RBSE Solutions for Class 10 English Supplementary Reader Chapter 9 Uttankas Gurudakshina
RBSE Solutions for Class 10 English Supplementary Reader Chapter 9 Uttankas Gurudakshina
Rajasthan Board RBSE Class 10 English Supplementary Reader Chapter 9 Uttanka’s Gurudakshina
Textbook Questions Solved
Comprehension
A. Tick the correct alternative:
Question 1.
In which ceremony did the mistress wish to wear the ear-rings?
(a) marriage
(b) a feast
(c) fair
(d) fashion show
Answer.
(b)
Question 2.
When Uttanka started his journey, he saw a
(a) huge bull
(b) horse
(c) snake
(d) eagle
Answer.
(a)
Question 3.
Suddenly the man changed into …………. and went into a hole in the ground.
(a) an insect
(b) a rat
(c) a snake
(d) a horse
Answer.
(C)
Question 4.
Two women were weaving a piece of cloth with …………. threads.
(a) red and blue
(b) brown and pink
(c) yellow and green
(d) black and white
Answer.
(d)
B. State whether the statements given below are True (T) or False (F):
Question 1.
Uttanka lived in the palace.
Answer.
False
Question 2.
The queen gave the ear-rings to Uttanka willingly.
Answer.
True
Question 3.
A big hole was formed by thunderbolt in the ground.
Answer.
True
Question 4.
The Serpent King did not returm the ear-rings.
Answer.
False
C. Answer the following questions in about 20 25 words each:
Question 1.
Where did Uttanka live?
उत्तंक कहाँ रहता था?
Answer.
Uttanka lived in a forest hermitage which were made of mud and straw.
उत्तंक जंगल में एक कुटिया में रहता था। उसकी कुटिया मिट्टी और फूस से बनी थी।
Question 2.
What was the wish of Uttanka’s mistress?
उत्तंक के सामने उसकी गुरुमाता ने कौन-सी इच्छा FILE ?
Answer.
The wish of Uttanka’s mistress was to wear the ear-rings of the queen in a feast which was to be held after four days.
उत्तंक की गुरुमाता चाहती थी कि वह रानी के कानोंका बाला एक उत्सव में पहने। यह उत्सव चार दिन बाद होने वाला था।
Question 3.
What did the man on the huge bull offer Uttanka?
एक बड़े से भैंसे पर बैठे आदमी ने उत्तंक को क्या दिया?
Answer.
The man on the huge bull offered Uttanka a cup full of dirty water and assured that it will give him strength on his way.
विशाल भैंसे पर बैठे आदमी ने उत्तंक को गंदे पानी से भरा एक प्याला पीने को दिया और कहा कि इसे पी जाओ। यह पानी तुम्हें तुम्हारे मार्ग में चुनौतियों का सामना करने की शक्ति प्रदान करेगा।
Question 4.
Where did Uttanka place the ear rings?
उत्तंक ने कानों का बाला कहाँ रखा?
Answer.
Uttanka placed the ear-rings on the ground besides him when he stopped to rest by leaning against the trees.
उत्तंक जब आराम करने के लिए रुका तो उसने कानों के बाले को अपने नजदीक धरती पर रख दिया और एक पेड़ के तना के सहारे अपना पीठ टिका कर आराम करने लगा।
Question 5.
Who took away the ear-rings?
कानों का बाला लेकर कौन भागा?
Answer.
The serpent king took away the ear rings. He had been coveting for these rings from a long time
साँपों का राजा कानों का बाला लेकर भाग गया। उसने उस बाले को वर्षों से कुण्डली मार कर अपने पास छिपाकर रखा था।
D. Answer the following questions in about 30 40 words each:
Question 1.
Why was Uttanka filled with sorrow on hearing the wish of his mistress?
अपनी गुरुमाता की इच्छा को जानकर उत्तंक क्यों उदास हो गया?
Answer.
Uttanka was filled with sorrow on hearing a wish of his mistress because he did not expect that the mistress will be so greedy to ask for the ear-rings of the queen. He had only four days to get the ear-rings as the mistress wanted to wear them in a feast to be held in the coming four days.
अपनी गुरुमाता की इच्छा को जानकर उत्तंक को काफी दुख हुआ क्योंकि उसे इस बात की आशा नहीं थी कि गुरुमाता अपने लिए रानी के कानों का बाला पाने को इतना लालायित है। उसके पास मात्र चार ही दिन बचे थे जैसा कि गुरुमाता ने कहा था कि वह उस बाले को आने वाले त्योहार के दिन पहनना चाहती है जिसमें मात्र चार ही दिन बचे थे।
Question 2.
Why could Uttanka not find the queen in her chamber at first?
उत्तंक ने पहली बार रानी को उसके कमरे में क्यों नहीं पाया?
Answer.
Uttanka did not find the queen in her chamber at first as the king wanted him to wash and clean the dust from his clothes, and dirt and stain from his hands and feet.
उत्तंक को पहली बार रानी इसलिए नहीं मिली क्योंकि राजा चाहता था कि वह पहले अपने कपड़ों पर जमे धूल की परत को हटाए और अपने गंदे हाथ-पैर को धोए और उसपर पड़े मैल के निशान को मिटाए।
Question 3.
What was the queen’s advice to Uttanka?
उत्तंक को रानी ने क्या सलाह दिया था?
Answer.
When the queen willingly gave her ear rings to Uttanka, she advised him to be cautious of the serpent king. She alerts him that these ear-rings have long been coveted by the serpent king.
रानी ने जब बेहिचक अपने कानों का बाला उतार कर उत्तंक को दिया तो उन्होंने उसे सलाह देते हुए कहा था कि उस साँपों के राजा से सावधान रहना। उसने उसे सतर्क करते हुए कहा था कि यह कानों का बाला लंबे समय से साँपों के राजा द्वारा कुण्डली के अंदर छिपाकर रखा था।
Question 4.
How did the teacher interpret Uttanka’s various adventures?
उत्तंक के चकित करने वाले विभिन्न कृत्य का गुरु ने किस प्रकार से व्याख्या किया?
Answer.
When Uttanka relates his adventures to his teacher, he confirms him that the dirty water he drank was ambrosia, that will give him youth forever. The two young women were night and day who weaves black and white thread. The wheels with twelve spokes is the year with its twelve months and the boys, the seasons. The man was the God of Rain and horse was the God of fire.
उत्तंक ने जब अपने साथ घटी विभिन्न घटनाओं को अपने गुरु से बताया तो उन्होंने उसे बताया कि जो गंदा पानी तुमने पिया था वह वास्तव में अम्बरोसिया था, जिसने तुम्हें चिर यौवन देने का काम किया। दो जवान औरतें जो काले और सफेद धागों से कपडे सिल रही थीं, क्रमशः रात और दिन थी। बारह कीलों वाला चक्का एक वर्ष और उसके बारह महीने थे, और जो छह लड़के उसे घुमा रहे थे वे वर्ष में होनेवाली छह ऋतुएं थीं। वह आदमी वरुण देवता (वर्षा का देवता) और घोड़ा अग्नि देवता थे।
Question 5.
What wisdom and truth did Uttanka finally realize?
अंतत: उतंक ने किस सत्य और ज्ञान को पाया?
Answer.
Uttanka finally realized that the world has been created for his living. He had been bestowed with eternal youth, the God of Rain and Fire are there to help him in his survival and great fortune was to come his way. This was all because of his devotion and love he had shown to his master and mistress.
उत्तंक ने अंत में अनुभव किया कि यह संसार उसके जीने के लिए बना है। अपने चिर यौवन के साथ उसे समर्पित हो जाना है और जहाँ कहीं भी उसके जीवन पथ पर कठिनाइयाँ उसके सामने आती है वहाँ उसकी सहायता और भाग्योदय के लिए अग्नि देवता और वरुण देवता हैं। ये सभी उसके साथ इसलिए हैं क्योंकि उसका अपने गुरु और गुरुमाता के प्रति अनन्य प्रेम और समर्पण है।
Question 6.
How did Uttanka humble the Serpent King?
उत्तंक साँपों के राजा के प्रति किस प्रकार कृतज्ञ था?
Answer.
