RBSE Class 9 Science Solutions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण
RBSE Class 9 Science Solutions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण
पाठ-सार


RBSE Class 9 Science Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण InText Questions and Answers
पृष्ठ 149.
प्रश्न 1.
गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम लिखिए।
उत्तर:
गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम:
ब्रह्माण्ड में प्रत्येक कण, दूसरे कण को अपनी ओर आकर्षित करता है। यह आकर्षण बल दोनों कणों के द्रव्यमान के गुणनफल के समानुपाती होता है और उनके मध्य की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है। यह आकर्षण बल दोनों कणों को जोड़ने वाली रेखा की दिशा की ओर होता है। यही गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम कहलाता है।

पृष्ठ 152.
प्रश्न 1.
मुक्त पतन से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
पृथ्वी वस्तुओं को अपनी ओर गुरुत्वीय बल के कारण आकर्षित करती है। अतः जब वस्तुएँ पृथ्वी की ओर केवल इसी बल के कारण गिरती हैं, तो हम कहते हैं कि वस्तुएँ मुक्त पतन में हैं।
प्रश्न 2.
गुरुत्वीय त्वरण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
जब कोई वस्तु पृथ्वी की ओर गिरती है, तब गिरते समय वस्तु की गति की दिशा में कोई परिवर्तन नहीं होता परन्तु पृथ्वी के आकर्षण के कारण वेग के परिमाण में परिवर्तन होता है। वेग में यह परिवर्तन त्वरण उत्पन्न करता है। यह त्वरण पृथ्वी के गुरुत्वीय बल के कारण होता है, इसलिए इस त्वरण को पृथ्वी के गुरुत्वीय बल के कारण ‘गुरुत्वीय त्वरण’ कहते हैं। इसे ‘g’ से निर्दिष्ट करते हैं एवं इसका मात्रक मीटर/सेकण्ड2 होता है।
पृष्ठ 153.
प्रश्न 1.
किसी वस्तु के द्रव्यमान तथा भार में क्या अन्तर है?
उत्तर:
| भार | द्रव्यमान |
| 1. भार वह बल है, जिससे वस्तु पृथ्वी के केन्द्र की ओर आकर्षित होती है। | 1. द्रव्यमान वस्तु में विद्यमान पदार्थ की मात्रा है। |
| 2. यह अचर राशि नहीं है। यह गुरुत्वीय त्वरण के परिवर्तन के कारण एक स्थान से दूसरे स्थान पर बदलता रहता है। | 2. यह एक अचर राशि है। |
| 3. यह एक सदिश राशि होती है। | 3. द्रव्यमान एक अदिश राशि है। |
| 4. वस्तु का भार पृथ्वी के केन्द्र पर शून्य हो सकता है अर्थात् g = 0 | 4. वस्तु का द्रव्यमान कभी भी शून्य नहीं हो सकता है। |
| 5. भार को स्प्रिंग तुला से मापा जाता है। | 5. द्रव्यमान को भौतिक तुला से मापा जाता है। |
| 6. भार को किलोग्राम भार या न्यूटन में मापा जाता है। | 6. इसका मात्रक किलोग्राम है। |
प्रश्न 2.
किसी वस्तु का चन्द्रमा पर भार पृथ्वी पर इसके भार का है गुणा क्यों होता है?
उत्तर:
चन्द्रमा का द्रव्यमान, पृथ्वी के द्रव्यमान की तुलना में बहुत कम होता है। इस कारण चन्द्रमा पर गुरुत्वीय त्वरण का मान, पृथ्वी के गुरुत्वीय त्वरण के मान से 6 गुणा कम होता है। चूंकि किसी स्थान पर किसी वस्तु का भार, उस स्थान पर गुरुत्वीय त्वरण के समानुपाती होता है। अतः चन्द्रमा पर किसी वस्तु का भार, पृथ्वी पर उसके भार का गुणा होता है।
पृष्ठ 157.
प्रश्न 1.
एक पतली तथा मजबूत डोरी से बने पट्टे की सहायता से स्कूल बैग को उठाना कठिन होता है, क्यों?
उत्तर:
यदि स्कूल बैग को एक पतली और मजबूत डोरी से बने पट्टे की सहायता से उठाया जाये तो प्रणोद के कारण यह कार्य अति कठिन होगा। चूंकि स्कूल बैग की पट्टी पतली होने से बैग का भार कंधे के एक बहुत कम क्षेत्र पर पड़ता है, जिससे बैग उठाना मुश्किल हो जाता है।
प्रश्न 2.
उत्प्लावकता से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
प्रत्येक द्रव का वह गुण, जिसके कारण किसी वस्तु को उसमें डुबाये जाने पर वह वस्तु पर ऊपर की ओर एक बल आरोपित करता है, उत्प्लावकता कहलाता है।
प्रश्न 3.
पानी की सतह पर रखने पर कोई वस्तु क्यों तैरती या डूबती है?
उत्तर:
कोई भी वस्तु पानी की सतह पर तब तैरती है जबकि उसका घनत्व पानी के घनत्व से कम हो। यदि उस वस्तु का घनत्व पानी के घनत्व से अधिक होता है, तो उस स्थिति में वह पानी में डूब जाती है। यदि पानी के घनत्व के बराबर होता है तो वस्तु बीचों-बीच तैरती रहेगी।
पृष्ठ 158.
प्रश्न 1.
एक तुला (weighing machine) पर आप अपना द्रव्यमान 42kg नोट करते हैं। क्या आपका द्रव्यमान 42kg से अधिक है या कम?
उत्तर:
चूँकि हम किसी वस्तु का द्रव्यमान वायु में मापते हैं, अतः वायु की उत्प्लावकता के कारण तुला का पाठ्यांक सदैव ही वस्तु के वास्तविक द्रव्यमान से कम होता है। इस कारण हमारा वास्तविक द्रव्यमान 42 किग्रा. से कुछ अधिक होगा, परन्तु यह अन्तर अत्यन्त कम होगा।
प्रश्न 2.
आपके पास एक रुई का बोरा तथा एक लोहे की छड़ है। तुला पर मापने पर दोनों 100kg द्रव्यमान दर्शाते हैं। वास्तविकता में एक – दूसरे से भारी है। क्या आप बता सकते हैं कि कौन – सा भारी है और क्यों?
उत्तर:
लोहे की छड़ भारी है क्योंकि लोहे का घनत्व (kg/m3) रुई के घनत्व से अधिक है।

RBSE Class 9 Science Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण Textbook Questions and Answers
प्रश्न 1.
यदि दो वस्तुओं के बीच की दूरी को आधा कर दिया जाए तो उनके बीच गुरुत्वाकर्षण बल किस प्रकार बदलेगा?



प्रश्न 7.
गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के क्या महत्त्व हैं?
उत्तर:
गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के महत्त्व – यह नियम अनेक ऐसी परिघटनाओं की व्याख्या करता जो प्राचीनकाल में असम्बद्ध मानी जाती थीं, जैसे
(i) यह वह बल है जिसके कारण हम पृथ्वी से बँधे रहते हैं।
(ii) सूर्य के चारों ओर ग्रहों की गति की व्याख्या की जाती है।
(iii) चन्द्रमा तथा सूर्य के कारण समुद्रों में ज्वार – भाटा आता है।
(iv) पृथ्वी के चारों ओर चन्द्रमा की गति की व्याख्या की जाती है।
(v) कृत्रिम उपग्रहों को पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाने के लिए अभिकेन्द्रीय बल इसके कारण प्राप्त होता है।
प्रश्न 8.
मुक्त पतन का त्वरण क्या है?
उत्तर:
जब कोई वस्तु पृथ्वी की ओर गिरती है तो उसमें त्वरण उत्पन्न होता है। यह त्वरण पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण उत्पन्न होता है। यही कारण है कि इसे पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के कारण उत्पन्न त्वरण या गुरुत्वीय त्वरण कहते हैं। मुक्तपाती वस्तुओं में उत्पन्न त्वरण सभी वस्तुओं के लिए समान होता है और वह गिरती हुई वस्तु के द्रव्यमान पर निर्भर नहीं होता है। इसे g से प्रदर्शित करते हैं। इसका मान 9.8 m/s2 होता है।
प्रश्न 9.
पृथ्वी तथा किसी वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल को हम क्या कहेंगे?
उत्तर:
पृथ्वी तथा किसी वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल को वस्तु का भार कहेंगे।
प्रश्न 10.
एक व्यक्ति A अपने एक मित्र के निर्देश पर ध्रुवों पर कुछ ग्राम सोना खरीदता है। वह इस सोने को विषवत वृत्त पर अपने मित्र को देता है। क्या उसका मित्र खरीदे हए सोने के भार से संतुष्ट होगा? यदि नहीं, तो क्यों? (संकेत: ध्रुवों पर g का मान विषुवत वृत्त की अपेक्षा अधिक है।)
उत्तर:
नहीं, चूँकि किसी वस्तु का भार g के मान पर निर्भर करता है। ध्रुवों पर g का मान अधिक होता है और विषुवत वृत्त पर कम, जिसके कारण ध्रुवों पर किसी वस्तु का भार अधिक होगा और विषुवत वृत्त पर कम। अत: विषुवत रेखा पर g के मान में कमी के कारण सोने का भार, ध्रुव पर उसके भार से कम होगा।
प्रश्न 11.
एक कागज की शीट, उसी प्रकार की शीट को मरोड़कर बनाई गई गेंद से धीमी क्यों गिरती है?
उत्तर:
कागज की शीट और उसी प्रकार की शीट को मोड़कर बनाई गई गेंद का द्रव्यमान चाहे समान हो पर कागज की शीट पर लगने वाला वायु का प्रतिरोध उसके फैले हुए आकार के कारण कागज की शीट से बनी गेंद से अधिक होगा, जिस कारण कागज की शीट गेंद की तुलना में धीमी गति से गिरती है।

प्रश्न 15.
कोई पत्थर ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर 40 m/s के प्रारम्भिक वेग से फेंका गया है। g = 10 m/s2 लेते हुए ग्राफ की सहायता से पत्थर द्वारा पहुँची अधिकतम ऊँचाई ज्ञात कीजिए। नेट विस्थापन तथा पत्थर द्वारा चली गई कुल दूरी कितनी होगी?
उत्तर:
हल: दिया गया हैपत्थर का प्रारम्भिक वेग (ऊपर की ओर) u = 40 m/s
गुरुत्वीय त्वरण g = -10 m/s2 (पृथ्वी तल से विपरीत दिशा में जाने के कारण ऋणात्मक चिह्न) अधिकतम ऊँचाई पर पत्थर का अन्तिम वेग शून्य होगा।
∴ v = 0 m/s
हम जानते हैं कि v = u – gt
v = 40 – 10t
0 = 40 – 10t
10t = 40
t = 40/10 = 4s
अत: 4 सेकण्ड के बाद पत्थर अधिकतम ऊँचाई प्राप्त करेगा।
उपर्युक्त समीकरण (1) में t का मान 1 sec, 2 sec, 3 sec व 4 sec रखने पर वेग तालिका निम्न प्रकार प्राप्त होगी
| समयं सेकण्ड में | 1 | 2 | 3 | 4 |
| वेगे ms-1 | 30 | 20 | 10 | 0 |
उपर्युक्त सारणी की सहायता से खींचा गया वेग-समय ग्राफ अग्रे प्रकार से है।





प्रश्न 19.
किसी द्रव में डुबोई गई वस्तु पर उत्प्लावन बल किस दिशा में कार्य करता है?
उत्तर:
किसी द्रव में डुबोई गई वस्तु पर उत्प्लावन बल ऊपर की ओर अर्थात् भार के विपरीत दिशा में कार्य करता है।
प्रश्न 20.
पानी के भीतर किसी प्लास्टिक के गुटके को छोड़ने पर यह पानी की सतह पर क्यों आ जाता है?
उत्तर:
जब किसी प्लास्टिक के गुटके को पानी के भीतर छोड़ते हैं तो यह पानी की सतह पर आ जाता है। चूँकि प्लास्टिक का घनत्व पानी के घनत्व से कम होता है। इस कारण प्लास्टिक के गुटके को जल में डुबोने पर उस पर लगने वाला उत्प्लावन बल गुटके के भार से अधिक होगा। अतः गुटका पानी की सतह पर आ जाता है।
प्रश्न 21.
50g के किसी पदार्थ का आयतन 20cm3 है। यदि पानी की घनत्व 1cm-3 हो, तो पदार्थ तैरेगी या डूंबेगा?
उत्तरं:
दिया गया है
50g पदार्थ का आयतन = 20cm3
पदार्थ का द्रव्यमान = 50g
आयतन = 20cm3
जल का घनत्व = 1 ग्राम/सेमी.3
पदार्थ का घनत्व = ?

चूँकि पदार्थ का सापेक्षिक घनत्व 2.5 है जो कि पानी के घनत्व 1 से अधिक है, अत: पदार्थ पानी में डूब जायेगा।
प्रश्न 22.
500g के एक मोहरबंद पैकेट का आयतन 350cm3 है। पैकेट 1g cm-3 घनत्व वाले पानी में तैरेगा या डूबेगा? इस पैकेट द्वारा विस्थापित पानी का द्रव्यमान कितना होगा?
उत्तरं:
हल: दिया गया है:
पैकेट का द्रव्यमान = 500g
पैकेट का आयतन = 350cm3
पैकेट का घनत्व = ?
जल का घनत्व = 1 ग्राम/सेमी.3

अतः पैकेट का घनत्व = 1.428 g/cm3
यहाँ पर पैकेट का घनत्व 1.428 g/cm3 है
लेकिन पानी का घनत्व 1 g/cm-3 है
इसलिए पैकेट डूब जाएगा।
चूँकि पैकेट पानी में डूब जाता है, अतः यह अपने आयतन (350 cm3) के बराबर पानी को विस्थापित करेगा।
अतः पैकेट द्वारा विस्थापित पानी = 350 cm3
विस्थापित पानी का द्रव्यमान = विस्थापित पानी का आयतन X पानी का घनत्व
= 350 x 1
= 350 g.
