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RBSE Class 10 Social Science Solutions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

RBSE Class 10 Social Science Solutions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

( ब ) अलौह खनिज – भारत में अलौह खनिजों की संचित राशि व उत्पादन अधिक सन्तोषजनक नहीं है अलौह खनिज धातु – शोधन, इंजीनियरिंग व विद्युत उद्योगों में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं । यथा

(i) ताँबा – भारत में ताँबे के भण्डार न्यून हैं । इसका मुख्य रूप से बिजली के तार बनाने, इलेक्ट्रॉनिक्स और रसायन उद्योगों में उपयोग किया जाता है ।

(ii) बॉक्साइट–बॉक्साइट अयस्क में एल्यूमिनियम धातु मिलती है। हल्की, मजबूत तथा जंगरोधी होने के कारण यह बहुत उपयोगी है। 2016-17 के अनुसार ओडिशा भारत का सबसे बड़ा बॉक्साइट उत्पादक राज्य है।
(स) अधात्विक खनिज – (i) अभ्रक – अभ्रक एक ऐसा खनिज है जो कि प्लेटों अथवा पत्रण क्रम में पाया जाता है। अभ्रक पारदर्शी, काले, हरे, लाल, पीले अथवा भूरे रंग का हो सकता है। बिहार-झारखण्ड की कोडरमा-गयाहजारीबाग पेटी अभ्रक की अग्रणी उत्पादक है। राजस्थान के मुख्य अभ्रक उत्पादक राज्य अजमेर के आस-पास हैं।
(ii) चूना पत्थर – चूना पत्थर कैल्शियम या कैल्शियम कार्बोनेट तथा मैग्नीशियम कार्बोनेट से निर्मित चट्टानों में पाया जाता है। सीमेण्ट उद्योग का आधारभूत कच्चा माल चूना पत्थर होता है।
खनिजों का संरक्षण – भूपर्पटी का एक प्रतिशत खनन योग्य निक्षेप की कुल राशि है। खनिज निर्माण की भूगर्भिक प्रक्रियाएँ इतनी धीमी हैं कि उनके वर्तमान उपभोग की दर की तुलना में उनके पुनर्भरण की दर बहुत कम है। इसी कारण खनिज संसाधन सीमित तथा अनवीकरण योग्य है। अतः धातुओं का पुनः चक्रण, रद्दी धातुओं का प्रयोग तथा अन्य प्रतिस्थापनों का उपयोग भविष्य में खनिज संसाधनों के संरक्षण के उपाय हैं।
(द) ऊर्जा संसाधन – ऊर्जा का उत्पादन ईंधन खनिजों, यथा – कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, यूरेनियम तथा विद्युत से किया जाता है।
( 1 ) परम्परागत ऊर्जा के स्रोत, यथा
(i) कोयला— भारत में कोयला का उपयोग ऊर्जा उत्पादन तथा उद्योगों और घरेलू आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ऊर्जा की आपूर्ति के लिए किया जाता है।
(ii) पेट्रोलियम–पेट्रोलियम या खनिज तेल का उपयोग ताप व प्रकाश के लिए ईंधन, मशीनों को स्नेहक और अनेक विनिर्माण उद्योगों को कच्चा माल प्रदान करता है ।
(iii) प्राकृतिक गैस – प्राकृतिक गैस एक महत्त्वपूर्ण स्वच्छ ऊर्जा संसाधन है। इसे ऊर्जा के एक साधन के रूप में तथा पेट्रो-रसायन उद्योग के एक औद्योगिक कच्चे माल के रूप में प्रयोग किया जाता है।
 (iv) विद्युत विद्युत मुख्य रूप से दो प्रकार से उत्पन्न की जाती है- (1) प्रवाही जल से जो कि हाइड्रोटरबाइन चलाकर जल विद्युत उत्पन्न करता है। (2) तापीय विद्युत ।
( 2 ) गैर-परम्परागत ऊर्जा के साधन–सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा, जैविक ऊर्जा तथा अवशिष्ट पदार्थ जनित ऊर्जा के उपयोग की देश में अधिक आवश्यकता है। ये ऊर्जा के गैर-परम्परागत साधन कहलाते हैं।
( 3 ) परमाणु अथवा आणविक ऊर्जा – परमाणु अथवा आणविक ऊर्जा अणुओं की संरचना को बदलने से प्राप्त की जाती है। यूरेनियम तथा थोरियम झारखण्ड, राजस्थान तथा केरल में पाए जाते हैं। – ऊर्जा संसाधनों का संरक्षण-आर्थिक विकास के लिए ऊर्जा एक आधारभूत आवश्यकता है। राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के प्रत्येक सेक्टर कृषि, उद्योग, परिवहन, वाणिज्य व घरेलू आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए ऊर्जा के निवेश की आवश्यकता है।

RBSE Class 10 Social Science खनिज और ऊर्जा संसाधन InText Questions and Answers

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प्रश्न 1.
रोशनी देने वाले बल्ब में कितने खनिज प्रयुक्त होते हैं?
उत्तर:
रोशनी देने वाले बल्ब में ऐल्युमीनियम, ताँबा, टंगस्टन, डोलोमाइट, सीसा आदि खनिज प्रयुक्त होते हैं।

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प्रश्न 2.
एक खुली खदान (open pit mine), उत्खनन व एक शैफ्टयुक्त भूमिगत खदान में क्या अन्तर है?
उत्तर:
खुली खदान-जिस समय खनिज धरातल की ऊपरी परतों में पाए जाते हैं तो उन्हें ऊपर की मिट्टी हटाकर निकाल लिया जाता है। इस प्रकार की खदान खुली खदान के नाम से जानी जाती है।

उत्खनन-खदान से खनिजों को प्राप्त करने की प्रक्रिया उत्खनन कहलाती है। उत्खनन खुली खदान की अपेक्षा उथले होते हैं।
शैफ्टयुक्त भूमिगत खदान-कई सौ मीटर गहराई पर गली युक्त खदान शैफ्टयुक्त खदान कहलाती है। यथाझरिया में कोयला की खदानें।

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प्रश्न 3.
भारत के भौतिक मानचित्र पर बॉक्साइट की खानें चिन्हित करें।
उत्तर:

प्रश्न 4.
छोटा नागपुर क्षेत्र खनिजों का भंडार क्यों है?
उत्तर:
भारत में छोटा नागपुर का क्षेत्र खनिजों का भंडार है। यहाँ अनेक प्रकार के खनिज मिलते हैं। यहाँ कोयला, ताँबा, अभ्रक, बॉक्साइट, लौह अयस्क, मैंगनीज, चूना पत्थर, डोलोमाइट, एस्बेस्टस, क्रोइनाइट, सोना आदि अनेक खनिज पाये जाते हैं। छोटा नागपुर क्षेत्र पठारी भूमि है। यह पठार आर्कियन ग्रेनाइट कोलाराइड, बेसाल्ट एवं नीस चट्टानों से बना हुआ है। इसकी उत्तरी एवं दक्षिणी सीमावर्ती सीमा पर कही-कहीं धारवाड़ चट्टानें भी मिलती हैं। यहाँ भूगर्भिक दृष्टि से अनेक विभिन्नताएँ देखने को मिलती हैं। इसी कारण से यहाँ चट्टानों की नसों में अनेक खनिज व्याप्त हैं। खनिजों में विभिन्नता भी पाई जाती है।

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प्रश्न 5.
उन पदार्थों की सूची बनाएँ जहाँ खनिजों की अपेक्षा उनके प्रतिस्थापनों का प्रयोग हो रहा है। ये प्रतिस्थापन क्या हैं और कहाँ से प्राप्त होते हैं?
उत्तर:

पदार्थ प्रतिस्थापन प्रतिस्थापन जहाँ से प्राप्त होते हैं
1. पेट्रोलियम सी.एन.जी. भू-गर्भ
2. तापीय ऊर्जा (कोयला से प्राप्त) जल विद्युत वर्षा का जल, नदियाँ
3. धातुओं से बने बिजली के उपकरण प्लास्टिक रसायन
4. धातु से बनी कुर्सियाँ प्लास्टिक रसायन
5. काँच की बोतल प्लास्टिक रसायन

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प्रश्न 6.
कुछ नदी घाटी परियोजनाओं के नाम बताएँ तथा इन नदियों पर बने बाँधों का नाम लिखिए।
उत्तर:

नदी घाटी परियोजनाएँ बाँध
(i) चम्बल नदी घाटी परियोजना कोटा बैराज, राणा प्रताप सागर, गाँधी सागर
(ii) नर्मदा नदी घाटी परियोजना सरदार सरोवर
(iii) महानदी परियोजना हीराकुड
(iv) सोन नदी परियोजना रिहन्द
(v) कृष्णा नदी परियोजना कोयना
(vi) गंगा नदी परियोजना टिहरी
(vii) भाखड़ा-नांगल परियोजना भाखड़ा-नांगल बाँध
(viii) दामोदर घाटी परियोजना पंचेत पहाड़ी बाँध, बर्मी बाँध

प्रश्न 7.
भारत के मानचित्र पर 6 परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की अवस्थिति दिखाएँ तथा उनके राज्यों के नाम ज्ञात करें जिनमें ये अवस्थित हैं।
उत्तर:

परमाणु ऊर्जा संयंत्र राज्य
1. नरोरा उत्तरप्रदेश
2. रावतभाटा राजस्थान
3. काकरापारा गुजरात
4. तारापुर महाराष्ट्र
5. कैगा कर्नाटक
6. कलपक्कम तमिलनाडु

 [नोट-मानचित्र में अवस्थिति मानचित्र सम्बन्धी प्रश्नों में देखें।]

RBSE Class 10 Social Science खनिज और ऊर्जा संसाधन Textbook Questions and Answers

  1. बहुवैकल्पिक प्रश्न-

(i) निम्नलिखित में से कौनसा खनिज अपक्षयित पदार्थ के अवशिष्ट भार को त्यागता हुआ चट्टानों के अपघटन से बनता है?
(क) कोयला
(ख) बॉक्साइट
(ग) सोना
(घ) जस्ता।
उत्तर:
(ख) बॉक्साइट

(ii) झारखण्ड में स्थित कोडरमा निम्नलिखित में किस खनिज का अग्रणी उत्पादक है-
(क) बॉक्साइट
(ख) अभ्रक
(ग) लौह-अयस्क
(घ) ताँबा।
उत्तर:
(ख) अभ्रक

(iii) निम्नलिखित चट्टानों में से किस चट्टान के स्तरों में खनिजों का निक्षेपण और संचयन होता है?
(क) तलछटी चट्टानें
(ख) कायान्तरित चट्टानें
(ग) आग्नेय चट्टानें
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(क) तलछटी चट्टानें

(iv) मोनाजाइट रेत में निम्नलिखित में से कौनसा खनिज पाया जाता है?
(क) खनिज तेल
(ख) यूरेनियम
(ग) थोरियम
(घ) कोयला।
उत्तर:
(ग) थोरियम

  1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए।

प्रश्न (i)
निम्नलिखित में अन्तर 30 शब्दों से अधिक न दें।
(क) लौह और अलौह खनिज
उत्तर:

लौह खनिज अलौह खनिज
1. इन खनिजों में लोहे का अंश पाया जाता है। 1. इन खनिजों में लोहे के अंश का अभाव होता है।
2. ये भारत में धात्विक खनिजों के कुल उत्पादन मूल्य में तीन-चौथाई योगदान देते हैं। 2. भारत में इन खनिजों की संचित मात्रा तथा उत्पादन सन्तोषजनक नहीं है।
उदा. : लोहा, मैंगनीज, निकल, कोबाल्ट आदि। उदा. : ताँबा, बॉक्साइट, सीसा, जस्ता, चाँदी आदि।

(ख) परम्परागत तथा गैर-परम्परागत ऊर्जा साधन
उत्तर:

ऊर्जा के परम्परागत साधन ऊर्जा के गैर-परम्परागत साधन
1. इनमें लकड़ी, उपले, कोयला, खनिज तेल, प्राकृतिक गैस तथा विद्युत शामिल हैं। 1. इनमें सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, बायोगैस, भूतापीय ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा, परमाणु ऊर्जा शामिल हैं।
2. कोयला, खनिज तेल व प्राकृतिक गैस अनवीकरण योग्य हैं। 2. परमाणु ऊर्जा को छोड़कर शेष नवीकरण योग्य हैं।
3. काफी खर्चीले। 3. कम खर्चीले।
4. पर्यावरण प्रदूषण करते हैं। 4. पर्यावरण प्रदूषण नहीं।

प्रश्न (ii)
खनिज क्या है?
उत्तर:
भू-वैज्ञानिकों के अनुसार खनिज एक प्राकृतिक रूप से विद्यमान तत्त्व है जिसकी एक निश्चित आन्तरिक संरचना है। ये प्रकृति में अनेक रूपों में पाए जाते हैं जिसमें कठोर हीरा तथा नरम चूना तक शामिल हैं।

प्रश्न (iii)
आग्नेय तथा कायान्तरित चट्टानों में खनिजों का निर्माण कैसे होता है?
उत्तर:
आग्नेय तथा कायान्तरित चट्टानों में खनिजों का निर्माण अधिकतर उस समय होता है जब ये तरल अथवा गैसीय अवस्था में दरारों के सहारे भू-पृष्ठ की तरफ धकेले जाते हैं तथा ऊपर जाते हुए ये ठण्डे होकर जम जाते हैं।

प्रश्न (iv)
हमें खनिजों के संरक्षण की क्यों आवश्यकता है?
अथवा
खनिज संसाधनों का संरक्षण क्यों आवश्यक है? समझाइए।
उत्तर:
प्रकृति में उपलब्ध अधिकतर खनिज नवीनीकरण योग्य नहीं हैं। इसके निश्चित एवं सीमित भण्डार हैं तथा निर्माण लाखों वर्षों में होता है। वर्तमान समय में खनिजों का तीव्र गति से उपयोग किया जा रहा है। अतः खनिजों का संरक्षण आवश्यक है।

  1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 120 शब्दों में दीजिए।

प्रश्न (i)
भारत में कोयले के वितरण का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारत में कोयले का वितरण भारत में कोयले का वितरण बड़ा ही असमान है। भारत में कोयला निम्नलिखित दो प्रमुख भूगर्भिक युगों के शैल क्रम में पाया जाता है

(1) गोंडवाना क्षेत्र-गोंडवाना क्षेत्र में 200 लाख वर्ष से अधिक आयु के कोयले के जमाव पाए जाते हैं। गोंडवाना क्षेत्र का कोयला धालुशोधन कोयला है। देश में इसके भण्डार दामोदर घाटी में पश्चिम बंगाल तथा झारखण्ड, झरिया, बोकारो, रानीगंज में स्थित हैं जो कि महत्त्वपूर्ण कोयला क्षेत्र हैं। गोदावरी, महानदी, सोन व वर्धा नदी घाटियों में भी कोयले के जमाव पाए जाते हैं।

(2) टरशियरी क्षेत्र-टरशियरी क्षेत्र में लगभग 55 लाख वर्ष पुराने कोयले के जमाव पाए जाते हैं। देश में इसके भण्डार उत्तर-पूर्वी राज्यों, यथा–मेघालय, असम, अरुणाचल प्रदेश तथा नागालैण्ड राज्यों में पाए जाते हैं।

