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RBSE Class 9 Hindi Vyakaran पर्यायवाची, विलोम तथा श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द

RBSE Class 9 Hindi Vyakaran पर्यायवाची, विलोम तथा श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द

RBSE Class 9 Hindi Vyakaran पर्यायवाची, विलोम तथा श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द

हिन्दी भाषा का शब्द – भण्डार अत्यन्त समृद्ध एवं विशाल है। इसमें संस्कृत, प्राकृत, अपभ्रंश, बँगला, मराठी, गुजराती आदि भाषाओं के शब्दों के साथ ही अनेक विदेशी शब्द प्रयुक्त होते हैं। प्रयोग और अर्थ की दृष्टि से हिन्दी में विविध प्रकार के शब्द दिखाई देते हैं। उनमें से कुछ शब्द ऐसे हैं जिनमें अर्थ के भेद से वर्गीकरण किया जा सकता है। अर्थ-भेद की दृष्टि से हिन्दी के शब्दों का वर्गीकरण निम्न रूप में किया जाता है

  1. पर्यायवाची शब्द :
  2. श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द-युग्म
  3. विलोम शब्द
  4. एकार्थक शब्द-युग्म
  5. अनेकार्थक शब्द
  6. वाक्यांश के लिए एक शब्द।

पर्यायवाची शब्द समान अर्थ प्रकट करने वाले एक से अधिक शब्दों को ‘पर्यायवाची’ या ‘समानार्थी’ शब्द कहते हैं। सुन्दर, सशक्त और सुगठित वाक्य-रचना के लिए पर्यायवाची शब्दों का ज्ञान आवश्यक है। यहाँ कुछ पर्यायवाची शब्द दिये जा रहे हैं –

1. अलि – भ्रमर, मधुप, मधुकर, षट्पद, भौंरा, मिलिन्द।
2. अश्व – घोड़ा, तुरंग, हय, वाजि, घोटक, तुरंगम, सैन्धव।
3. अग्नि – अनल, पावक, कृशानु, हुताशन, वह्नि, वैश्वानर, आग।
4. अमृत – सुधा, पीयूष, अमिय, अमी, सुरभोग।
5. आँख – नेत्र, चयन, चक्षु, दृग, लोचन, अक्षि।
6. असुर – दैत्य, दानव, राक्षस, निशाचर, रजनीचर।
7. आकाश – व्योम, गगन, नभ, अम्बर, अनन्त, शून्य।
8. आम – रसाल, सहकार, आम्र।
9. अरण्य – वन, जंगल, कानन, विपिन, अटवी, कान्तार।
10. अन्धकार – अँधेरा, तम, तिमिर, तमिस्त्र।
11. आत्मा – चैतन्य, ब्रह्मा, सर्वज्ञ, विभु, क्षेत्रज्ञ।
12. आयु – अवस्था, वय, वयस्, उम्र, जीवनकाल।
13. आनन्द – उल्लास, मोद, प्रसन्नता, आह्लाद, प्रमोद, प्रहर्ष।
14. अर्जुन – सव्यसाची, पार्थ, धनंजय, गुडाकेश, गाण्डीवधारी।
15. इच्छा – अभिलाषा, कामना, मनोरथ, वांछा, स्पृहा, लिप्सा।
16. इन्द्र – सुरपति, देवराज, मघवा, पुरन्दर, शचीपति, सुरेश, पाकशासन, गोत्रभित्, पुरुहूत, शक्र।
17. ईश्वर – परमात्मा, प्रभु, ईश, जगदीश, परमेश्वर, भगवान्।
18. उन्नति – उत्थान, उत्कर्ष, प्रगति, अभ्युदय, विकास।
19. उत्पत्ति – उद्भव, जन्म, उद्गम, जनन, आविर्भाव। बाग, बगीचा, उद्यान, वाटिका, आराम।
21. ऊँट – उष्ट्र, क्रमेलक, लम्बोष्ठ, महाग्रीव।
22. कान – कर्ण, श्रवणेन्द्रिय, श्रुति।
23. कपोत – कबूतर, पारावत, हारीत, रक्तलोचन।
24. कोयल – कोकिल, पिक, परभृत्, श्यामा, वनप्रिय।
25. कुत्ता – श्वान, शुनक, कुक्कुर, सारमेय, मृगारि, कूकर, सोनहा।
26. कृष्ण – माधव, मुकुन्द, दामोदर, गोपीनाथ, वासुदेव, कंसारि, मुरलीधर, मधुसूदन, यदुराज, द्वारिकाधीश।
27. कौआ – काक, वायस, बलिपुष्ट, करट, पिशुन, करटक।
28. कुबेर – यक्षराज, धनाधिप, राजराज, धनद, वित्तेश।
29. कोष – निधि, भण्डार, आकर, निकर, आगार।
30. कमल – जलज, पंकज, पद्म, उत्पल, सरोज, कंज, नलिन, पुष्कर, शतपत्र, अरविन्द, सरसिज, कुवलय, नीरज।
31. कनक – सोना, स्वर्ण, कंचन, हेम, हिरण्य, हाटक।
32. कपड़ा – वस्त्र, वसन, चीर, अम्बर, पट, परिधान।
33. कल्पवृक्ष – देवदारु, सुरतरु, मन्दार, पारिजात।
34. कष्ट – दुःख, वेदना, पीड़ा, व्यथा, खेद, क्लेश।
35. कामदेव – मन्मथ, मनोज, मार, अनंग, मनसिज, कन्दर्प, मदन।
36. किरण – रश्मि, कर, अंशु, मयूख, मरीचि, दीधिति।
37. केश – बाल, कच, कुन्तल, चिकुर, शिरोरुह।
38. क्रोध – रोष, रिस, अमर्ष, कोप।
39. खर – रासभ, गर्दभ, गधा, वैशाखनन्दन।
40. खल – दुष्ट, दुर्जन, धूर्त, कुटिल, नीच, पामर।
41. गंगा – भागीरथी, जाह्नवी, देवगंगा, त्रिपथगा, सुरसरि, मन्दाकिनी।
42. गणेश – विनायक, गजवदन, गणपति, गजानन, लम्बोदर, गणनायक।
43. गृह – घर, निकेतन, निकेत, सदन, आलय, आवास, मन्दिर, निलय।
44. गर्व – अभिमान, घमण्ड, दर्प, मद, अहंकार।
45. गुरु – आचार्य, अध्यापक, शिक्षक, उपाध्याय।
46. गौ – गाय, धेनु, सुरभि, माहेयी, पयस्विनी, दोग्धी।
47. चन्द्रमा – इन्दु, शशि, विधु, सोम, मयंक, सुधाकर, कलानिधि, सुधांशु।
48. चरण – पैर, पाद, पग, पद, पाँव।
49. चतुर – दक्ष, निपुण, कुशल, प्रवीण, चालाक।।
50. चरित्र – आचरण, व्यवहार, आचार, शील, चाल-चलन।
51. छल – कपट, धोखा, ब्याज, ठगी, शठता।
52. जल – नीर, सलिल, तोय, वारि, पय, अप, अम्बु, उदक, जीवन।
53. जगत् – भव, जग, संसार, विश्व, जगती, लोक, दुनिया।
54. जन – मनुष्य, व्यक्ति, मनुज, नर, मानव।
55. तरु – वृक्ष, पेड़, भूरुह, विटप, द्रुम, शाखी।
56. तलवार – खड्ग, असि, कृपाण, करवाल, खंग।
57. तालाब – ताल, जलाशय, तड़ाग, सरोवर, पुष्कर, सर, कासार।
58. देवता – अमर, विबुध, देव, सुर, त्रिदश, दिवौकस, अमर्त्य. निर्जर।
59. दूध – पय, क्षीर, दुग्ध, गोरस।
60. धन – वित्त, द्रव्य, अर्थ, सम्पदा, सम्पत्ति, विभव।
61. धनुष – धनु, कोदण्ड, शरासन, चाप, धन्वा, कार्मुक।
62. नदी – सरिता, तटिनी, आपगा, स्रोतस्विनी, तरंगिणी, शैवालिनी, निर्झरिणी, सरित्।
63. नाश –  ध्वंस, क्षय, प्रलय, अवसान, विनाश, नष्ट।
64. निर्मल – स्वच्छ, अमल, पवित्र, पावन, विमल, शुद्ध।
65. नाव – नौका, तरी, तरणी, जलयान, नौ।
66. निशा – रात्रि. रात. त्रियामा. रजनी. यामिनी. विभावरी. क्षपा. शर्वरी. दोष।
67. पक्षी – विहग, विहंग, खग, द्विज, खेचर, नभचर, पतंग, शकुन्त।
68. पवन – वायु, हवा, बयार, वात, अनिल, समीर, मारुत।
69. पत्थर – पाषाण, प्रस्तर, उपल, अश्म, पाहन।
70. पति – स्वामी, भर्ता, वल्लभ, प्राणेश, हृदयेश।
71. पत्नी – गृहिणी, सहचरी, भार्या, सहधर्मिणी, दारा, प्रिया।
72. पहाड़ – पर्वत, अचल, गिरि, नग, भूधर, महीधर, शैल।
73. पृथ्वी – भू, भूमि, धरा, अवनी, अचला, वसुन्धरा, धरणी, रसा, भेदिनी।
74. पुष्प – प्रसून, सुमन, सुम, फूल।
75. पुत्र – बेटा, सुत, सुअन, तनय, आत्मज, तनुज।
76. पुत्री – सुता, तनुजा, आत्मजा, बेटी, दुहिता, नन्दिनी, तनया।
77. प्रकाश – ज्योति, दीप्ति, द्युति, प्रभा, आलोक, तेज, छवि।
78. प्रेम – स्नेह, प्रणय, राग, अनुराग, प्रीति।
79. बाण – शर, तीर, सायक, नाराच, विशिख, शिलीमुख, पत्री।
80. बादल – मेघ, घन, वारिद, जलद, पयोद, पयोधर, जलधर, नीरद।
81. बिजली – विद्युत्, चपला, तडित, चंचला, सौदामिनी, मेघशिखा।
82. बन्दर – मर्कट, कपि, वानर, प्लवंगम, हरि, शाखामृग।
83. ब्रह्मा – विधि, चतुरानन, विरंचि, अज, विधाता, प्रजापति।
84. मछली – मीन, मकर, मत्स्य, शफरी, पाठीन, झष।
85. मदिरा – सुरा, हाला, मद्य, वारुणी, कादम्बरी।
86. माता – माँ, अम्बा, जननी, प्रसू, जन्मदायिनी।
87. मोक्ष – मुक्ति, निर्वाण, अपवर्ग, कैवल्य, अमृतपद।
88. मोर – मयूर, केकी, नीलकण्ठ, सारंग, कलापी, शिखी, बहीं।
89. यम – काल, धर्मराज, यमराज, महाकाल, मृत्यु।
90. यमुना – सूर्यजा, रवितनया, कालिन्दी, जमुना, तरणि-तनूजा।
91. राजा – नरेश, भूप, भूपति, महीपति, नृपति, महीप, भूपाल।
92. लक्ष्मी – श्री, कमला, सिन्धुजा, पद्मा, इन्दिरा, रमा।
93. विष – जहर, गरल, हलाहल, कालकूट, गर।
94. शत्रु – अरि, रिपु, बैरी, विपक्षी, आरति, अमित्र।
95. शरीर – काया, कलेवर, वपु, गात, विग्रह, तनु।
96. समुद्र – सागर, सिन्धु, रत्नाकर, जलधि, पयोधि, पयोनिधि, नदीश, अर्णव, अब्धि, उदधि, जलनिधि, वारांनिधि।
97. सिंह – केहरी, केसरी, मृगराज, हरि, नाहर, पंचानन, मृगेन्द्र।
98. सूर् य – दिनकर, भानु, दिवाकर, मार्तण्ड, हंस, रवि, सविता।
99. सरस्वती – शारदा, भारती, वाणी, गिरा, वीणापाणि।
100. साँप – सर्प, अहि, व्याल, भुजंग, भुजंगम, नाग, विषधर, उरग, फणी।
101. सिर – मस्तिष्क, माथा, शिर, मुण्ड, मौलि, शीश।
102. सेना – कटक, अनी, चमू, अनीकिनी, सैन्य, वाहिनी।
103. स्वर्ग – नाक, सुरलोक, दिव, देवलोक, त्रिदिव, धुलोक, द्यौ।
104. स्तन – कुच, पयोधर, उरोज, वक्षोज, थन।
105. सुगन्ध – सुरभि, सौरभ, सुवास, इष्टगन्ध, खुशबू।
106. संसार – विश्व, जगत, जगती, भव, इहलोक, नरलोक।
107. सुबह – सवेरा, प्रभात, प्रातः, भोर, उषा।
108. सेना – चमू, कटक, वाहिनी, अनी, फौज, दल।
109. सेवक – नौकर, भृत्य, दास, चाकर, परिचर।
110. स्त्री – नारी, महिला, कामिनी, वामा, सुन्दरी, वनिता।
111. हनुमान् – पवनसुत, आंजनेय, कपीश, महावीर, बजरंगबली, अंजनिपुत्र, केसरीनन्दन।
112. हरिण – मृग, सारंग, कुरंग, कृष्णसार, चमरी, हिरण।
113. हाथ – कर, भुजा, बाहु, भुज, हस्त, पाणि।
114. हाथी – गज, दन्ती, कुंजर, हस्ती, मतंग, नाग, करी, इभ, वारण।
115. हंस- मराल, कलहंस, चक्रांग, कारंडव।

अभ्यास प्रश्न :

प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्य में रेखांकित शब्द का सही पर्यायवाची शब्द बताइए
सीता रामचन्द्रजी की पत्नी थी।
(क) प्रिया
(ख) सखी
(ग) स्त्री
(घ) जीवनसंगिनी।
उत्तर :
(घ) जीवनसंगिनी।

प्रश्न 2.
“पुष्प पर अलि मँडरा रहा है।” रेखांकित शब्द का सही पर्यायवाची है
(क) पक्षी
(ख) भौंरा
(ग) तितली
(घ) निशाकर।
उत्तर :
(ख) भौंरा

प्रश्न 3.
किस समूह में सभी शब्द पर्यायवाची हैं?
(क) मधुप, मधुकर, गयन्द, मधुकर।
(ख) उरग, व्याल, अहि, पन्नग।
(ग) सरोज, कमल, मयंक, पद्म।
(घ) चन्द्र, शशि, विधु, मयंक।
उत्तर :
(घ) चन्द्र, शशि, विधु, मयंक।

प्रश्न 4.
किस समूह में सभी पद पर्यायवाची हैं?
(क) तरु, पादप, भूरुह, भूधर
(ख) मयूर, शिखी, कलापी, कोकिल
(ग) नभ, गगन, व्योम, अम्बर
(घ) वायु, हवा, अनल, बयार।
उत्तर :
(ग) नभ, गगन, व्योम, अम्बर

प्रश्न 5.
देवता, लक्ष्मी चपला में से किन्हीं दो के चार-चार पर्यायवाची शब्द लिखिए।
उत्तर :

  • देवता – देव, सुर, अमर, विबुध।
  • लक्ष्मी – रमा, पद्मा, श्री, कमला।
  • चपला – विद्युत्, तडित, सौदामिनी, बिजली।

प्रश्न 6.
आँख, पर्वत, बादल में से किन्हीं दो शब्दों के चार-चार पर्यायवाची शब्द लिखिए।
उत्तर :

  • आँख – नयन, नेत्र, लोचन, चक्षु।
  • पर्वत – गिरि, शैल, भूधर, नग।
  • बादल – मेघ, घन, पयोद, जलद।

प्रश्न 7.
जल, बादल, नयन में से किन्हीं दो शब्दों के चार-चार पर्यायवाची शब्द लिखिए।
उत्तर :

  • जल – पानी, तोय, वारि, सलिल।
  • बादल – घन, पयोद, पयोधर, जलद।
  • नयन – नेत्र, लोचन, चक्षु, दृग्।

प्रश्न 8.
सागर, पृथ्वी, पक्षी में से किन्हीं दो के चार-चार पर्यायवाची शब्द लिखिए।
उत्तर :

  • सागर – समुद्र, जलधि, पयोधि, रत्नाकर।
  • पृथ्वी – धरती, अचला, धरा, मेदिनी।
  • पक्षी – विहग, खेचर, नभचर, पखेरू।

प्रश्न 9.
अमृत और आकाश के चार-चार पर्यायवाची शब्द लिखिए।
उत्तर :

  • अमृत – सुधा, पीयूष, अमिय, सुरभोग।
  • आकाश – नभ, व्योम, गगन, अम्बर।

प्रश्न 10.
पुत्र, चन्द्रमा और संसार के चार-चार पर्यायवाची शब्द लिखिए।
उत्तर :

  • पुत्र – सुत, आत्मज, तनुज, तनय।
  • चन्द्रमा – शशि, विधु, मयंक, सुधांशु।
  • संसार – जगत्, भव, जग, विश्व।

प्रश्न 11.
घर, कपड़ा और रात के चार-चार पर्यायवाची शब्द लिखिए।
उत्तर :
घर-गृह, निकेतन आवास, सदन। कपड़ा-वस्त्र, वसन, अम्बर, पट। रात-निशा, रजनी, विभावरी, यामिनी।

विलोम शब्द ऐसे शब्द :

जो परस्पर विरोधी या विपरीत अर्थ प्रकट करते हैं, उन्हें विलोम या विपरीतार्थक शब्द कहते हैं। जैसे अमृत का विलोम शब्द विष है।

यहाँ पर कुछ महत्त्वपूर्ण विलोम शब्द दिये जा रहे हैं –


RBSE Class 9 Hindi Vyakaran पर्यायवाची, विलोम तथा श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द 2

अभ्यास प्रश्न :

रेखांकित शब्द के विलोम शब्द का सही विकल्प लिखिए –

प्रश्न 1.
मैं निरामिष नहीं ……… भोजन पसन्द करता हूँ।
(क) मांसाहारी
(ख) शाकाहारी
(ग) फलाहारी
(घ) सामिष।
उत्तर :
(घ) सामिष।

प्रश्न 2.
‘सृष्टि’ और ……… विधाता के खेल हैं।
उक्त रेखांकित का सही विलोम शब्द बताइए
(क) विनाश
(ख) प्रलय
(ग) विध्वंस
(घ) मरण।
उत्तर :
(ख) प्रलय

प्रश्न 3.
जीवन में सुख और …….. मिलता रहता है।
रेखांकित का सही विलोम शब्द बताइए
(क) कष्ट
(ख) व्याधि
(ग) दुःख
(घ) वेदना।
उत्तर :
(ग) दुःख

प्रश्न 4.
यह पुस्तक सुबोध है जबकि वह ……… है।
रेखांकित शब्द का विलोमार्थी बताइए
(क) दुर्बोध
(ख) दुर्जेय
(ग) दुर्गम्य
(घ) क्लिष्ट।
उत्तर :
(क) दुर्बोध

प्रश्न 5.
इस संसार में कुछ लोग आस्तिक होते हैं और कुछ ……… ।
रेखांकित शब्द का विपरीतार्थक लिखिए
(क) अनास्था
(ख) नास्तिक
(ग) निन्दक
(घ) नादान।
उत्तर :
(ख) नास्तिक

प्रश्न 6.
अग्र लिखे शब्दों के आगे कोष्ठक में उनके विलोम शब्द लिखिए –

  1. घात ( )
  2. उद्धत ( )
  3. जीवन ( )
  4. अवनति ( )
  5. आलस्य ( )
  6. निद्रा ( )

उत्तर :

  1. प्रतिघात
  2. विनीत
  3. मरण
  4. उन्नति
  5. अनालस्य
  6. जागरण

प्रश्न 7.
निम्नांकित वाक्यों में स्थूलांकित पदों के विपरीतार्थक शब्द द्वारा रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए –

  1. उसने अपना काम आकाश व ……… एक करके पूरा कर लिया।
  2. पण्डित समझदारी से और ……… नासमझी से कार्य करते हैं।
  3. सज्जन व्यक्ति शत्रु और ………. को समान समझते हैं।
  4. महापुरुष ममत्व तथा …………. की भावना नहीं रखते हैं।
  5. संसार में सुख और. …………, जन्म और ……. का क्रम बना रहता है।

उत्तर :

  1. पाताल
  2. मूर्ख
  3. मित्र
  4. परत्व
  5. दुःख, मृत्यु

श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द :

कुछ शब्द ध्वनि और उच्चारण की दृष्टि से समान प्रतीत होते हैं। ऐसे शब्दों के प्रायः युग्म-रूप होते हैं तथा इनमें समानार्थकता-एकार्थकता का आभास होता है। ऐसे शब्दों को – (1) समोच्चरित एकार्थक तथा (2) एकार्थ भिन्नार्थक कहा जाता है।

श्रुति समभिन्नार्थक (समोच्चरित) शब्द :

यहाँ कुछ महत्त्वपूर्ण समोच्चरित भिन्नार्थक शब्द दिये जा रहे हैं







एकार्थ-भिन्नार्थक :

यहाँ कुछ ऐसे शब्द दिये जा रहे हैं, जिनमें सूक्ष्म अर्थ-भेद रहता है, परन्तु उन शब्द-युग्मों से एकार्थ की प्रतीति होती है –

1. अस्त्र – फेंककर प्रहार करने का हथियार, जैसे – बाण।
शस्त्र – हाथ से पकडकर प्रहार करने का हथियार, जैसे – तलवार।

2. अहंकार – स्वयं को उचित से अधिक मानना।
अभिमान – गुण होने का घमण्ड होना।

3. आधि – मानसिक कष्ट।
व्याधि – शारीरिक कष्ट या रोग।

4. ईर्ष्या – बिना कारण के शत्रुता रखना।
द्वेष – कारणवश किसी से शत्रुता रखना।

5. उत्साह – किसी कार्य विशेष को करने की उमंग।
साहस – साधन के अभाव में भी कार्य करने की लगन।

6. उद्यम – किसी कार्य में निरन्तर लगे रहना।
उद्योग – परिश्रम या उपाय करना।

7. नमस्कार – बराबर वालों के प्रति नम्रता दिखाना।
अभिवादन – आदर के लिए खड़ा होना।

8. मूर्ख – जो समझाने पर भी नहीं समझे।
अज्ञ – समझदार, किन्तु किसी विषय-विशेष में अनजान।

9. रीति – अपने कुल या वंश में प्रचलित प्रथा।
नीति – लोक-हित के लिए समाज द्वारा बनाये हुए नियम।

10. सहानुभूति – दूसरों के सुख-दु:ख को अपना समझना।
संवेदना – दूसरों को दु:खी देखकर दुःख प्रकट करना।

11. प्रयत्ल – मानसिक या शारीरिक श्रम।
प्रयास – मन लगाकर कोई कार्य करने की चेष्टा करना।

12. भय – कारणवश किसी अनिष्ट की आशंका से डरना।
त्रास – किसी के द्वारा दिये जाने वाले कष्ट की कल्पना।

13. लज्जा – किसी भी बुरे कार्य के हो जाने पर दूसरों से शर्म।
ग्लानि – किसी गलत काम के हो जाने पर दिल में दु:खी होना।

14. पाप – धर्म-सम्बन्धी नियमों का उल्लंघन।
अपराध – सामाजिक या नैतिक नियमों का उल्लंघन।

15. सेवा – देवता या पूज्य व्यक्तियों को सन्तुष्ट करने के लिए कार्य करना।
शुश्रूषा – रोगी या वृद्ध-जनों की सहायता-सेवा करना।

16. अति – बहुत अधिक।
अधिक – सामान्यतः अधिक।

17. आचार – सच्चा आचरण।
व्यवहार – व्यक्तिगत आचरण।

18. अवस्था – जीवन का एक भाग।
आयु – सम्पूर्ण जीवन का समय।

19. अन्त – समाप्त, आखिर।
इति – विनाश, समाप्ति।

20. कष्ट – शारीरिक दुःख।
क्लेश – मानसिक दुःख।

21. कारण – फल का मूल रूप, निमित्त।
हेतु – अभिप्राय, प्रयोजन।

22. खेद – ग्लानि, मन की उदासीनता व्यक्त करना।
शोक – मृत्यु पर दुःख प्रकट करना।

23. नमस्ते – छोटों का बड़ों के लिए अभिवादन करना।
नमस्कार – बराबर वालों को अभिवादन करना।

24. निवेदन – नम्रतापूर्वक कहना।
प्रार्थना – छोटों द्वारा बड़ों को नम्रतापूर्वक कहना।

25. प्रेम – किसी व्यक्ति से स्वाभाविक प्रेम करना।
स्नेह – बड़ों को छोटों के प्रति प्रेम रखना।

26. मति – मन की मनन करने की श्रेष्ठ वृत्ति का नाम।
बुद्धि – मन की विवेकयुक्त इच्छा-शक्ति का नाम।

27. मुनि – धर्म का आचार-विचार करने वाला साधु।
ऋषि – वेदों का ज्ञाता तपस्वी।

28. राजा – साधारण राजा।
सम्राट – राजाओं का राजा, चक्रवर्ती राजा।

29. लोभ – दूसरे की वस्तु ग्रहण करने की भावना।
लालसा – तीव्र इच्छा रखना।

30. शंका – सन्देह करना।
आशंका – कोई दुःखमय कल्पना करना।

31. सरल – काम का बहुत आसान होना।
सुगम-कठिनाई होते हुए भी कठिन न लगना।

32. वेदना – शारीरिक पीड़ा होना।
व्यथा – मानसिक कष्ट होना।

33. श्रद्धा – महापुरुषों के प्रति आदर भाव।
भक्ति – ईश्वर के प्रति प्रेमभाव।

34. सहसा – अचानक घटित होना।
अकस्मात – अचानक घटित होने के बारे में जान न सकें।

35. सन्देह – निश्चित ज्ञान न होना।
भ्रम – मिथ्या ज्ञान होना।

36. प्रमाण – सबूत, उचित निदर्शन।
परिमाण – नाप-तौल की मात्रा।

37. कुल – वंश या कुटुम्ब।
कूल – नदी-तालाब का किनारा।

38: आलस्य – शरीर का ढीलापन, सुस्ती।
प्रमाद – जान-बूझकर काम न करना।

39. अभिज्ञ – कुशल या पूर्ण जानकार।
अविज्ञ – अज्ञानी, नासमझ।

40. अगम – जहाँ पहुँचा न जा सके।
दुर्गम – जहाँ पहुँचना अतीव कठिन हो।

41. शोक – किसी की मृत्यु पर होने वाली मनोव्यथा।
दुःख – साधारण मानसिक पीड़ा।

42. निदा – गहरी नींद आना।
तन्द्रा – ऊँधना, जागने और सोने के बीच की दशा।

43. महोदय – अपने से बड़ों के लिए प्रयुक्त।
महाशय – सामान्य सम्मानित लोगों के प्रति सम्बोधन।

44. नाप – लम्बाई-चौड़ाई में नापना।
माप – वजन करना या तरल पदार्थ को मापना।

45. प्रज्ञा – अन्तर्दष्टि से सम्पन्न बद्धि।
प्रतिभा – जन्मजात विशिष्ट योग्यता एवं नवोन्मेष की बुद्धि।

46. अपेक्षा – तुलना अर्थ में बनिस्पत।
उपेक्षा – तिरस्कार या अवज्ञा करना।

अभ्यास प्रश्न :

निम्नलिखित वाक्यों के रिक्त स्थानों के लिए सही विकल्प चुनिए –

प्रश्न 1.
प्रकृति ईश्वर की ………….. है।
(क) लेन
(ख) देन
(ग) मेल
(घ) खेल।
उत्तर :
(ख) देन

प्रश्न 2.
वन प्रकृति का ……… उपहार है।
(क) अनुपम
(ख) अपार
(ग) अगठित
(घ) अटूट।
उत्तर :
(क) अनुपम

प्रश्न 3.
मनुष्य और प्रकृति आदिकाल से ही एक-दूसरे पर………..रहे हैं।
(क) आश्रित
(ख) पूरक
(ग) सहयोगी
(घ) विरोधी।
उत्तर :
(क) आश्रित

प्रश्न 4.
वह प्रकृति की …….. गोद में पला-बढ़ा।
(क) स्वच्छ
(ख) मलिन
(ग) लघु
(घ) सुरम्य।
उत्तर :
(घ) सुरम्य।

प्रश्न 5.
यह कृति तुलसीदास द्वारा …….. है।
(क) कुती
(ख) कृत
(ग) कृति
(घ) क्रीत।
उत्तर :
(ख) कृत

प्रश्न 6.
इस सामाजिक कार्य की ……. मत करो।
(क) अपेक्षा
(ख) प्रवाह
(ग) उपेक्षा
(घ) अवस्था।
उत्तर :
(ग) उपेक्षा

प्रश्न 7.
हमें देश की ……….. ठीक करनी चाहिए।
(क) दिशा
(ख) अवस्था
(ग) व्यवस्था
(घ) दशा।
उत्तर :
(घ) दशा।

प्रश्न 8.
परिश्रम करने का अच्छा ……….. रहेगा।
(क) प्रमाण
(ख) परिणाम
(ग) परिमाण
(घ) परिणय।
उत्तर :
(ख) परिणाम

प्रश्न 9.
निम्नांकित समोच्चरित भिन्नार्थक शब्दों में अर्थगत अन्तर बताइए
अम्बुज-अम्बुद, अर्घ-अर्घ्य, स्वपच-श्वपच, स्रोत-श्रोत्र।
उत्तर :

  • अम्बुज – कमल।
  • अम्बुद – बादल।
  • अर्घ – मूल्य।
  • अर्ध्य – पूजा।
  • स्वपच – ब्राह्मण।
  • श्वपच – चाण्डाल।
  • स्त्रोत – झरना।
  • श्रोत्र – कान।

प्रश्न 10.
‘पावस-पायस’ समोच्चरित भिन्नार्थक शब्दों का इस प्रकार वाक्य-प्रयोग कीजिए कि अर्थ स्पष्ट हो जाए। उत्तर : पावस ऋतु में मेघ खूब गरजते-बरसते हैं। गाय के दूध की पायस स्वादिष्ट होती है।

प्रश्न 11.
‘स्त्री-पत्नी’ एकार्थी शब्दों का वाक्य-प्रयोग कर अर्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
1. स्त्री-हमारे देश में स्त्री-समाज अभी तक पिछड़ा हुआ है।
2. पत्नी सीता श्रीरामचन्द्र की पत्नी थी।

प्रश्न 12.
निम्नलिखित शब्दों को भिन्न-भिन्न वाक्यों में इस प्रकार प्रयुक्त कीजिए कि उनका अर्थ स्पष्ट हो जाए – कृपा, दया।
उत्तर :
कृपा-महापुरुष अपने अनुयायियों पर सदैव कृपा रखते हैं। दया-भिखारी की दुर्दशा देखकर दया आ ही जाती है।

प्रश्न 13.
निम्नलिखित शब्द-युग्म का स्वरचित वाक्यों में इस प्रकार प्रयोग कीजिए कि उनका अर्थ स्पष्ट हो जाए –
श्रद्धा, भक्ति।
उत्तर :
श्रद्धा-सत्य, अहिंसा और मानव-प्रेम के कारण गाँधीजी पर सभी लोग श्रद्धा रखते थे। भक्ति-आस्तिक व्यक्ति ईश्वर-भक्ति में प्रवृत्त होता है।

प्रश्न 14.
‘अविज्ञ’ और ‘अभिज्ञ’ युग्म-शब्द में अर्थगत अन्तर बताइए।
उत्तर :
अविज्ञ-अज्ञानी, नासमझ। अभिज्ञ-कुशल या पूर्ण जानकार।

प्रश्न 15.
‘नाप’ और ‘माप’ शब्दों के अर्थ बताइए।
उत्तर :
नाप-लम्बाई-चौड़ाई में नापना, जैसे कपड़ा नापना। माप वजन या दूध आदि तरल पदार्थ को मापना।

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