RB 11 Home Science

RBSE Solutions for Class 11 Home Science Chapter 30 योग का महत्त्व

RBSE Solutions for Class 11 Home Science Chapter 30 योग का महत्त्व

Rajasthan Board RBSE Class 11 Home Science Chapter 30 योग का महत्त्व

RBSE Class 11 Home Science Chapter 30 पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर

RBSE Class 11 Home Science Chapter 30 बहुविकल्पीय प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों में सही विकल्प का चयन कीजिए –
प्रश्न 1.
योग भारत की किस प्रकार की संस्कृति का हिस्सा है?
(अ) प्रगतिशील संस्कृति
(ब) प्राचीन संस्कृति
(स) पाश्चात्य संस्कृति
(द) आधुनिक संस्कृति
उत्तर:
(ब) प्राचीन संस्कृति

प्रश्न 2.
‘योगस्थ चित्तवृत्ति निरोधः।’ किस ग्रन्थ में कहा गया है?’
(अ) रामायण में
(ब) महाभारत में
(स) पंतजलि योगदर्शन में
(द) गीता में
उत्तर:
(स) पंतजलि योगदर्शन मे

प्रश्न 3.
योगः कर्मसु कौशलम्:’ किस ग्रन्थ से सम्बन्धित है?
(अ) रामायण से
(ब) महाभारत से
(स) योगदर्शन से
(द) गीता से
उत्तर:
(द) गीता से

प्रश्न 4.
योग द्वारा
(अ) रक्त संचरण सामान्य होता है –
(ब) फेफड़े स्वस्थ होते हैं
(स) बीमारियाँ दूर रहती हैं
(द) ये सभी
उत्तर:
(द) ये सभी

प्रश्न 5.
योग का सकारात्मक प्रभाव पड़ता है
(अ) नाड़ी संस्थान पर
(ब) श्वसन प्रणाली पर
(स) सुषुम्ना कोर्ड पर
(द) ये सभी
उत्तर:
(द) ये सभी

रिक्त स्थान
निम्नलिखित वाक्यों में खाली स्थान भरिए –
1. ………… भारत की प्राचीन संस्कृति का गौरवमयी हिस्सा है।
2. योग शब्द संस्कृत की ………… धातु से बना है।
3. ……… से जीवन की गति को एक संगीतमयी रफ्तार मिल जाती है।
4. श्वसन क्रिया के दौरान ……… में स्वच्छ वायु का प्रवेश होता है।
5. ……… के कारण परानुकम्पी नाड़ी मण्डल का प्रचोदन होता है।
उत्तर:
1. योग
2. युज
3. योग
4. फेफड़ों
5. योगाभ्यास।

RBSE Class 11 Home Science Chapter 30 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
योग क्या है?
उत्तर:
योग एक ऐसी सुलभ एवं प्रकृति प्रदत्त पद्धति है, जिससे स्वस्थ मन एवं शरीर के साथ अनेकानेक आध्यात्मिक लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं?

प्रश्न 2.
किसके कारण भारत सदियों तक विश्व गुरु रहा है?
उत्तर:
योग के कारण भारत सदियों तक विश्व गुरू रहा है।

प्रश्न 3.
योग शब्द की उत्पत्ति किस से हुई है?
उत्तर:
योग शब्द संस्कृत भाषा की युज् धातु से उत्पन्न हुआ है।

प्रश्न 4.
‘युज’ का क्या अर्थ है?
उत्तर:
‘युज’ का अर्थ है जोड़ना, अर्थात् शरीर, मन और आत्मा को एक सूत्र में जोड़ना।

प्रश्न 5.
योग के मुख्य ग्रन्थ का नाम लिखिए।
उत्तर:
योग का मुख्य ग्रन्थ है-पतंजलि का योग दर्शन।

प्रश्न 6.
‘योगस्य चिन्तवृत्ति निरोधः’ का क्या अर्थ है?
उत्तर:
मन की वृत्तियों पर नियंत्रण करना ही योग है।

प्रश्न 7.
“योगः कर्मसु कौशलमः” का क्या अर्थ है?
उत्तर:
कर्मो में कौशल या दक्षता ही योग है।

प्रश्न 8.
योग के दो लाभ लिखिए।
उत्तर:

  • योग से शारीरिक स्वास्थ्य उत्तम होता है।
  • योग मन को शांति देता है।

RBSE Class 11 Home Science Chapter 30 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
योग हमारे जीवन के लिए क्यों महत्त्वपूर्ण है?
उत्तर:
आज की तेज रफ्तार जिन्दगी में अनेक ऐसे क्षण आते हैं जो हमारी रफ्तार में ठहराव ला देते हैं। हमारे आस-पास ऐसे अनेक कारण उपस्थित हैं जो तनाव, थकान तथा चिड़चिड़ेपन को जन्म देते हैं जिससे हमारी जिन्दगी अस्त-व्यस्त हो जाती है। ऐसे में जिन्दगी को स्वस्थ तथा ऊर्जावान बनाए रखने के लिए रोग एक ऐसी रामबाण औषधि है जो मस्तिष्क को ठंडा तथा शरीर को निरोग रखता है। योग से जीवन की गति को एक संगीतमयी नयी रफ्तार मिल जाती है।

प्रश्न 2.
योग करने से कौन-से शारीरिक लाभ प्राप्त होते हैं? केवल चार लाभ लिखिए।
उत्तर:
योग से होने वाले स्वास्थ्य लाभ:

  • शरीर की विभिन्न क्रियाएँ दुरुस्त रहती हैं।
  • योग से पाचन संस्थान स्वस्थ रहता है।
  • योग से उत्सर्जन क्रिया सामान्य रहती है।
  • योग से रक्त परिसंचरण सामान्य रूप से कार्य करता है।

RBSE Class 11 Home Science Chapter 30 निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
योगाभ्यास किस प्रकार हमारे स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाता है? विस्तृत वर्णन कीजिए।
अथवा
योग से होने वाले विभिन्न लाभों को समझाइए।
उत्तर:
योग हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों को लाभ पहुँचाता है। योग द्वारा रक्त परिसंचरण सामान्य गति से होने लगता है और शरीर विज्ञान का यह सिद्धान्त है कि शरीर के संकोचन व विमोचन होने से नई ऊर्जा का विकास होता है तथा विभिन्न रोगों से छुटकारा मिलता है। विभिन्न योगासनों से यह क्रिया साध्य हो जाती है। आसन व प्राणायामों के द्वारा शरीर निरोग रहता है।

योग द्वारा पाचन तंत्र स्वस्थ हो जाता है जिससे सम्पूर्ण शरीर स्वस्थ व स्फूर्तिदायक बन जाता है। श्वसन क्रिया के दौरान फेफड़ों में स्वच्छ वायु का प्रवेश होता है जिससे फेफड़े स्वस्थ होते हैं। यौगिक क्रियाओं के माध्यम से शरीर स्वास्थ्य, सुन्दर व सुडौल बनता है। योगासनों के द्वारा वृक्क उत्सर्जन का कार्य सामान्य करने लगते हैं जिससे उत्सर्जी पदार्थ शरीर से बाहर निकल जाते हैं और शरीर कई बीमारियों से सुरक्षित रहता है।

सभ्यता के विकास के साथ-साथ अनेक मानव-निर्मित समस्याएँ उभरकर सामने आई हैं। मानसिक अस्वस्थता के मूल में मुख्यत: मानव की अपनी अभिवृत्तियाँ तथा मूल्य हैं जो भौतिकता से ग्रस्त हैं परिणामस्वरूप जीवन के हर क्षेत्र में स्पर्धा भाव, अधिकार शक्ति के प्रति आसक्ति तथा धनप्राप्ति के लिए अंधाधुध भागदौड़ दिखाई पड़ रही है। मानसिक स्वास्थ्य की प्रप्ति में यौगिक क्रियाओं का योगदान है। योगाभ्यास के कारण परानुकंपी नाड़ी मंडल का प्रचोदन होता है।

फलस्वरूप आत्म परीक्षण की भावना, विरोध, आन्तरिक अनुभव, चित्त शान्ति, आत्म समाधान, और आत्म-वर्धन की भावना आदि का अनुभव होता है। योगाभ्यास से स्वयं शासित नाड़ी संस्थान, श्वसन प्रणाली, अन्त: स्रावी ग्रन्थियों, सुषुम्ना कांड और पाचन अवयवों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस प्रकार प्राप्त हुए भावना संतुलन के कारण ईर्ष्या, द्वेष, क्रोध, भय इत्यादि विकारों पर अपने आप नियंत्रण होने लगता है।

The Complete Educational Website

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *