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RBSE Class 10 Science Solutions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण

RBSE Class 10 Science Solutions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण

पाठ सार एवं पारिभाषिक शब्दावली (SUMMARY OF THE CHAPTER AND GLOSSARY)

1. कुल तत्व (Total Elements)– सन् 1800 तक केवल 30 तत्वों का पता चला था। आज इनकी कुल संख्या 114 है। सबसे पहले ज्ञात तत्वों को धातु और अधातु में वर्गीकृत किया गया। में
2. डॉबेराइनर के त्रिक (Dobereiner’s Triads) – सन् 1817 में जर्मन रसायनज्ञ, वुल्फगांग डॉबेराइनर ने समान गुणधर्मों वाले तत्वों को समूहों में व्यवस्थित करने का प्रयास किया। उन्होंने तीन-तीन तत्वों वाले कुछ समूहों को चुना एवं उन । समूहों को त्रिक कहा। त्रिक में वर्गीकृत करने की यह पद्धति सफल न हो सकी। |
3. गुणों के आधार पर वर्गीकरण (Classification on the Basis of Properties) — प्रत्येक तत्व की विशेषताएँ और गुण | परमाणुओं के कारण अलग-अलग होते हैं तथा तत्वों को उनके गुणों के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। सर्वप्रथम | तत्वों को धातु और अधातु में वर्गीकृत किया गया ।
4. अष्टक नियम (Octet Rule) — सन् 1803 में डाल्टन ने परमाणु द्रव्यमानों के आधार पर तत्वों का वर्गीकरण किया था । तथा न्यूलैण्ड ने सन् 1866 में अष्टक नियम के आधार पर 56 वें तत्व थोरियम तक वर्गीकरण किया, परन्तु यह नियम ! कैल्सियम तक ही लागू होता है। बाद में कई ऐसे तत्व पाये गये जिनके गुणधर्म न्यूलैण्ड के अष्टक सिद्धान्त से भिन्न ! थे। इन सिद्धान्तों की एक सीमा थी । ।
5. मेण्डेलीफ के द्वारा वर्गीकरण (Classification by Mendeleev)
(a) तत्वों के वर्गीकरण का मुख्य श्रेय रूसी रसायनज्ञ डमित्री इवानोविच मेण्डेलीफ को जाता है। इनका आवर्त नियम ‘मेण्डेलीफ का आवर्त नियम’ के नाम से प्रसिद्ध है। मेण्डेलीफ का सिद्धान्त ही वर्तमान आधुनिक आवर्त | सारणी का आधार है। ।
(b) मेण्डेलीफ की आवर्त सारणी को आवर्ती (Periods) तथा वर्गों (Groups) में बाँटा गया है। क्षैतिज पंक्तियों को आवर्त तथा ऊर्ध्वाधर स्तंभों को वर्ग कहते हैं। ।
(c) मेण्डेलीफ ने अपनी आवर्त सारणी में कुछ रिक्त स्थान छोड़ दिए और इनसे संबंधित तत्वों के अस्तित्व की भविष्यवाणी की तथा उनके गुणों का भी अनुमान लगाया। इस प्रकार यह नए तत्वों की खोज के लिए प्रेरित । करती है।
(d) मेण्डेलीफ की दूरदर्शिता के कारण अक्रिय गैसों की खोज होने पर सारणी में छेड़छाड़ किए बिना इन्हें नए समूह में रखा जा सका।
(e) मेण्डेलीफ अपनी सारणी में हाइड्रोजन को उचित स्थान न दे सके तथा बाद में समस्थानिकों की खोज होने पर । सारणी में इन्हें उचित स्थान देने में कठिनाई उत्पन्न हुई है। यह मेण्डेलीफ की आवर्त सारणी का एक प्रमुख दोष | था।
6. आधुनिक आवर्त सारणी ( Modern Periodic Table)
(a) सन् 1913 में हेनरी मोजले ने बताया कि तत्व के परमाणु द्रव्यमान की तुलना में उसकी परमाणु संख्या अधिक | आधारभूत गुणधर्म है। इसके अनुसार, “तत्वों के गुणधर्म उनकी परमाणु संख्या का आवर्त फलन होते हैं।” |
(b) तत्वों को उनकी परमाणु संख्या (Z) के आरोही क्रम में व्यवस्थित करने पर जो वर्गीकरण प्राप्त होता है उसे | आधुनिक आवर्त सारणी कहा गया है। आधुनिक आवर्त सारणी में मेण्डेलीफ की सारणी के दोषों को दूर किया ! । गया।
(c) आधुनिक आवर्त सारणी में 18 ऊर्ध्व स्तंभ हैं जिन्हें समूह कहते हैं। समूह के सभी तत्वों की संयोजकता इलेक्ट्रॉनों की संख्या के समान होती है। समूह में ऊपर से नीचे की ओर जाने पर कोशों की संख्या बढ़ती है।
(d) आधुनिक आवर्त सारणी में 7 क्षैतिज पंक्तियाँ हैं जिन्हें आवर्त कहते हैं। आवर्त में बाएँ से दाएँ जाने पर कोशों की संख्या तो समान रहती है परन्तु परमाणु संख्या तथा संयोजकता इलेक्ट्रॉनों की संख्या में इकाई की वृद्धि होती है
7. आधुनिक आवर्त सारणी की प्रवृत्ति (Nature of Modern Periodic Table)
(a) संयोजकता (Valency) – किसी भी तत्व की संयोजकता उसके परमाणु के सबसे बाहरी कोश में उपस्थित संयोजकता इलेक्ट्रॉनों की संख्या से निर्धारित होती है ।
(b) परमाणु आकार (Atomic Size) एक स्वतन्त्र परमाणु के केन्द्र से उसके सबसे बाहरी कोश की दूरी परमाणु आकार को दर्शाती है। आवर्त में बाईं से दाईं ओर जाने पर परमाणु त्रिज्या घटती है तथा समूह में ऊपर से नीचे जाने पर परमाणु आकार बढ़ता है।
(c) धात्विक लक्षण (Metallic Properties) — धात्विक अभिलक्षण आवर्त में घटता है तथा समूह में नीचे जाने पर बढ़ता है।
(d) ऑक्साइडों की प्रकृति (Nature of Oxides) — धातुओं के ऑक्साइड क्षारकीय तथा अधातुओं के ऑक्साइड सामान्यतः अम्लीय होते हैं ।
(e) आयनन ऊर्जा (lonisation Energy)-किसी तत्व के उदासीन गैसीय परमाणु के बाहरी कक्ष से एक इलेक्ट्रॉन को निकालने के लिए आवश्यक ऊर्जा की न्यूनतम मात्रा को आयनन ऊर्जा कहते हैं। किसी समूह में ऊपर से नीचे आने पर आयनन ऊर्जा कम होती है।
(f) इलेक्ट्रॉन बंधुता (Electron Affinity) – किसी तत्व के उदासीन परमाणु में एक अतिरिक्त इलेक्ट्रॉन से जुड़ने पर निकलने वाली ऊर्जा इलेक्ट्रॉन बंधुता कहलाती है।
8. उपधातु (Metalloids) – आवर्त सारणी में एक टेढ़ी-मेढ़ी रेखा धातुओं को अधातुओं से अलग करती है। इस रेखा पर आने वाले तत्व बोरॉन, सिलिकन, जर्मेनियम, आर्सेनिक, एण्टिमनी, टेलुरियम एवं पोलोनियम धातुओं एवं अधातुओं दोनों के गुणधर्म प्रदर्शित करते हैं। इसलिए इन्हें अर्द्धधातु या उपधातु भी कहते हैं।

RBSE Class 10 Science Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण InText Questions and Answers

पृष्ठ 91.

