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RBSE Class 9 Social Science Solutions Civics Chapter 1 लोकतंत्र क्या? लोकतंत्र क्यों?

RBSE Class 9 Social Science Solutions Civics Chapter 1 लोकतंत्र क्या? लोकतंत्र क्यों?

पाठ-सार

लोकतंत्र क्या है?

समकालीन दुनिया में लोकतंत्र ही सबसे लोकप्रिय शासन पद्धति है। लोकतंत्र शब्द अंग्रेजी भाषा के ‘डेमोक्रेसी शब्द का हिन्दी रूपान्तर है और अंग्रेजी का डेमोक्रेसी शब्द यूनानी शब्द ‘डेमोक्रेशिया’ से बना है और डेमोक्रेशिया दो शब्दों ‘डेमोस’ तथा ‘क्रोशिया’ से मिलकर बना है जिसमें डेमोस का अर्थ है-‘लोग’ और ‘क्रेशिया’ का अर्थ हैशासन। इस प्रकार डेमोक्रेसी या लोकतंत्र का अर्थ है-लोगों का शासन ।
अब्राहम लिंकन ने भी इसके अर्थ को स्पष्ट करते हुए लिखा है कि “लोकतंत्र लोगों का, लोगों के लिए और लोगों के द्वारा चलने वाली शासन व्यवस्था है। “
लोकतंत्र की एक सरल परिभाषा –
लोकतंत्र शासन का एक ऐसा रूप है जिसमें शासकों का चुनाव लोग करते हैं।
लेकिन यह सरल परिभाषा पूर्ण या पर्याप्त नहीं है। इससे असली लोकतंत्र और दिखावटी लोकतंत्र वाली सरकारों में फर्क नहीं किया जा सकता ।
लोकतंत्र की विशेषताएँ –
( 1 ) प्रमुख फैसले निर्वाचित नेताओं के हाथ – लोकतंत्र में अंतिम निर्णय लेने की शक्ति लोगों द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों के पास ही होनी चाहिए।
( 2 ) स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावी मुकाबला – लोकतंत्र निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनावों पर आधारित होना चाहिए ताकि सत्ता में बैठे लोगों के लिए जीत-हार के समान अवसर हों।
( 3 ) एक व्यक्ति एक वोट – एक मोल- लोकतंत्र में हर वयस्क नागरिक का एक वोट होना चाहिए और हर वोट का एक समान मूल्य होना चाहिए ।
( 4 ) कानून का राज और अधिकारों का आदर- एक लोकतांत्रिक सरकार संवैधानिक कानूनों और नागरिक अधिकारों द्वारा खींची लक्ष्मण रेखाओं के भीतर ही काम करती है।
सारांश यह है कि लोकतंत्र शासन का एक ऐसा रूप है जिसमें लोगों द्वारा चुने गए शासक ही सारे प्रमुख फैसले करते हैं; चुनाव लोगों के लिए निष्पक्ष अवसर और इतने विकल्प उपलब्ध कराता है कि वे चाहें तो मौजूद शासकों को बदल सकते हैं। यह विकल्प और अवसर सभी लोगों को समान रूप से उपलब्ध हों; और इस चुनाव से बनी सरकार संविधान द्वारा तय बुनियादी कानूनों और नागरिक अधिकारों के दायरे को मानते हुए काम करती है।
लोकतंत्र ही क्यों – लोकतंत्र में सभी को अपनी बात स्वतंत्रतापूर्वक कहने की स्वतंत्रता होती है, गैरलोकतांत्रिक सरकारों में नागरिकों को यह स्वतंत्रता नहीं होती है । लोकतंत्र के पक्ष तथा विपक्ष में निम्नलिखित तर्क दिये जाते हैं
लोकतंत्र के खिलाफ तर्क – लोकतंत्र के विपक्ष में निम्न प्रमुख तर्क दिये जाते हैं-
( 1 ) अस्थिर शासन – लोकतंत्र में नेता बदलते रहते हैं। इससे अस्थिरता पैदा होती है।
(2) नैतिकता को स्थान नहीं – लोकतंत्र का मतलब सिर्फ राजनैतिक लड़ाई और सत्ता का खेल है। यहाँ नैतिकता की कोई जगह नहीं होती।
( 3 ) निर्णयों में देरी – लोकतांत्रिक व्यवस्था में इतने सारे लोगों से बहस और चर्चा करनी पड़ती है कि हर फैसले में देरी होती है।
(4) खराब फैसले-चुने हुए नेताओं को लोगों के हितों का पता ही नहीं होता। इसके चलते गलत निर्णय होते हैं।
( 5 ) भ्रष्टाचार व अधिक व्यय- लोकतंत्र में चुनावी लड़ाई महत्त्वपूर्ण और खर्चीली होती है। इसीलिए इसमें भणचार होता है।
( 6 ) जनता को शासन की समस्याओं का ज्ञान नहीं- सामान्य लोगों को पता नहीं होता कि उनके लिए क्या नीज अच्छी है और क्या चीज बुरी इसलिए उन्हें किसी चीज का फैसला नहीं करना चाहिए।
निश्चित रूप से लोकतंत्र सभी समस्याओं को खत्म करने वाली जादू की छड़ी नहीं है। सरकार के स्वरूप के तौर पर लोकतंत्र सिर्फ इसी बुनियादी चीज को देखता है कि लोग अपने बारे में खुद फैसले करें । इन फैसलों में उक्त त्रुटियाँ हो सकती हैं। लेकिन हमारे सामने सरकार के स्वरूपों के जो विकल्प उपलब्ध हैं, उनमें लोकतंत्र किसी भी दूसरे से बेहतर है।
लोकतंत्र के पक्ष में तर्क- लोकतंत्र के पक्ष में निम्नलिखित तर्क दिये जाते हैं –
( 1 ) अधिक जवाबदेही युक्त शासन- लोकतांत्रिक शासन पद्धति दूसरों से बेहतर है क्योंकि यह शासन का अधिक जवाबदेही वाला स्वरूप है।
( 2 ) बेहतर निर्णय – गैर लोकतांत्रिक सरकारों की तुलना में लोकतांत्रिक सरकारों में निर्णय लेने से पूर्व व्यापक चर्चा व बहसें होती हैं, जिसमें निर्णय लेने में गलतियों की गुंजाइश कम से कम हो जाती है । इस प्रकार लोकतंत्र बेहतर निर्णय लेने की संभावना बढ़ाता है।
( 3 ) मतभेदों और टकरावों के मध्य संतुलन- लोकतंत्र मतभेदों और टकरावों को संभालने का शांतिपूर्ण समाधान उपलब्ध कराता है।
( 4 ) नागरिकों का सम्मान बढ़ाता है – लोकतंत्र नागरिकों का सम्मान बढ़ाता है क्योंकि यह राजनैतिक समानता के सिद्धान्त पर आधारित है। यहाँ लोग किसी शासक की प्रजा न होकर खुद अपने शासक हैं और इसके कार्यों के प्रति जवाबदेह होते हैं।
( 5 ) गलतियों में सुधार की गुंजाइश – लोकतंत्र में हमें अपनी गलती ठीक करने का अवसर भी मिलता है। लोकतंत्र में गलतियों पर सार्वजनिक चर्चा होती है। इस गलती को या तो शासक दूर करे अर्थात् अपना फैसला बदले अन्यथा जनता आगामी चुनाव में शासक समूह को बदल देगी । ऐसी संभावना लोकतंत्र में ही संभव है । अतः स्पष्ट है कि अन्य शासन व्यवस्थाओं की तुलना में लोकतंत्र सबसे अच्छी शासन व्यवस्था है क्योंकि इसमें अच्छे निर्णयों के लिए अधिक अवसर उपलब्ध होते हैं; इसमें लोगों की इच्छाओं का सम्मान किये जाने की ज्यादा संभावना है; इसमें अलग-अलग तरह के लोग ज्यादा बेहतर ढंग से साथ-साथ रह सकते हैं। साथ ही इसमें गलती सुधारने का अवसर भी मिलता है ।
लोकतंत्र का वृहत्तर अर्थ –
आज की दुनिया में लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था का सबसे आम रूप है- लोगों द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों के माध्यम से शासन चलाना। इसमें सभी लोगों की तरफ से बहुमत को फैसले लेने का अधिकार होता है और यह बहुमत भी स्वयं शासन नहीं चलाता । बहुमत का शासन भी चुने हुए प्रतिनिधियों के माध्यम से होता है।
लोकतांत्रिक फैसले का अर्थ होता है, उस फैसले से प्रभावित होने वाले सभी लोगों के साथ विचार-विमर्श के बाद और उनकी स्वीकृति से फैसले लेना । इसमें कम शक्तिशाली का भी फैसला लेने में उतना ही महत्त्व होता है जितना कि शक्तिशाली का ।
कई बार हम लोकतंत्र शब्द का प्रयोग किसी मौजूदा सरकार के लिए नहीं करके कुछ आदर्शों के लिए करते हैं। लोकतंत्र शासन व्यवस्था वह है जिसमें कोई भूखा पेट सोए नहीं तथा प्रत्येक नागरिक फैसले लेने में समान भूमिका निभाए तथा इसके लिए वोट के समान अधिकार के साथ-साथ हर नागरिक को सूचना की समान उपलब्धता,  बुनियादी शिक्षा, बुनियादी संसाधन और पक्की निष्ठा होनी चाहिए।
यद्यपि इन आदर्शों पर आज किसी भी देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था खरी नहीं उतरती है, लेकिन इन आदर्शों की कसौटी में हम किसी भी देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था का मूल्यांकन कर सकते हैं। एक आदर्श लोकतंत्र में निर्णय लेने की प्रक्रिया लोकतांत्रिक होनी चाहिए।

