RBSE Class 9 Science Solutions Chapter 2 क्या हमारे आस – पास के पदार्थ शुद्ध हैं
RBSE Class 9 Science Solutions Chapter 2 क्या हमारे आस – पास के पदार्थ शुद्ध हैं
पाठ-सार
RBSE Class 9 Science Chapter 2 क्या हमारे आस – पास के पदार्थ शुद्ध हैं InText Questions and Answers
पृष्ठ 16.
प्रश्न 1.
शुद्ध पदार्थ से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
शुद्ध पदार्थ वह होता है, जिसमें मौजूद सभी कण समान रासायनिक प्रकृति के होते हैं। अतः शुद्ध पदार्थ एक ही प्रकार के कणों से मिलकर बना होता है। जैसे – शुद्ध जल।
प्रश्न 2.
समांगी और विषमांगी मिश्रणों में अन्तर बताएँ।
उत्तर:
समांगी मिश्रण वह मिश्रण है, जिसमें मिश्रित पदार्थों के अवयव समान रूप से मिले होते हैं, अर्थात् इसमें सभी जगह एक समान संघटन होता है। जैसे – चीनी का घोल, नमक का घोल आदि। विषमांगी मिश्रण वह मिश्रण है, जिसके कणों की बनावट समान नहीं होती तथा मिश्रण के अंश भौतिक दृष्टि से पृथक् होते हैं। जैसे – नमक और सल्फर, जल और तेल का मिश्रण आदि।
पृष्ठ 20.
प्रश्न 1.
उदाहरण के साथ समांगी और विषमांगी मिश्रणों में विभेद कीजिए।
उत्तर:
समांगी मिश्रण वह मिश्रण है, जिसमें मिश्रित पदार्थों के अवयव समान रूप से मिले होते हैं, अर्थात् इसमें सभी जगह एक समान संघटन होता है। जैसे – चीनी का घोल, नमक का घोल आदि। विषमांगी मिश्रण वह मिश्रण है, जिसके कणों की बनावट समान नहीं होती तथा मिश्रण के अंश भौतिक दृष्टि से पृथक् होते हैं। जैसे – नमक और सल्फर, जल और तेल का मिश्रण आदि।
प्रश्न 2.
विलयन, निलम्बन और कोलॉइड एक – दूसरे से किस प्रकार भिन्न हैं?
उत्तर:
विलयन, कोलाइड और निलम्बन में निम्नलिखित भिन्नता होती है।
विलयन कोलाइड | कोलाइड | निलम्बन |
1. यह दो पदार्थों का एक समांगी यह विषमांगी मिश्रण है। | यह विषमांगी मिश्रण है। | यह एक विषमांगी मिश्रण है। |
2. इसके कणों का आकार 1nm 10-9 से छोटा होता है। | कोलाइडी कणों का आकार 10-9 से 10-7 मी. के बीच का होता है। | इसमें विलेय पदार्थ के कणों का आकार 10-7 मी. से भी अधिक होता है। |
3. विलयन के कणों को आँखों से देखा जा नहीं देखा जा सकता है। | इसके कणों को सूक्ष्मदर्शी से देख सकते हैं। | निलंबित कणों को आँखों से देखा जा सकता है। |
4. अपने छोटे आकार के कारण कोलाइड कण इतने बड़े होते हैं कि निलंबित कण प्रकाश की किरण को विलयन के कण, इसलिए विलयन में प्रकाश का मार्ग दिखाई नहीं देता। | कोलाइड कण इतने बड़े होते हैं कि प्रकाश की किरण को फैलाकर, उसके मार्ग को दृश्य बनाते हैं। | निलंबित कण प्रकाश की किरण को फैला देते हैं, जिससे प्रकाश का मार्ग दिखाई देता है। |
5. इसके घटकों को छानने की विधि द्वारा अलग किया जा सकता है। | इसके घटकों को अपकेन्द्रीकरण विधि द्वारा अलग किया जा सकता है। | इसके घटकों को साधारण छानन विधि द्वारा अलग किया जा सकता है। |
प्रश्न 3.
एक संतृप्त विलयन बनाने के लिए 36 ग्राम सोडियम क्लोराइड को 100 ग्राम जल में 293K पर घोला जाता है। इस तापमान पर इसकी सान्द्रता प्राप्त करें।
पृष्ठ 26.
प्रश्न 1.
पेट्रोल और मिट्टी का तेल (kerosene oil) जो कि आपस में घुलनशील हैं, के मिश्रण को आप कैसे पृथक् करेंगे? पेट्रोल तथा मिट्टी के तेल के क्वथनांकों में 25°C से अधिक का अन्तराल है।
उत्तर:
पेट्रोल तथा मिट्टी के तेल के मिश्रण को ‘प्रभाजी आसवन विधि’ द्वारा पृथक् किया जा सकता है, क्योंकि इनके क्वथनांकों में 25°C से अधिक का अन्तर है तथा दोनों एक – दूसरे में घुलनशील हैं। इसके लिए प्रभाजी स्तम्भ का प्रयोग किया जाता है।
प्रश्न 2.
पृथक् करने की सामान्य विधियों के नाम दें।
1. दही से मक्खन।
2. समुद्री जल से नमक।
3. नमक से कपूर।
उत्तर:
- दही से मक्खन – अपकेन्द्रन विधि द्वारा।
- समुद्री जल से नमक – क्रिस्टलीकरण विधि द्वारा।
- नमक से कपूर – ऊर्ध्वपातन विधि द्वारा।
प्रश्न 3.
क्रिस्टलीकरण विधि से किस प्रकार के मिश्रण को पृथक् किया जा सकता है ?
उत्तर:
क्रिस्टलीकरण विधि से विलयन से उन ठोस पदार्थों को शुद्ध किया जा सकता है, जिनमें अन्य ठोस पदार्थ अशुद्धि के रूप में मौजूद होते हैं। उदाहरण – समुद्री जल से नमक प्राप्त करना।
पृष्ठ 27.
प्रश्न 1.
निम्न को रासायनिक और भौतिक परिवर्तनों में वर्गीकृत करें।
1. पेड़ों को काटना।
2. मक्खन का एक बर्तन में पिघलना।
3. अलमारी में जंग लगना।
4. जल का उबलकर वाष्य बनना।
5. विद्युत तरंग का जल में प्रवाहित होना तथा उसका हाइड्रोजन और ऑक्सीजन गैसों में विघटित होना।
6. जल में साधारण नमक का घुलना।
7. फलों से सलाद बनाना तथा।
8. लकड़ी और कागज का जलना।
उत्तर:
रासायनिक परिवर्तन भौतिक परिवर्तन।
- अलमारी में जंग लगना।
- पेड़ों को काटना।
- विद्युत तरंग का जल में प्रवाहित होना तथा उसका।
- मक्खन का एक बर्तन में पिघलना हाइड्रोजन और ऑक्सीजन गैसों में विघटित होना।
- जल का उबलकर वाष्प बनना।
- लकड़ी और कागज का जलना।
- जल में साधारण नमक का घुलना।
- फलों से सलाद बनना।
प्रश्न 2.
अपने आस – पास की चीजों को शुद्ध पदार्थों या मिश्रण से अलग करने का प्रयत्न करें।
उत्तर:
छात्र स्वयं अपने आसपास की वस्तुओं को देखकर उन्हें शुद्ध पदार्थों या मिश्रण से छानना, वाष्पीकरण, आसवन, क्रिस्टलीकरण विधि आदि विधियों का प्रयोग कर पृथक् करें तथा उनकी सूची बनाएं।
RBSE Class 9 Science Chapter 2 क्या हमारे आस – पास के पदार्थ शुद्ध हैं Textbook Questions and Answers
प्रश्न 1.
निम्नलिखित को पृथक् करने के लिए आप किन विधियों को अपनाएंगे?
