RBSE Solutions for Class 11 English The Magic of The Muse Essays Chapter 4 On the Rule of the Road
RBSE Solutions for Class 11 English The Magic of The Muse Essays Chapter 4 On the Rule of the Road
Rajasthan Board RBSE Class 11 English The Magic of The Muse Essays Chapter 4 On the Rule of the Road
RBSE Class 11 English The Magic of The Muse Essays Chapter 4 Textual Activities
Choose the correct option :
Question 1.
How did the old lady look like?
(a) Thin and tall
(b) Short and fat
(c) Fat
(d) Too fat
Answer:
(c) Fat
Question 2.
When does a policeman become a symbol of liberty?
(a) When he arrests those who break traffic rules.
(b) When he arrests and releases people who commit small offenses.
(c) When he controls the traffic on the road.
(d) When he allows all the people to do what they like on the road.
Answer:
(c) When he controls the traffic on the road.
Answer the following questions in 15-20 words each :
Question 1.
Why was the old lady walking down the middle of a street?
वह वृद्ध महिला गली के मध्य में क्यों चली जा रही थी?
Answer:
The old lady was walking down in the middle of a street because she told that she got the liberty.
वह वृद्ध महिला गली के मध्य में इसलिए चली जा रही थी क्योंकि उसने कहा कि उसे स्वतन्त्रता मिल चुकी है।
Question 2.
What example does the author give to explain the meaning of the rule of the road?
सड़क का नियम के अर्थ को व्यक्त करने के लिए लेखक क्या उदाहरण देता है?
Answer:
As someone who is on foot walks in the middle of the road the cabdriver may drive on the footpath because they also have the liberty.
कोई व्यक्ति सड़क के बीच में चल रहा है तो टैक्सी चालक फुटपाथ पर अपनी टैक्सी चला सकता है। क्योंकि उन्हें भी स्वतन्त्रता है।
Question 3.
Give two examples of matters in which we rule alone.
दो उदाहरण उन मामलों के दीजिए जिनमें हम अकेले नियम चलाते हैं।
Answer:
The matters in which we rule alone are we can dress the way we like or eat whatever we want.
दो उदाहरण जिनमें हम अकेले नियम चलाते हैं वे हैं हम जैसे चाहे कपड़े पहन सकते हैं और जो चाहे वह खा सकते हैं।
Question 4.
“He was obviously a well-intentioned person”. Whom does ‘He’ refer to here?
वह स्पष्टतः एक उचित उद्देश्य वाला व्यक्ति था।” यहाँ ‘He’ किसके लिए आया है?
Answer:
‘He’ refers to the person who talked in a loud and pompous voice in the train.
‘He’ उस व्यक्ति के लिए आया है जो गाड़ी में तेज और दिखावे वाली आवाज में बात कर रहा था।
Question 5.
Why did the author shut up the Blue-book?
लेखक ने अधिकृत रिपोर्ट की पुस्तक को बन्द क्यों कर दिया था?
Answer:
The author shut up the Blue book because he was disturbed by the loud voice of the man.
लेखक ने अधिकृत रिपोर्ट की पुस्तक को बन्द किया था क्योंकि वह उस युवक की जोर की आवाज से परेशान हो रहा था।
Answer the following questions in 30-40 words each :
Question 1.
When does individual liberty tend to become social anarchy?
व्यक्तिगत स्वतन्त्रता कब सामाजिक अराजकता बन जाती है?
Answer:
The individual liberty tends to become social anarchy when everyone is coming in everybody else’s way and nobody would get anywhere.
व्यक्तिगत स्वतन्त्रता सामाजिक अराजकता उस समय बन जाती है जब प्रत्येक व्यक्ति किसी अन्य के रास्ते में आ जाता है और कोई भी कहीं नहीं जा पाता है।
Question 2.
Was the old lady ‘liberty-drunk’? How?
क्या वह वृद्ध महिला ‘स्वतन्त्रता के नशे में थी? कैसे?
Answer:
Yes, the old lady was liberty-drunk’. She got liberty but she misused the liberty. She had to learn the meaning of liberty in true sense.
हाँ, वह वृद्ध महिला ‘स्वतन्त्रता के नशे में थी। उसे स्वतन्त्रता मिल गयी थी परन्तु वह स्वतन्त्रता का गलत उपयोग कर रही थी। उसे सही अर्थों में स्वतन्त्रता का अर्थ सीखना था।
Question 3.
What is the foundation of social conduct?
सामाजिक व्यवहार की आधारशिला क्या है?
Answer:
The foundation of social conduct is a reasonable consideration for the rights and feelings of others.
सामाजिक व्यवहार की आधारशिला दूसरों के अधिकारों और भावनाओं की तार्किक समझ है।
Question 4.
How do habits of ordinary conduct influence the quality of our life?
सामान्य व्यवहार की आदतें हमारे जीवन की गुणवत्ता को कैसे प्रभावित करती हैं?
Answer:
The habits of ordinary conduct influence the quality of our life because the others will interfere into our liberty when we interfere into theirs.
सामान्य व्यवहार की आदतें हमारे जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करती हैं क्योंकि दूसरे हमारी स्वतन्त्रता में उस समय बाधा डालेंगे जब हम उनकी स्वतन्त्रता में बाधा डालेंगे।
Answer the following questions in about 150 words each :
Question 1.
“Liberty is not a personal affair only, but a social contract.” Explain this statement with reference to the context.
‘स्वतन्त्रता केवल व्यक्तिगत मामला नहीं है, बल्कि एक सामाजिक समझौता है।” इस कथन को सन्दर्भ एवं प्रसंग सहित समझाइये।
Answer:
Reference to Context-These lines have been taken from A.G. Gardiner’s famous essay On the Rule of the Road’. In these lines the essayist talks about the liberty. Explain – Liberty is not a personal affair only but it is a social contract. If a person has the liberty to walk in the middle of the road, then what will come out will be a universal chaos. Everybody will get in everybody else’s way and nobody will get anywhere.
Individual liberty will have become social disorder. Liberty, therefore, has to be a social contract. It is an accommodation of the rights and feelings of others. A curtailment of personal liberty is necessary to make our liberty a reality. Critical Note-These simple lines provide us a great message about liberty. How can we live in a harmonious society is told to us. The words selected are simple. The language structure is easy to understand.
सन्दर्भ और प्रसंग-यह पंक्तियाँ ए.जी. गार्डीनर के प्रसिद्ध निबन्ध ‘सड़क के नियम पर’ से ली गई हैं। इन पंक्तियों में निबन्धकार स्वतन्त्रता के बारे में बात करता है। व्याख्या-स्वतन्त्रता केवल व्यक्तिगत नहीं है, परन्तु एक सामाजिक समझौता है। अगर एक व्यक्ति को सड़क के बीच चलने की स्वतन्त्रता है तो परिणाम जो होगा, वह एक सर्वव्यापी अव्यवस्था होगी। प्रत्येक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के रास्ते की बाधा बन जाएगा और कोई भी व्यक्ति कहीं भी नहीं पहुँचेगा। व्यक्तिगत स्वतन्त्रता एक सामाजिक अराजकता बन चुकी होगी।
इस प्रकार व्यक्तिगत स्वतन्त्रता को सामाजिक समझौता होना ही पड़ेगा। स्वतन्त्रता दूसरों के अधिकारों एवं भावनाओं का सम्मान एवं समायोजन है। हमारी स्वतन्त्रता को सच्ची बनाने के लिए हमारी व्यक्तिगत स्वतन्त्रता की कटौती आवश्यक है। आलोचनात्मक टिप्पणी-यह साधारण पंक्तियाँ स्वतन्त्रता का एक महान संदेश देती हैं। हमें यह कहा गया है कि प्रेममय समाज में हम किस प्रकार से रहें। चुने गए शब्द साधारण हैं। भाषा का ढाँचा सरलता से समझ में आने वाला है।
Question 2.
