RBSE Solutions for Class 9 Science Chapter 13 पर्यावरण
RBSE Solutions for Class 9 Science Chapter 13 पर्यावरण
Rajasthan Board RBSE Class 9 Science Chapter 13 पर्यावरण
पाठ्य-पुस्तक के प्रश्न एवं उनके उत्तर
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्न में से वायु प्रदूषक नहीं हैं
(अ) कच्छीय गैसें
(ब) SO2
(स) CO2
(द) DDT
उत्तर:
(द) DDT
प्रश्न 2.
पारिस्थितिक तन्त्र शब्द की रचना किसने की ?
(अ) ओडम्
(ब) दैन्सले
(स) हीकल
(द) हैबर।।
उत्तर:
(ब) दैन्सले
प्रश्न 3.
हरित गृह प्रभाव की प्रमुख गैस है
(अ) CO2
(ब) SO2
(स) NO2
(द) CO.
उत्तर:
(अ) CO2
प्रश्न 4.
निम्न में कृत्रिम पारितन्त्र कौन-सा है ?
(अ) वन
(ब) घास के मैदान
(स) रेगिस्तान
(द) शस्य।
उत्तर:
(द) शस्य।
प्रश्न 5.
अधिशोषण, अवशोषण, संघनन आदि किस प्रदूषण प्रकार के नियन्त्रण में उपयोगी हैं ?
(अ) वायु
(य) जल
(स) तापीय
(द) मृदा।
उत्तर:
(अ) वायु
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 6.
पारिस्थितिकी शब्द को परिभाषित करें।
उत्तर:
जीवधारियों व पर्यावरण के सम्बन्धों के पारस्परिक अध्ययन की शाखा को पारिस्थितिकी कहते हैं। पारिस्थितिकी शब्द का सबसे पहले प्रयोग रेटर ने किया था।
प्रश्न 7.
दो प्रमुख गैसीय प्रदूषकों के नाम लिखें।
उत्तर:
सल्फर डाइ ऑक्साइड (SO2) कार्बन मोनोऑक्साइड (CO)
प्रश्न 8.
अपघटक क्या हैं ?
उत्तर:
ये सूक्ष्म जीव होते हैं जो पेड़-पौधों एवं जीव-जन्तुओं के मृत शरीरों का अपघटन करके ऊर्जा प्राप्त करते है। ये पदार्थों का चक्रण करते हैं। जैसे जीवाणु व कवक।
प्रश्न 9.
ध्वनि प्रदूषण को परिभाषित करें।
उत्तर:
मानव के सुनने की परास 0 से 120 डेसीबल तक होती है। 80 डेसीबल से अधिक ध्वनि से कान को क्षति के लिए क्रान्तिक स्तर माना जा सकता है।
प्रश्न 10.
तापीय प्रदूषण से उत्पन्न रासायनिक दशाएँ बताये।
उत्तर:
- रासायनिक ऑक्सीजन माँग (C.O.D.) में वृद्धि।
- जैविक ऑक्सीजन माँग (B.O.D.) में वृद्धि।
- विषाक्तता में वृद्धि।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 11.
पारिस्थितिकी तन्त्र के अजैविक घटकों के नाम व उदाहरण लिखें।
उत्तर:
अजैविक घटक निम्न हैं
- अकार्बनिक (Inorganic)-इसमें H2O, CO2, नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, अमोनिया, पोटैशियम, मैग्नीशियम, लवण आदि सम्मिलित हैं।
- कार्बनिक (Organic)-इसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा आदि वृहत्त अणु सम्मिलित हैं।
- भौतिक (Physical)-इसमें वातावरणीय कारक, जैसे-वायु, जल, ताप, प्रकाश आदि हैं।
प्रश्न 12.
वैश्विक ऊष्मीकरण क्या है ?
उत्तर:
वैश्विक ऊष्मीकरण (Global Warming) जीवाश्म ईंधन (कोयला, पेट्रोलियम) के जलने से उत्पन्न CO2 तथा मेथेन गैसें पृथ्वी से परावर्तित होने वाले ऊष्मीय विकिरण को रोक लेती हैं। इसके फलस्वरूप पृथ्वी का ताप बढ़ता है, इसे हरित गृह प्रभाव कहते हैं। इसके कारण मौसम में परिवर्तन होने के साथ-साथ पहाड़ों से बर्फ तीव्रता के साथ पिघल रही है और समुद्र जल के स्तर में वृद्धि हो रहीं है। इसी को वैश्विक ऊष्मीकरण कहते हैं।
प्रश्न 13.
कृत्रिम पारिस्थितिकी तन्त्र क्या है ? उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
ये तन्त्र पूर्णरूप से मनुष्य द्वारा निर्मित एवं नियन्त्रित होते हैं, जैसे-शस्यभूमि (Crop land) जिसमें गेहूँ, बाजरा एवं चावल इत्यादि के खेत आते हैं। यहाँ मनुष्य जैव-समुदाय एवं भौतिक रासायनिक कारकों को नियन्त्रित करने का प्रयास करता है।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 14.
वायु प्रदूषण के कारण व प्रभावों को समझायें।
उत्तर
वायु प्रदूषण दो प्रकार का होता है
(a) प्राकृतिक और
(b) मानव जनित।
वायु प्रदूषण के लिए उत्तरदायी प्राकृतिक कारण निम्न
- सल्फर डाइऑक्साइड (SO2), हाइड्रोजन सल्फाइड (H2S), कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) आदि प्रदूषणकारी गैसें।
- जंगल की आग।
- कच्छीय गैसें।
- निलम्बित कणीय पदार्थ।
- प्राकृतिक, कार्बनिक एवं अकार्बनिक पदार्थों के अपघटन उत्पाद।
- पराग, बीजाणु आदि
मानव जनित वायु प्रदूषण निम्नलिखित हैं
- औद्योगिक उत्सर्ग
- मोटर वाहन उत्सर्ग
- घरेलू उत्सर्ग
- जीवाश्म ईंधनों के जलने से उत्पन्न पदार्थ
- विस्फोटक सामग्री व रासायनिक पदार्थ
- कृषि में प्रयुक्त पदार्थ एवं कृषि क्रियाएँ।
वायु प्रदूषण के प्रभाव-वायु प्रदूषक गैसें मानव एवं जीव वारियों के स्वास्थ्य को निम्न प्रकार प्रभावित करती हैं
- सल्फर डाइऑक्साइड-इससे यक्ष संकुचन, सिरदर्द, उल्टी होती है। इसके प्रभाव से श्वसन तंत्र प्रभावित होता
- नाइट्रोजन के ऑक्साइड-ये पक्ष्माभों (Cilia) की क्रिया को रोकते हैं। जब कालिख तथा धूल कण के साथ ये फेफड़ों की गहराई में पहुँच जाते हैं तो श्वसन विकार उत्पन्न होते हैं।
- हाइड्रोजन सल्फाइड-यह आँखों और गले में जलन उत्पन्न करती है, इससे मितली आती है।
- कार्बन मोनोऑक्साइड-यह रक्त की ऑक्सीजन वहन क्षमता को कम करके थकान लाती है।
- हाइड्रोजन सायनाइड- यह तन्त्रिका कोशिकाओं को प्रभावित करती है। इससे गले का सूखना, अस्पष्ट दृष्टि तथा सिरदर्द आदि प्रभाव होते हैं। 6. अमोनिया-यह ऊपरी श्वसन मार्ग में सूजन उत्पन्न करती है।
प्रश्न 15.
नाइट्रोजन चक्र का आरेखीय वर्णन करें।
उत्तर:
नाइट्रोजन चक्र (Nitrogen Cycle) हमारे वायुमण्डल में 78 प्रतिशत नाइट्रोजन गैस है। यह गैस जीवन के लिए आवश्यक बहुत सारे अणुओं का अभिन्न भाग हैं, जैसे- प्रोटीन, न्यूक्लिक अम्ल, डी.एन.ए और आर, एन.ए. तथा कुछ विटामिन। नाइट्रोजन दूसरे जैविक यौगिकों में भी पाया जाता है; जैसे-ऐल्केलॉइड तथा यूरियाइसीलिए नाइट्रोजन सभी प्रकार के जीवों के लिए एक आवश्यक पोषक है। सभी जीवरूपों द्वारा वायुमण्डल में उपस्थित नाइट्रोजन गैस का प्रत्यक्ष उपयोग सरल नहीं है।
चित्र-प्रकृति में नाइट्रोजन चक्र
नाइट्रोजन स्थिरीकरण करने वाले बैक्टीरिया या तो स्वतन्त्र रूप से रहते हैं या द्विबीजपत्री पौधों की कुछ जातियों के साथ पाए जाते हैं। साधारणत: ये नाइट्रोजन को स्थिर करने वाले बैक्टीरिया फलदार पौधों की जड़ों में एक विशेष प्रकार की संरचना (मूल ग्रन्थियों) में पाए जाते हैं। इनके अतिरिक्त नाइट्रोजन परमाणु नाइट्रेट्स और नाइट्राइट्स में भौतिक क्रियाओं के द्वारा बदलते हैं। बिजली चमकने के समय वायु में उत्पन्न उच्च ताप तथा दाब नाइट्रोजन को नाइट्रोजन के ऑक्साइड में बदल देता है। ये ऑक्साइड जल में घुलकर नाइटिक तथा नाइट्स अम्ल बनाते हैं जो वर्षा जल के साथ भूमि की सतह पर गिरते हैं तब इसका उपयोग विभिन्न जीव रूपों द्वारा किया जाता है।
सामान्यतः पौधे नाइट्रेट्स और नाइट्राइट्स को ग्रहण करते हैं। तथा उन्हें अमीनो अम्ल में बदल देते हैं जिनका उपयोग प्रोटीन बनाने में होता है। कुछ दूसरे जैव रासायनिक विकल्पों का प्रयोग नाइट्रोजन वाले दूसरे जटिल यौगिकों को बनाने में होता है। इन प्रोटीनों और दूसरे जटिल यौगिकों का प्रयोग जन्तुओं द्वारा किया जाता है। जन्तु या पौधे की मृत्यु हो जाने पर मिट्टी में उपस्थित अन्य बैक्टीरिया विभिन्न यौगिकों में स्थित नाइट्रोजन को नाइट्रेट्स और नाइट्राइट्स में बदल देते हैं तथा अन्य प्रकार के बैक्टीरिया इन नाइट्रेट्स एवं नाइट्राइट्स को नाइट्रोजन तत्व में बदल देते हैं।
अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न एवं उनके उत्तर
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
पर्यावरण और जीवधारियों की परस्पर क्रियाओं के अध्ययन से सम्बन्धित विज्ञान को कहते हैं
(अ) पर्यावरण
(ब) पर्यावरणीय संकुल
(स) पारिस्थितिकी
(द) जल विज्ञान।
उत्तर:
(स) पारिस्थितिकी
प्रश्न 2.
पर्यावरण का जैविक घटक नहीं है
(अ) प्राणि
(ब) पादप
(स) मानव
(द) मृदा।
उत्तर:
(द) मृदा।
प्रश्न 3.
वायुमण्डल में नाइट्रोजन गैस की मात्रा है
(अ) 78.09%
(ब) 20-95%
(स) 0.03%
(द) 90-099%.
उत्तर:
(अ) 78.09%
प्रश्न 4.
मानव जनित वायु प्रदूषक हैं
(अ) घरेलू उत्सर्ग
(ब) कृषि में उपयुक्त खाद
(स) मोटर वाहन उत्सर्ग
(द) उपरोक्त सभी।
उत्तर:
(द) उपरोक्त सभी।
प्रश्न 5.
तापीय प्रदूषण की भौतिक दशाएँ हैं ?
(अ) तापमान में वृद्धि
(ब) वाष्य दाब में वृद्धि
(स) घनत्व में कमी
(द) उपरोक्त सभी।
उत्तर:
(द) उपरोक्त सभी।
प्रश्न 6.
वे प्राणी जो पादप एवं जन्तुओं पर भोजन के लिए निर्भर रहते हैं कहलाते हैं
(अ) सर्वाहारी
(ब) उपभोक्ता
(स) माँसाहारी
(द) शाकाहारी।
उत्तर:
(अ) सर्वाहारी
प्रश्न 7.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक शहर के लिए ध्वनि का स्तर तय किया हैं?
(अ) 80 dB
(ब) 45 dB
(स) 100 dB
(द) 120 dB.
उत्तर:
(ब) 45 dB
प्रश्न 8.
पारिस्थितिकी “सजीवों को इनके जैविक एवं अजैविक पर्यावरण के साथ होने वाला पारस्परिक सम्बन्ध है।” यह बताया था
(अ) टैन्सले
(ब) हैंबर
(स) हैकल
(द) ओडम्।
उत्तर:
(स) हैकल
प्रश्न 9.
CFC हैं
(अ) क्लोरीन फ्लोरीन युक्त कार्बनिक यौगिक
(च) क्लोरीन फ्लोरोन युक्त अकार्बनिक यौगिक
(स) कोबाल्ट फॉस्फोरस युक्त कार्बनिक यौगिक
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(अ) क्लोरीन फ्लोरीन युक्त कार्बनिक यौगिक
प्रश्न 10.
CFC’s जैसे रसायन कौन सी परत के ह्रास के कारण
(अ) CO2
(ब) O2
(स) O3
(द) उपरोक सभी।
उत्तर:
(स) O3
प्रश्न 11.
ओजोन संरक्षण दिवस मनाया जाता है
(अ) 16 फरवरी को
(ब) 16 अप्रैल को
(स) 16 सितम्बर को
(द) 16 दिसम्बर को।
उत्तर:
(स) 16 सितम्बर को
प्रश्न 12.
पौधों को वर्गीकृत किया जाता है
(अ) अपघटको में
(ब) उत्पादकों में
(स) परपोधियों में
(द) सभी में।
उत्तर:
(ब) उत्पादकों में
प्रश्न 13.
जैविक और अजैविक पदार्थों की क्रियात्मक इकाई
(अ) जीवमण्डल
(ब) बायोम
(स) जैविक समुदाय
(द) पारितंत्र।
उत्तर:
(द) पारितंत्र।
प्रश्न 14.
निम्नलिखित में कृत्रिम पारिस्थितिक तन्त्र है
(अ) वन
(ब) समुद्र
(स) गेहूं का खेत
(द) तालाब।
उत्तर:
(स) गेहूं का खेत
प्रश्न 15.
एक पारितंत्र में मानव है
(अ) शाकाहारी
(ब) उत्पादक
(स) माँसाहारी
(द) सर्वाहारी।
उत्तर:
(द) सर्वाहारी।
प्रश्न 16.
पृथ्वी का वह समस्त भाग जिसमें जीवधारी पाये जाते हैं, कहलाता है
(अ) स्थलमण्डल
(ब) जलमण्डल
(स) जीवमण्डल
(द) वायुमण्डल।
उत्तर:
(स) जीवमण्डल
प्रश्न 17.
इकोसिस्टम शब्द सर्वप्रथम किसने दिया ?
(अ) ए. जी. टेन्सले
(ब) ओडम
(स) हैकल
(द) हैबर।
उत्तर:
(अ) ए. जी. टेन्सले
प्रश्न 18.
सोडियम की अधिकता वाली मृदा कहलाती है
(अ) लवणीय मृदा
(ब) क्रसर
(स) क्षारीय मृदा
(द) रेतीली
उत्तर:
(स) क्षारीय मृदा
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
पर्यावरण को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
किसी जीवधारी के आस-पास का आवरण जो उसे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करता है, पर्यावरण कहलाता है।
प्रश्न 2.
प्राकृतिक पारितन्त्र के उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
वन, तालाब, झील।
प्रश्न 3.
उपभोक्ता किसे कहते हैं ?
उत्तर:
जो जोव भोजन के लिए परोक्ष या अपरोक्ष रूप से उत्पादकों पर आश्रित रहते हैं, उन्हें उपभोक्ता कहते हैं।
प्रश्न 4.
सूक्ष्मजीव अपमार्जक क्यों कहलाते हैं ?
उत्तर:
सूक्ष्मजीव जटिल कार्बनिक पदार्थों को सरल अकार्बनिक पदार्थों में बदल देते हैं जो मिट्टी में चले जाते हैं। और पुन: पौधों के द्वारा उनका उपयोग किया जाता है।
प्रश्न 5.
जीवमण्डल किसे कहते हैं ?
उत्तर:
पृथ्वी पर पाए जाने वाले सभी प्राकृतिक क्षेत्र तथा उसमें पाए जाने वाले सभी जीव-जन्तु परस्पर मिलकर जीवमण्डल का निर्माण करते हैं।
प्रश्न 6.
जीवमण्डल के प्रमुख घटक लिखिए।
उत्तर:
जैविक तथा अजैव घटक जीवमण्डल के प्रमुख घटक
प्रश्न 7.
किसी पारिस्थितिक तन्त्र के घटक लिखिए।
उत्तर:
शैव, अजैव घटक किसी पारिस्थितिक तन्त्र के घटक
प्रश्न 8,
जीवों को पोषण पद्धति के आधार पर किन-किन वर्गों में रखा गया है?
उत्तर:
- उत्पादक,
- उपभोक्ता,
- अपघटक।
प्रश्न 9.
जैव समुदाय तथा अजैव पर्यावरण के बीच के सम्बन्ध का वैज्ञानिक नाम क्या है ?
उत्तर:
पारिस्थितिक तन्त्र।
प्रश्न 10.
सर्वभक्षी या सर्वाहारी किसे कहते हैं ?
उत्तर:
वे जीव जो भोजन के लिए पौधों एवं जन्तुओं दोनों का उपयोग करते हैं, उन्हें सर्वभक्षी या सर्वाहारी कहते हैं, जैसे-मानव।।
प्रश्न 11.
क्लोरो-फ्लोरोकार्बन का प्रमुख प्रयोग कर्तुं किया जाता है ?
उत्तर:
शीतलन और अग्निशमन में।
प्रश्न 12.
बड़े-बड़े उद्योगों की स्थापना से स्थानीय जलवायु पर होने वाले कोई दो प्रभाव बताइए।
उत्तर:
- वायु प्रदूषण
- आस-पास के वायुमण्डल के ताप में वृद्धि।
प्रश्न 13.
जल प्रदूषण के दो कारण लिखिए।
उत्तर:
- उर्वरक तथा कीटनाशकों का फसलों पर छिड़काव
- कारखानों द्वारा अपशिष्ट पदार्थों का नदियों में विसर्जन
प्रश्न 14.
कोलीफॉर्म क्या है ?
उत्तर:
कोलीफॉर्म एक जीवाणु वर्ग हैं जो जल प्रदूषण के कारण मानव की आँत में पाया जाता है।
प्रश्न 15.
जनसंख्या को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
किसी भी प्रजाति की एक स्थान पर पाई जाने वाली कुल संख्या जनसंख्या कहलाती है।
प्रश्न 16.
प्राकृतिक संसाधन क्या हैं ?
उत्तर:
ये सभी पदार्थ जो पर्यावरण में उपस्थित हैं एवं सजीवों के जीवन निर्वाह के लिए आवश्यक हैं उन्हें प्राकृतिक संसाधन कहते हैं।
प्रश्न 17.
शुद्ध जलीय तन्त्र कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर:
- सरित
- स्थिर जलीय तथा
- भूमिगत।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
पर्यावरण के विषय में प्राचीन वर्णन कहाँ मिलता
उत्तर:
पर्यावरण का ज्ञान पुराण, वेद एवं उपनिषदों में वर्णित है। इन शास्त्रों में लिखा है कि मनुष्य की उत्पत्ति पृथ्वी, जल, अग्नि, आकाश एवं वायु (पंच तत्व) से हुई है, विष्णु पुराण, वृहत् संहिता, चरक संहिता एवं सुश्रुत संहिता में पर्यावरण का वर्णन है। रामायण और महाभारत में कई स्थानों पर पर्यावरणीय चेतना के उदाहरण मिलते हैं।
प्रश्न 2.
गाँधीजी के प्रदूषण से सम्बन्धित क्या विचार थे ?
उत्तर:
महात्मा गाँधी के अनुसार पृथ्वी आज भी मानव की आवश्यकताओं के लिए यथेष्ट है, उसकी तृष्णा के लिए नहीं। इस प्रकार प्रकृति के शोषण और प्रदूषण के संकट का मूल कारण मानव को तृष्णा और अज्ञान है।
प्रश्न 3.
पारिस्थितिक तन्त्र को एक फ्लो चार्ट द्वारा बताए।
उत्तर:
प्रश्न 4.
प्रकृति में ऑक्सीजन चक्र का रेखीय चित्रण कीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 5.
ऑक्सीजन चक्र क्या है ?
उत्तर:
ऑक्सीजन चक्र द्वारा हम उस चक्र को निर्देशित करते हैं जो ऑक्सीजन की मात्रा को वायुमण्डल में सन्तुलित बनाए रखता है। वायुमण्डल में ऑक्सीजन का उपयोग निम्न तीन प्रक्रियाओं में होता है-श्वसन, दहन तथा ‘नाइट्रोजन के ऑक्साइड के निर्माण में। वायुमण्डल में ऑक्सीजन केवल एक ही प्रक्रिया द्वारा लौटती है जिसे प्रकाश संश्लेषण कहते हैं। इस प्रकार प्रकृति में ऑक्सीजन चक्र की रूपरेखा बनती है।
प्रश्न 6.
पारितन्त्र में अपमार्जकों की क्या भूमिका है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
सूक्ष्म जीवाणु तथा अन्य सूक्ष्म जीव अपमार्जकों का कार्य करते हैं। ये पेड़-पौधों एवं जीव-जन्तुओं के मृत शरीरों पर निर्भर होते हैं तथा इनके पोषक पदार्थों का भक्षण कर जटिल कार्बनिक पदार्थों को सरल पदार्थों में रूपान्तरित करते हैं। इसी प्रकार सब्जियों एवं फर्लो के छिलके, जन्तुओं के मल-मूत्र, पौधों के सड़े-गले भाग अपमाजको द्वारा ही विघटित किए जाते हैं। इस प्रकार पदार्थों के पुन: चक्रण में ये अपमार्जक योगदान देते हैं और वातावरण को स्वच्छ रखते हैं।
प्रश्न 7.
ओजोन परत क्या है तथा यह किसी पारितन्त्र को किस प्रकार प्रभावित करती है ?
उत्तर:
ओजोन एक गैस है जिसका अणुसूत्र ‘0’ है। इसका प्रत्येक अणु ऑक्सीजन के तीन परमाणुओं से मिलकर बनता है। ओजोन गैस की परत वायुमण्डल के समताप मण्डल में पाई जाती है। यह परत सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी किरणों को रोकती है। पराबैंगनी किरणें ही बाहरी वायुमण्डल की ऑक्सीजन को नवजात ऑक्सीजन में विघटित कर देती हैं जो ऑक्सीजन परमाणु से संयुक्त होकर ओजोन बनवाते हैं।
यदि वायुमण्डल में ओजोन परत नहीं होती तो हानिकारक पराबैंगनी किरणें पृथ्वी पर पहुँच जात और मानव सहित समस्त जीवधारियों में स्नातक रोग एवं विकार उत्पन्न होते।
प्रश्न 8.
जैव निम्नीकरणीय तथा अजैव निम्नीकरणीय प्रदूषकों में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
जैव निम्नीकरणीय तथा अजैव
प्रश्न 9.
पारिस्थितिक तन्त्र के विभिन्न घटकों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
किसी भी पारिस्थितिक तन्त्र के दो घटक होते हैं
- अजैविक घटक-इसमें जल, वायु, प्रकाश, ताप, मृदा, आदि सम्मिलित हैं।
- जैविक घटक-ये निम्न प्रकार के हैं
- उत्पादक-सभी हरे पौधे
- उपभोक्ता-ये प्राथमिक, द्वितीयक, तृतीयक आदि होते हैं।
- अपघटक- ये सूक्ष्म जीव, जीवाणु, कवक होते हैं।
प्रश्न 10.
उत्पादक तथा उपभोक्ता में अन्तर लिखिए।
उत्तर:
उत्पादक एवं उपभोक्ता में अन्तर
प्रश्न 11.
स्वपोषी तथा परपोषी में अन्तर लिखिए।
उत्तर:
स्वपोषी तथा परपोषी में अन्तर के
प्रश्न 12.
जीवाणु एवं कवक अपघटक क्यों कहलाते हैं ? पर्यावरण के लिए अपघटकों का महत्व लिखिए।
उत्तर:
जीवाणु एवं कवक अपघटक कहलाते हैं क्योंकि ये मृत पेड़-पौधों एवं जीव-जन्तुओं के शरीरों में उपस्थित जटिल कार्बनिक यौगिकों को सरल पदार्थों में अपघटित कर देते हैं। पर्यावरण के लिए अपघटकों का महत्व निम्न प्रकार है
- अपघटक पदार्थों के चक्रण की क्रिया में योगदान करते हैं।
- ये पर्यावरण की स्वच्छता के लिए योगदान करते हैं।
प्रश्न 13.
पर्यावरणीय प्रदूषण क्या है ? तीन अजैव निम्नीकरणीय प्रदूषकों के नाम लिखिए जो मानव के लिए ह्मनिकारक हैं।
उत्तर:
जल, वायु एवं मृदा के भौतिक, रासायनिक एवं जैविक गुणों में अवांछनीय परिवर्तन जिसके कारण ये प्रयोग हेतु नहीं रह जाते, वातावरणीय प्रदूषण कहलाते हैं। डी.डी.टी., सीसा, प्लास्टिक अजैव निम्नीकरणीय प्रदूषक हैं, जो मानव को अधिक हानि पहुँचाते हैं।
प्रश्न 14.
वायुमण्डल में उपस्थित विविध प्रकार के प्रदूषकों का विवरण दीजिए।
उत्तर:
- कोयला तथा पेट्रोलियम पदार्थों के जलने व वनों के कटने से वायुमण्डल में मेथेन तथा CO2, गैसों की मात्रा बढ़ती है। इससे हरित गृह प्रभाव उत्पन्न होता है।
- ज्वालामुखीय राख से वायुमण्डल प्रदूषित हो जाता है।
- वायु में उड़ते परागकणों से वायु प्रदूषित होती है।
- अनेक मानव क्रियाकलापों द्वारा वायु प्रदूषण उत्पन्न होता है, जैसे-ईंधन जलाने से CO, कारखानों से SO2, नाइट्रोजन के ऑक्साइड, वाहनों से लेइ ऑक्साइड आदि।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
वायु प्रदूषण को आप किस प्रकार नियन्त्रित करेंगे इसके नियन्त्रण की कुछ विधियाँ बताइए।
उत्तर:
वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने की विधियाँ
- अधिशोषण (Adsorption)-यह कुछ पदार्थों की सतह की विशेषताओं पर आधारित एक भौतिक प्रक्रिया है। इसमें तरल और गैस प्रवाह का सम्बन्ध, एक ठोस से कर देते हैं। सक्रिय चारकोल (Activated charcoal), सिलिका जेल, रेजिन आदि का उपयोग इस उद्देश्य से अधिशोषक के रूप में किया जाता है। इस प्रक्रिया में अधिशोषक का बार-बार उपयोग किया जाता है। अत: यह एक मितव्ययी प्रक्रिया है।
- अवशोषण (Absorption)-यह भी एक भौतिक प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया में गैस को एक तरल में घुलने दिया जाता है। अवशोषण के लिए जल सर्वाधिक उपयुक्त विलायक या माध्यम है।
- संघनन (Condensation)-गैसीय वाष्पों का नियन्त्रण, संघनन प्रक्रिया द्वारा किया जा सकता है। परिवेशी (Ambient) ताप पर बहुत कम वाष्प दाब वाले हाइड्रोकार्बनों तथा अन्य कार्बनिक पदार्थों को हटाने के लिए यह सबसे उपयुक्त प्रक्रिया है। जल या वायु शीतलित संघनित्रों के उपयोग से वायु प्रदूषण का सन्तोषजनक नियन्त्रण किया जा सकता है।
- रासायनिक अभिक्रियाओं द्वारा (By Chemical reactions)-रासायनिक अभिक्रियाओं द्वारा भी वायु प्रदूषण का नियन्त्रण किया जा सकता है।
प्रश्न 2.
जल में घुलकर उसका प्रदूषण करने वाले विभिन्न पदार्थों के नाम बताइए। उत्सर्ग जल के उपचार की विभिन्न तकनीकों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
जल में घुलकर प्रदूषण करने वाले विभिन्न प्रदूषक पदार्थ
- अम्ल
- क्षार
- कोयला
- रंजक
- वसा, साबुन एवं मोम
- गैसीय प्रदूषक
- उर्वरक
- फार्म उत्सर्ग
- तेल
- प्रोटीन एवं कार्बोहाइड्रेट
- रेडियोधर्मी पदार्थ आदि।
उत्सर्ग जल के उपचार के लिए निम्नलिखित प्रमुख तकनीकों का उपयोग किया जा सकता हैं
- ऑक्सीकरण एवं स्थिरकारी पोखर-उत्सर्ग जल को इन पोखरों में स्थिर किया जाता है जो पर्याप्त सूर्य-प्रकाश और गर्म जलवायु में ऑक्सीकृत हो जाता है।
- सिंचाई के उद्देश्य से वाहित मल बहि:स्रावों का उपचार कर उपयोग में लाना।
- प्रदूषकों को हटाना|
- व्युत्क्रम परासरण विधि द्वारा,
- वैद्युत अपघटन विधि द्वारा,
- आयन विनिमय रेजिन आदि द्वारा धातुओं को अलग करना,
- जलकुम्भी द्वारा,
- मूल क्षेत्र उपचार तकनीक।
प्रश्न 3.
मृदा प्रदूषण के प्रमुख स्रोतों का विस्तृत वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मृदा प्रदूषण के प्रमुख स्रोत
- औद्योगिक अपशिष्ट उद्योगों के ठोस तथा तरल उत्सर्गों को अन-उपचारित रूप में ही मृदा पर फैला दिया जाता है, जिससे दूर-दूर तक फैलने वाली उड़न राख मृदा को क्षति पहुँचाती है। इसके अलावा उत्सर्ग के खनिज, रसायन, विष आदि मृदा को संदूषित करते हैं तथा उसकी उर्वरता को समाप्त कर देते हैं।
- नगरीय उत्सर्ग-कागज, काँच, धात्विक पात्र (डिब्बे), प्लास्टिक, रैशें, खाद्य अपशिष्ट, रबर, रंजक, पेण्ट आदि ठोस नगरीय उत्सर्ग हैं जो मृदा को अनेक प्रकार से संदूषित कर उसका बड़े पैमाने पर प्रदूषण करते हैं। तरल नगरीय उत्सर्गों में घुले हुए कार्बनिक एवं अकार्बनिक रसायन, तेल, ग्रीस, विषैले पदार्थ आदि होते हैं जो मृदा में फैलकर उसे संदूषित करते हैं। इन उत्सर्गों में रोगकारी जीव भी होते है जो रोग फैलाते हैं।
- कृषि गतिविधियाँ-रासायनिक उर्वरकों व पीड़क नाशियों का अविवेक पूर्ण अन्धाधुन्ध उपयोग तथा अतिशय सिंचाई से मृदा मलाक्रान्त होती है और उसके पोषकों का अपक्षालन होता है। इससे मृदा की उर्वरता नष्ट होती है।
प्रश्न 4.
