह समानताएँ थीं कि ये दोनों अपनी बात सौंधी, सरल एवं बोलचाल की भाषा में कहते थे। इन दोनों की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता यह थी कि ये दोनों अपनी बात काव्य के माध्यम से कहते थे। दोनों लोगों को सीधे-सरल तरीके से प्रेमपूर्वक रहने को प्रेरित करते थे।

प्रश्न 9.
गुरुनानक के उपदेशों को लिखिए।
उत्तर
गुरुनानक ने अपने उपदेशों के माध्यम से अंधविश्वासों और समाज की गलत मान्यताओं को दूर करने का प्रयत्न किया। अपने उपदेशों के द्वारा इन्होंने हिन्दू-मुस्लिम एकता पर बल दिया। गुरुनानक के उपदेश के अनुसार सच्चा समन्वय वही है जो ईश्वर की मौलिक एकता और इसके प्रभाव से मानव की एकता को पहचानने में सहायता दे। इनके उपदेशों को ही प्रभाव था कि आगे चलकर एक नए मत सिद्ध मत’ का भारत में उदय हुआ।

प्रश्न 10.
ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती का परिचय लिखिए।
उत्तर
भारत में सूफी मत के चिश्ती सिलसिले की शुरुआत करने वाले ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती 1192 ई. के पहले भारत आए थे। कालान्तर में वे अजमेर में स्थाई रूप से बस गए। अजमेर में सन्त मोइनुद्दीन चिश्ती की प्रसिद्ध दरगाह ‘अजमेर शरीफ’ के नाम से जानी जाती है। इनके अनुयायी इन्हें ‘गरीब नवाज’ या ‘ख्वाजा साहब’ के नाम से भी जानते हैं। चिश्ती सिलसिला संगीत को ईश्वर प्रेम का महत्वपूर्ण साधन मानता है।

प्रश्न 11.
समर्थ गुरु रामदास के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर
समर्थ गुरु रामदास महाराष्ट्र के प्रसिद्ध सन्त थे। इनके मुख से हमेशा ‘रामनाम’ का जाप चलता रहता था। स्वामी रामदास का शरीर अत्यन्त बलवान था क्योंकि वे प्रतिदिन लगभग एक हजार दो सौ सूर्य नमस्कार करते थे। इन्होने अपने शिष्यों के माध्यम से समाज में चेतना लाने याला एक संगठन बनाया। इन्होंने सम्पूर्ण भारत अर्थात् कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक 1100 मठ तथा अखाड़ों का निर्माण किया। समर्थ गुरु रामदास भक्ति एवं शक्ति के प्रतीक हनुमान जी के उपासक थे तथा छत्रपति शिवाजी के गुरु थे।

अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
दक्षिण भारत के नयनार संत थे
(अ) विष्णु भक्त
(ब) शिव भक्त
(स) राम भक्त
(द) हनुमान भक्त
उत्तर
(ब) शिव भक्त

प्रश्न 2.
गुरुनानक का जन्म निम्नलिखित में किस सन में हुआ था?
(अ) 1467 ई.
(ब) 1468 ई.
(स) 1469 ई.
(द) 1470 ई.
उत्तर
(स) 1469 ई.

प्रश्न 3.
संत ज्ञानेश्वर का जन्म हुआ?
(अ) तमिलनाडु में
(ब) कर्नाटक में
(स) बिहार में
(द) महाराष्ट्र में
उत्तर
(द) महाराष्ट्र में

प्रश्न 4.
समर्थ गुरु स्वामी रामदास द्वारा स्थापित मठों एवं अखाड़ों की संख्या धी
(अ) 1100
(ब) 1150
(स) 1200
(द) 1250
उत्तर
(अ) 1100

प्रश्न 5.
मीराबाई के पति का देहान्त हुआ उनके विवाह के
(अ) चार साल बाद
(ब) पाँच साल बाद
(स) छ: साल बाद
(द) सात साल बाद
उत्तर
(द) सात साल बाद

प्रश्न 6.
भारत में सूफी मत के चिश्ती सिलसिले की शुरुआत की
(अ) बाबा फरीद ने
(ब) ख्वाजा मेइडीन चिश्ती ने
(स) शेख नुरूद्दीन ने
(द) अमीर खुसरों ने
उत्तर
(ब) ख्वाजा मेइडीन चिश्ती ने

प्रश्न 7.
भारत में सूफी मत के कितने सम्प्रदायों का प्रभाव रहा है?
(अ) तीन
(ब) चार
(स) पाँच
(द) छः
उत्तर
(ब) चार

निम्नलिखित वाक्यों में खाली स्थान भरिए
1. अधिकांश भक्त-संत अपनी बात………………. के माध्यम से कहते थे।
2. ………..आते-आते दक्षिण भारत की तरह उत्तर भारत में भी भक्ति परम्परा की धारा बहने लगी।
3. रामानन्द ने……………….पर जोर देकर राम की भक्ति पर बल दिया।
4. कबीर के अनुसार सभी व्यक्ति जन्म से………..हैं।
उत्तर
1. काव्य
2. चौदह सदी
3. एकेश्वरवाद
4. समान्