Uttanka was helped by an old man who dug a big hole for him to enter the serpent’s kingdom. He bowed respectfully to the house to get the serpent under his power. He blew the horse so hard that every hair darted a flame that shot fire in the serpent’s kingdom. Seeing this all the serpents shouted loudly to return the ear-rings and so he did.
एक बूढ़े आदमी ने उत्तंक की सहायता करते हुए जमीन में एक बड़ा सा छेद बना दिया ताकि वह साँपों के राजा के राज्य में पहुँच सके। वह उसके घर में सम्मान के साथ झुक कर गया ताकि उसे अपनी शक्ति के अधीन किया जा सके। वह घोड़े पर इतने जोर से चूंसा मार रहा था कि उसके शरीर से टूटे हर बाल के कारण उसके (राजा) राज्य में आग लगने लगी। यह देख सभी साँप जोर-जोर से अपने राजा क सामने कानों का बाला लौटाने के लिए चिल्लाने लगे जिसके परिणामस्वरूप वह ऐसा करने के लिए विवश हो गया।
E. Answer the following questions in about 60 80 words each:
Question 1.
Describe Uttanka’s appearance when the king saw him?
राजा ने जिस समय उत्तंक को देखा उसके उस समय के स्वरूप का वर्णन करें?
Answer.
Uttanka stood boldly in front of the king who sat upon the royal throne. He had dust of travel upon his clothes, his hand and feet were dirty and stained.
उत्तंक राजा के सामने, जो उस समय राजसिंहासन पर बैठा था (आत्मविश्वास से पूर्ण दृढ़ता के साथ खड़ा था। उसके कपड़ों पर यात्रा के धूल जमे हुए थे, उसके हाथ और पैर मैले कुचैले और गंदे थे और उसपर गंदगी के निशान जमे हुए थे।
Question 2.
Explain how Uttanka managed to fulfill the wish of his mistress?
किस प्रकार उत्तंक ने अपनी गुरुमाता की इच्छा को पूरा किया?
Answer.
Initially Uttanka feels dismayed by his mistress wish of ear-rings of the queen in four days. Nevertheless he set out through the forest to see the king of the city. He respectfully requested the king and queen for the ear-rings. The queen gave him her sparkling ear-rings willingly. She warns him of the serpent king who has long coveted these ear-rings. He went through many hurdles but finally because of his devotion and courage was able to manage to give the earrings for his mistress.
गुरुमाता ने जब उत्तंक से आनेवाले उत्सव में रानी के कानों का बाला पहनने की इच्छा के बारे में बताया. तो उसे सुन कर पहले तो वह उदास हो गया। यद्यपि वह राजा से मिलने जंगल के रास्ते से होता हुआ शहर पहुँचा। सम्मान के साथ उसने राजा और रानी से कानों का बाला देने का आग्रह किया। रानी ने उसे अपने कानों का चमकदार बाला तत्परता के साथ दे दिया। उसने उसे साँपों के राजा के बारे में आगाह भी किया जिसने लंबे समय से उस बाले को अपने कुण्डली में छिपा कर रखा था। इस क्रम में उसे अनेक बाधाओं का सामना करना पड़ा लेकिन अंत में वह अपनी गुरुमाता को अपने अदम्य साहस और गुरु के प्रति समर्पण की भावना का परिचय देते हुए वह बाला लाकर देने में सफल रहा।
Question 3.
What is the moral of the story Uttanka’s Gurudakshina?
उत्तंक की गुरुदक्षिणा’ कहानी हमें क्या शिक्षा देती
Answer.
‘Uttanka’s Gurudakshina’ is an story taken from the Hindu mythology, Mahabharata. It educates us to be respectful and devoted to our teachers and their teachings. It also shows a path of courage, confidence, honesty, faithfulness and sincerity. A person with all such qualities is always loved and like by Gods. Such people are always under the shelter of God’s blessing.
