RB 10 Hindi

RBSE Class 10 Hindi Vyakaran लोकोक्तियाँ

RBSE Class 10 Hindi Vyakaran लोकोक्तियाँ

RBSE Class 10 Hindi Vyakaran लोकोक्तियाँ

पाठ्यपुस्तक क्षितिज भाग-2 के पाठों पर आधारित लोकोक्तियाँ

पाठ-1. सूरदास

1. जल माँह तेल की गागरि, बूंद न तामें लागी (तेल की गागर पर जल की बूंद भी नहीं ठहरती)-सम्पर्क में रहकर भी अछूता रहना।
वाक्य-प्रयोग-भ्रष्टाचारियों के मध्य रहकर भी वह बेदाग रहा। सच है जल माँह तेल की गागरि, बूंद न तामें लागी।

2. चाहति हुती गुहारि जितहिं तै उत तँ धार वही-(जिससे की गुहार उसी ने मारी धार) – जिससे सहयोग की उम्मीद हो, उसी से निराशा मिलना।
वाक्य-प्रयोग-बड़ी आशा थी कि रमा परीक्षा में मेरी सहायता करेगी लेकिन उसका अनुक्रमांक अन्य कक्ष में आ गया। यह तो वही हुआ – चाहति हुती गुहारि जितहिं तै उत तें धार वही।

पाठ-2. तुलसीदास

1. सूर समर करनी करहि कहि न जनावहि आपु-शूरवीर करके दिखाते हैं, कोरी आत्म-प्रशंसा नहीं करते।
वाक्य-प्रयोग-अरे! तुम अपने बल-पौरुष की डींग क्यों हाँक रहे हो? हिम्मत हो तो कुछ करके दिखाओ। सच ही कहा गया है कि सूर समर करनी करहि कहि न जनावहि आपु।

पाठ-7. गिरिजाकुमार माथुर

2. जो न मिला भूल उसे, कर तू भविष्य वरण-(बीती ताहि बिसारि के आगे की सुधि लेहि)-गुजरी बात को भूलकर भविष्य पर ध्यान देना।
वाक्य-प्रयोग-बीती बातों में उलझे रहना कोई बुद्धिमानी नहीं है। अब अपने भविष्य को सुधारो। कहा भी गया है – जो न मिला भूल उसे, कर तू भविष्य वरण।

पाठ्यपुस्तक कृतिका भाग-2 के पाठों पर आधारित लोकोक्तियाँ

पाठ-1 माता का अंचल

1. जब खायेगा बड़े-बड़े कौर तब पायेगा दुनिया में ठौर-खूब खाने वाला ही दुनिया में स्थान बना सकता है।
वाक्य-प्रयोग-अरे भाई ! जमकर खाने से ही शरीर को स्वस्थ और प्रभावशाली बनाया जा सकता है इसलिए खाने में संकोच नहीं करना चाहिए। सच ही कहा गया है-जब खायेगा बड़े-बड़े कौर तब पायेगा दुनिया में ठौर।

2. रामजी की चिरई रामजी का खेत-सब कुछ ईश्वर का ही है।
वाक्य-प्रयोग-मेहनत से उपजाए अनाज को भगतजी खेत में ही गरीबों को बाँट रहे थे। अगर कोई टोकता तो वे कहते कि रामजी की चिरई रामजी का खेत।

अन्य महत्त्वपूर्ण लोकोक्तियाँ।

यहाँ कुछ प्रमुख लोकोक्तियाँ अर्थ एवं वाक्य-प्रयोग सहित दी जा रही हैं –

1. आँख का अन्धा नाम नैनसुख-गुणों के विपरीत नाम।
वाक्य-प्रयोग-उसका नाम तो शमशेरसिंह है, परन्तु वह तो चूहे से भी डरता है। इसी को कहते हैं-आँख का अन्धा नाम नैनसुख।

2. अन्धों में काना राजा-मूों में थोड़ा ज्ञान वाला भी आदर पाता है।
वाक्य-प्रयोग-अनपढ़ गाँव वालों के बीच पटवारी का चपरासी भी परम ज्ञानवान् माना जाता है। सच ही कहा है कि अन्धों में काना राजा होता है।

3. अन्धेर नगरी चौपट राजा-प्रशासक की अयोग्यता पर धाँधली।
वाक्य-प्रयोग-वर्तमान में सब जगह भ्रष्टाचार, बेईमानी और कर्त्तव्यहीनता दिखाई देती है, परन्तु कोई आवाज नहीं उठाता है। अब तो अन्धेर नगरी चौपट राजा की स्थिति है।

4. अधजल गगरी छलकत जाय-ओछा आदमी थोड़ा गुण या धन होने पर इतराने लगता है।
वाक्य-प्रमोग-मूर्ख गबरसिंह गाँव सभा का पंच क्या बन गया कि वह स्वयं को जिलाधीश जैसा मानने लगा है। ठीक ही कहा है कि अधजल गगरी छलकत जाय।

5. आँख का अन्धा गाँठ का परा-मुर्ख, किन्तु स्वार्थी व्यक्ति।
वाक्य-प्रयोग-घासीराम हिसाब-किताब तो जानता नहीं, फिर भी वह मजदूरों को लोभ-लालच देकर अपनी ठेकेदारी आसानी से चला रहा है। आँख का अन्धा गाँठ का पूरा इसी को कहते हैं।

