RBSE Class 10 Hindi Vyakaran प्रत्यय
RBSE Class 10 Hindi Vyakaran प्रत्यय
RBSE Class 10 Hindi Vyakaran प्रत्यय
परिभाषा – वे शब्दांश जो किसी मूल शब्द के अन्त में लगकर उनके अर्थ में परिवर्तन या विशेषता उत्पन्न करते हैं, उन्हें प्रत्यय कहते हैं। जैसे –
- रंग + ईला = रंगीला।
- लघु + अव = लाघव।
- लोहा + आर = लोहार।
इन उदाहरणों में मूल शब्द के साथ प्रत्यय जोड़कर नये शब्द बनाये गये हैं, जो अर्थ में परिवर्तन या विशेषता उत्पन्न कर रहे हैं। इसी प्रकार संज्ञा, विशेषण और क्रिया में प्रत्यय जोड़ने पर हिन्दी में असंख्य शब्दों की रचना की जाती है।
हिन्दी में संस्कृत के, हिन्दी के और विदेशी भाषाओं के अनेक प्रत्यय जुड़ते हैं, जिनसे अनेक नवीन शब्दों का निर्माण होता है।
संस्कृत के प्रत्यय –
संस्कृत के प्रत्यय दो प्रकार के होते हैं – (1) कृदन्त और (2) तद्धित।
1. कृदन्त प्रत्यय जो शब्दांश धातुओं के अन्त में जुड़ते हैं, उन्हें कृत् या कृदन्त प्रत्यय कहते हैं। धातु या क्रिया के अन्त में प्रत्यय के जुड़ने से बनने वाले शब्द संज्ञा या विशेषण होते हैं। कृदन्त (कृत्) प्रत्यय मूल धातु रूप के साथ लगाकर संज्ञा और विशेषण शब्दों का निर्माण करते हैं। कृदन्त प्रत्यय के निम्नलिखित तीन भेद होते हैं –
- कर्तृवाचक कृदन्त
- विशेषणवाचक कृदन्त
- भाववाचक कृदन्त।
(i) कर्त्तवाचक कृदन्त – ये कृत् प्रत्यय धातु के अन्त में लगकर कर्त्तावाचक (क्रिया का करने वाला) शब्द का निर्माण करते हैं। यथा –
प्रत्यय निर्मित-शब्द
- तृ (ता) – दाता, वक्ता, कर्ता, नेता, भ्राता, पिता।
- अक – पाठक, लेखक, पालक, विचारक।
- उक – भिक्षुक, भावुक।
- उ – भिक्षु, इच्छु, साधु।
- उर – भासुर, भंगुर।
(ii) विशेषणवाचक कृदन्त – ये कृत् प्रत्यय विशेषण का अर्थ प्रकट करने वाले शब्दों का निर्माण करते हैं। यथा –
- त – आगत, लिखित, पठित, कृत।
- तव्य – कर्तव्य, गन्तव्य, ध्यातव्य।
- य – योग्य, पूज्य, स्तुत्य, खाद्य, पेय, देय।
- अनीय – पठनीय, पूजनीय, स्मरणीय, उल्लेखनीय।
- इत् – अंकित, कुपित, चिंतित, पतित, त्रुटित, प्रेरित।
(iii) भाववाचक कृदन्त – ये धातुओं से भाववाचक संज्ञाओं का निर्माण करते हैं। यथा –
- अन – लेखन, सम्पादन, हवन, गमन, श्रवण, चलन, जलन।
- ति – गति, मति, रति, कृति, शक्ति।
- अ – जय, समझ, लेख, विचार। अना
- अना – अर्चना, कामना, कल्पना, वेदना, योजना।
- आ – अभिलाषा, दीक्षा, तृष्णा, गुहा, निंदा।
- इ – मति, प्रीति, दीप्ति, शांति, सृष्टि।
- न – लीन, मग्न, यत्न, स्वप्न, प्रश्न।
2. तद्धित प्रत्यय-जो प्रत्यय संज्ञा शब्दों के अन्त में जुड़ते हैं, उन्हें तद्धित प्रत्यय कहते हैं और उनसे बनने वाले शब्दों को ‘तद्धितान्त’ कहते हैं। तद्धित प्रत्यय के कुछ प्रमुख भेद इस प्रकार हैं
- भाववाचक तद्धित प्रत्यय
- सम्बन्धवाचक तद्धित प्रत्यय
- अपत्यवाचक तद्धित प्रत्यय
- पूर्णतावाचक तद्धित प्रत्यय
- तारतम्यवाचक तद्धित प्रत्यय
- गुणवाचक तद्धित प्रत्यय
(i) भाववाचक तद्धित प्रत्यय : भाववाचक तद्धित से भाव प्रकट होता है। इसमें प्रत्यय लगने पर आदि-स्वर की वृद्धि हो जाती है। जैसे –
प्रत्यय निर्मित-शब्द
- अव – लाघव, गौरव, पाटव।
- त्व – महत्त्व, गुरुत्व, लघुत्व, अपनत्व, स्त्रीत्व, अमरत्व।
- ता – गुरुता, मनुष्यता, समता, कविता, मानवता।
- इमा – महिमा, गरिमा, अणिमा, लघिमा, कालिमा।
- य – पांडित्य, चातुर्य, माधुर्य, सौन्दर्य।
- अक – मीमांसक, शिक्षक
- इक – तार्किक, आलंकारिक वैदिक
- आमह – पितामह, मातामह
(ii) सम्बन्धवाचक तद्धित प्रत्यय : सम्बन्धवाचक तद्धित से सम्बन्ध का बोध होता है। इसमें भी कहीं पर आदि-स्वर की वृद्धि हो जाती है। जैसे –
प्रत्यय निर्मित-शब्द
- अ – शैव, वैष्णव, तैल,.पार्थिव।
- इक – लौकिक, धार्मिक, वार्षिक, ऐतिहासिक।
- इम – स्वर्णिम, अन्तिम, रक्तिम।
- इत – लिखित, पीड़ित, प्रचलित, दुःखित, मोहित।
- इल – जटिल, फेनिल, सलिल, पंकिल, धूमिल।
- ईय – राष्ट्रीय, राजकीय, प्रान्तीय, नाटकीय, भवदीय।
- ईन – कुलीन
- इन – मलिन, कठिन उल
- उल – पृथुल, मातुल
(iii) अपत्यवाचक तद्धित प्रत्यय : इनमें अपत्य अर्थात् सन्तान या वंश में उत्पन्न हुए व्यक्ति का बोध होता है। अपत्यवाचक तद्धित प्रत्यय में भी कहीं पर आदि स्वर की वृद्धि हो जाती है। जैसे
- अ – पार्थ, पाण्डव, कौशिक, भार्गव।
- इ – दाशरथि, मारुति, सौमित्रि।
- य – गालव्य, पौलस्त्य, मांडूक्य।
- एय – वार्ष्णेय, कौन्तेय, गांगेय, राधेय।
(iv) पूर्णतावाचक तद्धित प्रत्यय : इसमें संख्या की पूर्णता सूचित की जाती है। जैसे –
- म – प्रथम, पंचम, सप्तम, नवम, दशम।
- थ – चतुर्थ।
- तीय – द्वितीय, तृतीय।
(v) तारतम्यवाचक तद्धित प्रत्यय : दो या दो से अधिक वस्तुओं में श्रेष्ठता बतलाने के लिए तारतम्यवाचक तद्धित प्रत्यय लगता है। जैसे –
- तर – अधिकतर, गुरुतर, लघुतर।
- तम – सुन्दरतम, अधिकतम, लघुतम।
- ईय – गरीय, वरीय, लघीय।
- इष्ठ – गरिष्ठ, वरिष्ठ, कनिष्ठ।
- इयस् – श्रेयस
(vi) गुणवाचक तद्धित प्रत्यय : गुणवाचक तद्धित से संज्ञा शब्द गुणवाची बन जाते हैं। जैसे –
- वान – धनवान, गुणवान, बलवान, विद्वान।
- मान – बुद्धिमान, शक्तिमान, गतिमान, आयुष्मान।
- त्य – पाश्चात्य, पौर्वात्य, दाक्षिणात्य।
- आलु – कृपालु, दयालु, शंकालु।
- क्रोधी, धनी, लोभी, मानी।
विशेष – ‘वान’ और ‘मान’ प्रत्यय के पुल्लिंग रूप धनवान, बलवान, श्रीमान् आदि होते हैं, उसके स्त्रीलिंग के रूप ‘वती’ और ‘मती’ जोड़कर बनाये जाते हैं। जैसे – धनवती, गुणवती, बलवती, श्रीमती, बुद्धिमती, शक्तिमती, आयुष्मती आदि। –
हिन्दी के प्रत्यय :
संस्कृत की तरह ही अनेक प्रत्यय हिन्दी के भी प्रयुक्त होते हैं। ये प्रत्यय यद्यपि कृदन्त और तद्धित की तरह जुड़ते हैं, परन्तु मूल शब्द हिन्दी के तदभव या देशज होते हैं। हिन्दी के सभी प्रत्ययों को निम्न वर्गों में सम्मिलित किया जाता है –
- कर्तृवाचक
- भाववाचक
- सम्बन्धवाचक
- लघुतावाचक
- गणनावाचक
- सादृश्यवाचक
- गुणवाचक
- स्थानवाचक।
1. कर्तृवाचक : जिनसे किसी कार्य के करने वाले का बोध होता है, वे कर्तृवाचक प्रत्यय कहलाते हैं। जैसे –
- प्रत्यय निष्पन्न शब्द-रूप
- आर – सोनार, लोहार, चमार, कुम्हार।
- आरी – पुजारी, जुआरी, भिखारी।
- ओरा – चटोरा, खदोरा, नदोरा।
- इया – दुखिया, सुखिया, रसिया, गड़रिया।
- इयल – मरियल, सड़ियल, दढ़ियल।
- ई – तेती, टोली, सोनी।
- एरा – सपेरा, लुटेरा, कसेरा, चटेरा।
- कार – कथाकार, चित्रकार, कलाकार, स्वर्णकार, पत्रकार, नाटककार।
- वाला – घरवाला, ताँगेवाला, झाडूवाला, मोटरवाला।
- वैया (ऐया) – गवैया, नचैया, रखवैया, खिवैया।
- हारा – लकड़हारा, पनिहारा।
2. भाववाचक : जिनसे किसी भाव का बोध होता है, वे भाववाचक प्रत्यय कहलाते हैं। जैसे –
- आ – प्यासा, भूखा, झगड़ा, सर्राफा।
- आई – मिठाई; रंगाई, सिलाई, सफाई, पढ़ाई, भलाई।
- आका – धमाका, धड़ाका, भड़ाका।
- आपा – मुटापा, बुढ़ापा, रँडापा, पुजापा।
- आहट – चिकनाहट, कड़वाहट, घबड़ाहट, गरमाहट।
- आस – मिठास, खटास, निरास, भड़ास।
- गरमी, सर्दी, मजदूरी, पहाड़ी, गरीबी, खेती।
- त्व – गुरुत्व, लघुत्व, बन्धुत्व।
- ता – गुरुता, मित्रता, मधुरता, सुन्दरता।
- पन – लड़कपन, बचपन, गँवारपन।
3. सम्बन्धवाचक : जिनसे सम्बन्ध का भाव व्यक्त होता है, वे सम्बन्धवाचक प्रत्यय कहलाते हैं। जैसे –
- आई – बहनोई, ननदोई, रसोई, पण्डिताई। आड़ी खिलाड़ी, पहाड़ी, अनाड़ी।
- आड़ी – चचेरा, ममेरा, मौसेरा, फुफेरा, लखेरा, सपेरा।
- एड़ी – भँगेड़ी, गजेड़ी, नशेड़ी।
- आरी – लुहारी, सुनारी, मनिहारी।
- आल – ननिहाल, ससुराल।
4. लघुतावाचक : जिससे लघुता या न्यूनता का बोध होता है, वे लघुतावाचक प्रत्यय कहलाते हैं। जैसे –
- ई – रस्सी, टोकरी, कटोरी, ढोलकी, गरीबी, घंटी, चाची।
- इया – बिटिया, खटिया, लुटिया, डिबिया, पुड़िया।
- ड़ा – मुखड़ा, दुखड़ा, चमड़ा।
- ओला – खटोला, मझोला, फफोला।
- ड़ी – टुकड़ी, पगड़ी, बछड़ी।
5. गणनावाचक : जिनसे गणनावाचक संख्या का बोध होता है, वे गणनावाचक प्रत्यय कहलाते हैं। जैसे –
- था – चौथा।
- रा – दूसरा, तीसरा।
- ला – पहला।
- वाँ – पाँचवाँ, दसवाँ, सातवाँ।
- हरा – इकहरा, दुहरा, तिहरा।
6. सादृश्यवाचक : जिनसे सादृश्य या समता का बोध होता है, उन्हें सादृश्यवाचक प्रत्यय कहते हैं। जैसे –
- सा – मुझ-सा, तुझ-सा, नील-सा, चाँद-सा, गुलाब-सा।
- हरा – दुहरा, तिहरा, चौहरा, रूपहरा, सुनहरा।
7. गुणवाचक : जिनसे किसी गुण का बोध होता है, वे गुणवाचक प्रत्यय कहलाते हैं। जैसे –
- आ – मीठा, ठंडा, प्यासा, भूखा, प्यारा।
- इन – कठिन, मलिन।
- इक – मानसिक, दैविक, मौलिक, नैतिक।
- ईला – लचीला, गँठीला, सजीला, रंगीला, चमकीला, रसीला।
- ईय – जातीय, मानवीय, भारतीय, राष्ट्रीय। ऐला
- ऐला – मटमैला, कषैला, विषैला।
- आऊ – बटाऊ, पंडिताऊ, नामधराऊ, खटाऊ।
- वन्त – कलावन्त, कुलवन्त, दयावन्त।
8. स्थानवाचक : जिनसे स्थान का बोध होता है, वे स्थानवाचक प्रत्यय कहलाते हैं। जैसे –
- ‘ई’ – पंजाबी, गुजराती, मराठी, अजमेरी, बीकानेरी, बनारसी, कानपुरी, कोल्हापुरी, जोधपुरी।
- इया – अमृतसरिया, जयपुरिया, भरतपुरिया, पूर्णिया।
- आना – हरियाना, राजपूताना, तेलंगाना।
विदेशी प्रत्यय :
हिन्दी में उर्दू के ऐसे प्रत्यय प्रयुक्त होते हैं, जो मूल रूप से अरबी और फारसी भाषा से अपनाये गये हैं। ऐसे कुछ प्रत्यय यहाँ दिये जा रहे हैं
- गर – जादूगर, कारीगर, बाजीगर, शोरगर।
- चा – गलीचा, बगीचा, चमचा।
- ची – खजांची, मशालची, तोपची।
- खाना – दवाखाना, छापाखाना, डाकखाना।
- दार – मालदार, दुकानदार, जमींदार।
- दान – कलमदान, पीकदान, धूपदान।
- वान – कोचवान, बागवान, दरवान।
- इन्दा – परिन्दा, शर्मिन्दा, चुनिन्दा, बाशिन्दा।
- इश – पैदाइश, फरमाइश, पैमाइश।
- कार – काश्तकार, पैरोकार, पेशकार, सरोकार।
- खोर – जमाखोर, सूदखोर, आदमखोर, मुफ्तखोर।
- नामा – हलफनामा, मुख्तारनामा, सुलहनामा।
- मेजपोश, नकाबपोश, सफेदपोश, पलंगपोश।
- बन्द – बिस्तरबन्द, बाजूबन्द, कलमबन्द, बख्तरबन्द।
- गार – रोजगार, यादगार, कामगार, मददगार।
- इस्तान – कब्रिस्तान, तुर्किस्तान, नखलिस्तान।
- बाज – नशेबाज, दगाबाज, धोखेबाज।
- मन्द – दौलतमन्द, जरूरतमन्द, अक्लमन्द।
अभ्यास प्रश्न
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
मूल शब्द में जुड़े हुए प्रत्यय का सही विकल्प है –
(क) मानव + ईय + ता
(ख) मानव + ईयता
(ग) मान + वीय + ता
(घ) मानवी + यता।
उत्तर:
(क) मानव + ईय + ता
प्रश्न 2.
मूल शब्द और उसमें जुड़े प्रत्यय का सही विकल्प है –
(क) लौक + इकता
(ख) लोक + इक + ता
(ग) लौकिक + इता
(घ) लौकिकता + आ।
उत्तर:
(ख) लोक + इक + ता
प्रश्न 3.
‘इन’ प्रत्यय जुड़ने से बना हुआ शब्द है –
(क) मानिनी
(ख) चिन्तन
(ग) लुहारिन
(घ) सुहावन।
उत्तर:
(ग) लुहारिन
प्रश्न 4.
मूल शब्द में जुड़ने योग्य सही प्रत्यय है –
(क) पण्डित + त्य
(ख) पण्डित + त्व
(ग) पण्डित + य
(घ) पण्डित + ईय।
उत्तर:
(ग) पण्डित + य
प्रश्न 5.
‘ई’ प्रत्यय से निष्पन्न शब्द है –
(क) जयपुरी
(ख) टुकड़ी
(ग) बुहारी
(घ) देवरानी।
उत्तर:
(क) जयपुरी
प्रश्न 6.
‘ईन’ प्रत्यय से बना हुआ शब्द है –
(क) नाइनं
(ख) पंडिताईन
(ग) कुलीन
(घ) ठकुराइन
उत्तर:
(ग) कुलीन
प्रश्न 7.
‘ऐला’ प्रत्यय से बना हुआ शब्द है –
(क) मटमैला
(ख) लचीला
(ग) पहला
(घ) रंगीला
उत्तर:
(क) मटमैला
प्रश्न 8.
‘समाज’ शब्द में ‘इक’ प्रत्यय लगाने पर कौन-सा शब्द बनेगा?
(क) सामाजीक
(ख) समाजिक
(ग) सामाजिक
(घ) समजिक
उत्तर:
(ग) सामाजिक
प्रश्न 9.
‘कथा’ शब्द में ‘कार’ प्रत्यय लगाने पर कौन-सा शब्द बनेगा?
(क) कथकार
(ख) कथाकार
(ग) कथाकर
(घ) कथकर
उत्तर:
(ख) कथाकार
प्रश्न 10.
‘श्यामल’ शब्द में कौनसे प्रत्यय का प्रयोग हुआ है?
(क) मल
(ख) यामल
(ग) ल
(घ) अमल
उत्तर:
(ग) ल
प्रश्न 11.
‘पूजनीय’ शब्द में कौनसा प्रत्यय प्रयुक्त हुआ है?
(क) नीय
(ख) ईय
(ग) य
(घ) अनीय
उत्तर:
(घ) अनीय
प्रश्न 12.
‘गरीबी’ शब्द में कौनसा प्रत्यय प्रयुक्त हुआ है?
(क) ई
(ख) बी
(ग) इय
(घ) डी
उत्तर:
(क) ई
प्रश्न 13.
कोचवान, बागवान, दरवान शब्द किस प्रत्यय के उदाहरण है –
(क) दान
(ख) खान
(ग) वान
(घ) खाना
उत्तर:
(ग) वान
प्रश्न 14.
‘खटोला’ शब्द में मूलशब्द और प्रत्यय है –
(क) खाट + ओला
(ख) खाट + ऊला
(ग) खाट + औला
(घ) खाट + अऊला
उत्तर:
(क) खाट + ओला
प्रश्न 15.
‘कलाकार’ शब्द में मूल शब्द और प्रत्यय है –
(क) कल + कार
(ख) कला + कार
(ग) कला + कर
(घ) कलह + कार
उत्तर:
(ख) कला + कार
प्रश्न 16.
‘राष्ट्रीय’ शब्द में मूल शब्द और प्रत्यय है –
(क) राष्ट्र + अय
(ख) राष्ट्र + इय
(ग) राष्ट्र + ईय
(घ) रष्ट्र + इय
उत्तर:
(ग) राष्ट्र + ईय
प्रश्न 17.
‘गतिमान’ शब्द में मूल शब्द और प्रत्यय है –
(क) गति + मान
(ख) गति + मन
(ग) गत + मान
(घ) गति + मान
उत्तर:
(ख) गति + मन
प्रश्न 18.
कौनसा शब्द ‘अक’ प्रत्यय से नहीं बना हुआ है –
(क) चालक
(ख) पालक
(ग) कारक
(घ) बालक
उत्तर:
(ग) कारक
प्रश्न 19.
कौनसा शब्द ‘आहट’ प्रत्यय से नहीं बना हुआ है –
(क) चिकनाहट
(ख) कड़वाहट
(ग) गरमाहट
(घ) आहट
उत्तर:
(घ) आहट
प्रश्न 20.
कौनसा शब्द ‘आका’ प्रत्यय से नहीं बना हुआ है –
(क) धमाका
(ख) बुढ़ापा
(ग) धड़ाका
(घ) भड़ाका
उत्तर:
(ख) बुढ़ापा
प्रश्न 21.
कौनसा शब्द ‘इक’ प्रत्यय से नहीं बना हुआ है –
(क) मानसिक
(ख) दैविक
(ग) कठिन
(घ) नैतिक
उत्तर:
(ग) कठिन
प्रश्न 22.
जिन प्रत्ययों से किसी भाव का बोध होता है, वे कौनसे प्रत्यय कहलाते हैं –
(क) कर्त्तवाचक
(ख) भाववाचक
(ग) सम्बन्धवाचक
(घ) लघुतावाचक
उत्तर:
(ख) भाववाचक
प्रश्न 23.
निम्न में से ‘सम्बन्ध वाचक’ प्रत्यय कौनसा है?
(क) बहनोई
(ख) ननदोई
(ग) ममेरा
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 24.
निम्न में से ‘स्थानवाचक’ प्रत्यय कौनसा है?
(क) बीकानेरी
(ख) इकहरा
(ग) मीठा
(घ) गलीचा
उत्तर:
(क) बीकानेरी
प्रश्न 25.
लौकिक, धार्मिक, ऐतिहासिक किस प्रत्यय के उदाहरण हैं?
(क) इक
(ख) ईक
(ग) इय
(घ) ईय
उत्तर:
(क) इक
प्रश्न 26.
लिखित, प्रचलित, मोहित किस प्रत्यय के उदाहरण है? .
(क) इक
(ख) इत
(ग) ईय
(घ) इय
उत्तर:
(ख) इत
प्रश्न 27.
‘कृदन्त’ प्रत्यय के कितने भेद होते हैं
(क) दस
(ख) सात
(ग) पाँच
(घ) गती + मान
उत्तर:
(घ) गती + मान
प्रश्न 28.
वे प्रत्यय जो मूल धातु के साथ लगाकर संज्ञा और विशेषण शब्दों का निर्माण करते हैं?
(क) कृदन्त
(ख) तद्वित
(ग) विदेशी
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(क) कृदन्त
प्रश्न 29.
वे प्रत्यय जो संज्ञा शब्दों के अन्त में जुड़ते हैं, उन्हें कहते हैं –
(क) कृदन्त प्रत्यय
(ख) तद्धित प्रत्यय
(ग) विदेशी प्रत्यय
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ख) तद्धित प्रत्यय
प्रश्न 30.
निम्न में से गुणवाचक प्रत्यय युक्त शब्द कौनसा है?
(क) पाण्डव
(ख) अधिकतर
(ग) बुद्धिमान
(घ) गुरुत्तर
उत्तर:
(ग) बुद्धिमान
प्रश्न 31.
‘इक’ प्रत्यय से बना हुआ शब्द है –
(क) प्रत्येक
(ख) अनेक
(ग) अर्जित
(घ) आत्मक
उत्तर:
(घ) आत्मक
प्रश्न 32.
‘गर’ प्रत्यय से बनने वाले शब्दों में असंगत शब्द कौनसा है?
(क) जादूगर
(ख) नागर
(ग) कारीगर
(घ) बाजीगर
उत्तर:
(ख) नागर
प्रश्न 33.
राजपूताना, तेलंगाना, जयपुरी, अजमेरी शब्द कौनसे प्रत्यय के उदाहरण हैं?
(क) गुणवाचक
(ख) गणनावाचक
(ग) सादृश्यावाचक
(घ) स्थानवाचक
उत्तर:
(घ) स्थानवाचक
प्रश्न 34.
निम्नलिखित में से कौनसा शब्द प्रत्यय है?
(क) अ
(ख) इक
(ग) प्रति
(घ) उन
उत्तर:
(ख) इक
प्रश्न 35.
‘इक’ प्रत्यय के जुड़ने से ‘सप्ताह’ का रूप क्या होगा?
(क) सप्ताहिक
(ख) सप्तहिक
(ग) साप्ताहिक
(घ) साप्तहिक
उत्तर:
(ग) साप्ताहिक
प्रश्न 36.
शब्दों के अन्त में जुड़ने वाले शब्दांश होते हैं –
(क) प्रत्यय
(ख) उपसर्ग
(ग) कारक
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(क) प्रत्यय
प्रश्न 37.
प्रत्यय होते हैं –
(क) शब्दांश
(ख) वाक्यांश
(ग) शब्द
(घ) वर्ण
उत्तर:
(क) शब्दांश
प्रश्न 38.
‘आवा’ प्रत्यय से बना हुआ शब्द कौनसा नहीं है?
(क) चढ़ावा
(ख) भुलावा
(ग) लावा
(घ) दिखावा
उत्तर:
(ग) लावा
प्रश्न 39.
‘वैज्ञानिक’ शब्द में कौनसा प्रत्यय है?
(क) क
(ख) ईक
(ग) इक
(घ) निक
उत्तर:
(ग) इक
प्रश्न 40.
लकड़पन शब्द में कौनसा प्रत्यय है?
(क) कपन
(ख) पन
(ग) न
(घ) अन
उत्तर:
(ख) पन
अतिलघूत्तरात्मक-प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों में प्रत्यय बताइए राष्ट्रीय, बुढ़ापा, जयपुरिया, पूजनीय, पठित, महिमा।
उत्तर:
राष्ट्रीय-ईय। बुढ़ापा-आपा। जयपुरिया-इया। पूजनीय-अनीय। पठित-इत। महिमा-इमा।
प्रश्न 2.
‘आई’ प्रत्यय के योग से पाँच शब्द बनाइए
उत्तर:
रंगाई, मिठाई, सफाई, सिलाई, पढ़ाई।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रत्ययों के योग से चार-चार शब्द बनाइए – ता, इमा, इक, ईय।
उत्तर:
ता-गुरुता, मनुष्यता, समता, कविता। इमा-महिमा, गरिमा, लघिमा, अणिमा। इक-लौकिक, शारीरिक, वार्षिक, सामाजिक।
प्रश्न 4.