‘उत्तंक की गुरुदक्षिणा’ शीर्षक कहानी हिंदू पौराणिक पर आधारित महाकाव्य ‘महाभारत’ से लिया गया है। यह हमें सिखाती है कि हम अपने गुरु (शिक्षक) और उनके द्वारा दिए गए शिक्षा का सदा सम्मान करें और उनके प्रति समर्पित रहें। इसके साथ ही यह हमें ईमानदारी, साहस, आत्मविश्वास, दृढ़ विश्वास और लगन की भी शिक्षा देती है। एक आदमी जिसमें ये सारे गुण होते हैं निश्चय ही वह ईश्वर का भी प्रिय होता है। ऐसा व्यक्ति सदा ईश्वर की छत्रछाया में रहता है।
Activity
Question 1.
Explain the significance of mythology. Tell the class other mythological stories you have read.
पौराणिक कथा की उपयोगिता का वर्णन करें। अपनी कक्षा के छात्रों को ऐसी ही कोई अन्य पौराणिक कहानी सुनाएँ जो आपने पढ़ी है?
Answer.
Mythology is the study of myths that signify a culture or religious beliefs. It portrays the real picture of truth of life and answers many questions of human life. It shows many examples of real situations from the epics which still fascinates us and educates us to lead our life on a correct path. The story of a sacrifice: Once upon a time, the Bodhisattva was born as a scholar and mastered all the scriptures. He became an ascetic and had a number of disciples.
One day, while the Bodhisattva was walking through the forest with his disciple Ajita, he saw a hungry tigress about to eat her own cubs. Deeply moved, the Bodhisattva decided to offer himself as food for the tigress. He feared that his disciple would stop him from sacrificing his life and so the Bodhisattva sent Ajita away on an errand and placed himself in front of the tigress. “Grr…” growled the tigress and ripped the Bodhisattva apart. She and her cubs fed on him ravenously. When Ajita returned and saw his master’s blood-stained clothes, he shouted out in terror, “God Lord! These are the Master’s clothes. That means these creatures must have fed on him!” With a heavy heart Ajita returned to narrate how his master had sacrificed his own life out of charity and compassion.
पौराणिक अथवा शास्त्रीय गाथाएँ धार्मिक अथवा सांस्कृतिक विश्वास पर आधारित मिथक हैं। यह जीवन के कटुसत्य को हमारे सामने रखता है और उससे उठने वाले प्रश्नों का उत्तर भी देता है। यह हमारे सामने महाकाव्यों के माध्यम से ऐसे अनेक उदाहरण पेश करता है जो हमें आज भी अपने जीवन के प्रति मोहित कर उसे सही दिशा में ले जाने के लिए शिक्षित करता है। बलिदान की एक कथा: एक समय की बात है, विभिन्न धर्मग्रंथों में एक विद्वान और शिक्षक बोधिसत्व के जन्म की गाथा कही गई है। वे एक तपस्वी थे और उनके अनेक शिष्य भी थे। एक दिन बोधिसत्व अपने शिष्य अजीत के साथ जंगल में घूम रहे थे, तभी उसने एक भूखी बाघिन को देखा जो अपने ही बच्चे को खानेवाली थी। अंदर से द्रवित बोधिसत्व ने उस भूखी बाघिन के भोजन के लिए स्वयं को समर्पित करने का निर्णय किया।
उन्हें भय था कि उनका शिष्य अजीत उन्हें बाघिन के सामने स्वयं को भोजन के | रूप में अपना जीवन समर्पित करने से रोकेगा इसलिए बोधिसत्व ने अजीत को उसके लिए भोजन की कोई | वस्तु लाने के लिए भेज दिया और स्वयं उस बाघिन | के सामने उसका भोजन बनने के लिए आ गए। गर्र से वह बाघिन गुर्राई और बोधिसत्व को एक ओर | से खाने लग गई। वह और उसके बच्चे उनके शरीर | को भक्खड की तरह नोच-नोचकर खाने लगे। जब अजीत वापस लौटा तो उसने अपने गुरु के खून से लथपथ कपड़ों को देखा और वह भय से भयभीत हो चिल्ला पड़ा, “हे भगवान! हे ईश्वर! यह तो मेरे गुरु के कपड़े हैं। इसका मतलब यह है कि निश्चय ही इस हिंसक जीव ने मेरे गुरु को खा लिया है।” भारी मन से वापस लौटकर आए अजीत ने सभी को अपने | गुरु की दयालुता और दान की भावना से ओत-प्रोत | त्याग की गाथा बताई।