6. अक्ल बडी कि भैंस-शारीरिक बल से बद्धिबल अधिक अच्छा होता है।
वाक्य-प्रयोग-किसान मेहनत तो खूब करते हैं, परन्तु अनाज कम पैदा होता है, क्योंकि वे उन्नत बीज एवं खाद का उपयोग नहीं करते हैं। इस नासमझी के कारण वे अक्ल बड़ी कि भैंस को चरितार्थ करते हैं।

7. अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता-अकेला व्यक्ति शक्तिहीन होता है।
वाक्य-प्रयोग-हमारे देश में निरन्तर फैल रहे भ्रष्टाचार को कोई एक व्यक्ति कोशिश करने पर भी समाप्त नहीं कर सकता। इसीलिए कहा गया है कि अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता।

8. आगे कुआँ पीछे खाई-सब ओर से विपत्ति में फँसना।
वाक्य-प्रयोग-रामस्वरूप अपनी बेटी की शादी में लड़के वालों की मांग पूरी नहीं करता है तो रिश्ता टूटता है और उनकी मांग पूरी करता है तो कर्जे में डूबता है। उसके लिए तो आगे कुआँ पीछे खाई है।

9. आग लगने पर कुआँ खोदना-आवश्यकता पड़ने से पहले कुछ न करना।
वाक्य-प्रयोग-साल भर तो उसने पढ़ाई नहीं की, अब कल से परीक्षा प्रारम्भ हो रही है, तो वह पुस्तकें पलटने लगा है। इसी को कहते हैं-आग लगने पर कुआँ खोदना।

10. आ बैल मुझे मार-जान-बूझकर मुसीबत में फँसना।
वाक्य-प्रयोग-रास्ते में दो बदमाश आपस में लड़ रहे थे, मैंने उन्हें छुड़ाने की कोशिश की, तो वे दोनों मेरे ऊपर ही झपट पड़े। आजकल किसी को समझाना आ बैल मुझे मार की तरह है।

11. अंधा बाँटे रेवड़ी, फिर-फिर अपने को देय-अपनों को ही लाभ पहुंचाना।
वाक्य-प्रयोग-आजकल के भ्रष्ट नेता अपने सगे-सम्बन्धियों को ही रोजगार दिलाते हैं, उन्हीं की सिफारिश करते हैं। सत्य ही कहा है कि अंधा बाँटे रेवड़ी, फिर-फिर अपने को देय।

12. आप भला तो जग भला-भले आदमी को सब भले ही मिलते हैं।
वाक्य-प्रयोग-हमारे कस्बे में हर कोई चन्द्रशेखर की इज्जत करता है, उसकी बात मानता है। उसके लिए आप भला तो जग भला है।

13. आधा तीतर आधा बटेर-बेमेल चीजों का सम्मिश्रण।
वाक्य-प्रयोग-हमारे देश में एक ओर महिलाओं को शिक्षित करने की बातें होती हैं, तो दूसरी ओर उन्हें परम्परागत गृहिणी की तरह रखने का प्रयास होता है। वास्तव में यह नीति तो आधा तीतर आधा बटेर जैसी है।

14. आसमान से गिरा खजूर पर अटका-एक मुसीबत के बाद दूसरी मुसीबत का आना।
वाक्य-प्रयोग-अपहरणकर्ताओं से जैसे-तैसे छुटकारा पाकर वह युवती आ रही थी कि उसे रास्ते में बलात्कारियों ने दबोच लिया। बेचारी युवती की दशा आसमान से गिरा खजूर पर अटका वाली हो गई।

15. इन तिलों में तेल नहीं-कुछ भी लाभ की सम्भावना नहीं।
वाक्य-प्रयोग-अपना मकान बनाने के लिए महेश ने बैंक के बहुत चक्कर लगाये, परन्तु ऋण स्वीकृत नहीं हुआ, उसने समझ लिया इन तिलों में तेल नहीं, तब बाजार से ऊँची दर पर ऋण लेकर उसने अपना काम चलाया।

16. इस हाथ दे उस हाथ ले-तुरन्त परिणाम ज्ञात होना।
वाक्य-प्रयोग-अब कम्प्यूटर का पुश-बटन दबाते ही लाभ-हानि का विवरण सामने आ जाता है। इसके लिए तो इस हाथ दे उस हाथ ले वाली कहावत चरितार्थ हो रही है।

17. उल्टे बाँस बरेली को-विपरीत आचरण करना।
वाक्य-प्रयोग-कश्मीर से केसर का निर्यात होता है, परन्तु कोई व्यापारी उसका वहाँ पर आयात करे, तो वह उल्टे बाँस बरेली को वाली बात होगी।

18. ऊँट के मुँह में जीरा-खाने की बहुत कम मिलना।
वाक्य-प्रयोग-राजस्थान प्रदेश में बीस लाख युवक बेरोजगार हैं और सरकार पाँच हजार पदों पर भर्ती कर रही है, यह काम तो ऊँट के मुँह में जीरा है।