कोयले की एक किस्म लिग्नाइट है जो कि घटिया किस्म का कोयला होता है। इसका रंग भूरा होता है। यह मुलायम होता है जिसमें नमी की मात्रा अधिक होती है। देश में लिग्नाइट कोयले के भण्डार तमिलनाडु के नैवेली क्षेत्र तथा राजस्थान में पाए जाते हैं।

प्रश्न (ii)
भारत में सौर ऊर्जा का भविष्य उज्ज्वल है, क्यों?
उत्तर:
भारत में सौर ऊर्जा का भविष्य उज्ज्वल होने के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं-

  • भारत एक उष्ण कटिबन्धीय देश है। यहाँ सौर ऊर्जा के दोहन की असीम सम्भावनाएँ हैं।
  • सौर ऊर्जा का अर्थ सूर्य से प्राप्त ऊर्जा है। भारत में विपुल मात्रा में वर्ष-भर सौर ताप की प्राप्ति होती है।
  • यह ऊर्जा का नवीकरणीय स्रोत है।
  • सौर ऊर्जा के प्रयोग से प्रदूषण नहीं होता है।
  • भारत में उपलब्ध परम्परागत ऊर्जा संसाधन वर्तमान उपयोग की दर के अनुसार आने वाले 50 वर्षों में समाप्त हो जायेंगे।अतः सौर ऊर्जा का महत्त्व बढ़ जाता है।
  • धूप को फोटो-वोल्टाइक प्रौद्योगिकी के द्वारा सीधे विद्युत में परिवर्तित किया जा सकता है।
  • थार का मरुस्थल भारत का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा केन्द्र बन सकता है।
  • भारत के ग्रामीण तथा सुदूर क्षेत्रों में सौर ऊर्जा तेजी से लोकप्रिय हो रही है।
  • कुछ बड़े सौर ऊर्जा संयंत्र देश के विभिन्न भागों में स्थापित किये जा रहे हैं।
  • सौर ऊर्जा का उपयोग खाना पकाने, पम्प द्वारा पानी निकालने, पानी गर्म करने, प्रशीतन तथा सड़कों की रोशनी करने में किया जाता है। सर्दी में घरों को गर्म करने में भी इसका प्रयोग किया जाता है। इसके उपयोग से ग्रामीण घरों की ईंधन के लिए उपलों व लकड़ी की निर्भरता कम होगी तथा गोबर का उपयोग खाद के रूप में किया जा सकेगा।

अतः यह कहा जा सकता है कि भारत में सौर ऊर्जा का भविष्य उज्ज्वल है।

क्रियाकलाप

प्रश्न-
नीचे दी गई वर्ग पहेली में उपयुक्त खनिजों का नाम भरें-
क्षैतिज
1. एक लौह खनिज (9)
2. सीमेंट उद्योग में प्रयुक्त कच्चा माल (9)
3. चुंबकीय गुणों वाला सर्वश्रेष्ठ लोहा (9)
4. उत्कृष्ट कोटि का कठोर कोयला (10)
5. इस अयस्क से एल्यूमिनियम प्राप्त किया जाता है (7)
6. इस खनिज के लिए खेतरी खदानें प्रसिद्ध हैं (6)
7. वाष्पीकरण से निर्मित (6)

ऊर्ध्वाधर
1. प्लेसर निक्षेपों से प्राप्त होता है
2. बेलाडिला में खनन किया जाने वाला लौह-अयस्क (8)
3. विद्युत उद्योग में अपरिहार्य (4)
4. उत्तरी-पूर्वी भारत में मिलने वाले कोयले की भूगर्भिक आयु (8)
5. शिराओं तथा शिरानिक्षेपों में निर्मित (3)
[नोट : पहेली के उत्तर अंग्रेजी के शब्दों में हैं।]
उत्तर:

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