RBSE Class 8 Hindi व्याकरण वाक्य रचना
RBSE Class 8 Hindi व्याकरण वाक्य रचना
Rajasthan Board RBSE Class 8 Hindi व्याकरण वाक्य रचना
प्रश्न 1.
इन शब्दों का प्रयोग कर एक-एक सार्थक वाक्य बनाइए—
(अ) खुशहाली
(ब) उज्ज्वल
(स) निर्माण
(द) विज्ञान।
अथवा
निम्नांकित शब्दों की सहायता से एक-एक वाक्य बनाइए राम, दौड़ना, तुम, मिठाई ।
उत्तर:
(अ) खुशहाली–सुभागी के परिश्रम से परिवार में खुशहाली आ गई।
(ब) उज्ज्वल-परिश्रम से व्यक्ति का भविष्य उज्ज्वल बनता है।
(स) निर्माण कॉलोनी में चिकित्सा भवन का निर्माण हो रहा है।
(द) विज्ञान-आज का युग विज्ञान का युग है।
अथवा
उत्तर:
- राम-मर्यादा पुरुषोत्तम राम की हिन्दू घरघर में पूजा की जाती है।
- दौड़ना-प्रात:काल दौड़ना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है।
- तुम-तुम अनुशासन का हमेशा पालन करो।
- मिठाई-ज्यादा मिठाई खाना स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों का प्रयोग कर एक-एक सार्थक| वाक्य बनाइए—
उत्तर:
- प्रतिष्ठा–हमें हमेशा अपनी प्रतिष्ठा का ध्यान रखना चाहिए।
- अकस्मात्–वे अकस्मात् हमारे घर आ गए।
- उपचार–हमें हमेशा योग्य चिकित्सक से ही उपचार कराना चाहिए।
- गोबर–गाय के गोबर से खाद बनती है।
- निर्मल–हमें निर्मल जल ही पीना चाहिए।
- अवैध–हमें शिक्षित होने के कारण अवैध कार्य कभी भी नहीं करने चाहिए।
- अनुसंधान देश की प्रगति के लिए विज्ञान के क्षेत्र में अनुसंधान करते रहना चाहिए।
- संवलन–हमें ईश्वर का संवलन हमेशा प्राप्त होता रहे, यही हमारी इच्छा है।
- मेधावी–राम हमारी कक्षा का मेधावी छात्र है।
- रृंगार–श्रृंगार स्त्रियों का आभूषण है।
- उत्कण्ठा–हमारी उत्कण्ठा है कि तुम सदा सत्पथ पर चलो।।
- हरीतिमा–वाटिका की हरीतिमा देखकर मन मोहित हो गया।
- तारीफ–हमेशा दूसरों की तारीफ करनी चाहिए।
- भाल–हमें अपना भाल मातृभूमि की सेवा में समर्पित करने हेतु सदा तत्पर रहना चाहिए।
- सुमन–सुमन भगवान के चरणों में ही चढ़ाने चाहिए।
- जीवन–जीवन में परोपकार करते रहना चाहिए।
- विशाल–हमारे विद्यालय का भवन विशाल है।
- अर्जित–सुखी जीवन के लिए धन अर्जित करना चाहिए।
- चर–राम हमारा सज्जन चर है।
- स्मृतियाँ–महापुरुषों की स्मृतियाँ हमारी प्रेरणा है।
- समक्ष–मेरे समक्ष बैठ कर पढ़ो।।
- पंथ–महापुरुषों द्वारा निर्देशित पंथ पर चलना चाहिए।
- दासता–हमें दासतापूर्ण जीवन जीना नहीं चाहिए।
- दीप्ति–आपके मुख मण्डल की दीप्ति अनोखी
- कृति ‘लहर’ जयशंकर प्रसाद की अनुपम कृति
- साहस–व्यक्ति साहस के बल पर ही आगे बढ़ता
- प्रत्यूष–प्रत्यूष में ही उठना चाहिए।
- पैतृक–यह हमारा पैतृक पेशा है।
- विकास–जीवन में हमेशा विकास करने की सोच रखनी चाहिए।
- उद्यमी–मनुष्य को उद्यमी होना चाहिए।
प्रश्न 3.
निम्नांकित शब्दों की सहायता से एक-एक वाक्य बनाइए।
उत्तर: