RBSE Solutions for Class 9 Physical Education Chapter 3 विद्यालय में प्रचलित व्यायाम
RBSE Solutions for Class 9 Physical Education Chapter 3 विद्यालय में प्रचलित व्यायाम
Rajasthan Board RBSE Class 9 Physical Education Chapter 3 विद्यालय में प्रचलित व्यायाम
RBSE Class 9 Physical Education Chapter 3 पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर
RBSE Class 9 Physical Education Chapter 3 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
व्यायाम किसे कहते हैं?
उत्तर:
किसी क्रिया के करने में शारीरिक एवं मानसिक शक्ति के व्यय को ही व्यायाम कहते हैं।
प्रश्न 2.
मुर्गाचाल शरीर के किस भाग का व्यायाम
उत्तर:
मुर्गाचाल व्यायाम से शरीर के सभी अंगों का व्यायाम हो जाता है।
प्रश्न 3.
विद्यालय में सामूहिक व्यायाम का आयोजन कम से कम कितनी बार होना चाहिये?
उत्तर:
विद्यालय में सामूहिक व्यायाम का आयोजन सप्ताह में एक बार आवश्यक रूप से होना चाहिए।
RBSE Class 9 Physical Education Chapter 2 लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
अनौपचारिक व्यायाम (स्वतंत्र-अंग-संचलन कियाएँ) से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
अनौपचारिक व्यायाम वह व्यायाम है जिसका सम्बन्ध हमारे व्यावहारिक जीवन की क्रियाओं से है। स्वतंत्र अंग संचलन क्रियाओं के अन्तर्गत बालक को स्वतंत्रतापूर्वक (बिना नियमबद्ध) सहज व नैसर्गिक क्रियाओं जैसे चलना, दौड़ना, कूदना, उछलना, उठना, बैठना आदि को करने का अवसर मिलता है। इन क्रियाओं के अन्तर्गत बालकों को जो भी क्रियाएँ कराई जाती हैं वे उनके शारीरिक वृद्धि एवं विकास के लिए आवश्यक हैं।
प्रश्न 2.
‘संकेत पर दौड़ते हुए जोड़े बनाना’ क्रिया को समझाइये।
उत्तर:
विद्यार्थी अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।
प्रश्न 3.
‘कमर झुकाने का व्यायाम’ अथवा ‘हाथ व पैरों का व्यायाम’ क्रिया को लिखिए।
उत्तर:
कमर का व्यायाम – कमर के व्यायाम में दोनों हाथों को मोड़ कर कूल्हे पर रख लेते हैं। इसके बाद शिक्षक के संकेत पर कमर के ऊपर वाले शरीर को आगे (सामने) व पीछे तथा दायीं ओर व बायीं ओर की तरफ झुकाते हैं। यह क्रम 1 से 8 के बीच में चलता है। हाथ व पैरों का व्यायाम शिक्षक के सावधान कहने पर बालक सावधान की स्थिति में खड़े होते हैं अर्थात् उसके दोनों पाँव आपस में मिले रहते हैं। अब बायें पैर को व बायें हाथ को आगे की ओर उठाते हैं तथा वापस उसी स्थिति में जाते हैं। फिर दायें पैर व दायें हाथ को आगे लाते हैं और पुनः उसी स्थिति में आ जाते हैं। ऐसी क्रिया अनेक बार लगातार करते हैं। पैरों के अंगूठे को छूना – इस व्यायाम में शिक्षक के संकेत पर (बालक पैरों को खोले हुए अथवा बंद की स्थिति में) बालक शरीर (कमर) को आगे की ओर झुका कर दायें हाथ से बायें पैर का अँगूठा तथा बायें हाथ से दायें पैर का अँगूठा छूते हैं। परन्तु इस क्रिया में घुटने नहीं झुकने चाहिये। इस क्रिया को कई बार करते हैं।
प्रश्न 4.
अनौपचारिक व्यायाम से होने वाले लाभ/ उपादेयता लिखिए।
उत्तर:
अनौपचारिक व्यायाम के अन्तर्गत बालकों को जो भी क्रियाएँ कराई जाती हैं वे उनकी शारीरिक वृद्धि एवं विकास के लिए आवश्यक हैं।
प्रश्न 5.
शैक्षिक व्यायाम के चार कमाण्ड (आदेश) लिखिए।
उत्तर:
शैक्षिक व्यायाम के चार कमाण्ड –
- सावधान की स्थिति में रहना चाहिए।
- पंजे करीब 30 डिग्री खुले रहने चाहिए।
- दोनों हाथों की मुट्ठी बन्द करके पेन्ट अथवा नेकर की सिलाई से चिपके हुए होने चाहिए।
- पंक्तियों में दो छात्रों के मध्य परस्पर दो-दो हाथ का फासला होना चाहिए।
RBSE Class 9 Physical Education Chapter 2 निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
व्यायाम की प्रथम सारणी के अन्तर्गत छह व्यायामों में से किन्हीं दो का वर्णन कीजिये।
उत्तर:
प्रथम सारणी के दो व्यायाम –
- हाथों का व्यायाम – इस व्यायाम में छात्र एक साथ सावधान की स्थिति में खड़े हो जाते हैं फिर शिक्षक के संकेत पर हाथों को सामने लाना, ऊपर ले जाना, बगल में ले जाना तथा पीछे ले जाना आदि क्रियाएँ करते हैं। यह व्यायाम 1 से 8 तक की गिनती के साथ कराई जाती है।
- गर्दन का व्यायाम – गर्दन को गतिशील रखने के लिए गर्दन का व्यायाम किया जाता है। इसमें सावधान की स्थिति में बालक खड़े होते हैं तथा गर्दन को दायें, बायें, आगे तथा पीछे की ओर झुकाते हैं। यह क्रम 1 से 8 के बीच चलता है।
प्रश्न 2.
व्यायाम की द्वितीय सारणी के अन्तर्गत छह व्यायामों में से किन्हीं दो का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
द्वितीय सारणी के व्यायाम –
(1) चलते हुए हाथ व पैरों का व्यायाम – इस व्यायाम के लिए अवस्था चलते हुए होनी चाहिए।
- चलते हुए दोनों हाथों के पीछे, ऊपर एवं आगे की ओर ले जाते हुए गोल रूप में घुमाना है।
- यह क्रम प्रथम के बिल्कुल उलट करना है। अतः चलते हुए दोनों हाथों को आगे, ऊपर एवं पीछे की ओर ले जाते हुए गोल रूप में घुमाना है।
(2) सीने का व्यायाम – इसमें सीने से सम्बन्धित क्रियाएँ करनी पड़ती हैं। इसमें दोनों हाथों की कोहनियाँ सीने की ओर मोड़कर, मुट्ठियाँ बंद करके चलते हुए यह व्यायाम किया जाता है। इस व्यायाम से सीना मजबूत होता है। शिक्षक के संकेत पर और भी व्यायाम किया जा सकता है।
प्रश्न 3.
लयात्मक व्यायाम से क्या तात्पर्य है ? डम्ब्दल की विभिन्न क्रियाएँ लिखिए।
उत्तर:
लयात्मक व्यायाम मनोरंजन के साथ-साथ शारीरिक व्यायाम का भी श्रेष्ठ साधन है। डम्बल की विभिन्न क्रियाएँ –
अभ्यास – 1
गिनती –
- नीचे झुकते हुए दोनों हाथों से पंजों के पास डम्बल्स का ठोका लगाएँ। घुटने नहीं मोड़ें।
- दोनों हाथ सीधे ऊपर ले जाएँ। सिर के ऊपर डम्बल्स का ठोका लगाएँ।
- गिनती एक के अनुसार
- प्रारम्भिक स्थिति में।
लगातार 16 की गिनती करें।
अभ्याय – 2
गिनती –
- दोनों हाथ सिर के ऊपर सीधे ले जाकर ठोका मारना।
- दोनों हाथ पीठ के पीछे सीधे से ले जाकर ठोका मारना, मुट्ठियाँ बाहर की ओर दिखाते हुए रखें, सीना तना हुआ।
- गिनती एक के अनुसार।
- प्रारम्भिक स्थिति में।
लगातार 16 की गिनती तक करें।
प्रश्न 4.
कमर का व्यायाम की स्थिति और क्रियाओं का वर्णन करते हुए उपादेयता बताइये।
उत्तर:
कमर का व्यायाम – बालक कमर को दोनों हाथों से पकड़कर सावधान की स्थिति में (दोनों पैर मिले हुए) खड़े हो जाएँ। क्रियाएँ
- कमर को दाहिनी ओर से मोड़ना, इस स्थिति में चेहरे का रुख सामने की ओर होना चाहिये।
- पुनः अपनी स्थिति में आना तथा चेहरे का रुख सामने की ओर एवं दोनों हाथ कमर पर होने चाहिये।
- अब कमर से ऊपर के शरीर को बायीं ओर मोड़ना है तथा चेहरे का रुख सामने की ओर होना चाहिये।
- पुनः नं. 2 की स्थिति में आना।
- अब कमर के ऊपर वाले भाग को कमर से मोड़कर आगे लाना (सामने झुकना) है। इस स्थिति में चेहरे का रुख जमीन की ओर होना चाहिए।
- पुन: नम्बर 2 एवं 4 की स्थिति में आना।
- अब कमर के ऊपरी भाग को पीछे की तरफ मोड़ना (पीछे झुकना) एवं चेहरे का रुख ऊपर की ओर रखना है।
- पुन: नम्बर 2 एवं 6 की स्थिति में आना। यह क्रिया कई बार की जा सकती है।
उपादेयता – कमर व्यायाम से कमर दर्द सम्बन्धी विकार समाप्त होते हैं। मांसपेशियाँ दृढ़ एवं क्रियाशील रहती हैं। शरीर में शक्ति बढ़ती है।
प्रश्न 5.
‘हनुमान चाल’ से क्या अभिप्राय है? इस व्यायाम की प्रक्रिया बताइये।
उत्तर:
हनुमान चाल – इस व्यायाम में छात्र क्रमबद्ध हनुमान की तरह चलते हैं। शिक्षक के संकेत पर दौड़ते हुए बायें पैर को जम्प करके घुटना मोड़िए और घुटने को सीने के सामने लाइये, दायें हाथ को ऊपर उठाइए। अब दौड़ते हुए दायें पैर को जम्प करके घुटना मोड़िये तथा घुटने को सीने के सामने लाइये। बायें हाथ को ऊपर उठाइए। इस प्रकार की गति में चलना हनुमान चाल कहलाती है।
प्रश्न 6.
मुर्गाचाल से क्या तात्पर्य है? इस व्यायाम की प्रक्रिया स्पष्ट कीजिये।
उत्तर:
मुर्गाचाल – इसमें छात्र हाथों को पाँवों में लेकर निकाल कर आगे की ओर ले आते हैं तथा दोनों हाथों से दोनों कानों को पकड़ लेते हैं। छात्र की स्थिति मुर्गे की तरह हो जाती है। शिक्षक के संकेत पर छात्र मुर्गे की तरह फुदकते हैं। इस व्यायाम से शरीर के सभी अंगों का व्यायाम हो जाता है।
प्रश्न 7.
धड़ का व्यायाम लिखिए। इस व्यायाम को करने में क्या सावधानी बरती जानी चाहिए? समझाइये।
उत्तर:
धड़ का व्यायाम – बालकों को धड़ का व्यायाम भी कराया जा सकता है। धड़ के व्यायाम के लिए पाँवों को चौड़ा करके बार-बार नीचे झुककर फिर ऊपर हो यह अभ्यास बारबार किया जा सकता है। इस व्यायाम में यह ध्यान रखना चाहिये कि हम पाँवों को सीधा रखें और घुटनों को मुड़ने नहीं दें।
प्रश्न 8.
‘पैरों के अँगूठों को छूना’ अथवा बारी-बारी से पैर के अँगूठे को छूना क्रिया को वर्णन कीजिए। इन क्रियाओं को करते समय कौनसी सावधानी बरतनी चाहिए ?
उत्तर:
बारी-बारी से पैर के अँगूठे को छूना – इस व्यायाम में हाथ बाजुओं में फैले रहते हैं शिक्षक के संकेत पर ताल के साथ दाहिने हाथ से बायें पैर को छूते हैं (पैरों की खुली हुई स्थिति) और पुनः विपरीत दिशा में बायें हाथ से दाहिने पैर को छूते हैं। यह क्रिया वे लगातार कई बार करते हैं। ध्यान रहे इस क्रिया में भी घुटने नहीं मुड़ने चाहिए।
प्रश्न 9.
व्यायाम करते समय ध्यान देने योग्य बातें बताइये।
उत्तर:
व्यायाम करते समय ध्यान देने योग्य बातें –
- व्यायाम करवाने से पूर्व कक्षा का ‘नायक’ चुनकर कक्षा के सामने खड़ा कर दें, जिससे अन्य छात्र उसका अनुसरण कर सकें।
- व्यायाम के लिए बनायी जाने वाली पंक्तियों में पहले छात्र (प्रत्येक पंक्ति का प्रथम छात्र) परस्पर दोनों तरफ दो-दो हाथ का फासला बना लें। उस पंक्ति के अन्य छात्र को भी अपने आगे वाले छात्र से एक हाथ से अधिक की दूरी बना लेनी चाहिए।
- व्यायाम करने से पहले उसका प्रदर्शन कर लेना चाहिए।
- आदेश (कमाण्ड) देते समय स्पष्ट एवं ऊँची आवाज में बोलना चाहिए।
- पंक्तियाँ बनाने के लिए चूने की कली से चिह्न लगाएँ जिससे कक्षाएँ अपने-अपने स्थान पर सहजता से खड़ी हो सकें।
- दो या चार अभ्यासों के बाद थोड़ा विश्राम देना चाहिए।
- विद्यालय में सामूहिक व्यायाम का आयोजन सप्ताह में एक बार आवश्यक रूप से करना चाहिये।
- व्यायाम करवाते समये ढोल व माइक की यथा संभव व्यवस्था की जानी चाहिए।
RBSE Class 9 Physical Education Chapter 3 अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
RBSE Class 9 Physical Education Chapter 3 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
व्यायाम करना क्यों आवश्यक है?
उत्तर:
शरीर को स्वस्थ, निरोग व स्फूर्तिदायक रखने के लिए व्यायाम करना आवश्यक है।
प्रश्न 2.
व्यायाम करने से किसमें वृद्धि होती है ?
उत्तर:
आयु में।
RBSE Class 9 Physical Education Chapter 3 लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
औपचारिक व्यायाम से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
औपचारिक व्यायाम – औपचारिक व्यायाम नियमबद्ध होते हैं अर्थात् इस प्रकार के व्यायाम में कुछ नियम निश्चित होते हैं जिनके आधार पर इन्हें किया जाता है। इसमें शिक्षक के संकेत पर नियमानुसार व्यायाम किया जाता है। इस प्रकार के व्यायाम अनेक तरह के होते हैं। औपचारिक व्यायाम से शरीर सुसंगठित, गतिशील, सक्रिय, चुस्त व फुर्तीला रहता है। इस व्यायाम के अन्तर्गत कवायद, कसरतें, लयात्मक क्रियाएँ एवं लयात्मक व्यायाम की गणना की जाती है।
RBSE Class 9 Physical Education Chapter 3 निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
प्रचलित व्यायाम के महत्व को दर्शाते हुए उसके लाभ लिखिए।
उत्तर:
महत्त्व – प्रचलित व्यायाम से हमारे शरीर का सर्वांगीण विकास होता है, शरीर सुगठित होता है तथा शारीरिक भाषा स्वयं आभासित होती है। उत्तम स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए प्रचलित व्यायाम का महत्त्वपूर्ण योगदान है।
लाभ –
- प्रचलित व्यायाम से हमारे आन्तरिक अवयवों जिनमें विशेषकर रक्त संचार, श्वसन क्रिया एवं नाड़ी तंत्र हैं, की कार्यक्षमता बनी रहती है।
- प्रचलित व्यायाम से मांसपेशियों की कार्यक्षमता तथा शारीरिक जोड़ों की गति सुचारु रूप से चलती है।