अति लघुत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
भक्तिधारा की लोकप्रियता दक्षिण भारत में कब देखने को मिली
उत्तर
सातवी एवं नर्वी सदी के बीच।

प्रश्न 2.
दक्षिण भारत में अलवार संत किसे कहा जाता था।
उत्तर
विष्णु भक्तों को।

प्रश्न 3.
उत्तर भारत में भक्ति आन्दोलन के प्रवर्तक कौन माने जाते हैं
उत्तर
उत्तर भारत में भक्ति आन्दोलन के प्रवर्तक रामानन्द माने जाते हैं।

प्रश्न 4.
दक्षिण की मीरा किसे कहा जाता है?
उत्तर
दक्षिण की मीरा भक्त कवयित्री अंडाल को कहा जाता है।

प्रश्न 5.
कबीर का जन्म किस परिवार में हुआ था?
उत्तर
कबीर का जन्म जुलाहे परिवार में हुआ था।

प्रश्न 6.
‘धर्मंसाल’ से आप क्या समझते हैं?
उत्तर
गुरु नानकदेव ने उपासना से सम्बन्धित कार्य के लिए। जो जगह निश्चित की उसे ‘धर्मसाल’ कहते थे।

प्रश्न 7.
समर्थ गुरु रामदास किसके उपासक थे?
उत्तर
समर्थ गुरु रामदास भक्ति एवं शान्ति के प्रतीक हनुमान जी के उपासक थे।

प्रश्न 8.
भारत के वॉचत वर्ग का पहला कवि किसे कहीं जाता है?
उत्तर
चोखामेला को

प्रश्न 9.
मीराबाई के लगभग कितने पद हैं?
उत्तर
मीराबाई के लगभग 250 पद हैं।

प्रश्न 10.
वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती कब भारत आए?
उत्तर
ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती सन् 1192 ई. के पूर्व भारत आए।

प्रश्न 11.
सन्त मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह कहाँ स्थित है? यह किस नाम से जानी जाती है?
उत्तर
वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह अजमेर में स्थित है यह ‘अजमेर शरीफ’ के नाम से प्रसिद्ध है।

लघूत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
भक्ति आन्दोलन की मुख्य विशेषताएँ बताइए।
उत्तर
मध्यकाल में प्रारम्भ हुए भक्ति आन्दोलन की मुख्य विशेषता यह थी कि इस आन्दोलन के सन्त समाज में स्थापित जाति भेद, असमानताओं और कुप्रथाओं की आलोचना करते थे। भक्ति परम्परा से जुड़े सभी संत हर किसी से प्यार करने पर जोर देते थे। इनकी दृष्टि में न कोई ऊँचा था और नही कोई नीचा बल्कि सभी मानव बराबर थे।

प्रश्न 2.
दक्षिण भारत में भक्ति आन्दोलन की मुख्य बातों का रेख़ कीजिए।
उत्तर
दक्षिण भारत में भक्ति आन्दोलन की मुख्य बात घुमक्कड़ साधुओं द्वारा गाँव-गाँव जाना एवं देवी-देवताओं की प्रशंसा में सुन्दर काव्य लिखना था। ये घुमडू साधु, कुम्हार, किसान, शिकारी, सैनिक, ब्राह्मण और मुखिया जैसे वर्गों में पैदा हुए थे। यही नहीं ये साधु उस समय मानी जाने वाली ‘अस्पृश्य जातियों में पैदा हुए थे किन्तु अपने उच्च विचारों एवं नैतिक मूल्यों की शिक्षा देने के कारण अत्यन्त प्रसिद्ध

प्रश्न 3.
दक्षिण भारत के प्रमुख जयनार एवं अलवार संतों का नामोल्लेख कीजिए।
उत्तर
दक्षिण भारत में प्रमुख नयनार संत, अप्पार संबंदर,सुन्दरार और मणियसागर थे जबकि प्रमुख अलवार संत पेरियअलवार, अंडाल, नम्मालवार, तोंडरप्पिोडी अलवार थे। वस्तुत: दक्षिण भारत में शिव भक्तों को नयनार कहा गया जबकि विष्णु भक्तों को अलवार कहा गया। ये पुमकड़ साधु  थे जो गाँव-गाँव जाते और देवी-देवताओं को प्रशंसा में सुन्दर काव्य की रचना करते थे।

प्रश्न 4.
महाराष्ट्र के पंढरपुर स्थान की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर
महाराष्ट्र में पंढरपुर स्थान का नाम स्थानीय देवता यिदल से जुड़ा है। विट्टल को विष्णु का प्रतीक माना जाता है। वर्तमान समय में प्रतिवर्ष हजारों लोग पैदल चलकर पंढरपुर जाते हैं। यहाँ भक्त विट्ठल की पूजा करते हैं। मध्यकाल में लेकर आज तक पंढरपुर का धार्मिक अस्तित्व अनवरत बना हुआ है।

प्रश्न 6.
राजस्थान में भक्ति की स्थिति क्या रही है। संक्षेप में समझाइए।
उत्तर
राजस्थान में शुरुआती समय में ब्रह्मा और सूर्य को पूजा लोकप्रिय रहीं। विष्णु के अवतार के रूप में राम और कृष्ण की पूजा का भी काफी प्रचलन रहा। यहाँ शिव शक्ति और विष्णु एवं गणेश, भैरव, कुबेर, हनुमान, कार्तिकेय, सरस्वती आदि की भी पूजा होती है। राजस्थान में जैन धर्म का व्यापक प्रचार-प्रसार हुआ है। राजस्थान के राजपूत शासक हिन्दू धर्म को मानने वाले थे तथा शक्ति की भक्ति करते थे।वस्तुत: राजस्थान धार्मिक सहिष्णुता वाला राज्य रहा है। जहाँ सभी धर्म बराबरी से शान्ति के साथ रहे हैं।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 
प्रश्न 1.
सूफी मत की विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
मध्यकाल में सूफी संत वे कहलाते थे जो सफ अर्थात सफेद ‘ऊन का कपड़ा पहनते थे। इन सन्तों ने भी इस्लाम के एकेश्वरवाद का पालन किया। वस्तुत: ये थे लोग थे जिन्होंने मुस्लिम धार्मिक विद्वानों द्वारा स्थापित इस्लामिक परम्परा की जटिलताओं और आचार संहिता का विरोध किया। इन सन्तो ने धर्म के बाहरी आडम्बर को त्यागकर भक्ति और सभी मनुष्यों के प्रति दया तथा प्रेम भाव पर जोर दिया। संत कवियों की तरह सूफी संत भी अपनी बात को कविता के माध्यम से ही करते थे। सुफी संत अपना संदेश लोगों तक कहानी सुनाकर भी पहुँचाया करते थे। सूफी विचारधारा के प्रसार के कारण धीरे-धीरे भारत में मध्य एशिया से भी सुफी संत आने लगे। कालान्तर में सुफी विचारधारा का इतना प्रचार-प्रसार हुआ कि ग्यारहवीं सदी तक भारत विश्व में सुफी सिलसिला के लिए जाना जाने लगा। प्रमुख सूफी संत हजरत मोईनुद्दीन चिश्ती, बाबाफरीद, शेख नुरुद्दीन, हजरत निजामुद्दीन औलिया, यहाउद्दीन जकारिया, अमीर खुसरी और गेसूदराज़ थे।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित पर तथ्यपरक टिप्पणी लिखिए।
(क) सूफी सिलसिले।
(ख) भक्त कवयित्रीं अंडाल और मीराबाई।
उत्तर
(क) सूफी सिलसिले- सूफी मत अथवा विचारधारा  में सिलसिला वह स्थिति थी जिसमें उस्ताद (गुरु) पीढ़ी दर  पीढ़ी शागिदों ( शिष्यों को सौख देते थे। सूफी विचारधारा में कई सिलसिले विद्यमान थे। प्रत्येक सिलसिले का काम | करने का तरीका अलग-अलग होता था। अजमेर के ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती तथा दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन औलिया वर्तमान समय में भी महत्वपूर्ण हैं। इनके काव्य आज भी काफी प्रदलित हैं।

(ख) भक्त कवयित्री अंडाल एवं मीराबाई- भक्त सन्तों में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखने वाली अलवार स्त्री भक्त अंडाल  को दक्षिण की मीरा भी कहा जाता है। अंडाल द्वारा रचित थिरूपवाई की रचना आज़ भी दक्षिण में गाई जाती है। राजस्थान के भक्त संतों में मीराबाई का नाम अत्यन्त महत्वपूर्ण रहा है। इन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन कृष्णभक्त को समर्पित | कर दिया। श्रीकृष्ण की मूर्ति के आगे नृत्य करते हुए ही मीराबाई ने संसार त्याग दिया।

प्रश्न 3.
दादू दयाल और चोखामेला की शिक्षाओं पर प्रकाश डालिए।
उत्तर
दादू दयाल की शिक्षाएँ- ये निर्गुण उपासना के समर्थक संत थे। इन्होंने ईश्वर की भक्ति को समाज सेवा एवं मानवतावादी दृष्टि से जोड़ा। इन्होंने अंहकार से दूर रहकर विनम्रता से ईश्वर के प्रति समर्पित रहने की शिक्षा दी है। इन्होंने मानवता एवं सेवा को ही ईश्वर प्राप्ति का साधन बताया। इनकी शिक्षाएँ ‘दादू दयाल री वाणी’ और ‘दाद दयाल रा दहा’ में संकलित हैं।

चोखामेला की शिक्षाएँ– इने जाति-पाति का भेद मिटाने पर अत्यधिक बल दिया! इनके मन में बचपन से ही ईश्वर भक्ति रसतो जैसा जीवन जीने की इच्छा थी। कालान्तर में ये पंढरपुर के प्रसिद्ध संत नामदेव के शिष्य बने। महाराष्ट्र में जिन सन्त ने जाति-पाति का भाव मिझकर भगवान की भक्ति की न संतों मैं चोखामेला का नाम बड़े आदर से लिया जाता है।

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