19. ऊँची दूकान फीके पकवान-प्रदर्शन और कोरा दिखावा।
वाक्य-प्रयोग-अंग्रेजी स्कूलों में चमक-दमक तो खूब होती है, परन्तु बच्चों के चारित्रिक संस्कारों पर ध्यान नहीं दिया जाता है। यह सत्य है कि ऊँची दूकान फीके पकवान।

20. उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे-दोषी द्वारा पूछने वाले या निर्दोष पर दोषारोपण करना।
वाक्य-प्रयोग-मजदूर नेताओं ने श्रमिकों को भड़काकर पहले तो दंगा करवाया और फिर पुलिस-प्रशासन को दोष देने लगे। इसी को कहते हैं-उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे।

21. एक पन्थ दो काज-एक तरकीब से दो कार्य।
वाक्य-प्रयोग-अजमेर में मेरे मित्र की शादी और राजस्थान लोक सेवा आयोग में मेरा साक्षात्कार पास-पास होने से वहाँ जाना मेरे लिए एक पन्थ दो काज हो जायेगा।

22. एक अनार सौ बीमार-एक स्थान के लिए सैकड़ों प्रत्याशी, अथवा पूर्ति की तुलना में माँग अधिक।
वाक्य-प्रयोग-सेना में भर्ती के लिए आयोजित मेले में पचास हजार युवक आए, जबकि चयन केवल पचास का करना था। इसी को कहते हैं कि एक अनार सौ बीमार।

23. एक मछली सारा तालाब गन्दा करती है-एक की बुराई से सभी की निन्दा होती है।
वाक्य-प्रयोग-एक-दो क्रिकेटरों के द्वारा मैच फिक्सिंग करने से सारे खिलाड़ी बदनाम हुए, इससे यह कहा जा सकता है कि एक मछली सारा तालाब गन्दा करती है।

24. एक और एक ग्यारह होते हैं-संगठन में बड़ी शक्ति होती है।
वाक्य-प्रयोग-देश के हिन्दू-मुस्लिम यदि एकता से रहें, तो भारत की धाक सब देशों में जमी रहेगी, क्योंकि एक और एक ग्यारह होते हैं।

25. ओस चाटे प्यास नहीं बुझती-बहुत थोड़ी वस्तु से आवश्यकता की पूर्ति नहीं हो सकती।
वाक्य-प्रयोग-राजस्थान के विशाल रेगिस्तान में यदि एक छोटी-सी नहर तैयार कर दी गई तो उससे सारा रेगिस्तान हरा-भरा नहीं हो सकता, वैसे भी ओस चाटे प्यास नहीं बुझती।

26. काला अक्षर भैंस बराबर-बिल्कुल निरक्षर।
वाक्य-प्रयोग-हमारे गाँव में बुजुर्ग औरतें हस्ताक्षर करना भी नहीं जानतीं, क्योंकि उनके लिए तो काला अक्षर भैंस बराबर है।

27. कानी के ब्याह में सौ जोखिम-नीच के काम में विघ्न आ ही जाते हैं।
वाक्य-प्रयोग-सरला पढ़ने में कमजोर थी, परीक्षा नजदीक आने पर वह बीमार हो गयी, बीमारी से ठीक होने पर परीक्षा देने जा रही थी कि रास्ते में रिक्शे से वह गिर गयी और वह परीक्षा नहीं दे पाई। बस कानी के ब्याह में सौ जोखिम हो गए।

28. कहाँ राजा भोज, कहाँ गंगू तेली-दो असमान हस्ती वाले लोग।
वाक्य-प्रयोग-कच्ची बस्ती की झोंपड़ी में रहने वाला कानाराम एक सेठ के घर में सफाई का काम करने लगा। वह चाहता था कि सेठजी उसके बेटे की सगाई में मेहमान बनें, परन्तु यह कैसे सम्भव था, आखिर कहाँ राजा भोज, कहाँ गंगू तेली।

29. कोऊ नृप होहि हमें का हानि-अपने काम से मतलब रखना।
वाक्य-प्रयोग-देश में लोकसभा के चुनाव होने लगे। सब लोग ‘कौन प्रधानमन्त्री बनेगा’, इसकी चर्चा कर रहे थे, परन्तु दीनू ने कहा कि इससे हमारा क्या लेना-देना ? क्योंकि कोऊ नृप होहि हमें का हानि।

30. कोयले की दलाली में मुँह काला-दुष्टों की संगति से कलंकित होना।
वाक्य-प्रयोग-भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मचारियों का पक्ष लेने से लोग तुम्हें भी भ्रष्ट मान लेंगे, क्योंकि कोयले की दलाली में मुँह काला होगा ही।

31. का वर्षा जब कृषि सुखाने-हानि हो जाने के बाद उपचार का लाभ व्यर्थ।
वाक्य-प्रयोग-जब भयंकर अग्निकाण्ड से फैक्ट्री पूरी जल चुकी, तब फायर ब्रिगेड का दस्ता पहुँचा, का वर्षा जब कृषि सुखाने।

32. खोदा पहाड़ निकली चुहिया-अधिक परिश्रम पर लाभ कम।
वाक्य-प्रयोग-रात में मोहल्ले में चोर-चोर की आवाज आने लगी तो सब लोग घर-घर में तलाशी लेने लगे और रातभर पहरा देते रहे, परन्तु सुबह पता चला कि एक पागल द्वारा अचानक आवाज लगाकर भाग जाने से यह सब कुछ हुआ। सभी ने कहा कि खोदा पहाड़ निकली चुहिया।

33. खुदा गंजे को नाखून न दे-ईश्वर नीच व्यक्ति को अधिकार न दे।
वाक्य-प्रयोग-रामवीर तो जन्म का बेईमान व धूर्त है, अगर उसे राज्य-मन्त्रिमण्डल में ले लिया गया, तो वह जनता को लूट खायेगा। सच ही कहा गया है कि खुदा गंजे के नाखून न दे।

34. खग जाने खग ही की भाषा-साथी ही साथी का भेद जानता है।
वाक्य-प्रयोग-तुम्हारे केस में न्यायालय में वकीलों की बड़ी बहस हुई, तुम भी तो वहाँ थे, क्या-क्या बातें हुईं। भई हमारे पल्ले कुछ नहीं पड़ा, खग जाने खग ही की भाषा।

35. खिसियानी बिल्ली खम्भा नोचे-लज्जित होकर क्रोध प्रकट करना।
वाक्य-प्रयोग-रमेश ने पढ़ाई में मेहनत नहीं की, इसलिए अनुत्तीर्ण हुआ, लेकिन अब वह परीक्षकों पर जान बूझकर कम अंक देने का आरोप लगा रहा है। इसी को कहते हैं-खिसियानी बिल्ली खम्भा नोचे।

36. गाँव का जोगी जोगना आन गाँव का सिद्ध-अपने स्थान पर सम्मान नहीं मिलता है।
वाक्य-प्रयोग-अपने देश के एक विद्वान् को यहाँ उतना सम्मान नहीं मिलता है, जितना कि विदेश से आये किसी साधारण व्यक्ति को विद्वान् के रूप में सम्मान दिया जाता है। इसी से लोग कहते हैं कि गाँव का जोगी जोगना आन गाँव का सिद्ध।

37. गुड़ खाये गुलगुलों से परहेज करे-दिखावटी विरोध प्रकट करना।
वाक्य-प्रयोग-वर्तमान में प्रायः सभी नेता भ्रष्ट तरीके से धन-संग्रह करते रहते हैं, परन्तु जब कभी विधानसभा या लोकसभा में यह प्रश्न उठता है, तो वे सब भ्रष्टाचार के विरोध में बढ़-चढ़कर भाषण देते हैं। इसे ही कहते हैं-गुड़ खाये गुलगुलों से परहेज करे।

38. गुड़ न दे पर गुड़ की सी बात तो करे-मदद न करे तो मधुर व्यवहार तो करे।
वाक्य-प्रयोग-अगर वह मुझे रुपये उधार नहीं देना चाहता था, तो कोई बात नहीं, परन्तु वह प्रेम से तो बात कर सकता था, परन्तु वह तो गुड़ न दे पर गुड़ की सी बात तो करे वाली स्थिति में रहा।

39. घर का भेदी लंका ढाये-घरवालों की फूट सर्वनाश का कारण बनती है।
वाक्य-प्रयोग-हमारी सेना के एक सिपाही ने शत्रुओं के जासूसों को सेना की व्यूह-रचना की जानकारी दे दी, इससे शत्रु-सेना ने हमारा आक्रमण विफल कर काफी नुकसान पहुंचाया। सच ही कहा है कि घर का भेदी लंका ढाये।

40. घर की मुर्गी दाल बराबर-सहज सुलभ वस्तु का कोई महत्त्व नहीं होता।
वाक्य-प्रयोग-घर में बड़ा भाई अच्छा डॉक्टर है, परन्तु बीमार होने पर छोटा भाई उससे दवाई न लेकर बाजार में साधारण डॉक्टर से इलाज करवाता है, जो कि घर की मुर्गी दाल बराबर को चरितार्थ करता है।

41. चार दिन की चाँदनी फिर अँधेरी रात-थोड़े समय का सुख।
वाक्य-प्रयोग-गरीब व्यक्ति तो शादी-विवाह या त्यौहार पर थोड़ा खुश हो लेता है, बाकी दिन तो उसे कष्ट में ही काटने पड़ते हैं। उसका जीवन तो चार दिन की चाँदनी फिर अँधेरी रात जैसा है।

42. चोर की दाढ़ी में तिनका-अपराधी का भयभीत होना।
वाक्य-प्रयोगं-अजय ने क्रिकेट की गेंद से खिडकी का शीशा तोड डाला। जब पिताजी ने शीशा टने का कारण जानना चाहा, तो अजय ने तपाक से कहा कि गली के लड़कों ने पत्थर फेंका था। पिताजी ने कहा कि पत्थर कहाँ, यह तो तुम्हारी कारस्तानी लगती है, क्योंकि चोर की दाढ़ी में तिनका।

43. चुपड़ी और दो-दो-अच्छी चीज़ और वह भी बहुतायत से।
वाक्य-प्रयोग-सोमेन्द्र न केवल बोर्ड की परीक्षा में सर्वोच्च स्थान लेकर उत्तीर्ण हआ, अपितु उसे. राज्य सरकार से भी बड़ी पुरस्कार राशि मिली। इसे ही कहते हैं-चुपड़ी और दो-दो।

