RBSE Class 7 Hindi व्याकरण मुहावरे व कहावतें
RBSE Class 7 Hindi व्याकरण मुहावरे व कहावतें
Rajasthan Board RBSE Class 7 Hindi व्याकरण मुहावरे व कहावतें
मुहावरे
जिन वाक्यांशों का सामान्य या शाब्दिक अर्थ न होकर विशेष अर्थ होता है, वे मुहावरे Hindi Muhavare कहलाते हैं। मुहावरे वाक्यांश होते हैं, इसलिए इनका प्रयोग स्वतंत्र रूप से नहीं होता। इनका प्रयोग वाक्य के अंतर्गत ही किया जाता है।
प्रमुरव मुहावरे, उनके अर्थ तथा वाक्य-प्रयोग
1. अक्ल पर पत्थर पड़ना (बुधि भ्रष्ट होना)- मेरी अक्ल पर पत्थर पड़ गये थे, जो मैंने तुम पर विश्वास किया।
2.अपना उल्लू सीधा करना (अपना स्वार्थ सिद्ध करना) आजकल हर व्यक्ति अपना उल्लू सीधा करने में लगा हुआ है।
3. आँखों से गिर जाना (सम्मान खो देना)- जब से गिरीश चोरी में पकड़ा गया है, वह सभी की आँखों से गिर गया है।
4. अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना (अपनी प्रशंसा आप करना)- मुन्ना अपनी प्रशंसा आप ही करता रहता है। यह देखकर रमेश ने कहा कि अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना अच्छा नहीं है।
5. एक आँख न भाना (बिल्कुल अच्छा न लगना) – कौरवों को महाबली भीमसेन एक आँख नहीं भाते थे।
6. आँखों में धूल झोंकना (धोखा देना)- पहरेदारों की आँखों में धूल झोंककर चोर भाग गये।
7. आग में घी डालना (क्रोध को भड़काना)- शिव धनुष टूटने से क्रोधित परशुराम को लक्ष्मण ने खरी-खोटी सुनाकर आग में घी डाल दिया।
8. अँगूठा दिखाना (निर्धारित समय पर मना करना)प्रीति ने पड़ोसिन को रुपया देने के नाम पर ऐन वक्त पर अँगूठा दिखा दिया।
9. आँखें बिछाना (प्रेम से स्वागत करना)- राम के आने की प्रतीक्षा में लोग आँखें बिछाए बैठे हैं।
10. ईंट का जवाब पत्थर से देना (कड़ा मुकाबला करना)- डाकुओं को ईंट का जवाब पत्थर से मिला तभी उन्होंने डकैती डालना छोड़ा।
11. ईद का चाँद होना (बहुत समय बाद दिखाई देना)विवाह क्या हुआ, तुम तो ईद के चाँद हो गये।।
12. उल्टी गंगा बहाना (विरुद्ध बातें करना)- बाराती स्वयं दूल्हे का स्वागत करके कैसी उल्टी गंगा बहा रहे
13. कलेजे पर साँप लोटना (मन में कष्ट होना)तुम्हारी सफलता के विषय में सुनकर तुम्हारे शत्रुओं के कलेजे पर साँप लोट रहे हैं।
14. कान पर जूं न रेंगना (कुछ असर न होना)- मैं नौकर से रोज जल्दी आने को कहता हूँ, पर उसके कान पर जूं नहीं रेंगती।
15. कलेजा फटना (घोर दुःख होना)- लक्ष्मण को मूर्छित देखकर श्रीराम का कलेजा फटने लगा।
16. कान काटना (चतुराई भरे कार्य करना)- छोटा होने पर भी वह बड़े-बड़ों के कान काट रहा है।
17. खरी-खोटी सुनाना (बुरा-भला कहना)- नौकर के तनिक-सी देर में पहुँचने पर राम ने उसे खरी-खोटी सुना दी।
18. खून खौलना (अधिक क्रोध आना)- मैं सुरजीत से होली मिलने गया था, किंतु उसके मुँह से गालियाँ सुनकर मेरा खून खौलने लगा।
19.गड़े मुर्दे उखाड़ना (भूली हुई बातों का संदर्भ देना)कुछ स्वार्थी नेता गड़े मुर्दे उखाड़कर जनता को लड़ाते रहते हैं।
20. घी के दीए जलाना (खुशियाँ मनाना)- मुकदमे में जीत जाने पर श्याम के घर घी के दीए जल रहे थे।
21. घुटने टेकना (हार स्वीकार कर लेना)- सन् 1971 के युद्ध में पाकिस्तानी सेना को भारतीय सेना के आगे घुटने टेकने पड़े थे।
22. चिकना घड़ा होना (बेशर्म होना)– राकेश चिकना घड़ा है, उस पर कहने-सुनने का कोई असर ही नहीं होता।
23. चार चाँद लगाना (शोभा बढ़ाना)- प्रधानमंत्री के भोज में सम्मिलित होने से समारोह में चार चाँद लग गये।
24. जहर का पूँट पीना (अपमान का उत्तर न देना)उसने सबके सामने मेरा अपमान किया, पर मैं जहर का चूंट पीकर रह गया।
25. टस से मस न होना (कुछ भी असर न होना) अध्यापक के बार-बार समझाने पर भी राम टस से मस न हुआ।
26. टेढ़ी खीर (बहुत कठिन काम)- आजकल सरकारी नौकरी पाना बड़ी टेढ़ी खीर है।
27. डींग मारना (अपनी झूठी प्रशंसा करना)- अमित क्रिकेट में कुछ नहीं जानता केवल डींग मारता है।
28. तारे गिनना (नींद न आना)- दिनेश पत्नी के वियोग में तारे गिन-गिनकर रात काट रहा है।
29. तीन तेरह होना (बिखर जाना)-पिता के मरते ही, रमेश का परिवार तीन तेरह हो गया।
30. दाँत काटी रोटी होना (घनिष्ठ संबंध होना)- आजकल राम और श्याम की दाँत काटी रोटी है।
31. दाल में कुछ काला होना (संदेहपूर्ण स्थिति)उसके पास उतना धन नहीं है, जितनी बड़ी योजना पर वह काम कर रहा है। जरूर दाल में कुछ काला है।
32. नौ-दो ग्यारह होना (भाग जाना)- गाँव वालों के आते ही चोर नौ-दो ग्यारह हो गये।
33. पैर तले जमीन खिसकना (होश उड़ जाना)- जेब में हाथ डालते ही मेरे पैर तले जमीन खिसक गयी, क्योंकि जेब कट गयी थी और पैसे गायब थे।
34. फेंक-फेंककर पाँव रखना (बहुत सावधानी से काम करना)- समय बहुत खराब है, अतः फेंक-फेंककर पाँव रखना चाहिए।
35.बाल बाँका न होना (कुछ हानि न होना)- विरोधियों ने सारे प्रयत्न कर लिये, लेकिन रवि का बाल बाँकी नहीं कर सके।
36. बाल-बाल बचना (मुश्किल से बचना)- गोविंद छत से गिरने से बाल-बाल बच गया।
37. रोड़े अटकाना (बाधा डालना)- उदित सदैव तनिष्क के काम में रोड़े अटकाता है।
38. मक्खन लगाना (चापलूसी करना)- हरप्रसाद अधिकारी को मक्खन लगाने में चतुर है।
39. लोहे के चने चबाना (कठिन काम करना)- हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप के शौर्य के आगे मुगलों को लोहे के चने चबाने पड़े।
40. हाथ पर हाथ धरे बैठे रहना (कुछ न करना)- हाथ पर हाथ धरे बैठे रहने से काम नहीं चलेगा, कुछ उपाय सोचो।
कहावतें (लोकोक्तियाँ)
‘लोकोक्ति’ शब्द लोक+उक्ति से मिलकर बना है। लोकोक्ति स्वतंत्र वाक्य होती है। इनका प्रयोग करने के लिए। वाक्य के अंतर्गत इन्हें ज्यों-का-त्यों रखा जाता है।
प्रमुख लोकोक्तियाँ – अर्थ एवं वाक्य-प्रयोग सहित
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परीक्षोपयोगी महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
धोबी का कुत्ता ‘घर का न घाट का’ मुहावरे का अर्थ
(क) घर का न घाट का
(ख) घर से बाहर होना
(ग) कहीं का न रहना
(घ) बहिष्कृत होना।
उत्तर:
(ग) कहीं का न रहना।
प्रश्न 2.
‘नौ दो ग्यारह होना’ मुहावरे का अर्थ है
(क) दूर चला जाना
(ख) भाग जाना
(ग) कहीं का न रहना
(घ) मुँह छिपाना।
उत्तर:
(ख) भाग जाना।
प्रश्न 3.
‘एक चुप सौ को हराए’ लोकोक्ति का अर्थ है
(क) मौन रहना अति उत्तम
(ख) मौन रहना उत्तम नहीं
(ग) चुप रहना
(घ) चुप नहीं रहना।
उत्तर:
(क) मौन रहना अति उत्तम
प्रश्न 4.
‘करेला और नीम चढ़ा’ लोकोक्ति का अर्थ है
(क) कड़वा होना
(ख) दुष्ट को बुरी संगति मिलना
(ग) मीठा होना
(घ) नीम के पत्ते
उत्तर:
(ख) दुष्ट को बुरी संगति मिलना
प्रश्न 5.
निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ एवं वाक्य प्रयोग कीजिए
उत्तर:
- दंग रह जाना- अचंभित होना। वाक्य प्रयोग- राम बेटे की बातें सुनकर दंग रह गया।
- दाँत पीसना- क्रोध प्रकट करना। वाक्य प्रयोग दाँत क्यों पीस रहे हो, मैंने तो तुम्हारी बात मान ली।
- दिल छोटा करना- धैर्य खोना। वाक्य प्रयोग – दिल छोटा मत करो, आपत्तियाँ तो आती रहती हैं।
प्रश्न 6.
निम्नलिखित लोकोक्तियों का अर्थ एवं वाक्य-प्रयोग कीजिए
उत्तर:
- मान ने मान मैं तेरा मेहमान – न चाहने पर भी गले पड़ना। वाक्य प्रयोग – मेरी छोटी बहिन मेरे हर काम के बीच मुझे टोकती रहती थी जबकि उससे कोई बात नहीं पूछी जाती थी। यह तो वही बात हुई मान न मान मैं तेरा मेहमान।
- रस्सी जल गई पर ऐंठ न गई – शक्ति समाप्त होने पर भी व्यर्थ का घमंड। वाक्य प्रयोग- तान्या को देखो फेल हो गई, परंतु अब भी अकड़ रही है। सच है कि रस्सी जल गई पर ऐंठ न गई।
- लातों के देव बातों से नहीं मानते – दुर्जन प्रेम की भाषा नहीं समझते। वाक्य प्रयोग- पुलिस अधिकारी ने चोर के लिये कहा कि लातों के देव बातों से नहीं मानते। लगाओ इसको दो-दो डण्डे।