RBSE Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण
RBSE Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण
पाठ सार एवं पारिभाषिक शब्दावली (SUMMARY OF THE CHAPTERAND GLOSSARY)
RBSE Class 10 Science Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण InText Questions and Answers
पृष्ठ 207.
प्रश्न 1.
आपको तीन परखनलियाँ दी गई हैं। इनमें से एक में आसवित जल एवं शेष दो में से एक में अम्लीय विलयन तथा दूसरे में क्षारीय विलयन है। यदि आपको केवल लाल लिटमस पत्र दिया जाता है तो आप प्रत्येक परखनली में रखे गए पदार्थों की पहचान कैसे करेंगे?
उत्तर:
तीनों परखनलियों में स्थित विलयन की क्रिया लाल लिटमस पत्र से करवाते हैं। जिस विलयन द्वारा यह लिटमस पत्र नीला हो जाएगा, वह विलयन क्षारीय होगा। अब इस नीले लिटमस पत्र की क्रिया शेष दोनों विलयनों से करवाते हैं। जिस विलयन द्वारा यह लिटमस पत्र पुनः लाल हो जाएगा, वह विलयन अम्लीय होगा तथा तीसरी परखनली में स्थित विलयन आसवित जल है। चूँकि आसवित जल उदासीन होता है अतः यह किसी भी लिटमस पत्र से कोई क्रिया नहीं करता।
पृष्ठ 24.
प्रश्न 1.
पीतल एवं ताँबे के बर्तनों में दही एवं खट्टे पदार्थ क्यों नहीं रखने चाहिए?
उत्तर:
दही एवं खट्टे पदार्थ अम्लीय होते हैं। यदि पीतल एवं ताँबे के बर्तनों में दही एवं खट्टे पदार्थ रखे जायेंगे, तो वे अम्लों की उपस्थिति के कारण पीतल एवं ताँबा धातु की सतह से क्रिया कर विषैले यौगिकों / लवणों का निर्माण करेंगे, जो हमारे शरीर के लिए हानिकारक होंगे। इसलिए पीतल एवं ताँबे के बर्तनों में दही तथा खट्टे पदार्थों को नहीं रखना चाहिए।
प्रश्न 2.
धातु के साथ अम्ल की अभिक्रिया होने पर सामान्यतः कौन-सी गैस निकलती है? एक उदाहरण के द्वारा समझाइए। इस गैस की उपस्थिति की जाँच आप कैसे करेंगे?
उत्तर-धातु के साथ अम्ल की अभिक्रिया होने पर सामान्यतः हाइड्रोजन गैस निकलती है, जैसे – जिंक पर सल्फ्यूरिक अम्ल की अभिक्रिया से जिंक सल्फेट तथा हाइड्रोजन गैस उत्पन्न होती है।
हाइड्रोजन गैस की उपस्थिति की जाँच करने के लिए इसको साबुन के विलयन में प्रवाहित करते हैं जिससे बुलबुले बनते हैं तथा इसके पास जलती हुई मोमबत्ती ले जाने पर यह गैस नीली ज्वाला के साथ फट – फट की आवाज (Popping sound) के साथ जलती है।
प्रश्न 3.
कोई धातु यौगिक ‘A’ तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया करता है तो बुदबुदाहट उत्पन्न होती है। इससे उत्पन्न गैस जलती मोमबत्ती को बुझा देती है। यदि उत्पन्न यौगिकों में एक कैल्सियम क्लोराइड है तो इस अभिक्रिया के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर:
धातु यौगिक ‘A’ कैल्सियम कार्बोनेट होगा। अभिक्रिया में उत्पन्न एक यौगिक कैल्सियम क्लोराइड है अतः यौगिक कैल्सियम युक्त होगा तथा उत्पन्न गैस जलती मोमबत्ती को बुझा देती है जो कि CO2 होती है अतः यौगिक ‘A’ CaCO3 की क्रिया तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से इस प्रकार होगी
पृष्ठ 27.
प्रश्न 1.
HCl, HNO3 आदि जलीय विलयन में अम्लीय अभिलक्षण क्यों प्रदर्शित करते हैं, जबकि ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज जैसे यौगिकों के विलयनों में अम्लीयता के अभिलक्षण नहीं प्रदर्शित होते हैं?
