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RBSE Class 9 English Solutions Moments Chapter 8 A House is not a Home

RBSE Class 9 English Solutions Moments Chapter 8 A House is not a Home

A House is not a Home Summary and Translation in Hindi

• पाठ के विषय में : यह कहानी किशोर होने की चुनौतियों तथा बड़े होने की समस्याओं को प्रतिबिम्बित करती है। लेखक अपनी समस्याओं पर कैसे विजय प्राप्त करता है?

कठिन शब्दार्थ एवं हिन्दी अनुवाद

1. My first year…………….’the good life’.

कठिन शब्दार्थ : awkward (ऑक्वड) = तकलीफदेह, isolated (आइसलेटिड्) = एकाकी, encourage (एनकरिज्) = प्रोत्साहन देना, involved (इन्वॉल्व्ड ) = शामिल होना, adjust (अजस्ट्) = व्यवस्थित होना, probably (प्रॉबब्लि) = सम्भवतया, nonetheless (नन्दलेस) = फिर भी, fall day (फॉल् डे) = पतझड़ का दिन, fire place (फाइअ(र) प्लेस्) = चूल्हा, अंगीठी, tabby (टैबी) = धारीदार, purring (प(र)ङ) = बिल्ली का धीमा स्वर जब वह प्रसन्न होती है, occasionally (अकेशनॅलि) = यदा-कदा, swatting (स्वाट्ङ्) = जोर से मारना, sake (सेक्) = के लिए, rescued (रेस्क्यू ड) = बचाया था, kitten (किट्न्) = बिलौटा।

हिन्दी अनुवाद : हाई स्कूल का मेरा पहला साल तकलीफदेह लगा। जूनियर हाई स्कूल छोड़ने के बाद, जहाँ मैं कक्षा का मुखिया था और ऊँचे ग्रेड स्तर की जितनी वरीयता हो सकती थी लिए हुए था, अब कुछ नये व्यक्ति की तरह आरम्भ करना बहुत अजीब-सा लग रहा था। नया स्कूल मेरे पुराने स्कूल से दो गुणा बड़ा था और अधिक खराब बात यह थी कि मेरे अभिन्न मित्र दूसरे हाई स्कूल में भेजे गए थे। मैं बहुत एकाकी महसूस कर रहा था।

मैं अपने पुराने अध्यापकों की कमी को इतना अधिक महसूस करता था कि मैं उनसे मिलने के लिए वापस जाता था। वे मुझे नये स्कूल के कार्यकलापों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करते थे जिससे मैं नये लोगों से मिल सकूँ। उन्होंने मुझसे कहा कि कुछ समय में मैं व्यवस्थित हो जाऊँगा और सम्भवतया नये स्कूल को पुराने स्कूल से भी अधिक चाहने लगूंगा। उन्होंने मुझसे वादा लिया कि ऐसा होने पर भी मैं समय-समय पर उनसे मिलने आऊँगा। मैं उनके कहने के मनोविज्ञान को समझता था परन्तु फिर भी मुझे इससे कुछ राहत मिलती थी।

एक रविवार के अपराह्न में जब मुझे हाई स्कूल जाना आरम्भ किये ज्यादा समय नहीं हुआ था, मैं घर पर अपने खाने की मेज पर बैठा गृहकार्य कर रहा था। वह पतझड़ का एक ठंडा, हवादार दिन था और हमने अंगीठी में आग जला रखी थी। सदा की तरह, मेरी लाल धारीदार बिल्ली मेरे कागजों के ऊपर प्रसन्नता भरी तेज आवाज कर रही थी और मनोरंजन के लिए यदा-कदा मेरे पैन को जोर से (पंजे) मार रही थी। वह मुझ से कभी दूर नहीं रहती थी। जब वह एक बिलौटा (बिल्ली का छोटा बच्चा) थी तो मैंने उसे बचाया था और किसी तरह वह जानती थी कि उसकी अच्छी जिन्दगी के लिए मैं जिम्मेदार था।

2. My mother kept………….her,” he said.

कठिन शब्दार्थ : stoking (स्टॉक्ङ्) = जलती आग में और कोयला अथवा लकड़ी डालते रहना, seams (सीम्स) = जोड़, ceiling (सीलिङ्) = अन्दर की छत, barely (बेअलि) = कठिनाई से, groping (ग्राप्ङ्) = अंधेरे में टटोलना, engulfed (इन्गल्फ्ड ) = पूरी तरह से निगल लिया, yard (याड्) = आँगन, documents (डॉक्युमन्ट्स) = दस्तावेज, case (केस्) = बक्सा, crazed (क्रेज्ड) = घबराहट में, screamed (स्क्रीम्ड) = चिल्लाया, grasp (ग्रास्प) = पक्की पकड़, yelling (येल्ङ्) = पतली तीखी आवाज में चिल्लाना, fire fighters (फाइअ(र) फाइट(र)ज) = अग्निशमनकर्मी, logically (लॉजिक्लि ) = सोच-समझकर।

हिन्दी अनुवाद : मेरी माँ आग में और ईंधन डालती जा रही थी जिससे घर अच्छी तरह से गर्म रहे। अचानक, मुझे एक अजीब-सी गन्ध आई और फिर मैंने छत के जोड़ों में से धुआँ निकलते हुए देखा। धुआँ कमरे में इतनी जल्दी से भर गया कि हम कठिनाई से देख पा रहे थे। अंधेरे में दरवाजा टटोलकर हम सब आगे के आँगन में भागे।

जब तक हम घर से बाहर निकले छत को आग की लपटों ने पूरी तरह से निगल लिया था और लपटें बड़ी तेजी से फैल रही थीं। मैं अग्निशमन विभाग को फोन करने पड़ोसियों के यहाँ भागा जबकि मैंने देखा मेरी माँ वापस घर के अन्दर भाग गई।

मेरी माँ तब धातु का एक छोटा बक्सा, जिसमें महत्त्वपूर्ण दस्तावेज थे, लेकर भाग कर घर से बाहर आई। उसने घबराहट में बक्सा घास के मैदान पर गिरा दिया और घर के अन्दर वापस भागी। मैं जानता था वह किसके पीछे थी (क्या लेने गई थी)। मैं जब बहुत छोटा था तो मेरे पिता का देहान्त हो गया था और मुझे पक्का निश्चय था कि वह मेरे पिता के चित्र तथा पत्रों को आग की लपटों में नहीं जलने देगी। मेरे पिता को याद रखने की केवल वही चीजें थीं। फिर भी मैं उस पर चिल्लाया, “माँ ! नहीं!”

मैं माँ के पीछे जाने ही वाला था कि एक बड़े से हाथ ने मुझे पीछे से पकड़ लिया। यह एक अग्निशमनकर्मी था। मैंने ध्यान ही नहीं दिया कि सारी गली दमकल वाहनों से भरी पड़ी थी। मैं अपने आपको उसकी पकड़ से छुड़ाने का प्रयत्न कर रहा था, चिल्लाते हुए “आप नहीं समझते मेरी माँ वहाँ अन्दर है !” उसने मुझे पकड़े रखा जबकि दूसरे अग्निशमनकर्मी घर के अन्दर भागे। वह जानता था कि मैं अधिक सोच-समझकर व्यवहार नहीं कर रहा था और अगर वह मुझे जाने देता तो मैं भाग लेता। वह ठीक था। “सब ठीक-ठाक है। वे उसे (माँ को) बाहर ले आयेंगे।” उसने कहा।

3. He wrapped a………………..spend the night.

कठिन शब्दार्थ : wrapped (रैप्ट) = लपेटा, blanket (ब्लैकिट्) = कम्बल, emerged (इमज्ड) = निकला, tow (ये) = खींच कर लाना, mask (मास्क्) = मुखौटा, hugged (हग्ड) = आलिंगन करना, argued (आग्यूड) = तर्क किया, vanished (वैनिश्ट) = गायब हो गया, inhaled (इन्हेल्ड) = अन्दर साँस लिया, dazed (डेज्ड) = भौचक्के, horror (हॉर(र)) = भय, alive (अलाइव्) = जिन्दा, regardless (रिगाड्लस्) = बिना परवाह किए, piled (पाइल्ड) = तह पर तह लगाना, ढेर लगाना।

हिन्दी अनुवाद : उसने मेरे चारों ओर एक कम्बल लपेटा और मुझे हमारी कार में बिठा दिया। इसके तुरन्त बाद, एक अग्निशामक मेरी माँ को घसीटता घर से बाहर निकला। वह उसे जल्दी से ट्रक पर ले गये और उसे ऑक्सीजन का मुखौटा लगा दिया। मैंने भाग कर माँ को आलिंगन कर लिया। उसे खोने की सोच में, इस समय तक जो मैंने उससे तर्क किये अथवा घृणा की, सब गायब हो गये। “वह ठीक होने जा रही है,” अग्निशामक ने कहा। “उसने थोड़ा-सा धुआँ साँस से अन्दर ले लिया है।” और फिर वह वापस आग बुझाने अन्दर भाग गया जबकि मैं और मेरी माँ वहाँ भौचक्के से बैठे रहे। मुझे याद है मैं अपने घर को जलता हुआ देखता रहा और सोचता रहा कि मैं इसके लिए कुछ नहीं कर पा रहा था।

पाँच घंटे बाद, आखिरकार आग बुझ गई। हमारा घर लगभग पूरी तरह से जल गया था। तब मुझे ख्याल आया…….मैंने अपनी बिल्ली नहीं देखी थी। मेरी बिल्ली कहाँ थी? भय से काँपते हुए मैंने महसूस किया कि वह कहीं भी नहीं थी। तब एकदम से मुझे ख्याल आया-नया स्कूल, आग, मेरी बिल्ली-मेरे आँसू फूट पड़े और मैं रोता रहा।

मैं बहुत बड़ा नुकसान सह रहा था। उस रात अग्निशामकों ने हमें घर में वापस नहीं जाने दिया। यह अभी बहुत खतरनाक था। जिन्दा व मुर्दा, मैं अपनी बिल्ली के बारे में जाने बिना वहाँ से जाने की कल्पना नहीं कर सकता था। इसकी परवाह न करते हए, मुझे जाना पड़ा। पहने हए कपड़ों तथा अग्निशामकों के कुछ कम्बलों के साथ हम कार में ढेर हो गए और रात बिताने के लिए अपने दादा-दादी के मकान पर चल दिये।

4. The next day……………….clothes for school.

कठिन शब्दार्थ : casualty (कैशुअल्टि) = नष्ट, embarrassed (इम्बैरस्ट्) = परेशान, weird (विअ(र)ड) = अजीब, backpack (बैक्पैक) = पीठ पर लटकाने का थैला, destined (डेस्टिन्ड्) = भाग्य में, outcast (आउट्कास्ट्) = बहिष्कृत, geek (गीक्) = जंगली, zombie (जॉम्बि) = मूर्ख और निरुत्साहित व्यक्ति, surreal (सरीअल्) = अजीब; ripped away (रिप्ट अवे) = बलपूर्वक अलग करना, damage (डैमिज) = नुकसान, destroyed (डिस्ट्रॉइड) = नष्ट हो गया, rescue (रेस्क्यू ) = बचाना, ached (एक्ट) = दुःखता था, grieve (ग्रीव्) = शोक मनाना।

हिन्दी अनुवाद : अगले दिन, सोमवार को मैं स्कूल गया। जब आग लगी उस समय मैं वही कपड़े पहने था जो मैंने सुबह चर्च जाने के लिए पहने थे लेकिन जूते नहीं थे ! उन्हें मैंने होमवर्क करते समय ठोकर मार दी थी। वे भी आग की भेंट (आग में नष्ट) चढ़ गये थे। अतः मुझे अपनी चाची से उनके टैनिस के जूते उधार माँगने पड़े। मैं स्कूल जाने के बदले घर क्यों नहीं ठहर सकता था? मेरी माँ ऐसा कुछ सुन नहीं रही थी, परन्तु मैं हर चीज से पूर्णतया परेशान हो रहा था।

कपड़े जो मैंने पहन रखे थे अजीब लग रहे थे। मेरे पास कोई किताबें व होमवर्क नहीं था और मेरा पीठ का (स्कूल का) बैग (आग की भेंट) जा चुका था। मेरा जीवन उस पीठ के थैले में था। जितना मैं व्यवस्थित होने का प्रयत्न करता उतना ही खराब होता जाता। क्या मेरे भाग्य में सारी उम्र एक बहिष्कृत व जंगली की तरह हाँके जाना ही लिखा था? ऐसा ही मुझे लग रहा था। मैं बड़ा होना, बदलना अथवा इसी तरह के जीवन को और चलाना नहीं चाहता. था। मैं सिमट कर मर जाना चाहता था।

मैं स्कूल के इर्द-गिर्द एक मूर्ख और निरुत्साहित व्यक्ति की तरह घूमता रहा। सब कुछ अजीब-सा लग रहा था और मुझे कुछ पक्का नहीं था कि क्या होने जा रहा था। सारी सुरक्षा जो मुझे मालूम थी-मेरा पुराना स्कूल, मेरे मित्र, मेरा मकान और बिल्ली-सब बलपूर्वक अलग कर दिये गये। – उस दिन जब मैं स्कूल के बाद वहाँ चल कर गया जो हमारा मकान हुआ करता था तो मुझे जितनी हानि हुई उसे देखकर सदमा पहुँचा-जो जला नहीं वह पानी तथा रसायनों द्वारा, जो उन्होंने आग बुझाने के लिए प्रयोग किये थे, नष्ट हो गया था। जो भौतिक वस्तुएँ नष्ट होने से बची थीं वे थीं फोटो एलबम, दस्तावेज और कुछ व्यक्तिगत चीजें जो मेरी माँ ने एक हीरो की तरह बचाई थीं। पर मेरी बिल्ली चली गई थी और मेरा दिल उसके लिए दु:खता था। यह शोक मनाने का समय नहीं था। मेरी माँ ने जल्दी से मुझे घर से निकाला। हमें रहने के लिए स्थान चाहिए था और मुझे स्कूल के लिए कुछ कपड़े खरीदने जाना था।

5. We had to borrow……………….friends that day.

कठिन शब्दार्थ : borrow (बॉरो) = उधार लेना, indentification (आइडेनटिफिकेशन) = पहचान, withdraw (विद्ड्रो) = निकालना, gone up in smoke (गॉन् अप् इन् स्मोक्) = आग में नष्ट हो गया था, rubble (ल) = ईंट-पत्थर के टुकड़े, debris (डेबरि) = मलबा, vulnerable (वल्नरवल) = नाजुक, कोमल, robe (रोब) = परिधान/कपड़े, crawl (क्रॉल) = रेंगना, including (इन्क्लू डङ्) = सहित, plight (प्लाइट्) = हालत, looking for (लुकिङ् फॉ(र)) = आशा करना, milling around (मिलिङ् अराउण्ड) = भीड़ लगा रहे, बिना उद्देश्य घूमते हुए, shove (शॉव) = धकेलना, supplies (सप्लाइज) = आवश्यक वस्तुएँ, overcome (ओवकम्) = विजय प्राप्त करना, genuine (जेन्युइन्) = सच्ची, outpouring (आउट्पॉ(र)ङ्) = भावुकतापूर्ण शब्दों का बहाव, concern (कन्सन्) = चिन्ता करना, instant (इनस्टॅन्ट) = क्षण, sigh of relief (साइ ऑक् रिलीफ्) = राहत की सांस लेना।

हिन्दी अनुवाद : हमें अपने दादा-दादी से पैसे उधार लेने पड़े क्योंकि न तो हमारे पास क्रेडिट कार्ड थे, न नकद पैसे और न ही कोई पहचान जिससे हम बैंक से पैसे निकलवा सकें। सब कुछ जलकर खाक हो गया था। उस सप्ताह ईंट-पत्थर के टुकड़े जो कभी हमारा घर था, साफ किये जा रहे थे। यद्यपि हमने पास ही एक घर किराये पर ले लिया था, मैं उनको मलबा हटाते हुए देखने जाता था इस आशा से कि कहीं मेरी बिल्ली मिल जाये। वह चली गई थी।

मैं उसके बारे में सोचता रहता था जैसे वह छोटा सा नाजुक बिलौटा (बिल्ली का बच्चा) था। सुबह-सुबह जब मैं उसका ध्यान हटाता था और बिस्तर से उठता था तो वह मेरे पीछे लगी रहती थी, मेरे कपड़ों . पर चढ़ जाती थीं और रेंग कर मेरी जेब में सो जाती थी। मुझे उसकी बुरी तरह से याद आ रही थी। हमेशा यह लगता है कि बुरी खबर जल्दी फैलती है, मेरे मामले में भी यह भिन्न नहीं था। हाई स्कूल में अध्यापकों सहित प्रत्येक मेरी हालत जानते थे। मैं शर्म महसूस कर रहा था जैसे इस सबके लिए मैं ही जिम्मेदार था। नये स्कूल में आरम्भ करने का क्या तरीका था! मैं इस प्रकार के ध्यान की आशा नहीं कर रहा था।

स्कूल में अगले दिन, लोग सामान्य से भी अधिक अजीब व्यवहार कर रहे थे। मैं अपने लॉकर के पास जिम की कक्षा के लिए तैयार हो रहा था। लोग मेरे इर्द-गिर्द बिना उद्देश्य घूमते हुए जमघट लगा रहे थे और मुझे जल्दी करने को कह रहे थे। मुझे यह अजीब-सा लगा परन्तु पिछले कुछ हफ्तों को देखते हुए मुझे कुछ भी हैरानी नहीं हो रही थी।

ऐसा लग रहा था वे मुझे जबरदस्ती जिम में धकेलने की कोशिश कर रहे थे-फिर मैंने देखा क्यों? वहाँ एक बड़ी-सी मेज पर सब तरह की चीजें सजी थीं, केवल मेरे लिए। उन्होंने पैसे इकट्ठे किये थे तथा मेरे लिए स्कूल में काम आने वाली आवश्यक सामग्री, कापियाँ, सब तरह के कपड़े-जीन्स, कमीज, स्वैट सूट खरीदे।

क्रिसमस की तरह लग रहा था। मैं आत्मविभोर हो उठा। जो लोग कभी मेरे साथ नहीं बोले थे अपना परिचय कराने को मेरे पास आ रहे थे। मुझे उनके घर आने के सब प्रकार के निमंत्रण मिले। उनकी मेरे लिए सच्ची चिन्ता और भावपूर्ण शब्द प्रवाह मेरे दिल को छू गए। उसी क्षण आखिरकार मैंने राहत की साँस ली और पहली बार सोचा कि सब ठीक-ठाक होने जा रहा था। उस दिन मैंने मित्र बनाये।

6. A month later, ……. and so was

कठिन शब्दार्थ : focusing (फॉकसङ्) = केन्द्रित, insecurity (इन्सिक्युअ(र)टि) = असुरक्षा, . open up (ओपन् अप्) = खुलकर बात करना, realized (रिअलाइज्ड) = महसूस किया, curb (कब्) = किनार, grabbed (ग्रैब्ड) = झपट कर ली, apparently (अपैरन्टलि) = स्पष्ट, freaked (फ्रीक्ट) = असाधारण, curled up (कल्ड अप्) = कुंडली मारकर, overwhelming (ओववेल्म्ङ् ) = अति प्रबल, diminish (डिमिनिश्) = धीरे-धीरे कम हो जाना, gratitude (ग्रैटिट्यूड्) = आभार, beloved (बिलव्ड्) = प्यारी।

हिन्दी अनुवाद : एक महीने बाद, मैं उनको अपने घर को फिर से बनाता देख रहा था। पर इस बार फर्क था-मैं अकेला नहीं था। मैं अपने स्कूल के दो नये मित्रों के साथ था। अपनी असुरक्षा के भाव पर अपना ध्यान केन्द्रित होने से हटाने के लिए तथा अपने इर्द-गिर्द के अद्भुत लोगों से खुलने के लिए एक आग को लगना पड़ा। अब मैं वहाँ बैठा अपना नया घर बनता देख रहा था जब मैंने महसूस किया कि मेरा जीवन भी वही काम कर रहा था अर्थात् मेरे जीवन का भी पुनः निर्माण हो रहा था।

जब हम किनार पर बैठे सोने के मेरे नये कमरे की रूपरेखा बना रहे थे मैंने किसी को पीछे से अपने पास आते और कहते सुना, “क्या यह तुम्हारी है?” जब मैंने पीछे मुड़कर देखा कि कौन है तो मुझे अपनी आँखों पर विश्वास नहीं हुआ। एक औरत मेरी बिल्ली को लिए खड़ी थी! मैं उछला और झपटकर उसकी बाहों से बिल्ली को ले लिया। मैंने उसे चिपकाकर पकड़ा और उसकी सुन्दर नारंगी फर में (मुँह छिपाकर) रोया। उसने प्रसन्नता से आवाज की। मेरे मित्र, मुझे तथा मेरी बिल्ली को सीने से लगा रहे थे और हमारे इर्द-गिर्द उछल कूद रहे थे।

स्पष्ट रूप से, मेरी बिल्ली आग से असाधारण रूप से इतना डर गई थी कि एक मील दूर भाग गई। उसके गले की पट्टी पर हमारा फोन नम्बर लिखा था लेकिन हमारे सारे फोन नष्ट हो गये थे और उनके तार काट दिये गये थे। यह अद्भुत औरत उसे अन्दर ले गई और कड़ी मेहनत कर यह खोज लिया कि वह बिल्ली किसकी थी। किसी तरह से उसे मालूम पड़ गया था कि उस बिल्ली को बहुत प्यार मिला था और वह (अपने मालिक को) याद कर रही थी।

जब मैं अपने मित्रों और मेरी गोदी में कंडली मार के बैठी अपनी बिल्ली के साथ बैठा था तो हानि तथा शोकान्त की अतिप्रबल भावना घटती हुई लगी। मैं अपने जीवन का, अपने नये मित्रों का, अजनबी की दयालुता और अपनी प्यारी बिल्ली की प्रसन्नता भरी आवाज का आभार महसूस कर रहा था। मेरी बिल्ली वापस आ गई थी और मैं भी।

RBSE Class 9 English A House is not a Home Textbook Questions and Answers

Think about it

Question 1.
What does the author notice one Sunday afternoon ? What is his mother’s reaction? What does she do ?
एक रविवार अपराह्न को लेखक क्या देखता है? उसकी माँ की क्या प्रतिक्रिया है? वह क्या करती है?
Answer:
One Sunday afternoon the author first smells something strange. Then he notices smoke pouring in through the seams of the ceiling. Soon the smoke fills the room and makes it difficult for them to see. He and his mother grope their way through the front door and run into the front yard.

The mother runs back into the house and comes out with a box full of important documents. She drops the box on the lawn. She runs in the house frantically, perhaps, to get the pictures and letters, the only memory of her dead husband. The author calls her back but she does not listen. She is caught in the flames. A fireman brings her out.

एक रविवार अपराह्न को लेखक को सबसे पहले एक अजीब गन्ध आती है। फिर वह छत के जोड़ों से धुआँ आता हुआ देखता है। जल्दी ही कमरा धुएँ से भर जाता है तथा दिखाई देना मुश्किल हो जाता है। वह तथा उसकी माँ अंधेरे में दरवाजा टटोलकर सामने के आँगन में भागते हैं। माँ पुनः दौड़कर घर में घुस जाती है तथा महत्त्वपूर्ण दस्तावेजों के एक बॉक्स के साथ बाहर आती है। उसने बॉक्स लॉन पर गिरा दिया। वह उन्मत्त सी, घर में भागती है, शायद वे तस्वीरें तथा पत्र लेने को, जो उसके दिवंगत पति की आखिरी यादें थीं। लेखक उसे वापस बुलाता है किन्तु वह नहीं सुनती है। वह लपटों में घिर जाती है। एक अग्निशमनकर्मी उसे बाहर लाता है।

Question 2.
Why does he break down in tears after the fire?
आग लगने के बाद वह फूट-फूट कर क्यों रोने लगता है?
Answer:
The author had a lovely little cat. He was very fond of her. After the fire, the cat was not found anywhere. The house was completely burnt down. The author thought the cat had been killed. So he broke down in tears.

लेखक की एक छोटी सी प्यारी बिल्ली थी। वह उसे बहुत प्यार करता था। आग लगने के बाद बिल्ली कहीं दिखाई न दी। मकान पूरी तरह जल गया था। लेखक ने सोचा कि बिल्ली मारी गई थी। इसलिए वह फूट-फूटकर रोने लगा।

Question 3.
Why is the author deeply embarrassed the next day in school ? Which words show his fear and insecurity ?
अगले दिन स्कूल में लेखक अत्यन्त व्याकुल क्यों हो जाता है? कौन-से शब्द उसका डर और असुरक्षा दर्शाते हैं?
Answer:
Next day, after the fire, the author went to school. He had lost everything in the fire. He was not in his school dress. He was wearing the tennis shoes of his aunt. He had no books or homework, and no school bag. It made him deeply embarrassed.

His words“The more I tried to fit in, the worse it got. Was I destined to be an outcast and geek all my life ? That’s what it felt like ? I didn’t want to grow up, change or have to handle life if it was going to be this way. I just wanted to curl up and die”-show his fear and insecurity.