जलीय चक्र क्या है? चित्र द्वारा समझाइए।
उत्तर:
वह प्रक्रिया जिसके द्वारा जल, जलवाष्प बनता है। और वर्षा के रूप में सतह पर गिरता है और फिर नदियों के द्वारा समुद्र में पहुँच जाता है, जलीय चक्र कहलाता है।
प्रश्न 5.
ग्रीन हाउस प्रभाव क्या है ? समझाइए।
उत्तर:
ग्रीन हाउस प्रभाव सूर्य द्वारा उत्सर्जित विकिरण वायुमण्डल में प्रवेश करती है। तथा पृथ्वी तल से टकराकर परावर्तित होती है। वायुमण्डल में उपस्थित CO2 गैस एवं कुछ अन्य गैसें पृथ्वी से परावर्तित विकिरणों को कुछ सीमा तक वायुमण्डल के ऊपरी भाग में रोकती हैं या परावर्तित विकिरणों को अवशोषित कर लेती हैं। इससे वायुमण्डल के तापमान में वृद्धि हो जाती है। वायुमण्डलीय गैसों द्वारा पृथ्वी से परावर्तित विकिरणों का अवशोषण कर लेने के कारण वायुमण्डल का गर्म होना ग्रीन हाउस प्रभाव कहलाता है। CO2 एक ग्रीन हाउस प्रभाव वाली गैस हैं जो वायुमण्डल की ऊष्मा या ताप में वृद्धि कर वैश्विक ऊष्मीकरण (ग्लोबल वार्मिंग) की स्थिति उत्पन्न कर रही है। यदि यह अधिक बढ़ जाए तो पर्वतों तथा ध्रुवों पर जमी बर्फ पिघलने लगेगी जिससे तटीय क्षेत्रों में बाढ़ भी आ सकती हैं।
प्रश्न 6.
प्रकृति में कार्बन चक्र को चित्र सहित समझाइए।
उत्तर:
कार्बन चक्र
कार्बन पृथ्वी पर बहुत सी अवस्थाओं में पाया जाता है। यह अपने मूल रूप में हीरा और ग्रेफाइट में पाया जाता है। यौगिक के रूप में। यह वायुमण्डल में कार्बन डाइऑक्साइड के रूप में, विभिन्न प्रकार के खनिजों में कार्बोनेट और हाइड्रोजन कार्बोनेट के रूप में पाया जाता है। जबकि सभी जीव रूप कार्बन आधारित अणुओं; जैसे- प्रोटीन, कार्वोहाइड्रेट्स, वसा, न्यूक्लिक अम्ल और विटामिन पर आधारित होते हैं। बहुत सारे जन्तुओं के बाहरी और भीतरी
कंकाल भी कार्बोनेट लवणों से बने होते हैं। प्रकाश संश्लेषण की क्रिया सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में उन सभी पौधों में होती हैं जिनमें क्लोरोफिल होता है। इस मूल क्रिया द्वारा कार्बन जीवन के विभिन्न प्रकारों में समाविष्ट होता है। यह प्रक्रिया वायुमण्डल में या जल में घुले कार्बन डाई ऑक्साइड को ग्लूकोस अणुओं में बदल देती है। ये ग्लूकोस अणु या तो दूसरे पदार्थों में बदल दिये जाते हैं या ये दूसरे जैविक रूप में महत्त्वपूर्ण अणुओं के संश्लेषण के लिए ऊर्जा प्रदान करते हैं।
जीवित प्राणियों को ऊर्जा प्रदान करने की प्रक्रिया में ग्लूकोस का उपयोग होता है, श्वसन की क्रिया द्वारा ग्लूकोस को कार्बन डाइ ऑक्साइड में बदलने के लिए ऑक्सीजन का उपयोग हो सकता है और वह भी। यह कार्बन डाइ ऑक्साइड (CO2) वायुमण्डल में वापस चली जाती है। ॥