(a) सोडियम क्लोराइड को जल के विलयन से पृथक् करने में।
(b) अमोनियम क्लोराइड को सोडियम क्लोराइड तथा अमोनियम क्लोराइड के मिश्रण से पृथक करने में।
(c) धातु के छोटे टुकड़े को कार के इंजन ऑयल से पृथक् करने में।
(d) दही से मक्खन निकालने के लिए।
(e) जल से तेल निकालने के लिए।
(f) चाय से चाय की पत्तियों को पृथक् करने में।
(g) बालू से लोहे की पिनों को पृथक् करने में।
(h) भूसे से गेहूँ के दानों को पृथक करने में।
(i) पानी में तैरते हुए महीन मिट्टी के कण को पानी से अलग करने के लिए।
(j) पुष्प की पंखुड़ियों के निचोड़ से विभिन्न रंजकों को पृथक करने में।
उत्तर:
(a) वाष्पीकरण या आसवन विधि।
(b) ऊर्ध्वपातन विधि।
(c) गर्म करके छानने पर।
(d) अपकेन्द्रीकरण विधि।
(e) कीप पृथक्करण द्वारा।
(f) छानकर।
(g) चुंबकीय पृथक्करण विधि द्वारा।
(h) विनोइंग द्वारा (सूप विधि द्वारा)।
(i) निथारना व छानना।
(j) क्रोमैटोग्राफी विधि द्वारा।
प्रश्न 2.
चाय तैयार करने के लिए आप किन – किन चरणों का प्रयोग करेंगे? विलयन, विलायक, विलेय, घुलना, घुलनशील, अघुलनशील, घुलेय (फिल्ट्रेट छनित) तथा अवशेष शब्दों का प्रयोग करें।
उत्तर:
- चाय तैयार करने हेतु प्रथम चरण में एक पतीली में थोड़ा जल (विलायक) लेकर गर्म करेंगे।
- द्वितीय चरण में इस गर्म विलायक को केतली में डालेंगे जिसमें हमने पहले ही चाय की कुछ पत्तियाँ (विलेय) डाल रखी थीं।
- तृतीय चरण में केतली में चाय की पत्तियों के फूलने से चाय का एक विलयन तैयार हो जाएगा।
- चतुर्थ चरण में एक कप में चीनी विलेय के रूप में ले लेंगे।
- पंचम चरण में केतली का विलयन छलनी से छानते हुए कप में डालेंगे तथा इसमें दो छोटे चम्मच दूध मिला देंगे, चाय तैयार है। चाय की पत्तियां छलनी में अवशेष के रूप में बच जाएंगी। चाय का घुला हुआ भाग छनित (फिल्ट्रेट) के रूप में आ जाएगा। यहाँ चीनी और दूध घुलनशील विलेय हैं जबकि चाय की पत्तियां अघुलनशील अवशेष हैं।
प्रश्न 3.
प्रज्ञा ने तीन अलग – अलग पदार्थों की घुलनशीलताओं को विभिन्न तापमान पर जाँचा और नीचे दिए गए आँकड़ों को प्राप्त किया। प्राप्त हुए परिणामों को 100 ग्राम जल में विलेय पदार्थ की मात्रा, जो संतृप्त विलयन बनाने के लिए पर्याप्त है, निम्नलिखित तालिका में दर्शाया गया है।
विलेय पदार्थ
|
तापमान K में | ||||
283 293 313 333 353
घुलनशीलता |
|||||
पोटैशियम नाइट्रेट | 21 | 32 | 62 | 106 | 167 |
सोडियम क्लोराइड | 36 | 36 | 36 | 37 | 37 |
पोटैशियम क्लोराइड | 35 | 35 | 40 | 46 | 54 |
अमोनियम क्लोराइड | 24 | 37 | 41 | 55 | 66 |
(a) 50 ग्राम जल में 313K पर पोटैशियम नाइट्रेट के संतृप्त विलयन को प्राप्त करने हेतु कितने ग्राम पोटैशियम नाइट्रेट की आवश्यकता होगी?
(b) प्रज्ञा 353K पर पोटैशियम क्लोराइड का एक संतृप्त विलयन तैयार करती है और विलयन को कमरे के तापमान पर ठण्डा होने के लिए छोड़ देती है। जब विलयन ठण्डा होगा, तो वह क्या अवलोकित करेगी? स्पष्ट करें।
(c) 293K पर प्रत्येक लवण की घुलनशीलता का परिकलन करें। इस तापमान पर कौनसा लवण सबसे अधिक घुलनशील होगा?
(d) तापमान में परिवर्तन से लवण की घुलनशीलता पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
(b) सामान्यतया कमरे का तापमान लगभग 20°C या 293 K (20 + 273K) लिया जाता है।
प्रज्ञा 353 K पर पोटॅशियम क्लोराइड (54g) का एक संतृप्त विलयन बनाती है और उसे कमरे के ताप (20°C) पर ठण्डा होने के लिए छोड़ देती है। तापमान घटने के साथ ठोसों की द्रव में घुलनशीलता कम होती जाती है। अतः 293K या 20°C पर 100g जल में पोटैशियम क्लोराइड की 35g मात्रा ही घुल पायेगी। शेष (54 – 35) 19g पोटैशियम क्लोराइड अविलेय के रूप में नीचे बैठना प्रारम्भ कर देता है।
(c) 293K पर पोटैशियम नाइट्रेट सोडियम क्लोराइड, पोटैशियम क्लोराइड और अमोनियम क्लोराइड की। सान्द्रता (100g जल में घुली मात्रा) क्रमशः 32g, 36g, 35g व 37g है। अतः इस तापमान पर अमोनियम क्लोराइड सबसे अधिक घुलनशील है।
(d) सामान्यतः तापमान बढ़ाने पर किसी लवण की घुलनशीलता बढ़ जाती है और तापमान घटाने पर घट जाती है।
प्रश्न 4.
निम्न की उदाहरण सहित व्याख्या करें।
(a) संतृप्त विलयन।
(b) शुद्ध पदार्थ।
(c) कोलाइड।
(d) निलंबन।
उत्तर:
(a) संतृप्त विलयन:
निश्चित तापमान पर किसी विलयन में जब अधिकतम विलेय घुला होता है, तब यह विलयन उस विलेय का उस ताप पर संतृप्त विलयन कहलाता है। अतः किसी निश्चित तापमान पर उतना ही विलेय पदार्थ घुल सकता है जितनी कि विलयन की क्षमता होती है। विलयन में जब और अधिक विलेय पदार्थ नहीं घुलता है तो इसे संतृप्त विलयन कहते हैं।
उदाहरण:
एक बीकर में 50 ml जल लेकर इसमें धीरे-धीरे नमक (सोडियम क्लोराइड) तब तक मिलाते हैं जब तक सोडियम क्लोराइड घुलना बंद न कर दे। इस प्रकार तैयार विलयन 25°C (कमरे का ताप) पर नमक का संतृप्त विलयन होता है।
(b) शुद्ध पदार्थ:
वह पदार्थ, जिसमें मौजूद सभी कण समान रासायनिक प्रकृति के होते हैं, शुद्ध पदार्थ कहलाता है। इस प्रकार एक शुद्ध पदार्थ एक ही प्रकार के कणों से मिलकर बना होता है। जैसे – सोडियम क्लोराइड।
(c) कोलाइड:
यह विषमांगी मिश्रण होता है तथा इसके कण विलयन में समान रूप से फैले होते हैं। कोलाइड के कण सूक्ष्मदर्शी से देखे जा सकते हैं। इसके घटकों को पृथक् करने के लिए अपकेन्द्रीकरण विधि का उपयोग किया जाता है। जैसे – दूध।
(d) निलंबन:
यह एक विषमांगी मिश्रण है, जिसमें विलेय पदार्थ के कण घुलते नहीं हैं बल्कि माध्यम की समष्टि में निलंबित रहते हैं। अतः विषमांगी घोल जिसमें ठोस द्रव में परिक्षेपित होता है, निलम्बन कहलाता है। इनका आकार कोलाइड के कणों से अधिक होता है। अतः इन्हें हम आंखों से देख सकते हैं। इसके घटकों को छानकर पृथक् किया जा सकता है। जैसे – मिट्टीयुक्त जल।
प्रश्न 5.
निम्नलिखित में से प्रत्येक को समांगी और विषमांगी मिश्रणों में वर्गीकृत करेंसोडा जल, लकड़ी, बर्फ, वायु, मिट्टी, सिरका, छनी हुई चाय।
उत्तर:
समांगी मिश्रण – सोडा जल, बर्फ, वायु, सिरका, छनी हुई चाय। विषमांगी मिश्रण – लकड़ी, मिट्टी।
प्रश्न 6.
आप किस प्रकार पुष्टि करेंगे कि दिया हुआ रंगहीन द्रव शुद्ध जल है?
उत्तर:
शुद्ध जल 373K पर और सामान्य वायुमण्डलीय दाब (1 atm) पर उबलता है, जबकि लवण/अशुद्धि मिला जल 373 K से उच्च ताप पर उबलता है। अतः दिए गए रंगहीन द्रव की शुद्धता की पुष्टि के लिए जल को एक बीकर में लेकर उसको सामान्य वायुमण्डलीय दाब (1 atm) पर क्वथनांक बिंदु (373 K) तक गर्म करेंगे। यदि सारा जल वाष्पित हो जाता है तथा बीकर में कोई अवशेष नहीं रहता है तो जल शुद्ध है। यदि अवशेष शेष रहता है तो जल अशुद्ध होगा।
प्रश्न 7.
निम्नलिखित में से कौन – सी वस्तुएं शुद्ध पदार्थ हैं ?
(a) बर्फ।
(b) दूध।
(c) लोहा।
(d) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल।
(e) कैल्शियम ऑक्साइड।
(f) पारा।
(g) ईंट।
(h) लकड़ी।
(i) वायु।
उत्तर:
उपरोक्त में से निम्नलिखित वस्तुएं शुद्ध पदार्थ हैं – लोहा, हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, कैल्सियम ऑक्साइड और पारा।
प्रश्न. 8.
निम्नलिखित मिश्रणों में से विलयन की पहचान करें।
(a) मिट्टी।
(b) समुद्री जल।
(c) वायु।
(d) कोयला।
(e) सोडा जल।
उत्तर:
इनमें समुद्री जल, वायु और सोडा जल विलयन हैं।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित में से कौन टिंडल प्रभाव को प्रदर्शित करेगा?
(a) नमक का घोल।
(b) दूध।
(c) कॉपर सल्फेट का विलयन।
(d) स्टार्च विलयन।
उत्तर:
दूध व स्टार्च विलयन टिंडल – प्रभाव प्रदर्शित करेंगे, क्योंकि ये दोनों कोलाइडी क्लियन हैं।
प्रश्न 10.
निम्नलिखित को तत्व, यौगिक तथा मिश्रण में वर्गीकृत करें।
(a) सोडियम।
(b) मिट्टी।
(c) चीनी का घोल।
(d) चांदी।
(e) कैल्सियम कार्बोनेट।
(f) टिन।
(g) सिलिकन।
(h) कोयला।
(i) वायु।
(j) साबुन।
(k) मीथेन
(l) कार्बन डाइऑक्साइड।
(m) रक्त।
उत्तर:
तत्व:
(a) सोडियम।
(d) चांदी।
(f) टिन।
(g) सिलिकन।
यौगिक:
(e) कैल्सियम कार्बोनेट।
(k) मीथेन।
(l) कार्बन डाइऑक्साइड।
मिश्रण:
(b) मिट्टी।
(c) चीनी का घोल।
(h) कोयला।
(i) वायु।
(j) साबुन।
(m) रक्त।
प्रश्न 11.
निम्नलिखित में से कौन – कौन से परिवर्तन रासायनिक हैं ?
(a) पौधों की वृद्धि।
(b) लोहे में जंग लगना।
(c) लोहे का चूर्ण तथा बालू को मिलाना।
(d) खाना पकाना।
(e) भोजन का पाचन।
(f) जल से बर्फ बनना
(g) मोमबत्ती का जलना।
उत्तर:
उपरोक्त में से निम्नलिखित परिवर्तन रासायनिक हैं।
(a) पौधों की वृद्धि।
(b) लोहे में जंग लगना।
(d) खाना पकाना।
(e) भोजन का पाचन।
(g) मोमबत्ती का जलना।