उत्तर:
HCl, HNO3 आदि जलीय विलयन में आयनित होकर H+ आयन तथा ऋणायन देते हैं अतः ये अम्लीय गुण दर्शाते हैं क्योंकि अम्ल वे होते हैं जो जलीय विलयन में H+ आयन देते हैं। लेकिन ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज के जलीय विलयन में H+ आयन नहीं बनते क्योंकि इनमें सहसंयोजी गुण होता है अतः ये अम्लीयता प्रदर्शित नहीं करते।
प्रश्न 2.
अम्ल का जलीय विलयन क्यों विद्युत का चालन करता है?
उत्तर:
अम्ल के जलीय विलयन में हाइड्रोजन आयन (H+) उत्पन्न होते हैं, जो विद्युत धारा के प्रवाह में सहायक होते हैं।
प्रश्न 3.
शुष्क हाइड्रोक्लोरिक गैस शुष्क लिटमस पत्र के रंग को क्यों नहीं बदलती है?
उत्तर:
शुष्क हाइड्रोक्लोरिक गैस का आयनन नहीं होगा अतः यह H+ नहीं देगी अर्थात् अम्लीय गुण प्रदर्शित नहीं होगां । अतः H+ आयनों की अनुपस्थिति अर्थात् अम्लीय गुण की अनुपस्थिति के कारण शुष्क लिटमस पत्र के रंग में परिवर्तन नहीं होगा।
प्रश्न 4.
अम्ल को तनुकृत करते समय यह क्यों अनुशंसित करते हैं कि अम्ल को जल में मिलाना चाहिए, न कि जल को अम्ल में?
उत्तर:
अम्ल को तनुकृत करते समय अम्ल को जल में मिलाना चाहिए, न कि जल को अम्ल. में; क्योंकि जल में अम्ल या क्षारक के घुलने की प्रक्रिया अत्यंत ऊष्माक्षेपी होती है। इसलिए जल में किसी सान्द्र अम्ल को सावधानीपूर्वक मिलाना चाहिए। अम्ल को हमेशा धीरे – धीरे तथा जल को लगातार हिलाते हुए जल में मिलाना चाहिए। इसके विपरीत सान्द्र अम्ल में जल मिलाने पर उत्पन्न ऊष्मा के कारण मिश्रण आस्फलित होकर बाहर आ सकता है। इससे समीप व्यक्ति को हानि भी पहुँच सकती है। इससे स्थानीय ताप भी बढ़ जाता है, जिसके कारण उपयोग किया जाने वाला काँच का पात्र टूट भी सकता है।
प्रश्न 5.
अम्ल के विलयन को तनुकृत करते समय हाइड्रोनियम आयन (H3O+) की सान्द्रता कैसे प्रभावित हो जाती है?
उत्तर:
अम्ल के विलयन को तनुकृत करते समय अर्थात् जल मिलाने पर H3O+आयन की सान्द्रता में प्रति इकाई आयतन में कमी हो जाती है क्योंकि अम्ल में उपस्थित अनआयनित जल की मात्रा तो बढ़ती है परन्तु H3O– की मात्रा वही रहती है। परिणामस्वरूप H3O+ की सान्द्रता लगातार घटती जाती है।
प्रश्न 6.
जब सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन में आधिक्य क्षारक मिलाते हैं तो हाइड्रॉक्साइड आयन (OH–) की सान्द्रता कैसे प्रभावित होती है?
उत्तर:
जब सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन में आधिक्य क्षारक मिलाते हैं तो हाइड्रॉक्साइड आयन (OH–) की सान्द्रता प्रति इकाई आयतन में बढ़ जाती है, क्योंकि मिलाए गए क्षारक से प्राप्त OH– आयन, सान्द्रता में वृद्धि कर देते हैं। |
पृष्ठ 31.
प्रश्न 1.
आपके पास दो विलयन ‘A’ एवं ‘B’ हैं। विलयन ‘A’ के pH का मान 6 है एवं विलयन ‘B’ के pH का मान 8 है। किस विलयन में हाइड्रोजन आयन की सान्द्रता अधिक है? इनमें से कौन अम्लीय है तथा कौन क्षारकीय?