Do you agree with the author’s views on liberty? Give reasons for your answer.
क्या आप लेखक के स्वतन्त्रता के बारे में विचारों से सहमत हैं? अपने उत्तर में तर्क दीजिए।
Answer:
The author talks about liberty in individual and liberty on social contract. We live in a free society, but our freedom is limited upto an extent. Our individual freedom is curtailed when our social liberty comes. The human being is free to walk on a road but he let the others walk also. This individual freedom is limited. We are free to eat, dress and live in our own way. But we cannot interfere into the freedom of others. A man is a social animal. He cannot live without society. Thus others also need the same kind of liberty. When one plays trombone, it needs to be played at a selected time.
A contract in our society is made with the view that one will not interfere into others business. I cannot play the trombone at night when others are sleeping quietly because it is an interference into others’ freedom. One has to respect the rights and feelings of others. In this way we can maintain harmony in our society. Those who disturb this harmony, law punishes them.
लेखक यहाँ व्यक्तिगत स्वतन्त्रता और सामाजिक स्वतन्त्रता की बात करता है। हम एक स्वतन्त्र समाज में रहते हैं परन्तु हमारी स्वतन्त्रता एक सीमा तक सीमित है। हमारी व्यक्तिगत स्वतन्त्रता घटा दी जाती है जब सामाजिक स्वतन्त्रता आती है। मानव सड़क पर चलने के लिए स्वतन्त्र है परन्तु उसे दूसरों को भी चलने देना चाहिए। इस प्रकार से व्यक्तिगत स्वतन्त्रता सीमित है। हम खाने, पहनने और हमारे तरीके से रहने के लिए स्वतन्त्र हैं। परन्तु हम दूसरों की स्वतन्त्रता में बाधा नहीं बन सकते हैं। मानव एक सामाजिक प्राणी है। वह समाज के बिना नहीं रह सकता है।
इस तरह से दूसरों को भी स्वतन्त्रता की आवश्यकता है। जब हम तुरही बजाते हैं यह एक चुनींदा समय पर बजानी चाहिए। समाज में इस दृष्टिकोण से एक समझौता किया गया कि एक किसी दूसरे के कार्य में व्यवधान नहीं करेगा। मैं रात्रि में तुरही नहीं बजा सकता जब दूसरे शान्ति से सो रहे हैं क्योंकि यह दूसरों की स्वतन्त्रता में बाधा है। एक को दूसरे के अधिकार और भावनाओं की कद्र करनी पड़ेगी। इस प्रकार से हम अपने समाज में प्रेम बनाए रख सकते हैं। जो इस प्रेम को बाधा पहुँचाते हैं कानून उन्हें दण्डित करता है।
RBSE Class 11 English The Magic of The Muse Essays Chapter 4 Additional Questions
Answer the following questions in 60 words each :
Question 1.
How can we say that a policeman on a road is the symbol of liberty?
हम यह कैसे कह सकते हैं कि सड़क पर पुलिस वाला स्वतन्त्रता का प्रतीक है?
Answer:
A policeman on a road is the symbol of liberty because he asks the people to use liberty in the limited manner. He prevents the people from using the road according to their uncontrolled wish. In the absence of the policemen people will break the rules of road and there would be a chaos and nobody would get anywhere. In this way we are sure about our freedom that the policeman will not let others encroach into others freedom.
सड़क पर एक पुलिसवाला स्वतन्त्रता का प्रतीक है क्योंकि वह लोगों को स्वतन्त्रता का उपयोग सीमित तरीके से करने को कहता है। वह लोगों को सड़क के उपयोग को उनकी अनियन्त्रित इच्छा के अनुसार प्रयोग करने से रोकता है। पुलिस वाले की अनुपस्थिति में लोग सड़क के नियमों को तोड़ेंगे और हर तरफ अव्यवस्था फैल जाएगी और कोई भी कहीं नहीं पहुँचेगा। इस प्रकार से हम हमारी स्वतन्त्रता के बारे में निश्चित हो जाते हैं कि पुलिसवाला किसी को दूसरे की स्वतन्त्रता में अतिक्रमण नहीं करने देगा।
Question 2.
What according to the author, is the basis of judging ourselves as civilized or uncivilized?
लेखक के अनुसार हम स्वयं के बारे में किस आधार पर निर्णय कर सकते हैं कि हम सभ्य हैं अथवा असभ्य हैं?
Answer:
On the basis of judging ourselves whether we are civilized or uncivilized according to our behaviour, there are some matters which are small and big where we behave in a unique manner. They are basically related to the freedom of others and that tell us how civilzed we are.
हम अपने आपको सभ्य और असभ्य होने के निर्णय का आधार अपने व्यवहार के अनुसार निर्णय करते हैं। कुछ इस प्रकार के मामले हैं जो छोटे और बड़े होते हैं जहाँ हम विशेष तरीके से व्यवहार करते हैं। यह मूलतः दूसरों की स्वतन्त्रता से सम्बन्धित है जो हमें बताता है कि हम कितने सभ्य हैं।
Question 3.
What was the old lady doing? How was she mistaken?
वृद्ध महिला क्या कर रही थी? वह किस प्रकार से गलती में थी?
Answer:
The old lady was walking with a basket in the middle of the street in Petrograd. She was mistaken in that. She believed that liberty means one can do what one likes to do. She did not know that the result of such liberty could be but there will be universally chaos.
वृद्ध महिला पेट्रोग्राड शहर में सड़क के बीचोंबीच एक टोकरी लेकर जा रही थी। वह वहाँ पर गलती में थी। वह मानती थी कि स्वतन्त्रता का तात्पर्य है कि कोई जैसा चाहे वैसा कर सकता है। वह स्वतन्त्रता का परिणाम नहीं जानती थी कि क्या हो सकता था परन्तु सर्वस्व अव्यवस्था का हो जाना।
Question 4.
Why is it necessary to curtail personal freedom?
व्यक्तिगत स्वतन्त्रता में कटौती क्यों आवश्यक है?
Answer:
It is necessary to curtail personal freedom because we want to create a social order. This social order makes the real meaning of our liberty. The liberty without control can be disorder everywhere. In this way that liberty will be meaningless. Liberty needs control of any law and order agency.
व्यक्तिगत स्वतन्त्रता को कम करना आवश्यक है क्योंकि हम सामाजिक रूप से अनुशासन बनाना चाहते हैं। हमारी स्वतन्त्रता का वास्तविक अर्थ सामाजिक अनुशासन में है। बिना किसी नियन्त्रण के स्वतन्त्रता हर जगह अव्यवस्था कर सकती है। इस प्रकार से वह स्वतन्त्रता व्यर्थ होगी। स्वतन्त्रता को किसी कानून व्यवस्था की संस्था की आवश्यकता होती है।
Question 5.
How can we live in Harmony?
हम मेलजोल के साथ किस प्रकार से रह सकते हैं?
Answer:
We can live in harmony only if we accommodate the rights and feelings of others. Liberty cannot be a personal affair only, it has to be a social contract. Liberty can be realised in a society if every individual agrees to a curtailment of his personal freedom in order to accommodate the rights, feelings and liberties of others only by doing so we can live in harmony.
हम मेलजोल के साथ रह सकते हैं केवल तब जब हम दूसरों के अधिकारों तथा भावनाओं को स्थान दें। स्वतन्त्रता केवल व्यक्तिगत मामला नहीं हो सकती इसे एक सामाजिक समझौता बनना ही होगा। स्वतन्त्रता को समाज में ही हासिल किया जा सकता है, अगर प्रत्येक व्यक्ति अपनी व्यक्तिगत स्वतन्त्रता में कटौती के लिए तैयार हो जाये ताकि दूसरे लोगों के अधिकारों, भावनाओं तथा स्वतन्त्रताओं को स्थान मिल सके। ऐसा करके ही हम मेल-जोल से रह सकते हैं।
Question 6.
What qualifies our personal liberty of action?
हमारी व्यक्तिगत कार्य करने की स्वतन्त्रता को कौन सीमित बनाता है?
Answer:
Our personal liberty of action is qualified by other people’s liberty. We all can live in harmony if we carefully accommodate our liberty to the liberties of others. A reasonable consideration for the rights or feelings of others is the foundation of social conduct.
हमारी कार्य करने की व्यक्तिगत स्वतन्त्रता अन्य लोगों की स्वतन्त्रता द्वारा सीमित होती हैं। हम सब सामंजस्य के साथ रह सकते हैं अगर हम सावधानी से अपनी स्वतन्त्रता का सामंजस्य दूसरे लोगों की स्वतन्त्रता के साथ बिठा सकें। दूसरे लोगों के अधिकारों तथा भावनाओं के लिए उचित चिन्तन ही सामाजिक व्यवहार का आधार है।
Answer the following questions in 80 words each :
Question 1.
What is the foundation of social conduct?
सामाजिक आचरण का आधार क्या है?
Answer:
When we start to consider about others in a very serious and considerable manner, at that time we are very sensitive. Our conduct with the others should be in the same manner that we want with ourselves. A good person will always behave in a good manner. A bad person will always create problems. The society responds them in the same way. Good persons are always honoured and rewarded appropriately. Bad persons always face punishment. Thus our reasonable, considerable behaviour is the basis of our social conduct.
जब हम किसी के बारे में बहुत गम्भीर और विचारणीय तरीके से सोचना शुरू करते हैं, उस समय हम बहुत संवेदनशील होते हैं। दूसरों के साथ हमारा व्यवहार उसी प्रकार का हो जैसा हम अपने आपके साथ चाहते हैं। एक अच्छा व्यक्ति हमेशा अच्छे तरीके से व्यवहार करता है। बुरा व्यक्ति हमेशा समस्याएँ उत्पन्न करता है। समाज उनको उसी प्रकार से जवाब देता है। अच्छे व्यक्तियों का हमेशा सम्मान होता है और उचित तरीके से पुरस्कृत किया जाता है। बुरे व्यक्तियों को हमेशा दण्ड मिलता है। इस प्रकार से हमारा तार्किक, विचारणीय व्यवहार हमारे सामाजिक व्यवहार का आधार है।
Question 2.
What are the matters where one can do what one likes?
किन मामलों में कोई जो चाहे वह कर सकता है?
Answer:
A man lives in a society. He has to behave as per the norms of society. Our social conduct has a lot of limitations. There are our personal matters, where we can do what we like to do. One can eat, dress, sleep, awake, read, write according to one’s own wish. He is free then. One can wear a dress as one’s likes, can follow a religion, can pray any God. These are the personal affairs of a man. He is free to do according to his wish.
एक मानव समाज में रहता है। उसे समाज के नियमों के अनुसार व्यवहार करना पड़ेगा। कुछ व्यक्तिगत मामले हैं जहाँ पर वह जैसे चाहे वैसे कर सकता है। कोई अपनी इच्छानुसार खा सकता है, वस्त्र पहन सकता है, सो या जाग सकता है या पढ़ या लिख सकता है। वह जैसे चाहे वैसे कपड़े पहन सकता है, धर्म का अनुसरण कर सकता है, किसी भी भगवान की प्रार्थना कर सकता है। यह आदमी के व्यक्तिगत मामले होते हैं। वह अपनी इच्छानुसार कार्य करने को स्वतन्त्र है।