निम्नलिखित प्रत्ययों के योग से चार-चार शब्द बनाइए –
ईय, तम, इया, मान, गर
उत्तर:
ईय – राजकीय, प्रान्तीय, नाटकीय, भवदीय। तमसुन्दरतम, लघुत्तम, महत्तम, अधिकतम। इया-लुटिया, डिबिया, खटिया, पुड़िया। मान-शक्तिमान, बुद्धिमान, आयुष्मान, गतिमान। गर-जादूगर, कारीगर, बाजीगर, शोरगर।
प्रश्न 5.
प्रत्यय किसे कहते हैं?
उत्तर:
वे शब्दांश जो किसी मूल शब्द के अन्त में लगकर उनके अर्थ में परिवर्तन या विशेषता उत्पन्न करते हैं, उन्हें। प्रत्यय कहते हैं।
प्रश्न 6.
संस्कृत के प्रत्ययों के दो प्रकारों के नाम क्या हैं?
उत्तर:
(1) कृदन्त प्रत्यय
(2) तद्धित प्रत्यय।
प्रश्न 7.
किन्हीं दो विदेशी प्रत्ययों के दो-दो उदाहरण देकर बताइये।
उत्तर:
(1) खोर – जमाखोर, सूदखोर
(2) खाना – दवाखाना, छापाखाना
प्रश्न 8.
‘इक’ प्रत्यय से बनने वाले चार शब्द बताइए।
उत्तर:
सामाजिक, धार्मिक, ऐतिहासिक, लौकिक।
प्रश्न 9.
उपसर्ग और प्रत्यय में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
शब्द के आरम्भ में जुड़ने वाले शब्दांश या अव्यय उपसर्ग कहलाते हैं, जबकि शब्द के अन्त में जुड़ने वाले शब्दांश प्रत्यय कहलाते हैं।
प्रश्न 10.
निम्नलिखित वाक्यांशों के लिए एक प्रत्यय-युक्त शब्द लिखिए
(क) दाढ़ी वाला
(ख) धर्म से सम्बन्धित
(ग) गुणों वाला
(घ) घूमने वाला
(ङ) समाज की
(च) सुनार की पत्नी
उत्तर:
(क) दाढ़ी वाला – दढ़ियल
(ख) धर्म से सम्बन्धित – धार्मिक
(ग) गुणों वाला – गुणवान
(घ) घूमने वाला – घुमक्कड़
(ङ) समाज की सामाजिक
(च) सुनार की पत्नी – सुनारिन।
प्रश्न 11.
‘वान्’ एवं मान् प्रत्यय से बनने वाले चार-चार शब्द बताइए।
उत्तर:
(1) वान्-धनवान्, विद्वान्, बलवान्, गुणवान्।
(2) मान्-बुद्धिमान्, शक्तिमान्, गतिमान्, आयुष्मान्।
प्रश्न 12.
निम्नलिखित शब्दों में प्रत्यय बताइए दूधवाला, ननिहाल, कुम्हार, नाटकीय, कसैला।
उत्तर:
- दूधवाला – वाला।
- ननिहाल – आल।
- कुम्हार – आर
- नाटकीय – ईय।
- कसैला – ऐला।
प्रश्न 13.
‘अन’ एवं ‘ति’ प्रत्यय से दो-दो शब्द बनाइए।
उत्तर:
1. अन – दम् + अन = दमन
चल् + अन = चलन
2. ति – कृ + ति = कृति
ख्या + ति = ख्याति
प्रश्न 14.
‘ई’ एवं ‘ईन’ प्रत्यय से दो-दो शब्द बनाइये।
उत्तर:
ई – स्वामिन् + ई = स्वामिनी
गरम + ई = गरमी
ईन – नव + ईन = नवीन
कुल + ईन = कुलीन
प्रश्न 15.
‘त्व’ एवं ‘य’ प्रत्यय से दो-दो शब्द बनाइए।
उत्तर:
(1) त्व – प्रभु + त्व + प्रभुत्व
अमर + त्व = अमरत्व
(2) य – क्षम् + य = क्षम्य
ग्राम + य = ग्राम्य