उत्तर:
- विलयन ‘A’ अम्लीय है (pH का मान 6) क्योंकि pH का मान 7 से कम होने पर विलयन अम्लीय होता है।
- विलयन ‘B’ क्षारीय है (pH का मान 8) क्योंकि pH का मान 7 से अधिक होने पर विलयन क्षारीय होता है।
- विलयन ‘A’ में हाइड्रोजन आयन सान्द्रता अधिक है क्योंकि हाइड्रोजन आयन सान्द्रता बढ़ने पर pH के मान में कमी होती है।
प्रश्न 2.
H+(aq) आयन की सान्द्रता का विलयन की प्रकृति पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
H+(aq) आयन की सान्द्रता बढ़ने पर विलयन अधिक अम्लीय होता जाता है तथा H+(aq) आयन की सान्द्रता घटने पर विलयन कम अम्लीय होगा अर्थात् क्षारीय गुण बढ़ता जाता है।
∴ अम्लीय गुण ∝ H+(aq) आयन की सान्द्रता
प्रश्न 3.
क्या क्षारकीय विलयन में H+(aq) आयन होते हैं? अगर हाँ, तो यह क्षारकीय क्यों होते हैं?
उत्तर:
हाँ, क्षारकीय विलयन में H+(aq) आयन होते हैं लेकिन क्षारकीय विलयन में H+(aq) स्वतंत्र अवस्था में नहीं होते। क्षारकीय विलयन में H+(aq) की तुलना में OH–(aq) आयन अधिक मात्रा में होते हैं । अतः विलयन क्षारीय होता है।
प्रश्न 4.
कोई किसान खेत की मृदा की किस परिस्थिति में बिना बुझा हुआ चूना (कैल्सियम ऑक्साइड), बुझा हुआ चूना (कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड) या चॉक (कैल्सियम कार्बोनेट) का उपयोग करेगा?
उत्तर:
किसान अपने खेत की मिट्टी को बिना बुझा हुआ चूना (कैल्सियम ऑक्साइड), बुझा हुआ चूना (कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड) या चॉक (कैल्सियम कार्बोनेट) से उस समय उपचारित करेगा, जब मिट्टी में अम्लों की मात्रा आवश्यक मात्रा से अधिक हो जायेगी, क्योंकि ये सभी पदार्थ क्षारकीय प्रकृति के हैं, जो मिट्टी की अम्लीयता को उदासीन कर देंगे।
पृष्ठ 36.
प्रश्न 1.
CaOCl2 यौगिक का प्रचलित नाम क्या है?
उत्तर:
CaOCl2 का प्रचलित नाम विरंजक चूर्ण (ब्लीचिंग पाउडर) है।
प्रश्न 2.
उस पदार्थ का नाम बताइए जो क्लोरीन से क्रिया करके विरंजक चूर्ण बनाता है।
उत्तर:
Ca(OH)2 कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड जिसे बुझा हुआ चूना भी कहते हैं, की शुष्क अवस्था में Cl2 से क्रिया कराने पर विरंजक चूर्ण का निर्माण होता है।
Ca(OH)2 + Cl2 → CaOCl2 + H2O
प्रश्न 3.
कठोर जल को मृदु करने के लिए किस सोडियम यौगिक का उपयोग किया जाता है?
उत्तर:
कठोर जल को मृदु करने के लिए Na2CO3.10H2O (धोने का सोडा) का उपयोग किया जाता है। इससे जल की स्थायी कठोरता को हटाया जाता है।
प्रश्न 4.
सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट के विलयन को गर्म करने पर क्या होगा? इस अभिक्रिया के लिए समीकरण लिखिए।
उत्तर:
सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट के विलयन को गर्म करने पर Na2CO3, H2O तथा CO2गैस प्राप्त होते हैं |
अभिक्रिया का समीकरण:
प्रश्न 5.
प्लास्टर ऑफ पेरिस की जल के साथ अभिक्रिया के लिए समीकरण लिखिए।
उत्तर:
प्लास्टर ऑफ पेरिस एक सफेद चूर्ण है जो जल मिलाने पर जिप्सम बनकर कठोर ठोस पदार्थ बना देता है।
RBSE Class 10 Science Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण Textbook Questions and Answers
प्रश्न 1.