RBSE Class 9 Social Science लोकतंत्र क्या? लोकतंत्र क्यों? InText Questions and Answers

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प्रश्न 1.
मैंने तो यह भी सुना है कि लोकतंत्र एक ऐसी व्यवस्था है जहाँ लोक पर तंत्र हावी रहता है। इसके बारे में आपकी क्या राय है?
उत्तर:
मेरे दृष्टिकोण से यह कहना बिल्कुल निराधार है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में लोक पर तंत्र हावी रहता है। क्योंकि लोकतंत्र में जनता अपनी पसंद की सरकार चनने के लिए स्वतंत्र होती है और वह सरकार अपने कार्यों के लिए जनता के प्रति उत्तरदायी होती है।

प्रश्न 2.
रिबियांग स्कूल से घर गई और उसने लोकतंत्र के बारे में कुछ अन्य प्रसिद्ध व्यक्तियों के कथनों को जमा किया। इस बार उसने उन उक्तियों को कहने या लिखने वाले के नाम का उपयोग नहीं किया। वह चाहती है कि आप भी इन्हें पढ़ें और बताएँ कि ये उक्तियाँ कितनी अच्छी या उपयोगी हैं?
(i) लोकतंत्र हर व्यक्ति को अपना शोषक आप बन जाने का अधिकार देता है।
(ii) लोकतंत्र लब है-अपने तानाशाहों का चुनाव करना पर उनके मुंह से अपनी इच्छा की बातें सुनने के बाद।
(iii) व्यक्ति की न्यायप्रियता लोकतंत्र को संभव बनाती है, लेकिन अन्याय के प्रति व्यक्ति का रुझान लोकतंत्र को जरूरी बनाता है।
(iv) लोकतंत्र शासन का ऐसा तरीका है जो यह सुनिश्चित करता है कि हम जैसी सरकार के लायक हैं वैसी सरकार ही- हम पर शासन करे।
(v) लोकतंत्र की सारी बुराइयों को और अधिक लोकतंत्र से ही दूर किया जा सकता है।
उत्तर:
टिप्पणियाँ-
(i) कुछ हद तक यह विचार सही है कि हम जिस प्रतिनिधि का चुनाव करते हैं, वही आगे चलकर हमारा दमन व शोषण करता है। लेकिन यह लोकतंत्र का दोष न होकर, व्यक्ति का दोष होता है। अतः यह विचार लोकतंत्र के दुरुपयोग को दर्शाता है।

(ii) यह लोकतंत्र के सिद्धान्त के खिलाफ है। ऐसे विचारों की लोकतांत्रिक समाज तथा शासन व्यवस्था में कोई उपयोगिता नहीं है।

(iii) लोकतंत्र शासक वर्ग से न्याय की मांग करता है। यदि जनप्रतिनिधि लोगों की समस्याओं के साथ न्याय नहीं कर पाते हैं, तो लोकतंत्र बेमानी हो जाता है। अत: व्यक्ति की न्यायप्रियता लोकतंत्र को संभव बनाती है।
दूसरी तरफ अन्याय के प्रति रुझान लोकतंत्र को जरूरी बनाता है क्योंकि सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक अन्याय को लोकतांत्रिक ढांचे के तहत ही प्रभावी ढंग से दूर किया जा सकता है।
अतः यह विचार अत्यधिक उपयोगी है।

(iv) यह विचार कुछ हद तक तो सही है कि जनता जैसी होती है, सरकार भी वैसी ही होती है। लेकिन लोकतंत्र एक ऐसी पद्धति है जिसमें यदि विकल्प उपलब्ध हों तो हम अपने से बेहतर लोगों को प्रतिनिधित्व का मौका दे सकते हैं। वर्तमान संदर्भ में यह विचार अपना महत्त्व रखता है।

(v) यह विचार वर्तमान संदर्भ में बहुत उपयोगी है क्योंकि हम जितने अधिक लोकतांत्रिक होते हैं, लोगों की सहभागिता तथा शासन की पारदर्शिता उतनी ही अधिक होती जाती है। इससे संघर्ष कम होता जाता है और देश में शांति व समृद्धि आती है।

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प्रश्न 1.
इराक में अमेरिका और अन्य विदेशी शक्तियों की उपस्थिति में हुए चुनाव के समय यह कार्टून बना था।
(i) यह कार्टून क्या कहता है?
(ii) इसमें ‘डेमोक्रेसी’ को इस तरह क्यों लिखा गया है?
उत्तर:
(i) यह कार्टून हमें यह बता रहा है कि अमेरिकी सैनिक, इराक शासन व्यवस्था को सुधार कर वहाँ लोकतंत्र स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं।

(ii) इस कार्टून में ‘डेमोक्रेसी’ को एक विशेष ढंग से इसलिए लिखा गया है क्योंकि कार्टूनिस्ट के अनुसार इराक में अभी लोकतंत्र अपने पैरों पर नहीं खड़ा हुआ है। उसे विदेशी सेनाओं द्वारा उठाकर खड़ा किया जा रहा है। अभी इराक में इसे अपने पैरों पर मजबती से खडा होने में समय लगेगा।

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प्रश्न 1.
सीरिया पश्चिम एशिया का एक छोटा-सा देश है। शासक बाथ पार्टी और उसकी कुछ सहयोगी पार्टियों को ही देश में राजनैतिक गतिविधियों की अनुमति है।
(i) क्या इस कार्टून को चीन और मैक्सिको पर भी लागू किया जा सकता है?
(ii) लोकतंत्र के माथे पर पत्तों से बने ताज का क्या महत्त्व है?
उत्तर:
(i) हाँ, इस कार्टून को चीन और मैक्सिको पर भी लागू किया जा सकता है क्योंकि इन देशों में भी एकदलीय सरकार है और सिर्फ एक राजनैतिक पार्टी ही यहाँ शासन करती है। अन्य दलों को राजनीति में भाग लेने की स्वीकृति नहीं है।

(ii) लोकतंत्र के माथे पर पत्तों का ताज यह प्रदर्शित करता है कि जिस तरह एक ही शाखा में कई पत्ते हैं, उसी तरह एक ही राजनैतिक दल अपने कई सहयोगी दलों की सहायता से सत्ता पर कब्जा बनाए हुए है। किसी दूसरी शाखा का न होना अन्य राजनैतिक दलों के न होने का सूचक है।

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प्रश्न 1.
यह कार्टून लातिनी अमेरिका के संदर्भ में बना था-
(i) क्या आपको लगता है कि यह पाकिस्तान पर भी फिट बैठता है?
(ii) कुछ अन्य देशों के बारे में सोचिए जिन पर यह कार्टून लागू हो सकता है।
(iii) क्या ऐसा कई बार हमारे देश में भी होता है?
उत्तर:
दिखाया गया कार्टून हथियार के बल पर बूथ लूटने के दृश्य को प्रदर्शित करता है। यह लातिनी अमेरिका में लोकतंत्र के अपहरण की ओर संकेत करता है।
(i) यह कार्टून पाकिस्तान के मुशर्रफकालीन शासन पर फिट बैठता था, क्योंकि वहाँ सैनिक शासन ने लोकतंत्र का अपहरण कर लिया था।
(ii) यह कार्टून इराक, चीन, म्यांमार आदि देशों पर भी लागू हो सकता है।
(iii) हाँ, कई बार इस तरह की छुट-पुट घटनाएँ हमारे देश में भी घटित होती हैं, जब कुछ लोगों द्वारा इस तरह का दुष्कृत्य किया जाता है।

प्रश्न 2.
जाने कहाँ-कहाँ की बातें हो रही हैं।
(i) क्या लोकतंत्र का मतलब सिर्फ सरकारों और शासनों से ही है?
(ii) क्या हम अपनी कक्षा में लोकतांत्रिक व्यवस्था की बात कर सकते हैं?
(iii) क्या हम अपने परिवार में लोकतंत्र की बात कर सकते हैं?
(iv) क्या हम एक लोकतांत्रिक परिवार की बात कर सकते हैं?
उत्तर:
(i) नहीं, लोकतंत्र का मतलब सिर्फ सरकारों और शासनों से ही नहीं है। लोकतंत्र, सरकार और शासन में जनता की सहभागिता से तथा आर्थिक, सामाजिक और राजनैतिक न्याय से सम्बन्धित है।
(ii) हाँ, जब हम अपनी कक्षा में मॉनिटर का चुनाव करते हैं तो यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया का एक उदाहरण है।
(iii) परिवार के सदस्य जब किसी विषय पर परस्पर विचार-विमर्श कर निर्णय लेते हैं, वह लोकतंत्र का ही एक उदाहरण है।
(iv) हाँ, हम एक लोकतांत्रिक परिवार की बात कर सकते हैं।

