RBSE Solutions for Class 8 Science Chapter 10 ध्वनि
RBSE Solutions for Class 8 Science Chapter 10 ध्वनि
पाठगत प्रश्न
पृष्ठ 108
प्रश्न 1.
ध्वनि की उत्पत्ति का वैज्ञानिक कारण क्या है?
उत्तर:
ध्वनि की उत्पत्ति का वैज्ञानिक कारण वस्तुओं में होने वाला कम्पन है।
पृष्ठ 109
प्रश्न 2.
एक रबर बैण्ड के एक सिरे को दीवार पर लगी कील से बाँधकर तानते हैं। अब दूसरे हाथ से रबर बैण्ड को मध्य से खींचकर छोड़ने पर क्या ध्वनि उत्पन्न होती है?
उत्तर:
हाँ, क्योंकि रबर बैण्ड के कणों में इस क्रिया से कम्पन होता है, जिस कारण ध्वनि उत्पन्न होती है।
प्रश्न 3.
यदि रबर बैण्ड की गति रोक दी जाए तो क्या ध्वनि सुनाई देगी?
उत्तर:
नहीं। क्योंकि रबर बैण्ड की गति रोक देने से कम्पन रुक जायेगा, जिस कारण ध्वनि भी रुक जाएगी।
प्रश्न 4.
जब हम बोलते हैं तो हमारे कंठ से ध्वनि उत्पन्न होती है। यह वाकुध्वनि कैसे उत्पन्न होती है?
उत्तर:
हमारे गले की कंठ नली में दो वाक्तन्तु होते हैं। ये वाक्तन्तु बोलते समय इस तरह से खिंच जाते हैं। कि इनमें एक पतली झिरीं बन जाती है। जब फेफड़ों की हवा इस झिरीं में से तेजी से निकलती है तो वाक्तन्तु में कम्पन पैदा होता है और वाक् ध्वनि उत्पन्न होती है।
पृष्ठ 110
प्रश्न 5.
क्या ठोस तथा द्रव में भी ध्वनि का संचरण होता है?
उत्तर:
हाँ। ठोस तथा द्रव में भी ध्वनि का संचरण होता है।
पृष्ठ 111-112
प्रश्न 6.
दी गई सारणी में कम्पन कर रही तीन वस्तुओं से सम्बन्धित तथ्य हैं। सरल गणना करके रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए।
उत्तर:
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पृष्ठ 112-113
प्रश्न 7.
नीचे दी गई सारणी में दिए जोड़ों में से क्षीण एवं प्रबल ध्वनियों की पहचान कीजिए।
उत्तर:
सारणी
क्र. सं. | जोड़ा | क्षीण ध्वनि (कम प्रबल) | प्रबल ध्वनि (अधिक प्रबल) |
1. | चिमटा एवं घण्टा | चिमटा | घण्टा |
2. | शेर की दहाड़ एवं मच्छर की भिनभिनाहट | मच्छर की भिनभिनाहट | शेर की दहाड़ |
3. | ढोल एवं सितार | सितार | ढोल |
4. | बाँसुरी एवं बैण्डवालों का बड़ा बाजा | बाँसुरी | बैंड वालों का बड़ा बाजा |
5. | चुंघरू एवं ताशा | घुंघरू | ताशा |
पृष्ठ 114
प्रश्न 8.
20 हर्ट्ज से कम तथा 20 किलोहर्ट्ज से अधिक आवृत्ति की ध्वनियों को क्या कहते हैं ?
उत्तर:
- 20 हर्ट्ज़ से कम आवृत्ति की ध्वनि को अपश्रव्य (इन्फ्रासोनिक) ध्वनि कहते हैं।
- 20 किलोहर्ट्ज़ से अधिक आवृत्ति की ध्वनि को पराश्रव्य (अल्ट्रासोनिक) ध्वनि कहते हैं।
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न
सही विकल्प का चयन कीजिए
प्रश्न 1.
निम्नांकित में से किसमें ध्वनि का संचरण संभव नहीं है
(अ) लोहे की छड़
(ब) पानी
(स) हवा
(द) निर्वात
उत्तर:
(द) निर्वात
प्रश्न 2.