कोई विलयन लाल लिटमस को नीला कर देता है, इसका pH संभवतः क्या होगा?
(a) 1
(b) 4
(c) 5
(d) 10
उत्तर:
(d) 10
प्रश्न 2.
कोई विलयन अंडे के पिसे हुए कवच से अभिक्रिया कर एक गैस उत्पन्न करता है जो चूने के पानी को दूधिया कर देती है। इस विलयन में क्या होगा?
(a) NaCl
(b) HCl
(c) LiCl
(d) KCl
उत्तर:
(b) HCl
प्रश्न 3.
NaOH का 10 mL विलयन, HCl के 8 mL विलयन से पूर्णतः उदासीन हो जाता है। यदि हम NaOH के उसी विलयन का 20 mL लें तो इसे उदासीन करने के लिए HCl के उसी विलयन की कितनी मात्रा की आवश्यकता होगी?
(a) 4 mL
(b) 8 mL
(c) 12 mL
(d) 16 mL
उत्तर:
(d) 16 mL
प्रश्न 4.
अपच का उपचार करने के लिए निम्न में से किस औषधि का उपयोग होता है?
(a) एंटीबायोटिक (प्रतिजैविक)
(b) ऐनालजेसिक (पीड़ाहारी)
(d) एंटीसेप्टिक (प्रतिरोधी)
उत्तर:
(c) ऐन्टैसिड
प्रश्न 5.
निम्न अभिक्रिया के लिए पहले शब्द-समीकरण लिखिए तथा उसके बाद संतुलित समीकरण लिखिए
(a) तनु सल्फ्यूरिक अम्ल दानेदार जिंक के साथ अभिक्रिया करता है।
(b) तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल मैग्नीशियम पट्टी के साथ अभिक्रिया करता है।
(c) तनु सल्फ्यूरिक अम्ल ऐलुमिनियम चूर्ण के साथ अभिक्रिया करता है।
(d) तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल लौह के रेतन के साथ अभिक्रिया करता है।
उत्तर:
(a) जिंक + तनु सल्फ्यूरिक अम्ल → जिंक सल्फेट + हाइड्रोजन गैस
Zn(s) + H2SO4(aq) → ZnSO4(aq) + H2(g)↑
(b) मैग्नीशियम + तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल → मैग्नीशियम क्लोराइड + हाइड्रोजन गैस
Mg(s) + 2HCl(aq) → MgCl2(aq) + H2(g)↑
(c) ऐलुमिनियम + तनु सल्फ्यूरिक अम्ल → ऐलुमिनियम सल्फेट + हाइड्रोजन गैस
2Al(s) + 3H2SO4(aq) → Al2(SO4)3(aq) + 3H2(g)↑
(d) लोहा + तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल → आयरन क्लोराइड + हाइड्रोजन गैस
Fe(s) + 2HCl(aq) → FeCl2(aq) + H2(g)↑
प्रश्न 6.
ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज़ जैसे यौगिकों में भी हाइड्रोजन होते हैं लेकिन इनका वर्गीकरण अम्ल की तरह नहीं होता है। एक क्रियाकलाप द्वारा इसे साबित कीजिए।
उत्तर:
ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज जैसे यौगिकों में हाइड्रोजन होती है परन्तु ये विलयन में आयनीकृत नहीं होते जिससे H+ आयन उत्पन्न नहीं करते। यह निम्न क्रियाकलाप से प्रदर्शित होता है
- ग्लूकोज़, ऐल्कोहॉल, हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, सल्फ्यूरिक अम्ल आदि का विलयन लेते हैं।
- एक कॉर्क पर दो कीलें लगाकर कॉर्क को 100 mL के एक बीकर में रख देते हैं।
- चित्र के अनुसार कीलों को 6 वोल्ट की एक बैटरी के दोनों टर्मिनलों के साथ एक बल्ब तथा स्विच के माध्यम से जोड़ देते हैं।
- अब बीकर में थोड़ा तनु HCl डालकर विद्युत धारा प्रवाहित करते हैं।
- इसी क्रिया को तनु सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ दोहराते हैं।
- इन परीक्षणों को ग्लूकोज़ एवं ऐल्कोहॉल के विलयनों के साथ अलग-अलग दोहराते हैं।
प्रेक्षण व परिणाम:
हम पाते हैं कि बल्ब प्रत्येक स्थिति में नहीं जलता है। अम्ल की स्थिति में बल्ब जलने लगता है क्योंकि अम्लों में उपस्थित आयनों के कारण विद्युत चालन सम्भव है परन्तु ग्लूकोज एवं ऐल्कोहॉल विलयनों में विद्युत चालन नहीं होता क्योंकि इनमें आयन नहीं होते हैं। इसीलिए ग्लूकोज एवं ऐल्कोहॉल को अम्लों में वर्गीकृत नहीं किया जा सकता।
प्रश्न 7.
आसवित जल विद्युत का चालक क्यों नहीं होता जबकि वर्षा जल होता है?
उत्तर:
आसवित जल पूर्ण रूप से शुद्ध होता है, इसमें किसी भी प्रकार के आयनिक यौगिक नहीं होते हैं अतः यह उदासीन होता है, इस कारण विद्युत का चालक नहीं होता जबकि वर्षा जल में अम्लीय गैसें जैसे – CO2 आदि घुलकर कार्बोनिक अम्ल बॅनाती हैं जिससे वर्षा जल अम्लीय होता है तथा हाइड्रोजन आयन (H+) उत्पन्न करता है। इस कारण से वर्षा जल विद्युत का चालन करता है।
प्रश्न 8.
जल की अनुपस्थिति में अम्ल का व्यवहार अम्लीय क्यों नहीं होता है?
उत्तर:
जल की अनुपस्थिति में कोई भी अम्ल आयनित नहीं होता। अतः जल की अनुपस्थिति में अम्लों से हाइड्रोजन आयन (H+) पृथक नहीं हो पाते । चूँकि हाइड्रोजन आयन ही अम्लों के अम्लीय व्यवहार के लिए उत्तरदायी होते हैं। अतः इसकी अनुपस्थिति में अम्ल, अम्लीय व्यवहार प्रदर्शित नहीं कर सकते।
प्रश्न 9.
पाँच विलयनों A, B,C,D व E की जब सार्वत्रिक सूचक से जाँच की जाती है तो pH के मान क्रमशः 4, 1, 11,7 एवं 9 प्राप्त होते हैं। कौन-सा विलयन
(a) उदासीन है?
(b) प्रबल क्षारीय है?
(c) प्रबल अम्लीय है?
(d) दुर्बल अम्लीय है?
(e) दुर्बल क्षारीय है?
pH के मानों को हाइड्रोजन आयन की सांद्रता के आरोही क्रम में व्यवस्थित कीजिए।
उत्तर:
(a) उदासीन – pH7 वाला विलयन D उदासीन है।
(b) प्रबल क्षारीय – pH11 वाला विलयन C प्रबल क्षारीय है।
(c) प्रबल अम्लीय – pH1 वाला विलयन B प्रबल अम्लीय है।।
(d) दुर्बल अम्लीय – pH4 वाला विलयन A दुर्बल अम्लीय है।
(e) दुर्बल क्षारीय – pH9 वाला विलयन E दुर्बल क्षारीय है।
हाइड्रोजन आयन सान्द्रता के बढ़ते क्रम के मान इस प्रकार से होंगे
विलयन C < विलयन E < विलयन D < विलयन A < विलयन B
अर्थात् pH11 < pH9 < pH7 < PH4 < PH1
प्रश्न 10.
परखनली ‘A’ एवं ‘B’ में समान लंबाई की मैग्नीशियम की पट्टी लीजिए। परखनली ‘A’ में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) तथा परखनली ‘B’ में ऐसिटिक अम्ल (CH3COOH) डालिए। दोनों अम्लों की मात्रा तथा सांद्रता समान है। किस परखनली में अधिक तेजी से बुदबुदाहट होगी तथा क्यों?
उत्तर:
परखनली ‘A’ में अधिक तेजी से बुदबुदाहट होगी। Mg से HCl तथा CH3COOH दोनों ही क्रिया करके H2 गैस देंगे। लेकिन CH3COOH की तुलना में HCl अम्ल में हाइड्रोजन आयन की सान्द्रता अधिक होती है इसलिए यह प्रबल अम्ल होने के कारण अधिक तीव्रता से क्रिया करेगा जिससे अधिक तेजी से बुदबुदाहट होगी।
प्रश्न 11.