44. चलती का नाम गाड़ी-सफलता मिलने से यशस्वी बने रहना।
वाक्य-प्रयोग-भारत के कुछ बड़े औद्योगिक परिवारों के विदेशों में भी उद्योग स्थापित हो गये हैं, इसी को कहते हैं चलती का नाम गाड़ी।

45. चिकने घड़े पर पानी नहीं ठहरता-बेशर्म पर कोई अच्छा असर नहीं होता।
वाक्य-प्रयोग-प्रतिदिन देर से काम पर आने वाले महेन्द्र पर रोज डाँट पड़ती है, परन्तु वह जल्दी आने की कोशिश ही नहीं करता। सच ही कहा है कि चिकने घड़े पर पानी नहीं ठहरता।

46. छोटे मुँह बड़ी बात-हैसियत से अधिक बात करना।
वाक्य-प्रयोग-उसकी दुकान में कुल दस हजार का सामान नहीं और कहता है कि करोड़ों का लेन-देन करता है। वह तो छोटे मुँह बड़ी बात करता है।

47. जिसकी लाठी उसकी भैंस-शक्तिशाली की विजय होती है।
वाक्य-प्रयोग-चुनाव में लठैत लोग छोटी जाति के लोगों को वोट डालने नहीं देते। गाँवों में तो सीधा-सा नियम है-जिसकी लाठी उसकी भैंस।

48. जल में रहकर मगर से बैर-आश्रयदाता से दुश्मनी अच्छी नहीं।
वाक्य-प्रयोग-कुछ मजदूर अपने मिल-मालिक के शोषण का शिकार होने पर भी उसका विरोध नहीं कर पाते, क्योंकि उन्हें नौकरी से निकाले जाने का भय रहता है, क्योंकि जल में रहकर मगर से बैर कौन करे ?

49. झूठ के पाँव नहीं होते-झूठे व्यक्ति को असफलता मिलती है।
वाक्य-प्रयोग-खुद को वाणिज्य-कर का अधिकारी बताकर सुधीन्द्र व्यवसायियों को ठगता रहा, परन्तु अन्ततः उसकी पोल खुल ही गई और वह पुलिस द्वारा पकड़ा गया।

50. सत्य ही है कि झूठ के पाँव नहीं होते। डूबते को तिनके का सहारा-संकटकाल में थोड़ी-सी सहायता महत्त्व रखती है।
वाक्य-प्रयोग-समुद्री तूफान आने से जब सारा गाँव उजड़ गया था और लोग भूखे-प्यासे भटक रहे थे, तब पास के गाँव से आये कुछ लोगों ने उनकी थोड़ी-सी सहायता की। उनके कारण डूबते को तिनके का सहारा मिल गया।

51. ढाक के तीन पात-सदा एक-सी हालत में रहना।
वाक्य-प्रयोग-अत्यधिक बुढ़ापा आने पर व्यक्ति का स्वास्थ्य ढाक के तीन पात की तरह बना रहता है।

52. तबेले की बला बन्दर के सिर-किसी का अपराध किसी और के सिर मढ़ना।
वाक्य-प्रयोग-राधा के घरवालों के झगड़े तो अपने-अपने स्वार्थ के कारण हैं और इल्जाम मेरे ऊपर है कि झगड़ा मैंने करवाया है। वाह, तबेले की बला बन्दर के सिर।

53. तिनके की ओट में पहाड़-थोड़ी सी सहायता से बड़ा काम बनना।
वाक्य-प्रयोग-रेलगाड़ी के दुर्घटनाग्रस्त होने पर कुछ लोगों ने घायलों की तुरन्त सहायता की, जिससे कई लोगों की जान बचाई जा सकी। उस समय तिनके की ओट में पहाड़ कथन चरितार्थ हो गया।

54. तू डाल-डाल, मैं पात-पात-चालाक से चालाकी से पेश आना।
वाक्य-प्रयोग-रमेश ने थाने में सुरेश के खिलाफ मारपीट की झूठी रिपोर्ट लिखाई, तो सुरेश ने भी उस पर घर से सामान चुराने की रिपोर्ट लिखा दी। तब उसने कहा कि तू डाल-डाल, मैं पात-पात।

55. तुरन्त दान महाकल्याण-शुभ कार्य करते ही तुरन्त अच्छा फल मिलता है।
वाक्य-प्रयोग-उसने अनाथाश्रम को पाँच हजार रुपये देकर सहायता की, तो उसे भी सरकार ने समाज-सेवा का पुरस्कार दिया। इस तरह तुरन्त दान महाकल्याण फलित हुआ।

56. थोथा चना बाजे घना-ओछा या अकर्मण्य व्यक्ति दिखावा बहुत करता है।
वाक्य-प्रयोग-आजकल स्वार्थी नेता विकास की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, परन्तु उन्हें जनता की भलाई की अपेक्षा अपना घर भरने की लगी रहती है। वे तो थोथा चना बाजे घना वाली प्रकृति के हैं।

57. दूध का दूध, पानी का पानी-सही न्याय करना।
वाक्य-प्रयोग-ग्राम पंचायत में पंचों ने सही निर्णय सुनाकर दूध का दूध और पानी का पानी कर दिखाया।

58. दान की बछिया के दाँत नहीं देखे जाते-मुफ्त की वस्तु को क्या परखना।
वाक्य-प्रयोग-स्वतन्त्रता सेनानी मानकर सरकार ने बलराम को पच्चीस बीघा सिवाय चक जमीन अलाट कर दी, फिर वह जमीन कितनी उपजाऊ है-यह देखना उचित नहीं, क्योंकि दान की बछिया के दाँत नहीं देखे जाते।

59. दीवार के भी कान होते हैं-गुप्त वार्तालाप एकान्त में करो।
वाक्य-प्रयोग-तुम किवाड़ बन्द करके बैठ जाओ, इस रहस्य को कोई सुन न पाये, क्योंकि दीवार के भी कान होते हैं।

60. दुधारू गाय की लात भी भली-लाभ करने वाले की सुननी पड़ती है।
वाक्य-प्रयोग-तेज मिजाज का होने से राहुल कभी-कभी जली-कटी बातें करता है, परन्तु काम सदा अच्छा करता है। इसलिए उसका कहा बुरा नहीं मानना चाहिए, क्योंकि दुधारू गाय की लात भी भली।

61. धोबी का कुत्ता घर का न घाट का-कहीं का भी न रहना।
वाक्य-प्रयोग-मजदर नेता पहले मजदरों को धोखा देकर मिल मालिक का पक्ष लेने लगा फिर उसका किसी बात पर मालिक से झगड़ा हो गया। अब उसकी स्थिति ऐसी ही है कि धोबी का कुत्ता घर का न घाट का।

62. नाच न जाने आँगन टेढ़ा-अपनी अयोग्यता के लिए साधनों को दोष देना।
वाक्य-प्रयोग-जब भौतिकशास्त्र का प्रश्न हल नहीं कर सकते हो तो क्यों कह रहे हो कि यह सवाल गलत है। यह तो ‘नाच न जाने आँगन टेढ़ा’ वाली बात हुई।

63. न सावन सूखा न भादों हरा-सदा एक-सी हालत में रहना।
वाक्य-प्रयोग-चाहे गर्मी आवे, वर्षा आवे या सर्दी आवे, फुटपाथ पर रहने वाला व्यक्ति उसी तरह लाचार रहता है। उसके लिए तो न सावन सूखा और न भादों हरा है।

64. नक्कारखाने में तूती की आवाज-बड़ों के सामने छोटों की पूछ नहीं।
वाक्य-प्रयोग-विश्व के अविकसित छोटे देश संयुक्त राष्ट्र संघ में प्रतिनिधित्व की लगातार माँग कर रहे हैं, परन्तु उनकी कोई नहीं सुनता है। नक्कारखाने में तूती की आवाज तो दब ही जाती है।

65. न रहे बाँस न बजे बाँसुरी-समूल नष्ट कर देना।
वाक्य-प्रयोग-तस्करों एवं अवैध शरणार्थियों पर पूरी तरह रोक लगाने के लिए भारत सरकार ने बांग्लादेश की सीमा पर तारबन्दी कर दी, क्योंकि न रहे बाँस न बजे बाँसुरी।

66. नौ दिन चले अढाई कोस-मेहनत अधिक काम कम या सुस्ती से काम करना।
वाक्य-प्रयोग-मैं तो अपने मकान बनाने वाले ठेकेदार को बदलूँगा। दो महीने से अभी नींव ही भरी है। उसका तो यही हाल है कि नौ दिन चले अढाई कोस।

67. पाँचों अंगुलियाँ घी में-सब ओर से लाभ होना।
वाक्य-प्रयोग-सुमेरसिंह पहले से ही धन-सम्पन्न है, इस बार उसकी फसल भी अच्छी हुई है और नई ब्याई भैंसें भी काफी दूध दे रही हैं। उसकी तो पाँचों अंगुलियाँ घी में दिखाई देती हैं।

68. फरा सो झरा-उन्नति के बाद पतन भी होता है।
वाक्य-प्रयोग-किसी जमाने में ब्रिटिश सत्ता विश्व के आधे से ज्यादा देशों में थी, आज वह अपने तक ही सीमित रह गयी। ठीक भी है-फरा सो झरा।

69. बन्दर क्या जाने अदरक का स्वाद-मूर्ख व्यक्ति वस्तु का महत्त्व नहीं जानता।
वाक्य-प्रयोग-दूरदर्शन पर जब कोई शास्त्रीय गायन प्रसारित होता है, तो कुछ लोग उसे अरुचिकर मानकर नहीं देखते हैं। वस्तुतः ऐसे लोगों के लिए ठीक ही कहा है कि बन्दर क्या जाने अदरक का स्वाद।

70. बिल्ली के भाग से छींका टूटा-अनायास आशा से अधिक लाभ।
वाक्य-प्रयोग-सुरेन्द्र न तो चुनाव लड़ने में समर्थ था और न इस योग्य था, फिर भी उसे सर्वसम्मति से छात्रसंघ का अध्यक्ष बना दिया गया। इस तरह बिल्ली के भाग से छींका टूटा।

71. मन चंगा तो कठौती में गंगा-मन की पवित्रता महत्त्वपूर्ण होती है।
वाक्य-प्रयोग-सारे मन्दिरों के दर्शन करने से और सन्तों के प्रवचन सुनने से तभी लाभ है जब मन निर्दोष हो। मन.चंगा तो कठौती में गंगा।