किसी कण या वस्तु के माध्य स्थिति के ऊपर| नीचे (इर्द-गिर्द) गति को कहते हैं
(अ) कम्पन
(ब) आयाम
(स) आवृत्ति
(द) आवर्तकाल
उत्तर:
(अ) कम्पन
प्रश्न 3.
0°C पर वायु में ध्वनि की चाल होती हैं
(अ) 350 मी/से.
(ब) 200 मी/से.
(स) 400 मी/से.
(द) 331 मी/से.
उत्तर:
(द) 331 मी/से.
प्रश्न 4.
एक कम्पन्न में लगे समय को कहते हैं
(अ) आवृत्ति
(ब) आवर्तकाल
(स) आयाम
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ब) आवर्तकाल
निम्नलिखित कथनों में से सही एवं गलत को छांटकर चिह्नित कीजिए
1. ध्वनि वस्तुओं में कम्पन से उत्पन्न होती है। (सही/गलत)
2. ध्वनि तरंगों के संचरण के लिए माध्यम आवश्यक नहीं हैं। (सही/गलत)
3. ध्वनि का वेग ठोस में सर्वाधिक होता है। (सही/गलत)
4. ध्वनि की प्रबलता का मात्रक डेसीबल होता है। (सही/गलत)
उत्तर:
1. सही
2. गलत
3. सही
4. सही
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. मनुष्य में वाक् ध्वनि का मुख्य स्रोत ………………….. है।
2. 20,000 हर्ट्ज से अधिक आवृत्ति की ध्वनि तरंगों को …………………. कहते हैं।
3. आवृत्ति का मात्रक ………………….. होता है।
4. ध्वनि की प्रबलता …………………. पर निर्भर करती
5. ध्वनि का तारत्व ……………………… पर निर्भर करता
उत्तर:
1. वाक् तन्तु
2. पराश्रव्य
3. कम्पन प्रति सेकण्ड या हज
4. कम्पन के आयाम
5. ध्वनि की आवृत्ति
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
एक वाद्य यंत्र 200 कम्पन पूर्ण करने में 2 सेकण्ड समय लेता है तो उसकी आवृत्ति ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
प्रश्नानुसार
- वाद्य यंत्र द्वारा पूर्ण किये गये कम्पनों की संख्या = 200 कम्पन
- 200 कम्पनों को पूर्ण करने में लगा समय = 2 सेकण्ड
आवृत्ति = 100 कम्पन प्रति सेकण्ड
प्रश्न 2.
यदि किसी मंदिर की घंटी से ग्पन्न ध्वनि की आवृत्ति 400 कम्पन/सेकण्ड है, तो इसका आवर्तकाल ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
प्रश्नानुसार, आवृत्ति = 400 कम्पन/सेकण्ड
आवर्त काल = 0.0025 सेकण्ड
प्रश्न 3.
श्रव्य, अपश्रव्य तथा पराश्रव्य ध्वनि में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
श्रव्य ध्वनि | अपश्रव्य ध्वनि | पराश्रव्य ध्वनि |
20 ह ज से 20,000 हर्ट्ज की ध्वनि को हम सुन आवृत्ति सकते हैं। अतः इसे श्रव्य ध्वनि कहते हैं। | 20 हर्ट्ज से कम आवृत्ति की ध्वनि को अपश्रव्य आवृत्ति ध्वनि कहते हैं। | 20,000 ह र्ट्ज (20 किलोहर्ट्ज) से अधिक आवृत्ति की ध्वनि को पर श्रव्य ध्वनि कहते हैं। |
प्रश्न 4.