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प्रश्न 1.
यह कार्टून लातिनी अमेरिका के लोकतंत्र के कामकाज से सम्बन्धित है।
(i) इसमें सिक्कों की थैलियों का क्या मतलब है?
(ii) राजनीति में थैलीशाहों की भूमिका के बारे में कार्टून बनाने वाला क्या कहना चाहता है?
(iii) क्या इस कार्टून को भारत पर भी लागू किया जा सकता है?
उत्तर:
(i) इस कार्टून में सिक्कों की थैलियों से यह आशय है कि लोकतंत्र का निर्माण एवं विकास काफी खर्चीला है। चुनाव के दौरान उसके स्वतंत्र व निष्पक्ष आयोजन पर सरकार, उम्मीदवारों तथा सम्बन्धित दलों द्वारा अत्यधिक खर्च किया जाता है।
(ii) कार्टून बनाने वाला यह कहना चाहता है कि राजनीति में पूंजीपतियों की भूमिका बढ़ती जा रही है।
(iii) हाँ, यह कार्टून भारत पर भी लागू किया जा सकता है।

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प्रश्न 1.
यह कार्टून सद्दाम हुसैन के शासन को उखाड़ फेंकने के बाद हुए चुनावों से सम्बन्धित है। उन्हें जेल में बन्द दिखाया गया है।
(i) यहाँ कार्टूनिस्ट क्या कहना चाहता है?
(ii) इस कार्टून के संदेश और अध्याय में आए पहले कार्टून के संदेश की तुलना कीजिए।
उत्तर:
(i) यहाँ कार्टूनिस्ट प्रत्येक व्यक्ति के वोट के समान मूल्य की बात कर रहा है। अन्ततः इराक में सद्दाम हुसैन की तानाशाही का अन्त होने के पश्चात् इराकी लोगों के पास ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ का अधिकार आया। यह तानाशाही के ऊपर लोकतंत्र की विजय को प्रदर्शित करता है।

(ii) इस अध्याय में आए इस कार्टून से पहले कार्टून में यह संदेश दिया गया है कि पहले लोकतंत्र को सहारा देकर खड़ा करने तथा बाद में मजबूत बनाने की जरूरत है, किन्तु इस कार्टून में कार्टूनिस्ट वोट देने के बराबर के अधिकार की बात कर रहा है जो कि लोकतांत्रिक मूल्यों की मजबूती का सूचक है। अतः पहला कार्टून इस कार्टून का अग्रगामी है।

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प्रश्न 1.
चीनी सरकार ने ‘गूगल’ और ‘याहू’ जैसी लोकप्रिय वेबसाइटों पर बंदिशें लगाकर इन्टरनेट पर सूचना के मुक्त प्रवाह को रोक दिया। इस कार्टून में इसी पर टिप्पणी की गई है। टैंक और निहत्थे छात्र की तस्वीर पाठक को चीन के हाल के इतिहास की एक अन्य बड़ी घटना की याद दिलाते हैं। वह घटना क्या थी? उसके बारे में अन्य ब्यौरे जुटाओ।
उत्तर:
वह घटना थी-टियाननमेन चौक (Tiananmen Square) पर 1989 में किया गया जनसंहार। यह घटना एक खूनी सैनिक अभियान के दौरान चीनी सैनिकों द्वारा अपने ही सैकड़ों निहत्थे नागरिकों की बन्दूक की गोलियों और तोपों के गोलों द्वारा हत्या किये जाने की गवाह है। यह अभियान बीजिंग के टियाननमेन चौक पर लोकतंत्र समर्थक लोगों की आवाज को दबाने के लिए किया गया था।

अचानक विभिन्न दिशाओं से टैंकों ने चौक में प्रवेश कर निहत्थे प्रदर्शनकारी छात्रों पर गोलियाँ बरसाना प्रारंभ कर दिया। ये छात्र पिछले सात सप्ताहों से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। उनका कहना था कि जब तक सरकार उनकी माँगें नहीं मान लेगी, वे तब तक चौक में जमे रहेंगे।

इस खूनी घटना की विश्वभर में निन्दा की गई।

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प्रश्न 1.
लोकतंत्र के कामकाज या उसकी अनुपस्थिति के इन पांच उदाहरणों को पढ़िये। इनका मेल लोकतंत्र की उन प्रासंगिक विशेषताओं से कराएँ जिनकी चर्चा ऊपर की गई है।

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प्रश्न 1.
यह कार्टून ब्राजील का है जिसे तानाशाही के लम्बे दौर का अनुभव है। इसका शीर्षक है-तानाशाही का छुपा पक्ष।
(i) इस कार्टून में किस छुपे हुए पहलू को उजागर किया गया है?
(ii) क्या हर तानाशाही का एक पक्ष छुपा रहे यह जरूरी है?
(iii) पहले अध्याय में जिन तानाशाहों का जिक्र हुआ है उनके बारे में ऐसी जानकारियाँ जुटाएँ।
(iv) अगर संभव हो तो इनके साथ नाइजीरिया के सनी अबाचा और फिलिपींस के फेर्डिनांड मार्कोस के बारे में भी जानकारियाँ इकट्ठी करें।
उत्तर:
(i) इस कार्टून में इस छुपे पहलू को उजागर किया गया है कि प्रायः तानाशाह लोगों के सामने अपना लोकप्रिय चेहरा प्रस्तुत करता है, किन्तु उसके पीछे उसके मित्रों, सहयोगियों और पारिवारिक लोगों की एक ऐसी फौज होती है जो लोगों पर अत्याचार करते हैं तथा उनका शोषण करते हैं।

(ii) नहीं, हर तानाशाह के लिए यह आवश्यक नहीं है कि उसका एक चेहरा छुपा हो । यदि वह अपनी क्षमता व शक्ति का उपयोग जनता की भलाई के लिए करता है, तो उसे किसी छुपे चेहरे की आवश्यकता नहीं होती। साथ ही, अनेक तानाशाह जो सरेआम अत्याचार करते हैं, उन्हें भी किसी छुपे चेहरे की आवश्यकता नहीं होती। जैसे-हिटलर।

(iii) पिछले अध्याय में 1973 में जनरल अगस्तो पिनोशे ने चिले में सैनिक तख्तापलट द्वारा सत्ता प्राप्त की। तत्कालीन रक्षा मंत्री को गिरफ्तार कर लिया गया तथा राष्ट्रपति आयेंदे की हत्या कर दी गई, उसकी पत्नी तथा बेटी को कैद कर लिया। लोकतंत्र समर्थक लगभग 3000 से अधिक लोगों की हत्या कर दी गई तथा हजारों लोग लापता हो गए। यह तानाशाही का वीभत्स चेहरा है। यहाँ पिनोशे सत्ता पर अधिकार करने के बाद लोकतंत्र समर्थकों पर, बिना किसी छुपे चेहरे के, अत्याचार करता रहा।

(iv) नाइजीरिया का सनी अबाचा अनेक मानवाधिकारों का दोषी था। यथा-
(अ) उसने प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता तथा कवि केन सार को फाँसी पर लटका दिया।
(ब) उसने अपने विरोधियों की सामूहिक हत्या करवाई।
(स) उसने देश में चुनाव नहीं कराए तथा लोगों के अनेक मौलिक अधिकारों पर रोक लगा दी।

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प्रश्न 1.
अगर भारत लोकतंत्र नहीं अपनाता तो क्या होता? क्या ऐसी स्थिति में हम एक राष्ट्र बने रह सकते थे?
उत्तर:
यदि भारत लोकतंत्र नहीं अपनाता तो यहाँ तानाशाही या सैनिक तानाशाही या अनेक छोटे-छोटे राजतंत्र होते। ऐसी स्थिति में देश विभिन्न हिस्सों में बंट जाता और हम एक राष्ट्र बने नहीं रह सकते थे।

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प्रश्न 1.
यह कार्टून कनाडा के 2004 संसदीय चुनावों के ठीक पहले प्रकाशित हुआ था। इस कार्टूनिस्ट समेत सभी लोगों का मानना था कि लिबरल पार्टी ही एक बार फिर चुनाव जीत जाएगी। पर जब नतीजे आए तो लिबरल पार्टी चुनाव हार गयी। यह कार्टून लोकतंत्र के खिलाफ तर्क देता है या लोकतंत्र के पक्ष में?
उत्तर:
दिखाये गए कार्टून से यह स्पष्ट होता है कि मतदाता शासक लिबरल पार्टी के प्रति गुस्से में है और उसने लिबरल पार्टी के खिलाफ वोट दिया जिससे वह चुनाव हार गई। इस प्रकार यह कार्टून लोकतंत्र के पक्ष में तर्क देता है क्योंकि लोकतंत्र में मतदाता यह निर्णय करता है कि शासक पार्टी फिर से सत्ता में रहेगी या नहीं। इसमें जनमत का आदर किया जाता है।

प्रश्न 2.
राजेश तथा मुजफ्फर ने एक लेख पढ़ा। इसमें बताया गया था कि किसी भी लोकतांत्रिक देश ने एक दूसरे लोकतांत्रिक देश के साथ कभी लड़ाई नहीं छेड़ी है। लड़ाई तभी होती है जब कम से कम एक देश में गैर-लोकतांत्रिक सरकार होती है। पर लेख पढ़ने के बाद राजेश ने कहा कि यह लोकतंत्र के पक्ष में कोई अच्छा तर्क नहीं है। ऐसा सिर्फ संयोग से हुआ होगा। यह संभव है कि भविष्य में लोकतांत्रिक देशों के बीच भी युद्ध हो। मुजफ्फर का कहना था कि ऐसा सिर्फ संयोग नहीं हो सकता। लोकतंत्र में जिस तरह से फैसले लिए जाते हैं, उसमें युद्ध होने का अंदेशा काफी कम हो जाता है।
इन दोनों विचारों में आपकी सहमति किसकी तरफ है और क्यों?
उत्तर:
मैं मजफ्फर के इस विचार से सहमत हैं कि लोकतंत्र में जिस तरह से फैसले लिए जाते हैं. उनमें यद्ध होने का अंदेशा काफी कम हो जाता है। इसमें जनता के दबाव, चर्चा तथा बहस के पश्चात् ही युद्ध का निर्णय लिया जाता है और विचार-विमर्श के पश्चात् प्रायः युद्ध का निर्णय टाल दिया जाता है और पारस्परिक शांति-वार्ताओं के द्वारा समस्या को सुलझाने पर बल दिया जाता है।

पृष्ठ 15

प्रश्न 1.
प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट आर.के. लक्ष्मण का यह चर्चित कार्टून देश की आजादी की स्वर्ण जयन्ती पर टिप्पणी करता है।
(i) दीवार पर बने चित्रों में से आप किन-किन को पहचानते हैं?
(ii) क्या देश के बहुत-से आम आदमी इस कार्टून के आम आदमी की तरह सोचते हैं?
उत्तर:
(i) दीवार पर लगे सभी चित्रों को पहचाना जा सकता है। ये चित्र हैं-पं. जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, मोरारजी देसाई, चौ. चरण सिंह, जगजीवन राम, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, वी.पी. सिंह, चन्द्रशेखर, नरसिम्हा राव, देवेगौड़ा तथा अटल बिहारी वाजपेयी।

(ii) इस कार्टून में भारत के स्वतन्त्रता के 50 गौरवशाली वर्ष पूरे होने पर टेलीविजन से भाषण तथा उसके सामने कुर्सी पर आम आदमी को सोते हुए दिखाया गया है। आम आदमी सोते हुए अब तक हुए सभी प्रधानमन्त्रियों द्वारा दिये गये भाषण में समानता देखता है। देश में अब तक बहुत विकास हुआ है लेकिन अभी भी अनेक समस्याएँ, जैसे-गरीबी व्याप्त होना, पीने का स्वच्छ पानी, आवास, भोजन, विद्यालयों एवं अस्पतालों आदि का अभाव विद्यमान है। लेकिन सभी नेता एक-सा भाषण देते हैं, समस्याएँ वहीं बनी रहती हैं। देश के बहुत से आम आदमी इसी तरह सोचते हैं।

पृष्ठ 16

प्रश्न 1.
मेरे गाँव में ग्राम सभा की बैठक कभी नहीं होती। यह कैसा लोकतंत्र है?
उत्तर:
नहीं, यह लोकतंत्र नहीं है। क्योंकि लोकतांत्रिक प्रक्रिया के अन्तर्गत ग्राम सभा की बैठक, ग्राम पंचायत के कार्यों पर चर्चा के लिए, एक निश्चित अन्तराल में होना अनिवार्य है।

RBSE Class 9 Social Science लोकतंत्र क्या? लोकतंत्र क्यों? Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
यहाँ चार देशों के बारे में कुछ सूचनाएँ हैं। इन सूचनाओं के आधार पर आप इन देशों का वर्गीकरण किस तरह करेंगे? इनके सामने ‘लोकतांत्रिक’, ‘अलोकतांत्रिक’ और ‘पक्का नहीं लिखें।
(क) देश ख : जो लोग देश के आधिकारिक धर्म को नहीं मानते उन्हें वोट डालने का अधिकार नहीं है।
(ख) देश ख : एक ही पार्टी बीते बीस वर्षों से चुनाव जीतती आ रही है।
(ग) देश ग : पिछले तीन चुनावों में शासक दल को पराजय का मुँह देखना पड़ा।
(घ) देश घ : यहाँ स्वतंत्र चुनाव आयोग नहीं है।
उत्तर:

देश वर्गीकरण
अलोकतांत्रिक
पक्का नहीं
लोकतांत्रिक
अलोकतांत्रिक

प्रश्न 2.
यहाँ चार अन्य देशों के बारे में कुछ सूचनाएँ दी गई हैं, इन सूचनाओं के आधार पर इन देशों का वर्गीकरण आप किस तरह करेंगे? इनके आगे ‘लोकतांत्रिक’, ‘अलोकतांत्रिक’ और ‘पक्का नहीं’ लिखें।
(क) देश च : संसद सेना प्रमुख की मंजूरी के बिना सेना के बारे में कोई कानून नहीं बना सकती।
(ख) देश छ : संसद न्यायपालिका के अधिकारों में कटौती का कानन नहीं बना सकती।
(ग) देश ज : देश के नेता बिना पड़ोसी देश की अनुमति के किसी और देश से संधि नहीं कर सकते।
(घ) देश झ : देश के सारे आर्थिक फैसले केन्द्रीय बैंक के अधिकारी करते हैं जिसे मंत्री भी नहीं बदल सकते।
उत्तर:

देश वर्गीकरण
अलोकतांत्रिक
लोकतांत्रिक
अलोकतांत्रिक
अलोकतांत्रिक

प्रश्न 3.
इनमें से कौन-सा तर्क लोकतंत्र के पक्ष में अच्छा नहीं है और क्यों?
(क) लोकतंत्र में लोग खुद को स्वतंत्र और समान मानते हैं।
(ख) लोकतांत्रिक व्यवस्थाएँ दूसरों की तुलना में टकरावों को ज्यादा अच्छी तरह सुलझाती हैं।
(ग) लोकतांत्रिक सरकारें लोगों के प्रति ज्यादा उत्तरदायी होती हैं।
(घ) लोकतांत्रिक देश दूसरों की तुलना में ज्यादा समृद्ध होते हैं।
उत्तर:
(क), (ख) तथा (ग) लोकतंत्र के पक्ष में अच्छे तर्क माने जायेंगे क्योंकि ये लोकतंत्र की विशेषताओं से। सम्बन्धित हैं, किन्तु तर्क (घ) लोकतंत्र के पक्ष में सही तर्क नहीं है। इसके निम्नलिखित कारण हैं-
(i) किसी देश की समृद्धि उसके आर्थिक संसाधन तथा नीतियों पर निर्भर करती है। हाँ, नीतियों का लोकतांत्रिक होना जनसामान्य तथा देश के आर्थिक विकास में तो सहायक हो सकता है, किन्तु संसाधन के अभाव में सिर्फ लोकतांत्रिक व्यवस्था से समृद्धि नहीं आ सकती।

(ii) एक गैर-लोकतांत्रिक देश भी समृद्ध हो सकता है। उदाहरण के लिये, चीन एक गैर-लोकतांत्रिक देश है, किन्तु अपने संसाधन तथा नीतियों के बल पर उसकी गिनती विश्व के समृद्ध देशों में होने लगी है।

(ii) दूसरी तरफ, लोकतांत्रिक देश भी गरीब हो सकते हैं जैसे कि बांग्लादेश। यहाँ संसाधन की कमी तथा गलत नीति आर्थिक समृद्धि की राह में रुकावट है।

प्रश्न 4.
इन सभी कथनों में कुछ चीजें लोकतांत्रिक हैं तो कुछ अलोकतांत्रिक। हर कथन में इन चीजों को अलग अलग करके लिखें।
(क) एक मंत्री ने कहा कि संसद को कुछ कानून पास करने होंगे जिससे विश्व व्यापार संगठन द्वारा तय नियमों की पुष्टि हो सके।
(ख) चुनाव आयोग ने एक चुनाव क्षेत्र के सभी मतदान केन्द्रों पर दोबारा मतदान का आदेश दिया जहाँ बड़े पैमाने पर मतदान में गड़बड़ की गई थी।
(ग) संसद में औरतों का प्रतिनिधित्व कभी भी 10 प्रतिशत तक ही पहुँचा है। इसी के कारण महिला संगठनों ने संसद में एक-तिहाई आरक्षण की माँग की है।
उत्तर:
(क) लोकतांत्रिक तत्व-संसद द्वारा नियम पारित किया जाना।
अलोकतांत्रिक तत्व-विश्व व्यापार संगठन द्वारा निर्धारित विनियमों के अनुसार नियम पारित किया जाना।

(ख) लोकतांत्रिक तत्व-धाँधली की स्थिति में निष्पक्ष चुनाव के लिये पुनर्मतदान की व्यवस्था।
अलोकतांत्रिक तत्व-चुनाव के दौरान धाँधली किया जाना।

(ग) लोकतांत्रिक तत्व-महिलाओं द्वारा संसद में एक-तिहाई सीटों की माँग।
अलोकतांत्रिक तत्व-संसद में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 10 प्रतिशत तक भी नहीं पहुँच पाता।

5. लोकतंत्र में अकाल और भुखमरी की संभावना कम होती है। यह तर्क देने का इनमें से कौन-सा कारण सही नहीं है?
(क) विपक्षी दल भूख और भुखमरी की ओर सरकार का ध्यान दिला सकते हैं।
(ख) स्वतंत्र अखबार देश के विभिन्न हिस्सों में अकाल की स्थिति के बारे में खबरें दे सकते हैं।
(ग) सरकार को अगले चुनाव में अपनी पराजय का डर होता है।
(घ) लोगों को कोई भी तर्क मानने और उस पर आचरण करने की स्वतंत्रता है।
उत्तर:
(घ) लोगों को कोई भी तर्क मानने और उस पर आचरण करने की स्वतंत्रता है।

प्रश्न 6.
किसी जिले में 40 ऐसे गाँव हैं जहाँ सरकार ने पेयजल उपलब्ध कराने का कोई इंतजाम नहीं किया है। इन गाँवों के लोगों ने एक बैठक की और अपनी जरूरतों की ओर सरकार का ध्यान दिलाने के लिए कई तरीकों पर विचार किया। इनमें से कौन-सा तरीका लोकतांत्रिक नहीं है?
(क) अदालत में पानी को अपने जीवन के अधिकार का हिस्सा बताते हुए मुकदमा दायर करना।
(ख) अगले चुनाव का बहिष्कार करके सभी पार्टियों को संदेश देना।
(ग) सरकारी नीतियों के खिलाफ जनसभाएँ करना।
(घ) सरकारी अधिकारियों को पानी के लिए रिश्वत देना।
उत्तर:
(घ) सरकारी अधिकारियों को पानी के लिये रिश्वत देने का तरीका लोकतांत्रिक नहीं है।

प्रश्न 7.
लोकतंत्र के खिलाफ दिए जाने वाले इन तर्कों का जवाब दीजिए :
(क) सेना देश का सबसे अनुशासित और भ्रष्टाचार मुक्त संगठन है। इसलिए सेना को देश का शासन करना चाहिए।
(ख) बहुमत के शासन का मतलब है मूों और अशिक्षितों का राज। हमें तो होशियारों के शासन की जरूरत है, भले ही उनकी संख्या कम क्यों न हो।
(ग) अगर आध्यात्मिक मामलों के मार्गदर्शन के लिए धर्म-गुरुओं की जरूरत होती है तो उन्हीं को राजनैतिक मामलों में मार्गदर्शन का काम क्यों नहीं सौंपा जाए। देश पर धर्म-गुरुओं का शासन होना चाहिए।
उत्तर:
(क)जवाब-अनुशासित तथा भ्रष्टाचार मुक्त होने के बावजूद सेना को देश पर शासन नहीं करना चाहिये, क्योंकि वह देश की जनता की इच्छा का प्रतिनिधित्व नहीं करती है। इसलिए यह एक लोकतांत्रिक सरकार का गठन नहीं कर सकती। कोई भी यह गारण्टी नहीं दे सकता कि सेना तानाशाह नहीं बनेगी।

(ख) जवाब-लोकतंत्र का संबंध सिर्फ बुद्धिमानों से नहीं होता। शासन में उन लोगों को भाग लेना चाहिये जो जनता की इच्छा का ईमानदारी से प्रतिनिधित्व करते हैं । बहुमत के शासन की इसीलिये आवश्यकता है कि वे अधिक-से-अधिक लोगों के हितों तथा समस्याओं को ध्यान में रखते हुये नीतिगत फैसला ले सकेंगे।

(ग) जवाब-धर्म लोगों का व्यक्तिगत विषय है। इसे राजनीति से जोड़ना अनुचित है। क्योंकि राजनीति में धर्म को शामिल करने से गंभीर विवाद पैदा हो सकते हैं। लोकतंत्र का हमारी भौतिक समस्याओं से संबंध है जो सभी लोगों की लगभग एक जैसी होती हैं। धार्मिक नेता पूर्वाग्रहों से प्रभावित हो सकते हैं। अतः वे किसी वर्ग के साथ न्याय न कर पायेंगे। साथ ही, उनके बीच हमेशा एक वैचारिक संघर्ष की स्थिति बनी रहेगी जो धर्म तथा आस्था से अनुप्रेरित होगी।

प्रश्न 8.
इनमें से किन कथनों को आप लोकतांत्रिक समझते हैं? क्यों?
(क) बेटी से बाप-मैं शादी के बारे में तुम्हारी राय सुनना नहीं चाहता। हमारे परिवार में बच्चे वहीं शादी करते हैं जहाँ उनके माँ-बाप तय कर देते हैं।
उत्तर:
उपर्युक्त कथन लोकतांत्रिक मूल्यों का विरोधी है क्योंकि इसमें लड़की को अपनी शादी के बारे में राय व्यक्त करने के अवसर से वंचित किया जा रहा है तथा उसे उसकी राय जाने बिना शादी करने के लिए बाध्य किया जा रहा है। उसे अपने पति चुनने व पति के सम्बन्ध में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दी जानी चाहिए।

(ख) छात्र से शिक्षक-कक्षा में सवाल पूछकर मेरा ध्यान मत बँटाओ।
उत्तर:
शिक्षक का ऐसा कहना लोकतांत्रिक मूल्यों के विरुद्ध है। क्योंकि, छात्रों का यह अधिकार है कि वे अपनी समस्याओं को शिक्षकों के सामने रखें तथा शिक्षकों का यह कर्त्तव्य है कि वे छात्रों के प्रश्नों का उत्तर देकर उनकी समस्याओं का समाधान करें।

(ग) अधिकारियों से कर्मचारी-हमारे काम करने के घंटे कानून के अनुसार कम किये जाने चाहिये।
उत्तर:
हाँ, यह माँग लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुरूप है। निर्धारित सीमा से अधिक घंटों तक काम लेना कानून का उल्लंघन तथा शोषण है। शोषण के विरुद्ध आवाज उठाना लोकतांत्रिक मौलिक अधिकार है।

प्रश्न 9.
एक देश के बारे में निम्नलिखित तथ्यों पर गौर करें और फैसला करें कि आप इसे लोकतंत्र कहेंगे या नहीं। अपने फैसले के पीछे के तर्क भी बताएँ।।
(क) देश के सभी नागरिकों को वोट देने का अधिकार है और चुनाव नियमित रूप से होते हैं।
(ख) देश ने अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों से ऋण लिया। ऋण के साथ यह एक शर्त जुड़ी थी कि सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य पर अपने खर्चों में कमी करेगी।
(ग) लोग सात से ज्यादा भाषाएँ बोलते हैं पर शिक्षा का माध्यम सिर्फ एक भाषा है, जिसे देश के 52 फीसदी लोग बोलते हैं।
(घ) सरकारी नीतियों का विरोध करने के लिए अनेक संगठनों ने संयुक्त रूप से प्रदर्शन करने और देश भर में हड़ताल करने का आह्वान किया है। सरकार ने उनके नेताओं को गिरफ्तार कर लिया है।
(ङ) देश के रेडियो और टेलीविजन चैनल सरकारी हैं। सरकारी नीतियों और विरोध के बारे में खबर छापने के लिए अखबारों को सरकार से अनुमति लेनी होती है।
उत्तर:
तथ्य (घ) तथा (ङ) सरकार के गैर-लोकतांत्रिक व्यवहार को प्रदर्शित करते हैं।
तथ्य (ख) सरकार की आर्थिक कमजोरी के कारण मजबूरी में उठाये गये एक गलत फैसले की ओर इंगित करता है। शिक्षा व स्वास्थ्य पर खर्च में कमी करना लोगों के लिए कल्याणकारी नहीं होगा। इसलिए इसे लोकतांत्रिक नहीं कहा
जा सकता।

तथ्य (क) तथा (ग) सरकार के मौलिक रूप से लोकतांत्रिक होने को दिखाते हैं। ये विशेषताएँ लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास की सूचक हैं। अतः कहा जा सकता है कि यह देश एक लोकतांत्रिक देश है।

प्रश्न 10.
अमेरिका के बारे में 2004 में आई एक रिपोर्ट के अनुसार वहाँ के समाज में असमानता बढ़ती जा रही है। आमदनी की असमानता लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विभिन्न वर्गों की भागीदारी घटने-बढ़ने के रूप में भी सामने आई। इन समूहों की सरकार के फैसलों पर असर डालने की क्षमता भी इससे प्रभावित हुई है। इस रिपोर्ट की मुख्य बातें थीं:

  • सन् 2004 में एक औसत अश्वेत परिवार की आमदनी 100 डालर थी जबकि गोरे परिवार की आमदनी 162 डालर। औसत गोरे परिवार के पास अश्वेत परिवार से 12 गुना ज्यादा संपत्ति थी।
  • राष्ट्रपति चुनाव में 75,000 डालर से ज्यादा आमदनी वाले परिवारों के प्रत्येक 10 में से 9 लोगों ने वोट डाले थे। यही लोग आमदनी के हिसाब से समाज के ऊपरी 20 फीसदी में आते हैं। दूसरी ओर 15,000 डालर से कम आमदनी वाले परिवारों के प्रत्येक 10 में से सिर्फ 5 लोगों ने ही वोट डाले। आमदनी के हिसाब से ये लोग सबसे निचले 20 फीसदी हिस्से में आते हैं।
  • राजनैतिक दलों का करीब 95 फीसदी चंदा अमीर परिवारों से ही आता है। इससे उन्हें अपनी राय और चिंताओं से नेताओं को अवगत कराने का अवसर मिलता है। यह सुविधा देश के अधिकांश नागरिकों को उपलब्ध नहीं हैं।
  • जब गरीब लोग राजनीति में कम भागीदारी करते हैं तो सरकार भी उनकी चिंताओं पर कम ध्यान देती है- गरीबी दूर करना, रोजगार देना, उनके लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और आवास की व्यवस्था करने पर उतना ध्यान नहीं दिया जाता जितना दिया जाना चाहिए। राजनेता अक्सर अमीरों और व्यापारियों की चिंताओं पर ही नियमित रूप से गौर करते हैं।

प्रश्न 11.
इस रिपोर्ट की सूचनाओं को आधार बनाकर और भारत के उदाहरण देते हुए ‘लोकतंत्र और गरीबी’ पर एक लेख लिखें।
उत्तर:
लोकतंत्र तथा गरीबी
सामान्य लोगों के हित के लिये लोकतंत्र बहुमत का शासन है। किंतु आजकल इसका उपयोग उन मुट्ठीभर लोगों के फायदे के लिये हो रहा है जिनके पास धन, संसाधन तथा शिक्षा है। इसका कारण यह है कि राजनैतिक दलों को दिए जाने वाले चंदे का 95 प्रतिशत अमीर लोगों से आता है। इसलिए वे राजनैतिक दलों के निर्णयों को अपने पक्ष में प्रभावित करने में सफल रहते हैं दूसरे, गरीब लोग राजनीति में कम भाग ले पाते हैं, इसलिए उनकी समस्याओं की ओर सरकार कम ध्यान देती है। इसी कारण लोकतांत्रिक भारत में अमीरों तथा गरीबों के बीच का अंतर और तेजी से बढ़ता जा रहा है। गरीब और गरीब हुये हैं जबकि अमीरों में तेजी से वृद्धि हुई है। येन-केन प्रकारेण सक्षम लोगों द्वारा सभी प्रकार की सरकारी सुविधाओं का फायदा उठाया जा रहा है तथा गरीब इनसे वंचित रह जा रहे हैं।

हमारे देश में लोकतांत्रिक मूल्यों में तेजी से ह्रास होता दिख रहा है। राजनेता अक्सर अमीरों और पूँजीपतियों की चिंताओं पर ही नियमित रूप से गौर करते हैं। इसका परिणाम यह हुआ है कि राजनेताओं ने राजनीति को एक व्यवसाय में परिणत कर दिया है। वे अब जनता की समस्याओं का हल निकालने के लिये राजनीति में नहीं जा अपने व्यक्तिगत तथा वर्गीय फायदे के लिये इसे पेशा बना रहे हैं।

राजनीति में धन तथा बल के उपयोग ने इसके लोकतांत्रिक स्वरूप को नुकसान पहुँचाया है। यह ऊपर से लोकतांत्रिक दिखते हुये भी व्यवहार में स्वेच्छाचारी है। आये दिन होने वाले घपलों के द्वारा विकास की राशि को नेताओं, दारों तथा अन्य सक्षम वर्गों द्वारा आपस में बाँट लिया जाता है। फलतः गरीबी दिनों-दिन बढ़ती जा रही है।

दरअसल, जनप्रतिनिधियों को जवाबदेह बनाने की जरूरत है। जनता के पास यह शक्ति होनी चाहिये कि वह जब चाहे अपने प्रतिनिधि को वापस बुला सकती है। यह उन्हें जवाबदेह बना देगा। साथ ही चुनावों में धन के प्रयोग पर रोक लगानी चाहिये। तभी लोकतंत्र का सही रूप सामने आयेगा तथा आम जनता की समस्या की ओर ध्यान दिया जा सकेगा।

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