72. मान न मान मैं तेरा मेहमान-जबरदस्ती गले पड़ना।
वाक्य-प्रयोग-जब वे तुम्हें अपना रिश्तेदार ही नहीं मानते, तो फिर तुम क्यों उनसे मिलने जाते हो? तुम तो मान न मान मैं तेरा मेहमान वाली बात करते हो।

73. यथा राजा तथा प्रजा-जैसा नेता होगा वैसी जनता होगी।
वाक्य-प्रयोग-वर्तमान में अगर नेता भ्रष्ट हैं तो कर्मचारी और जनता भी वैसी ही है। यथा राजा तथा प्रजा का नियम चलेगा ही।

74. रस्सी जल गई पर ऐंठ न गई-सर्वनाश होने पर भी घमण्डी होना।
वाक्य-प्रयोग-पुराने राजा-महाराजाओं के राज-पाट छिन गये, किन्तु अभी भी वे सामान्य जनता से मेल-जोल रखना अपनी शान के विरुद्ध समझते हैं। सच ही है कि रस्सी जल गई पर ऐंठ न गई।

75. विष दे विश्वास न दे-विश्वासघात मृत्यु से भी बुरा होता है।
वाक्य-प्रयोग-यदि तुम मुझे लड़की की शादी के लिए कर्ज देने की हामी नहीं भरते, तो मैं अन्य किसी से माँगता, परन्तु ऐन मौके पर मना करना यह तो विष दे विश्वास न दे वाली बात ही है।

76. विनाशकाले विपरीत बुद्धि-प्रतिकूल समय आने पर व्यक्ति का विवेक कुण्ठित हो जाता है।
वाक्य-प्रयोग-रावण महान् पण्डित और विद्वान् था, परन्तु परस्त्री हरण जैसा अधर्म करते समय उसने जरा भी नहीं सोचा, क्योंकि विनाशकाले विपरीत बुद्धि।

77. सीधी उँगली से घी नहीं निकलता-शराफत से काम नहीं चलता।
वाक्य-प्रयोग-गजानन ने कालू को कुछ रुपये उधार दिये थे, बार-बार तकाजा करने पर भी उसने रुपये नहीं लौटाये, तब श्यामू ने उससे कहा कि सीधी उँगली से घी नहीं निकलता, कुछ कड़ाई से पेश आओ।।

78. साँच को आँच नहीं-सच्चा आदमी नहीं डरता है।
वाक्य-प्रयोग-पुलिस वाले रामू के काका को चोरी के शक में पकड़कर ले गये, परन्तु पूछताछ करने पर उनके स्पष्ट जवाब से सन्तुष्ट हो गये और उसे छोड़ दिया, क्योंकि साँच को आँच नहीं।

79. साँप भी मर जाये और लाठी भी न टूटे-बिना किसी नुकसान के लक्ष्य प्राप्त करना।
वाक्य-प्रयोग-सेठजी से इस तरह पेश आना कि हमारी मांग भी पूरी हो जावे और वे नाराज भी न हों। भलाई इसी में है। काम ऐसे ही करना चाहिए साँप भी मर जाये और लाठी भी न टूटे।

80. सावन के अन्धे को हरा ही हरा सूझता है-अपनी सी दशा सबकी समझना।
वाक्य-प्रयोग-दिव्या का जन्म सुख-सुविधाओं वाले घर में हुआ था, इसलिए उसने जब अपनी सहेलियों से सिंगापुर घूमने का प्रस्ताव किया, तो वे चुप रहीं। दिव्या को दूसरों की परेशानी का पता नहीं, क्योंकि सावन के अन्धे को हरा ही हरा सूझता है।

81. हथेली पर सरसों नहीं उगती-प्रत्येक कार्य निश्चित प्रक्रिया के बिना पूरा नहीं होता है।
वाक्य-प्रयोग- हवाई जहाज का पायलेट बनने के लिए तीन साल का प्रशिक्षण लेना पड़ता है। यदि कोई तीन महीने में ही पायलेट बनना चाहे, तो वह सम्भव नहीं, क्योंकि हथेली पर सरसों नहीं उगती।

82. हाथ कंगन को आरसी क्या-प्रत्यक्ष के लिए क्या प्रमाण।
वाक्य-प्रयोग-चपरासी स्टूल पर बैठा सो रहा है, आप चलकर देख सकते हैं, क्योंकि हाथ कंगन को आरसी क्या?

83. हाथी के दाँत खाने के और दिखाने के और-कहे कुछ और करे कुछ।
वाक्य-प्रयोग-कछ नेता चनाव के समय अपनी सम्पन्ति की घोषणा कर देते हैं, परन्त अपने रिश्तेदारों के पास बेनामी सम्पत्ति एकत्र करते हैं। सचमुच ही उनका आचरण तो हाथी के दाँत खाने के और दिखाने के और हैं।

84. होनहार बिरवान के होत चीकने पात-होनहार व्यक्ति के लक्षण प्रारम्भ में ही प्रकट हो जाते हैं।
वाक्य-प्रयोग-चन्द्रशेखर आजाद बचपन से ही दृढ़-स्वभाव के थे, इस कारण मजिस्ट्रेट के समक्ष वे अपनी बात पर डटे रहे। किसी ने सही कहा है कि होनहार बिरवान के होत चीकने पात।