आग लगने के बाद, अगले दिन, लेखक स्कूल गया। उसकी सभी चीजें आग में नष्ट हो गयी थीं। वह स्कूल की पोशाक में नहीं था। उसने अपनी चाची के टेनिस के जूते पहन रखे थे। उसके पास किताबें अथवा गृहकार्य नहीं था और स्कूल बैग भी नहीं था। इसने उसे अत्यन्त व्याकुल कर दिया। उसके ये शब्द “जितना मैं व्यवस्थित होने का प्रयत्न करता उतना ही खराब होता जाता। क्या मेरे भाग्य में सारी उम्र एक बहिष्कृत व जंगली की तरह हाँके जाना ही लिखा था? ऐसा ही मुझे लग रहा था। मैं बड़ा होना, बदलना अथवा इसी तरह के जीवन को और चलाना नहीं चाहता था। मैं सिमट कर मर जाना चाहता था”-उसका डर तथा असुरक्षा दर्शाते हैं।

Question 4.
The cat and the author are very fond of each other. How has this been shown in the story ? Where was the cat after the fire ? Who brings it back and how ?
बिल्ली और लेखक एक-दूसरे को बहुत चाहते हैं। कहानी में यह कैसे दिखाया गया है? आग लगने के बाद बिल्ली कहाँ थी? उसे कौन वापस लाता है और कैसे?
Answer:
The author and the cat were much fond of each other. The author had rescued the cat when she was a kitten. She never remained away from him. Sometimes the author would get up very early in the morning. The cat would tag along after him.

She would climb up his robe and crawl into the pocket. She would fall asleep there. When there was fire, the cat ran away in fear. She went a mile away. A kind woman took her in. She worked hard to find whose cat it was. At last, after a month, she brought the cat back to the author.

लेखक और बिल्ली दोनों एक-दूसरे को बहुत चाहते थे। लेखक ने बिल्ली को बचाया था जब वह एक बिलौटा थी। वह कभी उससे दूर नहीं रहती थी। कई बार लेखक प्रात: बहुत जल्दी उठ खड़ा होता। बिल्ली उसके पीछे-पीछे लगी रहती। वह उसके कपड़ों के ऊपर चढ़ जाती और उसकी जेब में धीरे से घुस जाती। वहाँ वह सो जाती। जब आग लग गयी, तो बिल्ली डर के मारे भाग गई। वह एक मील दूर चली गई। एक दयालु औरत ने उसे अपने घर पर रख लिया। उसने यह जानने के लिए बहुत मेहनत की कि यह किसकी बिल्ली थी। आखिर एक महीने के बाद वह बिल्ली को वापस लेखक के पास ले आयी।

Question 5.
What actions of the schoolmates change the author’s understanding of life and people, and comfort him emotionally ? How does his loneliness vanish and how does he start participating in life ?
स्कूल के साथियों के कौन-से कार्य लेखक की जीवन तथा लोगों के प्रति समझ को बदलते हैं तथा उसे भावनात्मक रूप से राहत देते हैं? उसका एकाकीपन कैसे गायब होता है और वह कैसे जीवन में भाग लेने लगता है?
Answer:
There was a fire in the author’s house. Everything got burnt. The schoolmates made a collection and bought a lot of things for the author. He was offered school supplies, notebooks, all kinds of clothes-jeans, tops, sweatsuits etc. They invited him to their houses.

Their genuine outpourings of concern touched his heart and changed his feelings and opinion towards them. That day he made new friends. He no more felt lonely and depressed. The company of his new friends and the friendly atmosphere around gave a new meaning to his life. His interest in life revived and he started taking part in the activities of life.

लेखक के मकान में आग लग गई। सभी वस्तुएँ जल गईं। स्कूल के साथियों ने पैसा इकट्ठा किया तथा लेखक के लिए बहुत सी चीजें खरीदीं। उसे स्कूल के आवश्यक सामान, कापियाँ, सभी प्रकार के कपड़ेजीन्स, कमीज, स्वेटसूट आदि भेंट किये गये। उन्होंने उसे (लेखक को) अपने घर आमंत्रित किया।

उनकी सच्ची चिन्ता ने उसका दिल छू लिया और उनके प्रति उसके विचारों तथा भावनाओं को बदल दिया। उस दिन उसने नये मित्र बनाये। वह अब अकेला और हताश महसूस नहीं करता था। उसके मित्रों के साथ एवं चारों ओर के मित्रवत् वातावरण ने उसके जीवन को एक नया अर्थ दे दिया। जीवन में उसकी रुचि पुनः जग गई तथा उसने जीवन की क्रियाओं में भाग लेना प्रारम्भ कर दिया।

Question 6.
What is the meaning of “My cat was back and so was I” ? Had the author gone anywhere ? Why does he say that he was also back ?
इसका क्या अर्थ है, “मेरी बिल्ली वापस आ गई थी और मैं भी”? क्या लेखक कहीं गया था? वह क्यों कहता है कि वह भी वापस आ गया था?
Answer:
The author was sent to a new school. There he felt lost, friendless and lonely among strangers.
In the meantime, a fire broke out in his house. His pet cat got scared and ran about a mile away from the house. A kind lady brought her back. His schoolmates helped him with the gifts of clothes and school supplies. They had shown genuine concern for him.

This changed his opinion and feelings towards them and life. He made friends and started taking interest in life again. He had not gone anywhere physically but mentally and emotionally he had gone too far. He said “My cat was back and so was I” because he got back his lost cat, new friends and interest in life.

लेखक को एक नये स्कूल भेज दिया गया। वहाँ वह अजनबियों के बीच खोया हुआ, मित्रहीन तथा एकाकी महसूस करता था। उसी समय, उसके घर में आग लग गयी। उसकी पालतू बिल्ली भयभीत हो गई तथा घर से एक मील दूर भाग गई। एक दयालु महिला उसे वापस लाई।

उसके स्कूल के साथियों ने उसे कपड़ों तथा स्कूल के आवश्यक सामान के उपहार दिये। उन्होंने उसके प्रति सच्ची चिन्ता दिखाई थी। इसने उनके एवं जीवन के प्रति उसके विचार एवं भावनाएँ बदल दीं। उसने मित्र बनाये तथा जीवन में पुनः रुचि लेने लगा। वह भौतिक रूप से कहीं नहीं गया था बल्कि मानसिक एवं भावनात्मक रूप से बहुत दूर चला गया था। उसने कहा, “मेरी बिल्ली वापस आ गई थी तथा मैं भी” क्योंकि उसे अपनी खोई हुई बिल्ली, नये दोस्त तथा जीवन में रुचि पुनः प्राप्त हो गये थे।

Talk About It :

Q. Have any of your classmates/schoolmates had an experience like the one described in the story where they needed help? Describe how they were helped.
क्या आपकी कक्षा अथवा स्कूल के किसी साथी का कहानी में बतलाये गये अनुभव जैसा अनुभव रहा है जहाँ उन्हें सहायता,की आवश्यकता हुई हो। वर्णन कीजिये उनकी किस प्रकार सहायता की गई।
Answer:
Burning of the House and the Help Given Once, two of my classmates/schoolmates had an experience like the one described in the story where they needed help. They were helped by giving pleasant surprise. I read in Creative Hight School, Sukhrampur. Two of my classmates who were brothers had a day when their house was on fire.

They lost their ailing father. They were profoundly grieved. They lost interest in life. My parents being wealthy got them built a modern house. The School Welfare Association promised them free higher education. The Resident Welfare Association furnished their house. I gave them a kitten to play with. They were now very happy.

घर का जलना व सहायता का दिया जाना एक बार मेरी कक्षा/विद्यालय के दो साथियों को कहानी में बताए गए जैसे अनुभव हुए जहाँ उन्हें सहायता की आवश्यकता हुई। उनकी सहायता सुखद आश्चर्य के साथ की गई। मैं क्रिएटिव हाई स्कूल, सुखरामपुर में पढ़ता हूँ। मेरे दो कक्षा साथियों, जो भाई थे, का घर एक दिन जल गया था।

उन्हें अपने बीमार पिता को खोना पड़ा था। वे अत्यधिक दु:खी थे। जीवन में उनकी रुचि समाप्त हो गई थी। मेरे माता-पिता ने समृद्ध होने के कारण उन्हें एक आधुनिक घर बनवाकर दिया। स्कूल वेल्फेअर एसोसिएशन ने उन्हें निःशुल्क उच्च शिक्षा का वादा किया। रेजिडॅन्ट वेल्फेअर एसोसिएशन ने उनके घर को सजाया-संवारा । मैंने उन्हें खेलने को बिल्ली का एक बच्चा दिया। वे अब बहुत खुश थे।

RBSE Class 9 English A House is not a Home Important Questions and Answers

I. Short Answer Type Questions :

Question 1.
How did the author feel in the high school ?
लेखक हाई स्कूल में कैसा महसूस करता था?
Answer:
The author felt awkward in the high school. He missed his old teachers and friends. Nobody knew him there. He had no friend. The atmosphere was unfamiliar for him. So he felt very isolated.

लेखक ने हाई स्कूल में तकलीफदेह महसूस किया। उसे अपने पुराने अध्यापकों तथा मित्रों की याद आती थी। उसे वहाँ कोई नहीं जानता था। उसका कोई दोस्त नहीं था। वातावरण उसके लिए अपरिचित था। अतः उसने बहुत एकाकी महसूस किया।

Question 2.
How did the old teachers try to encourage the author ? .
पुराने अध्यापकों ने लेखक को प्रोत्साहित करने की कोशिश किस प्रकार की?
Answer:
The teachers advised him to participate in school activities so that he could meet new people there. It would help him in making friends. They told him that in time he would adjust in the new atmosphere.

उन्होंने उसे स्कूल की गतिविधियों में भाग लेने की सलाह दी ताकि वह वहाँ नये लोगों से मिल सके। इससे उसे नये मित्र बनाने में सहायता मिलेगी। उन्होंने उससे कहा वह समय के साथ नये वातावरण से सामंजस्य कर लेगा।

Question 3.
How long did it take to fight the fire ? What was damaged ?
आग बुझाने में कितना समय लगा? क्या नुकसान हुआ था?
Answer:
It took five hours to fight the fire. The whole house was burnt, nothing was left. Whatever had not been burnt was destroyed by the water and the chemicals used by the firemen to put out the fire.

आग बुझाने में पाँच घण्टे का समय लगा। पूरा घर जल गया था, कुछ नहीं बचा था। जो कुछ नहीं जला था वह अग्निशामकों द्वारा आग बुझाने में प्रयुक्त पानी तथा रसायनों द्वारा नष्ट कर दिया गया था।

Question 4.
Who brought the author’s mother out of the burning house ? In what condition was she ?
जलते हुए घर से लेखक की माँ को कौन बाहर लाया? वह किस हालत में थी?
Answer:
A fireman towed the author’s mother out. She had inhaled a lot of smoke and was almost unconscious. He took her to the fire truck and immediately put the oxygen mask on her face.

एक अग्निशमनकर्मी लेखक की माँ को बाहर लाया। उसने बहुत सा धुआँ सांस के साथ अन्दर ले लिया था और लगभग बेहोश थी। वह उसे दमकल के पास लाया तथा तुरन्त उसके चेहरे पर ऑक्सीजन मास्क लगा दिया।

Question 5.
Where did the author and his mother spend the night after the fire ? What did they have ?
लेखक और उसकी माँ ने रात्रि कहाँ बिताई? उनके पास क्या था?
Answer:
The author and his mother spent the night at his grandparents’ house. They had just the clothes on their backs and a few of the firemen’s blankets.

लेखक तथा उसकी माँ ने उसके दादा-दादी के यहाँ रात्रि बिताई। उनके पास केवल उनके शरीर के कपड़े तथा अग्निशामकों के कुछ कम्बल थे।

Question 6.
Why did the author and his mother have to borrow money from the grand-parents?
लेखक तथा उसकी माँ को दादा-दादी से पैसे क्यों उधार लेने पड़े?
Answer:
Their house had burnt. Everything had gone up in smoke. There were no credit cards, cash or even any identification to be able to withdraw money from the bank. So they had to borrow money from the grand-parents.

उनका घर जल गया था। सभी चीजें राख हो गयी थीं। उनके पास न क्रेडिट कार्ड था, न नकदी और अन्य कोई पहचान जिससे वे बैंक से धन निकाल सकें । अतः उन्हें दादा-दादी से पैसे उधार लेने पड़े।

Question 7.
What was the author’s and cat’s reaction when they met each other after a month ?
लेखक और बिल्ली की क्या प्रतिक्रिया थी जब वे एक महीने बाद एक-दूसरे को मिले?
Answer:
The author grabbed the cat from the arms of the kind, strange lady, showing his anxiety to get back his beloved cat. He hugged her affectionately and cried happy tears in her fur and jumped with joy. The cat also purred happily.

लेखक ने अपनी प्यारी बिल्ली को पुनः प्राप्त करने की उत्सुकता को दर्शाते हुए उस अजनबी, दयालु महिला के हाथ से बिल्ली को झपट लिया। उसने स्नेह के साथ उसे गले से लगा लिया तथा उसके फर में (मुँह छिपाकर) खुशी के आँसू रोया और खुशी से उछला। बिल्ली ने भी प्रसन्नता से आवाज की।

II. Long Answer Type Questions :

Question 1.
‘All the security…..had been ripped away.’ Which security is the author talking about ?
‘सारी सुरक्षा… बलपूर्वक हटा दी गई थी।’ लेखक किस सुरक्षा की बात कर रहा है?
Answer:
The author is talking about the security he used to feel in his house and with his old school friends and his cat. All were suddenly lost. The house got burnt in the fire with all his belongings. He had to leave his old school, teachers and friends when he joined the high school. Then his cat which was a part of his life was also missing. Without all the above he felt insecure.

लेखक उस सुरक्षा की बात कर रहा है जो वह अपने घर में महसूस किया करता था और अपने पुराने स्कूल के दोस्तों के साथ तथा अपनी बिल्ली के साथ महसूस करता था। सभी अचानक खो गये थे। घर उनकी सभी सम्पत्ति के साथ जल गया था। हाई स्कूल में आने पर उसे अपना पुराना स्कूल, अध्यापक तथा मित्र छोड़ने पड़े थे। फिर उसकी बिल्ली, जो उसके जीवन का एक हिस्सा थी, भी खो गयी थी। इन सबके बिना वह असुरक्षित महसूस करता था।

Question 2.
‘I was sitting there watching my house being rebuilt when I realized my life was doing the same thing’. What does the author mean by this statement ?
‘मैं वहाँ बैठा अपने घर को फिर से बनता देख रहा था जब मैंने यह महसूस किया कि मेरे जीवन के साथ भी ऐसा ही हो रहा था।’ लेखक का इस कथन से क्या अभिप्राय है?
Answer:
The author felt isolated in his new school. Then the house got burnt along with all his belongings. His beloved cat was also lost. He felt so dejected, depressed and sad that he lost all interest in life and wanted to die.

But the way his schoolmates helped and showed their genuine concern after the burnt house tragedy—his mind changed completely. The feeling of being cared and loved revived a new hope of life in him. He started taking interest in life and made new friends. His life was taking a new shape like his new house.

लेखक अपने नये स्कूल में एकाकी महसूस करता था। तभी उसका घर सभी चीजों के साथ जल गया। उसकी प्यारी बिल्ली भी खो गई। वह इतना निरुत्साह, हताश तथा उदास हो गया था कि उसने जीवन में रुचि खो दी थी तथा मरना चाहता था। लेकिन घर जलने की दुखान्तिका के बाद जिस तरह से उसके स्कूल के साथियों ने मदद की तथा सच्ची चिन्ता जतायी, उसका दिमाग पूर्णतया बदल गया। ध्यान दिये जाने तथा प्यार किये जाने की भावना ने उसमें जीवन की एक नयी किरण पुनर्जीवित की। उसने जीवन में रुचि लेना प्रारम्भ कर दिया तथा नये मित्र बनाये। उसके मकान की तरह उसकी जिन्दगी भी एक नया रूप ले रही थी।

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