आवृत्ति एवं आवर्तकाल किसे कहते हैं? इनमें संबंध को सूत्र से व्यक्त कीजिए।
उत्तर:
- आवृत्ति- किसी वस्तु द्वारा एक सेकण्ड में किए गए कम्पनों की संख्या को आवृत्ति कहते हैं। आवृत्ति का मात्रक ‘कम्पन प्रति सेकण्ड’ होता है, जिसे हर्ट्ज (Hz) भी कहते हैं।
- आवर्तकाल- किसी वस्तु द्वारा एक कम्पन करने में लगे समय को आवर्तकाल कहते हैं।
आवर्तकाल का मात्रक ‘सेकण्ड’ होता हैं।
आवृत्ति एवं आवर्तकाल एक-दूसरे के व्युत्क्रम होते हैं।
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
मानव वाक् यंत्र का चित्र बनाकर कार्यप्रणाली समझाइए।
उत्तर:
मानव वाक् यंत्र की कार्यप्रणाली- मानव के गले की कंठ नली में दो स्नायु या सन्धि बन्धन होते हैं, जिन्हें हम वाक्तन्तु कहते हैं। हमारे वाक् तन्तु प्राकृतिक वाद्य यंत्र हैं। वाक्तन्तु बोलते समय इस तरह से खिंच जाते हैं कि इनमें एक पतली झिरीं बन जाती हैं। जब फेफड़ों की ही इस झिरी में से तेजी से निकलती हैं तो वाक् तन्तु में कम्पन पैदा होता हैं और ध्वनि उत्पन्न होती है।
प्रश्न 2.
ध्वनि प्रदूषण क्या हैं? ध्वनि प्रदूषण हमें किस प्रकार प्रभावित करता है? इसे किस प्रकार नियंत्रित किया जा सकता है? विस्तार से लिखिए।
अथवा
ध्वनि प्रदूषण से आप क्या समझते हैं ? ध्वनि प्रदूषण को सीमित रखने के चार उपाय लिखिए।
उत्तर:
(i) ध्वनि प्रदूषण- वे ध्वनियाँ जो कानों को अप्रिय लगती हैं, उन्हें शोर कहते हैं। इसके प्रभाव को ध्वनि प्रदूषण भी कहते हैं। जैसे-यातायात के साधनों से उत्पन्न ध्वनि, अत्यन्त प्रबल ध्वनियुक्त संगीत, कल-कारखानों से आने वाली आवाज आदि से ध्वनि प्रदूषण फैलता है। लगभग 80 डेसीबल से ऊपर की ध्वनि को असह्य माना गया हैं जो कि ध्वनि प्रदूषण पैदा करती है।
(ii) ध्वनि प्रदूषण के प्रभाव- ध्वनि प्रदूषण के कारण दैनिक जीवन की गतिविधियाँ प्रभावित होती हैं। इससे स्वास्थ्य सम्बन्धी अनेक समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। जैसेचिड़चिड़ापन, अनिद्रा, उच्च रक्तचाप, सुनने की क्षमता अस्थायी या स्थायी रूप से कम होना एवं कभी-कभी बहरापन आ जाना जैसे कुप्रभाव होते हैं।
(iii) ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के उपाय
- यातायात के समस्त वाहनों, औद्योगिक मशीनों तथा घरेलू विद्युत उपकरणों में शोर कम करने वाली युक्तियों का उपयोग करना चाहिए।
- शोर उत्पन्न करने वाले क्रियाकलाप आवासीय क्षेत्रों से दूर संचालित करने चाहिए।
- टेलीविजन एवं लाउडस्पीकर की ध्वनि प्रबलता कम रखनी चाहिए।
- सड़कों एवं भवनों के आसपास पेड़ लगाने चाहिए। ताकि ध्वनि को ये अवशोषित कर लें
प्रश्न 3.
ध्वनि संकेतों को मस्तिष्क तक पहुँचने की प्रक्रिया को मानव कर्ण के नामांकित चित्र की सहायता से समझाइए।
उत्तर:
मानव कान ( कर्ण) का चित्र
मानव कान ( कर्ण) द्वारा सुनने की क्रिया
हमारे कान के बाहरी भाग की आकृति कौर (फनल) जैसी होती है। इसे पिना कहते हैं। जब ध्र्वान इसमें प्रवेश करती हैं तो यह एक नलिका से गुजरती है जिसके सिरे पर पतली झिरन्नी दृढ़ता से तानित होती हैं, यह कर्ण पटह (ear drun) कहलाती है। जब ध्वनि के कम्पन कर्ण पटह को कम्पित करते हैं तो कर्ण पट्रह कम्पनों को अंत:कर्ण तक भेज देता है। वहाँ से ध्वनि संकेतों को मस्तिष्क तक भेज दिया जाता है। इस प्रकार हम ध्वनि सुनते हैं।
प्रश्न 4.