अभ्यास प्रश्न

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
‘अपनी प्रशंसा स्वयं करना’-इस अर्थ से सम्बन्धित मुहावरा लिखिए।
उत्तर:
अपने मुँह मियाँ-मिठू बनना।

प्रश्न 2.
‘पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं’-लोकोक्ति का अर्थ लिखिए।
उत्तर:
पराधीनता में सुख नहीं होता है।

प्रश्न 3.
‘नाक काटना’-मुहावरे का अर्थ बताते हुए वाक्य में प्रयोग कीजिए। उत्तर: नाक काटना-अपमानित करना। वाक्य प्रयोग-राजेश की कायरता देखकर तो हमारी नाक कट गयी।

प्रश्न 4.
‘थू-थू करना’ मुहावरे का वाक्य में प्रयोग कीजिए।
उत्तर:
थू-थू करना-वाक्य प्रयोग-आज सारा देश भ्रष्टाचारियों पर थू-थू कर रहा है।

प्रश्न 5.
‘आँखें भर. आना’ मुहावरे का अर्थ बताते हुए वाक्य में प्रयोग कीजिए।
उत्तर:
आँखें भर आना-आँसू आना। वाक्य प्रयोग-बिलखती हुई माँ को देखकर हमारी आँखें भर आईं।

प्रश्न 6.
‘नौ दो ग्यारह होना’ मुहावरे का वाक्य-प्रयोग कीजिए।
उत्तर:
नौ दो ग्यारह होना-वाक्य-प्रयोग-पुलिस को आते देखकर चोर नौ दो ग्यारह हो गये।

प्रश्न 7.
‘ढांढस बंधाना’ मुहावरे का अर्थ बताते हुए वाक्य में प्रयोग कीजिए।
उत्तर:
ढाँढस बँधाना-तसल्ली देना। वाक्य प्रयोग-सारी खेती बाढ़ में बह गयी, अब ढाँढस बंधाने से कुछ भी नहीं होता।

प्रश्न 8.
‘होश सँभालना’ मुहावरे का वाक्य में प्रयोग कीजिए।
उत्तर:
होश सँभालना-वाक्य-प्रयोग-वह होश सँभालते ही घर का दायित्व सँभालने लगा।

प्रश्न 9.
‘आँधी होना’ मुहावरे का अर्थ लिखते हुए वाक्य में प्रयोग कीजिए।
उत्तर:
आँधी होना-तेजी से भाग जाना। वाक्य-प्रयोग-पुलिस के आने की भनक लगते ही चोर आँधी हो गए।

प्रश्न 10.
‘चुपड़ी और दो-दो’ लोकोक्ति का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
चुपड़ी और दो-दो-खूब लाभ होना।

प्रश्न 11.
‘अपने दोष को छिपाने के लिए साधनों में कमी बताना’ भाव की लोकोक्ति लिखिए।
उत्तर:
नाच न जाने आँगन टेढा।

प्रश्न 12.
‘शराफत से काम नहीं चलता’ भाव. की लोकोक्ति लिखिए।
उत्तर:
सीधी उँगली से घी नहीं निकलता।

प्रश्न 13.
‘आधा तीतर आधा बटेर’ लोकोक्ति का अर्थ लिखिए।
उत्तर:
आधा तीतर आधा बटेर लोकोक्ति का अर्थ है – अनमेल योग।

प्रश्न 14.
निम्नलिखित कहावत का अर्थ लिखिए एक तो करेला ऊपर से नीम चढ़ा।
उत्तर:
एक तो करेला ऊपर से नीम चढ़ा लोकोक्ति का अर्थ है बुरे से भी अधिक बुरा होना।

प्रश्न 15.
आँख भर आना मुहावरे का वाक्य-प्रयोग कीजिए।
उत्तर:
वाक्य-प्रयोग-बिलखती हुई माँ को देखकर सभी देशवासियों की आँख भर आईं।

प्रश्न 16.
मुह में पानी आना मुहावरे का वाक्य-प्रयोग कीजिए।
उत्तर:
वाक्य-प्रयोग-गर्म-गर्म जलेबियाँ देखकर किसके मुँह में पानी नहीं आयेगा?

प्रश्न 17.
स्याही फैलना मुहावरे मुहावरे का वाक्य-प्रयोग कीजिए।
उत्तर:
वाक्य-प्रयोग-उसे अच्छे लेखन का क्या पता, वह यों ही स्याही फैलाने को लेखन समझता है।

प्रश्न 18.
होश सँभालना मुहावरे का वाक्य-प्रयोग कीजिए।
उत्तर:
वाक्य-प्रयोग-अनाथ बच्चे होश सँभालते ही मुसीबतों का सामना करने लगते हैं।

प्रश्न 19.
आग बबूला होना मुहावरे का वाक्य-प्रयोग कीजिए।
उत्तर:
वाक्य-प्रयोग-बच्चों ने सेठजी के घर का शीशा तोड़ डाला तो वे आग बबूला हो उठे।

प्रश्न 20.
रामजी की चिरई रामजी का खेत लोकोक्ति का अर्थ लिखिए।
उत्तर:
रामजी की चिरई रामजी का खेत लोकोक्ति का अर्थ है-सब कुछ ईश्वर का ही है।

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