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RBSE Class 10 Social Science Solutions Civics Chapter 1 सत्ता की साझेदारी

RBSE Class 10 Social Science Solutions Civics Chapter 1 सत्ता की साझेदारी

पाठ-सार

लोकतांत्रिक व्यवस्था में सारी ताकत किसी एक अंग तक सीमित नहीं होती। विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच पूरी समझ के साथ सत्ता को विकेन्द्रित कर देना लोकतंत्र के काम-काज के लिए जरूरी है। लोकतंत्र में सत्ता की साझेदारी क्यों जरूरी-सत्ता की साझेदारी के पक्ष में दो तर्क दिये जा सकते हैं
(1) सत्ता का बँटवारा ठीक है क्योंकि सत्ता की साझेदारी से विभिन्न सामाजिक समूह के बीच टकराव का अंदेशा कम हो जाता है।
(2) सत्ता का बँटवारा लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं के लिए ठीक है।
(3) इसके पक्ष में एक अन्य तर्क यह भी दिया जा सकता है कि सत्ता की साझेदारी लोकतंत्र की आत्मा है । वैध लोकतांत्रिक सरकार वही है जिसमें अपनी भागीदारी के माध्यम से सभी समूह शासन व्यवस्था से जुड़ते हैं।
सत्ता की साझेदारी के रूप–आधुनिक लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में सत्ता की साझेदारी के अनेक रूप हो सकते हैं—
( 1 ) सत्ता का क्षैतिज वितरण- इसमें शासन के विभिन्न अंगों— विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच एक ही स्तर पर सत्ता का बँटवारा रहता है। इसमें कोई भी एक अंग सत्ता का असीमित उपयोग नहीं कर सकता। हर अंग दूसरे पर अंकुश रखता है। इससे विभिन्न संस्थाओं के बीच सत्ता का संतुलन बना रहता है i –
( 2 ) सत्ता का ऊर्ध्वाधर वितरण- सरकार के बीच भी विभिन्न स्तरों पर सत्ता का बँटवारा हो सकता है। केन्द्र
सरकार और राज्य (प्रान्त की) सरकार के बीच इसी तरह का सत्ता का बँटवारा होता है। राज्य सरकारों से नीचे के स्तर की सरकारों के लिए भी ऐसी ही व्यवस्था हो सकती है। नगरपालिकाएँ और पंचायतें ऐसी ही इकाइयाँ हैं ।
( 3 ) सामाजिक समूहों के बीच सत्ता का बँटवारा — सत्ता का बँटवारा विभिन्न सामाजिक समूहों, जैसेभाषायी और धार्मिक समूहों के बीच भी हो सकता है। बेल्जियम में ‘सामुदायिक सरकार’ इसका एक अच्छा उदाहरण है। सामाजिक रूप से कमजोर समुदाय और महिलाओं को विधायिका और प्रशासन में हिस्सेदारी के लिए आरक्षण की व्यवस्था भी इसका उदाहरण है। अल्पसंख्यक समुदायों को भी इसी तरीके से सत्ता में उचित हिस्सेदारी दी जाती है।
( 4 ) राजनीतिक दलों, दबाव तथा हित समूहों के बीच सत्ता की भागीदारी – सत्ता के बँटवारे का एक रूप हम विभिन्न राजनीतिक दलों, दबाव तथा हित समूहों के बीच देख सकते हैं । लोकतंत्र में चुनाव के माध्यम से सत्ता अलग-अलग विचारधारा और सामाजिक समूहों वाले राजनीतिक दलों के हाथ आती-जाती रहती है। इसके अतिरिक्त विभिन्न हित व दबाव समूह भी शासन को प्रभावित और नियंत्रित करने का प्रयास करते रहते हैं।

RBSE Class 10 Social Science सत्ता की साझेदारी InText Questions and Answers

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प्रश्न 1.
मेरे दिमाग में सीधा सा समीकरण यह है कि सत्ता का बँटवारा = सत्ता के टुकड़े करना = देश को कमजोर करना। हम इस बात से शुरुआत क्यों कर रहे हैं?
उत्तर:
यह विचार सही नहीं है कि सत्ता के बँटवारे या सत्ता की साझेदारी से देश कमजोर होगा। वस्तुस्थिति यह है कि सत्ता की साझेदारी देश को मजबूत बनाती है। बेल्जियम इस बात का स्पष्ट उदाहरण है।

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प्रश्न 2.
बहुसंख्यक समुदाय के शासन में क्या हर्ज है? अगर श्रीलंका में सिंहलियों का राज नहीं होगा तो किसका राज होगा?
उत्तर:
केवल यह कहना कि बहुसंख्यक समुदाय ही शासन करेगा, गलत है। इससे लोकतंत्र की मूल भावना का उल्लंघन होगा। लोकतंत्र में सभी को राजनीतिक रूप से शासन में भाग लेने हेतु दल बनाने एवं चुनाव लड़ने का अधिकार प्राप्त है। जिन्हें या जिस राजनीतिक दल को बहुमत प्राप्त होता है, वह शासन करता है। राजनीतिक दलों को अल्पसंख्यक समुदाय के प्रतिनिधियों को भी चुने जाने का मौका प्रदान करना चाहिए।

श्रीलंका की स्थिति में बहुसंख्यक होने के कारण ज्यादा सम्भावना यही है कि वहाँ सिंहली अधिक चुने जायेंगे और उनकी ही सरकार होगी लेकिन उन्हें अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को भी अपनी तरफ से चुनाव में खड़ा करना चाहिए तथा सभी समुदायों के विकास के लिए काम करना चाहिए।

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प्रश्न 3.
एनिते बेल्जियम के उत्तरी इलाके के एक डच माध्यम के स्कूल में पढ़ती है। फ्रेंच बोलने वाले उसके अनेक स्कूली साथी चाहते हैं कि पढ़ाई फ्रेंच में ही हो। सेल्वी श्रीलंका की राजधानी कोलंबो के एक स्कूल में पढ़ती है। वह और उसके स्कूल के बहुत से दोस्त तमिल भाषी हैं और इनके माता-पिता पढ़ाई का माध्यम तमिल ही रखना चाहते हैं।
(क) कौन-सी सरकार एनिते और सेल्वी के माता-पिता की इच्छा पूरी कर सकती है?
(ख) किसे सफलता मिलने की संभावना अधिक है और क्यों?
उत्तर:
(क) बेल्जियम की सरकार एनिते के माता-पिता की इच्छा पूरी कर सकती है।
(ख) एनिते को सफलता मिलने की संभावना अधिक है; क्योंकि यहाँ क्षेत्रीय और सांस्कृतिक विविधता को स्वीकार कर डच और फ्रेंच भाषाभाषियों को सत्ता में समान प्रतिनिधित्व दिया गया है। पृष्ठ १

प्रश्न 4.
मेरे स्कूल में हर महीने क्लास मॉनीटर बदल जाता है। क्या आप इसे ही सत्ता की भागीदारी बता रहे हैं?
उत्तर:
हमारे विचार से क्लास मॉनीटर का बदलना ही सत्ता की भागीदारी नहीं है, यह तो केवल एक विद्यार्थी को उसकी योग्यता के आधार पर कुछ जिम्मेदारी सौंपना है।

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प्रश्न 5.
सत्ता के बँटवारे के कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं। ये सत्ता की साझेदारी की चार श्रेणियों में से किसमें आते हैं? यहाँ सत्ता का साझा कौन किसके साथ कर रहा है?
(i) मुंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार को आदेश दिया कि वह तत्काल कार्रवाई करे और मुंबई के सात अनाथालयों के 2000 बच्चों के रख-रखाव में सुधार करे।
(ii) कनाडा के ओंटेरियो प्रांत की सरकार ने वहाँ के मूलवासी समुदाय के साथ जमीन के दावों का निपटारा करने पर सहमति दे दी। स्थानीय मामलों के लिए जवाबदेह मंत्री ने घोषणा की कि सरकार मूलवासी समुदाय के साथ पारस्परिक सम्मान और सहयोग की भावना से काम करेगी।
(ii) रूस की दो प्रभावशाली राजनीतिक पार्टियों-द यूनियन ऑन राइट फोर्सेज और लिबरल याब्लोको मूवमेंट ने एक मजबूत दक्षिणपंथी गठबंधन बनाने के लिए अपने संगठनों के विलय का फैसला किया। इनका प्रस्ताव है कि अगले संसदीय चुनाव में हम उम्मीदवारों की साझा सूची बनाएँगे।
(iv) नाइजीरिया के विभिन्न प्रांतों के वित्तमंत्रियों ने एकजुट होकर माँग की है कि संघीय सरकार अपनी आमदनी के स्त्रोतों को घोषित करे। वे यह भी जानना चाहते थे कि विभिन्न प्रान्तों के बीच राजस्व का बँटवारा किस आधार पर होता है।
उत्तर:
(i) यह पद शासन के विभिन्न अंगों के बीच सत्ता की साझेदारी के अन्तर्गत आता है। यहाँ न्यायपालिका तथा कार्यपालिका के बीच सत्ता की साझेदारी हो रही है।
(ii) यह विभिन्न सामाजिक समूहों के बीच सत्ता की साझेदारी का उदाहरण है। यहां मूलवासी समुदाय तथा सरकार के बीच सत्ता की साझेदारी हो रही है।
(iii) यह विभिन्न दबाव समूहों, राजनीतिक पार्टियों, हित समूहों तथा आन्दोलन द्वारा सत्ता की साझेदारी का उदाहरण है।
यहाँ दो प्रभावशाली राजनीतिक पार्टियों के बीच सत्ता साझा हो रही है।
(iv) यह सरकार के विभिन्न स्तरों पर सत्ता की साझेदारी का उदाहरण है। यहाँ संघीय सरकार तथा प्रांतीय सरकारों के बीच सत्ता की साझेदारी हो रही है।

RBSE Class 10 Social Science सत्ता की साझेदारी Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
आधुनिक लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में सत्ता की साझेदारी के अलग-अलग तरीके क्या हैं? इनमें से प्रत्येक का एक उदाहरण भी दें।
अथवा
सत्ता की साझेदारी के किन्हीं तीन रूपों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
सत्ता की साझेदारी के तरीके/रूप आधुनिक लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में सत्ता की साझेदारी के अलग-अलग तरीके निम्नलिखित हैं-
(1) सत्ता का क्षैतिज वितरण- इसमें एक ही स्तर पर रहकर शासन के विभिन्न अंगों, जैसे-विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच सत्ता का बँटवारा रहता है। कोई भी एक अंग सत्ता का असीमित उपयोग नहीं कर सकता तथा हर अंग दूसरे अंग पर अंकुश रखता है। हमें भारत तथा अमेरिका में सत्ता की ऐसी साझेदारी देखने को मिलती है।

(2) सत्ता का ऊर्ध्वाधर वितरण- संविधान द्वारा सरकार के बीच विभिन्न स्तरों पर सत्ता का बँटवारा हो सकता है। पूरे देश के लिए एक संघीय सरकार हो और फिर प्रान्तीय स्तर पर अलग-अलग सरकार रहें। उदाहरण के लिए भारत के संविधान में केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच तीन सूचियों-संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची के माध्यम से सत्ता का ऊर्ध्वाधर वितरण किया गया है।

(3) सत्ता का विभिन्न सामाजिक समूहों के बीच बँटवारा- सत्ता का बँटवारा विभिन्न सामाजिक समूहों के बीच भी हो सकता है। बेल्जियम में ‘सामुदायिक सरकार’ इस व्यवस्था का एक अच्छा उदाहरण है।

(4) राजनीतिक दलों द्वारा सत्ता की साझेदारी विभिन्न प्रकार के राजनैतिक दल आपस में प्रतिस्पर्धा करके, दबाव समूह आंदोलनों द्वारा शासन को प्रभावित तथा नियंत्रित करके सत्ता में साझेदारी करते हैं।

प्रश्न 2.
भारतीय संदर्भ में सत्ता की हिस्सेदारी का एक उदाहरण देते हुए इसका एक युक्तिपरक और एक नैतिक कारण बतायें।
उत्तर:
भारत में सत्ता के क्षैतिज वितरण के अन्तर्गत एक ही स्तर की सत्ता को सरकार के तीन अंगों-कार्यपालिका, व्यवस्थापिका और न्यायपालिका-में विभाजित कर दिया गया है तथा ऊर्ध्वाधर वितरण के अन्तर्गत सत्ता को केन्द्र सरकार और राज्यों की सरकारों के बीच बाँट दिया गया है। इसके साथ ही सत्ता में विभिन्न सामाजिक समूहों की हिस्सेदारी भी सुनिश्चित की गयी है। इस हेतु अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिलाओं तथा अन्य पिछड़े वर्गों की आरक्षण की व्यवस्था के द्वारा सत्ता में हिस्सेदारी निश्चित की गई है।