ताजे दूध के pH का मान 6 होता है। दही बन जाने पर इसके pH के मान में क्या परिवर्तन होगा? अपना उत्तर समझाइए।
उत्तर:
ताजे दूध के pH का मान 6 होता है अर्थात् यह हल्का – सा अम्लीय है। जब इसका किण्वन होता है तो लैक्टिक अम्ल बनता है जिससे दूध दही में बदल जाता है। लैक्टिक अम्ल के कारण इसका अम्लीय गुण बढ़ जाता है जिससे इसके pH मान में और कमी आ जाती है।
प्रश्न 12.
एक ग्वाला ताजे दूध में थोड़ा बेकिंग सोडा मिलाता है।
(a) ताजा दूध के pH के मान को 6 से बदलकर थोड़ा क्षारीय क्यों बना देता है?
(b) इस दूध को दही बनने में अधिक समय क्यों लगता है?
उत्तर:
(a) ताजा दूध में थोड़ा बेकिंग सोडा मिलाने पर दूध का pH मान 6 से बदलकर थोड़ा क्षारीय हो जाता है अर्थात् pH का.मान बढ़ जाता है क्योंकि बेकिंग सोडा (NaHCO3) जिसे सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट कहते हैं, क्षारीय होता है। यह दुर्बल अम्ल तथा प्रबल क्षार का लवण है अतः विलयन क्षारीय हो जाएगा। इससे दूध के परिरक्षण में बनने वाला लैक्टिक अम्ल उदासीन हो जाता है, जिससे दूध जल्दी खराब नहीं होगा।
(b) बेकिंग सोडायुक्त दूध को दही बनने में अधिक समय लगता है क्योंकि दूध से दही बनना किण्वन की प्रक्रिया है, जो कि एक निश्चित pH मान पर ही होती है, जो कि लगभग 7 अर्थात् उदासीन माध्यम होना चाहिए जबकि NaHCO3 (बेकिंग सोडा) मिलाने पर विलयन की pH बढ़ जाती है। इससे दूध से दही बनने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है अर्थात् दूध को क्षारीय से अम्लीय होने में अधिक समय लगता है, इसलिए इस दूध को दही बनने में अधिक समय लगता है।
प्रश्न 13.
प्लास्टर ऑफ पेरिस को आर्द्र-रोधी बर्तन में क्यों रखा जाना चाहिए? इसकी व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
प्लास्टर ऑफ पेरिस नमी के सम्पर्क में आकर H2O के अणुओं से क्रिया करके शीघ्रता से कठोर ठोस पदार्थ जिप्सम में बदल जाता है। इस कारण इसे आर्द्ररोधी बर्तन में रखा जाना चाहिए।
प्रश्न 14. उदासीनीकरण अभिक्रिया क्या है? दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
उदासीनीकरण अभिक्रिया: जब अम्ल किसी क्षार से अभिक्रिया करता है, तब लवण और जल बनते हैं। इसे ही ‘उदासीनीकरण अभिक्रिया’ कहते हैं।
क्षारक + अम्ल → लवण + जल
इस अभिक्रिया में अम्ल द्वारा क्षारक का प्रभाव तथा क्षारक द्वारा अम्ल का प्रभाव समाप्त हो जाता है।
उदाहरण:
प्रश्न 15.
धोने का सोडा एवं बेकिंग सोडा के दो-दो प्रमुख उपयोग बताइए।
उत्तर:
1. धोने के सोडे के उपयोग:
- धोने का सोडा (सोडियम कार्बोनेट) बोरेक्स बनाने में प्रयुक्त होता है।
- सोडियम कार्बोनेट का उपयोग काँच, साबुन एवं कागज उद्योगों में होता है। इससे घरों की सफाई भी करते हैं।
2. बेकिंग सोडे का उपयोग:
- बेकिंग सोडा (सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट) का उपयोग सोडा अम्ल अग्निशामक में किया जाता है।
- यह ऐन्टैसिड होता है क्योंकि क्षारीय होने के कारण पेट में अम्ल की अधिकता को उदासीन करके राहत देता है।