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RBSE Class 9 Hindi Vyakaran मुहावरे

RBSE Class 9 Hindi Vyakaran मुहावरे

RBSE Class 9 Hindi Vyakaran मुहावरे

मुहावरे – ‘मुहावरा’ शब्द का अर्थ है-‘अभ्यास’। जब कोई शब्द-समूह या वाक्यांश निरन्तर अभ्यास के कारण सामान्य अर्थ न देकर विशेष अर्थ का बोध कराये, तो उसे मुहावरा कहते हैं। जैसे – अँगूठा दिखाना, आँखें खुलना आदि। ….. मुहावरों का प्रयोग करने से भाषा में सरसता, रोचकता, भावात्मकता तथा लालित्य का समावेश हो जाता है। मुहावरे से वाक्यार्थ में विशेष चमत्कार और व्यंग्यार्थ उत्पन्न होता है। मुहावरे का शाब्दिक अर्थ न लेकर उसका भावार्थ लिया जाता है। मुहावरों का मूल रूप अपरिवर्तित रहता है तथा इसके अन्त में क्रिया-पद प्रयोग अवश्य किया जाता है। वाक्य-रचना में मुहावरा अपना विशिष्ट अर्थ व्यक्त करता है जो कि कई बार विभिन्न अर्थों की व्यंजना करता है।

यहाँ प्रमुख मुहावरे अर्थ एवं वाक्य-प्रयोग – सहित दिये जा रहे हैं

1. अंग-अंग टूटना-अत्यधिक थक जाना।
वाक्य-प्रयोग – किसान दिनभर खेतों में काम करके जब घर लौटता है, तो उसके अंग-अंग टूट जाते हैं।

2. अपना उल्लू सीधा करना-अपना स्वार्थ पूरा करना।
वाक्य-प्रयोग – आज नेतागण देशहित नहीं सोचते, सब अपना-अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं।

3. अँगूठा दिखाना-निराश करना या तिरस्कारपूर्वक मना करना।
वाक्य-प्रयोग – मन्त्री महोदय ने कहा कि मेरे कार्यालय में आना, तुम्हारी माँगें पूरी कर देंगे, परन्तु वहाँ जाने पर मांग पूरी करने के बदले उन्होंने अँगूठा दिखा दिया।

4. आँखों का तारा-बहुत प्रिय।
वाक्य-प्रयोग – बालक श्रवण अपने माता-पिता के लिए आँखों का तारा था।

5. अंगारे उगलना-क्रोध में कठोर शब्द बोलना।
वाक्य-प्रयोग – अपनी सन्तान का अहित करने वाले के प्रति माता-पिता अंगारे उगलते हैं। .

6. आँखों में धूल झोंकना-धोखा देना।
वाक्य-प्रयोग – आजकल कई ऐसे ठग शहर में घूम रहे हैं जो जनता की आँखों में धूल झोंककर चम्पत हो जाते हैं।

7. आसमान पर चढ़ना-बहुत अभिमान करना।
वाक्य-प्रयोग – रमाकांत को थोड़ा-सा सम्मान और उच्च पद क्या मिला, वह तो आसमान पर चढ़ गया।

8. आग-बबूला होना – गुस्से में भर जाना।
वाक्य-प्रयोग – अपने अधीनस्थ लोगों की थोड़ी-सी गलती पर रमेश आग-बबूला हो जाता है।

9. आँखें खुलना-समझ में आ जाना।
वाक्य-प्रयोग – देशी घी में वनस्पति की मिलावट करने की बात उजागर होने से हमारी आँखें खुल गईं।

10. आस्तीन का साँप होना – महान् धोखेबाज।
वाक्य-प्रयोग – छोटे भाई की डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए मैंने रात-दिन परिश्रम किया, लेकिन उसने डॉक्टर बनते ही मुझसे मुँह फेर लिया, वह तो पूरा आस्तीन का साँप निकला।

11. आँख दिखाना-गुस्से से देखना।
वाक्य-प्रयोग – जो मुझे आँख दिखाएगा, मैं उसकी आँख फोड़ दूंगा।

12. आँखें चुरा लेना-अनदेखा करना।
वाक्य-प्रयोगकर्जदार हमेशा ऋणदाता से आँखें चुसने का प्रयास करता है।

13. अपने मुँह मियाँ मिट्ठ बनना-अपनी बड़ाई आप करना।
वाक्य-प्रयोग – ओछे स्वभाव के व्यक्ति प्रायः अपने मुँह मियाँ मिट्ट बनने के आदी होते हैं।

14. अपने पाँव पर कुल्हाड़ी मारना-जानबूझकर अपना नुकसान करना।
वाक्य-प्रयोग – लगातार समझाने पर भी रमेश ने जर्दा नहीं छोड़ा और उसे गले का कैंसर हो गया, ऐसा करके तो उसने अपने पाँव पर स्वयं कुल्हाड़ी मारी है।

15. अक्ल पर पत्थर पड़ना – कुछ समझ में न आना।
वाक्य-प्रयोग – उस समय मेरी अक्ल पर पत्थर पड़ गये थे, जबकि मैं बाढ़ से घिर गया था।

16. अपना राग अलापना-अपनी ही बातों पर बल देना।
वाक्य-प्रयोग – कश्मीर समस्या को लेकर पाकिस्तान अपना ही राग अलाप रहा है।

17. आँखें बिछाना – सत्कार करना।
वाक्य-प्रयोग – राजस्थानी लोग मेहमान के आगमन पर आँखें बिछा देते हैं।

18. आकाश के तारे तोड़ना-असम्भव कार्य करना।
वाक्य-प्रयोग – नेताजी ने विदेशों में रहकर आजाद हिन्द फौज का गठन कर आकाश के तारे तोड़ना जैसा काम, किया।

19. आकाश-पाताल एक करना-कठिन प्रयत्न करना।
वाक्य-प्रयोग – परीक्षा का समय समीप आने पर छात्र आकाश-पाताल एक कर देते हैं।

20. आड़े हाथ लेना-खरी-खरी सुनाना।
वाक्य-प्रयोग – पत्नी की बातों में आकर बूढ़े माँ-बाप को घर से निकालने वाले कालू को पड़ोसियों ने आड़े हाथों लिया।

21. आसमान सिर पर उठाना-बहुत शोर करना।
वाक्य-प्रयोग – विपक्षी नेता सरकार की छोटी-सी गलती पर आसमान सिर पर उठा लेते हैं।

22. आँच न आने देना-थोड़ा भी कष्ट न होने देना।
वाक्य-प्रयोग – प्रत्येक स्नेही माता-पिता अर्थाभाव में भी अपनी अबोध सन्तान पर आँच नहीं आने देते हैं।

23. ईंट से ईंट बजाना-समूल नष्ट-भ्रष्ट कर देना।
वाक्य-प्रयोग – शिवाजी ने मुगलों की ईंट से ईंट बजाने की प्रतिज्ञा की थी।

24. ईद का चाँद होना-बहुत दिनों बाद दिखाई देना।
वाक्य-प्रयोग – रमेश तो आजकल ईद का चाँद हो गया है जो कि मिलना-जुलना भी बन्द कर दिया।

25. ईंट का जवाब पत्थर से देना-कड़ाई से पेश आना।
वाक्य-प्रयोग – पाकिस्तानी सेना द्वारा घुसपैठ करने पर भारतीय सेना ने ईंट का जवाब पत्थर से दिया।

26. इधर-उधर की हाँकना-गप्पें मारना।
वाक्य-प्रयोग – बातूनी लोग सदा इधर-उधर की हाँका करते हैं।

27. उल्टी गंगा बहाना – नियम के विरुद्ध कार्य करना।
वाक्य-प्रयोग – वह रात में तो जागता है और दिन में सोता रहता है, वह हमेशा उल्टी गंगा बहाता है।

28. उल्टी माला फेरना-बुरा सोचना।
वाक्य-प्रयोग – दुष्ट प्रकृति के लोग सदा उल्टी माला फेरते हैं।

29. उल्लू बनाना – मूर्ख बनाना।
वाक्य-प्रयोग – ठगी करने वाले लोग आसानी से दूसरों को उल्लू बनाकर अपना काम साध लेते हैं।

30. उँगली पकड़कर पहुँचा पकड़ना-धीरे-धीरे पराई वस्तु पर अधिकार जमाना।
वाक्य-प्रयोग – बंगलादेशी शरणार्थी कुछ समय के लिए सरकारी पार्क में क्या रहे कि वे अब वहाँ से हटने का नाम नहीं ले रहे, इसी को कहते हैं उँगली पकडकर पहँचा पकडना।

31. उल्टे उस्तरे से मूंडना – ठगना या हानि पहुँचाना।
वाक्य-प्रयोग – काला धन्धा करने वाले कुछ व्यापारी ग्राहकों को उल्टे उस्तरे से मूंडते हैं।

32. उँगली उठाना लांछन लगाना या दोषारोपण करना।
वाक्य-प्रयोग – जिसकी जवान बेटी रात में घर से बाहर रहे, उस पर हर कोई उँगली उठाता है।

33. उँगली पर नचाना – वश में करना।
वाक्य-प्रयोग – मुनीम काम-धन्धे में इतना चतुर है कि सेठजी को उँगली पर नचाता है।

34. एक लाठी से हाँकना-समान व्यवहार करना।
वाक्य-प्रयोग – पुलिस वाले कभी-कभी सज्जन और दुर्जन का विचार न करके सबको एक लाठी से हाँकते हैं।

35. एड़ी-चोटी का जोर लगाना-पूरी शक्ति लगाकर कार्य करना।
वाक्य-प्रयोग – कारगिल युद्ध में पाकिस्तानी सेना ने एड़ी-चोटी का जोर लगाया, परन्तु उन्हें सफलता नहीं मिली।

36. ओंठ चबाना – क्रोध प्रकट करना।
वाक्य-प्रयोग – अपना अपमान होते देखकर हर कोई ओंठ चबाने लगता है।

37. ओखली में सिर देना-जान-बूझकर विपत्ति में फँसना।
वाक्य-प्रयोग – भले आदमी द्वारा किसी अपराधी को पनाह देना ओखली में सिर देना जैसा है।

38. कमर कसना तैयार हो जाना।
वाक्य-प्रयोग – कमर कस लो; न जाने कब शत्रुओं से लोहा लेना पड़े।

39. काम आना-युद्ध में मारा जाना।
वाक्य-प्रयोग – पाकिस्तान के साथ युद्ध में कई भारतीय सैनिक काम आये।

40. काम तमाम कर देना-मार देना।
वाक्य-प्रयोग – अपराधियों ने छोटी-सी बात पर अपने ही एक साथी का काम तमाम कर दिया।

41. कलेजा मुँह को आना घबरा जाना।
वाक्य-प्रयोग – पिताजी को दिल का दौरा पड़ने की सूचना मिलते ही उसका तो कलेजा मुंह को आ गया।

42. कसौटी पर कसना – परखना।
वाक्य-प्रयोग – उच्च प्रशासनिक पदों पर नियुक्तियाँ कसौटी पर कसकर करनी चाहिए।

43. कमर टूटना कमजोर पड़ जाना।
वाक्य-प्रयोग – मूल्य वृद्धि के कारण साधारण जनता की तो कमर ही टूटने लगी।

44. काम आना-युद्ध में मारा जाना।
वाक्य-प्रयोग – चीनी आक्रमण के समय हजारों भारतीय सैनिक मातृभूमि की रक्षा में काम आये।

45. कलई खुलना-भेद खुल जाना।
वाक्य-प्रयोग – एक आतंकवादी के पकड़े जाने से दिल्ली में बम विस्फोट करने की कलई खुल गई।

46. कान कतरना-बहुत चतुराई दिखाना।
वाक्य-प्रयोग – कई व्यापारी सौदा बेचने में अपने ग्राहकों के कान कतर लेते हैं।

47. कौड़ी के मोल बिकना-अत्यधिक सस्ता होना।
वाक्य-प्रयोग – इस साल सरसों की फसल इतनी अधिक हुई कि वह कौड़ी के मोल बिकी।

48. कान भरना-झूठी-सच्ची शिकायत करना।
वाक्य-प्रयोग – कुछ चापलूस लोग अपने बड़े अधिकारियों के कान भरते रहते हैं।

49. कागज काला करना – व्यर्थ की बातें करना या लिखना।
वाक्य-प्रयोग – कागज काला करना अलग बात है और सत्कवि बनना अलग।

50. कमर सीधी करना-विश्राम करना।
वाक्य-प्रयोग – बूढ़ा किसान दिनभर खेतों में काम करके शाम को ही कमर सीधी कर पाता है।

51. कान खड़े करना – चौकन्ना रहना।
वाक्य-प्रयोग – रात में लूटपाट का हल्ला होने पर पड़ोसियों ने कान खड़े कर दिये।

52. खटाई में पड़ना-झंझट में पड़ना, व्यवधान होना।
वाक्य-प्रयोग – प्रशासनिक सेवा में पदोन्नति होने वाली थी, परन्तु न्यायालय से रोक का आदेश आने से सारा मामला खटाई में पड़ गया।

53. खून खौलना-बहुत क्रोध आना।
वाक्य-प्रयोग – अपने पिताजी के हत्यारों का नाम सुनते ही उसका खून खौलने लगा।

54. खेत रहना-मारा जाना।
वाक्य-प्रयोग – चीनी आक्रमण के समय हथियारों की कमी से हमारे कई सैनिक खेत रहे।

55. गजभर की छाती होना-साहसी होना।
वाक्य-प्रयोग – अगाध समुद्र में गोताखोरी के लिए गजभर की छाती होनी चाहिए।

56. गुलछर्रे उड़ाना मौज-मस्ती में रहना।
वाक्य-प्रयोग – सहकारी बैंक से ऋण लेकर कुछ भ्रष्ट लोग गुलछर्रे उड़ा रहे हैं।

57. गड़े मुर्दे उखाड़ना-पिछली बुरी बातें याद करना।
वाक्य-प्रयोग – अगर भविष्य में प्रेमपूर्वक रहना है, तो गड़े मुर्दे उखाड़ने से कोई लाभ नहीं।

58. गले का हार होना-अत्यन्त प्रिय।
वाक्य-प्रयोग – प्रत्येक माता अपनी अबोध सन्तान को गले का हार मानकर छाती से चिपकाये रहती है।

59. गुंड़-गोबर करना-किया-कराया नष्ट करना।
वाक्य-प्रयोग – बारात में अच्छी रौनक थी, परन्तु कुछ बरातियों ने शराब पीकर सारे माहौल को गुड़-गोबर कर
दिया। 60. गागर में सागर भरना-थोड़े में बहुत कुछ कर दिखाना।
वाक्य-प्रयोग – बिहारी के दोहों में इतने भाव भरे हैं कि जैसे गागर में सागर भरा हो।

61. घड़ों पानी पड़ना – अत्यन्त लज्जित होना।
वाक्य-प्रयोग – पुलिस इन्स्पेक्टर को जब पता चला कि चोरी करने वालों में उसका छोटा भाई भी शामिल था तो उस पर घड़ों पानी पड़ गया।

62. घी के दिए जलाना – खुशियाँ मनाना। .
वाक्य-प्रयोग –  भगवान् श्रीराम के अयोध्या लौटने पर अयोध्यावासियों ने घी के दिए जलाए थे।

63. घर फूंक तमाशा देखना-अपने नुकसान पर प्रसन्न होना।
वाक्य-प्रयोग – हरी-भरी खेती को पाला मारने पर कौन किसान ऐसा होगा जो घर फूंक तमाशा देखेगा।

64. घोड़े बेचकर सोना निश्चिन्त होना।
वाक्य-प्रयोग – घर की पहरेदारी पर चार सिपाही नियुक्त करके अधिकारी घोड़े बेचकर सो जाता है।

65. चाँदी का जूता मारना – रिश्वत लेकर काम बनाना।
वाक्य-प्रयोग – अनेक कार्यालयों में भ्रष्टाचार फैलने से चाँदी का जूता मारने से ही काम बनता है।

66. चिकना घड़ा होना–अत्यन्त बेशर्म।
वाक्य-प्रयोग – नरेश को कितना ही समझाओ-धमकाओ, वह सुधरने वाला नहीं, वह तो चिकना घड़ा हो गया है।

67. चुल्लू भर पानी में डूब मरना-लज्जा का अनुभव करना।
वाक्य-प्रयोग – रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़े जाने पर पटवारी की दशा चुल्लू भर पानी में डूब मरने वाली हो गई।

68. छठी का दूध याद आना-घोर संकट में पड़ना।
वाक्य-प्रयोग – बांगलादेश की आजादी के युद्ध में जब शत्रु-सेना भारतीय सेनाओं से घिर गई, तो उन्हें छठी का दूध याद आ गया।

69. छाती पर मूंग दलना-खूब परेशान करना।
वाक्य-प्रयोग – आजकल के आवारा लड़के अपनी करतूतों से परिवार वालों की छाती पर मूंग दलते हैं।

70. छाती पर साँप लोटना-ईर्ष्या होना।
वाक्य-प्रयोग – दूसरों की तरक्की देखकर कुछ लोगों की छाती पर साँप लोट जाता है।

71. जान पर खेलना – साहसपूर्ण कार्य करना।
वाक्य-प्रयोग – जान पर खेलने वाले ही हिमालय की बर्फीली चोटियों पर आरोहण करने में सफल रहते हैं।

72. जीती मक्खी निगलना-जानबूझकर बेईमानी करना।
वाक्य-प्रयोग – कई भ्रष्ट व्यापारी जीती मक्खी निगलने में संकोच नहीं क

73. जमीन पर पैर न रखना – अत्यधिक घमण्ड करना।
वाक्य-प्रयोग – ओछे व्यक्ति को यदि कोई उच्च सम्मान मिल जाता है, तो वह जमीन पर पैर नहीं रखता है।

74. जहर का चूंट पीना–असह्य बात सहन कर लेना।
वाक्य-प्रयोग – सास की जली-कटी बातें सुनकर बहू जहर का चूंट पीकर रह गयी।

75. जूतियाँ चटकाना – मारे-मारे फिरना।
वाक्य-प्रयोग – वर्तमान में कई शिक्षित युवक रोजगार की तलाश में जूतियाँ चटकाते फिरते हैं।

76. ‘झक मारना – व्यर्थ परिश्रम करना।
. वाक्य-प्रयोग – झक मारने से तो आराम करना ठीक रहता है।

77. टक्कर लेना – मुकाबला करना।
वाक्य-प्रयोग – आम चुनाव में प्रतिपक्षी उम्मीदवारों से कड़ी टक्कर लेने पर भी उसे पराजय ही मिली।

78. टोपी उछालना – बेइज्जती करना।
वाक्य-प्रयोग – दहेज लेने वालों की तो सरे आम टोपी उछालनी चाहिए।

79. टाँग अड़ाना – अवांछित व्यवधान डालना।
वाक्य-प्रयोग – कुछ लोग नेकी का काम तो करते नहीं और दूसरों के कामों में टाँग अड़ाते रहते हैं।

80. डंके की चोट कहना – स्पष्ट कहना।
वाक्य-प्रयोग – सत्यवादी व्यक्ति अपनी बात डंके की चोट से कहता है।

81. डकार जाना – किसी का धन या चीज लेकर हड़प जाना।
वाक्य-प्रयोग – देश में कई ऐसे गिरोह हैं जो विदेशों में नौकरी दिलाने के नाम पर युवकों से बड़ी रकम डकार जाते हैं।

82. ढोल में पोल होना थोथा या सारहीन।
वाक्य-प्रयोग – चुनाव के अवसर पर की गई नेताओं की बड़ी-बड़ी घोषणाएँ ढोल में पोल होती हैं।

83. ढपोर शंख होना-झूठा या गप्पी आदमी।
वाक्य-प्रयोग – प्रमोद तो कुछ न कुछ बकता रहता है, वह तो ढपोर शंख है।

84. ढिंढोरा पीटना-अति प्रचारित करना।
वाक्य-प्रयोग – मन्दिर-निर्माण के लिए जो चन्दा देना हो, चुपचाप दो, उसका ढिंढोरा मत पीटो।

85. तलवे चाटना-खुशामद करना।
वाक्य-प्रयोग – कुछ लोग अपना स्वार्थ साधने के लिए नेताओं के तलवे चाटते रहते हैं।

86. तीन-तेरह होना – अलग-अलग होना।
वाक्य-प्रयोग – सामूहिक उत्पात मचाकर सभी गुण्डे भागकर तीन-तेरह हो गये।

87. तूती बोलना-खूब प्रभाव होना।
वाक्य-प्रयोग – एशिया महाद्वीप में अब भारत की तूती बोल रही है।

88. तिल का ताड़ करना – बढ़ा-चढ़ाकर बात करना।
वाक्य-प्रयोग – समाज में अफवाह फैलाने वाले लोग तिल का ताड़ कर देते हैं।

89. तोते उड़ जाना – घबरा जाना।
वाक्य-प्रयोग – जंगल में शेर की दहाड़ सुनते ही लकड़हारों के तोते उड़ गये।

90. थूककर चाटना-बात कहकर बदल जाना।
वाक्य-प्रयोग – मन्दिर निर्माण के लिए सुरेश ने चन्दा देने की घोषणा कर दी, परन्तु बाद में वह थूककर चाट गया।

91. थाह लेना-भेद जानना या पता लगाना।
वाक्य-प्रयोग – अब मतदाता किसको वोट देगा, इसकी थाह लेना आसान नहीं है।

92. दाल गल जाना-काम बन जाना।
वाक्य-प्रयोग – यद्यपि पाकिस्तानी एजेण्टों ने भारत में अराजकता फैलाने की कोशिशें की, परन्तु उनकी दाल नहीं गली।

93. दाँतों तले उँगली दबाना – आश्चर्य करना।
वाक्य-प्रयोग – जादूगर द्वारा एक हाथ से हाथी को उठाने का करतब दिखाने पर सभी ने दाँतों तले उँगली दबा ली।

94. दाँत खट्टे करना-पराजित करना।
वाक्य-प्रयोग – भारतीय सैनिकों ने शत्रु-सेना के दाँत खट्टे कर दिये।

95. दाल में काला होना-सन्देहपूर्ण वस्तु होना।
वाक्य-प्रयोग – भारत में रहकर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले रशीद के चाल-चलन से लग रहा था कि दाल में कुछ काला है।

96. दाँत पीसकर रह जाना – क्रोध पीकर चुप रहना।
वाक्य-प्रयोग – लल्लू ने दादागीरी दिखाते हुए रमेश को थप्पड़ मार दिया, परन्तु वह बेचारा दाँत पीसकर रह गया।

97. दाई से पेट छिपाना-परिचित से रहस्य छिपाये रखना।
वाक्य-प्रयोग – एड्स रोग से ग्रस्त होने पर भी डॉक्टर से सामान्य बुखार का बहाना बनाना दाई से पेट छिपाना जैसा है।

98. दिन-रात एक करना-खूब परिश्रम करना।
वाक्य-प्रयोग – मेहनती छात्र परीक्षा के दिनों में दिन-रात एक कर देते हैं।

99. दुम दबाकर भागना-डर के मारे भागना।
वाक्य-प्रयोग – शेर की दहाड़ सुनकर सियार दुम दबाकर भाग जाते हैं।

100. दोनों हाथों में लड्डु होना-सब तरफ से लाभ या आनन्द होना।
वाक्य-प्रयोग – उसी दिन रामदीन के नाम एक लाख की लॉटरी खुली और उसी दिन उसकी सरकारी नौकरी लगी। इस तरह उसके दोनों हाथों में लड्डु हो गये।

101. धाक जमाना रोब या प्रभाव जमाना।
वाक्य-प्रयोग – नेतागीरी में यदि आपकी धाक जम गई, तो प्रशासन भी आपकी बात मान लेगा।

102. धूल में मिल जाना-नष्ट हो जाना।
वाक्य-प्रयोग – इस संसार में यह पंच-भौतिक शरीर अन्त में धूल में मिल जाता है।

103. नौ-दो ग्यारह होना–भाग जाना।
वाक्य-प्रयोग – पुलिस के सिपाही को आते देखकर चोर नौ-दो ग्यारह हो गया।

104. नमक-मिर्च लगाना-बात बढ़ा-चढ़ाकर कहना।
वाक्य-प्रयोग – कुछ लोग सामान्य बात को नमक-मिर्च लगाकर कहते हैं।

105. नाकों चने चबाना-बहुत परेशान करना या कष्ट झेलना।
वाक्य-प्रयोग – कुछ लोग विवाह हो जाने के बाद लड़की वालों से तरह-तरह की फरमाइश कर उन्हें नाकों
चने चबाने को मजबूर करते हैं।

106. नानी याद आना-घबरा जाना।
वाक्य-प्रयोग – जोश में पहले तो दर्शनशास्त्र जैसा कठिन विषय ले लिया, अब पढ़ने में इतना श्रम करना
पड़ता है कि नानी याद आ रही है।

107. नाक रगड़ना-खुशामद करना।
वाक्य-प्रयोग – स्वार्थी लोग अपना काम निकालने के लिए नाक रगड़ने में संकोच नहीं करते हैं।

108. नाक कटना-इज्जत जाना।
वाक्य-प्रयोग – चोरी के अपराध में अदालत की ओर से दंडित होने पर उसकी नाक कट गई।

109. पानी का मोल होना-बहुत सस्ता।
वाक्य-प्रयोग – अत्यधिक उपज हो जाने से अब मोटा अनाज पानी के मोल हो गया है।

110. पहाड़ टूटना-विपत्ति में पड़ना।
वाक्य-प्रयोग – राकेश के परिवार के चार लोगों की कार-दुर्घटना में मृत्यु हो गई, इससे उस पर पहाड़ टूट गया।

111. पापड़ बेलना-बेगार भुगतना।
वाक्य-प्रयोग – अब बेरोजगारी के कारण अच्छे पढ़े-लिखे लोग भी पापड़ बेलने को मजबूर हैं।

112. पेट में चूहे कूदना – तेज भूख लगना।
वाक्य-प्रयोग – भोजन आज विलम्ब से मिलने के कारण मेरे पेट में चूहे कूद रहे हैं।

113. पौ बारह होना-पूरा लाभ मिलना, प्रसन्नता प्राप्त करना।
वाक्य-प्रयोग – व्यापार में सब ओर से सफल रहने वाले की पौ बारह होती है।

114. पेट में दाढ़ी होना-दिखने में सीधा पर चालाक।
वाक्य-प्रयोग – आप रामू को निरा गवार मान रहे हैं, जबकि यह पेट में दाढ़ी लेकर पैदा हुआ है।

115. पेट में बात न पचना-कोई बात गुप्त न रख पाना।
वाक्य-प्रयोग – तुम मनीष को यह रहस्य मत कह देना, क्योंकि वह पेट में बात नहीं पचा पाता है।

116. पानी-पानी होना-शर्मिन्दा होना।
वाक्य-प्रयोग – दूध में पानी मिलाते पकड़े जाने पर दूधिया पानी-पानी हो गया।

117. फूला न समाना-अत्यधिक प्रसन्न होना।
वाक्य-प्रयोग – आठवीं बोर्ड की परीक्षा में सर्वप्रथम स्थान पर उत्तीर्ण होने से रमा फूली नहीं समा रही है।

118. फूटी आँख न सुहाना अच्छा न लगना।
वाक्य-प्रयोग – श्यामू की सौतेली माँ को वह फूटी आँख नहीं सुहाता है।

119. बाल की खाल निकालना-नुक्ता-चीनी करना।
वाक्य-प्रयोग – तुम्हें तो बात-बात पर बाल की खाल निकालने की आदत पड़ गई है।

120. बाल बाँका न होना-कुछ भी नुकसान न होना।
वाक्य-प्रयोग – आतंकवादियों ने गणतन्त्र दिवस समारोह में बम-विस्फोट की धमकी दी थी, परन्तु पुलिस की सतर्कता से बाल भी बांका नहीं हुआ।

121. बल्लियों उछलना-बहुत प्रसन्न होना।
वाक्य-प्रयोग – एक लाख की लॉटरी मिलने से वह बल्लियों उछलने लगा।

122. भंडा फोड़ना-भेद खोल देना।
वाक्य-प्रयोग – पुलिस द्वारा कठोरता से पेश आने पर चोर ने अपने साथियों का भंडा फोड़ दिया।

123. भाड़ झोंकना-तुच्छ कार्य करना।
वाक्य-प्रयोग – वर्षों तक शिक्षण संस्था में रहे, परन्तु क्या वहाँ भाड़ झोंकते रहे या कुछ ज्ञान भी हासिल किया ?

124. बरं के छत्ते में हाथ देना-किसी झगड़ालू व्यक्ति को छेड़ना।
वाक्य-प्रयोग – वह औरत तो बोलने में ही पत्थर मारती है, उसे समझाने-मनाने की बात तो बर्र के छत्ते में हाथ देना जैसा है।

125. भीगी बिल्ली बनना-मजबूरी में शान्त-सहमा रहना, कायर बनना।
वाक्य-प्रयोग – रणजीत वैसे तो तीसमारखाँ बनता था, परन्तु आज न जाने क्यों भीगी बिल्ली बना बैठा है !

126. मुट्ठी गरम करना-रिश्वत देना।
वाक्य-प्रयोग – ईमानदार लोग मुट्ठी गरम करने में विश्वास नहीं करते हैं।

127. मुँह में खून लगना-बुरी आदत पड़ जाना।
वाक्य-प्रयोग – घासीलाल के मुँह में तो खून लग गया है, जब तक नोट न दिखाओ वह फाइल आगे ही नहीं। बढ़ाता है।

128. मुँह में पानी आना-जी ललचाना।
वाक्य-प्रयोग – मधुर एवं स्वादिष्ट पकवानों को देखकर सभी के मुँह में पानी आ जाता है।

129. मुँह की खाना – हार मानना।
वाक्य-प्रयोग – कारगिल युद्ध में पाकिस्तान को मुँह की खानी पड़ी।

130. रंग में भंग पड़ना-आनन्दपूर्ण कार्य में बाधा पड़ना।
वाक्य-प्रयोग – रामदीन के विवाह के दिन अचानक उसके दादाजी का निधन हो गया, इससे वहाँ रंग में भंग पड़ गया।

131. राई का पहाड़ बनाना-जरा सी बात को खूब बढ़ाना।
वाक्य-प्रयोग – कुछ लोग साम्प्रदायिक दंगों में अफवाहें फैलाकर राई का पहाड़ बनाते हैं।

132. रफूचक्कर हो जाना – भाग जाना।
वाक्य-प्रयोग – पुलिस को आते देखकर उपद्रवी वहाँ से रफूचक्कर हो गये थे।

133. रोंगटे खड़े होना-डर से रोमांचित होना।
वाक्य-प्रयोग – रणथम्भौर अभयारण्य की सैर करते समय अचानक शेर को सामने देखकर हमारे रोंगटे खड़े हो गये थे।

134. लोहा मानना-बहादुरी स्वीकार करना।
वाक्य-प्रयोग – भारतीय सेना का सभी लोग लोहा मानते हैं।

135. लोहे के चने चबाना-कठिन काम करना।
वाक्य-प्रयोग – जोजीला दर्रे को पार करना लोहे के चने चबाना जैसा है।

136. लुटिया डुबोना-बरबाद करना।
वाक्य-प्रयोग – आजादी के बाद देश के विकास की सारी सम्भावनाएँ थीं, परन्तु राजनेताओं ने इसकी लुटिया डुबो दी।

137. लोहा लेना-टक्कर लेना।
वाक्य-प्रयोग – प्रत्येक व्यक्ति को जीवन की बाधाओं से लोहा लेने के लिए तैयार रहना चाहिए।

138. विष उगलना-जली-कटी बातें कहना।
वाक्य-प्रयोग – कल तक जो भाई-भाई थे, वे आज एक-दूसरे के लिए विष उगल रहे हैं।

139. शेर की सवारी करना-कठिन कार्य करना।
वाक्य-प्रयोग – आजकल जनता का प्रतिनिधित्व करना शेर की सवारी करना जैसा है, पता नहीं कब जनता नाराज होकर विरोध कर दे।

140. सब्जबाग दिखाना-लोभ देकर बहकाना।
वाक्य-प्रयोग – चुनावी सभाओं में नेतागण जनता को विकास कार्यक्रमों के सब्जबाग दिखाते हैं।

141. सिर आँखों पर रखना–आदर सहित आज्ञा मानना।
वाक्य-प्रयोग – प्रत्येक माँग का उचित समाधान करने वाले नेता को जनता अपने सिर आँखों पर रखती है।

142. सितारा चमकना-भाग्यशाली होना।
वाक्य-प्रयोग – जिस व्यक्ति का सितारा चमकता है, उसका हर काम लाभकारी रहता है।

143. सिर पर कफन बाँधना – मरने को प्रस्तुत होना।
वाक्य-प्रयोग – क्रान्तिकारी देशभक्त सिर पर कफन बाँधकर विदेशी सत्ता का विरोध करते थे।

144. सिर पर हाथ होना-सहारा होना, वरदहस्त होना।
वाक्य-प्रयोग – अगर किसी राजनेता का आपके सिर पर हाथ है, तो फिर राजकाज में आपको कोई दिक्कत नहीं रहेगी।

145. हाय तौबा करना – व्यर्थ में चिल्लाना।
वाक्य-प्रयोग – कुछ लोग स्वार्थ साधने के लिए हाय तौबा करते रहते हैं।

146. हवा से बातें करना बहुत तेज दौड़ना।
वाक्य-प्रयोग – मैराथन दौड़ में हवा से बातें करने वाला ही विजयी रहता है।

147. हवा लगना – संगति का असर होना।
वाक्य-प्रयोग – अपनी सहेलियों की देखादेखी आजकल सीमा भी फैशनपरस्त हो गई है, आखिर उसे भी हवा लग गई।

148. हाथ मलना पछताना।
वाक्य-प्रयोग – पहले पढ़ाई तो की नहीं, फलस्वरूप परीक्षा में फेल हो जाने से हाथ मलना पड़ेगा ही।

149. हक्का-बक्का रहना-आश्चर्यचकित होना।
वाक्य-प्रयोग – दूरदर्शन पर सुनामी की भयंकर लहरों को देखकर हम सब हक्के-बक्के रह गये।

150. हाथ-पाँव मारना-प्रयास करना।
वाक्य-प्रयोग – बेरोजगारी के कारण प्रत्येक युवक आजीविका के लिए हाथ-पाँव मार रहा है।

151. हाथ को हाथ न सूझना – घना अन्धकार होना।
. वाक्य-प्रयोग – काले घने बादलों की छटा से घिरी अमावस्या की रात में हाथ को हाथ नहीं सूझता है।

152. हाथ खींचना सहायता बन्द कर देना।
वाक्यप्रयोग – यदि अमेरिका पाकिस्तान की मदद करने से हाथ खींच दे, तो वह मुसीबत में रहेगा।

153. हाथ साफ करना-चोरी करना।
वाक्य-प्रयोग – रेलगाड़ी में अपने सामान का पूरा ध्यान रखना, वरना कोई उस पर हाथ साफ कर देगा।

154. हवा हो जाना – भाग जाना।
वाक्य-प्रयोग – चोर-उचक्के अपना काम कर लेने के बाद हवा हो जाते हैं।

155. हाथ पीले करना – लड़की का विवाह करना।
वाक्य-प्रयोग – लड़की जब पढ़-लिखकर योग्य हो जावे, तभी उसके हाथ पीले करने चाहिए।

156. हथियार डाल देना-हार मान लेना।
वाक्य-प्रयोग – बांगलादेश की आजादी के युद्ध में पाक-सैनिकों ने अन्ततः हथियार डाल दिये थे।

157. हाथ धोकर पीछे पड़ना – बुरी तरह पीछा करना।
वाक्य-प्रयोग – आजकल कुछ ठग विदेशी पर्यटकों के हाथ धोकर पीछे पड़ जाते हैं।

158. हाथ लगना अचानक प्राप्त होना।
वाक्य-प्रयोग – विरोधी पार्टियों को महँगाई का मुद्दा ऐसा हाथ लगा कि सरकारी पक्ष घबरा गया।

159. हाथ मलते रह जाना-पछताना।
वाक्य-प्रयोग – समय रहते परीक्षा की पूरी तैयारी नहीं की, अब हाथ मल रहे हो।

160. हुड़दंग मचाना – अशान्ति फैलाना।
वाक्य-प्रयोग – कर्मचारियों की हड़ताल के दौरान कुछ लोग हुड़दंग मचाते रहते हैं।

यहाँ कुछ मुहावरे अर्थसहित दिये जा रहे हैं –

1. आँखें लाल होना – गुस्से से देखना।
2. आग – बबूला होना – गुस्से से भर जाना।
3. आटे – दाल का भाव  मालूम होना – कठिनाई में पड़ जाना।
4. आँख का काँटा होना – बुरा लगना।
5. आग में घी डालना – क्रोधी का क्रोध अधिक बढ़ाना।
6. आग से खेलना – जानबूझकर मुसीबत में फँसना।
7. आसमान से बातें करना – ऊँची कल्पना करना।
8. अपना – सा मुँह लेकर रहना – लज्जित होना।
9. अरमान निकालना – मन का गुब्बार पूरा करना।
10. आँसू पीकर रह जाना – भीतर – ही – भीतर दु:खी होना।
11. आग पर पानी डालना – उत्तेजित व्यक्ति को शान्त करना।
12. आगा – पीछा करना – सोच में पड़कर हिचकिचाना।
13. उधेड़ – बुन में पड़ना – सोच – विचार करना।
14. उड़ती चिड़िया पहचानना – किसी की बात जान लेना।
15. उल्टे उस्तरे से मूंडना – ठगना।
16. एक और एक ग्यारह होना – मेल में शक्ति होना।
17. कंधे से कंधा मिलाकर चलना – पूरा साथ देना।
18. कच्चा चिट्ठा खोलना – भेद खोलना।
19. कुएँ में बाँस डालना – बहुत दूर तक खोज करना।
20. काँटों का ताज होना – सुन्दर पर कष्टदायी वस्तु होना।
21. काटो तो खून नहीं – कोई आश्चर्यकारी बात सुनकर दंग रहना।
22. कानों में उँगली देना – कोई बात न सुनना।
23. कान पकड़कर निकालना – अपमानित करना।
24. काल के गाल में जाना – मृत्यु की ओर बढ़ना।
25. कान खड़े करना – चौकन्ना रहना।
26. काला नाग होना – बुरा आदमी बनना।
27. खाक, में मिलना – बर्बाद होना।
28. खाका खींचना – मजाक उड़ाना।
29. गाल बजाना – अपनी प्रशंसा स्वयं करना।
30. गिरगिट की तरह रंग बदलना – बहुत जल्दी निश्चय बदलना।
31. घाव पर नमक छिड़कना – दुःखी को और दुःख देना।
32. घाव हरा होना भूला हुआ दुःख याद आना।
33. घुटने टेक देना हार मान लेना।
34. घाट – घाट का पानी पीना – देश – देशान्तर में घूमकर अनुभव पाना।
35. घर फूंककर तमाशा देखना – अपने नुकसान पर प्रसन्न होना।
36. चूड़ियाँ पहनना – औरतों की तरह कायरता दिखाना।
37. चोली – दामन का साथ – अत्यन्त घनिष्ठता।
38. चींटी के पर निकलना – घमण्ड करना।
39. छोटे मुँह बड़ी बात करना – अपनी हैसियत से ज्यादा बात करना।
40. छक्के छूट जाना – घबरा जाना या हिम्मत हारना।
41. जबानी जमा – खर्च करना – कोरा आश्वासन देना, गप्पें मारना।
42. जबान पर लगाम लगाना – कम बोलना।
43. जान के लाले पड़ना – संकट में फँस जाना।
44. झगड़ा मोल लेना – विवाद में जान – बूझकर फँसना।
45. टका – सा जवाब देना रूखा उत्तर देना या मना करना।
46. टस से मस न होना – जरा भी विचलित न होना।
47. टेक निभाना – वचन पूरा करना।
48. टट्टी की ओट में शिकार खेलना – छिपकर षड्यन्त्र रचना।
49. डींग हाँकना – झूठी बड़ाई करना।
50. डोरी ढीली छोड़ना – नियन्त्रण में ढील देना।
51. तीन – पाँच करना – झगड़ा करना या आनाकानी करना।
52. दिन में तारे दिखाई देना – घबड़ा जाना।
53. दो टूक जवाब देना स्पष्ट कहना।
54. दाने – दाने को तरसना – अत्यन्त निर्धन होना।
55. नाक में दम करना – परेशान करना।
56. निन्यानवे के फेर में पड़ना – लोभ में फँसना, मोह होना।
57. नाक पर मक्खी न बैठने देना – शान पर बट्टा न लगने देना।
58. नाक का बाल होना – किसी के ज्यादा निकट होना।
59. पाँचों उँगलियाँ घी में होना – सब ओर से लाभ होना।
60. प्राण हथेली पर लिए फिरना –  – जीवन की परवाह न करना।
61. फूटी आँख न सुहाना – अच्छा न लगना।
62. फॅक – फंककर कदम रखना – सावधानी बरतना।
63. बाँसों उछलना – प्रसन्न होना।
64. बाँह पकड़ना सहारा देना।
65. बेड़ा पार करना – संकट से उबारना।
66. बोझ हल्का करना – संकट से मुक्त करना।
67. मिट्टी में मिल जाना – बर्बाद होना।
68. मुट्ठी गरम करना – रिश्वत देना।
69. रोम – रोम खिल उठना – प्रसन्न होना।
70. लाल – पीला होना क्रोधित होना।
71. लोटपोट होना बहुत प्रसन्न होना।
72. लहू का चूंट पीना – अपमान सहन करना।
73. शहद लगाकर चाटना – तुच्छ वस्तु को महत्त्व देना।
74. सूरज को दीपक दिखाना – अत्यन्त प्रसिद्ध व्यक्ति का परिचय देना।
75. सोने की चिड़िया हाथ से निकलना – लाभपूर्ण वस्तु से वंचित रहना।
76. सिक्का जमाना – अधिकार या रौब स्थापित करना।
77. हवाई किले बनाना थोथी कल्पना करना।
78. होश फाख्ता होना – घबरा जाना।
79. होश संभालना – समझदार होना।
80. होम करते हाथ जलना – भला करते समय भला करने वाले का बुरा होना।

अभ्यास प्रश्न :

प्रश्न 1.
‘मुट्ठी गरम करना’ मुहावरे का अर्थ है –
(क) अपमान करना
(ख) हाथ तोड़ देना
(ग) रिश्वत देना
(घ) हथेली पर आग रखना।
उत्तर :
(ग) रिश्वत देना

प्रश्न 2.
‘जीती मक्खी निगलना’ मुहावरे का अर्थ है –
(क) मक्खी का धोखे से गले में पहुँच जाना
(ख) मक्खी से घबरा जाना
(ग) अपना अपराध छिपाना
(घ) जानबूझकर बेईमानी करना।
उत्तर :
(घ) जानबूझकर बेईमानी करना।

प्रश्न 3.
‘घड़ों पानी पड़ जाना’ मुहावरे का अर्थ है –
(क) लज्जा से दब जाना
(ख) चिन्ता में डूब जाना
(ग) पसीने से भीग जाना
(घ) वर्षा में भीगना।
उत्तर :
(क) लज्जा से दब जाना

प्रश्न 4.
‘छाती पर मूंग दलना’ मुहावरे का अर्थ है –
(क) कडवी बात बोलना
(ख) घोर संकट में पडना
(ग) खूब परेशान करना
(घ) मारे-मारे फिरना।
उत्तर :
(ग) खूब परेशान करना

प्रश्न 5.
‘काम बिगाड़ना’ अर्थ किस मुहावरे का है?
(क) आसमान सिर पर उठाना
(ख) लुटिया डुबोना
(ग) कच्चा चिट्ठा खोलना
(घ) इतिश्री करना।
उत्तर :
(ख) लुटिया डुबोना

प्रश्न 6.
‘घोर संकट में पड़ना’ का अर्थबोधक मुहावरा है –
(क) छठी का दूध याद आना
(ख) टोपी उछालना
(ग) जहर का चूंट पीना
(घ) मुँह की खाना।
उत्तर :
(क) छठी का दूध याद आना

प्रश्न 7.
‘भय से रोमांचित हो जाना’ का अर्थ-बोधक मुहावरा है –
(क) दाँत खट्टे करना
(ख) रोंगटे खड़े होना
(ग) मुँह की खाना
(घ) शेर की सवारी करना।
उत्तर :
(ख) रोंगटे खड़े होना

प्रश्न 8.
‘फूंक-फूंककर पाँव रखना’ मुहावरे का अर्थ स्पष्ट करते हुए वाक्य में प्रयोग कीजिए।
उत्तर :
फूंक-फूंककर पाँव रखना = सावधानी बरतना।
वाक्य-प्रयोग – जब किसी काम में अपयश या असफलता मिलती है, तब व्यक्ति उस काम को फिर से करने में फूंक-फूंककर पाँव रखता है।

प्रश्न 9.
‘अपना उल्लू सीधा करना’ मुहावरे का अर्थ स्पष्ट करते हुए वाक्य में प्रयोग कीजिए।
उत्तर :
अपना उल्लू सीधा करना = स्वार्थ साधना।
वाक्य-प्रयोग – वर्तमान काल में सभी राजनीतिक दल जनता को धोखे में रखकर अपना उल्लू सीधा कर रहे

प्रश्न 10.
‘आँखें बिछाना’ मुहावरे का अर्थ स्पष्ट करते हुए वाक्य में प्रयोग कीजिए।
उत्तर :
आँखें बिछाना = सत्कार करना।
वाक्य-प्रयोग – वर्षों बाद प्रिय मित्र के आ जाने पर रमेश ने खुशी में उसके लिए आँखें बिछा दीं।

प्रश्न 11.
‘कान पर जूं न रेंगना’ मुहावरे का वाक्य में किस अर्थ में प्रयोग होता है ?।
उत्तर :
कान पर जूं न रेंगना = कुछ भी असर या प्रभाव न होना।
वाक्य-प्रयोग – माता-पिता ने रमेश को बहुत समझाया कि पढ़ने में रुचि लो, परन्तु उसके कान पर तक न रेंगी।

प्रश्न 12.
‘मुट्ठी गरम करना’ और ‘मुट्ठी में करना’ मुहावरों का अर्थ स्पष्ट करते हुए अलग-अलग वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
उत्तर :
मुट्ठी गरम करना = रिश्वत देना।
वाक्य-प्रयोग – ईमानदार लोग मुट्ठी गरम करके अपना काम निकालना पाप-कर्म मानते हैं।

मुट्ठी में करना = वश में करना।
वाक्य-प्रयोग – प्रत्येक भारतीय नारी अपने पति को अपनी मुट्ठी में करना चाहती है।

प्रश्न 13.
‘घर बैठे गंगा आना’ और ‘घी के दीपक जलाना’ मुहावरों का अर्थ स्पष्ट करते हुए अलग-अलग वाक्यों में प्रयुक्त कीजिए।
उत्तर :
घर बैठे गंगा आना = अनायास कार्य हो जाना।
वाक्य-प्रयोग – आपका हमारे पास आना तो घर बैठे गंगा आना जैसा है।

घी के दीपक जलाना = बहुत खुशी मनाना।
वाक्य-प्रयोग – चौदह वर्ष तक वन में रहकर जब श्रीराम, सीता व लक्ष्मण अयोध्या लौटे, तो अयोध्यावासियों ने घी के दीपक जलाये।

प्रश्न 14.
‘घुटने टेकना’ मुहावरे का अर्थ लिखिए तथा वाक्य में इस प्रकार प्रयोग कीजिए कि आशय स्पष्ट हो जाए।
उत्तर :
घुटने टेकना = पराजय स्वीकार करना।
वाक्य-प्रयोग – अमेरिकी सेना के आक्रमण से तालिबान के सैनिकों को अन्ततः घुटने टेकने ही पड़े।

प्रश्न 15.
‘हाथ पसारना’ मुहावरे का अर्थ लिखिए तथा वाक्य में इस प्रकार प्रयुक्त कीजिए कि आशय स्पष्ट हो जाए।
उत्तर :
हाथ पसारना = याचना के लिए हाथ फैलाना।
वाक्य-प्रयोग – मैं इतना गया-बीता नहीं हूँ कि हर किसी के सामने हाथ पसारता रहूँ।

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