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RBSE Class 8 Sanskrit व्याकरण समास

RBSE Class 8 Sanskrit व्याकरण समास

Rajasthan Board RBSE Class 8 Sanskrit व्याकरण समास

परिभाषा-दो या दो से अधिक पदों (शब्दों) को मिलाने या जोड़ने को समास कहते हैं। समास करते समय पूर्व शब्द की विभक्ति हटा दी जाती है तथा अन्त में विभक्ति रहती
है। समस्त पद को अलग-अलग करने को समास-विग्रह कहते हैं। समास के छ: प्रकार होते हैं

  1. अव्ययीभाव,
  2. तत्पुरुष,
  3. द्वन्द्व,
  4. कर्मधारय,
  5. द्विगु तथा
  6. बहुव्रीहि।

1. अव्ययीभाव समास-इस समास में पहला शब्द अव्यय। और दूसरा शब्द संज्ञा होता है। ऐसे समस्त-पद प्रायः नपुंसकलिंग एकवचन में रहते हैं। जैसे

शक्ति के अनुसार – यथाशक्ति
रूप के अनुसार – अनुरूपम्।
दिनम्-दिनम् – प्रतिदिनम्
नगरस्य समीपम् – उपनगरम्
एक-एकम् – प्रत्येकम्

2. तत्पुरुष समास-इसमें दोनों शब्दों के बीच की विभक्ति का लोप हो जाता है और पहला शब्द दूसरे शब्द की विशेषता बतलाता है। जैसे-
3. कर्मधारय समास-जब तत्पुरुष समास के दोनों पदों में एक ही विभक्ति अर्थात् समान विभक्ति होती है, तब वह समानाधिकरण तत्पुरुष समास कहा जाता है। इसी समास को कर्मधारय नाम से जाना जाता है। इस समास में साधारणतया पूर्वपद विशेषण और उत्तरपद विशेष्य होता है। जैसे-नीलम् कमलम् = नीलकमलम्, पीतम् अम्बरम् = पीताम्बरम्, रक्तम् कमलम् = रक्तकमलम्।
4. द्विगु समास-इसमें पहला पद संख्यावाची रहता है तथा ‘समाहार’ या समूह अर्थ में दोनों पदों में समास हो जाता है। जैसे-

पञ्चानां पात्राणां समाहारः – पञ्चपात्रम्
(पाँच पात्रों का समूह)।
त्रयाणां लोकानां समाहारः – त्रिलोकी
(तीन लोकों का समूह)
शतानाम् अब्दानां समाहारः – शताब्दी
(सौ वर्षों का समाहार)
चतुर्णा पथानां समाहारः – चतुष्पथम्
(चार पथों का समाहार)
त्रयाणां भुवनानां समाहारः – त्रिभुवनम्
(तीन भुवनों का समूह)।

5. द्वन्द्व समास-जहाँ पर दो या अधिक शब्दों का इस प्रकार समास हो कि उसमें च (और) का अर्थ छिपा हुआ हो तो द्वन्द्व समास होता है। जैसे-
जरामरणम् = जरा च मरणं च मृगमीनसज्जनानाम् = मृगाणां, मीनानां, सज्जनानाम् च इति तेषाम् (द्वन्द्व)।

6. बहुव्रीहि समास-जिस समास में अन्य पद के अर्थ की प्रधानता होती है उसे बहुव्रीहि समास कहते हैं। जैसेतृणजल सन्तोष विहितवृत्तीनाम्-तृणैः जलैः सन्तोषैः विहिता वृत्तिः येषां ते (बहुव्रीहि) सुकृतिनः-सुकृतं अस्ति येषां ते (बहुव्रीहि)।

अभ्यासार्थ प्रश्नोत्तर वस्तुनिष्ठप्रश्नाः
Samas In Sanskrit Class 8 प्रश्न 1.
‘रामलक्ष्मणौ’ कस्य समासस्य उदाहरणम् अस्ति?
(क) द्विगुः
(ख) बहुव्रीहिः।
(ग) द्वन्द्वः
(घ) कर्मधारयः।
उत्तर:
(क) द्विगुः

Samas Vigrah In Sanskrit Class 8 प्रश्न 2,
‘चर्ममांसरुधिरं संयोजितम्’-रेखांकितपदे समासः विद्यते
(क) द्वन्द्व
(ख) द्विगु।
(ग) तत्पुरुष
(घ) अव्ययीभावे।
उत्तर:
(क) द्वन्द्व

Yathashakti Ka Samas Vigrah In Sanskrit प्रश्न 3.
‘विद्याधनं सर्वधनं प्रधानम्’-रेखांकितपदे समासः विद्यते
(क) बहुव्रीहिः
(ख) कर्मधारयः
(ग) अव्ययीभावः
(घ) द्विगुः।
उत्तर:
(ख) कर्मधारयः

समास-विग्रह कीजिए Class 8 प्रश्न 4.
‘युद्धरतानां वीराणाम्’-रेखांकितपदे समासः विद्यते
(क) द्वन्द्वः
(ख) द्विगुः।
(ग) बहुव्रीहिः
(घ) तत्पुरुषः।
उत्तर:
(घ) तत्पुरुषः।

समास-विग्रह कीजिए Class 8 Sanskrit प्रश्न 5.
‘सः प्रतिदिनं कार्यं करोति’-रेखांकितपदे समासः विद्यते–
(क) तत्परुषः
(ख) द्विगुः।
(ग) अव्ययीभावः
(घ) कर्मधारयः।
उत्तर:
(ग) अव्ययीभावः

Samas Class 8 प्रश्न 6.
‘जगतः पितरौ वन्दे’-रेखांकितपदे समासः विद्यते
(क) द्वन्द्वः
(ख) द्विगुः
(ग) कर्मधारयः
(घ) तत्पुरुषः।
उत्तर:
(क) द्वन्द्वः

प्रश्न 7.
‘जनाः रामदेवरास्थानं प्रतिवर्ष पश्यन्ति’-रेखांकितपदे समासः विद्यते
(क) तत्पुरुषः
(ख) कर्मधारयः
(ग) द्वन्द्वः।
(घ) अव्ययीभावः।
उत्तर:
(घ) अव्ययीभावः।

प्रश्न 8.
‘तेन एव दिवारात्री भवतः’ -रेखांकितपदे समासः विद्यते-
(क) द्विगुः
(ख) द्वन्द्वः
(ग) तत्पुरुषः
(घ) कर्मधारयः
उत्तर:
(ख) द्वन्द्वः

लघूत्तरात्मकप्रश्ना

प्रश्न 1.
समास-विग्रहं कुरुत–

  1. सीतारामौ,
  2. दशाननम्,
  3. राजपुरुषः,
  4. नीलकण्ठः

उत्तर:

  1. सीता च रामश्च।
  2. दश आननानि यस्य तम्।
  3. राज्ञः पुरुषः।
  4. नीलः कण्ठः यस्य सः।

प्रश्न 2.
समास-विग्रहं कुरुत–

  1. यथाशक्ति,
  2. पितरौ,
  3. पीताम्बरम्,
  4. षडाननः।

उत्तर:

  1. शक्तिम् अनतिक्रम्य।
  2. माता च पिता च।
  3. पीतम् अम्बरम् इति।
  4. षट् आननानि यस्य सः।

प्रश्न 3.
समासविग्रहम् कुरुत

  1. पीताम्बरम्
  2. रामश्यामौ
  3. नवग्रहोः
  4. विद्यालयः
  5. पञ्चवटी
  6. राधाकृष्णौ
  7. प्रतिदिनम्
  8. मातापितरौ
  9. जरामरणम्
  10. यथाशक्ति
  11. नीलकमलम्।
  12. दशाननः।

उत्तर:

समास-विग्रह

  1. पीतम् अम्बरम्/पीतम् अम्बरं यस्य सः (श्रीकृष्णः)।
  2. रामश्च श्यामश्चे।
  3. नवानां ग्रहाणां समाहारः।
  4. विद्यायाः आलयः।
  5. पञ्चानां वटीनां समाहारः।
  6. राधा च कृष्णः च।
  7. दिनं दिने प्रति।
  8. माता च पितो च।
  9. जरा च मरणं च।
  10. शक्तेः अनुरूपम्।
  11. नीलम् कमलम्।
  12. दश आननानि यस्य सः (रावण:)।

प्रश्न 4.
अधोलिखितपदानां समासं कुरुत, नामापि लिखत

  1. त्रयाणां लोकानां समाहार:
  2. पाणी च पादौ च
  3. वनस्य समीपम्
  4. राज्ञः पुरुषः
  5. चक्रं पाणौ यस्य सेः।

उत्तर:

  1. त्रिलोकम्, द्विगु समास।
  2. पाणिपादम्, द्वन्द्व समास।
  3. उपवनम्, अव्ययीभाव।
  4. राजपुरुषः, तत्पुरुषः।
  5. चक्रपाणिः, बहुव्रीहि।

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