RBSE Class 8 Hindi स्वच्छता सम्बन्धी प्रश्न
RBSE Class 8 Hindi स्वच्छता सम्बन्धी प्रश्न
Rajasthan Board RBSE Class 8 Hindi स्वच्छता सम्बन्धी प्रश्न
प्रश्न 1.
विद्यालय परिसर को हम किस प्रकार साफ रख सकते हैं?
उत्तर:
विद्यालय परिसर को साफ रखने के लिए हमें निम्नलिखित बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए
- विद्यालय परिसर में बने शौचालय व पेशाबघरों की नियमित सफाई का ध्यान रखना चाहिए।
- विद्यालय परिसर में खाने-पीने की वस्तुएँ, खाली रैपर आदि व कागजों को फाड़कर नहीं फेंकना चाहिए।
- नियमित रूप से परिसर की सफाई का ध्यान रखना चाहिए।
- पूरे विद्यालय परिसर में कहीं भी थूककर गन्दगी नहीं फैलानी चाहिए।
- पेड़-पौधों से गिरी पत्तियों-फूलों को इकट्ठा करके निश्चित स्थान पर डालना चाहिए।
- विद्यालय परिसर में कुछ निर्धारित स्थानों पर कचरा-पात्र (डस्ट-बिन) रखे जाने चाहिए जिससे कचरा वहाँ डाला जा सके।
प्रश्न 2.
स्वच्छ भारत योजना में आप अपना योगदान किस प्रकार दे सकते हैं?
उत्तर:
‘स्वच्छ भारत योजना’ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की। एक महत्त्वपूर्ण योजना है। इस अभियान से सारे देश में सफाई एवं स्वच्छता के प्रति जागरुकता लाने, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों को गन्दगी से मुक्त करने का सन्देश दिया गया है। इस राष्ट्रव्यापी स्वच्छता की योजना में हम अपना योगदान स्कूल में नित्य सफाई करके, शौचालय का उपयोग करके, शुद्ध जल पीने की व्यवस्था करके, आस-पास के लोगों को सफाई का महत्व समझाकर, कचरा इधर-उधर न फेंकने का सन्देश देकर, नित्य सफाई से रहने, पॉलिथीन का उपयोग न करने व खुले में शौच न जाने की सलाह देकर अपना योगदान दे सकते हैं।
प्रश्न 3.
मानव के लिए स्वच्छता क्यों आवश्यक है ?
उत्तर:
मानव के लिए स्वच्छता अति आवश्यक है, क्योंकि स्वच्छता के अभाव में कई प्रकार की बीमारियाँ फैलती हैं। स्वच्छता के अभाव में खाद्य पदार्थ भी दूषित हो जाते हैं। जिससे बीमारियाँ बढ़ती हैं। गन्दगी से लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और उनकी प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। गन्दगी व कचरे का पर्यावरण पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है। अतः मानव जीवन के लिए स्वच्छता आवश्यक
प्रश्न 4. स्वच्छता के लिए हम क्या प्रयास कर सकते हैं? लिखिए।
उत्तर:
स्वच्छता के लिए हमें निम्न प्रयास कर सकते हैं.
- हमें खुले में शौच जाने की प्रवृत्ति को त्यागना चाहिए।
- जगह-जगह थूककर, कचरा डालकर गन्दगी नहीं फैलानी चाहिए।
- हमें प्लास्टिक की थैलियों का उपयोग बन्द कर देना चाहिए।
- घर एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठान पर डस्टबिन का उपयोग करना चाहिए।
प्रश्न 5. अस्वच्छता किस प्रकार देश के लिए नुकसान का कारण बनती है?
उत्तर:
अस्वच्छता निम्न प्रकार से देश के लिए नुकसान का कारण बनती है
- यदि किसी देश का नागरिक स्वच्छता के अभाव में अस्वस्थ हो जाता है तब अस्वस्थता के कारण उसके स्वास्थ्य लाभ के लिए सरकार को उस पर धन खर्च करना पड़ता है। वह धन देश के विकास-कार्यों की जगह उस पर खर्च करना पड़ता है।
- अस्वच्छता के कारण अस्वस्थ हुआ व्यक्ति जब अपने कार्य को करने में सक्षम नहीं होता तो इससे देश के विकास को हानि पहुँचती है।
प्रश्न 6.
‘स्वच्छ भारत मिशन’ के क्या उद्देश्य हैं ? उत्तर ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के मुख्य रूप से निम्नलिखित उद्देश्य हैं
- भारत में खुले में शौच की प्रवृत्ति की पूर्ण समाप्ति
- अस्वास्थ्यकर शौचालयों को नहाने वाले शौचालयों में परिवर्तित करना।
- हाथों से मल-सफाई व्यवस्था को जड़ से समाप्त करना।
- ठोस कचरे का पुन: प्रयोग और पुन: चक्रण का प्रबन्धन करना।।
प्रश्न 7.
स्वच्छता के लिए विद्यार्थी के रूप में आप क्या प्रयास करेंगे?
उत्तर:
स्वच्छता के लिए विद्यार्थी के रूप में हम निम्नलिखित प्रयास करेंगे
- हम अपने आस-पास के लोगों को प्रेरित करेंगे कि वे गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग करके ढक्कनदार कचरा पात्र में ही रखें और कचरा ले जाने वाले वाहन के आने पर उसमें डालें।
- रसोई के खाद्य अपशिष्ट को सीधे गाय, भैंस या दूसरे जानवरों के खाने वाले पात्र में डाले, इधर-उधर न डालें।
- अपने आसपास के दुकानदारों को प्रेरित करेंगे कि वे पॉलिथीन बैग के स्थान पर जूट या कागज का थैला/थैली का ही प्रयोग करें।
प्रश्न 8.
सामान्यतः कचरा पात्र (डस्ट-बिन) कितने रंगों के होते हैं? उनमें कौनसा कचरा डालना चाहिए?
उत्तर:
सामान्यतः कचरा पात्र तीन रंगों के होते हैं
- हरा डस्टबिन
- नीला डस्टबिन
- लाल डस्टबिन
- हरा डस्टबिन– पत्ते, सूखे फल-सब्जी, बचा हुआ खाना जैसे सामान डाल सकते हैं।
- नीला डस्टबिन- प्लास्टिक बैग, जूस की बोतल, टूटा हुआ प्लास्टिक का सामान आदि डाल सकते हैं।
- लाल डस्टबिन– टॉर्च के सेल, पुरानी दवा, इस्तेमाल की गई सूई आदि डाल सकते हैं।
प्रश्न 9.
स्वच्छता नहीं रखने से बीमारियाँ कैसे फैलती हैं? कोई दो कारण बताइये।
उत्तर:
स्वच्छता ही स्वस्थ जीवन का आधार है। स्वच्छता नहीं रखने से ही बीमारियाँ फैलती हैं। बीमारियाँ फैलने के दो प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं
- खुले में शौच करने से मल पर मस्खियाँ बैठती हैं वही मक्खियाँ जब भोजन पर बैठती हैं तो वे अपने साथ मेल से लाए कीटाणुओं से भोजन को दूषित कर देती हैं। ऐसे भोजन के सेवन से कीटाणु शरीर में प्रवेश कर जाते हैं।
- पानी के स्रोत के निकट शौच जाने से पानी प्रदूषित हो जाता है और ऐसे पानी के सेवन से कीटाणु शरीर में प्रवेश कर जाते हैं।
प्रश्न 10.
स्वच्छता अभियान से होने वाले लाभों को लिखिए।
उत्तर:
राष्ट्रीय स्वच्छता अभियान से सबसे बड़ा लाभ स्वास्थ्य के क्षेत्र में रहेगा। आम जनों को बीमारियों से मुक्ति मिलेगी, दवाओं पर व्यर्थ व्यय नहीं करना पड़ेगा। प्रदूषण का स्तर एकदम घट जायेगा और जल-मल के उचित निस्तारण से पेयजल भी शुद्ध बना रहेगा। गंगा-यमुना का जल अमृत जैसा पवित्र बन जायेगा। स्वच्छता अभियान से देश का पर्यावरण हर दिशा में स्वच्छ एवं प्रदूषण मुक्त हो जायेगा।
प्रश्न 11.
खुला-शौच मुक्त से आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
गाँवों, ढाणियों एवं कच्ची बस्तियों में लोग प्रायः खुले स्थान पर शौच करते हैं। पेशाब तो किसी भी गली या रास्ते पर कर देते हैं। इस बुरी आदत से गाँवों में गन्दगी रहती है। परिणामस्वरूप पेयजल, भूमि एवं वायु में गंदगी बढ़ जाती है। इससे उन क्षेत्रों में भयानक संक्रामक बीमारियाँ फैल जाती हैं। अतः खुला-शौच मुक्त का आशय लोगों को इसे बुरी आदत से छुटकारा दिलाना और खुले में मल-मूत्र त्याग न करने से है।
प्रश्न 12.
स्वच्छता के लिए विद्यार्थियों को क्या-क्या प्रयास करने चाहिए? लिखिए।
उत्तर:
स्वच्छता के लिए विद्यार्थियों को निम्नलिखित प्रयास करने चाहिए
- स्वच्छता के लिए विद्यार्थियों का पहला कर्तव्य है कि वे स्वयं के शरीर की सफाई रखें, इसके लिए नित्य स्नान करें, साफ कपड़े पहनें।।
- शौच जाने के उपरान्त हाथों को साबुन से धोएँ।
- अपने नाखूनों को काटें जिससे उनमें गन्दगी न रहे। क्योंकि नाखूनों में भरी गन्दगी मुँह में पहुँच कर संक्रमण का कारण बन जाती है।
- अपने घर और स्कूल की साफ-सफाई में अपना पूरा सहयोग करना चाहिए।
- स्वयं कचरा नहीं फैलाना चाहिए और ढके पात्र का ही पानी हाथ धोकर उससे लेकर पीना चाहिए। बाद में उसे ढक देना चाहिए।
- हमेशा खाना खाने से पहले हाथ धो लेना चाहिए।
- बाजार की खुली चीजें खरीद कर कभी भी नहीं खानी चाहिए।
- कच्ची सब्जी व फलों को हमेशा अच्छी तरह धोकर ही खाना चाहिए।
- गन्दे पैरों को कभी भी बिछौने पर नहीं रखने चाहिए।
- बाल्टी को धोकर ही स्नान करना चाहिए और उसमें पीने का पानी भरना चाहिए।
- हमेशा ताजा खाना ही खाना चाहिए।
- हमेशा शौचालय का ही प्रयोग करना चाहिए।