ठोस, द्रव और गैस माध्यम में ध्वनि किस प्रकार संचरित होती है ? समझाइए।
उत्तर:
(1) ठोस में ध्वनि का संचरण- ठोस में ध्वनि का संचरण उसमें हुए कम्पनों के द्वारा होता है। ठोस के किसी एक सिरे पर उत्पन्न कम्पन ठोस के कणों में उत्तरोत्तर आगे बढ़ते हुए दूसरे सिरे तक पहुँचते हैं तथा सुनाई देते हैं। यही कारण है कि रेलगाड़ी के बहुत दूर | गुजर जाने के बाद भी पटरी पर कान लगाने से उसके चलने की ध्वनि सुनाई देती है। ठोस में ध्वनि की चाल सबसे अधिक होती है।
(2) द्रव में ध्वनि का संचरण- द्रव में भी कम्पनों के द्वारा ध्वनि संचरण होता है। पानी से भरी बाल्टी में हम दो पत्थरों को बजाते हैं तो ध्वनि हमें भी सुनाई देती है।
(3) गैस (वायु) में ध्वनि का संचरण- वायु में भी ध्वनि का संचरण कम्पनों के द्वारा होता है। जब वस्तु कम्पन करती है तो उसके आस-पास की वायु के कण भी कम्पन करने लगते हैं। हर कम्पित कण, इन कम्पनों को अपने सम्पर्क में आने वाले अन्य कणों को स्थानान्तरित करते हैं। इस तरह ध्वनि के कम्पन एक के बाद एक वायु कणों से होते हुए हमारे कान तक पहुँचते हैं। कान के पर्दे के समीप वाले वायु कण कम्पन करते हैं। इनकी टक्कर से कान का पर्दा (कर्ण पटह) कम्पन करता हैं और हमें ध्वनि सुनाई देती है। वायु में ध्वनि की चाल सबसे कम होती है।
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
शून्य डिग्री पर वायु में ध्वनि की चाल होती है
(अ) शून्य
(ब) 400 मीटर/सेकण्ड
(स) 331 मीटर/सेकण्ड
(द) 250 मीटर/सेकण्डू
उत्तर:
(स) 331 मीटर/सेकण्ड
प्रश्न 2.
निम्न में से आवर्तकाल का मात्रक क्या है?
(अ) घण्टा
(ब) सेकण्ड
(स) मिनट
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ब) सेकण्ड
प्रश्न 3.
एक कम्पन करने में लगे समय को क्या कहते हैं?
(अ) आवर्तकाल
(ब) आवृत्ति
(स) आयाम
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(अ) आवर्तकाल
प्रश्न 4.
निम्न में से ध्वनि की प्रबलता का मात्रक क्या है?
(अ) किलोमीटर
(ब) डेसीबल
(स) मीटर
(द) डिग्री।
उत्तर:
(ब) डेसीबल
प्रश्न 5.
निम्न में से कौनसा जन्तु पराश्रव्य ध्वनि सुन सकता हैं?
(अ) कुत्ता
(ब) चमगाई
(स) व्हेल
(द) सभी
उत्तर:
(द) सभी
प्रश्न 6.
ध्वनि की सर्वाधिक चाल किस माध्यम में होती
(अ) द्रव में
(ब) निर्वात में
(स) ठोस में
(द) गैस में
उत्तर:
(स) ठोस में
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. ध्वनि के संचरण के लिए ……………… की आवश्यकता होती है। (माध्यम/निर्वात)
2. ध्वनि ……………………. में संचरित नहीं होती है (माध्यम/निर्वात )
3. आवर्तकाल एवं आवृत्ति एक-दूसरे के ……………….. होते हैं। (व्युत्क्रम/विपरीत)
4. ध्वनि का तारत्व ध्वनि की …………………… पर निर्भर | करता है। (आवृत्ति/आयाम)
5. कर्ण पटह को सामान्य भाषा में …………………… कहते है। (बाह्य कर्ण/कान का पर्दा)
उत्तर:
1. माध्यम
2. निर्वात
3. व्युत्क्रम
4. आवृत्ति
5. कान का पर्दा
सही मिलान कीजिए
प्रश्न 1.
निम्नांकित का सही मिलान कीजिए
कॉलम (अ) | कॉलम (ब) |
1. 50 डेसिबल तक की ध्वनि तीव्रता | (i) असह्य ध्वनि |
2. 80 डेसिबल के ऊपर की ध्वनि तीव्रता | (ii) कर्णप्रिय ध्वनि |
3. अप्रिय ध्वनि | (iii) शोर |
4. वस्तु का कम्पन | (iv) ध्वनि |
उत्तर:
1. (ii)
2. (i)
3. (iii)
4. (iv)
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
कम्पन गति किसे कहते हैं?
उत्तर:
किसी कण या वस्तु के माध्य स्थिति के ऊपर-नीचे या इर्द-गिर्द गति को कम्पन कहते हैं। या वस्तुओं में ध्वनि जिस गति के कारण होती है उसे कम्पन गति कहते हैं।
प्रश्न 2.
ध्वनि कैसे उत्पन्न होती है?
उत्तर:
वस्तुओं में कम्पन के कारण ही ध्वनि उत्पन्न होती है।
प्रश्न 3.
वाक् तन्तु किसे कहते हैं ?
उत्तर:
मनुष्य के गले को कंठ नली में दो स्नायु या संधि बन्धन होते हैं, जिन्हें वाक् तन्तु कहते हैं।
प्रश्न 4.
प्राकृतिक वाद्य यंत्र क्या होते हैं ?
उत्तर:
हमारे वाक् तन्तु ही प्राकृतिक वाद्य यंत्र होते हैं।
प्रश्न 5.
ध्वनि का संचरण किन-किन माध्यमों में होता
उत्तर:
ध्वनि का संचरण तीनों माध्यमों ठोस, द्रव, गैस (वायु) में होता हैं।
प्रश्न 6.
चन्द्रमा पर अन्तरिक्ष यात्री आपस में बात क्यों नहीं कर सकते हैं?
उत्तर:
चन्द्रमा पर वायु नहीं होने से अन्तरिक्ष यात्री आपस में बात नहीं कर सकते हैं।
प्रश्न 7.
आयाम किसे कहते हैं ?
उत्तर:
कम्पन करने वाली वस्तु का माध्य स्थिति से अधिकतम विस्थापन को आयाम कहते हैं।
प्रश्न 8.
आवृत्ति किसे कहते हैं ? इसका मात्रक क्या होता
उत्तर:
किसी वस्तु द्वारा एक सेकण्ड में किये गये कम्पनों की संख्या को आवृत्ति कहते हैं। इसका मात्रक कम्पन प्रति सेकण्ड या हर्ट्ज होता है।
प्रश्न 9.
आवर्तकाल किसे कहते हैं ? इसका मात्रक क्या होता है ?
उत्तर:
किसी वस्तु द्वारा एक कम्पन करने में लगे समय को आवर्तकाल कहते हैं । इसका मात्रक सेकण्ड होता है।
प्रश्न 10.
आवृत्ति एवं आवर्तकाल में सम्बन्ध दर्शाइए।
उत्तर:
आवृत्ति एवं आवर्तकाल एक-दूसरे के व्युत्क्रम होते हैं।
प्रश्न 11.
ध्वनि की तीव्रता किस पर निर्भर करती है?
उत्तर:
ध्वनि की तीव्रता उसके कम्पन के आयाम पर निर्भर करती हैं।
प्रश्न 12.
ध्वनि की प्रबलता का मात्रक क्या है ?
उत्तर:
ध्वनि की प्रबलता का मात्रक डेसीबल (dB) होता है।
प्रश्न 13.
ध्वनि के तारत्व से क्या अभिप्राय हैं?
उत्तर:
ध्वनि के तीक्ष्ण (महीन) अथवा भारी (मोटी) होने के लक्षण को तारत्व कहते हैं। तारत्व ध्वनि की आवृत्ति पर निर्भर करता है।
प्रश्न 14.
महिला एवं बच्चों की आवाज सुरीली एवं बारीक क्यों होती हैं?
उत्तर:
तारत्व अधिक होने के कारण महिला एवं बच्चों की आवाज सुरीली एवं बारीक होती हैं।
प्रश्न 15.