प्रश्न 1.
क्या डॉबेराइनर के त्रिक, न्यूलैंड्स के अष्टक के स्तम्भ में भी पाए जाते हैं? तुलना करके पता कीजिए।
उत्तर:
हाँ, डॉबेराइनर के त्रिक, न्यूलैण्ड के अष्टक के स्तम्भ में भी पाए जाते हैं। उदाहरण के लिए लीथियम (Li), सोडियम (Na) तथा पोटैशियम (K) एक डॉबेराइनर का त्रिक बनाते हैं। यदि Li को पहला तत्व मानें तो उससे आठवें स्थान पर Na आता है और यदि Na को पहला तत्व मानें तो उसके आठवें स्थान पर K आता है। डॉबेराइनर का यह त्रिक न्यूलैण्ड अष्टकों के ‘रे’ (अथवा द्वितीय) स्तम्भ में उपस्थित है। इसी प्रकार त्रिक Ca, Sr और Ba न्यूलैण्ड के अष्टक के ‘गा’ (अथवा तीसरे) स्तम्भ में उपस्थित हैं।

प्रश्न 2.
डॉबेराइनर के वर्गीकरण की क्या सीमाएँ हैं?
उत्तर:
डॉबेराइनर के त्रिक का वर्गीकरण मात्र केवल कुछ तत्वों के लिए ही लागू हो पाया। डॉबेराइनर उस समय तक ज्ञात तत्वों में से केवल तीन त्रिक् ही ज्ञात कर सके थे इसलिए त्रिक में वर्गीकृत करने की यह पद्धति सफल । नहीं रही।

प्रश्न 3.
न्यूलैंड्स के अष्टक सिद्धान्त की क्या सीमाएँ हैं?
उत्तर:
न्यूलैंड्स के अष्टक सिद्धान्त की सीमाएँ निम्न हैं:
(1) न्यूलैंड्स के अष्टक का सिद्धांत केवल कैल्सियम तक ही लागू होता है क्योंकि कैल्सियम के बाद प्रत्येक आठवें तत्व के गुण पहले तत्व से नहीं मिलते।

(2) न्यूलैंड्स ने माना कि प्रकृति में केवल 56 तत्व विद्यमान हैं तथा भविष्य में कोई अन्य तत्व नहीं मिलेगा। लेकिन, बाद में कई नए तत्व पाए गए, जिनके गुणधर्म, अष्टक सिद्धांत से मेल नहीं खाते थे।

(3) अपनी सारणी में इन तत्वों को समंजित करने के लिए न्यूलैंड्स ने दो तत्वों को एक साथ रख दिया और कुछ असमान तत्वों को एक स्थान पर रख दिया ।

उदाहरण: के लिए, कोबाल्ट तथा निकल को एक ही स्थान पर रखा गया परन्तु इन्हें फ्लुओरीन, क्लोरीन एवं ब्रोमीन के साथ एक ही स्तम्भ ‘सा’ के अन्तर्गत रखा गया है, जबकि कोबाल्ट तथा निकल के गुण फ्लुओरीन, क्लोरीन तथा ब्रोमीन से सर्वथा भिन्न हैं। इसी प्रकार आयरन को कोबाल्ट एवं निकल से दूर रखा गया है जबकि उनके गुणधर्मों में समानता होती है।

(4) न्यूलैंड्स अष्टक सिद्धांत केवल हल्के तत्वों के लिए ही ठीक से लागू हो पाया।

(5) नोबल गैसों की खोज के बाद अष्टक का सिद्धान्त अप्रासंगिक हो गया।

पृष्ट 94.

प्रश्न 1.
मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी का उपयोग कर निम्नलिखित तत्वों के ऑक्साइड के सूत्र का अनुमान कीजिए: K, C, Al, Si, Ba
उत्तर:
मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी के अनुसार तत्वों के ऑक्साइड के सूत्र निम्न प्रकार होंग:

तत्व ऑक्साइड  का  सूत्र
K K2O
Al CO2
C Al2O3
Si SiO2
Ba BaO

प्रश्न 2.
गैलियम के अतिरिक्त अब तक कौन – कौनसे तत्वों का पता चला है जिनके लिए मेन्डेलीफ ने अपनी आवर्त सारणी में खाली स्थान छोड़ दिया था? दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी में छोड़े गए खाली स्थान में गैलियम के अतिरिक्त स्कैंडियम तथा जर्मेनियम रखे गए थे जिनकी खोज बाद में हुई थी। स्कैंडियम, गैलियम तथा जर्मेनियम के गुण क्रमशः एका – बोरॉन, एकाऐलुमिनियम तथा एका – सिलिकॉन के समान थे।

प्रश्न 3.
मेन्डेलीफ ने अपनी आवर्त सारणी तैयार करने के लिए कौनसा मापदण्ड अपनाया?
उत्तर:
मेन्डेलीफ ने अपनी आवर्त सारणी तैयार करने के लिए तत्वों के परमाणु द्रव्यमान एवं उनके भौतिक तथा रासायनिक गुणधर्मों के बीच सम्बन्ध को एवं तत्व से बनने वाले हाइड्राइड व ऑक्साइड के सूत्र को वर्गीकरण का मानदण्ड माना।

प्रश्न 4.
आपके मतानुसार उत्कृष्ट गैसों को अलग समूह में क्यों रखा गया?
उत्तर:
सभी तत्वों में से उत्कृष्ट गैसें, जैसे – हीलियम (He), नीऑन (Ne), आर्गन (Ar), क्रिप्टॉन (Kr) तथा जीनॉन (Xe) सबसे अधिक अक्रियाशील हैं। ये अन्य तत्वों से अभिक्रिया नहीं करते इसलिए इन गैसों का पता भी देर से चला तथा वायुमण्डल में इनकी मात्रा बहुत कम है।

पृष्ठ 100.

प्रश्न 1.
आधुनिक आवर्त सारणी द्वारा किस प्रकार से मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी की विविध विसंगितयों को दूर किया गया?
उत्तर:
परमाणु संख्या को आधुनिक आवर्त सारणी के आधार के रूप में स्वीकार किया गया। इस सारणी द्वारा मेन्डेलीफ की सारणी के निम्न दोषों को दूर किया गया
(i) हाइड्रोजन का स्थान: आधुनिक आवर्त सारणी में परमाणु संख्या के आधार पर हाइड्रोजन को प्रथम समूह में रखा जाता है जबकि मेन्डेलीफ की सारणी में उसे नियत स्थान नहीं दिया जा सका था।

(ii) समस्थानिकों का स्थान: आधुनिक आवर्त सारणी में सभी समस्थानिकों को एक ही स्थान दिया गया क्योंकि इनके परमाणु क्रमांक एकसमान होते हैं।

(iii) भारी तत्वों को हल्के तत्वों से पहले रखना: परमाणु भार के आधार पर, जो भारी तत्व हल्के तत्व से पहले आते हैं, उनका स्थान परंमाणु क्रमांक के आधार पर उचित है। जैसे – आर्गन (Ar) तथा पोटैशियम की परमाणु संख्या क्रमशः 18 एवं 19 है तथा परमाणु भार क्रमश: 39.84 और 39.1 है। तत्वों की बढ़ती परमाणु संख्या के आधार पर व्यवस्थित करने पर ऑर्गन पहले आता है, जबकि उनके परमाणु द्रव्यमान इसके विपरीत हैं। आधुनिक आवर्त सारणी में इस दोष को दूर किया गया है।

(iv) दुर्लभ मृदा तत्वों को स्थान: सभी मृदा तत्वों को एक ही स्थान पर रखा गया है, क्योंकि इनकी बाह्यतम कक्षा में इलेक्ट्रॉनों की संख्या समान है।

प्रश्न 2.
मैग्नीशियम की तरह रासायनिक अभिक्रियाशीलता दिखाने वाले दो तत्वों के नाम लिखिए। आपके चयन का क्या आधार है?
उत्तर:
मैग्नीशियम (Mg) की तरह रासायनिक अभिक्रियाशीलता दिखाने वाले दो तत्व बेरीलियम (Be) तथा कैल्सियम (Ca) हैं। आधुनिक आवर्त सारणी के अनुसार, “जिन तत्वों का बाहरी इलेक्ट्रॉनिक विन्यास समान होता है, उनके गुणधर्म भी समान होते हैं।” चूँकि Mg के बाहरी कोश में दो इलेक्ट्रॉन हैं, अतः वे सभी तत्व जिनके बाहरी कोश में दो इलेक्ट्रॉन होंगे, Mg के समान ही गुणधर्म प्रदर्शित करेंगे। अतः हमारे चयन का आधार इन तत्वों का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास है।

प्रश्न 3.
निम्न के नाम बताइए:
(a) तीन तत्वों जिनके सबसे बाहरी कोश में एक इलेक्ट्रॉन उपस्थित हो।
(b) दो तत्वों जिनके सबसे बाहरी कोश में दो इलेक्ट्रॉन उपस्थित हों।
(c) तीन तत्वों जिनका बाहरी कोश पूर्ण हो।
उत्तर:
(a) Li, Na तथा. K ऐसे तत्व हैं, जिनके बाहरी कोश में एक इलेक्ट्रॉन उपस्थित है।
(b) Mg तथा Ca ऐसे तत्व हैं, जिनके बाहरी कोश में दो इलेक्ट्रॉन उपस्थित हैं।
(c) Ne (निऑन), Ar (ऑर्गन) तथा Kr (क्रिप्टॉन) ऐसे तत्व हैं, जिनका बाहरी कोश पूर्ण भरा है।

प्रश्न 4.
(a) लीथियम, सोडियम, पोटैशियम, ये सभी धातुएँ जल से अभिक्रिया कर हाइड्रोजन गैस मुक्त करती हैं। क्या इन तत्वों के परमाणुओं में कोई समानता है?
(b) हीलियम एक अक्रियाशील गैस है जबकि निऑन की अभिक्रियाशीलता अत्यन्त कम है। क्या इनके परमाणुओं में कोई समानता है?
उत्तर:
(a) लीथियम, सोडियम तथा पोटैशियम के परमाणुओं में इलेक्ट्रॉन त्यागने की प्रवृत्ति होती है। अतः ये जल में उपस्थित हाइड्रोजन को अपचयित करके मुक्त H2 गैस देते हैं। इन सभी के परमाणुओं के बाह्यतम कोश में एक इलेक्ट्रॉन पाया जाता है।

(b) हीलियम तथा निऑन दोनों के बाह्यतम कोश इलेक्ट्रॉनों से पूर्ण रूप से भरे होते हैं तथा यह दोनों अक्रिय गैसें हैं। अतः इनकी क्रियाशीलता बहुत कम होती है।

प्रश्न 5.
आधुनिक आवर्त सारणी में पहले दस तत्वों में कौनसी धातुएँ हैं?
उत्तर:
आधुनिक आवर्त सारणी में पहले दस तत्व H, He, Li, Be, B, C, N, O, F और Ne हैं।  इन सभी तत्वों में से केवल Li तथा Be ही धातुएँ हैं।

प्रश्न 6.
आवर्त सारणी में इनके स्थान के आधार पर इनमें से किस तत्व में सबसे अधिक धात्विक अभिलक्षण की विशेषता है?
Ga, Ge, As, Se, Be
उत्तर:
अतः दिए गए तत्वों की आवर्त सारणी में स्थिति के अनुसार Ga (गैलियम) तथा Be (बेरिलियम) धातु Ge और As उपधातु तथा Se अधातु की श्रेणी में आते हैं। आवर्त सारणी में बाएँ से दाएँ जाने पर द्यात्विक गुण घटता जाता है परन्तु Ga का आकार Be की तुलना में बड़ा (अधिक कोश होने के कारण) होने के कारण’ Ga में इलेक्ट्रॉन त्यागने की प्रवृत्ति Be से अधिक होती है इसलिए Ga (गैलियम) में धात्विक गुण सर्वाधिक है।

RBSE Class 10 Science Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
आवर्त सारणी में बाईं से दाईं ओर जाने पर, प्रवृत्तियों के बारे में कौनसा कथन असत्य है?
(a) तत्वों की धात्विक प्रकृति घटती है।
(b) संयोजकता इलेक्ट्रॉनों की संख्या बढ़ जाती है।
(c) परमाणु आसानी से इलेक्ट्रॉन का त्याग करते हैं।
(d) इनके ऑक्साइड अधिक अम्लीय हो जाते हैं।
उत्तर:
(c) परमाणु आसानी से इलेक्ट्रॉन का त्याग करते हैं।

प्रश्न 2.
तत्व X, XCl2 सूत्र वाला एक क्लोराइड बनाता है जो एक ठोस है तथा जिसका गलनांक अधिक है। आवर्त सारणी में यह तत्व संभवतः किस समूह के अन्तर्गत होगा?
(a) Na
(b) Mg
(c)Al
(d) Si
उत्तर:
(b) Mg

प्रश्न 3.
किस तत्व में
(a) दो कोश हैं तथा दोनों इलेक्ट्रॉनों से पूरित हैं?
(b) इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8, 2 है?
(c) कुल तीन कोश हैं तथा संयोजकता कोश में चार इलेक्ट्रॉन हैं?
(d) कुल दो कोश हैं तथा संयोजकता कोश में तीन इलेक्ट्रॉन हैं?
(e) दूसरे कोश में पहले कोश से दोगुने इलेक्ट्रॉन हैं?
उत्तर:
(a) Ne (2, 8) में दो कोश हैं तथा दोनों ही इलेक्ट्रॉन से पूरित हैं।
(b) इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8, 2 वाला तत्व मैग्नीशियम (Mg) है। इसका परमाणु क्रमांक 12 है।
(c) कुल तीन कोश तथा संयोजकता कोश में चार इलेक्ट्रॉन वाला तत्व सिलिकॉन (Si) है। 14Si = 2, 8, 4.
(d) कुल दो कोश तथा संयोजकता कोश में तीन इलेक्ट्रॉन वाला तत्व बोरॉन (B) है। 5B = 2, 3.
(e) कार्बन (C) में दूसरे कोश में इलेक्ट्रॉनों की संख्या पहले कोश में इलेक्ट्रॉन की संख्या की तुलना में दोगुनी है। 6C = 2, 4.

प्रश्न 4.
(a) आवर्त सारणी में बोरॉन के स्तम्भ के सभी तत्वों के कौनसे गुणधर्म समान हैं?
(b) आवर्त सारणी में फ्लुओरीन के स्तम्भ के सभी तत्वों के कौनसे गुणधर्म समान हैं?
उत्तर:
(a) आवर्त सारणी में बोरॉन के स्तम्भ के सभी तत्वों के:

  • बोरॉन की भाँति बोरॉन के स्तम्भ के सभी तत्वों का बाह्यतम इलेक्ट्रॉनिक विन्यास समान है अर्थात् सभी तत्वों के बाह्यतम कोश में तीन इलेक्ट्रॉन हैं।
  • B (बोरॉन) के स्तम्भ के सभी तत्व + 3 संयोजकता (ऑक्सीकरण अवस्था) दर्शाते हैं।

(b) आवर्त सारणी में बोरॉन के स्तम्भ के सभी तत्वों के:

  • आवर्त सारणी में फ्लुओरीन के स्तम्भ के सभी तत्वों का बाह्यतम इलेक्ट्रॉनिक विन्यास समान होता है। इन सभी के बाह्यतम कोश में सात इलेक्ट्रॉन हैं। इन सभी की संयोजकता 1 होती है।
  • ये सभी तत्व अधातु हैं तथा द्विपरमाणुक अणु बनाते हैं।

प्रश्न 5.
एक परमाणु का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8,7 है।
(a) इस तत्व की परमाणु – संख्या क्या है?
(b) निम्न में किस तत्व के साथ इसकी रासायनिक समानता होगी? (परमाणु-संख्या कोष्ठक में दी गई है) N(7) F(9) P(15) Ar(18)
उत्तर:
(a) इस तत्व की परमाणु संख्या 17 है। यह तत्व क्लोरीन है।
(b) इस तत्व की रासायनिक समानता F(9) फ्लुओरीन से है। ये एक ही वर्ग के तत्व हैं।

प्रश्न 6,
आवर्त सारणी में तीन तत्व A, B तथा C की स्थिति निम्न प्रकार है

समूह 16 समूह 17
A
B C

अब बताइए कि:
(a) A धातु है या अधातु।
(b) A की अपेक्षा C अधिक अभिक्रियाशील है या कम?
(c) c का साइज B से बड़ा होगा या छोटा?
(d) तत्व A, किस प्रकार के आयन, धनायन या ऋणायन बनाएगा?
उत्तर:
आवर्त सारणी में वर्ग 16 तथा 17 देखने पर पता चलता है कि ।
(a) A अधातु है। (क्योंकि आवर्त सारणी में बाएं से दाएँ जाने पर धात्विक गुण घटता है।)
(b) A की अपेक्षा C कम अभिक्रियाशील है।
(c) C का साइज (आकार) B से छोटा होगा।
(d) A मुख्यतः ऋणायन बनाता है क्योंकि यह. अधातु है।

प्रश्न 7.
नाइट्रोजन (परमाणु संख्या 7) तथा फॉस्फोरस (परमाणु संख्या 15) आवर्त सारणी के समूह 15 के तत्व हैं। इन दोनों तत्वों का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखिए। इनमें से कौनसा तत्व अधिक ऋण विद्युत होगा और क्यों?
उत्तर:
नाइट्रोजन (परमाणु संख्या 7) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास

K L
2 5

है तथा फॉस्फोरस (परमाणु संख्या 15) काइलेक्ट्रॉनिक विन्यास

2 8 5
K L M

है। इनमें से नाइट्रोजन अधिक ऋण विद्युती है क्योंकि वर्ग में N ऊपर है तथा P नीचे है और किसी समूह में ऊपर से नीचे जाने पर कोशों की संख्या बढ़ती जाती है जिसके कारण संयोजकता इलेक्ट्रॉन नाभिक से दूर हो जाते हैं जिससे प्रभावी नाभिकीय आवेश घटता जाता है और इलेक्ट्रॉनों को आकर्षित करने की प्रवृत्ति कम होती जाती है जिससे विद्युत ऋणता घटती जाती है।

प्रश्न 8.
तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास का आधुनिक आवर्त सारणी में तत्व की स्थिति से क्या सम्बन्ध है?
उत्तर:
आधुनिक आवर्त सारणी परमाणु क्रमांक के आधार पर बनाई गई है तथा परमाणु क्रमांक के आधार पर ही तत्वों का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखा जाता है। तत्वों के रासायनिक गुण, इलेक्ट्रॉनिक विन्यास पर निर्भर करते हैं। अतः जिन परमाणुओं के बाह्यतम कोशों में इलेक्ट्रॉनों की संख्या समान होती है, उन्हें समान समूह में रखा जाता है। किसी आवर्त में बाएँ से दाएँ चलते समय संयोजकता कोश में इलेक्ट्रॉनों की संख्या 1 इकाई बढ़ जाती है क्योंकि परमाणु क्रमांक 1 इकाई बढ़ जाता है।

प्रश्न 9.
आधुनिक आवर्त सारणी में कैल्सियम (परमाणु संख्या 20) के चारों ओर 12, 19, 21 तथा 38 परमाणु संख्या वाले तत्व स्थित हैं। इनमें से किन तत्वों के भौतिक एवं रासायनिक गुणधर्म कैल्सियम के समान हैं?
उत्तर:
इन तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास निम्न प्रकार से हैं।

परमाणु  संख्या इलेक्ट्रॉनिक  विन्यास
12(Mg) 2, 8, 2
19(K) 2, 8, 8, 1
20(Ca) 2, 8, 8, 2
21(Sc) 2, 8, 9, 2
38(Sr) 2, 8, 18, 9, 2

स्पष्ट है कि परमाणु संख्या 12 एवं 38 वाले तत्वों के बाह्यतम कोश का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास कैल्सियम (परमाणु संख्या 20) के समान है। इनके सभी के बाह्यतम कोश में दो इलेक्ट्रॉन हैं। इसलिए इनके भौतिक व रासायनिक गुणधर्म भी समान होते हैं।

प्रश्न 10.
आधुनिक आवर्त सारणी एवं मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी में तत्वों की व्यवस्था की तुलना कीजिए।
उत्तर:
आधुनिक आवर्त सारणी एवं मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी में तत्वों की व्यवस्था की तुलना

  1. मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी में तत्वों के वर्गीकरण का आधार परमाणु द्रव्यमान था जबकि आधुनिक आवर्त सारणी में तत्वों का वर्गीकरण परमाणु संख्या के आधार पर किया गया।
  2. मेन्डेलीफ के अनुसार तत्वों के गुणधर्म, परमाणु द्रव्यमान के आवर्ती फलन होते हैं जबकि आधुनिक आवर्त नियम के अनुसार तत्वों के गुणधर्म परमाणु संख्या के आवर्ती फलन होते हैं।
  3. मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी में आठ समूह थे. जबकि आधुनिक आवर्त सारणी में 18 समूह (ऊर्ध्वाधर स्तम्भ) हैं।
  4. मेन्डेलीफ के अनुसार तत्वों को परमाणु द्रव्यमान के आरोही क्रम में रखने पर समान भौतिक एवं रासायनिक गुणधर्म वाले तत्व एक निश्चित अन्तराल के बाद पुनः आ जाते हैं अर्थात् उनका.एक समूह होता है। आधुनिक आवर्त सारणी में तत्वों को परमाणु संख्या के आरोही क्रम में रखने पर समान गुण वाले तत्व एक वर्ग (समूह) में आते हैं।
  5. मेण्डेलीफ की आवर्त सारणी में कुछ तत्वों के लिए खाली स्थान छोड़ दिए गए थे, जो कि उस समय ज्ञात नहीं थे परन्तु अब आधुनिक आवर्त सारणी में सभी तत्व भली – भाँति व्यवस्थित हैं।
  6. मेण्डेलीफ की आवर्त सारणी के समय ज्ञात 63 तत्व थे परन्तु आधुनिक आवर्त सारणी में 118 ज्ञात तत्व हैं।
  7. मेण्डेलीफ की आवर्त सारणी में कोबाल्ट व निकल तथा टेलुरियम व आयोडीन गलत रखे गये थे परन्तु आधुनिक आवर्त सारणी में नियमानुसार वे सही व्यवस्थित हैं।

आधुनिक आवर्त सारणी, मेन्डेलीफ आवर्त सारणी से अधिक उपयुक्त है क्योंकि यह परमाणु क्रमांक पर आधारित है जो कि परमाणु का अधिक मूलभूत गुण है। जिसके आधार पर तत्वों के गुणों का वर्ग तथा आवर्त में परिवर्तन की व्याख्या अधिक सुगमता से की जा सकती है।

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