इस प्रकार भारत में सत्ता की हिस्सेदारी का क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर वितरण जहाँ इसका नैतिक तर्क है, वहाँ आरक्षण की व्यवस्था द्वारा विभिन्न सामाजिक समूहों को सत्ता में साझेदारी देकर समूहों के बीच टकराव को कम करने का युक्तिपरक तर्क है।

प्रश्न 3.
इस अध्याय को पढ़ने के बाद तीन छात्रों ने अलग-अलग निष्कर्ष निकाले। आप इनमें से किससे सहमत हैं और क्यों? अपना जवाब करीब पचास शब्दों में दें।
थम्मन-जिन समाजों में क्षेत्रीय, भाषायी और जातीय आधार पर विभाजन हो सिर्फ वहीं सत्ता की साझेदारी जरूरी है।
मथाई-सत्ता की साझेदारी सिर्फ ऐसे बड़े देशों के लिए उपयुक्त है जहाँ क्षेत्रीय विभाजन मौजूद होते हैं।
औसेफ-हर समाज में सत्ता की साझेदारी की जरूरत है, भले ही वह छोटा हो या उसमें सामाजिक विभाजन न हों।
उत्तर:
हम औसेफ के इस तर्क से सहमत हैं कि हर समाज में सत्ता की साझेदारी की जरूरत है, भले ही वह छोटा हो या उसमें सामाजिक विभाजन न हों। चूंकि सरकार द्वारा बनाए गए कानून सभी को प्रभावित करते हैं और उनका पालन करना सभी के लिए आवश्यक होता है, इसलिए उनके निर्माण में सभी की भागीदारी होनी चाहिए।

प्रश्न 4.
बेल्जियम में ब्रूसेल्स के निकट स्थित शहर मर्चटेम के मेयर ने अपने यहाँ के स्कूलों में फ्रेंच बोलने पर लगी रोक को सही बताया है। उन्होंने कहा कि इससे डच भाषा न बोलने वाले लोगों को इस फ्लेमिश शहर के लोगों से जड़ने में मदद मिलेगी। क्या आपको लगता है कि यह फैसला बेल्जियम की सत्ता की साझेदारी की व्यवस्था की मूल भावना से मेल खाता है? अपना जवाब करीब 50 शब्दों में लिखें।
उत्तर:
शहर मर्चटेम के मेयर का अपने यहाँ के स्कूलों में फ्रेंच बोलने पर लगी रोक को सही बताने का फैसला बेल्जियम की सत्ता की साझेदारी की व्यवस्था की मूल भावना से मेल नहीं खाता है। बेल्जियम में 59% लोग डच भाषा बोलते हैं तथा 40% लोग फ्रेंच भाषा बोलते हैं। मेयर के फैसले से फ्रेंच बोलने वाले लोगों में डच भाषा-भाषियों के प्रति अविश्वास उत्पन्न होगा तथा समाज का भाषा के आधार पर बँटवारा भी हो जायेगा।

प्रश्न 5.
नीचे दिए गए उद्धरण को गौर से पढ़ें और इसमें सत्ता की साझेदारी के जो युक्तिपरक कारण बताए गए हैं उसमें से किसी एक का चुनाव करें।
“महात्मा गाँधी के सपनों को साकार करने और अपने संविधान निर्माताओं की उम्मीदों को पूरा करने के लिए हमें पंचायतों को अधिकार देने की जरूरत है। पंचायती राज ही वास्तविक लोक़तंत्र की स्थापना करता है। यह सत्ता उन लोगों के हाथों में सौंपता है जिनके हाथों में इसे होमा चाहिए। भ्रष्टाचार कम करने और प्रशासनिक कुशलता को बढ़ाने का एक उपाय पंचायतों को अधिकार देना भी है। जब विकास की योजनाओं को बनाने और लागू करने में लोगों की भागीदारी होगी तो इन योजनाओं पर उनका नियंत्रण बढ़ेगा। इससे भ्रष्ट बिचौलियों को खत्म किया जा सकेगा। इस प्रकार पंचायती राज लोकतंत्र की नींव को मजबूत करेगा।”
उत्तर:
भ्रष्टाचार कम करने और प्रशासनिक कुशलता को बढ़ाने का एक उपाय पंचायतों को अधिकार देना भी है।

प्रश्न 6.
सत्ता के बँटवारे के पक्ष और विपक्ष में कई तरह के तर्क दिए जाते हैं। इनमें से जो तर्क सत्ता के बँटवारे के पक्ष में हैं उनकी पहचान करें और नीचे दिए गए कोड से अपने उत्तर का चुनाव करें।
सत्ता की साझेदारी :
(क) विभिन्न समुदायों के बीच टकराव को कम करती है।
(ख) पक्षपात का अंदेशा कम करती है।
(ग) निर्णय लेने की प्रक्रिया को अटका देती है।
(घ) विविधताओं को अपने में समेट लेती है।
(ङ) अस्थिरता और आपसी फूट को बढ़ाती है।
(च) सत्ता में लोगों की भागीदारी बढ़ाती है।
(छ) देश की एकता को कमजोर करती है।

(सा)
(रे)
(गा)
(मा)

उत्तर:
(सा) क, ख, घ, च

प्रश्न 7.
बेल्जियम और श्रीलंका की सत्ता में साझेदारी की व्यवस्था के बारे में निम्नलिखित बयानों पर विचार करें:
(क) बेल्जियम में डच-भाषी बहुसंख्यकों ने फ्रेंच-भाषी अल्पसंख्यकों पर अपना प्रभुत्व जमाने का प्रयास किया।
(ख) सरकार की नीतियों ने सिंहली-भाषी बहुसंख्यकों का प्रभुत्व बनाए रखने का प्रयास किया।
(ग) अपनी संस्कृति और भाषा को बचाने तथा शिक्षा तथा रोजगार में समानता के अवसर के लिए श्रीलंका के तमिलों ने सत्ता को संघीय ढाँचे पर बाँटने की माँग की।
(घ) बेल्जियम में एकात्मक सरकार की जगह संघीय शासन व्यवस्था लाकर मुल्क को भाषा के आधार पर टूटने से बचा लिया गया।
ऊपर दिए गए बयानों में से कौन-से सही हैं?

(सा) क, ख, ग और घ (रे) क, ख और घ (गा) ग और घ (मा) ख, ग और घ

उत्तर:
ऊपर दिये गये बयानों में से (मा) विकल्प ख, ग और घ सही है।

प्रश्न 8.
सूची I [ सत्ता के बँटवारे के स्वरूप] और सूची II [शासन के स्वरूप] में मेल कराएँ और नीचे दिए गए कोड का उपयोग करते हुए सही जवाब दें:

सूची I सूची II
1. सरकार के विभिन्न अंगों के बीच सत्ता का बँटवारा (क) सामुदायिक सरकार
2. विभिन्न स्तर की सरकारों के बीच अधिकारों का बँटवारा। (ख) अधिकारों का वितरण
3. विभिन्न सामाजिक समूहों के बीच सत्ता की साझेदारी। (ग) गठबंधन सरकार
4. दो या अधिक दलों के बीच सत्ता की साझेदारी (घ) संघीय सरकार

RBSE Solutions for Class 10 Social Science Civics Chapter 1 सत्ता की साझेदारी 1
उत्तर:
(गा) ख घ क ग

प्रश्न 9.
सत्ता की साझेदारी के बारे में निम्नलिखित दो बयानों पर गौर करें और नीचे दिए गए कोड के आधार पर जवाब दें।
(अ) सत्ता की साझेदारी लोकतंत्र के लिए लाभकर है।
(ब) इससे सामाजिक समूहों में टकराव का अंदेशा घटता है।
इन बयानों में कौन सही है और कौन गलत?
(क) अ सही है लेकिन ब गलत है।
(ख) अ और ब दोनों सही हैं।
(ग) अ और ब दोनों गलत हैं।
(घ) अ गलत है लेकिन ब सही है।
उत्तर:
(ख) अ और ब दोनों सही हैं।

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