किस तारत्व वाली ध्वनि की आवृत्ति न्यून होती
उत्तर:
निम्न तारत्व वाली ध्वनि की आवृत्ति न्यून होती
प्रश्न 16.
हमारे कान न्यूनतम एवं अधिकतम कितनी आवृत्ति की ध्वनि सुन सकते हैं ?
उत्तर:
हमारे कान न्यूनतम 20 हर्ट्ज एवं अधिकतम 20,000 हर्ट्ज की आवृत्ति की ध्वनि को ही सुन सकते हैं।
प्रश्न 17.
श्रव्य ध्वनि किसे कहते हैं ?
उत्तर:
20 हर्ट्ज़ से 20,000 हर्ट्ज की ध्वनि को हम सुन सकते हैं इसे श्रव्य ध्वनि कहते हैं।
प्रश्न 18.
अपश्रव्य ध्वनि किसे कहते हैं ?
उत्तर:
20 हर्ट्ज़ से कम आवृत्ति की ध्वनि को अपश्रव्य ध्वनि कहते हैं।
प्रश्न 19.
पराश्रव्य ध्वनि किसे कहते हैं?
उत्तर:
20,000 हर्ट्ज (20 किलोहर्ट्ज़) से अधिक आवृत्ति की ध्वनि को पराश्रव्य ध्वनि कहते हैं।
प्रश्न 20.
समुद्र की गहराई नापने एवं पनडुब्बी की स्थिति/चाल ज्ञात करने वाले यन्त्र का नाम बताइए।
उत्तर:
‘सोनार’ नामक यंत्र
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्नलिखित ध्वनियों में से प्रबल व क्षीण ध्वनियों को छाँटकर सारणीबद्ध कीजिए घुघरू, बाँसुरी, ढोल, शेर की दहाड़
उत्तर:
प्रबल ध्वनि | क्षीण ध्वनि |
शेर की दहाड़ | बाँसुरी |
ढोल | घुँघरू |
प्रश्न 2.
निम्नांकित सारणी का अवलोकन कर पूर्ति कीजिए
क्र. सं. | जोड़ा | क्षीण ध्वनि (कम प्रबल) | प्रबल ध्वनि (अधिक प्रबल) |
1. | चिमटा एवं घण्टा | – | – |
2. | ढोल एवं सितार | – | – |
3. | धुंघरू एवं ताशा | – | – |
उत्तर
क्र. सं. | जोड़ा | क्षीण ध्वनि (कम प्रबल) | प्रबल ध्वनि (अधिक प्रबल) |
1. | चिमटा एवं घण्टा | चिमटा | घण्टा |
2. | ढोल एवं सितार | सितार | ढोल |
3. | धुंघरू एवं ताशा | धुंघरू | ताशा |
प्रश्न 3.
ध्वनि कैसे उत्पन्न होती है? प्रयोग द्वारा समझाइए।
उत्तर:
किसी भी वस्तु में जब कम्पन होता है तो इसी कम्पन के कारण ध्वनि उत्पन्न होती हैं। जैसे एक गुब्बारे के रबर की लगभग 4 सेमी. लम्बी और 3 सेमी. चौड़ी दो आयताकार पट्टियाँ काट लीजिए। इन दोनों को आपस में सटाकर दोनों हाथों से पकड़कर खींचिए। अब इनके मध्य में अपने मुँह से तेज हवा फूकिये। फूक लगाने पर पट्टियाँ खुलती और बन्द होती हैं तथा ध्वनि उत्पन्न होती है।
प्रश्न 4.
बन्द वाक् तन्त्रे, खुला वाक् तन्त्र का चित्र बनाइए।
उत्तर:
प्रश्न 5.
ठोस में ध्वनि संचरण को प्रयोग द्वारा समझाइए।
उत्तर:
प्रयोग- माचिस की दो खाली डिब्बियों के अन्दर वाले भाग को लेकर उसमें छेद कीजिए। इन छेदों में तीलियों से लम्बा धागा बांधिये। दो लोग दोनों डिब्बियों को अलग-अलग पकड़कर एक-दूसरे से दूर चले जाएँ एक साधी डिब्बी को कान के पास रखें तथा दूसरा साथी डिब्बी में धीरे-धीरे बोले बोलने पर आवाज सुनाई देती हैं। इससे यह सिद्ध होता हैं कि ठोस में भी ध्वनि संचरण होता है।
प्रश्न 6.
निम्न के बारे में बताइए
- ध्वनि की चाल सबसे अधिक एवं सबसे कम कौनसे माध्यम में होती है?
- 0°C पर वायु में ध्वनि की चाल कितनी होती
- चन्द्रमा पर एक यात्री दूसरे यात्री से बात क्यों नहीं कर सकता है?
उत्तर:
- ध्वनि की चाल सबसे अधिक ठोस में, उससे कम द्रव में तथा सबसे कम वायु में होती हैं।
- 0°C पर वायु में ध्वनि को चाल 331 मीटर प्रति सेकण्ड होती हैं।
- चन्द्रमा पर एक यात्री दूसरे यात्री से बात नहीं कर सकता है क्योंकि चन्द्रमा पर वायु नहीं होती हैं।
प्रश्न 7.
वस्तु द्वारा एक कम्पन पूरा करने को सचित्र समझाए।
उत्तर:
चित्रानुसार कोई भी कम्पन कर रही वस्तु अपनी माध्य स्थिति O से अधिकतम विस्थापन की स्थिति A पर आ जाती हैं तथा पुनः O पर आते हुए नीचे की ओर के अधिकतम विस्थापन बिन्दु B तक जाती हैं और फिर ऊपर की ओर गति करते हुए पुनः O पर आ जाती हैं। इस प्रकार एक कम्पन पूर्ण होता है, जिसे निम्नानुसार व्यक्त कर सकते हैं
प्रश्न 8.
निम्न के कारण बताइए
- ढोलक की ध्वनि की अपेक्षा सितार की ध्वनि अधिक मधुर क्यों लगती है?
- कोयल की ध्वनि, कौए की ध्वनि से अधिक मधुर क्यों लगती हैं?
उत्तर:
- ढोलक की ध्वनि की तुलना में सितार की ध्वनि का तारत्व अधिक होने से सितार की ध्वनि अधिक मधुर लगती है।
- कोयल की ध्वनि का तारत्व कौए की ध्वनि के तारत्व से अधिक होने के कारण कोयल की ध्वनि मधुर लगती
प्रश्न 9.
पराश्रव्य ध्वनि के उपयोग वाले दो उदाहरण बताए।
उत्तर:
- पुलिसकर्मी पराश्रव्य ध्वनि उत्पन्न करने वाली सीटियों का उपयोग खोजी कुत्तों को प्रशिक्षण देने में करते हैं।
- चमगादड़ पराश्रव्य ध्वनि को उत्पन्न करके, परावर्तित होकर आने वाली ध्वनि को सुनता है जिससे इसको अवरोध का पता लग जाता हैं। इसी कारण यह रात्रि में अंधेरे में भी उड़ सकता हैं।
प्रश्न 10.
मानव कर्ण में पिन्ना, श्रवण गुहिका, कर्ण पटह क्या होते हैं?
उत्तर:
- पिन्ना- मनुष्य के कान के बाहरी भाग की आकृति कीपनुमा होती हैं जिसे पिन्ना कहते हैं।
- श्रवण गुहिका- जब ध्वनि पिन्ना में प्रवेश करती हैं तो यह एक नलिका से गुजरती हैं जिसे श्रवण गुहिका कहते हैं।
- कर्ण पटहू- श्रवण गुहिका नली के सिरे पर एक पतली झिल्ली दृढ़ता से तानित होती है। यह झिल्ली कर्ण पटह (ear drum) कहलाती है। कर्ण पटह को सामान्य भाषा में कान का पर्दा भी कहते हैं।
प्रश्न 11.
यदि एक धुंघरू10 सेकण्ड में 400 कम्पन करता है, तो उसकी आवृत्ति ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
प्रश्नानुसार
- कम्पनों की कुल संख्या = 400 कम्पन
- कम्पनों में लगा समय = 10 सेकण्ड
आवृत्ति = 40 कम्पन प्रति सेकण्डू
प्रश्न 12.
एक वाद्य यन्त्र 400 कम्पन पूरे करने में 4 सेकण्ड का समय लेता है। उसकी आवृत्ति ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
प्रश्नानुसार, कम्पनों की संख्या = 400 कम्पन
कम्पनों में लगा समय = 4 सेकण्ड
आवृत्ति = 100 कम्पन प्रति सेकण्डे
प्रश्न 13.
यदि एक विद्यालय की घण्टी से उत्पन्न ध्वनि की आवृत्ति 500 कम्पन/सेकण्ड है तो इसका आवर्तकाल ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
प्रश्नानुसार, आवृत्ति – 500 कम्पन/सेकण्ड
आवर्तकाल = 0.002 सेकण्ड
प्रश्न 14.
एक सितार 2 सेकण्ड में 300 कम्पन करता है तो उसकी आवृत्ति ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
प्रश्नानुसार, कम्पनों की संख्या – 300 कम्पन
कम्पनों में लगा समय = 2 सेकण्डू
आवृत्ति = 150 कम्पन प्रति सेकण्ड
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्न पर टिप्पणी लिखिए
- आयाम
- आवृत्ति
- आवर्तकाले
- आवृत्ति एवं आवर्तकाल में सम्बन्ध।
उत्तर-:
- आयाम- कम्पन करने वाली वस्तु का माध्य स्थिति से अधिकतम विस्थापन को आयाम कहते हैं।
- आवृत्ति-किसी वस्तु द्वारा एक सेकण्ड में किये गये कम्पनों की संख्या को आवृत्ति कहते हैं। आवृत्ति का मात्रक ‘कम्पन प्रति सेकण्ड’ होता है, जिसे हर्ट्ज़ (Hz) भी कहा जाता है।
- आवर्तकाल- किसी वस्तु को एक कम्पन करने में लगे समय को आवर्तकाल कहते हैं। आवर्तकाल मात्रक ‘सेकण्ड’ होता हैं।
- आवृत्ति एवं आवर्तकाल में सम्बन्ध- आवृत्ति एवं आवर्तकाल एक-दूसरे के व्युत्क्रम होते हैं।
प्रश्न 2.
ध्वनि की प्रबलता एवं तारत्व को समझाइए।
उत्तर:
ध्वनि की प्रबलता एवं तारत्व- प्रत्येक व्यक्ति, जन्तु, वाद्ययंत्रों आदि की ध्वनियाँ अलग-अलग होती हैं हमारे कानों में ध्वनियों के अनुभव को तीन लक्षणों के आधार पर पहचाना जा सकता है। ये तीन लक्षण प्रबलता, तारत्व, गुणता होते हैं।
(i) ध्वनि की प्रबलता- जब हम धीमें बोलते हैं तो कम तीव्रता या प्रबलता की ध्वनि निकलती है। लेकिन जोर से बोलने पर अधिक प्रबलता की ध्वनि निकलती है, जिसकी प्रबलता अधिक होती है। ध्वनि की प्रबलता उसके कम्पन के आयाम पर निर्भर करती है। अतः हम यह कह सकते हैं कि ध्वनि की प्रबलता कम्पन के आयाम बढ़ने पर बढ़ती है। ध्वनि की प्रबलता का मात्रक डेसीबल (dB) हैं।
(ii) ध्वनि का तारत्व- एक चिमटे एवं घंटी को बजाकर देखिए। इसमें घंटी की आवाज तीखी एवं बारीक है। जैसे महिलाओं एवं बच्चों की आवाज सुरीली व बारीक होती है। पुरुषों की आवाज़ भारी होती है। इस प्रकार ध्वनि के तीक्ष्ण (महीन) अथवा भारी (मोटी) होने के लक्षण को तारत्व कहते हैं। ध्वनि का तारत्व ध्वनि की आवृत्ति पर निर्भर करता है।
अतः स्पष्ट है कि उच्च तारत्व वाली ध्वनि की आवृत्ति उच्च तथा निम्न तारत्व वाली ध्वनि की आवृत्ति न्यून होती है। इस प्रकार निष्कर्ष यह है कि जैसे शेर की दहाड़ की प्रबलता मच्छर की भिनभिनाहट से अधिक होती है किन्तु शेर की दहाड़ का तारत्व मच्छर की भिनभिनाहट से कम होता है।